शनिवार, 28 सितंबर 2019

गांधी जयंती पर फिर शक्ति-प्रदर्शन

गांधी जयंती के बहाने एक फिर करेंगे सचिन पायलट शक्ति प्रदर्शन। 
मतमभेदों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मूक दर्शक बने। 

गांधी जयंती के बहाने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट एक फिर अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। यह दिखाने की कोशिश होगी कि राज्य सरकार कांग्रेस संगठन के दम पर चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मतभेदों के चलते पायलट ऐसे शक्ति प्रदर्शन अपने जन्मदिन और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती पर भी कर चुके हैं। आमतौर पर दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में रह कर जिला और ब्लॉक स्तर पर गांधी प्रतिमा पर कार्यक्रम करते हैं, लेकिन इस बार सचिन पायलट ने प्रदेशभर के ब्लॉक अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, विधायक, प्रमुख पदाधिकारियों को एक अक्टूबर को ही जयपुर बुला लिया है। एक अक्टूबर को गांधी जी पर कार्यशाला रखी गई है तथा दो अक्टूबर को जयपुर में पैदल मार्च होगा। यानि प्रदेशभर से कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारी अपने क्षेत्रों में नहीं रह कर जयपुर में प्रदेशाध्यक्ष पायलट के नेतृत्व में एकत्रित होंगे। यानि गांधी जयंती पर जिला और ब्लॉक स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित नहीं रहेंगे। चूंकि जयपुर के सभी कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस ने आयोजित किए हैं, इसलिए कार्यक्रमों में सचिन पायलट ही प्रमुख भूमिका में होंगे। पैदल मार्च भी पायलट के नेतृत्व में ही निकाला जाएगा। हालांकि इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी रहेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री की भूमिका मूक दर्शक की होगी। असल में अब पायलट ने राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अवनिाश पांडे की परवाह करना भी छोड़ दिया है। अब सभी कार्यक्रम पायलट अपने स्तर पर तय करते हैं। सूत्रों की माने तो पांडे ने पायलट से कहा था कि कांगे्रस में शामिल होने वाले छह बसपा विधायकों को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाकर सदस्यता दिलवाई जाए, लेकिन पायलट ने इंकार कर दिया। अब पायलट का कहना है कि एक अक्टूबर से जब सदस्यता अभियान चलेगा, तब बसपा के विधायक भी कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। कांग्रेस और सरकार के लिए यह हास्यास्पद बात है कि बसपा के जिन छह विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस विधायक के तौर पर मान्यता दे दी , उन विधायकों ने अभी तक भी कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है। असल में अपनी रणनीति के तहत सीएम गहलोत ने छह बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करते समय कांग्रेस संगठन को अलग रखा था, इसलिए अब पायलट खफा हैं। पायलट के विरोध के चलते ही बसपा विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जा रहा है। पायलट कह चुके हैं कि बसपा के विधायक मंत्री बनने के लिए नहीं आए हैं। ये विधायक बिना किसी स्वार्थ के अए हैं। जबकि प्रदेश प्रभारी पांडे का कहना है कि मंत्री बनाने का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के पास है। सवाल यह भी है कि क्या बसपा के विधायक सिर्फ विधायक रहने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं? साफ जाहिर है कि राजस्थान के सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं है। हालांकि सरकार को मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री ने बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाया, लेकिन यह फैसला संगठन को ही रास नहीं आ रहा है। देखना है कि ताजा हालातों का जवाब मुख्यमंत्री गहलोत किस प्रकार देते हैं। वैसे अब पायलट के तेवर भी तीखे हैं। 
एस.पी.मित्तल


गरबा मौज-मस्ती नहीं,उपासना का अंग

गरबा कोई मौज-मस्ती का खेल नहीं है। यह शक्ति देने वाली मां की उपासना है। महिलाएं भी शालीनता दिखाएं। 



