शनिवार, 15 जुलाई 2023

यूरोप में परमाणु बम तैनात कर रहा अमेरिका

यूरोप में परमाणु बम तैनात कर रहा अमेरिका 
सुनील श्रीवास्तव   
वॉशिंगटन डीसी। संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोप में नाटो ठिकानों पर अपने परमाणु बमों की तैनाती को बढ़ाने का काम तेज कर दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने 6 महीने पहले ब्रसेल्स में बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान नाटो सहयोगियों को बताया था कि उन्नत बी61-12 एयर-ड्रॉप ग्रेविटी बम बनाने का काम खत्म हो चुका है। इसे जल्द ही तैनात किया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका लगातार अपने पुराने बमवर्षकों और लड़ाकू विमानों को नया संस्करण दे रहा है, और लगातार यूरोप के कई हिस्सों में परमाणु बम तैनात कर रहा है। रूस ने यूक्रेन युद्ध में परमाणु बम का इस्तेमाल करने की धमकी दी थी। इसके बाद से अमेरिका ने पुराने परमाणु बमों को नया संस्करण देना भी शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में अमेरिका ने बी 61 कार्यक्रम के उन्नयन पर वर्षों से बजट दस्तावेजों और सार्वजनिक बयानों में खुले तौर पर चर्चा की थी। पेंटागन के अधिकारियों ने कहा है कि भंडार का आधुनिकीकरण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्नयन आवश्यक है।
पॉलिटिको में छपी खबर के मुताबिक पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने ईमेल के माध्यम से जवाब दिया ” हम अपने परमाणु शस्त्रागार के विवरण पर चर्चा नहीं करेंगे। अमेरिकी बी 61 परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण सालों से चल रहा है।उन्नत बी 61-12 संस्करणों के लिए पुराने हथियारों को सुरक्षित और जिम्मेदारी से स्वैप करने की योजना लंबे समय से जारी है। यह किसी भी तरह से यूक्रेन में वर्तमान घटनाओं से जुड़ा नहीं है’।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने 2022 के अंत तक यूरोप में 100 B61 परमाणु हथियारों की तैनाती युरोप में की। ये बम दोहरे-सक्षम विमानों द्वारा तैनात किए गए हैं। इस बी 61-12 संस्करण में दक्षता और सटीकता दोनों में सुधार के लिए एक नई टेल किट शामिल है। रणनीतिक और सामरिक उपयोग दोनों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या अमेरिका इसकी जानकारी छुपाता है
2019 में नाटो की एक संस्था ने एक दस्तावेज जारी किया और बाद में हटा दिया। इससे लंबे समय से चला आ रहा शक यकीन में बदल गया। अमेरिकी परमाणु हथियारों को कई यूरोपीय देशों में हवाई ठिकानों पर तैनात कर रहा है। इस दस्तावेज की एक प्रति बेल्जियम के अखबार डी मोर्गेन ने प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि बी61 परमाणु बम यूरोप के छह ठिकानों पर रखे हुए हैं।
सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉन-प्रोलिफरेशन की एक फैक्टशीट के मुताबिक, बेल्जियम में क्लेन ब्रोगेल, जर्मनी में बुचेल, इटली में एवियानो और घेडी, नीदरलैंड में वोल्कल और तुर्की में इनसिरलिक ठिकानों पर अमेरिका ने परमाणु बम तैनात किए हैं।
अमेरिका में परमाणु बमों का इतिहास क्या है
हथियारों की उपस्थिती 1960 के दशक में शीत युद्ध के दौरान एक समझौते से उपजी है। इसका मकसद सोवियत संघ को रोकना और इसमें शामिल देशों को यह समझाना था कि उन्हें अपने खुद के परमाणु हथियार कार्यक्रमों को शुरू करने की कोई जरूरत नहीं है।
ऐतिहासिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका ने ग्रीस और यूनाइटेड किंगडम सहित सभी यूरोपीय देशों में परमाणु बम और परमाणु-सशस्त्र मिसाइलों दोनों को तैनात किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों ने यूरोप में तैनात किए गए बमों के सटीक आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है। इन सभी हथियारों को भूमिगत तहखानों में रखा गया है। उन्हें कोई भी एक्शन लेने के लिए एक्शन लिंक (पीएएल) कोड अमेरिकी हाथों में रहता है।
1971 में शीत युद्ध के तनाव के दौरान यूरोप में स्थित परमाणु हथियारों की कुल संख्या 7,300 के सर्वकालिक शिखर पर पहुंच गई। हांलाकि अमेरिका ने बाद में परमाणु बमों को कम करने की बात भी कही, लेकिन पिछले 2 सालों में इस बात के सबूत लीक हुए कि अमेरिका यूरोप में परमाणु बम की तैनाती कर रहा है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि पांच नाटो देशों के बीच लगभग 100 ऐसे बम संग्रहीत किए गए हैं, जो जेट विमानों पर लोड करने के लिए तैयार हैं। इस बम का एक संस्करण 11 हिरोशिमा के बराबर विस्फोटक ले जा सकता है।

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