बुधवार, 7 अगस्त 2019

किन्नर निकालेगे मंगल कलश यात्रा

किन्नर समुदाय एक सौ आठ मंगल कलश यात्रा निकालेगा


रायपुर। किन्नर समुदाय 9 अगस्त को संतोषी नगर चौक से दोपहर 12 बजे 108 मंगल कलशों के साथ अच्छी वर्षा होने की कामना को लेकर कलश यात्रा निकालेगा। उक्त जानकारी प्रेसक्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता शैली राय। कार्यक्रम की संयोजक यास्मिन जान, तृतीय लिंग की राज्य स्तरीय पदाधिकारी विद्या राजपूत ने संयुक्त रूप से दी।


वार्ताकारों ने बताया कि उक्त कलशयात्रा सिद्धार्थ चौक स्थित नरहईया तालाब में कलशों के विसर्जन के साथ समाप्त होगी। मंगल कलशयात्रा के दौरान ढोल एवं नगाड़ों के बीच शहर के भक्त बड़ी संख्या में शामिल होंगे। शैली राय ने बताया कि किन्नर समाज को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से ऋषभ सोनी, राज साहू एवं फौजिया का विशेष सहयोग मिल रहा है। पत्रकारवार्ता में काजल, अंजलि, तनुश्री, बेबो, रवीना, दीपिका एवं बिंदिया शामिल थीं।


पुलिस बदमाशों के बीच मुठभेड़: मुरादाबाद

 राहुल श्रीवास्तव


पुलिस-बदमाशों के बीच मुठभेड़, दो घायल


मुरादाबाद । उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई है।इस मुठभेड़ में दो बदमाशों को गोली लगी है। गोली लगने से दोनों बदमाश घायल हो गए हैं। घटना में घायल दोनों बदमाश संभल जिले के रहने वाले हैं। वहीं, इस घटना से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है।पुलिस ने घायल बदमाशों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है


प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस ने घायल बदमाशों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। कहा जा रहा है कि दोनों बदमाशों के ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। मामला मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र का है।मुठभेड़ मयफेयर कॉलेज के पास हुई है। कहा जा रहा है कि मुरादाबाद की गजक पुलिस पेट्रोलिंग पर थी।इसी दौरान रास्ते में पुलिस ने बाइक सवार कुछ युवकों को रोका। इसके बाद बाइक सवार बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी बदमाशों पर गोली चलाई, जिससे दो बदमाश घायल हो गए।गोली दोनों के पैर में लगी है। शातिर बदमाश अज़ीम व ख़ालिद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।


देश में लॉन्च होगी हुंडई ग्रैंड i10

नई दिल्ली । हुंडई की नई ग्रैंड आई10 कार 20 अगस्त को देश में लॉन्च होगी। नई कार Hyundai Grand i10 Nios नाम से बाजार में उतारी जाएगी। लॉन्चिंग से पहले ह्यूंदै ने बुधवार को इसकी बुकिंग शुरू कर दी। आप 11 हजार रुपये देकर इसे कंपनी की डीलरशिप पर या ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। 


ह्यूंदै ने नई ग्रैंड आई10 से पर्दा उठा दिया है। यह तीसरी जनरेशन आई10 है। इसका लुक ग्रैंड आई10 के वर्तमान मॉडल से अलग है। साथ ही नाम भी बदला गया है। हालांकि, नई कार आने के बाद भी अभी मिलने वाली ग्रैंड आई10 बंद नहीं की जाएगी। कंपनी दोनों कारों, यानी ग्रैंड आई10 नियोस और ग्रैंड आई10 को बेचेगी। ग्रैंड आई10 नियोस की डिजाइन कुछ हद तक ह्यूंदै सैंट्रो से प्रेरित है। इसमें शार्प प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स और कैस्केडिंग ग्रिल दी गई है, जिससे इसका फ्रंट लुक दमदार दिखता है। पीछे की तरफ चौड़ा बंपर है, जो वर्तमान मॉडल के मुकाबले थोड़ा नीचे लगा है। यह नई कार के रियर लुक को स्पोर्टी बनाता है।


