शनिवार, 11 अप्रैल 2020

पहलः रूस ने चीन का भी तोड़ा रिकॉर्ड

मास्को। रूस ने कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए चीन का भी रेकॉर्ड तोड़ दिया है। वुहान की तर्ज पर रूस ने सिर्फ 20 दिन में ही 10 हजार लोगों के इलाज के लिए एक बड़ा अस्पताल खड़ा कर दिया है। मीडिया रपटों के अनुसार, रूस में इस तरह के 18 अस्पताल तैयार किए गए हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा मजदूरों ने इस अस्पताल को तैयार किया है।


इस अस्पताल को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है। बाकी अस्पताल सेना ने बनाए हैं। इसमें आधे बिस्तर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा से लैस होंगे। रूस अब तक कोरोना वायरस के 10 लाख टेस्ट कर चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अभी सबसे खराब स्थिति आनी बाकी है। बता दें कि चीन ने वुहान शहर में 10 दिनों में ही अस्पताल बनाकर तैयार किया था। चीन का अस्पताल 1000 बेड का था। हुबेई प्रांत के वुहान शहर में स्थित इस अस्पताल में सेना के 1400 डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई थी। कोरोना वायरस से सबसे पहले चीन का वुहान शहर प्रभावित हुआ था। इस अस्पताल का निर्माण 23 जनवरी को शुरू हुआ था और 2 फरवरी को अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया था।


कैसेः 2 लोगों के बीच फैला वायरस

बर्लिन। जर्मनी में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए बारीकी से टेस्टिंग की, जिससे उन्हें ये पता लगाने में आसानी हुई कि आखिर कैसे कोरोना वायरस दो लोगों के बीच फैला। इस तरह से टेस्टिंग करने के बाद उन्हें ये भी पता चला कि कैंटीन में जब एक कर्मचारी ने दूसरे को नमक की शीशी दी, तो उसके जरिए कभी कोरोना वायरस ट्रांसफर हो गया। ये सब सिर्फ इसलिए मुमकिन हो सका, क्योंकि इस मामले में हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखा गया, जिसकी वजह से वैज्ञानिकों को पूरी चेन का पता चल सका।


ये मामला जर्मनी के बावरिया में म्यूनिक के पास की नगरपालिका स्टॉकडोर्फ का है। स्टॉकडोर्फ की आबादी करीब 4000 की है। यहां रहने वाले ही कुछ लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए, जो वेबस्टो ग्रुप नाम की कार के पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं। इस कंपनी पर दुनिया का ध्यान तब खिंच, जब लोगों को पता चला कि एक चीनी महिला को कोरोना वायरस हुआ था और फिर उसी से यह वायरस वेबस्टो के हेडक्वार्टर पहुंचा। वहां पर यह एक शख्स से दूसरे को होता गया, जिसमें कैंटीन में खाना खाने वाले भी शामिल थे, जिनका मरीज से सीधे कोई संपर्क भी नहीं था।


