कोरबा। कोरबा जिले की हाथी प्रभावित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में हाथियों से बचाव के लिये 25-25 बड़े टॉर्च और फ्लोरोसेंट स्ट्रीप लगे जैकेट दिये जायेंगे। ताकि हाथियों के आने पर उन्हें लाईट दिखाकर भगाया जा सके। कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल विगत दिनों देर शाम जिले के हाथी प्रभावित सलिहाभांठा, पचरा, तुमान क्षेत्र में पहुॅंची। उन्होंने इन जगहों पर पंचायत चुनाव के लिये मतदान के बाद ग्रामीणों से इस बारे में बातचीत की और उनकी परेषानियॉं जानीं। पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा और अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल के साथ श्रीमती कौषल ने इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों से बचाव के लिये कई जरूरी टीप्स भी दिये।
अपने भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि हाथियों की समस्या सिर्फ कोरबा जिले की ही नहीं बल्कि हाथियों के रास्ते में आने वाले सभी जिले के ग्रामीणों की है। हमारे प्रदेष में कोरबा के साथ-साथ रायगढ़, कोरिया, सरगुजा जैसे जिले भी हाथियों के इस आने-जाने के रास्ते में पड़ते हैं। जहॉं ग्रामीणों को इनसे नुकसान उठाना पड़ता है। कलेक्टर ने हाथियों के हमले पर उन्हें गांवों से भगाने के लिये ग्राम पंचायतों में 25-25 बड़े टॉर्च उपलब्ध कराने के निर्देष अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को दिये। इसके साथ ही उन्होंने 25-25 फ्लोरोसेंट स्ट्रीप वाले जैकेट भी ग्राम पंचायतों को देने के निर्देष दिये। हाथियों के हमले के दौरान बड़ी टॉर्चों से उनकी ऑंखों पर लाईट मारकर उन्हें दूर भगाने का प्रयास किया जायेगा। इसके साथ ही फ्लोरोसेंट स्ट्रीप वाली जैकेटों पर प्रकाष पडऩे से उसकी चमक से भी हाथियों की ऑंखें चौंधाने से उन्हें भगाने में सहायता होगी। कलेक्टर ने हाथी प्रभावित ग्राम पंचायतों में युवाओं के दस-दस समूह बनाकर उन्हें हाथियों के हमले से बचाव का प्रषिक्षण देने के लिये भी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को निर्देषित किया। कलेक्टर ने इन प्रषिक्षित दलों को हाथियों को भगाने के लिये जरूरी सामान टॉर्च, जैकेट, साउण्ड सिस्टम, मसाल आदि भी उपलब्ध कराने की बात कही।
ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कलेक्टर श्रीमती कौषल ने कहा कि हाथियों से सुरक्षा के लिये सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हाथियों को आकर्षित करने वाली चीजों जैसे- महुआ, महुये की शराब को ग्रामीण अपने घरों में ना रखें। धान एवं मक्का को भी बोरों में भरकर ग्राम पंचायत की किसी पक्की बिल्डिंग, सामुदायिक भवन या घर में बोरों पर पहचान चिन्ह लगाकर या नाम लिखकर एक साथ रखें। कलेक्टर ने कहा कि हाथी कच्चे घरों को आसानी से क्षतिग्रस्त कर देते हैं, परन्तु पक्की बिल्डिंगों को नहीं तोड़ पाते हैं। कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों में एक-एक पक्की मजबूत बिल्डिंग को चिन्हांकित कर उसे हाथियों के हमले के दौरान ग्रामीणों के ठहरने, सोने आदि के लिये भी उपयोग करने के निर्देष अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने दूरस्थ वनांचलों में ग्रामीणों को दूर-दूर कच्चे घर बनाकर रहने की बजाय एक ही स्थान पर घर बनाकर सामूहिक रूप से छोटे पारा या मोहल्ले के रूप में रहने की भी सलाह दी। ताकि हाथियों के हमले के दौरान सुरक्षा हो सकें। कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् स्वीकृत आवासों को जहॉं तक सम्भव हो सके लोहा, सीमेंट, ईंट से पक्के बनाने की भी सलाह ग्रामीणों को दी।
सोमवार, 3 फ़रवरी 2020
हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगाए बडे टॉर्च
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