सुषमा स्वराज के निधन पर शोक सभा

संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा । जिले के कांडी प्रखंड कार्यालय के सभागार में बुधवार को प्रखण्ड विकास पदाधिकारी-गुलाम समदानी के नेतृत्व में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी प्रखंड कर्मी जनप्रतिनिधि एवं भाजपा कार्यकर्त्ता शोक सभा में शामिल हुए । इस शोक सभा में मृतक सुषमा स्वराज की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए  मृत आत्मा की शांति हेतु एक मिनट का मौन रहकर ईश्वर से प्रार्थना की गई। शोक सभा में शामिल प्रखण्ड विकास पदाधिकारी-गुलाम समदानी ने कहा कि सुषमा स्वराज की निधन से हमारे देश को अपूर्णीय क्षति हुआ है।वे देश ही नही बल्कि पूरे विश्व में याद की जाती थीं।  शोक सभा में बीस सुत्री अध्यक्ष-रामलाला दुबे स्वच्छता के प्रखंड कोऑर्डिनेटर विपिन पांडेय ,भाजपा कार्यकर्ता- शशी रंजन दुबे, राम लखन चंद्रबंशी, विनोद चंद्रबंशी,कनीय अभियंता-अनिल कुमार चौधरी, अभिषेक कुमार,प्रधान लिपिक-  विजय राम सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।


कश्मीर के हालात बिगड़ने का इंतजार


कश्मीर के हालात बिगडऩे के इंतजार में है अब्दुल्ला व मुफ्ती का परिवार। 
एनडीटीवी भी दे रहा है हवा। 

इधर लोकसभा का कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव का बिल पास हुआ, उधर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। अब जम्मू कश्मीर राज्य केन्द्र शासित होगा और देश का हर कानून जम्मू कश्मीर पर भी लागू होगा। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने 370 में बदलाव की सारी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली और सारा ध्यान जम्मू कश्मीर पर लगा हुआ है। भले ही 7 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह की व्यस्तता रही हो, लेकिन नजरें कश्मीर पर लगी हुई थीं। सरकार का प्रयास है कि जिस प्रकार संवैधानिक लड़ाई जीती है उसी प्रकार जमीनी लड़ाई भी जीत ली जाए। मोदी सरकार के अधिकांश फैसले चौंकाने वाले होते हैं, इसलिए कश्मीर घाटी की तैयारियों का कोई अंदाजा नहीं हंै। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं, इसलिए विरोध सामने नहीं आ रहा है, लेकिन घाटी में बैठे कौन कौन से नेता सरकार के समर्थन में आ जाएंगे, अभी कहा नहीं जा सकता है। सरकार का प्रयास है कि सुरक्षा इंतजमों में ढील देने के बाद भी घाटी में कोई पत्थरबाजी न हो और न ही पाकिस्तान के झंडे लहराए जाएं। लेकिन वहीं अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवरों से जुड़े लोग चाहते हैं कि घाटी में हालात बिगड़ें। यदि हालात नहीं बिगड़े तो फिर ऐसे नेताओं का क्या वजूद रहेगा? सब जानते हैं कि कश्मीर में अशांति करवाने में पाकिस्तान का हाथ है, ऐसे में न्यूज चैनल वाले भी खबरों का प्रसारण नहीं कर रहे हैं जो देश को नुकसान पहुंचाती है या फिर कश्मीर के हालात बिगड़ती है। लेकिन विचारों की अभिव्यक्ति और मीडिया की स्वतंत्रता की आड़ में एनडीटीवी के हिन्दू और अंग्रेजी चैनलों पर हवा देने वाली खबरों का प्रसारण हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि एनडीटीवी इन दिनों अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों का प्रवक्ता बना हुआ है। लोकसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने कहा कि कश्मीर के लिए हम जान भी दे देंगे। लेकिन एनडीटीवी के लिए गृहमंत्री के बयान के बजाए पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला का बयान ज्यादा मायने रखता है। इसलिए फारुख के उस बयान का बार बार प्रसारण हो रहा है, जिसमें केन्द्र सरकार के खिलाफ जहर उगला गया है। एनडीटीवी ने महबूबा मुफ्ती की बेटी को भी ढूंढ निकाला है। बेटी का आरोप है कि उसे अपनी मां से नहीं मिलने दिया जा रह है। गिरफ्तारी के बाद मां को एक कमरे में रखा गया है। यानि हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। यह माना कि एनडीटीवी के मालिकों एवं सम्पादकों की मोदी सरकार से नाराजगी है, लेकिन राष्ट्रहित सबसे पहले होना चाहिए। यदि कश्मीर में हालात बिगड़ते हैं तो इसका असर पूरे देश भर में पड़ेगा। 
एस.पी.मित्तल


सुषमा और स्‍वराज (संपादकीय)


मरते दम तक सत्ता से चिपके रहने वाली नेता नहीं थीं सुषमा स्वराज। 
मृत्यु का आभास था इसलिए लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा। 

