शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

'याचिका' को तत्कालीन राष्ट्रपति ने करा खारिज

नई दिल्ली। अमरोहा के शबनम,सलीम की फांसी की सजा का मामलाअब के बार फिर से गरमा गया है, जब देश में निर्भया के दोषियों को सजा की बात हो रही हो तब। सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए भेजी दया याचिका को तत्कालीन राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। प्रणब मुखर्जी ने शबनम की याचिका खारिज कर दी थी।सलीम की दया याचिका भी खारिज कर दी थी। अमरोहा में 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर शबनम ने 7 हत्याएं की थी। इन हत्यारों ने पुरे परिवार में किसी नहीं को नहीं बख्सा था। अगर शबनम को फांसी हुई तो देश में पहली महिला को फांसी लगेगी। क्या है पूरी कहानी शबनम यानी कि वह पार्क चीज जिसे देख हर किसी को मोहब्बत हो जाती है जी हां शबनम को हिंदी में ओस या तुषार कहते हैं। उर्दू में उसको शबनम कहते हैं। लेकिन ऐसे खूबसूरत नाम को आज अमरोहा के बावन खेड़ी गांव में कोई याद करना नहीं चाहता है जब शबनम का नाम जेहन में आता है एक-एक कर साथ लाते हैं सामने खड़ी नजर आती हैं। अमरोहा के बावन खेड़ी गांव में अब किसी बेटी का नाम शबनम नहीं रखा जाता वह यूं ही नहीं इसका एक बहुत बड़ा कारण है इस कारण के पीछे 10 साल पहले प्रेम में अंधी हो चुकी इसी गांव की शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार के 7 लोगों का गला रेत दिया इन सब की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना की चर्चा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में हुई थी एक दशक पुराने हत्याकांड को याद कर आज भी गांव के लोग सिहर उठते हैं इसलिए अब कोई भी अपनी बेटी का नाम इस गांव में शबनम नहीं रखता है जिन्होंने रखा भी था। उन्होंने अब अपनी बेटी का नाम बदल लिया है। जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर हसनपुर थाना क्षेत्र के बावन खेड़ी गांव में 14 15 अप्रैल की रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक ही परिवार के 7 लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी गई इस घर में सिर्फ एक 25 वर्षीय लड़की बची थी जिसका नाम था शबनम। घटना का अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती अगले ही दिन गांव पहुंच गई थी और जल्द ही अधिकारियों को इस घटना के खुलासे करने के निर्देश जारी किए थे।शबनम ने सलीम के साथ मिलकर अपने पूरे परिवार का सफाया कर दिया उस समय शबनम 7 सप्ताह की गर्भवती भी थी। शुरूआत में उसने यह दलील देकर खुद को बचाने की कोशिश की कि लुटेरों ने उसके परिवार पर हमला कर दिया था और बाथरूम में होने की वजह से वह बच निकलने में कामयाब रही लेकिन परिवार में सुख वही एकमात्र जिंदा बची थी। इसलिए पुलिस का शक उस पर गहरा गया और उसकी कॉल डिटेल खंगाल ई गई तो सारा सच सामने आ गया। शबनम और सलीम को 2 साल बाद अमरोहा की सत्र अदालत ने मौत की सजा सुनाई निचली अदालत के फैसले के बाद इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी मोहर लगा दिए सब नम पिछले करीब 10 साल से 8 माह के बच्चे सहित सात लोगों की हत्या के मामले में मुरादाबाद जेल में बंद है। जब उसका प्रेमी सलीम आगरा सेंट्रल जेल में बंद है। शबनम और सलीम का बेटा अब करीब 10 साल का हो चुका है जिसका लालन-पालन बुलंदशहर के पत्रकार उस्मान सैफी और उनकी पत्नी वंदना करती हैं। उस्मान शबनम के कॉलेज में ही पढ़ते थे और उनसे 2 साल जूनियर थे उन्हें जब इस घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने बच्चे की जिम्मेदारी लेने का फैसला किया। उस्मान का कहना है कि वह और शबनम अक्सर एक साथ बस में जाते थे एक बार फीस भरने के लिए जब उनके पास पैसे नहीं थे तो शबनम ने उनकी फीस भरने में मदद की थी। शबनम की उम्र अब 35 साल हो गई है और घटना को 10 साल से अधिक समय गुजर चुका है। लेकिन लोग आज भी खौफनाक वारदात को भूले नहीं है शबनम के घर के सामने रहने वाले इंतजार अली कहते हैं उस घटना के बाद बावन खेड़ी के किसी भी घर में शबनम नाम की लड़की ने जन्म नहीं दिया आज भी अपनी बेटियों को शबनम नाम देने से डरते हैं कि कहीं घटना की पुनरावृत्ति ना हो जाए फिलहाल शबनम और सलीम को फांसी दी जाएगी या नहीं इस पर इसी महीने सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने वाला है। दोनों ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी लेकिन इस जघन्य अपराध को देखते हुए राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी। अब एक बार फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इसी महीने सुनवाई होनी है इस घटना पर फांसी की सजा बरकरार रहती है। तो शबनम देश की पहली महिला होगी जिसे फांसी की दी जाएगी अब सबकी इस मामले पर निगाह टिकी हुई है।आखिर 7 लोगों को जान से मारने वाली शबनम को सरकार फांसी कब देगी और इस गांव को शबनम नाम से कब निजात मिलेगी।


