शनिवार, 11 अप्रैल 2020

वायरस का खौफ, बढ़ेगा 'लॉक डाउन'

बृज बिहारी दुबे


नई दिल्ली। भारत में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। जिसमें उन्होंने सभी से इस बात का फीडबैक लिया कि क्या कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए 14 अप्रैल को खत्म हो रहे 21 दिनों के लॉकडाउन को बढ़ाना चाहिए या नहीं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी मास्क (गमछा या तौलिया) पहने हुए नजर आए।
केंद्र सरकार ने महामारी के प्रसार को रोकने के प्रयासों में लगे हुए सभी संबंधित एजेंसियों और हितधारकों से इस मुद्दे पर विचार प्राप्त किए हैं। प्रधानमंत्री ने शनिवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्रियों से बात ऐसे समय पर की जब माना जा रहा है कि सरकार देशभर में लागू लॉकडाउन को कुछ संभावित छूट के साथ बढ़ा सकती है।
पंजाब और ओडिशा पहले ही अपने राज्यों में जारी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा चुके हैं। वहीं देश में जारी लॉकडाउन आने वाले मंगलवार को खत्म हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विभिन्न पहलुओं पर राज्य सरकारों से विचार मांगे हैं, जिसमें यह जानकारी भी शामिल है कि क्या अधिक लोगों और सेवाओं को छूट दी जानी चाहिए।
वर्तमान में जारी लॉकडाउन में केवल जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की है। दो अप्रैल को हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जारी लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए कहा था।
केजरीवाल ने दिया लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेस में पूरे भारत में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ाने को कहा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उद्योग और कृषि क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतों के अलावा कम से कम एक पखवाड़े तक लॉकडाउन बढ़ाने की सिफारिश की। उन्होंने रैपिड टेस्टिंग किट की जल्द आपूर्ति के लिए भी कहा।


मास्क की जगह गमछे के उपयोग को दें बढ़ावा
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिलाध्यक्ष से बातचीत में कहा था कि मास्क तैयार करने के लिए अनावश्यक पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं है। पूर्वांचल में तो कंधे पर तौलिया व गमछा रखने की परंपरा है, इसे जारी रखें और इसी से मुंह ढकने के लिए लोगों को जागरूक करें। जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने पीएम मोदी को मास्क बांटने के बारे में बताया तो प्रधानमंत्री ने कहा था कि अनावश्यक पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। मास्क इलाज में लगे डॉक्टर एवं उनके सहयोगियों, सफाई कामगारों के लिए जरूरी है।


242 लोगों की मौत, 7529 संक्रमित

नई दिल्ली। देशभर में कहर बरपा रहे कोरोना को लेकर  स्वास्थ्य मंत्रालय रिपोर्ट पेश कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार कोरोना से अब तक 242 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 643 लोग ठीक हो गए हैं। देश में अब तक 1 लाख 70 हजार टेस्ट किए गए हैं।  स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अगर समय रहते लॉकडाउन ना किया होता तो आज देश में 8 लाख केस होते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्राालय के अनुसार 242 लोगों की मौत हुई है। इनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, असम राज्य शामिल है है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा 110 मौत महाराष्ट्र में हुई है। इसके बाद मध्य प्रदेश में 33, गुजरात में 19 और दिल्ली में 13 लोगों की मौत हुई है। पंजाब में 11 मौत जबकि तमिलनाडु में आठ और तेलंगाना में सात लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में छह-छह लोगों की मौत जबकि पश्चिम बंगाल में पांच लोगों की मौत हुई है।
आज तक 171718 सैंपल के टेस्ट किए गए हैं। कल 16764 टेस्ट किए गए। प्राइवेट लैब की संख्या 67 है।
लॉकडाउन और कन्टेनमेंट का असर दिख रहा है। अगर हम कोई कदम न उठाते तो आज 2 लाख से ज्यादा केस आ गए होतेः स्वास्थ्य मंत्रालय
अब तक 643 लोग ठीक हो गए हैं। कल 40 लोगों की मौत हुई थी। अब तक 7542 केस सामने आए हैं और कुल 242 लोगों की मौत हुई हैः स्वास्थ्य मंत्रालय


उत्तराखंडः 93 मरीज निगेटिव, 5 ठीक

देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि, आज उत्तराखंड के लिए लगातार राहत भरा तीसरा दिन है। आज तीसरे दिन भी राज्य में किसी मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। आज कुल 93 मरीजों की सभी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जानकारी के लिए बता दें कि, राज्य में अब तक 5 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कुल 1,705 मरीजों के सैंपल भेजे जा चुके है। जिसमें अब तक 1,340 मरीजो कि रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसमें से 330 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।


विद्युत-विभाग के अभियंता की उगाही

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


विद्युत विभाग के जे ई की दबंगई।


लॉक डाउन में किसानों से निकले अवैध उगाही को नहीं देने पर विद्युत मोटर का करने लगे ओवर लोड चैक


