बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

आरोपी ने 5 मवेशी को जहर देकर मार डाला

रायपुर। जहर देकर पांच मवेशियों को मौत के घाट उतारने का मामला प्रकाश में आया है। घटना मंदिर हसौद थाना क्षेत्र के गांधी ग्राम सोनहा की है। प्रार्थी केशव यदू निवासी गांधी ग्राम नकटा मंदिरहसौद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि कोई अज्ञात आरोपी ने 18 जनवरी 2020 की देर रात में उसकी पांव मवेशी को जहर देकर मार डाला। पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 429 के तहत जुर्म दर्ज किया है। मामले की जांच जारी है।


आलू ने बदली परिवार की किस्मत

अहमदाबाद। आलू ऐसी सब्जी है जो हर डिश के साथ बनाई जा सकती है। आलू शायद खुद इतना महंगा नहीं होता लेकिन ये किसी को करोड़पति जरूर बना सकता है। गुजरात का एक परिवार भी इस आलू की खेती से करोड़ों रुपए कमा रहा है। स्पेशल किस्म का औसतन 20,000 मीट्रिक टन आलू पैदा कर यह परिवार हर साल 25 करोड़ रुपए कमा रहा है। अरावली जिले के दौलपुर काम्पा गांव के जितेश पटेल एक किसान हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान की पढ़ाई से हासिल ज्ञान का इस्तेमाल आलू की लेडी रोसेटा (LR) किस्म की खेती पर किया और उनकी और उनके परिवार की किस्तम ही बदल गई। आलू की LR किस्म का इस्तेमाल ज्यादातर चिप्स और वेफर्स बनाने में इस्तेमाल होता है। आज पटेल परिवार बालाजी और आईटीसी जैसी बड़ी चिप्स बनाने वाली कंपनियों को आलू की सप्लाई करता है। जितेश का परिवार पिछले 26 साल से आलू की खेती कर रहा है। जितेश बताते हैं कि साल 2005 में जब मैंने कृषि विज्ञान में एमएससी की पढ़ाई पूरी की थी तब मेरा उद्देश्य कृषि में लौटना ही था। पहले मेरा परिवार आलू की टेबल वराइटी की खेती करता था, मैंने इसमें वैरायटी लाने का फैसला किया। पटेल ने LR किस्म के आलू की खेती साल 2007 में शुरू की। उस समय इसकी खेती वह 10 एकड़ जमीन पर करते थे। उन्होंने बताया कि पैदावार अच्छी होने लगी तो उन्होंने पूरे परिवार को इसकी खेती में शामिल करने के बारे में सोचा। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स बताते हैं इस किस्म के आलुओं की मांग बढ़ने वाली है। पटेल बताते हैं उनके परिवार को 10 सदस्य अलग-अलग एरिया में एक्सपर्ट हैं। कोई ब्रीडिंग, कोई माइक्रोबायॉलजी तो कोई पथॉलजी में। LR क्वालिटी के आलू को चिप्स बनाने वाले 17 रुपए प्रति किलो तक के भाव पर खरीदते हैं।


सबको 3 महीने तक मिलेगा, 5 जीबी डाटा

नई दिल्ली। आज के दौर में हर तरह के काम के लिए इंटरनेट सबकी जरूरत बन चुका है। हम सभी कि टैरिफ प्लान्स में हुए बढ़ोतरी के बाद हम भी ऐसे प्लांस चाहते हैं जहां हम कम पैसे देकर ज्यादा डाटा ले सकते हैं। ग्राहको की इसी परेशानी को समझते हुए टेलिकॉम कंपनी BSNL अपने ग्राहकों के लिए एक ऐसा प्लान लेकर आई है जहां ग्राहकों को तीन महीने तक हर दिन 5जीबी तक का डाटा दिया जाएगा। BSNL का 548 रुपये का प्लान PRBSTV (स्पेशल टैरिफ वाउचर) है। 90 दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान में डेली का 5GB डेटा खत्म होने के बाद इंटरनेट स्पीड घटकर यूज़र्स को 80Kbps की स्पीड मिलती है। हालांकि, इस प्लान में ग्राहकों को कॉलिंग और एसएमएस बेनिफिट्स नहीं मिलेंगे। इसके अलावा बीएसएनएल का एक और प्लान में जिसमें ग्राहकों को सिर्फ 1,999 रुपए में 365 दिनों की वैलिडिटी के साथ 3 जीबी डेटा और 100 एसएमएस की सुविधा मिलती है। इस प्लान में आपको कॉलिंग बेनिफिट्स भी दिए जाते हैं। इस रिचार्ज के साथ आपको किसी भी नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 250 मिनट भी मिलेंगे।क्ष