स्वास्थ्य मंत्री से मदद का आश्वासन

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सभी राज्यों  के स्वास्थ्य मंत्रियों और विभागों के अधिकारियों से बातचीत कर कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की स्थिति की समीक्षा की है और उन्हें इस लड़ाई में केन्द्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए की गई इस बैठक में उन्होंने  कोरोना समर्पित अस्पतालों, कोरोना वायरस से निपटने पर चर्चा की। इसमें कोरोना सर्विलांस और  मरीजों की कांटेक्ट ट्रेङ्क्षसग पर ध्यान दिए जाने की बात कही गई है। सभी राज्यों ने उन्हें कोरोना वायरस से निपटने में अपनी तरफ से पूरी तैयारी का आश्वासन दिया है। श्री अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय  और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कल ‘कोविड-19 आपात स्वास्थ्य तंत्र तैयारी पैकेज’ के लिए 15000 करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की गई थी।  इस पैकेज  की राशि कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपात स्थिति में उठाये जाने वाले कदमों तथा उपायों पर खर्च की जायेगी जबकि शेष राशि अगले चार वर्षों में मिशन मोड योजना के तहत खर्च की जायेगी। इस पैकेज का उद्देश्य देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के निदान और उपचार की सुविधाओं को बढ़ाना है। इसके तहत अनिवार्य चिकित्सा उपकरणों तथा दवााओं की केन्द्रीकृत खरीद, प्रयोगशाला बनाना, निगरानी बढ़ाना और व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाना शामिल है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में केन्द्र सरकार ने रक्त ट्रांसफ्यूजन को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने सभी रक्त बैंकों के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। देश में वेंटीलेटर, फेस मॉस्क, सर्जिकल मास्क, कोरोना टेस्ट किट,पीपीई और अन्य सामग्री को कस्टम उत्पाद ड्यूटी से मुक्त कर दिया है। इसके अलावा अस्पतालों में पीपीई के तर्कसंगत इस्तेमाल के लिए एक वीडियो बनाकर उसे मंत्रालय की वेबसाईट पर उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने बताया कि देश में गुरूवार से शुक्रवार तक कोरोना के 678 नए मामले सामने आए हैं और अब तक 503 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। देश में अब तक कोरोना वायरस के कुल मामले 6412 हैं और इससे अब तक 199  लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से कल 33 लोगों की मौत हुई थी। श्री अग्रवाल ने बताया कि देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर सरकार की तरफ से काफी विचार-विमर्श किया गया है और यह दवा कोरोना पीड़ति मरीजों, उनके संपर्क में आए प्रथम स्तर के संपर्क रिश्तेदारों और चिकित्सकों को दी जाती है तथा अगले एक हफ्ते तक अगर ऐसी एक करोड़ गोलियों की जरूरत पड़ती है और अभी तक देश में 3़ 28 ऐसी टेबलेट हैं। इस माह के अंत अगर ऐसी अतिरिक्त 1़ 6 करोड़ टेबलेट की जरूरत पड़ेगी तो इसके लिए भी दो से तीन करोड़ अतिरिक्त टेबलेट की उपलब्धता की पूरी तैयारी है और घरेलू स्तर पर उत्पादन सुनिश्चित कर दिया गया है। निजी क्षेत्र में दो करोड़ गोलियां के लिए इंतजाम कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कल तक 16 हजार टेस्ट किए गए थे और इसमें 320 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है जो मात्र दो प्रतिशत के करीब है। श्री अग्रवाल ने इस बात को खारिज किया कि यह संक्रमण सामुदायिक स्तर पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि अभी वह स्थिति नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि रैपिड डायग्नोस्टिक किट का आर्डर दिया चुका है। पीपीई, एन-95 मॉस्क और वेंटीलेटर्स की कोई कमी नहीं है और विदेशों से इनकी आपूर्ति आनी शुरू हो गई है। पहले देश में बुनियादी सुविधा संबधी दिक्कतें थी लेकिन अब इस दूर कर लिया गया है। इस समय देश में पीपीई के 39 मैन्युफैक्चर्स हैं और वे इनकी आपूर्ति को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। इनके अलावा 49 हजार वेंटीलेटर्स का आर्डर दिया जा चुका है। उन्होंने देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सा स्टाफ पर हो रहे हमले पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों का मनोबल गिराती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में राज्य स्तर पर नौ लाख एन -95 मास्क उपलब्ध थे लेकिन हमने अब राज्यों को 20 लाख ऐसे मास्क उपलब्ध कराए हैं और इनकी खरीद शुरू कर दी गई है। यह बात अच्छी तरह समझ लेनी है कि इनका इस्तेमाल तर्कसंगत तरीके से किया जाना चाहिए तथा इसमें यह भी ध्यान रखा जाना है कि चिकित्सकों को जोखिम कितना है। कोरोना वायरस के मरीजों की तीन श्रेणियां होती हैं जिनमें लो रिस्क, मीडियम और हाई रिस्क मरीज होते हैं और केवल हाई रिस्क मरीजों के लिए पूरे सुरक्षात्मक उपकरण की जरूरत होती है। राज्य सरकारों को उनकी मांग के आधार पर ही इन पीपीई की आूपर्ति की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि लोगों को इस बीमारी को लेकर अनचाहे डर से बचना चाहिए और अगर किसी के परिवार में किसी को यह संक्रमण है तो उन्हें सामने आना चाहिए और इसमें केन्द्र सरकार की तरफ से पूरी मदद की जाएगी।


आंधी-तूफान ने उजाडे़ कई आशियाने

शेख मक़बूल
सुकमा। बीती रात तेज आंधी तूफान की वजह से जगरगुंडा क्षेत्र में दस मकानों के छप्पर उड़ गए। वहीं दो मकान पूरी तरह से गिर गए है। इस आंधी तूफान से सैकड़ों पेड़ भी गिर गए है। 
दुसरीं तरफ तेज आंधी तूफान ने कहर ढाहाते हुए जगरगुंडा बेस केम्प में स्थित ग्रामीणों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए है। इस मामले की जानकारी कोंटा एसडीएम हिमाचल साहू को मिलते ही उन्होंने तत्काल मौके से पीड़ितों को जल्द राहत पहुँचाने के लिए दल रवाना कर दिया है ।
इधर कोन्टा विधायक एंव केबिनेट मंत्री कवासी लखमा को इसकी जानकारी मिलते ही सुकमा कलेक्टर को पूरी जांच कर जल्द से जल्द पीड़ितों को राहत पहुचाने की दूरभाष पर बात की है ।


मास्क के बिना होगा मामला दर्जः डीएम

बिना मास्क घर से बाहर निकलने पर होगी कार्रवाई कलेक्टर ने जारी किये निर्देश


 किशोर महंत


कोरबा। कोरबा महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को जिले में रोकने के लिए जिला प्रशासन सजग और गंभीर है। लोगों में सक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों में निकलते समय मास्क, फेस कवर पहनना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है अथवा घर में ही तीन परतों वाला फेस कव्हर बनाया जा सकता है। इस होम मेड मास्क, फेस कवर को साबुन से धोकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। मास्क, फेस कवर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में गमछा, रूमाल, दुपट्टा इत्यादि का भी फेस कवर के रूप में उपयोग किया जा सकता है बशर्ते मुंह एवं नाक पूरी तरह से ढका हो। उपयोग में लाया हुआ फेस कवर मुंह, नाक में प्रयुक्त होने वाला गमछा का पुनः प्रयोग बिना साबुन से अच्छी तरह धोये उपयोग में न लाया जाये। बिना फेस कवर, मास्क के घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर जाना सरकार द्वारा जारी निर्देश का उल्लंघन माना जायेगा तथा संबंधित के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।


राहत सामग्री की सेल्फी पर धारा 188

आकाश दत्त मिश्रा


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए जो समाज सेवी संस्थाएं और जो युवाओं का समूह सामने आ रहा था उनके द्वारा किए जाने वाली सामग्रियों के वितरण के दौरान लिए जाने वाली सेल्फी फोटो को लेकर मुंगेली जिला प्रशासन ने तीखे तेवर दिखाए है और अब इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है। इतना ही नहीं अब इस प्रकार के कृत्य को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है ।
दरअसल सेवा के नाम पर गरीब और जरूरतमंद के साथ तस्वीर लेकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए एक प्रकार से गरीब और उनकी गरीबी का उपहास उड़ाया जा रहा है । कुछ लोग समाज सेवा के नाम पर अपना विज्ञापन और उदारता का थोथा प्रदर्शन करने में जुट गए हैं, इससे एक तरफ जहां सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ रही है, वहीं जरूरतमंद लोग भी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जिसे लेकर अब मुंगेली जिला प्रशासन ने भी सख्ती दर्शाते हुए कहा कि अब इस तरह की गतिविधियों पर धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।


लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों को अनाज सब्जी व अन्य खाद्य सामग्रियों का निशुल्क वितरण विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा किया जा रहा है। समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा निशुल्क सामग्रियों का वितरण करते हुए उनके साथ फोटो और उनकी सेल्फी ली जा रही है और जिसे सोशल साइट्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। जिससे वे सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।
इसलिए अब जिला प्रशासन ने इस मसले पर आदेश जारी करते हुए कहा है कि समाजसेवी संस्थाओं दानदाताओं और अन्य संगठनों के द्वारा इस तरह की फोटो को सोशल साइट्स पर साझा न किया जाए।
हालांकि इसका दूसरा पहलू भी है। लोग स्वयं को बड़ा दानदाता और उदार प्रदर्शित करने के लिए जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं उससे अंततः किसी जरूरतमंद की मदद ही हो रही है। अब शासन ने स्पष्ट कहा है कि दानदाता, राहत सामग्री आदि सीधे जरूरतमंद को न देकर पुलिस को दे, जिसे पुलिस वितरित करेगी।
बहुत कम उम्मीद है कि अब इतनी बड़ी संख्या में लोग इस कार्य में सहयोग करेंगे। कम से कम सेल्फी खींचने के नाम पर ही लोग बढ़-चढ़कर यह दिखावा कर रहे थे , जिससे कुछ लोगों की मदद हो रही थी , लेकिन जिला प्रशासन की सख्ती के बाद बहुत मुमकिन है कि ऐसे लोग अपने कदम वापस खींच ले। हिंदू शास्त्र में कहा गया है कि परोपकार का महत्व तभी है जब आप दाएं हाथ से दान करें और बाएं हाथ को पता ना चले । यह प्रदर्शन शास्त्रों के उस कथन की धज्जियां उड़ा रही है लेकिन मौजूदा चलन में जब हर छोटी-बड़ी घटना के साथ सेल्फी लेने का ही प्रचलन हो, उस दौर में इन बातों को बेवजह तूल देने की बजाय अगर इसमें निहित लाभ पर फोकस किया जाता तो शायद जरूरतमंदों का भला होता । जाहिर है यह लॉक डाउन लंबा खींचने वाला है। अब तक आम लोगों की मदद से जिला प्रशासन ने हालात पर काबू आया हुआ है। अगर अब नए नियम के चलते आम लोग मदद से हाथ खींच ले तो फिर पुलिस और प्रशासन के लिए यह दोहरी जिम्मेदारी हो जाएगी और जिसका खामियाजा अंततः हाशिए पर बैठा हुआ आदमी उठाएगा, जिस तक शायद ही राहत सामग्री पहुंच सके।


रात-दिन मेहनत करती पुलिस का स्वागत

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


हापुड़। कोरोना वायरस के चलते दिन रात मेहनत कर रहीं पिलखुवा पुलिस का जोरदार स्वागत। कोतवाली पिलखुवा पुलिस का छेत्र वाशियो ने पुलिसकर्मियों के ऊपर फूलों की बरसात कर बढ़ाया मनोबल। कोरोना वायरस के चलते दिन रात मेहनत कर रहीं पिलखुवा पुलिस का जोरदार स्वागत। सीईओ तेजवीर सिंह , कोतवाल महावीर सिंह व एसडीएम सहित सभी पुलिसकर्मियों का छेत्र के अंदर हुआ फूलों से स्वागत।


झारखंडः 3 बढ़े, कुल 17 पॉजिटिव

कोरोना वायरसः झारखंड में कोरोना के 3 और मरीज मिले, अब तक 17 पॉजिटिव; कोडरमा में पहला मामला


रांची। झारखंड में कोरोना के तीन और मरीज मिले हैं। शनिवार को रांची के हिंदपीढ़ी, हजारीबाग तथा कोडरमा में कोरोना वायरस का एक-एक मरीज मिला है। राज्‍य के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है। इस तरह से राज्‍य में अब तक कोरोना वायरस के कुल 17 मरीज हो गए हैं। इसमें एक की मौत हो गई है। 17 मरीजों में से 13 तब्‍लीगी जमात के हैं। पहली बार कोडरमा में कोरोना वायरस का मरीज मिला है। इससे पूर्व रांची के हिंदपीढ़ी, बोकारो, और हजारीबाग में भी कोरोना के मरीज मिले थे।


कोडरमा जिले में कोरोना कोविड 19 का पहला पॉजिटिव मामला सामने आया है। संक्रमित व्यक्ति कोडरमा जिला के मरकच्‍चो प्रखंड से सटे गिरिडीह जिला अंतर्गत राजधनवार का रहनेवाला है। ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार वह मुंबई से लौटा था। इसके बाद गत 3 अप्रैल को उसने अपने नजदीकी मरकच्चो स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो में जाकर स्क्रीनिंग कराई थी।


