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शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

वर्ष 2021 में 19,478 दुर्घटनाएं, गलती-लापरवाही

वर्ष 2021 में 19,478 दुर्घटनाएं, गलती-लापरवाही

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश में वर्ष 2021 में 19,478 सड़क दुर्घटनाएं वाहन चालक की गलती और लापरवाही के कारण हुई। जिसमें 9,150 लोगों की मौत हो गयी जबकि 19,077 लोग घायल हुए। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक सड़क दुर्घटनाएं चालक द्वारा अनुचित गति से वाहन चलाने, ध्यान भटकने या मोड़ का अनुमान गलत लगाने के कारण वाहन से नियंत्रण खो देने के कारण हुईं।

भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि समग्र राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों पर दुर्घटना अथवा टक्कर होने के प्रकारों की प्रकृति 2020 की तुलना में 2021 में वृद्धि दर्शाती है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,53,972 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में किसी वाहन को पीछे से टक्कर मारने के कारण सर्वाधिक 21.2 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 18.6 प्रतिशत लोगों की मौत हुई।

संकरी गलियों, तीखे मोड़ों, दो-तरफ़ा यातायात के लिए अलग-अलग लेन वाली सड़कों और व्यस्त हिस्सों वाली सड़कों पर ही ज्यादातर वाहनों की आमने-सामने की टक्कर होती है। रिपोर्ट के अनुसार, टक्कर के अन्य प्रमुख प्रकार 'हिट एंड रन' (16.8 फीसदी) और 'साइड से हिट' (11.9 फीसदी) हैं। इस बीच, भारत के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार शुक्रवार तड़के दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर सड़क के डिवाइडर से टकरा गई, जिससे उन्हें कई चोटें आईं हैं। हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि 25 वर्ष के पंत को सिर, पीठ और पैरों में चोट आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है।

उन्होंने कहा कि पंत को झपकी आ गई थी और डिवाइडर से टकराने के बाद उनकी कार में आग लग गई। वहां से गुजर रही हरियाणा रोडवेज की एक बस के ड्राइवर और बाकी स्टाफ ने पंत को जलती हुई कार में से बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि हादसे में कार पूरी तरह से खाक हो गई। सिंह ने कहा, पंत हरिद्वार जिले के मंगलोर में दुर्घटना का शिकार हो गए। उनकी कार सुबह साढे पांच बजे डिवाइडर से टकरा गई। उन्हें रूड़की में सक्षम अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें देहरादून के अस्पताल में भेजा गया है।

पीएम मोदी ने मां 'हीराबेन' का अंतिम संस्कार किया

पीएम मोदी ने मां 'हीराबेन' का अंतिम संस्कार किया

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीएम मोदी ने जून में अपनी मां के 100वें जन्मदिन पर उनसे मुलाकात की, तस्वीरें शेयर की थीं। जिनमें वह उनके पैर धोते और आशीर्वाद लेते नजर आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर के एक श्मशान घाट पर अपनी मां हीराबेन मोदी का अंतिम संस्कार किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन मोदी के निधन के बाद ट्वीट किया, शानदार शताब्दी का ईश्वर के चरणों में विराम...मां में हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की...जिसमें तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। पीएम ने​ लिखा, उन्होंने कहा था, काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपनी मां हीराबेन के अंतिम संस्कार के लिए गांधीनगर पहुंचे। उनकी अंतिम यात्रा में पीएम व उनके भाइयों ने अर्थी को कंधा दिया। हीराबेन की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके निधन के बाद पीएम ने ट्वीट किया, शानदार शताब्दी का ईश्वर के चरणों में विराम।

मेट्रो स्टेशन से यात्रियों को बाहर नहीं निकलने देंगे 

मेट्रो स्टेशन से यात्रियों को बाहर नहीं निकलने देंगे 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मध्य दिल्ली में स्थित राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से रात नौ बजे के बाद यात्रियों को बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ब्लू लाइन पर पड़ने वाला राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, ऐतिहासिक कनॉट प्लेस क्षेत्र में स्थित है, जहां हर साल नववर्ष की पूर्व संध्या और नए साल के पहले दिन बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। 

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने एक बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस की सलाह के अनुसार, नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर) पर भीड़भाड़ कम करने के लिए रात 9 बजे के बाद राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से यात्रियों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से आखिरी ट्रेन के प्रस्थान तक यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश की अनुमति होगी। बयान में कहा गया है कि यात्रियों से अनुरोध है कि वे इसके अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।

गुरुवार, 29 दिसंबर 2022

बैंकों को लाभ में बने रहने में मदद मिलने की उम्मीद 

बैंकों को लाभ में बने रहने में मदद मिलने की उम्मीद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये यह साल अच्छा रहा। एक तरफ जहां वे अपने फंसे कर्ज में कमी लाने में कामयाब हुए, वहीं चालू वित्त वर्ष में उनका लाभ रिकॉर्ड स्तर पर रहने की संभावना है और यह रुझान नये साल में भी बने रहने की उम्मीद है। कर्ज की मांग में अच्छी वृद्धि और वैश्विक स्तर पर कड़ी मौद्रिक नीति से उच्च ब्याज दर से भी बैंकों को लाभ में बने रहने में मदद मिलने की उम्मीद है।

निजी क्षेत्र में बैंकों के एकीकरण से भी क्षेत्र चर्चा में रहा। मूल कंपनी एचडीएफसी लि. ने स्वयं का विलय एचडीएफसी में करने का निर्णय किया। वहीं एक्सिस बैंक ने वैश्विक वित्तीय संस्थान सिटीबैंक के खुदरा कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा की। इन दोनों सौदों के 2023 में पूरा होने की उम्मीद है। आरबीआई के इस साल मई से रेपो दर में वृद्धि दर से बैंकों के लाभ पर सकारात्मक असर पड़ा है।

इसका कारण उस अनुपात में जमा दरों में वृद्धि नहीं होने से उनका मार्जिन बढ़ा है। कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 6.5 प्रतिशत कर सकता है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का संयुक्त रूप से शुद्ध लाभ 32 प्रतिशत बढ़कर 40,991 करोड़ रुपये रहा।

इन बैंकों की बाजार हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। सितंबर तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ संयुक्त रूप से 50 प्रतिशत उछलकर 25,685 करोड़ रुपये रहा। वहीं जून तिमाही में लाभ 76.8 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 15,307 करोड़ रुपये से अधिक था। सरकारी बैंकों (पीएसबी) के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए वित्त मित्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि पीएसबी में पिछले पांच साल में करीब तीन लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाली गयी।

