रविवार, 15 सितंबर 2019

मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर,विस्फोटक बरामद

राजनांदगांव/गढ़चिरौली। छत्तीसगढ़ राज्य के सीमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आज सुऱक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। जहां जवानों ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया है। मुठभेड़ गढ़चिरौली के ग्यारापट्टी गांव के समीप की है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों पर नक्सलियों ने छिपकर वार किया था। मुंहतोड़ जवाब में दो नक्सली ढेर हो गए। वहीं, कुछ अन्य नक्सलियों के मौजूद होने की आशंका में इलाके की घेराबंदी कर सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
जिसके बाद में जांच टीम ने पाया था कि गढ़चिरौली के नक्सल हमले में 30 किलो औद्योगिक श्रेणी का विस्फ ोटक और जिलेटिन छड़ों का इस्तेमाल किया गया था। नक्सलियों ने जवानों को जाल में फंसाकर आईईडी ब्लास्ट के जरिए उनके वाहन को उड़ाया था।


डायरिया का प्रकोप 2 लोगों की मौत

बलरामपुर। जिले के वाड्रफनगर ब्लाक में डायरिया से 3 लोगों की मौत हो गई। जिसमें 1 बच्ची और 2 महिला शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के बाद भी मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। आज तीन लोगों की मौत के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। डॉक्टरों की माने तो यहां अभी भी लोग कुएं का गंदा पानी पी रहे है। जिसकी वजह से डायरिया लगातार फैल रहा है।
पिछले 1 सप्ताह में डायरिया से ये चौथी मौत है। जब पहली मौत हुई थी तक स्वास्थ्य विभाग का अमला पूरी तरह से मुस्तैद हो गया था। वाड्रफनगर ब्लाक के कई गांवों में जगह-जगह कैंप लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। फिर भी मौतों का आंकड़ा बढऩा बेहद चिंताजनक है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।


कुत्ते की मौत, डॉक्टर पर एफआइआर

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव के आधिकारिक बंगले में रहने वाले एक पालतू कुत्‍ते हस्‍की की बीमारी के बाद मौत हो गई। कुत्‍ते की मौत के बाद पुलिस ने पशु चिकित्‍सकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बंजारा हिल्‍स पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और आरोपों के सही पाए जाने पर डॉक्‍टरों को 5 साल तक की जेल हो सकती है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने एनिमल केयर क्लिनिक के डॉक्‍टर लक्ष्‍मी और डॉक्‍टर रंजीत पर आईपीसी की धारा 429 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की है। 11 महीने का पालतू कुत्‍ता हस्‍की बुधवार शाम तक अच्‍छे से था। शाम के बाद अचानक हस्‍की बीमार पड़ गया। सीएम के बंगले के कर्मचारियों ने हस्‍की के बीमार होने की सूचना उसके डॉक्‍टर रंजीत को दी।


सीएम आवास में 9 पालतू कुत्‍ते


डॉक्‍टर रंजीत ने अपनी जांच में पाया कि हस्‍की को 101 डिग्री बुखार है। उन्‍होंने हस्‍की को दवा दी और बाद कुत्‍ते को एनिमल केयर क्लिनिक में शिफ्ट कर दिया गया। बाद में क्लिनिक में हस्‍की की मौत हो गई। सीएम आवास में नौ पालतू कुत्‍ते हैं और आसिफ अली खान उनके केयरटेकर हैं। उधर, इस संबंध में डॉक्‍टरों से संपर्क नहीं किया जा सका है। अस्‍पताल के कर्मचारियों का कहना है कि डॉक्‍टर लक्ष्‍मी शहर से बाहर हैं और डॉक्‍टर रंजीत हॉस्पिटल नहीं आए हैं और बात नहीं करना चाहते हैं।


उधर, विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने सीएम की आलोचना की है और कहा कि हैदराबाद तथा तेलंगाना के अन्‍य हिस्‍सों में डेंगू पर ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता और सांसद ए रेवंथ रेड्डी ने सवाल किया, 'स्‍वर्णिम तेलंगाना के लोग प्रगति भवन के कुत्‍ते की तरह ही महत्‍व नहीं रखते हैं? कांग्रेस के प्रवक्‍ता श्रवण दसोजू ने कहा कि क्‍या लोगों का जीवन पालतू कुत्‍ते की तरह से महत्‍वपूर्ण नहीं है।


नान-घोटाले में कई दिग्गजों का नाम

रायपुर। नान घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि 9 लाख 35 हजार क्विंटल धान था फिर भी मुझ पर दबाव था 10 लख क्विंटल चावल ज्यादा ले। 2014 में ऐसी क्या स्थिति बनी की नान पर दबाव बनाया गया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि राशन दुकानों में जगह नही थी फिर भी हम पर दबाव बनाया गया। रातो रात सारे गोदाम में राशन भरा गया ये नान का घोटाल नही राशन घोटाला है। भट्ट ने कहा इस मामले में राशन कार्ड फर्जी बनाने वाले, फूड इंस्पेक्टर, राशन दुकान पर कार्यवाही क्यों नही की गयी। अगर 12 हजार दुकानो का मुआयना आज भी किया जाए तो 400 करोड़ का माल मिल जाएगा। भट्ट बे बताया कि राशन घोटाले को छुपाने के लिए नान पर छापा मारा गया। उन्होंने यह भी आरोप लगया कि मुझे जानबुझकर जेल में रखा गया क्योंकि मैं बाहर आता तो सरे राज खुल जाते। उन्होंने कहा मै मानहानि का केस करूंगा। जमानत पर रिहा होने के बाद से ही मैं मीडिया के पास आने की सोच रहा था लेकिन कुछ कारणों से आ नहीं सका। उन्होंने कहा कि फर्जी राशनकार्ड मामले मे विपक्ष के हमले के बाद सारा मामला उजागर हुआ। शिवशंकर भट्ट ने बयान में आगे बताया कि भाजपा कार्यालय में चुनाव के वक्त 5 करोड़ रुपए का टारगेट पुन्नूलाल मोहिले और लीलाराम भोजवानी को दिया गया था। नान घोटाले में शामिल लोगो के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस पुरे घोटाले में चिंतामणि चंद्राकर, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, वीणा सिंह, खाद्य मंत्री, नान के चेयरमेन शामिल है। सभी दोषियो के खिलाफ जांच और कार्यवाही होनी चाहिए। भट्ट ने बताया कि साजिश के तहत मुझे 1करोड़ 60 लाख रुपए देकर मुकेश गुप्ता एवं उनके अन्य साथियो ने फंसाया। शिवशंकर भट्ट ने एसपी से सुरक्षा की मांग की है।