शेर के बच्चे को पेड़ पर लेकर चढ़ा लंगूर

क्रूगर। फिल्म द लायन किंग में बेबी सिम्बा का आपको वो सीन याद है? जब रफिकी नाम का लंगूर सिम्बा को अपनी मां की गोद से उठाता है और एक पहाड़ की चोटी से जंगल के सभी जानवरों से शावक का परिचय कराता है। ठीक ऐसा ही सीन साउथ अफ्रीका के जंगल में देखा गया, जिसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है। लंगूर ने शेर के बच्चे को गोद में लिया और उसको लेकर पेड़ पर चढ़ गया। इस वीडियो को क्रूगर साइटिंग्स नाम के यूट्यूब पेज ने शेयर किया है जिसको खूब पसंद किया जा रहा है। ये क्लिप दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क की है दुर्लभ दृश्य को कर्ट शुल्त्स ने 1 फरवरी, 2020 को रिकॉर्ड किया था जब वह एक मीटिंग के लिए जा रहे थे रिकॉर्डिंग में कर्ट शुल्त्स ने कहा, “मीटिंग से पहले मैंने फोटोग्राफी के लिए क्रूगर पार्क में जाने का फैसला किया जो मेरा शौक और जुनून है। उन्होंने कहा, ”मैं कुकुजा के पास गाड़ी से S21 के पास चला गया। वहां मैंने एक लंगूर को देखा, जो पेड़ पर चढ़ रहा था और उसके हाथ में कुछ चीज थी। पेड़ पर आम लगे थे। मुझे लगा कि उसके हाथ में आम होंगे. लेकिन गौर से देखा तो उसके हाथ में शेर का बच्चा था।” साथ ही उन्होंने कहा, ”इस एरिया में शेर भी पाए जाते हैं सुबह के वक्त शेर जंगल का दौरा करते हैं। और लंगूर का झुंड पेड़ पर आराम करता है हो सकता है, कि लंगूर ने शावक को उठा लिया हो और सुबह खाने की खोज के लिए निकला हो” फिर उन्होंने कहा, ”मैंने पहले सोचा था कि यह एक मादा लंगूर थी, लेकिन यह वास्तविक रूप से एक युवा मेल लंगूर था उसने सड़क पार की और एक मारुला पेड़ पर चढ़ गया” वीडियो में लंगूर को पेड़ों पर कूदते हुए दिखाया गया है। वो शेर के बच्चे को कंसकर पकड़े हुए है। ये सीन द लायन किंग के उस सीन की याद दिलाता है जब लंगूर सिम्बा को पकड़कर हवा में उठाता है।


महिला पत्रकार से अभद्रता, एसीपी को जांच

थाने के बाहर प्रदर्शन के बाद मामले की जांच एसीपी को सौंपी गई…


सरगना की पत्नी गिरफ्तार, अन्य की तलाश में छापे…


लखनऊ/नई दिल्ली। सीएए के विरोध में शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को कवरेज करने जा रही महिला पत्रकार संध्या सक्सेना को अगवा कर यातना देने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पत्रकारों के विरोध-प्रदर्शन के बाद नामजद आरोपियों की साथी महिला की गिरफ्तारी कर ली गई जबकि अन्य आरोपी अभी फरार हैं।


