शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

'यूट्यूब' के प्रमुख बनेंगे भारतीय-अमेरिकी मोहन 

'यूट्यूब' के प्रमुख बनेंगे भारतीय-अमेरिकी मोहन 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/लखनऊ। सुजन वोजिस्की द्वारा यूट्यूब के सीईओ का पद छोड़े जाने के बाद भारतीय-अमेरिकी नील मोहन यूट्यूब के प्रमुख बनेंगे। मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस और स्टैनफोर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है। एक्सेंचर और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में काम कर चुके मोहन 7 वर्षों से अधिक समय से यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं। नील मोहन ने कहा कि वह इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हैं और एक नए भविष्य की आशा कर रहे हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, धन्यवाद, सुसान वोजिकी, वर्षों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है। आपने YouTube को रचनाकारों और दर्शकों के लिए एक असाधारण घर बना दिया है। मैं इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं। टिकटॉक और फेसबुक की रील्स जैसी शॉर्ट-फॉर्म वीडियो सेवाओं और नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा के बीच यूट्यूब के विज्ञापन राजस्व में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आई है।

बता दें कि Susan Wojcicki ने एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफे का एलान किया। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। वे अपनी फैमिली, हेल्थ और पर्सनल प्रोजेक्ट को लेकर नया काम शुरू करेंगी।

यूट्यूब के नवनियुक्त प्रमुख नील मोहन को ट्विटर ने 2011 में नौकरी की पेशकश की थी। ट्विटर ने गूगल में कार्यरत भारतीय मूल के मोहन को अपनी प्रोडक्ट लाइन-अप में सुधार करने की पेशकश की थी। टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने नील को रुकने के लिए $100 मिलियन का स्टॉक दिया था जिसके बाद वह रुक गए थे।

भारतीय मूल के नील मोहन को यूट्यूब का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। इससे पहले शनैल ने भारतीय मूल की लीना नायर व बाटा ने संदीप कटारिया को सीईओ नियुक्त किया था। वहीं, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण और आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा भी भारतीय मूल के हैं।

जान लीजिए कौन हैं Neal Mohan?

लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद नील मोहन अमेरिका चले गए जहां उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। नील मोहन लंबे समय से सुसान वोजिकी के सहयोगी रहे, साल 2007 में DoubleClick अधिग्रहण के साथ Google में शामिल हुए।

नील मोहन को साल 2015 में YouTube में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने YouTube शॉर्ट्स, म्यूजिक और सब्सक्रिप्शन ऑफरिंग बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। इससे पहले, मोहन माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम कर चुके हैं और स्टिच फिक्स और जीनोमिक्स और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी 23andMe के बोर्ड में रहे।

मोहन ने साल 1996 में एक्सेंचर (उस समय एंडरसन कंसल्टिंग कहलाती थी) के साथ काम शुरू किया था। बाद में वह नेटग्रैविटी नामक एक स्टार्टअप में शामिल हो गए, जिसे बाद में इंटरनेट विज्ञापन फर्म डबलक्लिक द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।

सेंट फ्रांसिस स्कूल से स्टैंनफोर्ड तक तय किया सफर

नील मोहन ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से कक्षा नौ से 12 तक की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के लिए स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी चले और वहीं बस गए। कक्षा नौ में उनकी क्लास टीचर रहीं प्रो. निशी पांडेय ने क्लास ग्रुप फोटो साझा करते हुए बताया कि बैठे बच्चों के ठीक पीछे वाली पहली पंक्ति में एकदम बाएं...नील मोहन है। वह क्लास का होनहार छात्र था।

मंदिर जा रही बस खड्ड में गिरी, 2 की मौत, 19 घायल 

मंदिर जा रही बस खड्ड में गिरी, 2 की मौत, 19 घायल 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में श्रद्धालुओं को लेकर शिव खोड़ी मंदिर जा रही बस शनिवार को सड़क से फिसल कर खड्ड में गिर गई, जिससे दो लोगों की मौंत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हादसा रानसु इलाके के तरयाथ में अपराह्न करीब साढ़े बारह बजे उस समय हुआ, जब चालक ने घुमावदार रास्ते में बस पर से अपना नियंत्रण खो दिया। 