लोनी विधायक ने डीएम को लिखा पत्र

अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लिखा जिलाधिकारी को पत्र, मांगा नगरपालिका और तहसील के लिए कॅरोना से निपटनें के लिए करोड़ों का पैकेज, कहा बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन और 1000 रूपए का लाभ दिए जाने की हो व्यवस्था। शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र व छोटे कामगार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। उन्हें चिन्हित कर राशन और 1000 रूपए की धनराशि दिए जाने की मांग की। साथ ही कॅरोना आपदा से निपटने के लिए लोनी को दी गई 10 लाख की राशि को अपर्याप्त बताते हुए पालिका और तहसील को पृथक रूप से करोड़ों रूपए दिए जाने की बात रखी। 


देखने वाली बात यह है कि जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय, विधायक के द्वारा की गई मांग को किस प्रकार लेते हैं? क्या जरूरतमंदों के प्रति उनका हृदय पसीज जाएगा या शासन व्यवस्था के अधीन कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे। विधायक ने पत्र में लिखा कि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत आबादी दिहाड़ी मजदूर, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, खोखा, पटरी, आॅटो चालक आदि की है जिनमें से अधिकतर वे लोग है जो प्रतिदिन कमाकर उसी से अपना पेट भरते है। कॅरोना महामारी को देखते हुए लाॅकडाउन हो जाने के कारण इनके सामने भूखमरी का संकट पैदा हो गया था। मैंने स्वंय 27 मार्च से लोनी की भूखमरी के कारण बिगड़ती स्थिति के कारण 6 विधायक-योगी रसोई के नाम से जरूरतमंदों तक भोजन वितरण के लिए रसोई चालू करवाई। साथ ही, दर्जनों सामाजिक संगठनों से निवेदन कर अधिकारियों के साथ बैठक करवाकर उनसे भी क्षेत्र में भिन्न-भिन्न स्थानो पर रसोई शुरू की गई और काॅल के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर जरूरतमंदों के घर तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है जिससे लाॅकडाउन का भी आसानी से पालन हो सकें। 3 दिवस पूर्व 2 सरकारी रसोई तहसील के द्वारा शुरू की गई है लेकिन सामाजिक संगठनों की सीमित क्षमता होने के कारण उन्होंने प्रतिदिन बनने वाले खाने की मात्रा घटा दी है या फिर निकट भविष्य में परिस्थितियों को देखते हुए ये पूर्ण रूप से बंद भी हो सकते हैं। 16 लाख की आबादी में अधिकांश संख्या गरीब मजदूरों के होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है। इसलिए समय रहते ही सभी वार्ड एवं गांव स्तर पर ऐसे मजदूरों और जरूरतमंदों सूची बनाई जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, आधार कार्ड नहीं है उन्हें राशन पहुंचाने की व्यवस्था के साथ-साथ 1000 रूपए की भी मुख्यमंत्री विशेष आपदा कोष से इनके खातों में दिलवाने की मांग की हैं जिससे प्रदेश सरकार व माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप इस आपदा की घड़ी में कोई भी भूखा एवं असहाय न रहें। 


वहीं विधायक ने लिखा कि लोनी की आबादी को ध्यान में रखते हुए कॉरोना से निपटने के लिए करोड़ों रूपए की मदद मिलनी चाहिए थी वहां 10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इसलिए एसडीएम व अधिशासी अधिकारी की रसोई एवं अन्य कार्य के लिए पृथक रूप में करोड़ों रूपए की जरूरत है।  विधायक ने पत्र की प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी प्रेषित किया है।


महाराष्ट्रः 110 की मौत, 1574 संक्रमित

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत का आंकड़ा 100 पार कर गया। शुक्रवार को मुंबई में 12 लोगों की मौत हुई। इसी के साथ राज्य में मौतों का आंकड़ा 110 हो गया। वहीं, राज्य में संक्रमितों की संख्या 1574 तक पहुंच गई है। राज्य में संक्रमण से पहली मौत 17 मार्च को हुई थी। लेकिन दो अप्रैल के बाद मौत के आंकड़ों में बेहद तेजी रही। जहां 17 मार्च से एक अप्रैल तक यानी 14 दिन में संक्रमण से 13 लोगों की मौत हुई। वहीं, दो अप्रैल से 10 अप्रैल यानी 9 दिनों में 98 लोगों की जान गई।
देश के संक्रमण में महाराष्ट्र की स्थिति-
देश में संक्रमण के करीब सात हजार मामले हैं। वहीं, महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा 1500 से ज्यादा है। यानी हर पांचवां मरीज महाराष्ट्र से है। राज्य के 36 में से 22 जिलों तक कोरोना का संक्रमण फैल चुका है।
देश में मौत का आंकड़ा 255 है। महाराष्ट्र में 108 मौत हो चुकी है। यानी हर 10 में चार मौत महाराष्ट्र में हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौत मुंबई और पुणे में हुई है। मुंबई में अब तक 74 जबकि पुणे में 25 की मौत हो चुकी है।
देश के 20% संक्रमित महाराष्ट्र में
देश के कुल संक्रमित मामलों में करीब 20% जबकि कुल मौतों में से 42% मामले महाराष्ट्र के हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की मृत्युदर (सीएफआर) 7.11% है जबकि देश में यह 3.10% है। हालांकि, मृत्यु दर के मामले में महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात से पीछे है। यहां क्रमशः 7.92 और 7.69% मृत्यु दर रही है। वहीं सबसे खास यह है कि केरल, जहां कोरोना का पहला मामला सामने आया वहां अब तक सिर्फ 2 मौतें हुई और वहां मृत्यु दर सिर्फ 0.56% है।
पुणे में तेजी से बढ़ा मृतकों का आकंड़ा, सिर्फ दो दिन में हुई 18 मौतें
राज्य में हुई 108 मौतों में से 74 यानि की तकरीबन 70% मौतें मुंबई में हुई हैं। इसके बाद दूसरा नंबर पुणे का आता है। यहां अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है। खास यह है कि पुणे में मंगलवार के बाद से मृतकों के आकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है। मंगलवार को यहां मृतकों की संख्या सिर्फ 6 थी जो गुरुवार शाम तक बढ़कर 25 हो गई। यानि सिर्फ दो दिन में पुणे में 19 लोगों की मौत हुई है। पुणे में सबसे ज्यादा मौतें ससून हॉस्पिटल और मुंबई में कस्तूरबा हॉस्पिटल में हुईं हैं।