पाक नहीं सुधरा तो हो जाएंगे टुकड़े

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को हर मंच पर नाकामी ही मिली क्योंकि दुनिया उस पर यकीन ही नहीं करती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान पर शनिवार को जमकर हमला बोला और कहा कि पाकिस्तान ने अगर आतंकवाद का साथ देना नहीं छोड़ा तो उसके टुकड़े होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के भारत के फैसले को हजम नहीं कर पा रहा। वह इस मुद्दे को लेकर वह संयुक्त राष्ट्र तक गया और उन्हें गुमराह करने की कोशिश की लेकिन उसे कुछ हासिल नहीं हुआ। वहीं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत के अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ी लेकिन पाकिस्तान में सिखों, बौद्धों और अन्य के मानवाधिकार हनन के मामले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत के अल्पसंख्यक सुरक्षित थे, सुरक्षित हैं और सुरक्षित ही रहेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत लोगों को धर्म या जाति के आधार पर नहीं बांटता है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के मुद्दे को बार-बार उठाए जाने पर सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के कथन पर यकीन करने का इच्छुक नहीं है। इसके अलावा पाकिस्तान को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि उसे आतंकवाद को रोकना होगा नहीं तो कोई भी उसके टुकड़े होने से नहीं रोक सकता।


पूर्व सीएम को ले गई एसआईटी टीम

रायपुर। बहुचर्चित नान घोटाले में ईओडब्लू ने आज एकाउंट आफिसर चिंतामणि चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया। खबर है, ईओडब्लू ने कल दुर्ग से उन्हें हिरासत में लिया था। अभी राजधानी के किसी गुप्त ठिकाने में चिंतामणि से पूछताछ की जा रही है। संकेत हैं, शाम तक ईओडब्लू इसका खुलासा करेगा।
36 हजार करोड़ का नान घोटाला जब उजागर हुआ था, चिंतामणि नान के रायपुर आफिस में एकाउंट आफिसर थे। नान की चर्चित लाल डायरी में चिंतामणि का नाम कोड वर्ड में कई जगह सीएम साहब लिखा हुआ था। सीएम साहब को इस डेट में इतना पैसा दिया गया तो इस तारीख को इतना। नान के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने दो रोज पहिले जो शपथ पत्र दिया, उसमें भी चिंतामणि का जिक्र था।
नान मामले की एसआइटी गठित होने के बाद ईओडब्लू की टीम ने सबसे पहले चिंतामणि के ठिकानों पर दबिश देकर बड़े पैमाने पर अवैध संपति का पर्दाफाश किया था। रायपुर, दुर्ग, कांकेर से लेकर बंगलोर तक में चिंतामणि के नाम से प्लाट और मकान मिले थे।
हालांकि, मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से एसआइटी के अधिकारी इस चिंतामणि की गिरफ्तारी की पुष्टि करने से बच रहे हैं। मगर सीनियर आफिसर ने यह जरूर माना कि चिंतामणि को दुर्ग से रायपुर लाया गया है। और, उससे पूछताछ चल रही है। बताते हैं, एसआइटी के अफसर आज सुबह छह बजे चिंतामणि के दुर्ग स्थित घर पहुंचे थे। दरवाजा खटखटाने पर पहले तो चिंतामणि ने दरवाजा नहीं खोला। मगर बाद में जब काफी शोर होने लगा तो चिंतामणि की पत्नी ने दरवाजा खोला। चिंतामणि का लेकर एसआइटी रायपुर के लिए निकल आई।


नान घोटाले में शिवशंकर भट्ट ने शपथ पत्र देकर पूर्व सीएम रमन सिंह, खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले, नान के पूर्व एमडी और रिटायर आईएफएस अधिकारी कौशलेंद्र सिंह का नाम लेते हुए उन्हें नान कांड का मुख्य षडयंत्रकारी बताया था।


होम लोन पर मिलेगी 3:50 लाख की छूट

नई दिल्‍ली। मोदी सरकार ने सुस्त पड़े रियल एस्टेट में जान फूंकने के लिए कई कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घर खरीदारों को 1.5 लाख रुपए की होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त छूट देने का एलान किया है। इसके तहत शहरों में 45 लाख तक का घर खरीदने पर लोगों को छूट मिलेगी। इसके तहत लोग अब होम लोन पर कुल 3.5 लाख रुपये की छूट पा सकेंगे। हालांकि इसका फायदा केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो 31 मार्च 2020 तक घर खरीदेंगे।


इसके अलावा सरकार गांवों में 1.95 करोड़ घर 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बनाकर के देगी। इन घरों में शौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन दिया जाएगा। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों की सहायता करने के लिए सरकार अपनी तरफ से मदद देगी। वहीं लोग कम ब्याज पर घर, गाड़ी और व्हाईट गुड्स खरीद सकेंगे। इसके अलावा नेशनल हाउसिंग बोर्ड से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। क्रेडिट गांरटी योजना के तहत इन कंपनियों को एक लाख करोड़ की अतिरिक्त मदद बैंकों से दी जाएगी।


व्यापार-व्यवसाय अच्छा रहेगा: मिथुन

राशिफल


मेष-लाभ के अवसर अचानक बनेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराने किए गए प्रयासों का लाभ अब मिल सकता है। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। यश बढ़ेगा। आय में वृद्धि के योग हैं। चोट व रोग की तरफ से सावधानी रखें। भय रहेगा।


वृष-फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। घर में मेहमानों का आवागमन रहेगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में लाभ होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।


मिथुन-लेन-देन में जल्दबाजी तथा कार्य करते समय लापरवाही न करें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा!


कर्क-शारीरिक कष्ट से कार्य में बाधा उत्पन्न हो सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार ठीक चलेगा।


सिंह-सुख के साधन जुटेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। पारिवारिक चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। सावधान रहें।


कन्या-लाभ में वृद्धि होगी। नए कार्यकारी अनुबंध हो सकते हैं। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। समाजसेवा करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम न लें।


तुला-दुष्टजनों को पहचानना आवश्यक है। उनसे दूर रहने के प्रयास करें। किसी धार्मिक आयोजन में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालयों में काम अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


वृश्चिक-कोई पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी इत्यादि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि की आशंका प्रबल है। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। विवाद की आशंका है। शत्रु सामना नहीं कर पाएंगे। लाभ होगा। नौकरी में तनाव रहेगा।


धनु-किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में अधीनस्थों का सहयोग प्राप्त होगा। उत्साह व प्रसन्नता बने रहेंगे!