हापुड़। एक तरफ प्रदेश सरकार आम जन और किसानों के लिये हर संभव सहायता को  प्रतिबद्ध है।
वहीं बिजली विभाग लग रहा किसान उत्पीडन में शनिवार को हरौडा बिजली घर के जे ई राजकुमार शनिवार को.जखैडा रहमतपुर में  किसानो की ट्यूवैलों पर अवैध उगाही के मकसद से छापेमारी को निकले जहां भाकियू कार्यकर्ताओं और किसानो के आक्रोश का सामना करना पडा। प्रदेश  सरकार जहां जनता को ऐसी विषम परिस्थितियों में हर संभव सहायता का प्रयाश कर रही है वहीं विद्युत विभाग के जे.ई उत्पीडन पर जुटे हैं। भाकियू जिलासंयोजक  रिंकू राघव जिला उपाध्यक्ष विनोद तोमर  और ग्राम प्रधान मनोज कुमार राघव ने  जे ई के राजकुमार का घेराव कर लिया और लौक डाउन में किसानो के साथ उत्पीडन का विरोध किया भाकियू जिलाध्यक्ष धनवीर शास्त्री ने कहा कि किसान  उत्पीडन पर जे.ई राजकुमार के विरुद्ध कार्यवाही के लिये जिलाधिकारी हापुड से मांग करेंगे।


पहलः रूस ने चीन का भी तोड़ा रिकॉर्ड

मास्को। रूस ने कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए चीन का भी रेकॉर्ड तोड़ दिया है। वुहान की तर्ज पर रूस ने सिर्फ 20 दिन में ही 10 हजार लोगों के इलाज के लिए एक बड़ा अस्पताल खड़ा कर दिया है। मीडिया रपटों के अनुसार, रूस में इस तरह के 18 अस्पताल तैयार किए गए हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा मजदूरों ने इस अस्पताल को तैयार किया है।


इस अस्पताल को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है। बाकी अस्पताल सेना ने बनाए हैं। इसमें आधे बिस्तर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा से लैस होंगे। रूस अब तक कोरोना वायरस के 10 लाख टेस्ट कर चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अभी सबसे खराब स्थिति आनी बाकी है। बता दें कि चीन ने वुहान शहर में 10 दिनों में ही अस्पताल बनाकर तैयार किया था। चीन का अस्पताल 1000 बेड का था। हुबेई प्रांत के वुहान शहर में स्थित इस अस्पताल में सेना के 1400 डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई थी। कोरोना वायरस से सबसे पहले चीन का वुहान शहर प्रभावित हुआ था। इस अस्पताल का निर्माण 23 जनवरी को शुरू हुआ था और 2 फरवरी को अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया था।


कैसेः 2 लोगों के बीच फैला वायरस

बर्लिन। जर्मनी में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए बारीकी से टेस्टिंग की, जिससे उन्हें ये पता लगाने में आसानी हुई कि आखिर कैसे कोरोना वायरस दो लोगों के बीच फैला। इस तरह से टेस्टिंग करने के बाद उन्हें ये भी पता चला कि कैंटीन में जब एक कर्मचारी ने दूसरे को नमक की शीशी दी, तो उसके जरिए कभी कोरोना वायरस ट्रांसफर हो गया। ये सब सिर्फ इसलिए मुमकिन हो सका, क्योंकि इस मामले में हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखा गया, जिसकी वजह से वैज्ञानिकों को पूरी चेन का पता चल सका।


ये मामला जर्मनी के बावरिया में म्यूनिक के पास की नगरपालिका स्टॉकडोर्फ का है। स्टॉकडोर्फ की आबादी करीब 4000 की है। यहां रहने वाले ही कुछ लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए, जो वेबस्टो ग्रुप नाम की कार के पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं। इस कंपनी पर दुनिया का ध्यान तब खिंच, जब लोगों को पता चला कि एक चीनी महिला को कोरोना वायरस हुआ था और फिर उसी से यह वायरस वेबस्टो के हेडक्वार्टर पहुंचा। वहां पर यह एक शख्स से दूसरे को होता गया, जिसमें कैंटीन में खाना खाने वाले भी शामिल थे, जिनका मरीज से सीधे कोई संपर्क भी नहीं था।