इसके जरिये सरकार के फंसे कर्ज में कमी लाने और उनकी वित्तीय सेहत को मजबूत बनाने के प्रयास का असर दिख रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों के मजबूत प्रदर्शन का कारण उनकी पूंजी के स्तर पर मजबूत होना है। इससे खुदरा, उद्योग और सेवा क्षेत्रों को कर्ज वितरण में तेजी आई है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के लाभ में पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले 9 से 63 प्रतिशत तक की कमी आई है।

सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में लोकसभा में कहा था कि सरकार के विभिन्न प्रयासों से बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष उल्लेखनीय रूप से घटकर 7.28 प्रतिशत पर आ गईं। उन्होंने कहा था कि चार स्तरीय रणनीति यानी फंसे कर्ज की पहचान, उसका समाधान, पूंजी डालने और सुधारों से बैंकों के फंसे कर्ज में कमी आई है। बैंकों की तरफ से दिये गये कर्ज में वृद्धि 17 प्रतिशत रही।

हालांकि, जमा में वृद्धि 9.9 प्रतिशत पर रही। मौजूदा रुख को देखा जाए, तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों समेत सभी बैंकों का प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बेहतर रहने का अनुमान है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का संयुक्त रूप से शुद्ध लाभ 2021-22 में 66,539 करोड़ रुपये रहा। यह 2020-21 के 31,816 करोड़ रुपये के मुकाबले 110 प्रतिशत अधिक है।

जहां तक निजी क्षेत्र के बैंकों का सवाल है, उनका लाभ 2021-22 में 91,000 करोड़ रुपये रहा जो 2020-21 के 70,435 करोड़ रुपये के मुकाबले 29 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, बैंकों में सबकुछ अच्छा है, ऐसा नहीं है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की एसोसिएट निदेशक दीपाली सेठ छाबड़िया ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने काफी हद तक संपत्ति गुणवत्ता चुनौतियों का समाधान किया है।

लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के कई अन्य बैंक अब भी संपत्ति की खराब गुणवत्ता, कर्ज की ऊंची लागत और कमजोर कमाई की समस्या से जूझ रहे हैं। विलय को लेकर भी क्षेत्र चर्चा में रहा। निजी क्षेत्र में एचडीएफसी ने अपना विलय अपनी अनुषंगी एचडीएफसी बैंक में करने पर सहमति जतायी है। यह सौदा करीब 40 अरब डॉलर का है और इसे देश के कंपनी इतिहास में सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है। वहीं, एक्सिस बैंक ने सिटी बैंक इंडिया के खुदरा कारोबार को 12,325 करोड़ रुपये में अधिग्रहण की घोषणा की है। बैंक क्षेत्र में एसबीआई समर्थित यस बैंक को दो वैश्विक निजी इक्विटी कंपनियों...कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट से निवेश मिला है।

सबसे हरित कॉरपोरेट घराना बनाने के लक्ष्य सामने रखें

सबसे हरित कॉरपोरेट घराना बनाने के लक्ष्य सामने रखें

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 2023 के अंत तक देशभर में 5जी मोबाइल नेटवर्क सेवा शुरू करने, खुदरा क्षेत्र में और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का पीछा करने और रिलायंस को भारत का सबसे हरित कॉरपोरेट घराना बनाने के लक्ष्य अपने बच्चों के सामने रखें हैं। उन्होंने नेतृत्व और टीमवर्क को समझाने के लिए अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनल मेस्सी की मिसाल भी दी। कंपनी के संस्थापक एवं अपने पिता धीरूभाई अंबानी की जयंती पर मनाए जाने वाले ‘रिलायंस फैमेली डे’ के अवसर पर मुकेश अंबानी ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि तेल से लेकर दूरसंचार और खुदरा तक का कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड व्यापक आत्म परिवर्तन की यात्रा पर चल पड़ी है।

अंबानी ने अपनी कारोबारी विरासत की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूरसंचार और डिजिटल कारोबार की जिम्मेदारी उनके बड़े बेटे आकाश को दी जाएगी, बेटी ईशा खुदरा कारोबार संभाल रही हैं। छोटे बेटे अनंत नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार की कमान संभालेंगे। उन्होंने तीनों बच्चों के सामने लक्ष्य भी रखे हैं। इसमें उन्होंने कहा, ‘‘दशक बीतते जाएंगे और रिलायंस बड़ी...और बड़ी होती जाएगी। बरगद के पेड़ की तरह इसकी शाखाएं दूर तक फैलेंगी, जड़ें और गहरी होती जाएंगी और यह संख्या में लगातार बढ़ रहे भारतीयों के जीवन को छुएगी, उन्हें समृद्ध करेगी, सशक्त करेगी, पोषित करेगी और उनकी देखरेख करेगी।’’

बुधवार शाम को अपने संबोधन में अंबानी ने कहा, ‘‘वर्ष 2022 के अंत में रिलायंस अपने स्वर्णिम दशक की आधी दूरी तय कर चुकी होगी। अब से पांच साल बाद, रिलायंस की स्थापना को 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे।’’ उनका संबोधन मीडिया के लिए बृहस्पतिवार को जारी किया गया। इसमें उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी व्यवसायों और पहल की अगुवाई करने वालों और कर्मचारियों से मेरी जो उम्मीदें हैं, उनका मैं यहां जिक्र कर रहा हूं।’’ अंबानी ने कहा, ‘‘आकाश की अध्यक्षता में जियो भारत भर में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ 5जी नेटवर्क शुरू कर रही है और जिस रफ्तार से इस सेवा की शुरुआत की जा रही है वह दुनियाभर में सबसे तेज है।’’ उन्होंने यह भी बताया कि जियो 5जी की सेवा 2023 में पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन जियो मंचों को भारत के भावी अवसरों के लिए तैयार होना चाहिए। ये अवसर हैं घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए अनूठे डिजिटल उत्पाद और समाधान उपलब्ध कराना।’’ उन्होंने कहा कि अब हर गांव में 5जी कनेक्टिविटी होगी जिससे भारत को शहरों और गांवों के बीच के अंतर को पूरी तरह से दूर करने का ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार जियो भारत के समावेशी विकास को गति दे सकती है। उद्योगपति ने कहा कि ईशा के नेतृत्व में खुदरा व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा खुदरा व्यवसाय, सभी श्रेणी के उत्पादों में, भारत में बहुत ही व्यापक और गहरी पहुंच वाले कारोबार में रूप में उभरा है।’’

नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार के बारे में अंबानी ने कहा, ‘‘रिलायंस का सबसे नया स्टार्टअप कारोबार है नवीन ऊर्जा जिसमें न केवल कंपनी या देश बल्कि पूरी दुनिया को बदलने की ताकत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अनंत इस आगामी एवं अगली पीढ़ी के व्यवसाय से जुड़ रहे हैं और इसके साथ ही हमने जामनगर में अपने बड़े (गीगा) कारखानों को तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।’’ उन्होंने कहा कि भारत का सबसे बड़ा और मूल्यवान कॉरपोरेट समूह रिलायंस भारत का सबसे ‘हरित’ कॉरपोरेट समूह भी बनने जा रहा है। मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘हमारी नवीनकरणीय ऊर्जा टीम के लक्ष्य बिलकुल स्पष्ट हैं। भारत की निर्भरता आयात पर कम करके ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और सुरक्षा हासिल करना है।

याद रहे, ऐसा आप मुस्तैद और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आगे रहते हुए ही कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कारोबार में सफल होने के लिए नेतृत्व के साथ-साथ टीमवर्क की भी जरूरत होती है। इसके लिए उन्होंने अर्जेंटीना की मिसाल दी जो इस महीने की शुरुआत में विश्वकप फुटबॉल की विजेता बनी।’’ अंबानी ने कहा, ‘‘अर्जेंटीना ने कप कैसे जीता? यह नेतृत्व और टीमवर्क का मेल है। मेस्सी अकेले अपने दम पर तो कप नहीं जीत सकते थे। इसी तरह अर्जेंटीना भी मेस्सी के प्रेरणादायी नेतृत्व के बिना नहीं जीत सकती थी।’’

बुधवार, 28 दिसंबर 2022

छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा

छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। लगातार दो साल बेहतर रिटर्न या प्रतिफल देने वाली छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन इस साल फीका रहा। बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव और बैंकों में ब्याज दर बढ़ने से निवेशक इन शेयरों से दूर रहे। हालांकि, ऐसा लगता है कि अगले साल स्थिति बेहतर रहेगी। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इस दौरान कई बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा। वहीं, छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन हल्का रहा तथा बीएसई स्मॉलकैप यानी छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक तीन प्रतिशत से अधिक नीचे आया। इसके उलट, बीएसई सेंसेक्स 27 दिसंबर तक 2,673.61 अंक मजबूत हुआ। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा लेकिन अगले साल इन खंडों में तेजी की उम्मीद है। 

महंगाई दर बढ़ने, रूस-यूक्रेन युद्ध और ब्याज दर में तेजी जैसी चुनौतियों के बावजूद घरेलू शेयर बाजार न केवल मजबूत पकड़ बनाये रखने में कामयाब हुए बल्कि वैश्विक बाजारों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रमुख बाजारों में भी शामिल हुए। ब्रोकरेज कंपनी स्वस्तिका इन्वेस्टमॉर्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बैंक उद्योग को छोड़ दें तो कंपनियों की कमाई बेहतर नहीं होना इसका प्रमुख कारण है। ब्याज दर का बढ़ना भी चिंताजनक रहा क्योंकि छोटी कंपनियों के मामले में पूंजी की लागत बड़ी कंपनियों के मुकाबले अधिक होती है। सामान्य तौर पर विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों को चुनते हैं और वे पिछले दो माह में शुद्ध रूप से लिवाल रहे हैं।

उन्होंने कहा, नियमित निवेश एसआईपी प्रवाह रिकॉर्ड ऊंचाई पर रहा और ज्यादातर निवेश बड़ी कंपनियों में गया। इससे बड़ी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बाजार के प्रदर्शन से भी बेहतर रहा। विश्लेषकों के अनुसार, मझोली और बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटी कंपनियों के शेयरों के सूचकांक में उतार-चढ़ाव हमेशा अधिक होता है। इस साल 27 दिसंबर तक बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 940.72 अंक यानी 3.19 प्रतिशत नीचे आया। स्मॉलकैप सूचकांक 18 जनवरी को 31,304.44 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था और बाद में यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 पर आ गया था। 

दूसरी तरफ मिडकैप सूचकांक 27 दिसंबर तक 215.08 अंक यानी 0.86 प्रतिशत चढ़ा। यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 20,814.22 अंक पर और 14 दिसंबर को एक साल के उच्चस्तर 26,440.81 अंक पर पहुंच गया था। दूसरी तरफ बीएसई सेंसेक्स इस दौरान 2,673.61 अंक यानी 4.58 प्रतिशत चढ़ा। प्रमुख सूचकांक एक दिसंबर को रिकॉर्ड 63,583.07 अंक और 17 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक तक आ गया था। निवेश परामर्शदाता मार्केट्स मोजो में मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा, मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में लिहाज से 2022 अच्छा साल नहीं रहा। 

इसका कारण 2020 और 2021 में इन शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहना था। उसके बाद इनमें जमकर मुनाफावसूली हुई। जिन निवेशकों ने 2020 और 2021 में कम भाव पर ऐसे शेयर खरीदे थे, उन्होंने 2022 में उसे बेचा। उन्होंने कहा, इसके परिणामस्वरूप मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बड़ी कंपनियों के मुकाबले कमजोर रहा। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि छोटी कंपनियों के शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशक खरीदते हैं जबकि विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों के शेयरों को तरजीह देते हैं।

मीणा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच 2023 की शुरुआत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, लेकिन उसके बाद मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है। दमानिया ने भी कहा कि 2022 छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों के लिये अच्छा नहीं रहा लेकिन 2023 में स्थिति बदल सकती है।

40 दिन महत्वपूर्ण, कोविड-19 के मामलें बढ़ सकते हैं

40 दिन महत्वपूर्ण, कोविड-19 के मामलें बढ़ सकते हैं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामलें जनवरी में तेजी से बढ़ सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने महामारी के प्रसार की पिछली पद्धति का हवाला देते हुए यह कहा। एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व में, यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी...यह एक प्रवृत्ति रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है। यदि कोविड की लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी। चीन और दक्षिण कोरिया सहित कुछ देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बीच सरकार ने सतर्क किया है और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करने को कहा है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड के मामलों में तेजी की स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठकें की हैं। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन के उपस्वरूप बीएफ.7 से मामलों में हालिया वृद्धि हुई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीएफ.7 के फैलने की दर बहुत अधिक है और एक संक्रमित व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