7 अगस्त को भारत की पूर्व विदेशी मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित मोक्षधाम पर किया गया है। 67 वर्षीय सुषमा भाजपा के उन नेताओ मेंं से एक थी जिनका राजनीति में कद मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ा था। मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब सुषमा लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता थी। सुषमा को अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ काम करने का अवसर मिला। मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर लालकृष्ण आडवानी के मन में कसक हो सकती है, लेकिन सुषमा उन नेताओं में से नहीं थी जो मरते दम तक सत्ता से चिपके रहना चाहती थी। पूरा देश जानता है कि विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा कर दी थी। इसके पीछे उन्हें मृत्यु का आभास होना था। सुषमा की किडनी खराब होने की वजह से उन्हें बार बार इलाज की दरकार रहती थी, लेकिन सुषमा चाहती तो लोकसभा का चुनाव लड़कर मोदी सरकार में फिर से मंत्री बन सकती थी, लेकिन चुनाव न लडऩे का आग्रह सुषमा ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं से कर दिया था। 2014 से 2019 तक सुषमा मध्यप्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र की सांसद थी। नरेन्द्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर चर्चा रही कि सुषमा को गवर्नर बनाया जाएगा। इन्हीं चर्चाओं के बीच पिछले दिनों न्यूज चैनलों पर खबर आई कि सुषमा को मध्यप्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया ज रहा है। लेकिन थोड़ी ही देर में स्वयं सुषमा ने इस खबर का खंडन कर दिया। सुषमा चाहती तो बड़ी आसानी से गवर्नर बन सकती थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आमतौर पर सक्रिय राजनीति से अलग होने वाले नेता गवर्नर बन कर मरते दम तक सत्ता का उपभोग करते रहते हैं। भाजपा में भी ऐसे नेता भरे पड़े हैं। लेकिन सुषमा स्वराज भाजपा में अलग तरीके की नेता रही। कहा जाता है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल नरेन्द्र मोदी ही छाए रहते हैं। लेकिन सब जानते हैं कि विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने अपनी अलग पहचान बनाई। ट्वीटर पर समस्याओं का समाधान कर देश में लोकप्रियता हासिल की तो विदेशों में शानदार तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सुषमा का सम्मान बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कई देशों की यात्रा के लिए सुषमा को इयर इंडिया का विशेष विमान दिया गया। विदेश मंत्री रहते हुए ही सुषमा ने मुस्लिम राष्ट्रों के सम्मेलन में भी भारत का ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व किया। कोई 45 वर्ष के राजनीतिक सफर में सुषमा स्वराज सात बार सांसद और तीन बार विधायक रही। उनका राजनीतिक कद बताता है कि 7 अगस्त को उनके पार्थिव देह पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तमाम मंत्रियों ने पुष्प चक्र चढ़ाए। इतना ही नहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता श्रीमती सोनिया गांधी भी उनके निवास पर पहुंची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब परिजनों से मिल रहे थे, तब उनकी आंखों में आंसू आ गए
एस.पी.मित्तल


चांदना:कांग्रेस की नीति से अलग सोच

राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना तो मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थक हैं तो फिर मोदी सरकार के फैसले का स्वागत कैसे कर दिया? क्या कांग्रेस की नीति से अलग सोच रखते हैं चांदना।

जयपुर । केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का जो फैसला किया है, उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह फैसला कश्मीरियों पर अत्याचार है। फैसले को राहुल ने देश के लिए घातक बताया, लेकिन वहीं राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इसी प्रकार कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा, नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा आदि ने भी सरकार के फैसले का समर्थन किया है। विधायक भंवरलाल शर्मा और ज्योति मिर्धा के राजनीतिक कारण हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार में रहते हुए खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना का समर्थन चौंकाने वाला है। सवाल उठता है कि क्या चांदना कांग्रेस और राहुल गांधी की नीति से अलग सोच रखते हैं? यदि ऐसा है तो यह उनकी समझदारी मानी जाएगी क्योंकि आज 370 में बदलाव के फैसले पर पूरा देश मोदी सरकार के साथ खड़ा है। ऐसे में यदि देश हित में चांदना कोई फैसला कर रहे हैं तो स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन सवाल यह भी है कि पार्टी लाइन से हट कर कोई बयान दिया जाता है तो क्या चांदना कांग्रेस सरकार में मंत्री रह सकते हैं? अशोक चांदना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है, गहलोत की पसंद की वजह से ही चांदना खेल राज्यमंत्री बने हैं। सूत्रों की माने तो पिछले दिनों ही दिल्ली में राहुल गांधी के सरकारी आवास  के बाहर चांदना ने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया। चांदना और उनके समर्थकों ने नारे बाजी कर राहुल गांधी से इस्तीफा वापस लेने की मांग की। इस प्रदर्शन के पीछे मुख्यमंत्री गहलोत का इशारा रहा। 
एस.पी.मित्तल


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...