स्वास्थ्य मंत्री से मदद का आश्वासन

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सभी राज्यों  के स्वास्थ्य मंत्रियों और विभागों के अधिकारियों से बातचीत कर कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की स्थिति की समीक्षा की है और उन्हें इस लड़ाई में केन्द्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए की गई इस बैठक में उन्होंने  कोरोना समर्पित अस्पतालों, कोरोना वायरस से निपटने पर चर्चा की। इसमें कोरोना सर्विलांस और  मरीजों की कांटेक्ट ट्रेङ्क्षसग पर ध्यान दिए जाने की बात कही गई है। सभी राज्यों ने उन्हें कोरोना वायरस से निपटने में अपनी तरफ से पूरी तैयारी का आश्वासन दिया है। श्री अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय  और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कल ‘कोविड-19 आपात स्वास्थ्य तंत्र तैयारी पैकेज’ के लिए 15000 करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की गई थी।  इस पैकेज  की राशि कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपात स्थिति में उठाये जाने वाले कदमों तथा उपायों पर खर्च की जायेगी जबकि शेष राशि अगले चार वर्षों में मिशन मोड योजना के तहत खर्च की जायेगी। इस पैकेज का उद्देश्य देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के निदान और उपचार की सुविधाओं को बढ़ाना है। इसके तहत अनिवार्य चिकित्सा उपकरणों तथा दवााओं की केन्द्रीकृत खरीद, प्रयोगशाला बनाना, निगरानी बढ़ाना और व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाना शामिल है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में केन्द्र सरकार ने रक्त ट्रांसफ्यूजन को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने सभी रक्त बैंकों के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। देश में वेंटीलेटर, फेस मॉस्क, सर्जिकल मास्क, कोरोना टेस्ट किट,पीपीई और अन्य सामग्री को कस्टम उत्पाद ड्यूटी से मुक्त कर दिया है। इसके अलावा अस्पतालों में पीपीई के तर्कसंगत इस्तेमाल के लिए एक वीडियो बनाकर उसे मंत्रालय की वेबसाईट पर उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने बताया कि देश में गुरूवार से शुक्रवार तक कोरोना के 678 नए मामले सामने आए हैं और अब तक 503 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। देश में अब तक कोरोना वायरस के कुल मामले 6412 हैं और इससे अब तक 199  लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से कल 33 लोगों की मौत हुई थी। श्री अग्रवाल ने बताया कि देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर सरकार की तरफ से काफी विचार-विमर्श किया गया है और यह दवा कोरोना पीड़ति मरीजों, उनके संपर्क में आए प्रथम स्तर के संपर्क रिश्तेदारों और चिकित्सकों को दी जाती है तथा अगले एक हफ्ते तक अगर ऐसी एक करोड़ गोलियों की जरूरत पड़ती है और अभी तक देश में 3़ 28 ऐसी टेबलेट हैं। इस माह के अंत अगर ऐसी अतिरिक्त 1़ 6 करोड़ टेबलेट की जरूरत पड़ेगी तो इसके लिए भी दो से तीन करोड़ अतिरिक्त टेबलेट की उपलब्धता की पूरी तैयारी है और घरेलू स्तर पर उत्पादन सुनिश्चित कर दिया गया है। निजी क्षेत्र में दो करोड़ गोलियां के लिए इंतजाम कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कल तक 16 हजार टेस्ट किए गए थे और इसमें 320 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है जो मात्र दो प्रतिशत के करीब है। श्री अग्रवाल ने इस बात को खारिज किया कि यह संक्रमण सामुदायिक स्तर पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि अभी वह स्थिति नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि रैपिड डायग्नोस्टिक किट का आर्डर दिया चुका है। पीपीई, एन-95 मॉस्क और वेंटीलेटर्स की कोई कमी नहीं है और विदेशों से इनकी आपूर्ति आनी शुरू हो गई है। पहले देश में बुनियादी सुविधा संबधी दिक्कतें थी लेकिन अब इस दूर कर लिया गया है। इस समय देश में पीपीई के 39 मैन्युफैक्चर्स हैं और वे इनकी आपूर्ति को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। इनके अलावा 49 हजार वेंटीलेटर्स का आर्डर दिया जा चुका है। उन्होंने देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सा स्टाफ पर हो रहे हमले पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों का मनोबल गिराती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में राज्य स्तर पर नौ लाख एन -95 मास्क उपलब्ध थे लेकिन हमने अब राज्यों को 20 लाख ऐसे मास्क उपलब्ध कराए हैं और इनकी खरीद शुरू कर दी गई है। यह बात अच्छी तरह समझ लेनी है कि इनका इस्तेमाल तर्कसंगत तरीके से किया जाना चाहिए तथा इसमें यह भी ध्यान रखा जाना है कि चिकित्सकों को जोखिम कितना है। कोरोना वायरस के मरीजों की तीन श्रेणियां होती हैं जिनमें लो रिस्क, मीडियम और हाई रिस्क मरीज होते हैं और केवल हाई रिस्क मरीजों के लिए पूरे सुरक्षात्मक उपकरण की जरूरत होती है। राज्य सरकारों को उनकी मांग के आधार पर ही इन पीपीई की आूपर्ति की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि लोगों को इस बीमारी को लेकर अनचाहे डर से बचना चाहिए और अगर किसी के परिवार में किसी को यह संक्रमण है तो उन्हें सामने आना चाहिए और इसमें केन्द्र सरकार की तरफ से पूरी मदद की जाएगी।


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