वाहनों के डीलरों के लिए अधिकार प्रमाण-पत्र पेश 

वाहनों के डीलरों के लिए अधिकार प्रमाण-पत्र पेश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने किसी भी डीलर की प्रामाणिकता की पहचान करने की खातिर पंजीकृत वाहनों के डीलरों के लिए अधिकार प्रमाणपत्र पेश किया है। मंत्रालय के इस कदम से व्यापार करने में आसानी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय ने पुरानी कारों के बाजार संबंधी एक व्यापक नियामक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के अध्याय तीन में संशोधन किया है।

इस बाबत उसने 22 दिसंबर को अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के मुताबिक, पंजीकृत मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया को विस्तृत किया गया है और पंजीकृत वाहनों के कब्जे वाले डीलर की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है। भारत में पुरानी कारों का बाजार धीरे-धीरे पैर जमाता जा रहा है। हाल के वर्षों में, पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री करने वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस शुरू होने से इस बाजार को और बढ़ावा मिला है।

अधिसूचना के मुताबिक अब डीलरों को अपने कब्जे वाले मोटर वाहनों के लिए पंजीयन प्रमाणपत्र के नवीकरण, फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, एनओसी, स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है। इसमें कहा गया कि इन नियमों से पंजीकृत वाहनों के डीलरों/मध्यस्थों की पहचान करने और उन्हें सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऐसे वाहनों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की गतिविधियों से पर्याप्त सुरक्षा हो सकेगी। नए नियम एक अप्रैल 2023 से प्रभाव में आएंगे।

चेयरमैन एवं निदेशक पद पर अंबानी को 20 साल पूरे

चेयरमैन एवं निदेशक पद पर अंबानी को 20 साल पूरे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद पर अब मुकेश अंबानी को 20 साल पूरे हो गए हैं। उनकी अगुवाई में रिलायंस ने पिछले दो दशक में राजस्व, लाभ के साथ ही बाजार पूंजीकरण में लगातार दो अंकीय वृद्धि दर हासिल की है। इस दौरान कंपनी का बाजार पूंजीकरण 42 गुना बढ़ा है, तो लाभ में करीब 20 गुना की वृद्धि हुई है।

कंपनी द्वारा बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि अंबानी के नेतृत्व वाले 20 वर्षों में 87 हजार करोड़ प्रति वर्ष की दर से निवेशकों की झोली में 17.4 लाख करोड़ रुपये आए। इस बीच, दुनियाभर की बड़ी से बड़ी कंपनियों का निवेश रिलायंस को मिला। फेसबुक, गूगल और बीपी जैसी बड़ी कंपनियों ने रिलायंस में निवेश किया। देश की सबसे बड़ी कंपनी की सफलता की कहानी के कई महत्वपूर्ण अध्याय मुकेश अंबानी ने अपने हाथ से लिखे हैं। तेल से शुरू कर कंपनी ने दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में कई मुकाम हासिल किए हैं। मुकेश अंबानी ने ही सबसे पहले डेटा को ‘न्यू-ऑयल’ कहा था। जाहिर है कि डेटा ने आज देश के आमजन की रोजमर्रा की जिंदगी को बदल डाला है।

अंबानी ने दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक रिलायंस जियो को खड़ा किया। जियो के आने के बाद देश ने डिजिटल दुनिया में जो दौड़ लगाई, उसे देख दुनिया ने दांतों तले अंगुली दबा ली। आज सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन का रिकॉर्ड भारत के नाम है। इसमें रिलायंस जियो का भी योगदान है। आरआईएल ने बताया कि जो डेटा करीब 250 रुपये प्रति जीबी की दर से मिलता था, वह जियो के आने के बाद घटकर 10 रुपये के आसपास पहुंच गया। डेटा खपत में भी देश ने लंबी छलांग लगाई और 2016 में 150वें स्थान से बढ़कर दुनिया में भारत ने पहला स्थान हासिल कर लिया है। खुदरा क्षेत्र में भी रिलायंस दुनिया की दिग्गज कंपनियों को टक्कर दे रही है।

ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, खुदरा हो या थोक कारोबार, मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस ने अपनी पकड़ मजबूत की है। रिलायंस रिटेल ने पिछले साल एक दिन में करीब सात स्टोर खोले का रिकॉर्ड बनाया है। राजस्व के मामले में भी वह देश की शीर्ष खुदरा कंपनी बन गई है। मुकेश अंबानी ने भविष्य की रिलायंस के लिए सपने अभी से बुनने शुरू कर दिए हैं। जामनगर में 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश से नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पांच गीगा फैक्टरी लगाई जा रही हैं। सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे नए ऊर्जा साधनों पर भी रिलायंस तेजी से काम कर रही है।

मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

शहजाद को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश 

शहजाद को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहजाद अहमद को जल्द ही सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा अहमद अभी जीटीबी अस्पताल में भर्ती है। न्यायामूर्ति विभु बाखरू और न्यायामूर्ति अमित शर्मा की एक अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि अहमद पेट संबंधी बीमारी को लेकर 18 दिनों से जीटीबी अस्पताल में भर्ती है और उसे वहां के इलाज पर भरोसा नहीं है। राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें अहमद को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। अदालत ने 26 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादी को आरोपी को जल्द से जल्द जीटीबी अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।"

अदालत को सूचित किया गया कि अहमद को वेंटिलेटर पर रखा गया है और जीटीबी अस्पताल में अहमद की बीमारी से संबंधित सुपर स्पेशियलिटी विभाग नहीं है। पीठ ने कहा, "हालांकि इस अदालत का मानना है कि आवेदक के आरोप महज आशंकाओं पर आधारित हैं, लेकिन यह साफ है कि आवेदक का उस अस्पताल में बहुत विश्वास नहीं है।" 

3.65 इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची 'घरों की बिक्री'

3.65 इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची 'घरों की बिक्री'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आवास ऋण दरों में वृद्धि के बावजूद इस साल सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 3.65 इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। घरों की बिक्री का पिछला रिकॉर्ड 2014 में बना था। एनारॉक ने यह जानकारी दी। संपत्ति सलाहकार कंपनी ने मंगलवार को देश के शीर्ष आवास बाजारों के मांग-आपूर्ति के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि कोविड महामारी के बाद मांग बढ़ने और उत्पादन लागत में बढ़ोतरी के बीच आवासीय संपत्तियों के दाम चार से सात प्रतिशत बढ़े हैं।

