शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

प्यार की परिभाषा   'संपादकीय'

प्यार की परिभाषा   'संपादकीय'

अब सीमा के पास घुटन भरे जीवन के अलावा कोई रास्ता शेष नहीं रह गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी जांच में जुट गई है। हिंदुस्तान-पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों में सीमा और तनाव बढ़ाने का काम पहले ही कर चुकी है। अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने से आशंकाओं का दायरा भी बढ़ गया है। 

परंतु जिस धैर्य और विश्वास पूर्ण सहजता से सीमा पत्रकारों से बात करती है। उनके सवालों का रटा-रटाया या सही सही जवाब देती है। इसके कारण दूसरे पहलू पर भी गौर करने की आवश्यकता है। कहा जाता है कि प्रेम मर्यादाओं के बंधन से मुक्त होता है, जिसकी कोई उम्र नहीं होती है, कोई मापदंड या पैमाना भी नहीं होता है। प्यार में उत्पन्न भावनाओं को बांधकर रखने वाले किसी पिंजरे का भी अभी तक अविष्कार नहीं हुआ है। प्यार में लोग कातिल हो गए हैं, प्यार में लोग फना हुए हैं। धरती पर तो ऐसी कोई जगह नहीं है जहां प्यार नहीं है। प्यार है तो कहानियां और किस्से भी बहुत है। आए दिन हम रूबरू होते हैं कि पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। पति ने प्रेमिका के लिए पत्नी की हत्या कर दी। चार बच्चों की मां, 6 बच्चों के मां-बाप, 45-50 साल की औरत या आदमी किसी के साथ चली गईं अथवा लेकर भाग गया ? युवा वर्ग की तो बात छोड़िए, केवल बालिग होने का इंतजार करते हैं फिर वह किसी के बाप की नहीं सुनते हैं। बल्कि यहां तक कहा गया है कि 'प्यार की कोई परिभाषा ही नहीं होती' है।

सीमा के कथन के अनुसार सीमा की कहानी रोमांच तो उत्पन्न करती ही है, साथ ही साथ सोचने के लिए विवश भी करती है। सीमा का आत्मविश्वास जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुआ है। यदि सीमा के इस नाटक के पीछे भारत विरोधी सोच अथवा गतिविधियों में संलिप्त है तो उसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दंडित किया जाना चाहिए। परंतु यदि सीमा अपने प्यार को पाने के लिए यह सब कर रही है, तब उसकी हिम्मत की दाद देनी चाहिए। परस्पर एक-दूसरे के विरोधी दो देशों के बीच संबधो को दरकिनार कर, अपनी जान हथेली पर रखकर, दुस्सह रास्ते पर, भयानक झंझावतों को भेदकर, अपने प्यार तक पहुंचने में कितनी यातनाओं का सामना किया होगा ? इसका अनुमान लगाना कठिन है। चार बालकों सहित धर्मांतरण करना और 27 वर्षों तक जिन संस्कारों और सभ्यता में रही है, उसे त्याग कर नवीन संस्कार और सभ्यता का वरन करना साहसिक कार्य है।यदि सीमा सच्चे प्यार के वशीभूत सब बंधन, सीमाएं और मर्यादाओं को त्याग कर, अपना प्यार पाना चाहती है, भारत में अपना जीवन व्यतीत करना चाहती है, ऐसी स्थिति में मानवीय आधार पर उसकी सहायता की जानी चाहिए।


राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...