रविवार, 2 जुलाई 2023

भाजपा में सभी वर्गों का भाईचारा खतरे में है 

भाजपा में सभी वर्गों का भाईचारा खतरे में है 

श्रीराम मौर्य  

हल्द्वानी। रविवार को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा शासन में हर वर्ग को खतरे में बताते हुए इसके खिलाफ हर मोर्चा खोलने की अपील की। सर्वोदई नेता भुवन पाठक के संचालन में आयोजित सम्मेलन में कांग्रेस नेता करन मेहरा ने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा का अभियान मदरसे से शुरू होकर मजार से करते हुए भाजपा अब देश के संविधान के लिए भी खतरा बन चुकी है। आज प्रदेश में थारू-बुक्सा, अनुसूचित जाति सहित हर वर्ग खतरे में है। सात सौ किसानों की मौत पर चुप्पी साधने वाली सरकार अपने एक सांसद को जेल जाने से बचाने के लिए पद्मश्री पहलवानों को सड़क पर घसीटने से भी बाज नहीं आ रही है। देश की बेटियां भी खतरे में हैं। पूरा जोशीमठ खतरे में है। सिर छिपाने की झोंपड़ी तक को अतिक्रमण बताकर गरीबों को उजाड़ा जा रहा है। जबकि जो मोदी के मित्र हजारों करोड़ों का गबन कर देश से भाग चुके हैं, उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी और गांधी को मारने वाली विचारधारा के लोग जब तक सत्ता में रहेंगे, तब तक देश में कुछ भी अच्छा होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। आज केवल सामाजिक धार्मिक भाई-चारे को ही नहीं, देश के संविधान को ही नष्ट किया जा रहा है।

स्थानीय कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी-शाह युग में खुले नफरत के बाजार में कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में मुहब्बत की दुकान खोल रही है। फासीवादियों के खिलाफ सत्य और तथ्य के साथ लड़ी कांग्रेस की लड़ाई के चलते ही दक्षिण भारत में भाजपा अपने पैर नहीं जमा पाई है। कर्नाटक के बाद दक्षिण भारत भाजपा मुक्त हो गया है। अब इसी तरह उत्तर भारत से भी भाजपा को मुक्त करना होगा। वर्तमान काल की तुलना हिटलर काल से करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए हिटलर ने अपनी ही संसद तक में आग में लगवा दी थी। ऐसा ही कोई षड्यंत्र भाजपा चुनाव जीतने के लिए कर सकती है। ऐसे षड्यंत्रों के प्रति भी हमें सचेत रहना होगा।

क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सुप्रीमों पीपी आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने आज सभी नागरिक अधिकारों पर चोट करके लोगों को अधिकारविहीन कर दिया है। चार श्रम कानूनों की आड़ में पचास करोड़ की श्रमिक आबादी को गुलामी की ओर धकेल दिया है। जिसके खिलाफ एनआरसी के खिलाफ हुए व्यापक आंदोलन की तरह ही सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने पहाड़ की लूट पर चर्चा करते हुए कहा कि पहाड़ों की जमीनों को पूंजीपतियों को लुटाई जा रही हैं। लोगों को प्रतिरोध तक नहीं करने दिया जा रहा है। 71 प्रतिशत जंगल होने के बाद भी राज्य में वनाधिकार कानून लागू नहीं किया जा रहा है। हिमालयी राज्यों में केवल उत्तराखंड ही ऐसा प्रदेश है, जहां भूमि खरीद पर कोई नियंत्रण नहीं है। देश अघोषित आपातकाल के कुचक्र में फंस चुका है। जिसकी लड़ाई प्रदेश के लिए नीति निर्धारण तय होने तक लड़नी होगी। खबर लिखे जाने तक सम्मेलन जारी था।

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