न्यूजीलैंड को छह विकेट से करारी मात

ऑकलैंड। आज से शुरू हुए भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला मुकाबला ऑकलैंड में खेला गया। इस पहले इंटरनेशनल टी 20 मुकाबले में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड को छह विकेट से करारी मात दी है। इस पूरे पारी के हीरो रहे श्रेयस अय्यर ने महज 29 गेंद में नाबाद 58 रन बनाये. इसे पहले 203 रनो का पीछा करने उतरी भारतीय तरफ से मजबूत शुरुआत करते हुए केएल राहुल ने 27 गेंदों मेतूफ़ानी 59 रन और कप्तान कोहली ने 32 गेंदों में 45 रन बनाये।
आज का दिन बॉलर्स के लिए कुछ ख़ास नहीं रहा। टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने उतरी भारतीय टीम के गेंदबाजों की जमकर धुलाई हुई। न्यूजीलैंड की तरफ से ओपनर कॉलिन मुनरो 42 गेंदों में 59 रन, रॉस टेलर ने 27 गेंदों में 54 और कीवी कप्तान केन विलियम्सन ने 26 बॉल का सामना करते हुए 51 रन बनाये थे। इस तरह उन्होंने भारत के सामने 204 रनो का लक्ष्य रखा था। लेकिन भारतीय तीन ने इस लक्ष्य को चार विकेट खोकर 19वें ओवर की आखिरी गेंद में ही हासिल कर लिया।


गोद में बैठाकर दूध पिलाती है डीएम

भोपाल। राजगढ़ थप्पड़ कांड भाजपा के लिए बड़ा  मुद्दा बन चुका है। लगातार इस मामले को लेकर विरोध रपदर्शन जारी है। भाजपा राजगढ़ में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे पूर्व राज्य मंत्री बद्री लाल यादव ने सभी हदे पार करते हुए महिला कलेक्टर पर अभद्र टिप्पणी कर दी। बद्री लाल यादव ने कहा कि कलेक्टर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गोद में बिठाकर दूध पिलाती है और हमें तमाचा मारती है।  यह उनका दोहरा रवैया है।


बतादें राजगढ़ में CAA के समर्थन में आयोजित भाजपा की रैली में एक भाजपा कार्यकर्त्ता को थप्पड़ मारने से चर्चा में आई राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता को भाजपा नेता ने ये अभद्र बातें कही है। आईएएस एसोसिएशन ने इस महिला अधिकारी के खिलाफ की गई टिप्पणी की भर्त्सना की है। आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष ICP केसरी ने ट्वीट कर उनके बयानों की निंदा की।


13 वर्षीय मां,10 वर्षीय प्रेमी बनेगा पिता

रूस। प्रेग्नेंट होने के बाद एक 13 साल की लड़की की कहना है कि गर्भ में पल रहे बच्चे का पिता उसका 10 साल का प्रेमी है। लड़की ने बताया है कि वह करीब एक साल पहले लड़के से मिली थी और पहली नजर में प्यार हो गया। डरिया और इवान नाम के कपल रूस के Zheleznogorsk शहर के रहने वाले हैं। एक टीवी शो में दोनों बच्चों ने हिस्सा लिया और अपने रिलेशनशिप से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए। The Rossiya 1 चैनल के शो ‘Father at 10 ?’ में इनकी कहानी दिखाई गई है।


हालांकि, इवान की जांच करने वाले डॉक्टर इवगिनी ग्रेकोव का कहना है कि वह स्पर्म प्रॉड्यूस करने के लिए काफी कम मैच्योर है, वह बच्चे का पिता नहीं हो सकता। लेकिन लड़की इस बात से इनकार करती है कि उसका कोई और पार्टनर था। एक साइक्लॉजिस्ट ने लड़की की बात पर भरोसा जताया है।