अपराधियों के खिलाफ संध्या ने चलाई थी खबर


“दिल्ली लाइव न्यूज” एवं “युवा जनसेवक” अखबार की संवाददाता संध्या सक्सेना 29 जनवरी को जब शाहीन बाग में कवरेज करने के लिए जा रही थीं तभी सट्टा चलवाने व मादक पदार्थों की बिक्री करने वाले अपराधी सनी ने अपने साथियों श्रीकांत, डाक्टर, राजेश, नवीन व एक महिला के साथ संध्या सक्सेना को अगवा कर लिया और एक मकान में ले जाकर उनके साथ बर्बरतापूर्ण ढंग से मारपीट की, नाखून उखाड़ दिए तथा अभद्रता करते हुए वीडियो भी बना लिया और रेप का प्रयास किया। संध्या के शोर मचाने पर अपराधी सोने की चैन, अंगूठी, कान की बालियां व मोबाइल छीनकर धमकी देते हुए फरार हो गए। संध्या का जेपीसीएच हाॅस्पिटल में डाक्टरी परीक्षण कराया गया।
दयालपुर पुलिस ने सही धाराओं में रिपोर्ट लिखने के बजाय संध्या को ही रात भर थाने में बैठाए रखा तथा अपराधियों के “दबाव” में संध्या पर बच्चा चोरी का आरोप लगा डाला और समझौते का दबाव डाला। पत्रकारों में इसको लेकर काफी रोष व्याप्त था, कल जब संध्या के समर्थन में पत्रकार दयालपुर थाने के बाहर प्रर्दशन कर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए तो इसके बाद डीसीपी (उत्तर पूर्वी) ने एसीपी गोकुलपुरी को जांच सौंपी। एसीपी की सख्ती के बाद पुलिस ने कई जगह दबिश देकर अपराधी सनी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया तथा अन्य की तलाश कर रही है। पत्रकार संध्या सक्सेना ने सनी व उसके साथियों के कारनामों की न्यूज छापी थी तभी से वे उनसे नाराज चल रहे थे।


डीपीआरओ का वेतन रोकने का आदेश

सौरभ कुमार


जालौन-माधौगढ। संपूर्ण समाधान दिवस के बाद डीपीआरओ अभय कुमार ने रामहेतपुरा की गौशाला का निरीक्षण किया। हालांकि गौशाला की व्यवस्था को देखकर संतुष्ट नजर आए लेकिन कहीं-कहीं कीचड़ होने पर उन्होंने प्रधान से खड़ंजा डलवाने को कहा। गौशाला में टैग लगी हुई 45 गाय थी जबकि बिना टैग की चार गाय थी। इस मौके पर उन्होंने सचिव संगीता देवी से विकासकार्यों के रिकॉर्ड दिखाने के लिए कहा लेकिन रिकॉर्ड नहीं दिखा सकीं। कारण पूछे जाने पर उन्होंने अभी तक चार्ज न दिए जाने की बात बताई। इस पर डीपीआरओ ने तत्कालीन सचिव सुनील कुमार की लापरवाही पर उनका वेतन रोकने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया।


सितंबर माह से तत्कालीन सचिव सुनील कुमार का तबादला हो गया लेकिन उसके बावजूद उन्होंने अभी तक सचिव संगीता देवी को चार्ज नहीं दिया है। जिसको डीपीआरओ ने बड़ी लापरवाही मानते हुए कार्रवाई करने की बात कही।


आरक्षण नहीं तो खनिज नहींः सोरेन

रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र को चुनौती दी है की अगर आरक्षण नहीं दिया तो राज्य कोयला और लोहा भी नहीं देगा। कल धनबाद में JMM के स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में ये बातें कही... उन्होंने खका की बीजेपी पहले कानून बनाती है और फिर उसे थोप देती है। ये लोग अराजकता फैला रहे हैं।


ऐसा इसीलिए किया जा रहा है ताकि आरक्षण खुद खत्म हो गए, लेकिन अगर आरक्षण नहीं मिला तो राज्य भी कोयला, लोहा और जमीन नहीं देगा। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा की केंद्र की जमीन अधिग्रहण नीति उन्हें मंजूर नहीं। साथ ही तल्ख़ लहजे में कहा कि जमीन अधिग्रहण के नाम पर घोटाला करनेवाले पदाधिकारी जेल जाने को तैयार रहें।


2 साल में तैयार हुआ 'तैरता होटल'