आंकड़ों के अनुसार, सात प्रमुख शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में इस साल घरों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 54 प्रतिशत बढ़कर 3,64,900 इकाई पर पहुंच गई है। पिछले साल इन सात शहरों में कुल 2,36,500 घर बेचे गए थे। इससे पहले 2014 मे 3.43 लाख इकाइयों की बिक्री का रिकॉर्ड बना था। मुंबई महानगर क्षेत्र में 2022 में सबसे अधिक 1,09,700 घर बेचे गए।

इसके बाद 63,700 इकाई के साथ दिल्ली-एनसीआर का नंबर आता है। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री 2022 में 59 प्रतिशत बढ़कर 63,712 इकाई हो गई, जो 2021 में 40,053 इकाई थी। एमएमआर में घरों की बिक्री 44 प्रतिशत बढ़कर 1,09,733 इकाई पर पहुंच गई। 2021 के कैलेंडर साल में इस क्षेत्र में 76,396 इकाइयों की बिक्री हुई थी। पुणे में घरों की बिक्री पिछले साल के 35,975 इकाई के आंकड़े से 59 प्रतिशत बढ़कर 57,146 इकाई पर पहुंच गई। बेंगलुरु में आवासीय इकाइयों की बिक्री 50 प्रतिशत बढ़कर 49,478 इकाई हो गई, जो पिछले साल 33,084 इकाई थी। हैदराबाद में, आवासीय संपत्तियों की बिक्री 2022 में 87 प्रतिशत बढ़कर 47,487 इकाई हो गई, जो पिछले साल 25,406 इकाई थी।

चेन्नई में घरों की बिक्री पिछले साल के 12,525 इकाई से 29 प्रतिशत बढ़कर 16,097 इकाई हो गई। कोलकाता के बाजार में बिक्री इस साल 62 प्रतिशत बढ़कर 21,220 इकाई रही, जो पिछले साल 13,077 इकाई थी। नई आपूर्ति की बात की जाए, तो सात प्रमुख शहरों मे नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति इस साल 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 3,57,600 इकाई पर पहुंच गई, जो 2021 में 2,36,700 इकाई थी। एमएमआर और हैदराबाद का नई आपूर्ति में सबसे अधिक हिस्सा रहा। सामूहिक रूप से नई आपूर्ति में दोनों की हिस्सेदारी करीब 54 प्रतिशत रही।

परीक्षाओं में नकल करने की बुराई 'प्लेग' की तरह 

परीक्षाओं में नकल करने की बुराई 'प्लेग' की तरह 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि परीक्षाओं में नकल करने की बुराई प्लेग की तरह है। जो समाज और शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर सकती है तथा अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।यह उल्लेख करते हुए कि किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा प्रणाली की शुचिता अचूक होनी चाहिए, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अनुचित साधनों का सहारा लेने वाले छात्र राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते।

अदालत ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें अपीलकर्ता इंजीनियरिंग छात्र द्वारा दी गई परीक्षा को रद्द करने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया था। यह छात्र दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते पाया गया था।

पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा, "परीक्षा में नकल प्लेग की तरह है। यह एक ऐसी महामारी है, जो किसी भी देश के समाज और शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर सकती है। यदि इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए या यदि नरमी दिखाई जाती है, तो इसका हानिकारक प्रभाव हो सकता है। किसी भी देश की प्रगति के लिए शैक्षिक प्रणाली की शुचिता अचूक होनी चाहिए।” पीठ ने कहा कि अनुचित साधनों का सहारा लेने वाले छात्र राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते और ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। अदालत ने अपील खारिज कर दी और कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश में किसी तरह के दखल की जरूरत नहीं है। 

सोमवार, 26 दिसंबर 2022

मंत्रालय की अधिसूचना पर लगी रोक की अवधि बढ़ाई 

मंत्रालय की अधिसूचना पर लगी रोक की अवधि बढ़ाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक अधिसूचना पर लगी रोक की अवधि बढ़ा दी है। जिसमें खास निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) संबंधी शर्तों में संशोधन किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा 14 नवंबर 2018 को जारी अधिसूचना में, 20,000 वर्ग मीटर से 50,000 वर्ग मीटर ‘बिल्ट-अप’ क्षेत्रफल वाले भवन या निर्माण परियोजनाओं के संबंध में पर्यावरणीय शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करने का अधिकार नगरपालिकाओं, विकास प्राधिकरणों और जिला पंचायतों सहित स्थानीय निकायों को प्रदान किया गया है।

अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि संशोधित ईआईए व्यवस्था सतत विकास और एहतियाती सिद्धांतों के खिलाफ है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की पीठ ने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी किए जाने के बाद अधिकरण ने दिसंबर 2018 में अधिसूचना पर रोक लगा दी और आगे की कार्यवाही स्थगित कर दी गई क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय में इसी मुद्दे पर विचार किया जा रहा है।

पीठ ने कहा कि तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई और अधिकरण को इस मामले पर शीघ्र विचार करना था, इसलिए इस पर फिर से विचार किया गया। पीठ ने कहा कि जवाब दाखिल करने या रोक में संशोधन की मांग करने के लिए मंत्रालय द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया था और अधिकरण के समक्ष मंत्रालय की ओर से कोई पेश नहीं हुआ। खंडपीठ ने कहा, "... मामले में कानून के अनुसार निर्णय लिए जाने तक अगर इस तरह की रोक जारी रहती है तो कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा।"

निगम ने नाले में गंदे पानी का निर्वहन जारी रखा

निगम ने नाले में गंदे पानी का निर्वहन जारी रखा

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा 

नई दिल्ली/अमृतसर। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के बावजूद अमृतसर नगर निगम ने शहर के मध्य से गुजरते तुंग ढाब नाले में गंदे पानी का निर्वहन जारी रखा है। जिसके कारण इसकी परिधी में रहने वाले लोग नरकीय जीवन के लिए मजबूर हैं। एनजीटी द्वारा मई 2021 मे दिए आदेश के बावजूद आज तक नगर निगम द्वारा और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया है।