द सन के मुताबिक, पैरेंट्स की सहमति से दोनों बच्चे टीवी शो में शामिल हुए। पैरेंट्स ने बच्चों की मेडिकल जांच की भी अनुमति दी थी। इस कपल को लेकर स्थानीय समाज में गंभीर बहस छिड़ गई है। 8 हफ्ते की प्रेग्नेंट डरिया और उनकी मां बच्चे को रखना चाहती हैं। डरिया की 35 साल की मां एलेना ने कहा कि उनकी बेटी ने खुद रिश्ता कबूल किया था।


वहीं, लड़का इवान की मां को भी लगता है कि बेटा सच बोल रहा है कि वह बच्चे का पिता है। उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि उसे खुद इस बात का अहसास नहीं होगा कि क्या हुआ है। वह महज बच्चा है, भले ही खुद को बड़ा समझता है। डरिया ने कहा कि वह और उसका बॉयफ्रेंड एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते हैं। दोनों ने सोशल मीडिया पर खुद को मैरिड भी लिख रखा है। हालांकि, इस कपल को स्थानीय समाज में लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।


सीएए के विरोध में 500 ने भाजपा छोड़ी

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता, नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Act) और एनआरसी (NRC) को लेकर नाराज हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एक तरफ बीजेपी जहां सीएए पर फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए देशव्यापी अभियान चला रही है, वहीं पार्टी के भीतर ही नेताओं में एक मत नहीं दिख रहा है। एमपी (Madhya Pradesh) में तो आलम यह है कि पिछले कुछ हफ्तों में 100 से ज्यादा पदाधिकारियों और 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी इस्तीफों की वजह CAA और NRC ही बताई जा रही है।


 रिपोर्ट के मुताबिक, सीएए के मुद्दे पर खंडवा और खरगोन जिले में सबसे अधिक इस्तीफे दिए गए हैं। इस कारण पार्टी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता जावेद बेग को बर्खास्त कर दिया है। बेग ने कहा कि पिछले दिनों पार्टी ने CAA और NRC पर बैठक की। इसमें न तो अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रशीद अंसारी आए और न ही राज्य प्रभारी सनव्वर पटेल। यहां तक कि जिलाध्यक्ष मो. एजाज भी बैठक में शामिल नहीं हुए। इसी बीच सनव्वर पटेल ने जावेद बेग को पार्टी की गाइडलाइन न मानने को लेकर बर्खास्त कर दिया। बेग ने कहा, 'हम भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ता रहे हैं। तीन तलाक का मसला हो या बाबरी मस्जिद-राम मंदिर का मामला, हम लोगों ने हमेशा पार्टी के निर्देशों का पालन किया।' लेकिन बेग ने जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया और JNU की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।


खुलकर विरोध कर रहे हैं नेता
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष आदिल खान ने नागरिकता कानून को सीधे तौर पर गलत करार दिया है। उन्होंने कहा, 'इस कानून से शरणार्थियों को पहले ही नागरिकता दी जाती रही है, फिर इसमें जानबूझकर धर्म को क्यों जोड़ा जा रहा है।' खान ने सवाल उठाया, 'मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हमारे देश में भी हुई हैं। ऐसे में जब पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों पर जुल्म की बात उठती हैं, तो हम कैसे कह सकते हैं कि अपने देश में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ऐसा नहीं हो रहा है। खान ने कहा कि CAA और NRC सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ ही नहीं है, बल्कि यह गरीब लोगों के खिलाफ लाया गया है। आदिल खान ने बताया कि इस मामले को लेकर अकेले भोपाल (Bhopal) में ही 50 से अधिक ऐसे पार्टी पदाधिकारियों ने भाजपा से इस्तीफा दिया है, जो पिछले 15-20 साल से पार्टी की सेवा कर रहे थे।


खरगोन से 500 ने छोड़ी पार्टी
प्रदेश के खरगोन जिले में इस मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा दिया है। यहां के नेता तस्लीम खान ने कहा, 'हम CAA और NRC को लेकर अपने समुदाय के लोगों के साथ नजरें नहीं मिला पा रहे हैं। हम भाजपा के साथ देशसेवा की भावना से जुड़े थे, लेकिन इस तरह का कानून लाए जाने के बाद हमारे पास कोई जवाब नहीं है।' तस्लीम खान ने बताया कि खरगोन जिले 173 पदाधिकारियों और 500 कार्यकर्ताओं ने बीती 9 जनवरी को अल्पसंख्यक मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। खान ने आरोप लगाया कि हमारे समुदाय को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की आपत्तिजनक और कई बार निजी टिप्पणियों को हम लोगों ने नजरअंदाज किया, लेकिन CAA और NRC जैसे कानून हमारी सहनशीलता की सीमा से परे हैं। खान ने बताया कि हरदा और देवास जिले में भी पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता इस्तीफा देने वाले हैं।