स्टॉकहोम। स्वीडन के उत्तरी भाग लैपलैंड क्षेत्र में ल्यूल नदी पर एक तैरता होटल और स्पा ‘द आर्कटिक बाथ’ मंगलवार को लोगों के लिए शुरू हो गया है। यहां लकड़ी के तैरते रास्ते और बोट के माध्यम से होटल में पहुंचा जा सकता है। ग्राहक एयरपोर्ट से होटल तक पहुंचने के लिए कार, हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। होटल में 12 कमरे हैं। होटल को बनाने का काम 2018 में शुरू हुआ था। इसे आर्किटेक्ट बर्टिल हैरस्ट्रॉम और जोहान कोप्पी ने डिजाइन किया है। इस बनाते वक्त प्राकृतिक माहौल बनाए रखने का पूरा ध्यान रखा गया है। इसे लेकर लोगों में ऐसा क्रेज है कि 2020 और 2021 के लिए बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है। यहां एक दिन का किराया 815 पाउंड (करीब 75 हजार रुपए) है। यह होटल गर्मी के दिनों में नदी पर तैरगा, लेकिन सर्दियों में जब नदी जम जाती है। ऐसे में होटल भी पानी के साथ फिक्स हो जाएगा।



होटल के रूम तक पहुंचने के लिए लकड़ी का रास्ता बनाया गया है।
स्पा सेंटर की थीम वेलनेस पर आधारित
ल्यूलिया एयरपोर्ट से एक घंटे 15 की दूरी पर स्थित होटल द आर्कटिक बाथ के स्पा सेंटर में वेलनेस थीम पर काम किया गया है। यहां पर ग्राहकों के न्यूट्रिशन, कसरत और मन की शांति के लिए विशेष मेडिटेशन थैरेपी दी जा रही है।



यह होटल स्वीडन के ल्यूलिया एयरपोर्ट से एक घंटे 15 की दूरी पर स्थित है। 
होटल की टीम ने पर्यटकों और स्थानीय गांव हेराड्स के लोगों के बीच तालमेल बिठाने की भी तैयारी की है। इसके तहत मेहमान गांव में जाकर घर स्थानीय निवासी के पास सेमी संस्कृति के बारे में जान सकेंगे।इस होटल को बनाने का काम 2018 में शुरू किया गया था।
इसके अलावा, ग्राहकों को यह जगह ध्रुवीय भालू को देखने, होर्स राइडिंग और नेचुरल फोटोग्राफी के लिए अनुकूल हैं। यहां से नॉदर्न लाइट्स के नजारे भी देखे जा सकते हैं।होटल के प्रचार के बाद 2021 तक की बुकिंग हो चुकी है। 
क्या होती है नार्दन लाइट
पृथ्वी के नार्थ और साउथ मैग्नेटिक पोल पर ये रोशनियां दिखाई देती हैं। नार्थ पोल के पास हवा में गैस के कण घूमते रहते हैं। यहां पर 6 महीने का दिन होता है और 6 महीने की रात होती है। जब इन गैस के कणों पर आधी रात को सूर्य की रोशनी पड़ती है तो आसमान में रंगबिरंगी रोशनियां चमकने लगती हैं। इन्हें ही नार्दन लाइट कहा जाता है। इनका आकार 20 किमी से लेकर 640 किमी तक होता है।


डीएम के सामने महिलाएं हिंसा का शिकार

डीएम की मौजूदगी में पुलिसिया हिंसा का शिकार हुईं महिलाएं, बच्चे और आम नागरिक


आज़मगढ-लखनऊ। जौहर अली पार्क बिलरियागंज, आज़मगढ़ में धरने पर बैठी महिलाओं पर तड़के सुबह लाठीचार्ज और आसूं गैस के गोले दागने की घटना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए रिहाई मंच ने डीएम और कप्तान के खिलाफ करवाई की मांग की। मंच ने कहा कि देर रात से ही डीएम की मौजूदगी में पुलिस बर्बरता कर रही थी।