मकर-पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग अनुकूल रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। लाभ में कमी हो सकती है। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कारोबार अच्छा चलेगा। रोजगार में वृद्धि होगी। कोई बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। लापरवाही न करें।


कुंभ-किसी मनोरंजक आनंददायी यात्रा की योजना बनेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। रचनात्मक कार्यों में रुचि जागृत होगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। घर-बाहर जीवन सुखमय व्यतीत होगा।


मीन-कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। विवाद हो सकता है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा।


काला नमक की विशेषताएं

काला नमक (बंगला : बिट लबन (বিট লবণ); नेपाली: बिरे नुन ; काला नमक ; गुजराती: સંચળ संचल)


भारतीय उपमहाद्वीप में निर्मित और भारतीय भोजन में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाने वाला खाद्य नमक है। काले नमक का प्रयोग चाट, चटनी, रायता और कई अन्य भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। भारतीय चाट मसाला, अपनी खुशबू और स्वाद के लिए काले नमक पर निर्भर करता है।


काले नमक में मुख्यतः सोडियम क्लोराइड होता है। इसके अतिरिरिक्त इसमें सोडियम सल्फेट, आइरन सल्फाइड, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि की कुछ मात्रा भी मिश्रित होती है। सोडियम क्लोराइड के कारण ही यह नमकीन स्वाद देता है, आइरन सल्फाइड के कारण इसका गहरा बैंगनी रंग दिखता है और सभी सल्फर लवण इसके विशिष्ट स्वाद और गंध के लिये जिम्मेदार हैं। इनमें से हाइड्रोजन सल्फाइड मुख्यत: इसके गंध का कारण है।


कुछ स्रोतों में काला नमक बनाने की निम्नलिखित विधि बतायी गयी है-काला नमक को बनाने के लिए नमकीन पानी में हरड़ के बीज डाल कर उबाला जाता है, उबलने के बाद पानी तो भाप बन कर उड़ जाता है और शेष बचता है क्रिस्टलीय नमक, जिसका रंग काला होता है इसलिए इसका नाम काला नमक है। जब इसे पीसा जाता है तब इसका पाउडर गुलाबी हो जाता है। रासायनिक रूप से, काला नमक सोडियम सल्फाइड होता है जिसमे कुछ मात्रा मे, खनिज लवण भी होते हैं। इसका उत्पादन सोडियम थाओसल्फेट के निर्माण के दौरान एक बायप्रोडक्ट के तौर पर भी होता है।


उपयोग 
काले नमक को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति में एक ठंडी तासीर का मसाला माना जाता है और इसका प्रयोग एक रेचक और पाचन सहायक के रूप में किया जाता है। यह भी माना जाता है कि यह पेट की गैस (उदर वायु) और पेट की जलन में राहत प्रदान करता है। इसे कभी कभी उच्च रक्तचाप या कम नमक का आहार लेने वाले व्यक्ति भी प्रयोग करते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि इसमे आम नमक की तुलना में कम सोडियम होता है और यह रक्त में सोडियम की मात्रा में वृद्धि नहीं करता है। हरड़ के बीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सा में कामोत्तेजक माना जाता और यह रक्तचाप को कम करने और जलन में मदद करता है। इस आशय का कारण हरड़ के बीजों का सल्फ्यूरस यौगिक हैं जो निर्माण प्रक्रिया के दौरान काला नमक का हिस्सा बन जाते हैं।काले नमक को इसके अंडे जैसे स्वाद के चलते शाकाहारी लोगों द्वारा पसन्द किया जाता है, उदाहरण के लिए, इसका इस्तेमाल मसाला टोफू को अंडा सलाद जैसा स्वाद देने के लिए किया जाता है।


जैविक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन

बाल विकास (या बच्चे का विकास), मनुष्य के जन्म से लेकर किशोरावस्था के अंत तक उनमें होने वाले जैविक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों को कहते हैं, जब वे धीरे-धीरे निर्भरता से और अधिक स्वायत्तता की ओर बढ़ते हैं। चूंकि ये विकासात्मक परिवर्तन काफी हद तक जन्म से पहले के जीवन के दौरान आनुवंशिक कारकों और घटनाओं से प्रभावित हो सकते हैं इसलिए आनुवंशिकी और जन्म पूर्व विकास को आम तौर पर बच्चे के विकास के अध्ययन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाता है। संबंधित शब्दों में जीवनकाल के दौरान होने वाले विकास को सन्दर्भित करने वाला विकासात्मक मनोविज्ञान और बच्चे की देखभाल से संबंधित चिकित्सा की शाखा बालरोगविज्ञान (पीडीऐट्रिक्स) शामिल हैं। विकासात्मक परिवर्तन, परिपक्वता के नाम से जानी जाने वाली आनुवंशिक रूप से नियंत्रित प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप या पर्यावरणीय कारकों और शिक्षण के परिणामस्वरूप हो सकता है लेकिन आम तौर पर ज्यादातर परिवर्तनों में दोनों के बीच का पारस्परिक संबंध शामिल होता है।


(बच्चे के विकास की अवधि के बारे में तरह-तरह की परिभाषाएँ दी जाती हैं क्योंकि प्रत्येक अवधि के शुरू और अंत के बारे में निरंतर व्यक्तिगत मतभेद रहा है।)बाल विकास में विकासात्मक अवधियों की रूपरेखा।कुछ आयु-संबंधी विकास अवधियों और निर्दिष्ट अंतरालों के उदाहरण इस प्रकार हैं: नवजात (उम्र 0 से 1 महीना); शिशु (उम्र 1 महीना से 1 वर्ष); नन्हा बच्चा (उम्र 1 से 3 वर्ष); प्रीस्कूली बच्चा (उम्र 4 से 6 वर्ष); स्कूली बच्चा (उम्र 6 से 13 वर्ष); किशोर-किशोरी (उम्र 13 से 20 वर्ष) हालाँकि, ज़ीरो टू थ्री और वर्ल्ड एसोसिएशन फॉर इन्फैन्ट मेंटल हेल्थ जैसे संगठन शिशु शब्द का इस्तेमाल एक व्यापक श्रेणी के रूप में करते हैं जिसमें जन्म से तीन वर्ष तक की उम्र के बच्चे शामिल होते हैं; यह एक तार्किक निर्णय है क्योंकि शिशु शब्द की लैटिन व्युत्पत्ति उन बच्चों को सन्दर्भित करती है जो बोल नहीं पाते हैं।