पश्चिम बंगाल में संक्रमितो की संख्या-116

कोलकाता। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पीडि़तों की कुल संख्या पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को बढ़कर 116 हो गई। फिलहाल कोविड-19 से 89 संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 12 और मामले सामने आए हैं। और तीन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि महामारी से राज्य में मृतकों की संख्या 5 पर ही टिकी हुई है। इस बीच दक्षिण कोलकाता में एक बैंक अधिकारी की मां के कोरोना से पीडि़त होने के बाद बैंक को सील कर दिया गया।
राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में अभी भी 44,474 लोग होम क्वारंटाइन में हैं जबकि 4830 लोग सरकारी क्वारंटाइन में हैं। सरकारी क्वारंटाइन सेन्टरों में 14 दिन की अवधि पूरा कर लेने के कारण 450 लोगों को रिहा किया गया। मुख्य सचिव के अनुसार राज्य में 2 गैर सरकारी और 5 सरकारी लेबोरेटरी में अब तक कुल 2095 लोगों के नमूने की जांच की गई। 
निगम जारी नहीं कर सकता प्रमाण पत्र
पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से मृतकों की संख्या कम दिखाने के आरोपों पर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना पर गठित डेथ ऑडिट कमेटी में शामिल विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुशंसा पर ही स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग आधिकारिक तौर पर कोविड-19 से मौत की पुष्टि करता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि कोरोना से किसी भी व्यक्ति की मौत का प्रमाण पत्र नगर निगम या स्थानीय निकायों की ओर से जारी नहीं किया जा सकता।


बुजुर्ग की पेंशन से जरूरतमंदों की मदद

८० वर्षीय पुष्पलता पेंशन के पैसों से कर रहीं ज़रुरतमन्दों की मदद
 
प्रयागराज। कीडगंज की ८०वर्षीय पुष्पलता यादव का जज़बा देख कर क्षेत्रवासी गदगद हैं। इस उम्र में वह लोगों के लिए प्रेणा बनी हैं।जब से कोरोना वॉयरस के कारण लॉक डाऊन लगा है। तब से प्रतिदिन वह ग़रीबों व ज़रुरतमन्दों को खाद्ध सामाग्री बाँट रही हैं।उम्र के इस पड़ाव पर भी वह अपनी पेंशन के पैसों से ज़रुरतमन्दों के घर चूलहा जलाने के लिए प्रबन्ध कर रही हैं।अस्वस्थ रहने के बाद भी लोगों की सेवा करने से उनके अन्दर ग़ज़ब की स्फूर्ति जाग्रत हो गई है।मोहल्ले में कोई उनहे दादी मॉ तो कोई माता जी तो काकी माँ कह कर पुकारते हैं।पुष्पलता यादव की बेटी मंजू यादव अखिल भारतीय यादव महासभा की ज़िलाध्यक्ष व समाजवादी पार्टी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष हैं।बेटी को हमेशा लोगों की सेवा करते देख पुष्पलता जी में भी इस उम्र में ज़रुरतमन्दों के लिए कुछ करने का जज़बा पैदा हो गया।उनहोने बेटी मंजू से कह कर आँटा, दाल, चावल,सरसों का तेल,आलू,मसाले आदि मंगा कर खुद व नातियों की मदद से पैकेट तय्यार करवाए और एक एक ज़रुरतमन्द को अपने हाँथों से खाद्ध सामाग्री का वित्रण किया।दो नाती उनके डाक्टर हैं और मंजू यादव के पति भी डाक्टर थे जिनका देहान्त हो चूका है।बूढ़ी माँ के हौसले को देख कर मंजू यादव की आँखे छल छला आईं।उनका कहना है की पति के इस संसार से जाने के बाद माँ का हौसला था जो आज मैं लोगों की समाज सेवा कर रही हूँ।


बृजेश केसरवानी


लॉक डाउनः राजनीति का गिरता स्तर

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगर पालिका अध्यक्ष रंजीता धामा अपने पति मनोज धामा के साथ दोपहर 1बजे लोनी बार्डर थाने पर पँहुची तथा थाना प्रभारी को तहरीर देते हुये कल कुछ असामाजिक तत्वों के दुारा उनके विषय मे "लोनी की लाडली चैयरमेन लापता " है ऐसे पोस्टर लोनी क्षेत्र मे लगाये गये थे जो कि उनकी लोनी क्षेत्र मे बढती लोकप्रियता से द्वेष रखने वाले लोगोॆ ने लगाये हैं । 
लोनी नगरपालिका अध्यक्ष रंजीता धामा जी जानकारी देते हुये बताया कि उनका परिवार लोनी क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित परिवार है तथा उनके पति पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रहे हैं। जिस वजह से कुछ लोग उनसे राजनीतिक दुेष रखने लगे हैं। इसी कारणवश इस संकट की घडी मे भी वो लोग बाज नही आ रहे हैं तथा नित नये नये हथकंडे अपना रहे हैं।
हमारे परिवार के दुारा इस कोरोना नामक वैश्विक महामारी के दौर मे लोनी की जनता के लिये दिन -प्रतिदिन शुद्ध एवं सात्विक भोजन की व्यवस्था की जा रही है हम लोग अपनी लोनी की जनता के लिये हमेशा सुख -दु:ख मे साथ खडे रहते हैं इसी वजह से ये लोग हमसे राजनीतिक द्वेष रखते हैं ।
लोनी नगर पालिका अध्यक्ष रंजीता धामा ने पुलिस प्रशासन से प्रकरण की जाँच कर उचित कानूनी कार्यवाही की मांग की तथा दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो ऐसा पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करे।


