सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

भ्रष्टाचार का हमाम 'संपादकीय'

भ्रष्टाचार का हमाम    'संपादकीय' 


देश के सभी राज्यों में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर विरोध, धरना-प्रदर्शन के साथ, खूब हो-हंगामा किया जा रहा है। जबकि यह नागरिकता कानून राष्ट्रीय एकता और अखंडता को संजोए रखने में मील का पत्थर साबित होगा। इस विषय को लेकर होने वाला दंगा-फसाद कोरी राजनीति है। इस राजनीति की आग में घी डालने का काम योजनाबद्ध ढंग से किया जा रहा है। इसके पीछे असली चेहरे को बेनकाब करना देश की भ्रष्ट संस्थाओं के बस की बात नहीं है। यह घटिया राजनीति समुदाय विशेष के हितों के प्रतिकूल है। यह बात समझने की आवश्यकता है कि कानून से कौन प्रभावित हो रहा है? हालांकि यह बहुत अधिक महत्व नहीं रखता है। क्योंकि कानून भारत के नागरिकों के हित में निहित है।
 परंतु इस पर देशभर में होने वाले हंगामे के पीछे किसका हाथ है? उन लोगों तक हमारी जांच करने वाली संस्थाएं पहुंच बनाने में विफल साबित हो रही है। हो सकता है कि सत्ता पक्ष का कोई रसूखदार-नामचीन व्यक्ति इस प्रकरण का आधार बना हो। देश में अराजकता फैलाकर कोई विशेष रणनीति बनाई जा रही हो। क्योंकि विपक्ष का कद इतना छोटा हो गया है कि उसकी आवाज चीख-पुकार के बीच कोई भी नहीं सुन पा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था रेंग रही है। रोजगार दम तोड़ रहे हैं। आम आदमी के जीवन से जुड़े विषयों से हटकर, असल मुद्दों से अलग राजनीति का क्या औचित्य है? देश में अप्रत्याशित भ्रष्टाचार अपनी जड़े जमा चुका है। भ्रष्टाचार के विरोध को आधार बनाने वाली भाजपा ही भ्रष्टाचार में अव्वल है। आधार-बिंदु से भटकी भाजपा को दिल्ली-विधानसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ेगी। बल्कि कई राष्ट्रीय नेताओं के लिए यह पराजय टीस बनकर रहेगी। कुछ नेता तो इस टीस को साथ लेकर ही जिएंगे। जिन्होंने विचारधारा को प्रवाहित करने का कार्य किया है। वे लोग बुझे मन से साथ है और उनके कदमों की ताल धीमी पड़ गई है। क्योंकि वह सब लोग समझ चुके हैं कि 'भ्रष्टाचार के हमाम में सब नंगे' है।


राधेश्याम 'निर्भय-पुत्र'


पतित-पावन 'उपन्यास'

पतित पावन       'उपन्यास' 
गतांक से...


