सोमवार, 13 नवंबर 2023

सरकार की ‘फिजूलखर्ची और विलासिता’ जिम्मेदार

सरकार की ‘फिजूलखर्ची और विलासिता’ जिम्मेदार 

इकबाल अंसारी 
तिरुवनंतपुरम। केंद्र सरकार ने सोमवार को आरोप लगाया कि केरल के आर्थिक संकट के लिए उसकी (केंद्र की) नीति नहीं, बल्कि स्थानीय वाममोर्चा सरकार की ‘फिजूलखर्ची और विलासिता’ जिम्मेदार है। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने सवाल किया कि क्या केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ‘‘मूर्ख हैं या इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए मूर्ख बनने का नाटक कर रहे हैं।’’
मुरलीधरन ने दावा किया कि मुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल केंद्र द्वारा नहीं दी गयी धनराशि के विभिन्न आंकड़ो का हमेशा हवाला देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप केरल के मुख्यमंत्री हैं। या तो आपको मूर्ख नहीं बनना चाहिए या आपको मूर्ख बनने का नाटक नहीं करना चाहिए एवं लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए। केरल के मुख्यमंत्री को देश के कानूनों का ज्ञान होना चाहिए। उन्हें राज्य की वित्तीय दशा का भी पता होना चाहिए।’’
मुरलीधरन के बयान से एक दिन पहले बालागोपाल ने केंद्र पर केरल एवं अन्य विपक्षी शासित राज्यों के साथ आर्थिक मामलों में भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि केरल इस संबंध में कानूनी उपाय पर विचार करेगी। बालागोपाल ने रविवार को कोल्लम में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि भाजपा शासित केंद्र सरकार वित्तीय मामलों में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ समेत विपक्षी शासित राज्यों के साथ ‘बहुत भेदभाव’ कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ उनमें सबसे अधिक भेदभाव केरल के साथ हो रहा है। हम केंद्र की हरकतों के विरूद्ध कानूनी उपायों पर गौर कर रहे हैं।’’ वाममोर्चा सरकार पर पलटवार करते हुए मुरलीधरन ने दावा किया कि केरल को कल्याणकारी पेंशन में केंद्र के हिस्से समेत जो विभिन्न आवंटन और अनुदान केंद्र से मिलने थे, वे उसे पहले ही दिये जा चुके हैं।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि राज्य वित्तीय संकट में था, तो उसने कल्याणकारी पेंशन की अगली किस्त के लिए अनुरोध क्यों नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से वेतन सुधार के तहत करीब 750 करोड़ रुपये जैसे कुछ अनुदान राज्य प्रशासन के कुप्रबंधन के चलते नहीं दिये गये।
विदेश राज्यमंत्री ने दावा किया कि कुछ मामलों में अनुदान या फंड के अनुरोध समय से नहीं भेजे गये या अनिवार्य दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पूंजीगत निवेश के लिए 1925 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राज्य को नहीं दी गयी क्योंकि उसने अनिवार्य अनुपालन रिपोर्ट अबतक जमा नहीं की है।
उन्होंने दावा किया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार राज्य 7000 करोड़ रुपये की कर वसूली नहीं कर पाया। बालागोपाल ने दावा किया था कि कर संग्रहण राज्य में प्रभावी तरीके से की जा रही है।
मुरलीधरन ने कहा कि हर बार जब कोई कथित फिजूलखर्ची और विलासिता व्यय एवं भारी खर्च से केरलीयम समारोह के आयोजन को लेकर प्रश्न उठाता है ते वाममोर्चा उसके लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराता है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि राज्य अपनी फिजूलखर्ची बंद कर देता है और उपयुक्त वित्तीय प्रबंधन करता है तो केरल की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।’’

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