24 घंटे में दो हजार से अधिक मौत

वाशिंगटन। अमेरिका में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने विकराल रूप ले लिया है और इसके कारण अब तक 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पांच लाख से अधिक संक्रमित हुए हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना से पहली बार दो हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 18 हजार को पार कर 18693 पहुंच गयी है जबकि 500399 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।
अमेरिका में कोरोना से शुक्रवार को 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इससे पहले बुधवार को सर्वाधिक 1936 लोगों की मौत हुई थी। कोरोना के कारण इटली के बाद अमेरिका में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। इटली में इस महामारी के कारण अब तक 18849 लोगों की मौत हो चुकी है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 60 प्रतिशत से अधिक मौतें न्यूयॉर्क (777), न्यूजर्सी (232) और मिशीगन (205) प्रांत में हुई हैं। 
वहीं, विश्व में कोरोना वायरस से मरनेवालों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत मौत यूरोप में हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार, विश्व में कोरोना वायरस 1,00,661 लोगों की जान ले चुका है जिनमें से 70,245 लोगों की मौत यूरोप में हुई है। इटली में 18,849 के आंकड़े के साथ सर्वाधिक मौत हुई हैं, जबकि उसके बाद अमेरिका में 17,925 लोगों की मौत हुई है। वहीं, स्पेन में 15,843 लोगों की मौत हुई है।


वीजा प्रतिबंध आदेश पर हस्ताक्षर

मनोज सिंह ठाकुर


वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घातक कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच अमेरिकी में मौजूदा विदेशी नागरिकों को स्वदेश वापसी की स्वीकृति नहीं देने या इसमें अनुचित रूप से देरी करने वाले देशों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध लगाने संबंधी एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है।
ट्रंप ने शुक्रवार देर रात एक ज्ञापन जारी कर कहा, कोरोना वायरस माहमारी के बीच जिस भी देश ने अमेरिका से अपने नागरिकों को स्वदेश वापसी की स्वीकृति नहीं दी या अनुचित रूप से देरी की है, अमेरिका उन पर वीजा प्रतिबंध लगायेगा। इन देशों ने अमेरिकी लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरे और बढ़ा दिये है। अमेरिका देश के कानून का उल्लघंन करने वाले विदेशी नागरिकों को प्रत्यावर्तित करने में सक्षम है।
ज्ञापन में कहा गया, विदेश मंत्री जल्द से जल्द और अधिकतम सात दिन के अंदर प्रवासन एवं नागरिकता कानून के अनुच्छेद 234(डी) के तहत वीजा प्रतिबंध लगाने के लिए एक योजना तैयार करें।


कंडोम की जगह बनाएगें कोरोना किट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा ब्लड टेस्ट कराने पर ज़ोर दे रही है। हर दिन टेस्ट की संख्या को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। देश में फिलहाल पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग किट नहीं हैं। ऐसे में कंडोम बनाने वाली एक सरकारी कंपनी हिंदुस्तान लैटेक्स लिमिटेड को किट बनाने की जि़म्मेदारी दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार से किट बनाने का काम शुरू हो जाएगा। 1970 के दशक में इस कंपनी ने परिवार नियोजन में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान ये कंपनी निरोध के नाम से कंडोम बनाती थी। लेकिन वक्त के साथ कंपनी का मार्केट शेयर घटता गया। तीन साल पहले एचएलएल को निजीकरण करने का भी मुद्दा उठा था। इसके अलावा पिछले महीने भी ये कंपनी विवादों में थी। आरोप लगा था कि स्वास्थ्यकर्मियों के प्रोटेक्टिव इच्पिमेंट बनाने में इसने देरी कर दी।
कंपनी के मुताबिक, कोरोना वायरस के मरीजों के लिए वो ऐसा टेस्टटिंग किट बना रही है, जिससे सिर्फ 15-20 मिनट में नतीजे आ जाएंगे। कंपनी के टेकनिकल ऑपरेशन के डायरेक्टर इए सुब्रमनियम के मुताबिक एचएलएल ने ये किट सिर्फ एक महीने में तैयार किया है। इससे पहले कंपनी टीबी, डेंगू और मलेरिया के लिए टेस्टटिंग किट तैयार कर चुकी है।


यूपीः 449 संक्रमित, 515 संदिग्ध

लखनऊ। लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को शुक्रवार रात मिले 557 सैंपल की रिपोर्ट शनिवार को सुबह आई है। जिसमें छह पॉजिटिव हैं। इनमें से तीन आगरा के सरोजनी नायडू(एसएन) मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं तो अन्य तीन का इलाज लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती हैं। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के 449 केस पॉजिटिव हैं। 