निगम द्वारा 40 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) से अधिक सीवेज अभी भी खुले तौर पर सीधे नाले में छोड़ा जा रहा है। प्रदूषित जल ने भूमिगत जल में भारी धातुओं के अवशोषण के खतरनाक स्तर को प्रभावित किया है और क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। पिछले दो दशकों के दौरान नाले के आसपास बड़े पैमाने पर शहरीकरण हुआ है।

पवित्र शहर के रंजीत एवेन्यू, डिफेंस एन्क्लेव और गोबिंद एवेन्यू सहित कई कॉलोनियां इस क्षेत्र में आ गई हैं। हरियावल पंजाब तुंग ढाब नाला पदयात्रा के दूसरे चरण के टीम लीडर और अमृतसर विकास मंच के संरक्षक हरदीप सिंह चहल और अमृतसर विकास मंच के प्रधान इंजीनियर दलजीत सिंह कोहली ने सोमवार को यूनीवार्ता को बताया कि नाले के प्रभाव पर किए गए विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि सल्फर डाइऑक्साइड सल्फ्यूरिक एसिड में बदल जाता है जो एसी, रेफ्रिजरेटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के सर्किट की तांबे की सतहों को कुछ महीनों के भीतर खराब कर देता है।

नाले से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण सांस लेने, त्वचा और आंखों से संबंधित समस्याएं हो रही हैं। इससे बच्चे और बूढ़े लोग सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने एक विस्तृत अध्ययन किया था जिसमें भूमिगत, फसलों, सब्जियों और जलभृतों में भारी धातुओं के खतरनाक स्तर पाए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप नाली के किनारे रहने वालों के डीएनए में परिवर्तन हुआ था। अमृतसर विकास मंच के संरक्षक दलजीत सिंह कोहली ने कहा, यह आश्चर्य की बात है कि एनजीटी के आदेशों और एमपी गुरजीत सिंह औजला की अध्यक्षता वाली टास्कफोर्स की बैठक के बावजूद, इस मुद्दे को आज तक संबोधित नहीं किया गया है।

जून 2021 में बचत भवन में हुई इस बैठक में सांसद गुरजीत सिंह औजला, अमृतसर के जिला उपायुक्त, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर जी उस मजीठियां, निगमायुक्त सुश्री कोमल मित्तल, एससी ड्रेनेज मंजीत सिंह उपस्थित थे। कोहली ने बताया कि बैठक में यह फैसला हुआ था कि चल रही परियोजनाओं के समाप्त होने के पश्चात तुरंत तुंग ढाब पर काम किया जाएगा लेकिन इतना समय गुजरने पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

कोहली ने कहा कि जेआईसीए (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) द्वारा स्थापित अंडर ग्राउड सीवरेज परियोजना पर करोड़ों का निवेश करने के बावजूद नागरिक निकाय जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के साथ-साथ राष्ट्रीय हरित का भी उल्लंघन कर रहा है। उन्होने कहा कि ट्रिब्यूनल का आदेश, जिसमें स्पष्ट रूप से सभी प्रकार के सीवेज को तूफानी जल नालों में छोड़ने को तुरंत रोकने का निर्देश दिया गया था। कोहली ने बताया कि नहरी विभाग द्वारा तुंग ढाब नाले का निर्माण केवल बरसाती पानी को शहर से बाहर निकालने के लिए किया गया था लेकिन समय के साथ साथ अब इसमें सीवेज का प्रदूषित पानी भी छोड़ा जा रहा है।

उन्होने नाले में सीवेज के साथ-साथ अन्य प्रदूषकों के बार-बार बहाव के कारण होने वाले वायु और जल प्रदूषण के दुष्प्रभावों को उजागर करते हुए बताया कि सीवर, उद्योग और डेयरी इस खंड में तुंग ढाब नाले को अधिकतम प्रदूषित कर रहे हैं। प्रदूषण पर लगाम लगाने में नियंत्रण एजेंसियां ​​और प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है। भयानक और बदबूदार परिवेश के साथ कचरा, ठोस अपशिष्ट और उड़न राख को कई स्थानों पर फेंक दिया जाता है और बिखरा हुआ देखा जाता है। आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग दयनीय स्थिति में जी रहे हैं। तुंग ढाब नाले में डाला गया अनुपचारित पानी भूजल, मिट्टी, वायु गुणवत्ता और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

गुरूनानक देव विश्वविद्यालय के प्रो सुखदेव सिंह (सेवानिवृत) ने बताया कि तुंग ढाब नाला अमृतसर के छावनी क्षेत्र के नजदीक से गुजरता है। इसके प्रदूषण से सेना के जवानों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में भी बीमारी फैल सकती है। उल्लेखनीय है कि तुंग ढाब नाला बटाला के गांव भारथ से शुरू होकर पाकिस्तान तक जाता है।

पंजाब में इसे गुमटाला और तुंगढाब के नाम से जाना जाता है और पाकिस्तान में प्रवेश करने पर इसे हुडियारा कहा जाता है। हुडियारा में प्रदुषित पानी को लेकर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओं) में शिकायत कर चुका है। हरियावल पंजाब के सदस्यों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए नगर निगम द्वारा तुग ढाब नाले में छोड़े जा रहे प्रदूषित पानी को तुरंत रोका जाए।

बेघरों को दी जा रही सुविधाएं, जानकारी हेतु अभियान

बेघरों को दी जा रही सुविधाएं, जानकारी हेतु अभियान 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) अपनी शीतकालीन कार्य योजना के तहत रैन बसेरों में बेघरों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी देने के लिए इस सप्ताह एक जागरूकता अभियान चलाएगा। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 रेस्क्यू वैन शहर के कई स्थानों पर तैनात की गई हैं। डीयूएसआईबी के सदस्य बिपिन राय ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, प्रत्येक वैन में दो स्वयंसेवक हैं और अब तक शहर भर में ऐसी 15 वैन तैनात की जा चुकी हैं।

हम एक और जागरूकता अभियान भी शुरू करेंगे। ताकि अधिक से अधिक बेघर लोग हमारी शीतकालीन कार्य योजना के तहत प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ उठा सकें। इस जागरूकता अभियान की शुरुआत बुधवार से होगी। राय ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट के मद्देनजर बेघरों के लिए डीयूएसआईबी द्वारा अब तक 33 स्थानों पर लगभग 150 तंबू लगाए गए हैं।