कल से ही आज़मगढ के बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में कुछ महिलाएं नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ़ धरने पर बैठ कर लोकतांत्रिक तरीक़े से अपना विरोध दर्ज करा रही थी। शांतिपूर्ण धरना चल रहा था. आधी रात में तीन बस पुलिस आती है और पुलिस पूरे पार्क को घेरकर वहां मौजूद लोगों को खदेड़ देती है। पार्क में सिर्फ़ महिलाएं मौजूद रह जाती हैं। फिर महिलाओं को भी वहां से जाने को कहा जाता है पर महिलाएं संविधान और लोकतंत्र की बात कहती हैं। पुलिस बर्बरता पर उतारू होकर लाठी चार्ज, रबर की गोलियां, वाटर कैनन से लेकर आंसू गैस तक का अंधाधुंध इस्तेमाल करती है। पुलिस की बर्बरता यहीं नहीं रूकती बल्कि जिस पार्क में महिलाएं बैठी थी वहां पानी भर देती है और घरों में घुस-घुसकर जो मिला उसको पकड़ ले गयी। जिनको पकड़ ले गयी उनके मोबाइल तक स्विच ऑफ करवा दिया गया जिस वजह से परिवार से कान्टेक्ट ही नहीं हो पा रहा है। पूरे जिले में भय का माहौल आख़री पायदान पर है।


इस पुलिसिया दमन में महिलाओं, बच्चे-बच्चियों और पुरुषों को काफी चोटें आईं हैं। सूचना मिल रही है की रबर की गोली से तीन लोग घायल और एक महिला सरवरी ज़ख्मी हुई हैं। ये पूरी घटना अमानवीय तो है ही लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जिलाधिकारी की मौजूदगी ने बहुत से सवाल उठा दिये हैं। क्या जिलाधिकारी और पुलिस को महिलाओं के द्वारा संविधान और लोकतंत्र की बातें करना अच्छा नहीं लगा। क्या ये दमन सरकार के इशारे पर किया गया। क्या जिलाधिकारी भी अपनी शपथ भूल गए हैं।


ये घटनाक्रम बहुत शर्मनाक, अमानवीय है। रिहाई मंच इस घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए तत्काल जिन लोगों को पुलिस उठा ले गई है उनकी रिहाई की मांग करता है। पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच की मांग करता है।


महिला ने हॉस्पिटल से चुराया नवजात

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज से एक महिला द्वारा कथित तौर पर एक नवजात शिशु को चुराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। घटना सोमवार की है। महिला की उम्र 40-45 के आसपास है। परिवार ने उस महिला को अस्पताल का कर्मचारी मान लिया, जब वह उनकी मदद करने लगी। उसने बच्चे के पिता से डायपर डिस्पोज करने के लिए कहा और फिर बच्चे के साथ गायब हो गई।


पुलिस के मुताबिक, शख्स ने महिला को भागते हुए देखा। वह उसके पीछे भागा, लेकिन भीड़ में गायब होने के कारण उसे पकड़ नहीं पाया। घटनास्थल के पास सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। अस्पताल के अधिकारी महिला को पकड़ने के लिए आसपास के अन्य कैमरों की जांच कर रहे हैं। मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रचना चौधरी ने कहा, “मरीज सुमैया को प्रसव पीड़ा की शिकायत के बाद एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सोमवार दोपहर को उसने सीजेरियन सेक्शन द्वारा एक बच्चे को जन्म दिया था।”


उन्होंने कहा, “उसके बच्चे को दो घंटे तक ऑब्जर्वेशन के लिए नर्सरी में रखा गया था। इस समय के दौरान, आरोपी महिला ने सुमैया के पति, आसिफ के साथ बातचीत शुरू की। उसने उसकी मदद की क्योंकि पुरुषों को उस वार्ड में जाने की अनुमति नहीं है, जहां उसकी पत्नी भर्ती थी।”


