बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

डीएम के सामने महिलाएं हिंसा का शिकार

डीएम की मौजूदगी में पुलिसिया हिंसा का शिकार हुईं महिलाएं, बच्चे और आम नागरिक


आज़मगढ-लखनऊ। जौहर अली पार्क बिलरियागंज, आज़मगढ़ में धरने पर बैठी महिलाओं पर तड़के सुबह लाठीचार्ज और आसूं गैस के गोले दागने की घटना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए रिहाई मंच ने डीएम और कप्तान के खिलाफ करवाई की मांग की। मंच ने कहा कि देर रात से ही डीएम की मौजूदगी में पुलिस बर्बरता कर रही थी।


कल से ही आज़मगढ के बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में कुछ महिलाएं नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ़ धरने पर बैठ कर लोकतांत्रिक तरीक़े से अपना विरोध दर्ज करा रही थी। शांतिपूर्ण धरना चल रहा था. आधी रात में तीन बस पुलिस आती है और पुलिस पूरे पार्क को घेरकर वहां मौजूद लोगों को खदेड़ देती है। पार्क में सिर्फ़ महिलाएं मौजूद रह जाती हैं। फिर महिलाओं को भी वहां से जाने को कहा जाता है पर महिलाएं संविधान और लोकतंत्र की बात कहती हैं। पुलिस बर्बरता पर उतारू होकर लाठी चार्ज, रबर की गोलियां, वाटर कैनन से लेकर आंसू गैस तक का अंधाधुंध इस्तेमाल करती है। पुलिस की बर्बरता यहीं नहीं रूकती बल्कि जिस पार्क में महिलाएं बैठी थी वहां पानी भर देती है और घरों में घुस-घुसकर जो मिला उसको पकड़ ले गयी। जिनको पकड़ ले गयी उनके मोबाइल तक स्विच ऑफ करवा दिया गया जिस वजह से परिवार से कान्टेक्ट ही नहीं हो पा रहा है। पूरे जिले में भय का माहौल आख़री पायदान पर है।


इस पुलिसिया दमन में महिलाओं, बच्चे-बच्चियों और पुरुषों को काफी चोटें आईं हैं। सूचना मिल रही है की रबर की गोली से तीन लोग घायल और एक महिला सरवरी ज़ख्मी हुई हैं। ये पूरी घटना अमानवीय तो है ही लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जिलाधिकारी की मौजूदगी ने बहुत से सवाल उठा दिये हैं। क्या जिलाधिकारी और पुलिस को महिलाओं के द्वारा संविधान और लोकतंत्र की बातें करना अच्छा नहीं लगा। क्या ये दमन सरकार के इशारे पर किया गया। क्या जिलाधिकारी भी अपनी शपथ भूल गए हैं।


ये घटनाक्रम बहुत शर्मनाक, अमानवीय है। रिहाई मंच इस घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए तत्काल जिन लोगों को पुलिस उठा ले गई है उनकी रिहाई की मांग करता है। पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच की मांग करता है।


महिला ने हॉस्पिटल से चुराया नवजात

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज से एक महिला द्वारा कथित तौर पर एक नवजात शिशु को चुराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। घटना सोमवार की है। महिला की उम्र 40-45 के आसपास है। परिवार ने उस महिला को अस्पताल का कर्मचारी मान लिया, जब वह उनकी मदद करने लगी। उसने बच्चे के पिता से डायपर डिस्पोज करने के लिए कहा और फिर बच्चे के साथ गायब हो गई।


पुलिस के मुताबिक, शख्स ने महिला को भागते हुए देखा। वह उसके पीछे भागा, लेकिन भीड़ में गायब होने के कारण उसे पकड़ नहीं पाया। घटनास्थल के पास सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। अस्पताल के अधिकारी महिला को पकड़ने के लिए आसपास के अन्य कैमरों की जांच कर रहे हैं। मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रचना चौधरी ने कहा, “मरीज सुमैया को प्रसव पीड़ा की शिकायत के बाद एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सोमवार दोपहर को उसने सीजेरियन सेक्शन द्वारा एक बच्चे को जन्म दिया था।”