ताजनगरी आगरा का आकंड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान समय में आगरा में कोरोना वायरस के 92 पॉजिटिव मामले हैं। आगरा में आज जिनकी सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें एक 23 वर्षीया महिला तथा दो पुरुष हैं। केजीएमयू में भर्ती दो महिला तथा एक पुरुष की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। इस तरह से लखनऊ में अब कोरोना पॉजिटिव 32 हो गए हैं। सीएमओ लखनऊ नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि केजीएमयू में आज ही कोरोना पॉजिटिव मिले लखनऊ के तीनों संक्रमितों को बख्शी की तालाब क्षेत्र के रामसागर मिश्र हॉस्पिटल, साढ़ामऊ में शिफ्ट किया गया है। ताजनगरी मे कोरोना तीन में दो को घटिया आजम खां क्षेत्र के कोरोना संक्रमित वरिष्ठ चिकित्सक के संपर्क में थे। प्रदेश में इनके अलावा 515 संदिग्ध को भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही 8771 क्वारंटाइन हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रदेश में तब्लीगी जमात से जुड़े 252 लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं। यानी प्रदेश में अभी तक मिले पॉजिटिव केस की संख्या में आधे से अधिक तब्लीगी जमात से जुड़े लोग ही हैं।


लखनऊ में ढाई वर्ष के बच्चे की दो रिपोर्ट निगेटिव आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। प्रदेश में अब तक कुल 32 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिली है। शुक्रवार को जो 18 पॉजिटिव केस सामने आए थे, उनमें से आगरा के पांच, मेरठ के चार, हापुड़ के तीन और बदायूं का एक मरीज वह है, जो तब्लीगी जमात में शामिल होकर यूपी लौटे हैं। वहीं नोएडा, रामपुर, कन्नौज, बुलंदशहर और मथुरा में एक-एक मरीज पॉजिटिव पाया गया। कन्नौज में पहला पॉजिटिव पाया गया।अब तक नोएडा में 64, पीलीभीत में दो, बस्ती में नौ, मुरादाबाद में दो, बरेली में छह, कौशांबी में दो और रामपुर व कन्नौज में मिले एक-एक मरीज तब्लीगी जमात के नहीं हैैं। आगरा में 92 में से 50 मरीज तब्लीगी जमात के हैं। इसी तरह लखनऊ में 29 में से 17, गाजियाबाद में 25 में से 14, कानपुर में नौ में से आठ, वाराणसी में नौ में से चार, शामली में सभी 17, जौनपुर में चार में से तीन, बागपत में पांच में से चार, मेरठ में 49 में से 29, बुलंदशहर में नौ में से पांच, हापुड़ में सभी छह, गाजीपुर में सभी पांच, आजमगढ़ में सभी चार, फिरोजाबाद में सभी 11, हरदोई में सभी दो, प्रतापगढ़ में सभी छह, सहारनपुर में सभी 20, शाहजहांपुर में एक, बांदा में सभी दो, महाराजगंज में सभी छह, हाथरस में सभी चार, मिर्जापुर में सभी दो, रायबरेली में सभी दो, औरैया में सभी तीन, बाराबंकी में एक, बिजनौर में एक, सीतापुर में सभी 10, प्रयागराज में एक, मथुरा में तीन में से दो, रामपुर में सात में से एक, मुजफ्फरनगर में चार में से तीन, बदायूं में दो और अमरोहा में सभी सात मरीज तब्लीगी जमात में शामिल होकर वापस लौटे हैं।


शामलीः 83 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

साजिद खान / फरमान अली 


शामली। जिलाधिकारी शामली जसजीत कौर ने बताया कि लॉक डाउन व धारा 144 का उल्लंघन करने वालों पर 83 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।तथा 223 लोग गिरफ्तार किये गए है।उन्होंने बताया कि महामारी अधिनियम के तहत 44 एफआईआर लोगों पर दर्ज कराई गई है साथ ही दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन, धारा 144 व महामारी अधिनियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कठोर से कठोर कार्यवाही करें।


जरूरतमंदों के लिए एसडीएम को पत्र

इकबाल अंसारी


लोनी/गाजियाबाद। अभिलंब स्थाई-अस्थाई राशन कार्ड बनवाकर जरूरतमंद लोगों,परिवारों को आर्थिक सहायता ,खाद्य राशन ,घरेलू सामग्री वितरित किए जाने के सम्बन्ध मे लोनी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में बहुत सारे गरीब परिवार, किराएदार, जरूरतमंद अनुसुचित जाति परिवार ऐसे हैं। जिनके अभी तक राशनकार्ड नहीं बने हैं। जिसकी वजह से उपरोक्त लोगों, परिवारों को प्रशासनिक स्तर पर कोई आर्थिक सहायता, राहत सामग्री, जरूरी आर्थिक सहायता श्रीमानजी के द्वारा या प्रशासनिक स्तर पर नही दी गई है न ही सार्वजनिक वितरण राशन की दुकान से कोई राशन मिला रहा है। जिस कारण उपरोक्त परिवारों का जीवन संकट मैं हैं। बिना खाद्दय सामग्री भोजन आदि आर्थिक सहायता के उक्त लोग कठिनाइयों से घुटन भरी जिंदगी से झूज रहे है। तथा किसी के सामने हाथ फैलाने या मदद मांगने मे व अपनी पहचान सार्वजनिक करने में अपमानित महसूस करते हैं। शासन प्रशासन द्वारा लोनी देहात नगर क्षेत्र,विकासनगर  सलाहनगर,मिलक, सादुल्लाबाद व उनसे संलग्न कॉलोनियो मे सरकारी सहायता/खादय सामंग्री से वंचित लोगो परिवारो को
 एडवोकेट सुरेंद्र कुमार अध्यक्ष लोनी बार एसोसिएशन के द्वारा पत्र प्रेषित कर उप जिला अधिकारी से स्थिति के अनुसार सहायता के लिए प्रार्थना की है। जनहित में अविलंम्ब उपरोक्त परिवारों को अस्थाई/ स्थाई राशन कार्ड बनाकर आर्थिक सहायता/खाद्य सामग्री/ राहत सामग्री दी जानी अति आवश्यक है स्थाई अस्थाई राशन कार्ड के अभाव में आधार कार्ड से उपरोक्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी अति आवश्यक है। शिकायत पत्र का अविलंब संज्ञान लेकर लोनी नगरपालिका परिषद लोनी क्षेत्र के सरकारी आर्थिक सहायता मदद खादय सामंग्री से वचिंत लोगों / परिवारो के स्थाई/अस्थाई राशन कार्ड  बनवा कर सरकारी आर्थिक सहायता / राहत सामग्री / खाद्य सामग्री वितरित की जाए तथा उपरोक्त राशन कार्डों के अभाव में  आधार कार्ड  के आधार पर उपरोक्त कार्यवाहीया सुनिश्चित करें।