जयपुर। अमावस्या के साथ ही श्राद्ध पक्ष समाप्त हो गया और 29 सितम्बर से नवरात्रा की शुरुआत हो जाएगी। भारत की सनातन संस्कृति में नवरात्र के 9 दिनों तक शक्ति देने वाली मां की उपासना करने वाला माना जाता है। घर परिवार और समाज में मां की क्या स्वरूप है, इसे सब जानते हैं। चूंकि अब 9 दिनों तक मां की उपासना होगी, इसलिए जगह-जगह गरबा के कार्यक्रम भी होंगे। हालांकि गरबा नृत्य गुजरात का लोक नृत्य है, लेकिन बदलते माहौल में पूरे देश में नवरात्र में गरबा डांस होने लगे हैं। गली मोहल्लों से लेकर सार्वजकि स्थलों तथा बड़ी-बड़ी होटलों तक में गरबा के नृत्य होंगे। अजमेर से लेकर अहमदाबाद और दिल्ली से मुम्बई तक तैयारी पूरी हो चुकी है। क्रेज इतना है कि युवक-युवतियों ने गरबा नृत्य की कोचिंग तक ली है। नृत्य की प्रतियोगिता जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। कई संस्थाओं ने फिल्मी कलाकारों को बुलाकर गरबा नृत्य पर टिकिट भी लगा दिया है। सवाल उठता है कि जब हम नवरात्र को शक्ति की उपासना मानते हैं तब कॉमर्शियल रवैया क्यों? भारत की सनातन संस्कृति का पुरजोर प्रदर्शन होना चाहिए, लेकिन इसमें मर्यादाओं का भी ख्याल रखा जाए। यह माता-पिता का भी दायित्व है कि उनके बच्चे सभ्य पौशाक पहने। आमतौर पर देखा गया है कि गरबा नृत्य करने वाली लड़कियां पश्चिमी संस्कृति के कपड़े पहनती है। सवाल किसी की नजर के दोष का नहीं है? सवाल हमारी संस्कृति का है। हम जब नवरात्र को उपासना के दिन मानते हैं तो फिर नृत्य के दौरान शरीर दिखाने वाले कपड़े क्यों पहनते हैं? वैसे भी जब लड़कियां सार्वजनिक स्थानों पर नृत्य करती हैं तो उन्हें कपड़े तो हमारी संस्कृति के अनुरूप ही पहनने चाहिए। अनेक स्थानों पर देखा गया है कि गरबा नृत्य के दौरान फिल्मों के अश्लील गाने बजाए जाते हैं। यह पूरी तरह गलत हैं। गरबा के आयोजनों में सिर्फ मां की भक्ति वाले धार्मिक गाने बजने चाहिए। 
एस.पी.मित्तल


