रविवार, 11 अक्तूबर 2020

हाथरस: भाभी के आरोप पर महिला बोली

हाथरस: नक्सली भाभी के आरोप पर महिला बोली ‘मैं इंसानियत के नाते परिवार से मिलने गई थी, रिश्तेदार नहीं हूं।


मनोज सिंह ठाकुर
फेक नक्सल भाभी ने तोड़ी चुप्पी हाथरस पीड़िता की भाभी होने से किया इंकार


हाथरस। हाथरस कांड में शनिवार को मीडिया में रिपोर्ट आई कि गैंगरेप पीड़िता के घर पर फर्जी रिश्तेदार बनकर एक महिला रह रही थी। महिला के ऊपर नक्सली होने और परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने के आरोप लगे। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर पर एक नक्सली भाभी भी ट्रेंड होने लगा। अब इस महिला ने खुद मीडिया के सामने आकर अपनी पहचान बताई है। और कहा है। कि वह परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी।
सोशल मीडिया पर दो महिला को विडियो वायरल हो रहे थे। जिसमें वह सीपीएम और सीपीआई नेताओं से बात करती दिख रही थी। इसी आधार दावा किया जाने लगा कि महिला का नक्सल कनेक्शन है। महिला की पहचान डॉ. राजकुमारी बंसल (41) के रूप में हुई थी। जो मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के फर्माकॉलजी विभाग में लेक्चरर है।
परिवार ने मुझे रोका, इसलिए मैं रुकी
महिला ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह 4 अक्टूबर को पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस गई थी। और 6 अक्टूबर को जबलपुर लौट आई। महिला ने बताया मैं केवल परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी। मैं अगले दिन ही वापस आना चाहती थी। लेकिन परिवार ने मुझसे रुकने की गुजारिश की। आज मैं हैरान हूं। यह बिल्कुल गलत है। वे लोग ऐसे बिना किसी सबूत के किसी को कैसे नक्सली बोल सकते है।
हाथरस के नक्सल कनेक्शन पर क्या बोली एसआईटी
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था। कि एसआईटी महिला का पता लगा रही है। लेकिन एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी ने बताया कि एसआईटी हमेशा शासनादेश पर गठित की जाती है। इस केस में पुलिस के मामले को हैंडल करने की भूमिका की जांच करनी है। किसी भी पुलिसकर्मी ने कथित नक्सली लिंक की जांच पर कमेंट तो नहीं किया हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि जरूर की तो महिला की पहचान को प्रमाणित करने के लिए वे जबलपुर पुलिस के संपर्क में हैं।
विडियो में सीताराम येचुरी से बात कर रही थी। महिला
विडियो में राजकुमारी सीपीएम-सीपीआई के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल से बात करती दिख रही हैं। जो मंगलवार को परिवार से मिलने आए थे। विडियो में सीताराम येचुरी कहते दिख रहे हैं। वे न्याय मांग रहे हैं। इस पर सहमति जताते हुए राजकुमारी कहती हैं। ‘किसी का रात में दाह संस्कार कैसे किया जा सकता है। यह किसी के भी साथ हो सकता है। प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए था।
मैं गरीब परिवार से हूं सिस्टम की हकीकत जानती हूं’
एक दूसरे विडियो में राजकुमारी कह रही हैं।मैं यहां इंसानियत के नाते आई हूं। मैं परिवार की संबंधी नहीं हूं लेकिन मैं तीन दिन से यहां हूं। मैं उनके लिए लड़ना चाहती हूं। राजकुमारी ने बताया मेरा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। मैं गरीब परिवार से आती हूं और यह समझती हूं कि सिस्टम कैसे कमजोर वर्ग को दबाता है। जब मैंने रात में अंतिम संस्कार के बारे में पढ़ा तो मैं हिल गई। किसी भी मीडियापर्सन या नेता को परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा था। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे भी एक आम नागरिक के रूप में परिवार से मिलने की कोशिश करनी चाहिए।
मदद करने से रोकने का तरीका
जब राजकुमारी गांव गई तो हाथरस पुलिस ने उनकी पहचान को लेकर पूछताछ की। उन्होंने कहा मदद करने की कोशिश कर रहे लोगों के खिलाफ षड्यंत्र करना दूसरों को जरूरतमंदों तक पहुंचने से रोकने का एक तरीका मात्र है। उन्होने बताया कि पुलिस ने अभी तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया है।
हमें हमारी लड़की के लिए न्याय चाहते हैं।
दूसरी ओर पीड़ित परिवार का कहना है। कि वह अफवाहों से थक चुके हैं। कभी कॉल डीटेल रेकॉर्ड से परिवार और आरोपी के बीच कनेक्शन साबित करने की कोशिश जा रही है। तो कभी आरोपी जेल से पत्र लिखकर खुद को पीड़िता का दोस्त बता रहा है। और पीड़िता के परिवार पर ही उसे पीटने का आरोप लगा रहा है। पीड़िता की भाभी ने कहा यहां हर जगह से लोग आ रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है। कि उन्हें गाली दी जाए और षडयंत्र रचने का आरोप लगाया जाए। हम सभी हमारी लड़की के लिए न्याय चाहते हैं।               


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