हादसे के शिकार, 2 परिवारों की पहचान

अरविंद दुबे


काठमांडू। नेपाल में हादसे का शिकार हुए केरल के दो परिवारों की पहचान उजागर हो गई है। होटल के कमरे में केरोसीन हीटर के कारण दम घुटने से जिन 8 लोगों की मौत हुई थी, वो बचपन के दो दोस्तों के परिवार थे। मृतकों में दोनों की पत्नियां और चार मासूम बच्चे शामिल हैं। हादसे की खबर तो मंगलवार को आ गई थी, लेकिन दोनों परिवारों की तस्वीर जिसने देखी, खुद को भावुक होने से रोक नहीं सका। ये परिवार थे, प्रवीण के. नायर और रणजीत कुमार के। दोनों ऑटोमोबाइल इंजीनियर थे और बचपन से दोस्त हैं। दोनों परिवार साथ में नेपाल घुमने गए थे और काठमांडु से 50 किमी दूर एक रिसॉर्ट में ठहरे थे। यहीं एक कमरे में आठों के शव मिले थे। परिवार का एक मासूम जिंदा बच गया तो दूसरे कमरे में सोया था।
मृतकों के नाम: प्रवीण के. नायर (39), पत्नी सरन्या (34), तीन बच्चे श्रीभद्र (9), अर्चा (8) और अभिनव (7), रणजीत कुमार (39), पत्नी इंदू लक्ष्मी (34) और बेटा वैभव (2)।
प्रवीण तिरुवनंतपुरम से तो रणजीत कोझिकोड के रहने वाले थे। उनके साथ रणजीत का बड़ा बेटा माधव (7) भी था, लेकिन वो एवरेस्ट पेनोरामा रिसॉर्ट के दूसरे कमरे में सोया था। प्रवीण दुबई में काम कर रहे थे, जबकि उनकी पत्नी सरन्या एम. फार्मा कर रही थीं। अभी परिवार कोच्चि में रह रहा था।
जैसे ही खबर आई, काट दी केबल की लाइन
तिरुवनंतपुरम में प्रवीण के माता-पिता रहते हैं। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि जैसे ही यह खबर वहां पहुंची, उन्होंने टीवी की केबल लाइन काट दी, क्योंकि उनके पिता को कुछ दिन पहले ही हार्ट अटैक आया है। प्रवीण के परिवार के लिए एक और झटका यह रहा कि शुरू में खबर आई थी कि उनका एक बेटा जिंदा बच गया है, लेकिन बाद में पता चला कि वह रणजीत का बेटा है।
प्रवीण ने वादा किया था, 29 को लौट आऊंगा
प्रवीण के रिश्तेदार ए. दिनेश ने बताया कि वह 29 जनवरी को केरल लौटने वाला था और उसने वादा किया था कि वह उस दिन स्थानीय मंदिर में होने वाले उत्सव में हिस्सा लेगा। वहीं रणजीत ने कोझिकोड में हाल ही में अपनी आईटी कंपनी खेली थी।


अधिग्रहण के खिलाफ, किसानो की समाधि

जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले में सरकारी नीति से नाराज करीब एक सौ किसान भू समाधि लगाकर बैठे हुए हैं। इन किसानों के साथ बीजेपी के राज्यसभा सांसद करोड़ी लाल मीणा ने भी अपने-अपने खेतों में करीब तीन-तीन फीट गहरे खोदे हुए गड्ढों में बैठकर समाधि लगाई हुई है। बताया गया कि मुंबई एक्सप्रेस वे के लिए दी जाने वाली जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने इस तरह से आंदोलन करने का निर्णय लिया था।


मिली जानकारी के अनुसार जिले के किसान जमीन अधिग्रहण (Land acquisition) के बदले 4 गुना मुआवजे की मांग को लेकर पिछले 7 माह से आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों ने जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव तक ही नहीं बल्कि सीएम तक से गुहार लगाई लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। किसानों ने बताया है कि दौसा कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव और सीएम को ज्ञापन भी सौंपा चुके हैं। तमाम प्रयासों से हारने के बाद सरकारी नीति से नाराज करीब एक सौ किसानों ने दौसा के लाड़ली का बास गांव में कमर तक की गहराई के गड्ढे खोदकर उसमें रहने का एलान कर दिया है। बता दें कि यह सत्याग्रह प्रदेश किसान संघर्ष समिति के संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर और बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में किया जा रहा है। इस मसले पर जानकारी देते हुए हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया कि किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर शुरू हुआ ये जमीन सत्याग्रह उस वक्त तक जारी रखा जाएगा जब तक सरकार किसानों की मांग पर कोई सकारात्मक फैसला नहीं कर लेती।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...