उन्होंने कहा, “उसके बच्चे को दो घंटे तक ऑब्जर्वेशन के लिए नर्सरी में रखा गया था। इस समय के दौरान, आरोपी महिला ने सुमैया के पति, आसिफ के साथ बातचीत शुरू की। उसने उसकी मदद की क्योंकि पुरुषों को उस वार्ड में जाने की अनुमति नहीं है, जहां उसकी पत्नी भर्ती थी।”


30 साल तक औरत बना रहा पुरुष

अपनी मौत के डर से 30 साल से औरत बना घूम रहा ये मर्द, वजह जानकर रह जाओगे हैरान।


जौनपुर। आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुनकर आपका दिल भी धहक उठेगा। जी है यह घटना है उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जलालपुर थाना क्षेत्र के हौज खास निवासी चिंता हरण चौहान की। नाम तो इनका चिंता हरण है, लेकिन इन्हें मौत का डर ऐसा सता रहा है कि वो पिछले 30 साल से औरत बने घूम रहे हैं और सोलह श्रृंगार किए हुए।
चिंता हरण उर्फ करिया के मौत के डर की कहानी भी बड़ी ही खौफनाक है, जिसे सुनकर एक बार तो आप भी सोच में पड़ जाएंगे। दरअसल, 66 वर्षीय चिंता हरण के मुताबिक, प्रेत आत्मा के चक्कर में उनके परिवार के 14 लोगों की मौत हो गई थी। यह पीड़ा उन्हें सताती रहती है। उनकी आपबीती सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
चिंता हरण जब 14 साल के थे, तभी उनके घर वालों ने उनकी शादी कर दी, लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उनकी पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद कुछ सालों तक वो ऐसे ही रहे और 21 वर्ष की अवस्था में वो भट्ठे पर काम करने के लिए पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर चले गए।
चिंता हरण के हाथ में कई भट्टों के मजदूरों के रसोई के सामान की खरीदारी की जिम्मेदारी थी। वहां पर स्थित एक स्थानीय बंगाली की राशन की दुकान थी। चिंता हरण उसी राशन की दुकान से मजदूरों के लिए सामान खरीदने लगे। धीरे-धीरे दुकानदार से घनिष्ठता बढ़ती चली गई। इसके बाद दुकानदार ने चिंता हरण से अपनी बेटी की शादी का प्रस्ताव रखा और चिंता हरण ने बिना कुछ सोचे समझे बंगाली लड़की से विवाह कर लिया।
अब जब चिंता हरण की शादी की जानकारी जब उनके परिवार को हुई तो उन्होंने इसका विरोध किया, जिसके बाद चिंता हरण बिना बताए उस बंगाली लड़की को छोड़ कर गांव लौट गए। उधर बंगाली परिवार को चिंता हरण के असली घर का कोई पता नहीं था, इसलिए बंगाली लड़की ने इसे धोखा समझ कर चिंता हरण के वियोग में आत्महत्या कर ली।
लगभग एक साल के बाद चिंता हरण जब फिर कोलकाता वापस गए तो उनको पता चला कि उनकी बंगाली पत्नी ने उनके वियोग में खुदकुशी कर ली। इसके बाद चिंता हरण फिर घर वापस लौट गए। इधर, उनके परिवार वालों ने उनकी तीसरी शादी कर दी, लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही चिंता हरण बीमार पड़ गए। इसके साथ ही उनके घर के सदस्यों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया। चिंता हरण ने बताया कि उनके पिता राम जीवन, बड़ा भाई छोटाउ, उसकी पत्नी इंद्रावती और उसके दो बेटे, छोटा भाई बड़ाऊ और तीसरी पत्नी से तीन बेटियां व चार बेटों की मौत का सिलसिला एक के बाद एक चलता रहा। चिंता हरण ने बताया कि उनकी मृतक बंगाली पत्नी हमेशा उनके सपने में आती थी और वह चिंता हरण के धोखे पर खूब रोती थी। अब चूंकि परिवार के सदस्यों की मौत से चिंता हरण टूट चुके थे, इसलिए एक दिन सपने में उन्होंने मृतक बंगाली पत्नी से उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को बख्श देने की गुहार लगाई। सपने में रो-रो कर गुहार लगाने पर मृतक बंगाली पत्नी पिघल गई। उसने कहा कि मुझे सोलह सिंगार के रूप में अपने साथ रखो, तब सबको बख्श दूंगी।
बस इसी डर से पिछले 30 सालों से चिंता हरण सोलह श्रृंगार करके एक महिला के वेश में जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि उस घटना के बाद से वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हो गए और उनके घर में मरने का सिलसिला भी बंद हो गया। फिलहाल चिंता हरण के दो बेटे दिनेश और रमेश जिंदा हैं और वो अपने महिला बने पिता के साथ मजदूरी करते हैं। चिंता हरण अभी एक छोटे से कमरे में अपने दोनों बेटों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन डर के साये में।