अधिकारियों ने बताया कि बस में तीर्थयात्री सवार थे, जो महा शिवरात्रि के अवसर पर राजौरी से प्रसिद्ध शिव खोड़ी गुफा मंदिर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि हादसे के तत्काल बाद बचाव कार्य शुरू किया गया और घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि 12 घायलों को इलाज के लिए जम्मू स्थित सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी) रेफर किया गया है। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-129, (वर्ष-06)

2. रविवार, फरवरी 19, 2023

3. शक-1944, फाल्गुन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 14 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

अडाणी समूह से जुड़े मामलें पर ‘चुप्पी’ तोड़नी चाहिए

अडाणी समूह से जुड़े मामलें पर ‘चुप्पी’ तोड़नी चाहिए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़े मामलें को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर एक बार फिर प्रहार किया और कहा कि इस प्रकरण में सच सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन जरूरी है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी ‘चुप्पी’ तोड़नी चाहिए। कांग्रेस ने इस विषय पर शुक्रवार को देश के 22 शहरों में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला में आज कांग्रेस प्रवक्ताओं ने देश के 22 शहरों में प्रेस वार्ता करके प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, आपको अपने मित्र पूंजीपतियों पर चुप्पी तोड़नी ही होगी।’’

रमेश ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के एक बयान की पृष्ठभूमि में यह भी कहा कि नेहरूवादी विरासत यह सुनिश्चित करती है कि सोरोस जैसे लोग भारतीय चुनावों के परिणाम तय नहीं कर सकते। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री से जुड़ा अडाणी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है। इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है।’’

रमेश ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते।’’ उल्लेखनीय है कि सोरोस ने कहा है कि भारतीय व्यवसायी गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल ने निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास को हिला दिया है और यह भारत में ‘‘लोकतांत्रिक पुनरुद्धार’’ के द्वार खोल सकता है।

कांग्रेस के नेताओं ने देश के अलग-अलग शहरों में संवाददाताओं से बातचीत कर सरकार पर प्रहार किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने अहमदाबाद में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने से क्यों ‘‘डर’’ रही है? माकन ने जोर देकर कहा कि हवाई अड्डे और बंदरगाहों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को एक कंपनी को सौंपने का मुद्दा देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट पर चुप्पी के लिए केंद्र और जांच एजेंसियों पर निशाना साधा। वल्लभ ने कहा "कांग्रेस ने अडाणी समूह के मामलों पर संसद में सवाल पूछे। इसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। अडाणी समूह को विदेशी शेल कंपनियों से प्राप्त काले धन का मालिक कौन है। मोदी जी जेपीसी रखने से क्यों डर रहे हैं।

आप किसे बचाना चाहते हैं?" कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मुंबई में कहा कि अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी की कंपनियों पर लगे धोखाधड़ी और शेयरों की कीमत में हेराफेरी के आरोपों की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार मामले से जुड़े तथ्यों को नागरिकों से छिपाना चाहती है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका से परिचालित हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, अडाणी समूह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह कानून का अनुपालन करता है और जानकारी देने संबंधी शर्तों का अनुपालन करता है।

मृतक के परिवारजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएं

मृतक के परिवारजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएं


मृतक साजिद सैफी के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी, पचास लाख रुपए आर्थिक मदद परिवारजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए:- गादरे

सत्येंद्र पंवार 

मेरठ। मृतक साजिद सैफी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, पचास लाख रुपए आर्थिक मदद और परिवारजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएं। ज्ञात रहे, उत्तर प्रदेश के मेरठ साजिद सैफी हत्याकांड को लेकर बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मेरठ दक्षिण विधान सभा पूर्व प्रत्याशी राजुद्दीन गादरे ने जिलाधिकारी मेरठ को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री और प्रतिलिपि:-1. माननीय श्री अशफाक सैफी जी अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ।