जया के संबोधन से चारों तरफ सन्नाटा पसर गया था। 
सन्नाटे के भीतर संवेदना जागृत हो गई थी। इन चंद शब्दों के प्रहार से भावनात्मक प्रक्रिया विश्लेषक हो रही थी, रह-रहकर विश्लेषण हो रहा था। मन में कई प्रकार के सवाल घर कर रहे थे। यह किसी एक विशेष के लिए नहीं था, जो लोग वहां पर उपस्थित थे। उन सब के जेहन में कई सारे सवाल घर कर गए थे। गलूरी कुछ समय तक जया को ताकता रहा, भांपता रहा, फिर कुछ लंबी सांस लेकर गलूरी ने कहा- बेटी तू क्यूँ व्याकुल हौवै? बता के चाह?
जया ने भावनात्मक आवरण को तोड़कर गलूरी की तरफ देखा और बड़े शांत स्वभाव में शालीनता के साथ कहा- पिताजी क्या मजदूरों को इनके भरपेट अनाज नहीं मिलना चाहिए, यह लोग कितनी यातनाएं झेलते हैं, कितनी दुत्कार के बाद भी कितने कष्ट सहकर, कितना कठोर परिश्रम करते हैं। किंतु इन्हें प्रताड़ना के अलावा और कुछ नहीं मिलता है। क्या इन्हें भरपेट खाना नहीं मिलना चाहिए? सबसे अहम बात यह कि ये लोग ही हमारा वजूद है। दिन-रात हमारे खेतों में काम करते हैं। अगर किसी प्रकार की कोई समस्या आ जाती है तो उस समस्या के सामने सबसे पहले यही खड़े होते हैं। यह लोग खेत से जुड़ी हुई हर चिंता और समस्या के सामना करने के लिए तत्पर रहते हैं। दिन-रात, सर्दी-गर्मी, बरसात से फसलों को बचाकर उन्हें धन-धान के रूप में बदल देते हैं और इन्हें बदले में इनके सुख के लिए क्या मिलता है? भूखे पेट रहना,  इनका भरण-पोषण भी नहीं होगा तो क्या यह काम कर पाएंगे? गलूरी मुस्कुरा कर बोला- आज मुझे पता चल गया, मारी लड़की लाखों में एक है, बेटी तू सही कहरी। जो कुछ तूने कहा आज के बाद वही होगा। 
जया मंद-मंद मुस्कुराने लगी उसकी मुस्कुराहट से आंखों मे चमक आ गई, सभी मजदूर विश्मय में भरी नजरों से जया की ओर देखते थे। मन में यही विचार आ रहा था कि 12 वर्ष की छोटी सी लड़की कितनी उत्तम वक्ता है, उसके पास कितनी अच्छी समझ है। सुंदरता के साथ-साथ कितनी बुद्धिमान है? वास्तव में जया को देवी स्वरूप समझने लगे थे। इतने महान विचार किसी अलौकिक शक्ति के ही हो सकते थे। इस प्रकार के विभिन्न-विचार और कल्पनाओ के वाक्य सभी के दिमाग में घूम रहे थे। अपने पिता जी से संतुष्ट होकर जया, कल्पना के पास चली गई। कल्पना बहुत डरी हुई थी। वैसे वह बार-बार आंखें चुरा रही थी फिर कंप-कपाती आवाज से लड़-खडाती हुई कल्पना ने कहा- तुम्हारे लिए तीतली पकड़ी थी उड़ गई, दांटोकी तो नहीं।
 जया ने मित्र प्रेम से ओतप्रोत होकर कहा- और पकड़ेंगे, इसमें डरने की क्या बात है। तुम बहुत अच्छी हो मेरे साथ पढ़ा करना। दोनों एक साथ रहेंगे और मुझे पता लग गया कि तुम बहुत अच्छा गाती भी हो। 
कल्पना ने शांत स्वर से कहा- कभी-कभी। 
जया ने निवेदन पूर्ण कहा- हमें भी गाकर सुनाओ। 
कल्पना ने कुछ मुंह बना कर कहा- आज नहीं फिर कभी। 
इसी अंतराल में माधुरी ने जया को स्नेह पूर्ण आवाज लगाकर बुला लिया। कई दिनों तक जया गांव में चर्चा का विषय बनी रही। कई लोग उसे इस बदलाव का कारण मानते थे। कई लोग उसे आलौकिक शक्ति समझ रहे थे। लोगों के दिमाग में तरह-तरह के विचार और कल्पनाएं थी। लेकिन जया ने मेहनतकश मजदूर लोगों को एक राहत का अहसास कराया था। मजदूर वर्ग जया के प्रति समर्पित हो गया था। बल्कि यूं कहिए कि जया के प्रति एक सम्मान उनके मस्तिष्क में घर कर गया था। उनकी आत्माओं से जया के लिए शुभाशीष निकलते थे। सभी ने जया को मन से आशीर्वाद दिए थे और आश्चर्य था। सब कहते भी थे गलूरी के यहां किसी देवी का अवतरण हुआ है। इस प्रकार के सम्मान को पाकर, लोगों की आंखों में अपने प्रति इतना आदर और सम्मान मिलने के बाद गलूरी और माधुरी का हृदय गदगद हो उठा। उन्हें आत्म संतुष्टि का एक विशेष एहसास हो रहा था। इसके पीछे वास्तविकता यही थी की जया को सुंदर होने के साथ-साथ अत्यंत गुणवान और असाधारण व्यक्तित्व की स्वामित्तव प्राप्त था। उसमें दया-करुणा कूट-कूट कर भरा था। प्रबल बुद्धि होने के कारण अल्प आयु में ही जया ने अपार ख्याति प्राप्त कर ली थी। आसपास के गांव में दूरदराज लोगों तक जया के द्वारा किए गए कार्य सराहना पा रहे थे। साथ ही जया विद्यालय में अपनी कक्षा में सर्वोत्तम विद्यार्थी के रूप में प्रतिस्थापित भी हो रही थी। कभी-कभी तो अध्यापक भी असमंजस में पड़ जाते थे कि इस प्रकार की प्रतिभा और दृष्टि अवलोकन असामान्य ही है। यह एक सामान्य व्यक्ति की पहुंच से बाहर होते हैं। इसी के चलते जया कभी विद्यालय में कोई डांट नहीं खाती थी। उसके साथ अध्यापकों का, आचार्यों का व्यवहार इतना विनम्र और आदर पूर्ण था कि जया को कोई भी विषय अथवा प्रश्न् दुविधा में नहीं डाल सकता था।
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कल्पना ने जैसे ही कमरे के भीतर प्रवेश किया चारों तरफ बैठने के लिए मुढ्ढे पड़े हुए थे। एक मुढ्ढे पर जय बैठी थी। कल्पना ने जया की तरफ देखा। जया ने खड़े होकर बड़े स्नेह के साथ कहा- आओ-आओ डरो नहीं, यहां बैठो। अभी तो 3:30 ही बजे हैं मैंने तुम्हें 4:00 बजे बुलाया था। कल्पना भयभीत सी बोली- कहीं देर ना हो जाए, जल्दी आ गई। जाऊं बाद में आ जाऊंगा। 
जया ने रौब से कहा-क्यों? कल्पना ने उसी मुद्रा में कहा- तुम्हे मेरी वजह से कोई दिक्कत ना हो जाए। जया ने विनम्रता से कहा- कोई बात नहीं बैठ जाओ, खाना खाकर आई है, या यूं ही चली आई है? 
कल्पना ने उसी मुद्रा में गर्दन हिलाते हुए कहा-हूं।
 इतना ही कह पाई थी उसने पलके उठा कर वातावरण को नापने की भांति दृष्टि घुमा कर कहा- आचार्य मारेंगे तो नहीं, पहली बार पढ़ने आई हूं,इसलिए थोड़ी सी डर रही हूं। 
जया ने मित्र स्नेह की मुद्रा में कहा- डरने की कोई जरूरत नहीं है, आचार्य तुम्हें खा नही जाएंगे, हम भी तुम्हारे साथ ही हैं और वैसे भी तुम बहुत बुद्धिमान हो, आचार्य को बहुत ज्यादा परिश्रम नहीं करना पड़ेगा।


कृत:- चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भय-पुत्र'


खतरनाक स्तर पर पहुंचा देह व्यापार

नई दिल्ली। खाने के सामान जुटाने के लिए टीनेजर लड़कियां महज 22 रुपये तक में देह व्यापार कर रही हैं। वहीं, कुछ बेहतर स्थिति में लड़कियों को 70-80 रुपये भी इसके लिए मिल रहे हैं। ये हालात दक्षिणी अफ्रीका के कई इलाकों के हैं जो खाने के संकट का सामना कर रहे हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, मानवीय आधार पर लोगों को सहायता पहुंचाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था वर्ल्ड विजन ने कहा है कि भूख से जान बचाने के लिए अंगोला में महज 12 साल तक की लड़की करीब 30 रुपये में देह व्यापार कर रही हैं।


यूनाइटेड नेशन्स का कहना है कि दक्षिणी अफ्रीका में साढ़े चार करोड़ लोग भूख की समस्या झेल रहे हैं। इसके पीछे सूखा, बाढ़ और आर्थिक हालात को जिम्मेदार बताया गया है। वर्ल्ड विजन का कहना है कि उनके स्टाफ ने देखा है कि अंगोला और जिम्बाव्बे में देह व्यापार करने वाली लड़कियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं, संकट की वजह से बाल विवाह का खतरा भी बढ़ गया है।


अंगोला में वर्ल्ड विजन के इमरजेंसीज डायरेक्टर रॉबर्ट बुल्टन ने कहा- हो सकता है कि यहां एक लड़की को सेक्स के लिए 72 रुपये (स्थानीय मुद्रा में 500 क्वान्जा) मिल जाए या उसे 29 रुपये (200 क्वान्जा) भी मिल सकते हैं।


