शुक्रवार, 30 जून 2023

इस्तीफा देने से इंकार, समर्थकों ने लेटर फाड़ा

इस्तीफा देने से इंकार, समर्थकों ने लेटर फाड़ा

इकबाल अंसारी 

इंफाल। मणिपुर में पिछले करीब दो महीनों से हिंसा के हालात बने हुए हैं। जहां इस बीच शुक्रवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने की चर्चा तेज हो गई। 

लेकिन जब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के समर्थकों को यह पता चला कि वह इस्तीफा देने जा रहे हैं तो वह विरोध प्रदर्शन करने लगे। एन बीरेन सिंह के समर्थक भारी संख्या में मुख्यमंत्री आवास के बाहर जम गए और 'एन बीरेन सिंह इस्तीफा न दो' के तेज-तेज नारे लगाए।

बताया जाता है कि, जब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह राजभवन जाने के लिए निकले तो समर्थकों ने उन्हें आगे जाने से रोक लिया। जिसके बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने समर्थकों से मुलाकात की और जानकारी के अनुसार इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा लेटर समर्थकों ने फाड़ दिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के फटे हुए इस्तीफे लेटर की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। जिस पर लोग तंज भी कस रहे हैं। लोग बोल रहे हैं कि, इस्तीफा देना ही नहीं था इसलिए फड़वा दिया। वरना मुख्यमंत्री के इस्तीफे को कौन फाड़ देगा भला? सब नौटंकी है।

मैं इस्तीफा नहीं दूंगा- मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह 

फिलहाल, अब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। एन बीरेन सिंह ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि, वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा-  मणिपुर के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के विरोध में डटे लोगों का कहना था कि, "हम नहीं चाहते कि सीएम इस्तीफा दें, उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। वह हमारे लिए बहुत काम कर रहे हैं। सीएम को हमारा समर्थन हैं। लोगों ने कहा कि, हम 2 महीने से उथल-पुथल की स्थिति में हैं। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब भारत सरकार और मणिपुर सरकार इस संघर्ष को लोकतांत्रिक तरीके से हल करेगी। ऐसी स्थिति में अगर मणिपुर के सीएम इस्तीफा दे देते हैं, तो लोग कैसे रहेंगे यहाँ? हमारा नेतृत्व कौन करेगा? वह संघर्ष की शुरुआत से ही हमारा नेतृत्व कर रहे हैं।

आपको बता दें कि, मणिपुर में जातीय हिंसा पनपने के बाद हालात लगातार बिगड़े हुए हैं। मई से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ था और इसके बाद राज्य में जातीय हिंसा भयावह हो गई। जगह-जगह आगजनी-तोड़फोड़ हो रही है। गोलियां चल रही हैं। लोग मर रहे हैं। हिंसा पर काबू पाने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को मैदान में उतारा गया है। लेकिन हालात संभल नहीं रहे।

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