उन्होंने बताया अब तक हमने सभी सुविधाओं वाले, 150 तंबू लगाए हैं। ये वही सुविधाएं हैं जो आश्रय गृहों में दी जाती हैं। शहर में जरूरत के अनुसार हम तंबुओं की संख्या बढ़ाएंगे। दिल्ली सरकार ने बेघरों के लिए शीतकालीन कार्य योजना शुरू की है। जिसमें उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में सभी आश्रय गृहों में भोजन तथा अन्य सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है।

कई राज्यों में कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहर जारी 

कई राज्यों में कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहर जारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बर्फबारी और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहर जारी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में आज सुबह घना कोहरा देखा गया। वहीं पश्चिम विक्षोभ के कारण चंड़ीगढ़ में हल्की बारिश तथा नव वर्ष पर पर्वतीय इलाकों पर बर्फबारी का अनुमान जताया गया है।विभाग के अनुसार राजधानी दिल्ली और एनसीआर के ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार चंड़ीगढ़ में आज न्यूनतम तापमान नौ डिग्री और अधिकतम तापमान 15 डिग्री दर्ज किया गया। चंडीगढ़ में सुबह के समय कोहरा तथा दिन में मौसम साफ रहने के आसार है।

जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.5 डिग्री दर्ज किया गया। पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.7 डिग्री कम, कुपवाड़ा में शून्य से नीचे 3.5 डिग्री दर्ज किया गया है। बर्फबारी के कारण लद्दाख-कश्मीर में सभी झील, नाले, नदी जम गई है। पहाड़ बर्फ से ढ़के हुए है। लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 13.4 डिग्री, करगिल में शून्य से नीचे 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश भी कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हिमाचल प्रदेश में भी ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल के कल्पा में आज हल्का हिमपात हो सकता है।

वहीं, अगर तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान एक डिग्री और अधिकतम तापमान नौ डिग्री दर्ज किया गया है। कल कल्पा में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे एक डिग्री दर्ज किया जा सकता है। कुल्लू में भी आज बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। वहीं, न्यूनतम तापमान तीन डिग्री दर्ज किया गया है।

मनाली में न्यूमनतम तापमान शून्य दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। उत्तराखंड के बद्रीनाथ में आज न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दो डिग्री दर्ज किया गया है, वहीं, अधिकतम तापमान -14.3 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक बद्रीनाथ में आज हल्की बारिश हो सकती है। देहरादून में आज न्यूनतम तापमान 7 डिग्री और अधिकतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया। दोपहर के वक्त देहरादून में बादल छाए रह सकते हैं।

रविवार, 25 दिसंबर 2022

समग्र लाइसेंस खंड पर विचार कर सकती है कंपनी 

समग्र लाइसेंस खंड पर विचार कर सकती है कंपनी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) संसद में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद समग्र लाइसेंस खंड पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रस्तावित विधेयक में यह प्रावधान है कि कोई भी आवेदक किसी भी प्रकार या श्रेणी के बीमा व्यवसाय के एक या अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है।

हालांकि पुनर्बीमा कंपनियों के बीमा व्यवयाय की किसी अन्य श्रेणी के लिए पंजीयन करवाने पर रोक है। वहीं, समग्र लाइसेंस होने से बीमा कंपनियां एक ही कंपनी के जरिए सामान्य और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं की पेशकश कर सकेंगी। सूत्रों ने बताया कि एलआईसी बीमा संशोधन विधेयक के पारित होने की स्थिति में समग्र लाइसेंस तथा अन्य मुद्दों पर जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 को ध्यान रखते हुए विचार करेगी। बीमा अधिनियम 1938 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन करने के प्रस्ताव वाले इस विधेयक को बजट सत्र में संसद के पटल पर रखा जा सकता है। वित्त मंत्रालय बीमा कानून में संशोधन पर अभी व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श कर रहा है। 

प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसी धारकों के हितों को बढ़ावा देने, पॉलिसी धारकों के रिटर्न को बेहतर बनाने और बीमा बाजार में अन्य कंपनियों के प्रवेश को सुगम बनाने से संबंधित हैं ताकि नए रोजगार का सृजन हो और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिले। मौजूदा समय में देश में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 31 गैर-जीवन या सामान्य बीमा कंपनियां काम कर रही हैं।

घबराने के बजाय 'विवेक' से काम लेने की आवश्यकता

घबराने के बजाय 'विवेक' से काम लेने की आवश्यकता

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। राष्ट्रीय एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. नरेश पुरोहित ने रविवार को कहा कि भारत में वर्तमान कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए, घबराने के बजाय 'विवेक' से काम लेने की आवश्यकता है‌। क्योंकि, तीन सुरक्षित टीकाकरण और हर्ड इम्युनिटी के कारण देश में चौथी लहर की आशंका नहीं है। डॉ.पुरोहित ने कहा कि चीन कोरोना के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन स्ट्रेन, खासकर बीएफ.7 की चपेट है। जो मुख्य वेरिएंट और यह संक्रमण बेहद तेजी से बड़ी पैमाने पर लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

तुलनात्मक रूप से चीन अभी ज्यादा कमजोर है, संभवतः इसके लिए कम वैक्सीन दक्षता, कम प्राकृतिक प्रतिरक्षा, खराब टीकाकरण रणनीति जिम्मेवार हैं, जिसमें वृद्ध और असुरक्षित लोगों के बजाय युवा और स्वस्थ लोगों को प्राथमिकता दी गई। जानेमाने महामारी विशेषज्ञ डॉ. पुरोहित ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि अभी बड़े पैमाने पर जांच करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने किसी भी नए वेरिएंट के प्रवेश पर नज़र रखने के लिए हवाई अड्डे पर आकस्मिक परीक्षण करने का सही निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि परीक्षण के लिए आकस्मिक लोगों का चयन करने के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की जा सकती है। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि देश की लगभग 90 प्रतिशत पात्र आबादी टीके की दो खुराक ले चुकी है। उन्होंने बल देकर कहा कि जिन लोगों ने अभी तक एहतियाती टीका नहीं लिया है, उन्हें जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए। राष्ट्रीय एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के प्रधान अन्वेषक डॉ. पुरोहित ने कहा कि भारत में लहर तभी आ सकती है, जब कोई नया वेरिएंट सामने आए। जो भारत में पहले कभी नहीं आया हो। उन्होंने कहा कि भारत की पात्र आबादी में से 97 प्रतिशत ने पहली खुराक ले ली है। जबकि 90 प्रतिशत ने दूसरी खुराक भी ले ली है। लेकिन, पात्र आबादी में से केवल 27 प्रतिशत ने अबतक एहतियाती खुराक ली है।