रॉबर्ट ने कहा कि बीते एक साल में अंगोला में कई अनाजों के दाम दोगुने हो गए हैं जिससे लोगों को उन्हें खरीदने में मुश्किल हो रही है। अगली फसल जून से पहले नहीं होगी, इसलिए अभी हालात और खराब हो सकते हैं। जिम्बाब्वे को लेकर केयर इंटरनेशनल संस्था ने भी कहा है कि 14 साल तक की लड़कियां देह व्यापार कर रही हैं। संस्था की रिजनल जेंडर एक्सपर्ट एवरजॉय महुकु ने कहा- कई बार इन लड़कियों को महज 22 रुपये ही मिलते हैं। एक्शन एड के रिजनल एडवाइजर चिकोन्डी चबवुता ने कहा कि मलावी और मोजाम्बिक में भी लड़कियों और महिलाओं को जबरन देह व्यापार करना पड़ रहा है।


केजरीवाल और चुनाव-आयोग को नोटिस

माही राणा


नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करने वाले 11 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अरविंद केजरीवाल औऱ निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 6 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।


दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका खारिज करने के बाद अब 11 लोगों ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनके तथ्यों पर गौर किए बिना ही याचिका खारिज कर दी। 28 जनवरी को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 11 लोगों की याचिका खारिज कर दी थी। सिंगल बेंच ने कहा था कि याचिका संविधान की धारा 226 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 100 के तहत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका में कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उनका नामांकन पत्र स्वीकार नहीं किया। हाईकोर्ट में दाखिल संयुक्त याचिका में कहा गया है कि उनका नामांकन दाखिल करने दिया जाए और जब तक उनका नामांकन दाखिल नहीं हो जाए तब तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की जाए। दिल्ली में उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी थी। याचिका में कहा गया है कि ये सभी लोग 20 जनवरी को नामांकन दाखिल करने गए थे। उन्हें नामांकन दाखिल करने के लिए टोकन भी दिया गया था लेकिन 20 जनवरी को उनका नामांकन दाखिल नहीं हो सका। उन्हें नामांकन दाखिल करने के लिए 21 जनवरी को बुलाया गया, लेकिन जब वे 21 जनवरी को रिटर्निंग अफसर के पास गए तो उनका टोकन स्वीकार नहीं किया गया।


याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब 21 जनवरी को नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे तो उनका नामांकन पत्र प्राथमिकता के आधार पर दाखिल कराया गया जबकि याचिकाकर्ताओं को बाहर निकाल दिया गया। यह सब अरविंद केजरीवाल को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। याचिका दाखिल करने वालों में किरन पाल सिंह त्यागी, पंकज कुमार, गोपाल प्रसाद, रविंदर कुमार, अवधेश कुमार सिंह, वीरेंद्र सक्सेना, आशा शुक्ला, पंकज, जितेंद्र श्रीवास्तव, नीरज और महात्मा महतो हैं।


तकनीक से यातायात बनेगा सुगम-सुरक्षित

रायपुर। राजधानी में ट्रैफिक को स्मार्ट बनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख के मार्गदर्शन एवं एमआर मंडावी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर के निर्देशन में यातायात पुलिस रायपुर द्वारा लगातार नई तकनीक का प्रयोग करते हुए यातायात को सुगम सुरक्षित बनाने में प्रयासरत है। इसी कड़ी में यातायात पुलिस रायपुर द्वारा स्मार्ट स्टॉपिंग सिस्टम तकनीकी का इजाद पहली बार रायपुर शहर के एसआरपी चौक पर किया गया। जिसमें लेजर तकनीक के माध्यम से रेड सिग्नल में स्टाप लाइन के आगे बढ़ने वाले वाहन चालकों को स्टाप लाइन के पीछे वाहन रोकने हेतु बताया जाता है। इस तकनीक के प्रयोग से चौक चौराहों पर बिना यातायात पुलिस के वाहन चालकों को स्टाप लाइन का एवं यातायात सिग्नल का पालन कराने में सुविधा होगी एवं अन्य चौक चौराहा पर भी इस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके पूर्व भी यातायात पुलिस रायपुर द्वारा स्मार्ट ट्रैफिक जैकेट का प्रयोग किया गया जो काफी सफल रहा । लोगों द्वारा इस तकनीक का काफी प्रशंसा की है एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख द्वारा स्मार्ट जैकेट एवं स्मार्ट स्टॉपिंग सिस्टम नई तकनीक का इजाद करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सतीश ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर को बधाई दी।


हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगाए बडे टॉर्च

कोरबा। कोरबा जिले की हाथी प्रभावित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में हाथियों से बचाव के लिये 25-25 बड़े टॉर्च और फ्लोरोसेंट स्ट्रीप लगे जैकेट दिये जायेंगे। ताकि हाथियों के आने पर उन्हें लाईट दिखाकर भगाया जा सके। कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल विगत दिनों देर शाम जिले के हाथी प्रभावित सलिहाभांठा, पचरा, तुमान क्षेत्र में पहुॅंची। उन्होंने इन जगहों पर पंचायत चुनाव के लिये मतदान के बाद ग्रामीणों से इस बारे में बातचीत की और उनकी परेषानियॉं जानीं। पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा और अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल के साथ श्रीमती कौषल ने इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों से बचाव के लिये कई जरूरी टीप्स भी दिये। 
अपने भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि हाथियों की समस्या सिर्फ कोरबा जिले की ही नहीं बल्कि हाथियों के रास्ते में आने वाले सभी जिले के ग्रामीणों की है। हमारे प्रदेष में कोरबा के साथ-साथ रायगढ़, कोरिया, सरगुजा जैसे जिले भी हाथियों के इस आने-जाने के रास्ते में पड़ते हैं। जहॉं ग्रामीणों को इनसे नुकसान उठाना पड़ता है। कलेक्टर ने हाथियों के हमले पर उन्हें गांवों से भगाने के लिये ग्राम पंचायतों में 25-25 बड़े टॉर्च उपलब्ध कराने के निर्देष अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को दिये। इसके साथ ही उन्होंने 25-25 फ्लोरोसेंट स्ट्रीप वाले जैकेट भी ग्राम पंचायतों को देने के निर्देष दिये। हाथियों के हमले के दौरान बड़ी टॉर्चों से उनकी ऑंखों पर लाईट मारकर उन्हें दूर भगाने का प्रयास किया जायेगा। इसके साथ ही फ्लोरोसेंट स्ट्रीप वाली जैकेटों पर प्रकाष पडऩे से उसकी चमक से भी हाथियों की ऑंखें चौंधाने से उन्हें भगाने में सहायता होगी। कलेक्टर ने हाथी प्रभावित ग्राम पंचायतों में युवाओं के दस-दस समूह बनाकर उन्हें हाथियों के हमले से बचाव का प्रषिक्षण देने के लिये भी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को निर्देषित किया। कलेक्टर ने इन प्रषिक्षित दलों को हाथियों को भगाने के लिये जरूरी सामान टॉर्च, जैकेट, साउण्ड सिस्टम, मसाल आदि भी उपलब्ध कराने की बात कही। 
ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कलेक्टर श्रीमती कौषल ने कहा कि हाथियों से सुरक्षा के लिये सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हाथियों को आकर्षित करने वाली चीजों जैसे- महुआ, महुये की शराब को ग्रामीण अपने घरों में ना रखें। धान एवं मक्का को भी बोरों में भरकर ग्राम पंचायत की किसी पक्की बिल्डिंग, सामुदायिक भवन या घर में बोरों पर पहचान चिन्ह लगाकर या नाम लिखकर एक साथ रखें। कलेक्टर ने कहा कि हाथी कच्चे घरों को आसानी से क्षतिग्रस्त कर देते हैं, परन्तु पक्की बिल्डिंगों को नहीं तोड़ पाते हैं। कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों में एक-एक पक्की मजबूत बिल्डिंग को चिन्हांकित कर उसे हाथियों के हमले के दौरान ग्रामीणों के ठहरने, सोने आदि के लिये भी उपयोग करने के निर्देष अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने दूरस्थ वनांचलों में ग्रामीणों को दूर-दूर कच्चे घर बनाकर रहने की बजाय एक ही स्थान पर घर बनाकर सामूहिक रूप से छोटे पारा या मोहल्ले के रूप में रहने की भी सलाह दी। ताकि हाथियों के हमले के दौरान सुरक्षा हो सकें। कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् स्वीकृत आवासों को जहॉं तक सम्भव हो सके लोहा, सीमेंट, ईंट से पक्के बनाने की भी सलाह ग्रामीणों को दी।


मानसिक विकास में सहायक गुलाब

प्यार का इजहार करने के लिए अक्सर एक दूसरे को गुलाब दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं एक गुलाब के फूल की खुशबू आपकी नींद और दिमाग के लिए वरदान साबित हो सकती है। हालही में गुलाब पर हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि गुलाब की खुशबू नींद की गुणवत्ता में सुधार ला सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिनों गुलाब की खूशबू के फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक अध्ययन किया गया है। यह अध्ययन स्टूडेंट्स पर किया गया।
दो हिस्सों में बांटे गए स्टूडेंट्स
गुलाब की खुशबू के फायदे पता लगाने के लिए अध्ययन में स्टूडेंट्स को दो हिस्सों में बांटा गया। जिनमें से स्टूडेंट्स के एक ग्रुप को गुलाब की खुशबू के साथ रखा गया, जबकि दूसरे ग्रुप को बिना गुलाब के रहने के लिए कहा गया। शोधकर्ताओं ने कहा, हमने देखा कि गुलाब की सुगंध का सहायक प्रभाव रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत मजबूती से काम करता है और इसे लक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि परीक्षा समूह के प्रतिभागियों को अंग्रेजी शब्दावली सीखने के दौरान घर पर अपने डेस्क पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के लिए कहा। इन्हीं छात्रों को रात में बिस्तर पर सोने से पहले साइड टेबल पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के भी कहा गया। वहीं, स्टूडेंट्स का दूसरा ग्रुप सामान्य तौर पर ही रोजमर्रा के काम करता रहा।
परिणामों की तुलना परीक्षण परिणामों से की गई, जिसमें स्टूडेंट्स से एक या उससे ज्यादा बार गुलाब या उगरबत्ती लगाने के लिए नहीं कहा गया है। जर्मनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग के शोध प्रमुख जुर्गन कोर्नमीयर ने कहा, जब सोने और सीखने के लिए पास में गुलाब या अगरबत्ती का प्रयोग किया गया, तब विद्यार्थियों ने 30 प्रतिशत के साथ पढ़ाई में सफलता दिखाई।
दिमाग भी होता है तेज
स्टूडेंट्स पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि गुलाब की खुशबू से नींद अच्छी आती है और पढऩे, याद करने की क्षमता में भी सुधार आता है।