घड़ियाली आंसू नहीं बहाने चाहिए

इमरान खान इस सच्चाई को क्यों नहीं समझते कि जम्मू-कश्मीर के 80 प्रतिशत क्षेत्र में कोई पाबंदी नहीं है। पाबंदी वाले 20 प्रतिशत क्षेत्र में हिन्दुओं को प्रताडि़त कर भगा दिया था। इस सच्चाई की वजह से ही एक भी मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर में ज्यादती कर रखी है। कफ्र्यू हटते ही जम्मू कश्मीर में खून खराबा हो जाएगा। पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमला करने के लए तैयार बैठा है। इमरान खान यह बात तब से कह रहे है जब से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाया है। पिछले दो माह से न तो जम्मू कश्मीर में खून खराब हुआ है और न ही पाकिस्तान ने परमाणु हमला किया। अलबत्ता अमरीका से मध्यस्थता के लिए इमरान खान डोनाल्ड ट्रंप के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए। असल में इमरान खान जम्मू कश्मीर की सच्चाई को नहीं समझ रहे हैं। जिस जम्मू कश्मीर का रोना रोया जा रहा है वह अनुच्छेद 370 के हटने के बाद बहुत बदल गया है। 80 प्रतिशत क्षेत्र में किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं है। यातायात से लेकर इंटरनेट तक चल रहा है। यहां मीडिया भी पूरी आजादी के साथ काम कर रहा है। असल में जम्मू और लद्दाख के इस 80 प्रतिशत क्षेत्र में मुसलमानों के साथ हिन्दू समुदाय भी अच्छी तरह रह रहा है। यह बात कांगे्रस के राज्यसभा में नेता गुलामनबी आजाद भी जानते हैं। राहुल गांधी ने भी कभी भी जम्मू और लद्दाख को असामान्य नहीं बताया। इमरान खान को यह सच्चाई समझनी चाहिए कि कश्मीर घाटी के मात्र पांच छह जिलों में थोड़ी पाबंदियां हैं। जो जम्मू कश्मीर राज्य का मात्र 20 प्रतिशत क्षेत्र हैं। यह क्षेत्र वो है जिसमें अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों की सरकार के समय चार लाख हिन्दुओं को प्रताडि़त कर भगा दिया गया था। चूंकि अब इस 20 प्रतिशत क्षेत्र में एक तरफा माहौल है, इसलिए कुछ लोग हिंसा करने को उतावले हैं। सरकार ने जम्मू कश्मीर के 80 प्रतिशत लोगों को बचाए रखने के लिए 20 प्रतिशत क्षेत्र में पाबंदियां लगाई है। इन पाबंदियों की वजह से ही 20 प्रतिशत क्षेत्र में भी सुरक्षा बलों को पिछले दो माह में एक बार भी गोली नहीं चलानी पड़ी। घाटी के पाबंदी वाले इलाकों में चिकित्सा आदि की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। यहां तक कि लैंड लाइन भी चालू हैं। भारत ने यह सच्चाई पड़ौसी मुस्लिम देश बांग्लादेश से लेकर अमरीका तक को समझा दी है। यही वजह है कि बांग्लादेश भी कश्मीर मुद्दे पर भारत के पक्ष में है। यदि जम्मू कश्मीर के नागरिकों पर कोई अत्याचार होता तो सबसे पहले बांग्लादेश विरोध जताता। जब पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश भी नहीं है तो इमरान खान को यूएनओ की सभा में कश्मीर पर घडिय़ाली आंशू नहीं बहाने चाहिए। इमरान खान यह अच्छी तरह समझ लें कि अब जम्मू कश्मीर प्रांत पर भारत का नियंत्रण हो गया है, इसलिए पाकिस्तान को आतंकी वारदात करने का कोई अवसर नहीं दिया जाएगा। अब यह देखना है कि पाकिस्तान में सैनिक शासन कब लागू होता है तथा इमरान खान पाकिस्तान से भाग कर कब इंग्लैंड में शरण लेते हैं। 
एस.पी.मित्तल


गिरते पानी में किसानों के आंसू भी शामिल

ढहे आशियानों पर अन्नदाता बहा रहे बेबसी के आंसू
ये महज आकाश से गिरता पानी नही है। गौर से देखो इसमें किसानों के आंसू शामिल है
प्रतापगढ़। जलविप्लव का ऐसा नजारा और मंजर कि मुफलिसी में पेट काटकर आशियाने की छत तैयार करने वाले किसानों पर कुदरत का कहर इस कदर बरसा है कि उनके आशियाने उजड़ गए। बच्चो की पढ़ाई कराने या फिर बेटी की शादी के सपनो का अरमान उनके मन मे ही आशियाने के साथ ढह गया जब उनके अरमानो की बुनियाद ही दरक गई तो फिर उम्मीद की इमारत कहा टिके यही सोच-सोच कर अन्नदाता बस बेबसी के आंसू बहाने पर मजबूर है।
बुधवार की रात से ही लगातार हो रही बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। शुक्रवार की शाम को बरसात थोड़ी देर के लिए बरसात एक्सप्रेस की रफ्तार थोड़ी देर के लिए थम जरूर गई। लेकिन बादलों ने ऐसा डेरा जमाया कि शनिवार की सुबह फिर मूसलाधार बारिश ने रफ्तार पकड़ ली। उमरडीहा गांव के रहने वाले पन्नालाल अच्छेलाल और उनके दो भाइयों के मकान इस कदर धराशाई हो गए। सभी बरसात में खुले आसमान के नीचे आ गए। उनके आंसुओं का सैलाब देखकर दर्द और बेबसी और पीड़ा को सिर्फ एक किसान ही समझ सकता है। गनीमत यह रही कि उन्होंने किसी तरह नजदीक के  प्राथमिक विद्यालय में छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ पूरा कुनबा प्राथमिक विद्यालय में डेरा जमा लिया है। लेकिन बारिश ने अपना कहर इस तरह बरपाया है की प्राथमिक विद्यालय मे पानी भर आया है। इसी तरह रेडीगारापुर गांव के महावीर यादव और लाल बहादुर यादव सहित आधा दर्जन किसानों के आशियाने मूसलाधार बारिश में बह गए। जिससे सभी किसान परेशान और लाचार दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वे प्रशासन की तरफ से उम्मीद भरी नजरों से निहार रहे हैंं। लेकिन प्रशासन की कार्यशैली और कच्छप चाल और मदद के नाम पर घोषणाओं के अलावा त्वरित मदद कहा मिलने वाली हैै। कमोबेश यही हाल पट्टी तहसील के किसानों के आशियाने के साथ उनके अरमान और उम्मीद ढह चुके है।
मनोज यादव-संवाददाता