2. प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ।

3. पुलिस महानिदेशक डीजीपी उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ। को बहुजन मुक्ति पार्टी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं के साथ सोंपा।

जिसमें विगत 10 फरवरी 2023 को R S मेडिकल स्टोर संचालक एवं अति पिछड़ा वर्ग से संबंधित साजिद सैफी थाना लिसाड़ी गेट, मेरठ, उत्तर प्रदेश की फुरकान और रिजवान नाम के दो सगे भाइयों ने अपने साथियों मोहम्मद शोएब आदि के साथ साजिश करके और ताबडतोड गोलियों बरसाकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। 

ज्ञापन में कहा कि मृतक के परिवार के अनुसार साजिद सैफी ने हमलावरों को  मोटी रकम उधार के रूप में दी हुई थी और मृतक साजिद सैफी फुरकान और रिजवान से अपनी उधार दी हुई रकम वापस मांग रहा था जिसपर फुरकान और रिजवान दोनो भाईयो ने अपने साथियों मोहम्मद शोएब आदि के साथ साजिश रचकर साजिद सैफी की ताबड़तौड गोलियां बरसाकर बेरहमी से हत्या  कर दी। 

मृृतक साजिद सैफी एक उच्च शिक्षित व्यक्ति था जो बी काम, बी फार्मा, एम आर था और आर एस मैडिकल स्टोर चलाता था। साजिद सैफी अपने परिवार का एकमात्र सहारा था और पूरे परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उसके ऊपर थी। मृतक के परिवार में दो बहने एक भाई है जोकि अविवाहित हैं। 

हत्यारे कानून को न मानने वाले गुंडे प्रवृति के लोग साबित हुए है। इससे मृतक साजिद सैफी का परिवार दहशत के साए में जी रहा है। ज्ञापन में अनुरोध किया, कि इस प्रकरण में मृतक के परिवार को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने के साथ साथ मृतक के परिवार को कम से कम पचास लाख रुपए की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दी जाए और सरकार मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे। ताकि ये परिवार अपना पालन पोषण कर सके और परिवार को आर्थिक संकट का सामना ना करना पड़े। बहुजन मुक्ति पार्टी ऐसी उम्मीद करती है कि आप इस संबंध में सकारात्मक कार्रवाई करेंगे।

ज्ञापन देने में हाजी अतीक, एड राहुल कुमार, एड साहिद, खुर्शीद आलम, फारूक अन्सारी, महताब, मोहम्मद अली, फिरोज, लोकेश, रविंद्र बौध, एड रियायत अली, नवाबुद्दीन एड जितेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को 'प्रॉपेगंडा' वीडियो करार दिया 

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को 'प्रॉपेगंडा' वीडियो करार दिया 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/लंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर डॉक्यूमेंट्री वीडियो बनाने वाली बीबीसी के ऊपर ब्रिटिश सांसद ने सवालिया निशान उठाते हुए बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रॉपेगंडा वीडियो करार दिया है। शुक्रवार को अपनी बेबाकी का दावा करने वाली खबर एजेंसी बीबीसी की ओर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री पर बड़े सवाल उठाते हुए ब्रिटिश सांसद वह ब्लैकमैन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रॉपर गंडा वीडियो करार देते हुए इसे भद्दी पत्रकारिता बताया है। 

उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को रिलीज ही नहीं होना चाहिए था। इस डॉक्यूमेंट्री में इस बात को ही नजरअंदाज किया गया है कि वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दावों की खुद सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच की जा चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने उनके ऊपर लगे आरोपों को गलत पाया है। ब्रिटिश सांसद ब्लैकमैन ने बीबीसी के भारत की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आयकर के छापों को लेकर भी बेबाकी से अपनी बात कही है। उन्होंने कहा है कि आयकर विभाग या अन्य एजेंसियों के छापे कोई नई बात नहीं है। पहले भी ऐसा हो चुका है।

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...