पेट्स को प्यार-देखभाल की जरूरत

पेट्स पालना हम सभी को पसंद होता है। ऐसा देखा गया है कि जिस घर में पेट्स होते हैं, उस घर के बच्चे भावनात्मक रूप से अधिक मजबूत होते हैं। उन्हें दूसरों की केयर करना और दूसरे के इमोशंस की कद्र करना अपने अन्य हम उम्र बच्चों की तुलना में कहीं अधिक आता है। लेकिन घर में डॉग, केट या कोई दूसरा पेट पालने का मतलब होता है एक और बच्चा पालना। क्योंकि पेट्स को बिल्कुल बच्चों की तरह देखभाल और प्यार की जरूरत होती है। अगर आपके घर में भी कोई पेट है तो यहां जानें, उसकी सही देखभाल के तरीके… 
पेट लेने से पहले जरूरी है यह बात जानना 
अगर आपके घर में पहले से पेट है तो उसकी ब्रीड यानी नस्ल के बारे में पता लगाकर, उसकी जरूरतों के अनुसार उसकी देखभाल और खान-पान का ध्यान रखें। अगर आप डॉग लाने के बारे में सोच रहे हैं तो हमारा सुझाव है कि आप देसी नस्ल का ही डॉग अडॉप्ट करें। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसकी देखभाल करना विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में कहीं अधिक आसान होता है। 
कम केयर में ज्यादा सेहत 
अगर आप देसी नस्ल का डॉग लाते हैं तो आपको उसकी देखभाल के लिए बहुत कम समय देना पड़ता है। क्योंकि उसके लिए यहां के वातावरण में रहना आसान होता है। उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यहां के वायुमंडल के हिसाब से होती है इसलिए उसे यहां कम बीमारियां होगी। वह बीमार कम होगा तो आपको उसकी देखभाल कम करनी होगी साथ ही आपके बजट पर भी असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि आप वेटेरिनरी डॉक्टर के पास चक्कर काटने से बचेंगे।
ट्रेनिंग जरूर कराएं 
अगर आप चाहते हैं कि आपका डॉग या अन्य पेट आपकी बात मानें और उसका व्यवहार अच्छा रहे तो पेट ट्रेनर से उसे तभी कुछ महीने के ट्रेनिंग दिला दें, जब वह 3 से 4 महीने का हो। सिर्फ व्यवहार की ही नहीं आप अपने पेट को खान-पान की ट्रेनिंग भी दें। जब भी अपने पेट को कोई नई चीज खिलानी हो तो पहले उसे उस फूड की स्मेल के साथ फेमिलियर बनाएं फिर कम मात्रा में ही परोसें। ताकि आपको पता चल सके कि आपका पेट इस फूड को पसंद कर रहा है या नहीं।
वॉकिंग होनी चाहिए ऐसी 
हेल्दी पेट के पैरंट बनने के लिए आपको यह बात जाननी होगी कि सिर्फ डॉग, पपी, कैट या रेबिट पालने से ही काम नहीं बन जाता। बल्कि उन्हें सेहतमंद रखने के टिप्स जानना भी जरूरी है। आपको पता होना चाहिए कि पेट के लिए रफ सरफेस पर चलना जरूरी होता है। इससे उनके नेल्स नैचरल तरीके से ट्रिम होते रहते हैं। 
पर्सनल केयर टिप्स 
पेट को नहलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान उसके कानों में पानी ना चला जाए। उसके दांतों की देखभाल यानी डेंटल केयर के लिए अपने वेटेरनरी डॉक्टर से जरूर बात करें और इस बारे में टिप्स लें।
जब छोडऩा हो अकेला 
अगर आप अपने डॉग को या पेट को घर पर अकेला छोड़कर जा रहे हों तो उसके लिए इंस्ट्रूमेंटल ट्यून या सॉफ्ट म्यूजिक प्ले करके जाएं। आप चाहें तो अपनी रिकॉर्डेड आवाज भी प्ले करके जा सकते हैं। इससे उसे आपके घर में ही होने का अहसास होगा और वह शांत बना रहेगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 04, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-178 (साल-01)
2. मंगलवार, फरवरी 04, 2020
3. शक-1941, माघ - शुक्ल पक्ष, तिथि- दसमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:02,सूर्यास्त 05:58
5. न्‍यूनतम तापमान 8+ डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.:-935030275
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रविवार, 2 फ़रवरी 2020

माइनॉरिटी को सालों से 'दलों ने ठगा'

माइनारिटी के लोगों को तीस सालों से क्षेत्रीय पार्टियों ने ठगा:तमजीद अहमद



कौशाम्बी। आज कांग्रेस के माइनारिटी डिपार्टमेंट के जिला चेयरमैन तमजीद अहमद कि अगुवाई में माईनारटी डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम का सन्देश कई गाँव तक पहुचाया। उन्होंने कहा जिस तरह से भाजपा कि बांटो और राज करो कि राजनीति में संविधान कि रक्षा के लिए प्रियंका गांधी के अगुवाई में  कांग्रेस पार्टी ने सड़क से सांसद तक लड़ाई लड़ी और इस लड़ाई से जिस तरह से क्षेत्रीय दलों ने खुद को अलग किया उससे खासतौर पे माइनारिटी के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे। उन्होंने लोगों से अपील कि वक्त आ गया है कि फिरकापरस्त ताकतों को हराने के लिए कांग्रेस पार्टी कि तरफ सर्वसमाज के साथ साथ अकलियत समाज के लोगों को लामबंद होना चाहिए। भरवारी, रोही, सिंहोरी, कोखराज, गनपा, जलालपुर सहित कई गाँवो का दौरा कर उन्होंने पार्टी को मजबूत करने कि अपील की इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी, मक़सूद कुरैशी,नदीम अहमद, फुरकान,आलम अहमद, विपिन, अब्बान, लवकुश, अदनान सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।


जैगम अब्बास


'महिला एवं बाल विकास विभाग' की समीक्षा

मुंगेली। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नुपूर राशि पन्ना ने कलेक्ट्रेट कंपाउंड स्थित मनियारी सभाकक्ष में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के मुंगेली विकासखण्ड की दोनों बाल विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डीएमएफ फंड अंतर्गत स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों को अंडा एवं केला वितरण एवं बच्चों के पोषण स्तर में परिवर्तन तथा जिला प्रशासन से एकत्रित स्वेच्छिक दान फंड अंतर्गत स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों में एनीमिया पीड़ित महिलाओं की पौष्टिक थाली तथा उनके वजन के प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही गर्भवती महिलाओं को महतारी जतन योजना से शत-प्रतिशत लाभांवित किये जाने की समीक्षा भी की गई।


जिला पंचायत सीईओ द्वारा स्वच्छता, साफ-सफाई, आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध आकस्मिक व्यय की राशि से बच्चों की व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी सामग्री की उपलब्धता, शौचालय पेयजल उपलब्धता, पंजियों के रखरखाव, समय अनुसार केंद्र संचालन इत्यादि की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए गए। ग्रामीण महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के द्वारा सेनेटरी पेड के उपयोग के संबंध में जानकारी लेते हुए संक्रमण से बचाव के निर्देश दिए गए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र कश्यप, दोनों परियोजनाओं की परियोजना अधिकारी तथा पर्यवेक्षक तथा संबंधित आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता एवं समूह की महिलाएं उपस्थित थी।


आदित्यनाथ ने की 'आरोग्य योजना' की शुरुआत

चंदौली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को चंदौली से ‘मुख्यमंत्री आरोग्य योजना’ की शुरूआत की। साथ ही मुख्यमंत्री ने नौगढ़ के देवखत गांव स्थित महर्षि वाल्मीकि सेवा संस्थान परिसर में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि हम दुनिया के अंदर सबसे बड़ी सामूहिक स्वास्थ्य की योजना का प्रदेश के 4200 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक साथ प्रारंभ कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने का अधिकार है और शासन का यह दायित्व बनता है कि वह इस प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उन लोगों तक पहुंचाए। यह पहली बार हो रहा है कि हर सप्ताह प्रत्येक रविवार प्रातः 10 बजे से लेकर दो बजे तक हर पीएचसी में ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ का आयोजन होगा जिसमें मरीज को बिना भेदभाव आरोग्यता से संबंधित परामर्श और दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से एक वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी ने देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ प्रारंभ की थी, जिससे उत्तर प्रदेश के 06 करोड़ लोग आच्छादित हो रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति की आरोग्यता के लिए बिना भेदभाव के और समाज के प्रत्येक तबके को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके इस दृष्टि से आज हम सब ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ प्रारंभ कर रहे हैं। इस दौरान दो बच्चों का अन्नप्राशन और गर्भवती महिलाओं की गोदभराई भी की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के लिए 2 करोड़ 51 लाख 47 हज़ार 820 रुपए का चेक प्रदान किया


उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक पात्रता के अनुसार हर व्यक्ति को यह दवाएं उपलब्ध कराने एवं शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने में योगदान दें। हर सप्ताह, हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ‘आयुष्मान भारत’ एवं ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ के गोल्डन कार्ड बनने व वितरण की व्यवस्था होगी। मिशन इंद्रधनुष व स्वास्थ्य संबंधी सभी योजनाओं से आच्छादित करने की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में सभी केंद्र पर कम से कम 4 डॉक्टर रहेंगे। साथ ही इलाके के मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इससे उनको चिकित्सा का अनुभव मिलेगा। मेले में एक आयुष चिकित्सक और मोबाइल यूनिट भी तैनात होगी।


उन्होंने जन आरोग्य मेले में नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया व निमोनिया की रोकथाम, बचाव व इलाज की जानकारी व संबंधित सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि आज से हर रविवार दस बजे से दोपहर 2:00 बजे तक सभी 4200 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप लगा कर उपचार किया जायेगा।


2 हफ्ते भी नहीं चली जॉन की पांचवी शादी

मुंबई। हॉलीवुड प्रोड्यूसर जॉन पीटर्स के साथ पांचवी बार शादी रचाकर सुर्खियों में आईं एक्ट्रेस और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट पामेला एंडरसन का ये विवाह दो हफ्ते भी नहीं चल पाया।पामेला ने 12 दिनों के बाद जॉन से अलग होने का फैसला किया है। उन्होंने एक आधिकारिक बयान के जरिए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा, मैं जॉन और अपने यूनियन को मिले रिसेप्शन से बेहद खुश हूं। हम बेहद शुक्रगुजार होंगे अगर आप हमारे फैसले का एक बार फिर समर्थन करें। हम देखना चाहते हैं कि दो इंडीविजुएल के तौर पर हम अपनी जिंदगी में और एक दूसरे से क्या ख्वाहिशें रखते हैं और इसे लेकर आत्मविश्लेषण करना चाहते हैं। लाइफ एक यात्रा है और प्यार एक प्रोसेस है। इस यूनिवर्सल सच्चाई को ध्यान में रखते हुए हम दोनों ने अपने मैरिज सर्टीफिकेट को आधिकारिक ना करने का फैसला किया है। आपका बेहद शुक्रिया हमारी प्राइवेसी को रिस्पेक्ट करने के लिए।


रेलबोगी में 50 लाख रुपए कैश बरामद

रांची। हटिया रेलवे स्टेशन से जीआरपी ने 50 लाख रुपए कैश बरामद किया है। जिस यात्री के पास से यह कैश बरामद हुआ है उससे पुलिस पूछताछ कर रही है। आयकर विभाग जांच में जुटी
एक साथ इतना कैश देखकर जवान भी चौंक गए और तुरंत आयकर विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी।आयकर विभाग के अधिकारी इसके बारे में जांच कर रहे हैं।बरामद पैसे को गिरने में अधिकारियों को घंटे लग गए। 


बताया जा रहा है कि संदिग्ध यात्री तपस्विनी एक्सप्रेस में सवार था। इस दौरान ही चेकिंग के दौरान जीआरपी ने जब बैग चेक किया तो कैश रखा हुआ था। पूछताछ में बताया है कि वह उड़ीसा से कैश लेकर रांची आ रहा था। यह पैसा कारोबार का है। लेकिन पुलिस को भरोसा नहीं है। क्योंकि कारोबार करने वाला कोई भी इतना एक साथ कैश लेकर नहीं चल सकता है। जरूर कोई गलत काम का पैसा होगा. फिलहाल जांच जारी है।
मनीष कुमार


बिहार में प्रतिदिन 50 लोगों की हत्या

पटना। बिहार में बेलगाम अपराध को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर एक बार फिर से जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने दावा किया है कि बिहार में हर दिन औसतन 50 मर्डर की घटनाएं हो रही हैं। बिहार में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची और सड़क पर बलात्कार, लूट, गोलीबारी और बमबारी का दौर जारी है। तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार को कोई रोक नहीं सकता है जबकि सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार ने अपराधियों के सामने सरेंडर बोल दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि बिहार में कथित सुशासन राज की हकीकत सबके सामने आ चुकी है। बिहार में इन दिनों लॉ एंड आर्डर की स्थिति ख़राब है।रविवार को भी राजधानी पटना में हथियार के बल पर लूट हुई। अरवल में एक दलित महिला के साथ गैंगरेप की वारदात हुई। छपरा जिले में भी अपराधियों ने एक बिजनेसमैन को गोली मार दी। इन तमाम अपराधीक घटनाओं को रोकने में सूबे की पुलिस नाकाम साबित हो रही है।


22 वेंं दिन भी डटे रही महिला आंदोलनकारी

दिन भर आता रहा जुलूस,भीड़ से गदगद नज़र आए आन्दोलनकारी प्रोटेस्ट के २२ वें दिन भी डटी रही महिलाएँँ
बार बार पुलिस के आने से लोगों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर शक