बच्चों के इष्टतम विकास को समाज के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और इसलिए बच्चों के सामाजिक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक और शैक्षिक विकास को समझना जरूरी है। इस क्षेत्र में बढ़ते शोध और रुचि के परिणामस्वरूप नए सिद्धांतों और रणनीतियों का निर्माण हुआ है और इसके साथ ही साथ स्कूल सिस्टम के अंदर बच्चे के विकास को बढ़ावा देने वाले अभ्यास को विशेष महत्व भी दिया जाने लगा है। इसके अलावा कुछ सिद्धांत बच्चे के विकास की रचना करने वाली अवस्थाओं के एक अनुक्रम का वर्णन करने की भी चेष्टा करते हैं।


राष्ट्र की महानता (कर्तव्यवाद)

गतांक से...
 परंतु वायुमंडल में अशुद्ध शब्दों का मिलान हो रहा है। उसके पश्चात भी मैं अपने यजमान का यह वाक्‌ उच्चारण करता रहता हूं। हे यजमान, तेरे जीवन का सौभाग्य अखंड बना रहे। यह जो काल चल रहा है। वाममार्ग का काल चल रहा है। यहां उल्टे मार्ग पर जाने वाला समाज है। जब यह एकांत स्थली में विद्यमान होता है तो वह मांस और सुरा पान की ही चर्चा करता है। यह अपनी कृतियों की चर्चा करता है । परंतु मानवता की चर्चा इस के द्वार से नष्ट होती जा रही है। मैंने बहुत पुरातन काल में अपने पूज्य पाद गुरुदेव को यह वर्णन कराया था कि यह ऐसा विचित्र एक कर्म है जो सृष्टि के प्रारंभ से चला रहा है। सृष्टि के प्रारंभ से यह यज्ञ कर्म चला आ रहा है। सुगंधित होना चाहता है। वह किसी भी स्त्री-पुरुष पर रहता है, किसी भी रूप में रहता है। उसके हृदय में एक आकांक्षा है कि मैं सुगंधित हो जाऊं। सुगंधी की भी नाना अग्नियों का चयन करता रहता है । परंतु जब मैं यह विचारता हूं कि यह नाना प्रकार की जो अग्नि है। वह अपने में निहित हो करके हमें विचित्र बना सकती है। यदि हम उनको जानने का प्रयास करें। परंतु देखो जब यहां ब्रह्म-जगत में महाभारत के काल के पश्चात की वार्ता है। पूज्‍यपाद गुरुदेव तो इन वाक्यों को इतने विस्तृत रूप से जानते नहीं। परंतु मैं इनको परिचय कराता रहता हूं। हमारा यह परिचय रहता है कि महाभारत के काल के पश्चात यहां नाना प्रकार के विचार और वाम मार्ग संप्रदाय का यहां एक उधरवा में रूप धारण किया गया। उस वाम मार्ग में देखो यह और मेरी प्यारी माताओं का तिरस्कार प्रारंभ किया। दोनों का तिरस्कार जब महाभारत के काल के पश्चात हुआ। नाना प्रकार के मत मत-मतातंरो में यह समाज, यह मानव समाज का बंटवारा बन गया। नाना मत-मतंरो का सबसे प्रथम बौद्ध काल में यह कहा गया। जब बोदॄ का काल आया कि मैं ऐसे वेद को स्वीकार नहीं करता। जिस में हिंसा हो, उसका परिणाम यह हुआ कि वाम मार्ग का विस्‍तार हुआ,वह बौद्ध काल के मानव ने यह नहीं विचारा न महात्मा बुध में यह विचार आया कि इस वेद का अध्ययन तो करना चाहिए। जब एक-एक वेद के मंत्रों के जो भी अर्थ है, वैज्ञानिक अर्थ है, मानव के व्यवहारिक अर्थ है। उसको न मानना ही एक बुदॄ समाज का ह्रास हो गया। बुद्ध समाज में बौद्धिक ऋषियों ने उन्होंने भी मांस का आहार प्रारंभ किया। उसका परिणाम यह हुआ कि यहां नाना प्रकार की रूढ़ियों का प्रादुर्भाव हुआ। महात्मा बुध के कार्यकाल के पश्चात नाना प्रकार की रूढियां बनी और वह वाम मार्क का समाज था। उसने वेदों की अवहेलना की, यज्ञो में मांस की आहुतियां प्रदान करने लगे। तो यज्ञ का तिरस्कार हो गया। वैदिक साहित्य का ह्रास हो गया जब विचारा तो हम यहां जैन काल में भी ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि मैं तपस्या को प्रथम स्वीकार करता हूं। वेद के एक अंग को अपनाया है तपस्या का अंग। परंतु देखो सर्वांग अंग वह प्राणी होता है जो यज्ञ जो सुगंधी और विचार सुगंधी और इसका संबंध करके परिणत होता है। तो वह सर्वत्र, पूर्ण, देखो वह एक समिधा के रूप में उसका जीवन बन जाता है। जब मैं यह भी जानता हूं कि कितना तिरस्कार हुआ है? मेरी पुत्रियों को यहां, देवियों का तिरस्कार हुआ। तो देखो यहां दूरी तम, देखो संतान का जन्म होना आरंभ हुआ। परंतु देखो, उनके जन्म के पश्चात वैदिक सिद्धांतों की अवहेलना करने वाला समाज बन गया। जब मैंने विचारा की अश्व तम ब्रह्म महात्मा बुध का परिणाम यह बना कि बौद्ध काल के जानने वालों का राष्ट्र हुआ। महात्मा महावीर के मानने वालों का राष्ट्र हुआ। तो यहां जितना वैदिक साहित्य था वह कुछ को त्याग करके अग्नि के मुख में परिणित कर दिया था कि ऐसे वैदिक साहित्य को हम स्वीकार नहीं करें। इसमें हिंसा है। परंतु उन भोले प्राणियों ने अध्ययन नहीं किया। उसका अध्ययन कर लेते तो यह अज्ञानता या यज्ञ का तिरस्कार नहीं हो सकता था। यज्ञ का तिरस्कार जब होता है जब अज्ञान की प्रतिभा का जन्म होता है। अपनी सुगंधी को नष्ट कर देता है। इसी प्रकार जब देखो यहां वैदिक काल समाप्त हुआ तो इसमें इतनी हीनता को जैन और देखो बौद्ध समाज ने, इस समाज को इतना निर्दयी और ऋणी बना दिया कि उसमें ऐसी निर्लज्जता आ गई। कुरीतियां बन गई। वीरता का देखो स्थान समाप्त हो गया। उसका परिणाम यह हुआ कि नाना प्रकार के देखो या यमनो का कॉल आ गया। यमन के काल में यहां यमन आए। दूसरे राष्ट्रों से आए। परंतु देखो उन्होंने आकर के यहां वैदिकता को नष्ट करना प्रारंभ किया और प्यारी माताओं के श्रृंगार का हनन करने का प्रयास किया। नाना प्रकार के मंत्रों में नाना प्रकार की रूढ़ियों में यह समाज परिणत हो गया। यह संसार पृथ्वी का प्राणी नाना प्रकार की रूढ़ियों में महाभारत के काल के बाद हुआ है। महाभारत के पूर्व का काल साहित्य यह नहीं कहता कि यहां रूढिया जाती या नाना प्रकार के मंत्र वाला समाज था। कोई मंत्र नहीं था मुझे वह काल स्‍मरण है। मेरे पूज्य गुरुदेव के चरणों में रहा हूं। मैंने उस काल को भी दृष्टिपात किया है। उस काल में सर्वमेघ का यज्ञ करने वाले राजा अपने राष्ट्र में यह घोषणा करते रहते थे कि देखो यहां प्रत्येक प्राणी को याज्ञिक बनना चाहिए। प्रत्येक ग्रह में वेद महिमा होनी चाहिए। चाहे किसी का गृह हो,वेद की ध्‍वनि होनी चाहिए। तो वेदवेता होने वाला समाज बन जाएगा। राजाओं के पूर्व के काल में यह घोषणा होती रही है। महाराजा अश्वपति ने तो अपने राष्ट्र में यह घोषणा कराई थी कि मेरे राष्ट्र में प्रत्येक प्राणी याज्ञिक होना चाहिए। याज्ञिक होना यज्ञ में केवल अग्नि में ही आहुति देना नहीं है। यज्ञ का अभिप्राय यह है कि यज्ञ में आहुति होनी चाहिए। परंतु सदाचार और शिष्टाचार भी होना चाहिए। सदाचार और शिष्टाचार की वेदी वाला जो राष्ट्र होता है जो अपने राष्ट्र में वेद के प्रकाश को पनपाता रहता है। परंतु देखो, ऐसा जो विचित्र राष्ट्र है वही तो समाज को महान बना सकता है। जो राजा स्वत: यज्ञ में परिणत होने वाला हो, अपने गृह को सुगंधित बनाने वाला हो, वही तो महान बनेगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