उन्होंने कहा कि भारतीयों में हाइब्रिड प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है जो किसी व्यक्ति को रुग्णता/मृत्यु के साथ-साथ भविष्य के संक्रमणों के खिलाफ ज्यादा सुरक्षित बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत को उनके नागरिकों द्वारा रोकथाम, शीघ्र निदान और अच्छी टीकाकरण रणनीति जैसे स्वैच्छिक कार्यों से लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है और किसी यात्री में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं या सकारात्मक परीक्षण निकलता है, तो उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा।

'ओएनजीसी' के निदेशक मंडल में बड़े स्तर पर बदलाव 

'ओएनजीसी' के निदेशक मंडल में बड़े स्तर पर बदलाव 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के निदेशक मंडल में बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें निदेशक के दो पदों को मिलाकर एक किया जा रहा है और कंपनी में नई जान फूंकने की कोशिश में कॉरपोरेट मामलों के निर्देशक के रूप में नए पद का सृजन किया जा रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ओएनजीसी के निदेशक मंडल में फिलहाल छह निदेशक होते हैं- अन्वेषण, तटीय परिचालन, अपतटीय परिचालन, वित्त, मानव संसाधन और तकनीकी एवं फील्ड सेवा। कंपनी की कमान चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के हाथों में होती है।

सरकार ने तेल शोधन एवं विपणन कंपनी बीपीसीएल के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हुए अरूण कुमार सिंह को इसी महीने ओएनजीसी का चेयरमैन नियुक्त किया है। पहली बार किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति को सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का प्रमुख बनाया गया है। हालांकि उन्हें प्रबंध निदेशक नहीं बनाया गया है। इसके साथ ही सरकार ने निदेशक मंडल में बदलाव भी शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि जमीन पर स्थित तेल एवं गैस क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभालने वाले निदेशक (तटीय परिचालन) और अपटतीय परिचालन के लिए जिम्मेदार निदेशक (अपतटीय परिचालन) के पदों का विलय करके नया पद निदेशक (उत्पादन) सृजित किया गया है।

इसके अलावा निदेशक (रणनीति एवं कॉरपोरेट मामले) का एक नया पद भी गठित किया गया है। निदेशक (तटीय परिचालन) अनुराग शर्मा के 28 फरवरी, 2023 को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद निदेशक (उत्पादन) का पद एक मार्च 2023 को प्रभाव में आ जाएगा।

इस पद पर संभवत: पंकज कुमार की नियुक्ति होगी जो इस समय निदेशक (अपतटीय) हैं। सूत्रों के मुताबिक, नए निदेशक (रणनीति एवं कॉरपोरेट मामले) ओएनजीसी के सूचना प्रौद्योगिकी, संचार सेवाएं, सुरक्षा, पर्यावरण, कारोबार विकास, संयुक्त उद्यम और विपणन आदि क्षेत्रों को देखेंगे।अभी ये काम विभिन्न निदेशक बारी-बारी से संभालते हैं। उन्होंने बताया कि निदेशक मंडल में किए गए इस बदलाव का उद्देश्य परिचालन में बेहतर समन्वय बनाना और तेल एवं गैस उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना है तथा सभी क्षेत्रों की जिम्मेदारी एक निदेशक को सौंपना है।

इन बदलाव के सुझाव परामर्शदाता कंपनी मैकिंजी ने संगठन कायांतरण परियोजना (ओटीपी) के तहत दिए थे। इसके पहले मैकिंजी की ही ओटीपी योजना के तहत 2001 में मौजूदा निदेशक स्तर के पद सृजित हुए थे। ओटीपी की शुरुआत 2000 में ओएनजीसी के तत्कालीन चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक विकास बोरा ने की थी।

शनिवार, 24 दिसंबर 2022

भारत: 'एक्सबीबी और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें मिलें 

भारत: 'एक्सबीबी और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें मिलें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विषाणु विज्ञानी गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत में ओमीक्रोन के उपस्वरूपों 'एक्सबीबी' और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें सामने आए हैं। लेकिन इनमें तेज वृद्धि नहीं देखी गई है, लिहाजा उन्हें कोविड मामलों में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है। चीन समेत कई देशों में ओमीक्रोन के बेहद संक्रामक स्वरूपों-विशेषकर बीएफ.7 के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि देखे जाने के बीच उन्होंने यह बात कही। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइंसेज’ विभाग की प्रोफेसर कांग ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “वे सभी ओमीक्रोन उपस्वरूपों की तरह हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को भेदकर लोगों को संक्रमित करने के मामले में तो बहुत आगे हैं, लेकिन डेल्टा से अधिक गंभीर संक्रमण पैदा नहीं कर रहे हैं।”

कांग ने कहा कि “फिलहाल, भारत की स्थिति ठीक है” लेकिन “वायरस के व्यवहार में किसी भी बदलाव के संकेत का पता लगाने” के लिए निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए।” बीएफ.7, ओमीक्रोन के स्वरूप बीए.5 का एक उपस्वरूप है और यह काफी संक्रामक है। इसकी ‘इनक्यूबेशन’ अवधि कम है। यह पुन: संक्रमित करने या उन लोगों को भी संक्रमित करने की उच्च क्षमता रखता है, जिनका (कोविड-19 रोधी) टीकाकरण हो चुका ह

कांग ने कहा कि "फिलहाल जो संक्रमण फैला रहे हैं वे ओमीक्रोन के उपस्वरूप हैं, जो टीका लगवा चुके लोगों के बीच पनपे हैं और इसलिए ये बहुत संक्रामक हैं।" उन्होंने कहा कि चीन की अधिकतर आबादी को टीकों की दो खुराक दी जा चुकी हैं। कांग ने कहा, "इस समय, भारत ठीक स्थिति में है। हमारे यहां कुछ मामले सामने आए हैं, हमारे यहां कुछ समय के लिए एक्सबीबी और बीएफ.7 के मामले सामने आए, लेकिन भारत में इनसे संक्रमण के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई।

मुझे संक्रमण के मामलों में वृद्धि की आशंका नहीं है।" उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमित लोगों की संख्या के हिसाब से तो गंभीर कहा जा सकता है, लेकिन यह उतना गंभीर संक्रमण नहीं फैलाता, जितना डेल्टा स्वरूप फैलाता है। 

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