प्रयागराज। मंसूर अली पार्क में एनआरसी,एनपीआर और सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के २२वें दिन भी महिलाओं ने ज़ोरदार हुंकार भरी।वहीं चकिया से साठ फिट रोड होते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं ने तिरंगा लेकर प्रोटेस्ट मार्च करते हुए मंसछर अली पार्क पहोँचीं।वहीं दायरा शाह अजमल,कोलहन टोला,हसन मंज़िल,अकबरपुर,रसूलपुर,बैदनटोला आदि क्षेत्रों से भी कई जुलूस निकले।हाँथों मे तिरंगा और एनपीआर ,एनआरसी और सीएए के खिलाफ स्लोगन लिखी तखतियाँ हाँथों मे लेकर महिलाओं ने मंसूर अली पार्क का रुख करते हुए जमकर नारेबाज़ी की।वहीं प्रोग्रेसिव राईटर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर अली जावेद भी दिल्ली से चल कर समर्थन को पहोँचे।मंसूर अली पार्क में चल रहे धरना को सम्बोधित करते हुए उनहोने सीएए एनपीआर और एनआरसी को देश की आम जनता के लिए काला क़ानून बताते हुए कहा की यह देश अम्बेडकर के संविधान और गांधी के अहिंसा की सोच से चलेगा न की गोडसे की विचारधारा से। इस मिट्टी को हमारे पुरखों ने खून देकर सींचा है।उनहोने काले क़ानून की वापसी न होने तक इस हक़ की लड़ाई को जारी रखने का आहवाहन किया।वहीं सामाजिक एक्टिविस्ट उत्पला शुक्ला ,अल्कारिया यासमीन ने भी महिलाओं में जोश भरा।धरना प्रदर्शन के बाईसवें दिन भी तमाम राजनीतिक दलों के लोगों के साथ ओलमा और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी महिलाओं के जज़बे को सलाम करते हुए उनके साथ हमेशा खड़ा रहने की बात कही।सबीहा मोहानी,नेहा यादव,सायरा अहमद,ज़िशान, सै०इफ्तेखार हुसैन,इरशाद उल्ला,सै०मो०अस्करी,तारिक खान,अफसर महमूद,अब्दुल्ला तेहामी,नफीस अनवर,अरशद अली,मुशीर अहमद,आक़िब जावेद खान,शाकेब,नवाब आलम,अकिलूर्रहमान,शोएब अन्सारी,रमीज़ अहसन,मोईन हबीबी,मशहद अली खाँ सहित हज़ारों लोग उपस्थित रहकर काले क़ानून की वापसी तक आन्दोलन को जारी रखने का संकल्प लिया।


बृजेश केसरवानी


देश के कोने-कोने से पहुंचे प्रचारक

नई दिल्ली। हिमाचल बीजेपी नेता दिल्ली में बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। रविवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने ओखला और बदरपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया और सभाओं को संबोधित किया। सभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद देश को पीएम नरेंद्र मोदी जैसा सशक्त नेता मिला है, जिसका लोहा पूरी दुनिया ने माना है। उन्होंने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक लोगों में एक विश्वास पैदा किया है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनेगा।डॉ. राजीव बिंदल ने कहा नेतृत्व में बीजेपी ने पूरा देश जीता और दिल्ली के लोकसभा चुनावों में सभी सातों सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया। बिंदल ने कहा पिछले 22 सालों में दिल्ली में जो भी सरकार बनी उसने दिल्ली की जनता के साथ छलावा किया है। पिछले 22 सालों में भारत बदल गया पर दिल्ली नहीं बदली। अब दिल्ली के लोग विकास चाहते हैं। बिंदल ने कहा कि देश में जहंा भी बीजेपी की सरकार बनी वहां चैतरफा विकास हुआ है। आज पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है। बिंदल ने दिल्ली वासियों से अपील की है।


कोरोना वायरस से चीनी नागरिकों के लिए रोक

नई दिल्ली। भारत ने रविवार को चीन से आने वाले चीनी एवं अन्य विदेशी यात्रियों के लिए ई-वीजा की सुविधा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी। भारत ने यह कदम चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से 300 से अधिक लोगों की मौत, 14,562 लोगों के संक्रमित होने और भारत, अमेरिका, ब्रिटेन सहित 25 देशों में इसके प्रसार के मद्देनजर उठाया है।
भारतीय दूतावास ने यहां घोषणा की, ‘‘हाल की गतिविधियों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से ई-वीजा के माध्यम से भारत की यात्रा पर रोक लगाई जाती है। दूतावास ने कहा कि यह फैसला चीनी पासपोर्ट धारकों और अन्य देशों के उन आवेदकों पर लागू होगा जो चीन की मुख्य भूमि में रहते हैं। इसी प्रकार से जिन लोगों को पहले ही ई-वीजा जारी किया जा चुका है वे ध्यान दें कि अब उनका ई-वीजा वैध नहीं है।
भारतीय दूतावास ने आदेश में कहा कि जिन लोगों के लिए भारत की यात्रा अपरिहार्य है वे बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास और शंघाई एवं ग्वांगझोउ स्थित महा वाणिज्य दूतावास और इन शहरों में स्थित भारतीय वीजा आवेदन केंद्रों से संपर्क कर सकते हैं। इस बीच, भारत ने दूसरी पाली में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित वुहान में फंसे 323 भारतीय और मालदीव के सात नागरिकों को रविवार को निकाला। इस प्रकार भारत ने दो विमानों से 654 लोगों को वुहान से निकाला है।


पार्टी निर्माण की ओर, डगर नहीं आसान

राणा ओबराय

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर नई पार्टी बंनाने की और अग्रसर,परन्तु डगर नही आसान!

चण्डीगढ़। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने करनाल में एक प्रेस वार्ता में बताया कि वह आगामी 16 तारीख को जन्मदिन के अवसर पर नई पार्टी बनाएंगे। प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने का प्रयास करेंगे। अशोक तंवर कांग्रेस छोड़ने के कारण बताते हुए कहा कांग्रेस के नेताओ ने एक सोची-समझी षड्यंत्र के तहत राहुल और उसकी टीम को फेल करने की कोशिश की। उन्होंने बताया इसी कारण से उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था। अशोक तवर का एक नई पार्टी बनाने का प्रयास उनके हिसाब से अच्छा हो सकता है और हम कामना करते हैं कि वह कामयाब हो। परंतु राजनीतिक पार्टी बनाना और चलाना सरल बात नहीं है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, भजनलाल और उनके पुत्र कुलदीप बिश्नोई आदि भी अपनी पार्टी बना कर प्रदेश में सत्ता वापसी करने का प्रयास कर चुके हैं। परंतु इसमें सफल नहीं हुए अभी हाल ही में इनेलो पार्टी सबसे पुरानी पार्टियों में से एक मानी जाती है। परंतु वह भी संघर्ष करते हुए नजर आ रही है। इनेलो पार्टी में सिर्फ एक ही विधायक बना है औऱ वो भी खुद अभय सिंह चौटाला। इसलिए अशोक तंवर ने नई पार्टी बनाने का जो सपना सोचा है उसको बड़े ध्यान से और धैर्य पूर्वक सोच विचार करके ही पूरा करना चाहिये। वैसे तो विधानसभा चुनाव लगभग 5 वर्ष के बाद ही होने हैं। परंतु इन 5 वर्षों में अशोक तवर क्या ऐसी मजबूत पार्टी खड़ा कर पाएंगे कि जिससे वह सरकार बना सके। कहीं ऐसा ना हो कि उनका स्वपन भी बंसीलाल और भजनलाल व उनके पुत्र कुलदीप जैसा साबित ना हो।