दैनिक यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 16, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-44 (साल-01)
2. रविवार,16सितबंर 2019
3.शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि दूज,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:10,सूर्यास्त 6:10
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शनिवार, 14 सितंबर 2019

जनहित के लिए की गई सरकारी घोषणाएं

नई दिल्ली। सस्ते मकान का सपना अब जल्द पूरा हो जायेगा। मोदी सरकार ने रियल सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है, कि 10 हजार करोड़ का फंड उन प्रोजेक्ट को दिया जायेगा, जिनका काम 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रोजेक्ट नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए न हो। इसके अलावा उन प्रोजेक्‍ट्स को भी यह फंड नहीं मिलेगा। जिनका मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पास पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इससे 3.5 लाख घरों को फायदा मिलेगा।


वित्त मंत्री ने कहा, 'अगर आप होम बायर हैं तो बिल्डर से पूछ सकते हैं कि आप NPA या फिर NCLT में हो या नहीं। अगर नहीं हो तो आप जाकर इस स्कीम का फायदा उठाओ जिससे आपको घर जल्द मिल सके। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्‍यवस्‍था को गति देने के लिए कई घोषणाएं की। उन्‍होंने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की एक नयी योजना (आरओडीटीईपी) की शनिवार को घोषणा की। निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है। सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है।अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा.सीतारमण ने यह भी कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी। इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है। उन्होंने कहा कि आरओडीटीईपी मौजूदा प्रोत्साहन योजनाओं का स्थान लेगी। इनके मुकाबले यह ज्यादा उचित तरीके से निर्यातकों को प्रोत्साहन देगी। मंत्री ने कहा कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।


कांग्रेस ने नेतृत्व बदला नीति नहीं:बराला

चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भाजपा द्वारा चलाए जा रहे महा जनसंपर्क अभियान के तहत बहादुरगढ़ पहुंचकर बाजारों में दुकानदारों से सम्पर्क किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष बिजेंदर दलाल और विधायक नरेश कौशिक भी साथ मौजूद रहे । सुभाष बराला ने महा जन संपर्क के दौरान भाजपा सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों और पिछली सरकारों की भ्रष्ट नीतियों के बारे में बताया l
बराला ने बताया कि कांग्रेस ने नेतृत्त्व बदला नीति नहीं, जनता को सब मालूम है भूपेंद्र हुडा और कुमारी शैलजा को मिली नई जिम्मेदारी से उनके बारे में जनता का मन नहीं बदल जाएगा 10 साल सत्ता में रही कांग्रेस द्वारा आमजन के हितों से किए गए खिलवाड़ को भुलाया नहीं जा सकता l जिसका सबक जनता ने बीते पौने पांच साल कांग्रेस को सिखाया है और आगामी विधानसभा चुनाव में भी जनता कांग्रेस को और सबक सिखाएगी। अपने राजनीतिक, प्रशासनिक कुकर्मों की बदौलत कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाएगी।
सुभाष बराला ने टिकटों पर बात करते हुए कहा कि भाजपा जल्दबाजी में टिकटों की घोषणा नही करेगी । चुनाव घोषित होने तक भारतीय जनता पार्टी संपर्क के कई दौर पूरा करके हरियाणा के प्रत्येक परिवार तक पहुँच जाएगी और उन्हें 5 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों और कामों के परिमाण स्वरूप एक बार फिर भाजपा को वोट देकर उनकी अपनी भय भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने की अपील करेंगे ।
बराला ने कहा कि बिना भेदभाव के प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में आम नागरिक को मूलभूत सुविधाएं पहुंचा कर लोगों को राहत देने का कार्य भारतीय जनता पार्टी ने किया है । प्रदेश सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में योग्यता के आधार पर युवाओं को नौकरी देकर कांग्रेस व इनैलो शासनकाल से पर्ची और खर्ची की चली आ रही परंपरा को तोडऩे का कार्य किया है । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के कार्यकाल में दक्षिणी हरियाणा की नहरों में अंतिम टेल तक पानी पहुंचा कर किसान व आम जनमानस को खुशहाल करने का कार्य किया है। वही किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य दिलवाया गया बल्कि किसान का एक-एक दाना सरकार ने उचित मूल्य पर ख़रीदा l