30 साल तक औरत बना रहा पुरुष

अपनी मौत के डर से 30 साल से औरत बना घूम रहा ये मर्द, वजह जानकर रह जाओगे हैरान।


जौनपुर। आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुनकर आपका दिल भी धहक उठेगा। जी है यह घटना है उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जलालपुर थाना क्षेत्र के हौज खास निवासी चिंता हरण चौहान की। नाम तो इनका चिंता हरण है, लेकिन इन्हें मौत का डर ऐसा सता रहा है कि वो पिछले 30 साल से औरत बने घूम रहे हैं और सोलह श्रृंगार किए हुए।
चिंता हरण उर्फ करिया के मौत के डर की कहानी भी बड़ी ही खौफनाक है, जिसे सुनकर एक बार तो आप भी सोच में पड़ जाएंगे। दरअसल, 66 वर्षीय चिंता हरण के मुताबिक, प्रेत आत्मा के चक्कर में उनके परिवार के 14 लोगों की मौत हो गई थी। यह पीड़ा उन्हें सताती रहती है। उनकी आपबीती सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
चिंता हरण जब 14 साल के थे, तभी उनके घर वालों ने उनकी शादी कर दी, लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उनकी पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद कुछ सालों तक वो ऐसे ही रहे और 21 वर्ष की अवस्था में वो भट्ठे पर काम करने के लिए पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर चले गए।
चिंता हरण के हाथ में कई भट्टों के मजदूरों के रसोई के सामान की खरीदारी की जिम्मेदारी थी। वहां पर स्थित एक स्थानीय बंगाली की राशन की दुकान थी। चिंता हरण उसी राशन की दुकान से मजदूरों के लिए सामान खरीदने लगे। धीरे-धीरे दुकानदार से घनिष्ठता बढ़ती चली गई। इसके बाद दुकानदार ने चिंता हरण से अपनी बेटी की शादी का प्रस्ताव रखा और चिंता हरण ने बिना कुछ सोचे समझे बंगाली लड़की से विवाह कर लिया।
अब जब चिंता हरण की शादी की जानकारी जब उनके परिवार को हुई तो उन्होंने इसका विरोध किया, जिसके बाद चिंता हरण बिना बताए उस बंगाली लड़की को छोड़ कर गांव लौट गए। उधर बंगाली परिवार को चिंता हरण के असली घर का कोई पता नहीं था, इसलिए बंगाली लड़की ने इसे धोखा समझ कर चिंता हरण के वियोग में आत्महत्या कर ली।
लगभग एक साल के बाद चिंता हरण जब फिर कोलकाता वापस गए तो उनको पता चला कि उनकी बंगाली पत्नी ने उनके वियोग में खुदकुशी कर ली। इसके बाद चिंता हरण फिर घर वापस लौट गए। इधर, उनके परिवार वालों ने उनकी तीसरी शादी कर दी, लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही चिंता हरण बीमार पड़ गए। इसके साथ ही उनके घर के सदस्यों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया। चिंता हरण ने बताया कि उनके पिता राम जीवन, बड़ा भाई छोटाउ, उसकी पत्नी इंद्रावती और उसके दो बेटे, छोटा भाई बड़ाऊ और तीसरी पत्नी से तीन बेटियां व चार बेटों की मौत का सिलसिला एक के बाद एक चलता रहा। चिंता हरण ने बताया कि उनकी मृतक बंगाली पत्नी हमेशा उनके सपने में आती थी और वह चिंता हरण के धोखे पर खूब रोती थी। अब चूंकि परिवार के सदस्यों की मौत से चिंता हरण टूट चुके थे, इसलिए एक दिन सपने में उन्होंने मृतक बंगाली पत्नी से उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को बख्श देने की गुहार लगाई। सपने में रो-रो कर गुहार लगाने पर मृतक बंगाली पत्नी पिघल गई। उसने कहा कि मुझे सोलह सिंगार के रूप में अपने साथ रखो, तब सबको बख्श दूंगी।
बस इसी डर से पिछले 30 सालों से चिंता हरण सोलह श्रृंगार करके एक महिला के वेश में जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि उस घटना के बाद से वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हो गए और उनके घर में मरने का सिलसिला भी बंद हो गया। फिलहाल चिंता हरण के दो बेटे दिनेश और रमेश जिंदा हैं और वो अपने महिला बने पिता के साथ मजदूरी करते हैं। चिंता हरण अभी एक छोटे से कमरे में अपने दोनों बेटों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन डर के साये में।


रिपोर्टः त्रिलोकी नाथ


 


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...