लिंक न कराने पर पैन कार्ड होगा रद्‍द

नई दिल्ली। नए महीने यानी अक्‍टूबर के आगाज में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि सितंबर के इन आखिरी दो दिनों में हर जरूरी काम निपटा लिया जाए। ऐसा ही एक जरूरी काम आपके पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है। अगर आपने 30 सितंबर तक यह काम नहीं किया तो आपका पैन कार्ड रद्द हो सकता है। दरअसल, आधार कार्ड को पैन कार्ड के साथ लिंक करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2019 है। अगर आपने इस तारीख तक आधार-पैन लिंकिंग का काम नहीं कराया तो आपका पैन कार्ड रद्द या अमान्‍य हो सकता है। इस संबंध में सीबीडीटी की ओर से कई बार संकेत भी दिए जा चुके हैं। आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के लिए सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा। यहां बाईं तरफ आपको पैन-आधार लिंक करने का विकल्प दिखाई पड़ेगा।


सीबीआई में बड़े स्तर पर तबादले किये

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में बड़े स्तर पर तबादले की खबर मिली है। करीब 300 से ज्यादा कर्मी इधर से उधर किए गए हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई में लंबे समय से जमे कर्मियों का तबादला किया गया है। यह सीबीआई की आंतरिक पॉलिसी में किए गए बदलाव के तहत किया गया है। सीबीआई के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एजेंसी की 'ट्रांसफर पॉलिसी' में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत कोई भी अधिकारी या कर्मी एक ही शहर में या एक ही शाखा में लंबे समय तक नहीं रह सकता है। सीबीआई के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, एक ही शहर या शाखा में रहने पर पावर और संसाधन का दुरुपयोग होने लगता है या दुरुपयोग करने की कोशिश की जाती है। उनका मानना है कि इसे जांच एजेंसी की साख भी प्रभावित होती है। मालूम हो कि सीबीआई में आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर पता चला था कि कई अधिकारी और कर्मचारी 20-20 सालों से एक ही शहर या एक ही शाखा (ब्रांच) में कार्यरत हैं।


मर्दानी-2 और वार एक साथ रिलीज

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी के फैंस के लिए अच्छी खबर है। उनकी फिल्म 'मर्दानी 2' का ट्रेलर 'वॉर' फिल्म के साथ रिलीज होगा। आपको बता दें ये दोनों ही फिल्में यशराज की है। ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'वॉर' 2 अक्टूबर को रिलीज होने जा रही है। एक्शन से भरपूर इस फिल्म का लोगों से बेसब्री से इंतजार है। खबर तो ये भी आ रही है कि वॉर फिल्म के साथ दो दबंग 3 का ट्रेलर भी आ सकता है। ड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वट कर मर्दानी 2 के टीज़र रिलीज होने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया- फिल्म मर्दानी 2 का ट्रेलर के साथ और यह फिल्म 13 दिसंबर को रिलीज होगी।


