शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

सीएए के विरोध में 500 ने भाजपा छोड़ी

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता, नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Act) और एनआरसी (NRC) को लेकर नाराज हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एक तरफ बीजेपी जहां सीएए पर फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए देशव्यापी अभियान चला रही है, वहीं पार्टी के भीतर ही नेताओं में एक मत नहीं दिख रहा है। एमपी (Madhya Pradesh) में तो आलम यह है कि पिछले कुछ हफ्तों में 100 से ज्यादा पदाधिकारियों और 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी इस्तीफों की वजह CAA और NRC ही बताई जा रही है।


 रिपोर्ट के मुताबिक, सीएए के मुद्दे पर खंडवा और खरगोन जिले में सबसे अधिक इस्तीफे दिए गए हैं। इस कारण पार्टी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता जावेद बेग को बर्खास्त कर दिया है। बेग ने कहा कि पिछले दिनों पार्टी ने CAA और NRC पर बैठक की। इसमें न तो अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रशीद अंसारी आए और न ही राज्य प्रभारी सनव्वर पटेल। यहां तक कि जिलाध्यक्ष मो. एजाज भी बैठक में शामिल नहीं हुए। इसी बीच सनव्वर पटेल ने जावेद बेग को पार्टी की गाइडलाइन न मानने को लेकर बर्खास्त कर दिया। बेग ने कहा, 'हम भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ता रहे हैं। तीन तलाक का मसला हो या बाबरी मस्जिद-राम मंदिर का मामला, हम लोगों ने हमेशा पार्टी के निर्देशों का पालन किया।' लेकिन बेग ने जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया और JNU की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।


खुलकर विरोध कर रहे हैं नेता
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष आदिल खान ने नागरिकता कानून को सीधे तौर पर गलत करार दिया है। उन्होंने कहा, 'इस कानून से शरणार्थियों को पहले ही नागरिकता दी जाती रही है, फिर इसमें जानबूझकर धर्म को क्यों जोड़ा जा रहा है।' खान ने सवाल उठाया, 'मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हमारे देश में भी हुई हैं। ऐसे में जब पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों पर जुल्म की बात उठती हैं, तो हम कैसे कह सकते हैं कि अपने देश में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ऐसा नहीं हो रहा है। खान ने कहा कि CAA और NRC सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ ही नहीं है, बल्कि यह गरीब लोगों के खिलाफ लाया गया है। आदिल खान ने बताया कि इस मामले को लेकर अकेले भोपाल (Bhopal) में ही 50 से अधिक ऐसे पार्टी पदाधिकारियों ने भाजपा से इस्तीफा दिया है, जो पिछले 15-20 साल से पार्टी की सेवा कर रहे थे।


खरगोन से 500 ने छोड़ी पार्टी
प्रदेश के खरगोन जिले में इस मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा दिया है। यहां के नेता तस्लीम खान ने कहा, 'हम CAA और NRC को लेकर अपने समुदाय के लोगों के साथ नजरें नहीं मिला पा रहे हैं। हम भाजपा के साथ देशसेवा की भावना से जुड़े थे, लेकिन इस तरह का कानून लाए जाने के बाद हमारे पास कोई जवाब नहीं है।' तस्लीम खान ने बताया कि खरगोन जिले 173 पदाधिकारियों और 500 कार्यकर्ताओं ने बीती 9 जनवरी को अल्पसंख्यक मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। खान ने आरोप लगाया कि हमारे समुदाय को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की आपत्तिजनक और कई बार निजी टिप्पणियों को हम लोगों ने नजरअंदाज किया, लेकिन CAA और NRC जैसे कानून हमारी सहनशीलता की सीमा से परे हैं। खान ने बताया कि हरदा और देवास जिले में भी पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता इस्तीफा देने वाले हैं।


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