आदित्यनाथ यूपी की सत्ता में हुए 'काबिज'

कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब से उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज हुए हैं तब से उन्होंने कानपुर शहर को जाम से निजात दिलाने को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शहर के महत्वपूर्ण चौराहों पर ऑफिस खुलने और बंद होने के पीक आवर में जाम लगना अब आम बात हो चली है। इसके अलावा अब तो हालात यहां तक आ पहुंचे हैं कि आपको कब, किस समय, किस चौराहे पर कितने भयानक जाम का सामना करना पड़ जाए, यह कह पाना काफी मुश्किल है। हालांकि इस यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर कानपुर शहर के तकरीबन हर चौराहे पर सीसीटीवी से लेकर सिग्नल तक की व्यवस्था की गई है जिसमें हमारे और आपके करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए हैं। बावजूद इसके भी ई-चालान का खौफ कनपुरियों में कुछ खास नहीं दिखता है। जो थोड़ा बहुत डर बचता भी है तो कई रसूखदार अपने टाइट सिस्टम के जरिए कनपुरियों के इस डर पर अपनी मोहर लगाकर इस डर की सौदेबाजी कर लेते हैं। एक अनुमान के मुताबिक कानपुर शहर में फर्राटा मार रहे कमर्शियल वाहनों में करीब 80 फ़ीसदी वाहन यातायात नियमों समेत आरटीओ को ठेंगे पर रखते हुए शहर भर में दौड़ रहे हैं। इनमें ओवरलोडिंग की समस्या तो अब बहुत आम बात हो चली है जबकि कई वाहन तो ऐसे भी हैं जिनमें वाहन चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के कागज  समेत फिटनेस संबंधी मानकों पर ये वाहन खरे नहीं उतरते। और अब जबकि यातायात नियम संबंधित जुर्माने में कई फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है। तब भी इस बढ़ोतरी का सीधा लाभ सरकारी राजस्व में न पहुंचाकर इन रसूखदारों और सिस्टमबाजों की झोली में डालने पर पूरा जोर यातायात विभाग के ही कुछ लोगों द्वारा दिया जा रहा है। शहर के अंदर रसूखदारों और सिस्टमबाजों की दुकानें तो काफी लंबे वक्त से चल रही थी लेकिन अब जबकि यातायात नियमों के उल्लंघन से संबंधित जुर्माने में काफी बढ़ोतरी हो गई है। तब से आम जनमानस समेत इन कामर्शियल वाहन चालकों में नियम कानून समेत जुर्माने का ऐसा डर बसा कि नियम कानून मानने की बजाय इन्हें इन रसूखदारों और सिस्टमबाजों का संरक्षण लेना ही पड़ा।
ऐसे ही एक रसूखदार हैं शकील सिद्दीकी जो जे एस ऑटोलोडर एसोसिएशन के नाम से मानकों के विपरीत शहर में फर्राटा मार रहे सैकड़ों की तादाद में कॉमर्शियल वाहनों को न सिर्फ सदस्यता देते है बल्कि उनसे मासिक 100 रुपए का शुल्क लेकर उनके नियमों और मानकों पर पर्दा डालने का काम भी करते हैं। हालांकि इनके इस एसोसिएशन के रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल और मान्यता से संबंधित नियम कानून खुद संदेह के घेरे में बने हुए हैं। कुछ भी हो.... मतलब साफ है यदि आप किसी भी प्रकार से यातायात विभाग के नियमों और मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन आपके पास जे एस ऑटो लोडर एसोसिएशन की सदस्यता है तो आपके ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करने को लेकर अन्ततः यातायात विभाग मजबूर हो जाएगा।
यातायात विभाग के एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार के मुताबिक पूर्व में प्रकाशित हमारी खबर को संज्ञान में लेते हुए आए दिन शकील सिद्दीकी के जे एस ऑटो लोडर एसोसिएशन की सदस्यता से संबंधित कमर्शियल वाहनों के जुर्माने काटे जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अब तक करीब 15 वाहनों से 5000 रुपए के हिसाब से जुर्माना वसूला गया है। लेकिन यह काफी नहीं है.... हमें इंतजार है कब यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए इन कॉमर्शियल वाहनों के चालानों की संख्या 150 पहुंचती है और फिर 1500 क्योंकि शहर में ऐसे कामर्शियल वाहनों की संख्या सैकड़ों से लेकर हजारों तक है जिनको शकील सिद्दीकी जैसे कई रसूखदार अपने उगाही तंत्र के माध्यम से संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। हमारे अगले संस्करण में हम आपको ऐसे ही एक और रसूखदार के विषय में बताएंगे।


'समाजवादी पार्टी' कार्यकर्ताओं में उत्साह

समीर मिश्रा


कानपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश मिश्रा के जन्मदिन के अवसर पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह देखने को मिला और बारादेवी चौराहा, साइड नंबर वन चौराहा, किदवई नगर चौराहा, बर्रा, आनंदपुरी की तरह 21 जगहों समेत अपने कार्यालय पर केक काटकर सैकड़ों की तादाद में मौजूद कार्यकर्ताओं ने अपने प्रिय नेता का जन्मदिन मनाया। जन्मदिन के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे ओम प्रकाश मिश्रा ने सभी युवाओं को नई ऊर्जा, नई किरण परोसी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेरणा पर चलने को कहा। इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष समाजवादी पार्टी चंद्रेश सिंह हसन रूमी, पूर्व महासचिव समाजवादी पार्टी पूर्व नगर अध्यक्ष युवजन सभा प्रवीण कुमार, बंटी यादव,
 वीरेंद्र त्रिपाठी पूर्व प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी,
 बृजेंद्र यादव नगर सचिव समाजवादी पार्टी,
 सलमान खान सेवक समाजवादी पार्टी, सैफ वारसी युवा सपा नेता, एजाज मंसूरी युवा सपा नेता,  मनी मिश्रा, मोनू वर्मा, मिंटू यादव, आयुष मिश्रा समेत समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...