रिपोर्टः त्रिलोकी नाथ


 


डिजिटल वॉलिंटियर फोर्स का सम्मान

गाजियाबाद। जन मानव उत्थान समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमांशी शर्मा डिजिटल वोलेंटियर फ़ोर्स की सदस्य को मिला सम्मान पत्र यह सम्मान हिमांशी शर्मा द्वारा कावड़ यात्रा में अपने योगदान  एवम ड्यूटी देने  के लिए मिला। यह सम्मान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिया गया  इस अवसर पर  सभी सम्मानित एंवम शासनिक प्रशासनिक अधिकारियों जैसे एस डी एम  एसपी सिटी सिओ सिटी  शहर कोतवाली घंटाघर कोतवाल  एंवम एस एस आई  व समस्त एस आई एवं पीएस कोतवाली घंटाघर गाज़ियाबाद उपस्थित रहे। 
पीएस कोतवालीघंटाघर गाज़ियाबाद के डिजिटल वालिटियर को अपनी डियुटी का जिम्मेदारी से निवाॅही करने पर सामाजिक दिशा निदेॅश जारी किया ओर सभी अधिकारीयो ने आपराधिक गतिविधियों पर पूर्ण रूप से अंकुश  लगाने की  नई ओर प्रबल  रणनीति बनाई गई हैं जिससे सभी का मन मोह लिया ओर 
अधिकारियों ने विश्वास दिलाया है कि सभी वेलिनटीयरो को ओर प्रभावी बनाने के लिए  ड्रेस कोड वआई कार्ड से मुसतेद रखा जाएगा। जिससे बड़े अधिकारियों में नई नई रणनीति ओर कुशल नेतृत्व से परिपूर्ण किया जाएगा हर वोलेंटियर को और सभी वोलेंटियर्स को सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया। उक्त जानकारी बबिता चौधरी मंडल अध्यक्ष द्वारा दी गयी।


शकीरा के वायरल डांस पर किया कमेंट

मुंबई। बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान शकीरा के बहुत बड़े फैन है। यह बात शाहरुख के ट्वीट ने साफ कर दी है। हाल ही में शकीरा और जेनिफर लोपेज सुपरबॉउल के हाफटाइम में साथ नजर आई। इस दौरान पॉप क्वीन शकीरा और जेनिफर लोपेज ने स्टेज पर तहलका मचा दिया। इस डांस और सिंगिंग के लिए हजारों फैन्स की भीड़ इक्ट्ठा थी। स्टेडियम में परफॉर्म के दौरान लगभग 65,000 दर्शक मौजूद थे। शो के दौरान उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए है। शाहरुख खान ने अपने ट्विटर हैंडल में लिखा, "इतना अद्भुत, इतना परिश्रमी इतना मनोरंजक काम, मेरा सबसे पसंदीदा है।"


