अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2021 में 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। लेकिन अगले साल वृद्धि में कमी आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी के प्रकोप और निजी खपत पर खाद्य मुद्रास्फीति के नकारात्मक असर के चलते देश में पुनरुद्धार की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
अंकटाड व्यापार और विकास रिपोर्ट 2021 में सतर्कता के साथ उम्मीद जताई गई कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2021 में एक मजबूत सुधार के लिए तैयार है। हालांकि क्षेत्रीय और देशों के आधार पर कुछ अनिश्चितता बनी हुई है। यह रिपोर्ट बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में जारी की गई। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) ने 2020 में 3.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद उम्मीद जताई है कि इस साल वैश्विक उत्पादन में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2020 में सात प्रतिशत का संकुचन झेला और 2021 में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। अंकटाड की रिपोर्ट में कहा गया, ”भारत में पुनरुद्धार कोविड-19 के प्रकोप और निजी खपत पर खाद्य मुद्रास्फीति के नकारात्मक प्रभाव से बाधित हुआ है।” रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत 2022 में 6.7 प्रतिशत की दर से आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा, जो 2021 की अपेक्षित विकास दर से धीमी है।
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