प्रशासन का जनता से शत्रु जैसा व्यवहार

प्रशासन का जनता से शत्रु व्यवहार
अविनाश श्रीवास्तव
गाजियाबाद। लोकतांत्रिक राष्ट्र में सुख सुविधा को दरकिनार कर शासन और प्रशासन जनता से शत्रु के जैसा व्यवहार क्यों कर रहा है। प्रशासनिक अधिकारी मानो तो बेलगाम हो गए हैं अपने मूल कर्तव्य के साथ खूब आंख मिचौली का खेल, खेल रहे हैं। जबकि जनता को पीड़ा देने के परिणाम सर्वदा अनुचित रहते हैं। जानकारी के अनुसार गोरी पट्टी स्थित 20 फुटा रोड के बीच विद्युत विभाग के द्वारा ट्रांसफार्मार रखा गया है। ट्रांसफॉर्मर के द्वारा विद्युत सप्लाई की जा रही है। 400 केवी टासफार्मार के कारण सड़क अत्यंत संकरी हो गई है। जिसके चलते कई वाहन नाले में गिर जाते है। आए दिन किसी अप्रिय घटना घटने की आशंका बनी रहती है। विद्युत विभाग को कई बार शिकायत की गई है। लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं गया है। जनता की समस्या को देखते हुए उपजिला अधिकारी से विद्युत विभाग की शिकायत की गई है। लेकिन समस्या का समाधान अभी भी नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि प्रशासन जनता के प्रति समर्पित नहीं है।


चेयरमैन ने नगर को बना रखा है नर्क

चेयरमैन ने नगर को बना रखा है नरक
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। लोनी नगर पालिका क्षेत्रों की कई कालोनियों की जनता गंदगी और कूड़े के जमाव से उत्पन्न होने वाली समस्याओं ने जनता का जीवन दूभर कर दिया है। आखिरकार भोली-भाली जनता से किस बात का बदला लिया जा रहा है। जनता को नरकीय जीवन जीने के लिए विवश कर दिया गया है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार अल्‍बी नगर, मुस्तफाबाद, हाजी कॉलोनी, गोरी पट्टी, मुगल गार्डन, लक्ष्मी गार्डन आदि कॉलोनियो में गंदगी के अंबार लगे हैं। नालों की स्थिति अत्यंत पीड़ादायक बनी हुई है। दो नंबर स्थित 100 फुटा रोड के किनारे नालों में गोबर और कचरे के जमाव से बदबू ने स्थानीय लोगों का जीवन कष्टदायक बना दिया है। इसमें अधिशासी अधिकारी की कर्तव्य हीनता से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है। नेतृत्व और अकर्मण्य अधिकारी के कारण नगर की जनता को बिना बजह कष्‍ट झेलना पड़ रहा है। नगर की जनता को जानकारी होनी चाहिए नगर की सफाई पर लगभग 2 करोड़ों रुपए मासिक खर्च किया जा रहा है। जनता स्वयं अनुमान लगा सकती है,नगर में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।


हिंदी से अच्छा कौन है? (विविध)


जब हिन्दी से प्रसिद्धि मिलती है तो अंग्रेजी बोलने में शान क्यों समझते हैं?
हिन्दी दिवस पर टॉक शो में लेखिका पूनम पांडे और 92.7 बिग एफएम के आरजे अजय से सार्थक चर्चा। कॉलेज में सम्मान समारोह भी।

14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में एसपी मित्तल टॉक शो में लेखिका व गीतकार पूनम पांडे और आरजे अजय वर्मा के साथ हिन्दी पर सार्थक चर्चा हुई। जब हिन्दी की वजह से फिल्मी कलाकारों, नेताओं, अधिकारियों, पत्रकारों, लेखकों को प्रसिद्धि मिलती है, तब ऐसे लोग अंग्रेजी बोलने में अपनी शान क्यों समझते हैं? हिन्दी अपने आप समृद्ध भाषा है। टॉक शो में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी के द्वारा हिन्दी में फैसले लिखे जाने पर भी चर्चा हुई। हिन्दी दिवस के मौके पर पूनम पांडे ने अपनी मधुर आवाज में गीत भी सुनाया। हिन्दी दिवस के विभिन्न कार्यक्रमों को लीक से हट कर इस टॉक शो को यूट्यूब पर देखा जा सकता है। यूट्यब पर एसपी मित्तल लिखने से ही टॉक शो मिल जाएंगे। 
कॉलेज में सम्मान समारोह:
हिन्दी दिवस के अवसर पर 14 सितम्बर को अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के सभागार में लेखकों, पत्रकारों और शिक्षाविदों का सम्मान किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य मुन्नालाल अग्रवाल ने कहा कि हम अतिथियों का सम्मन कर स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने हिन्दी दिवस के अवसर पर अपने विचार भी रखे। समारोह में महाविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष और शिक्षाविद् डॉ बद्री प्रसाद पंचोली, पूर्व प्राचार्य बीएल जोशी, कॉलेज शिक्षा के संयुक्त निदेशक दीपक मेहरा, सहायक निदेशक सुनीता पचौरी, साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया, गीतकार सुरेन्द्र चतुर्वेदी, पत्रकार रक्तिम तिवाड़ी, सादिक अली, गीतकार गोपाल गर्ग, डॉ. बृजेश माथुर, डॉ. मधुरिमा सिंह, राजेन्द्र गुंजल, लेखिका और कवियत्री पूनम पांडे, डॉ. हरप्रसाद गौड, श्रुति गौतम, दीपक शर्मा, शिवकुमार शर्मा, ब्लॉगर एसपी मित्तल आदि का सम्मान किया गया। 
एस.पी.मित्तल