सेना के काफिले पर आतंकी हमला

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के बटोट-डोडा रोड पर भारतीय सेना के काफिले पर आतंकी हमला हुआ। जानकारी के अनुसार सेना के जवानों पर ग्रेनेड फेंका गया। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सेना और पुलिस ने धार्मुंड गांव और उसके आसपास के इलाके की घेराबंदी कर ली है, तलाश अभियान अब भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-डोडा मार्ग के नजदीक स्थिति एक गांव में विस्फोट और गोलियां चलने की आवाज सुने जाने के तुरंत बाद अभियान शुरू किया गया। मिली जानकारी के अनुसार संदिग्ध आतंकवादियों ने एक ग्रेनेड फेंका और उसके बाद सुरक्षा बलों के त्वरित कार्रवाई दल पर गोलियां चलाईं। इस दल ने कुछ लोगों को जांच के लिए रुकने का इशारा किया था। बहरहाल, वरिष्ठ अधिकारी घटना के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल भी भेजा गया है।


नेशनल हेराल्ड केस की सुनवाई टली

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर तक टाल दी है। बता दें कि इस मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी आरोपी हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई हुई। इससे पहले हुई सुनवाई में अदालत में कांग्रेस के वकील ने स्वामी से कई सवाल पूछे थे जिसके उन्होंने जवाब भी दिए। अदालत ने आज की सुनवाई को खत्म करते हुए अगली सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तारीख तय की थी, जिसे अदालत ने आज बढ़ा कर 21 अक्टूबर कर दिया है।


रेलवे ने चलाया टिकट चेकिंग अभियान

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल के वाणिज्य विभाग द्वारा टिकट चेकिंग अभियान चलाया गया। जिसमें बिना टिकट यात्रा करने वाले लगभग 57 मामलों से 25,775 रुपए राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं अनियमित टिकट के 90 मामलों से 37,655 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। अनबुक्ड  लगेज के 342 मामलों से 34,390 रुपए राजस्व प्राप्त हुआ एवं रेलवे परिसर में गंदगी फैलाने वालों के 45 मामलों से 4500 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। कुल 534 मामलों से रायपुर रेल मंडल के वाणिज्य विभाग द्वारा 1,02,320 रुपए का राजस्व प्राप्त किया गया। इस टिकट चेकिंग अभियान में 29 टीटीई, 02 मुख्य वाणिज्य निरीक्षक, रेलवे सुरक्षा बल 1 द्वारा  08 लोकल एवं लगभग 22 एक्सप्रेस ट्रेनों में जांच की गई। रेल प्रशासन ने  यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे उचित टिकट लेकर यात्रा करें।


स्कूल की दीवार के नीचे दबे 3 की मौत

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर जिले के खैरवाड़ा इलाके में एक सरकारी स्कूल में पढऩे वाले तीन छात्र-छात्राओं की मौत हो गई। ये छात्रा-छात्राएं स्कूल की जर्जर दीवार गिरने से उसके नीचे दब गए। हादसे के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और वहां लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। सूचना पर पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा है। मृतकों में दो छात्र और एक छात्रा शामिल है। यह हादसा शनिवार सुबह के थोबावाड़ा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुआ। सरकारी स्कूल की जर्जर दीवार अचानक भरभराकर ढह गई। इससे बच्चे उसकी चपेट में आ गए। हादसे की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई। सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस-प्रशासन को सूचित कर दीवार का मलबा हटाना शुरू किया। बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद से मलब में दबे तीन बच्चों को बाहर निकला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।


370 के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली संविधान पीठ एक अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगी। गौरतलब है कि सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से शीर्ष अदालत में इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं। सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इससे पहले शीर्ष अदालत ने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने से जुड़े कई मामलों में सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट मिली थी कि जो जम्मू-कश्मीर में लोगों के हाईकोर्ट से संपर्क करने में असमर्थ होने संबंधी दावे का समर्थन नहीं करती। कश्मीर में बच्चों को कथित तौर पर हिरासत में रखे जाने का आरोप लगाने वाले बाल अधिकार कार्यकर्ता इनाक्षी गांगुली और शांता सिन्हा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने 16 सितंबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि घाटी के लोग वहां उच्च न्यायालय से संपर्क नहीं साध पा रहे हैं। इसके बाद पीठ ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी।


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...