विवाद ग्रस्त एसडीएम पर जानलेवा हमला

विवाद ग्रस्त एसडीएम पर जानलेवा हमला?
पुलिस कप्तान ने मौके का किया मुआयना
छतरपुर। अनुविभाग छतरपुर के एसडीएम अनिल सपकाले के ऊपर आज अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला किया। जैसे ही यह जानकारी शहर में फैली तो एसडीएम कार्यालय में हुजूम लगना शुरु हो गया। पुलिस कप्ताल तिलक सिंह एवं एडीशनल एसपी जयराज कुबेर ने मौके का मुआयना किया और पूरी स्थिति से अवगत हुए। इसके बाद सिटी कोतवाली की प्रभारी सरिता वर्मन और नगर पुलिस अधीक्षक उमेश शुक्ला ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया। वहीं दूसरी ओर जिले भर के डिप्टी कलेक्टर और अपर कलेक्टर प्रेम सिंह चौहान भी एसडीएम कार्यालय में पहुंचे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छतरपुर एसडीएम अनिल सपकाले जब से छतरपुर डिवीजन में पदस्थ हुए हैं तभी से वह विवाद ग्रस्त बने हुए हैं। पहला विवाद उनका छतरपुर कलेक्टर मोहित बुंदस से पदस्थापना को लेकर हुआ उसके बाद से अनिल सपकाले के द्वारा 35 वर्ष से बने मकानों की जमीनों को शासकीय घोषित कर जिले में हडकंप मचा दिया। फिर दूसरी कार्यवाही अभय भदौरिया एवं अन्य 14 लोगों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कर खसरा क्रमांक 336/1 की कदारी हल्का की जमीन को वर्षों से भू स्वामियों के नाम क्रय विक्रय होने के बावजूद भी शासकीय घोषित किया गया। इसमें जिला कलेक्टर मोहित बुंदस की अनुमति नहीं ली गई। इसी प्रकार अभी हाल ही में पन्ना रोड पर स्थित लोटस कॉलोनी की भूमि को शासकीय घोषित किए जाने की अफवाहों में चलते एसडीएम पर लगातार भू माफियों का दबाव बढ़ रहा था। आज सुबह 9 बजे अज्ञात लोगों ने एसडीएम कार्यालय में आकर एसडीएम अनिल सपकाले के ऊपर जानलेवा हमला किया। एसडीएम अनिल सपकाले ने इसकी लिखित शिकायत नगर पुलिस अधीक्षक को दिए पत्र में अज्ञात लोगों के नाम दर्ज कराई है। कुछ लोगों का कहना है कि मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है पुलिस यदि सख्ती से कार्यवाही करेगी तो असलियत उजागर हो जाएगी। आखिरकार दिन दहाड़े एसडीएम कार्यालय में ऐसे कौन से बाहुबली लोग हैं जो कि एसडीएम पर जानलेवा हमला करने का साहस कर सकते हों। वह भी पुलिस अधीक्षक बंगले के सामने। फिलहाल पूरा मामला प्रदेश की सुर्खियों में बना हुआ है और अब पुलिस ने मामले की विवेचना शुरु कर दी है।


रामकुमार


मुठभेड़ में जवान शहीद, दो आतंकी ढेर

खुशबू गुप्ता


श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चल रही है। लावेपोरा इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर में सिक्योरिटी फोर्सेज ने दो आतंकियों को मार गिराया है, वहीं इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया है।


सुरक्षाबलों को लवेपोरा इलाके में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। जिसके बाद इलाके में सर्च अभियान चलाकर चारों तरफ से घेराबंदी की गई। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुए एनकाउंट ने सिक्योरिटी फोर्सेज ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया वहीं एक जवान शहीद भी हो गया। इससे पहले पाकिस्तान ने मंगलवार को पुंछ में LoC के पास सीजफायर का उल्लंघन किया था। पुंछ के किरनी और शाहपुर में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की गई और मोर्टार भी दागे गये। जिसका भारतीय सेना ने भी मुहंतोड़ जवाब दिया।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...