राजस्‍थान:सरकार का कर्मचारियों से मोह भंग

रिटायर रोडवेज कर्मियों और प्रदेश के बेरोजगारों का नौ माह में ही कांग्रेस सरकार से मोह भंग हो गया। भाजपा सरकार को उखाडऩे में जी जान लगा दी थी।
यूं तो मौजूदा कांग्रेस सरकार से अनेक संगठन और लोग नाराज होंगे, लेकिन सबसे ज्यादा पीड़ा रोडवेज के रिटायर कार्मिकों और प्रदेश के बेरोजगारों को हो रही है। असल में इन दोनों के लोगों ने गत भाजपा सरकार को उखाडऩे में जी जान लगा दी थी। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव भाजपा शासन में आंदोलन करने पर कई बार जेल भी गए। बेरोजगारों की समस्याओं को लेकर अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग से लेकर जयपुर में विधानसभा और सचिवालय के बाहर तक तम्बू लगाए। प्रदेशभर के बेरोजगारों को एकजुट कर सरकार विरोधी माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दु:खी और परेशान बेरोजगारों ने भाजपा सरकार को हटाने का संकल्प लिया। दिसतम्बर 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनवा कर ही चैन की सांस ली। लेकिन अब 9 माह से बेरोजगारों का कांग्रेस से मोह भंग हो गया है। प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि 12 सितम्बर को जयपुर में स्कूली शिक्षा के सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज करवा कर कांग्रेस सरकार ने दर्शा दिया है कि वह भाजपा से भी ज्यादा अत्याचारी है। परिणाम जारी नहीं होने से 8 हजार अभ्यर्थी पहले ही परेशान है और अब सरकार लाठियों से पीट रही हैं। आरपीएससी ने अभी तक भी परीक्षा का कलेंडर जारी नहीं किया है। अधिकांश परीक्षाओं के परिणाम कोर्ट में फंसे पड़े हैं। यानि बेरोजगारों का जो हाल भाजपा शासन में था, वहीं कांग्रेस शासन में भी है। यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही अंादोलन की रणनीति बनाई जाएगी। मोबाइल नम्बर 9460297575 पर पीडि़त बेरोजगार उपेन यादव से संवद कर सकते हैं। 
रिटायर रोडवेज कर्मी भी परेशान:
विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए रोडवेज के रिटायर कर्मचारियों ने भी शहरों में रैली निकाली। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को जीताने के लिए टोंक में बड़ा प्रदर्शन भी किया। पायलट तो सरकार में डिप्टी सीएम बन गए, लेकिन रिटायर कर्मचारी वहीं खड़े हैं। रिटायर कर्मचारियों के प्रतिनिधि गिरधारी तंवर ने बताया कि साढ़े तीन हजार कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय गे्रच्युटी,उपार्जित अवकाश, ओवर टाइम की बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ है। कर्मचारी भाजपा के शासन में तीन वर्षों तक परेशान रहे और कांग्रेस सरकार ने 9 माह बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया है। चुनाव में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने जो भरोसा दिलाया है, वह अब टूट गया है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास तो सिर्फ बयानबाजी करते हैं। सरकार को 500 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। रिटायरमेंट पर राशि नहीं मिलने से कर्मचारी की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारी नजर में भाजपा और कांग्रेस की सरकार में कोई फर्क नहीं है। कांग्रेस सरकार अपने वायदे पर खरी नहीं उतर रही है। लोकसभा चुनाव में बुरी हार से भी कांग्रस कोई सबक नहीं ले रही है। सरकार का यदि ऐसा ही रवैया रहा तो पंचायती राज और स्थानीय निकायों के चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा। जिस प्रकार भाजपा के शासन में विरोध किया, उसी प्रकार अब कांग्रेस शासन में भी कर्मचारियों को सड़कोंपर उतरना पड़ेगा। रिटायर रोडवेज कर्मियों के आंदोलन के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9461164713 पर गिरधारी कुमावत से ली जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल


राजे का भाजपा संगठन में महत्व कम

अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा विधायकों से मुलाकात करने का सिलसिला शुरू किया। भाजपा संगठन में नहीं है कोई महत्त्व।
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे ने भाजपा के तीन विधायक रामस्वरूप लाम्बा (नसीराबाद), हरेन्द्र नीनामा (घाटोल) तथा कैलाश मीणा (गढ़ी) से जयपुर स्थित अपने आवास पर एक मिनट की मुलाकात की। एक समय था जब वसुंधरा राजे से एक मिनट की मुलाकात के लिए मंत्री, केन्द्रीय मंत्री, आईएएस अफसरों, विधायकों और बड़े नेताओं को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। मुलाकात पूरी तरह वसुंधरा राजे के मूड़ पर निर्भर करती थी। सब जानते हैं कि 2013 से 2018 तक वसुंधरा राजे ने किस राजशाही अंदाज में राजस्थान में भाजपा की सरकार चलाई। वसुंधरा राजे के इस रवैए की कीमत भाजपा को अपनी सरकार गवां कर चुकानी पड़ी। वसुंधरा राजे का भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति बेरुखी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया तो आज तक भी इस दायित्व को नहीं संभाला है। यही वजह रही कि पिछले लोकसभा चुनाव में राजे की कोई भूमिका नहीं रखी गई। भाजपा ने राजे के बगैर ही प्रदेश की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की। गत विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजे भाजपा की राजनीति से अलग थलग हैं। प्रदेश संगठन सारी रणनीति राजे की गैर मौजूदगी में ही तैयार कर रहा है। यह तब है कि जब मदनलाल सैनी के निधन के बाद से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा है। इस समय प्रदेश संगठन की कमान संगठन महासचिव चन्द्रशेखर के हाथ में हैं। चन्द्रशेखर इस दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं। चूंकि राजे को अब संगठन में कोई महत्त्व नहीं मिल रहा है, इसलिए भाजपा के विधायकों से मिलने का सिलसिला शुरू किया है। ऐसे विधायक अपनी इच्छा से राजे के निवास पर नहीं जा रहे ताकि उन्हें राजे से मुलाकात करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। अब तो मुलाकात के बाद कक्ष के बाहर आकर विधायकों के साथ राजे फोटो भी  खींचवा रही हैं। राजे और उनके चमचों को भी पता है कि राजे की विधायकों से मुलाकात वाली खबर अखबरों में भी हीं छपेगी। इसलिए वसुंधरा राजे खुद अपने फेसबुक पेज पर फोटो को पोस्ट कर रही है। सवाल यह भी है कि आखिर भाजपा विधायकों से मुलाकात का सिलसिला राजे ने क्यों शुरू किया है? क्या राजे भाजपा की राजनीति में अपना महत्त्व दिखाना चाहती हैं? लेकिन राजे वो इस राजनीति को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि जिस व्यक्ति के पास ताकत होती है उसके पास विधायक जाते हैं। 
गहलोत की मेहरबानी से सरकारी बंगले में:
वसुंधरा राजे जयपुर के सिविल लाइन के जिस सरकारी बंगाल संख्या 13 में मुफ्त में रह रही हैं, उसमें कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मेहरबानी है। हाईकोर्ट ने विगत दिनों ही आदेश दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले और अन्य सुविधाओं के हकदार नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजे की यह बंगला खाली करना चाहिए, लेकिन अब राजे मुख्यमंत्री गहलोत की मेहरबानी से बंगले में रह रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद गहलोत का कहना रहा कि सरकार वसुंधरा राजे को विधायक होने के नाते भी इसी बंगले को आवंटित कर सकती है। अब देखना है कि धौलपुर राजघराने की महारानी वसुंधरा राजे कांग्रेस सरकार की मेहरबानी से सरकारी बंगले में रहती है या फिर हाईकोर्ट के आदेश और नैतिकता के तौर पर बंगले को खाली करती है। 
पेड़ भी लगाए:
14 सितम्बर को राजनीतिक मजबूरी के चलते पूर्व सीएम राजे ने भाजपा के सेवा सप्ताह के विभिन्न कार्यक्रमों में जयपुर के मूक बधिर विद्यालय में पौधरोपण भी किया। सेवा सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल


आप लोगों का हृदय से धन्यवाद।

ब्लॉग 6 हजार के पार होने पर अब टॉक शो भी शुरू। 
मेरे प्रति पाठकों और दर्शकों का स्नेह बना रहे।
  मेरा यानि एसपी मित्तल 6002वां ब्लॉग पाठकों के सामने हैं। जीवन में गणित का आंकड़ा कोई मायने नहीं रखता है, लेकिन इस आंकड़े तक पहुंचने में कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। पाठकों ने हौंसला अफजाई की उसका परिणाम है कि आज ब्लॉग अजमेर जिले की सीमा को लांघकर राजस्थान से होते हुए देश के अधिकांश हिन्दी भाषी राज्यों में पहुंच रहे हैं। पाठकों से फीडबैक के अनुसार मेरे ब्लॉग सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से कोई पचास लाख लोगों तक पहुंच रहे हैं। मैं ऐसे सभी पाठकों का आभारी हंू जो मुझे रोज पढ़ते हैं। वाटसएप, फेसबुक पेज आदि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों के प्रति मेरा विशेष आभार है। पाठकों की इस हौंसला अफजाई की वजह से ही अब एसपी मित्तल टॉक शो की शुरुआत भी की गई है। मेरा प्रयास है कि सप्ताह में कम से कम चार-पांच दिन टॉक शो के माध्यम से किसी शखिसयत से रूबरू किया जाए। शुरुआत में ही टॉक शो को भारी सफलता मिली। दर्शक टॉक शो को यूट्यूब पर भी देख सकते हैं। इसे पाठकों का स्नेह ही कहा जाएगा कि यूट्यूब पर एसपी मित्तल लिखने के साथ ही मेरे टॉक शो देखने को मिल जाएंगे। मेरा दर्शकों से विशेष आग्रह है कि यू ट्यूब चैनल को लाइक करें। मेरा टॉक शो एक अलग अंदाज में प्रस्तुत हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस टॉक शो पर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करेंगे। टॉक शो यूट्यूब के साथ साथ मेरे फेसबुक पेज पर भी देखा जा सकता है। 
एस.पी.मित्तल


पीजीआई नर्सिंग ऑफिसर ने लगाए आरोप

राणा ओबराय
चंडीगढ़। पुलिस फिर सुर्खियों में, PGI के नर्सिंग ऑफिसर ने लगाया मारपीट का आरोप
चंडीगढ़। शहर की पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं और क्यों आ गई है यहां जाने- दरअसल शनिवार यानी आज सारंगपुर के रहने वाले 32 साल के शिवनाथ अपनी पत्नी के साथ सेक्टर 22 के एमडीएवी स्कूल में अपने बच्चे की पेरेंट्स मीटिंग अटेंड करने आये हुए थे|वहीँ, पेरेंट्स मीटिंग खत्म होने के बाद शिवनाथ अपने बच्चे और अपनी पत्नी को लेकर मोटरसाइकिल पर सवार होकर वहां से अपने घर के लिए निकले| बताते हैं कि जब शिवनाथ सेक्टर 22 किरण सिनेमा लाइट प्वाइंट के पास पहुंचे तो रेड लाइट हो गई जिसके कारण उन्होने अपनी मोटरसाइकिल को रोक लिया।इसी दौरान वहीँ, पास में खड़ी पुलिस वैन में बैठी पुलिस ने शिवनाथ की पत्नी को बिना हेल्मेट के देखा, जिसके बाद पुलिस की गाड़ी शिवनाथ के मोटरसाइकिल के पास आई और उसमे बैठे पुलिसवालों ने शिवनाथ से उनकी पत्नी के हेल्मेट न लगाए जाने पर सवाल-जबाब किया| पुलिसवालों ने कहा कि नए ट्रैफिक रूल्स के अंतर्गत महिलाओं को हेल्मेट लगाना अनिवार्य है लेकिन आप लोग मानते नहीं है|
बताया जाता है कि, यह हेल्मेट न लगाए जाने वाली बात काफी ज्यादा हद तक बढ़ गई|पुलिस और शिवनाथ में काफी बहस छिड़ गई|जहां शिवनाथ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बहस के दौरान उनके साथ मारपीट की|यही नहीं, पुलिस ने उनकी पत्नी के साथ भी बर्बरता की|
उधर, पुलिस शिवनाथ द्वारा सभी प्रकार के आरोपों को झूठा करार दे रही है|फिलहाल शिवनाथ ने अपनी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम को दी है|शिकायत पाकर मौके पर पहुंचकर पर पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है| पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है। जानकारी के मुताबिक शिवनाथ पीजीआई में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात है।बता दें कि इस मामले से रिलेटेड कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं|


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...