समाज कल्याण अधिकारी के घर लूट

इटावा। दिनदहाड़े घर में घुसे एक युवक व दो युवतियों ने जिला समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह का गला दबाने के साथ ही अलमारी में रखे रुपये व अंगूठियां लूट ले गए। घटना के समय वह अपने निवास ट्रांजिट हॉस्टल से दफ्तर जाने को तैयार हो रहे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले के पीछे जानकार लोगों का हाथ बताए जाने की आशंका जताई गई है।समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह ने बताया कि 8 अप्रैल को वह अपने घर पर सुबह दस बजे दफ्तर आने के लिए तैयार हो रहे थे। तभी एक युवक व दो युवतियां अचानक उनके घर में घुस आए और पेंशन न आने की बात कहकर उनके साथ अभद्रता करने लगे। तीनों ने उन्हें पकड़ लिया और कपड़े से उनके गले को कसकर जान से मारने की कोशिश की। इसके बाद उन लोगों ने उनसे अलमारी की चाबी मांगी और अलमारी में रखे हुए 55 हजार रुपये, तीन सोने की अंगूठी व दो मोबाइल लूटकर भाग गए। घटना के बाद उन्होंने पास में रहने वाले पड़ोसियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लूटपाट करने वाले लोगों को वह शक्ल से जानते हैं। लेकिन उनके नाम उन्हें नहीं पता।मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, उसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस ने गुरुवार रात को उनका मुकदमा थाना सिविल लाइन में दर्ज कर लिया है। शिशुपाल सिंह ट्रांजिट हॉस्टल में द्वितीय तल पर रहते हैं। मामले से जिलाधिकारी जेबी सिंह व एसएसपी आकाश तोमर को भी अवगत कराया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मामले में कार्यालय के लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है। इस पर भी जांच के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं।


छापेमारी करने गई पुलिस पर हमला

छापेमारी करने गए पुलिसकर्मियों पर हमला, 7 घायल


पंकज कपूर


चित्रकूट। उत्तरप्रदेश के जिला चित्रकूट के रइयापुरवा गांव में लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब की बिक्री होने की सूचना पर शुक्रवार को छापेमारी करने गए पुलिस दल पर ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया। करीब आधे घंटे तक हुए हमले में थाना प्रभारी समेत सात सिपाही घायल हो गए। सूचना मिलते ही एसडीएम, एएसपी समेत तीन थाने का पुलिस बल गांव पहुंचा। भारी पुलिस बल को देखते ही आरोपी और अन्य ग्रामीण बागे नदी पार कर भाग गए। लेकिन पुलिसकर्मियों ने सात ग्रामीणों को दबोच लिया। साथ ही सुरक्षा के तौर पर पुलिस बल गांव में तैनात कर दिया गया है। मामले में छह नामजद व दस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किसी ने शिकायत की थी कि, पहाड़ी थानाक्षेत्र के गढ़ीघाट के रइयापुरवा में अवैध शराब बनाकर बेची जा रही है। सूचना पर पुलिस टीम के साथ पहाड़ी थानाध्यक्ष सुशील चंद्र ने वहां छापा मारा। लहन नष्ट करने के दौरान वहां मौजूद लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसकी जानकारी पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए अधिकारियों को दी। इस बीच कई हमलावर बागे नदी पार कर बांदा जिले में सिंहपुर गांव पहुंच गए। सूचना मिलते ही एसडीएम एके पांडेय, राजापुर एसडीएम राहुल विश्वकर्मा, एएसपी बलवंत चौधरी, सीओ रजनीश यादव, इम्त्यिाज अहमद समेत विभिन्न थानों की भारी पुलिस मौके पर पहुंच गई।


पथराव से थानाध्यक्ष सुशील चंद्र शर्मा के साथ सिपाही लवकुश यादव, रामअजोर सरोज, मधुसूदन पाठक, आशीष कुमार, बसहर खान और दो महिला सिपाही शिल्पा व सरिता घायल हो गईं। सभी घायल पुलिसकर्मियों को सीएचसी पहाड़ी में इलाज किया गया। इस क्रम में एएसपी ने बताया कि, लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री बंद होने से ये सब लोग कच्ची शराब बनाकर धंधा कर रहे थे। मौके से सात लोगों को पकड़ा गया है। जिनसे पूछताछ जारी है। जिसमें से मुख्य आरोपी फूलचंद्र अभी फरार है। उसके घर के पास कच्ची शराब बनाने के भारी मात्रा में उपकरण, एक क्विंटल लहन व बीस लीटर शराब बरामद हुई है। पहाड़ी थाना प्रभारी सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि, इस मामले में रइयापुरवा निवासी फूलचंद्र, रामदास, अवधेश, महेश पुत्र बुत्ता, गिरजा पुत्र रामबहोरी व रज्जन पुत्र गिरजा समेत दस अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...