रविवार, 8 जनवरी 2023

परियोजना को पुनर्जीवित करने की अपील: तमिलनाडु 

परियोजना को पुनर्जीवित करने की अपील: तमिलनाडु 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने रामेश्वरम में रामसेतु के वास्तविक स्वरूप की मौजूदगी के केंद्र के दावे के मद्देनजर सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को पुनर्जीवित करने की अपील की है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि के लिए परियोजना को पुनर्जीवित करने और भारतीय बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने की बात कही।

इस परियोजना को दो जुलाई, 2005 को 2,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया गया था, लेकिन सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक रामसेतु के विध्वंस के खिलाफ पर्यावरणविदों और हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद यह परियोजना ठप पड़ गई थी। पार्टी ने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान दावा किया था कि सत्ता में आने पर वह परियोजना को पूरा करेगी, ताकि तमिलनाडु के दक्षिणी इलाकों का आर्थिक लाभ हो सके।

केंद्र की भाजपा सरकार पर धार्मिक आधार पर परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यूपीए शासन के दौरान शुरू की गई परियोजना जारी रहती तो जबरदस्त विकास होता। उन्होंने शनिवार रात यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता टी. आर. बालू की आत्मकथा ‘पथिमारा पायनम’ का विमोचन करने के बाद कहा, “आप जानते हैं कि सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को किसने रोका था।

यह भाजपा थी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को सूचित किया था कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि रामेश्वरम में रामसेतु मौजूद था।” तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा परियोजना शुरू करने में बालू की प्रमुख भूमिका थी। स्टालिन ने इस कार्यक्रम में दावा किया, “अगर इस परियोजना को स्थगित नहीं किया गया होता, तो तमिलनाडु को बहुत फायदा होता।” उन्होंने कहा, “तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि यह परियोजना भारत का गौरव होती।” उन्होंने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती, इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता और माल ढुलाई की राज्य की क्षमता में वृद्धि होती।

त्रिपुरा: प्रवासी पक्षियों की नई प्रजातियां देखी 

त्रिपुरा: प्रवासी पक्षियों की नई प्रजातियां देखी 

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के गोमती जिले की सुखसागर झील में इस साल साइबेरिया और यूरोप के प्रवासी पक्षियों की नई प्रजातियां देखी गईं। एक पक्षी विज्ञानी ने यह जानकारी दी। इस साल पहली बार देखे गए यूरोपीय पक्षियों में ‘रफ’, ‘ओरिएंटल प्रिटिनकोल’ और साइबेरियाई ‘कॉमन क्रेन’ हैं।पक्षी विज्ञानी और राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य दीपांकर सिन्हा ने  बताया, “सुखसागर झील में साइबेरिया और यूरोप के पक्षियों की तीन नयी प्रजातियां देखी गई हैं। इस साल प्रवासी पक्षियों का झील में आना भी अद्भुत है।” संपर्क करने पर, उप वन संरक्षक, के. जी. रॉय ने कहा, “हमने यह भी देखा है कि अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षी झील में आ रहे हैं।

इस साल की पक्षी गणना अगले महीने की जाएगी, इसलिए अभी हम राज्य में प्रवासी पक्षियों की सही संख्या नहीं बता सकते हैं।” सहायक वन संरक्षक अनीमा दास ने कहा कि पिछले साल की गणना के अनुसार राज्य की झीलों और जल निकायों में कम से कम 1,45,008 प्रवासी पक्षी देखे गए थे।प्रवासी पक्षी सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य, गोमती जलाशय, गोमती वन्यजीव अभयारण्य, अगरतला में कॉलेज टिल्ला झील, सिपाहीजला जिले में रुद्रसागर झील, तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य, एनआईटी कॉलेज जलाशय में आते हैं। वन अधिकारियों ने कहा कि हर साल यूरोपीय, अफ्रीकी और उत्तरी अमेरिकी देशों से प्रवासी पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियां त्रिपुरा आती हैं। 

अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से पर्यटकों की संख्या बढ़ी 

अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से पर्यटकों की संख्या बढ़ी 

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर/अहमदाबाद। गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने रविवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। बेरा ने अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव के शानदार शुभारंभ अवसर पर स्वागत संबोधन में रविवार को यहां कहा कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ़्रांस, रूस, जर्मनी, ग्रीस, इज़राइल, मिस्र, कोलम्बिया, डेनमार्क, न्यूज़ीलैण्ड, इंडोनेशिया, इटली, मेक्सिको, दक्षिण अफ़्रीका, बेल्जियम, बहरीन, इराक़, मलेशिया, पॉलैण्ड, मॉरिशस, पुर्तगाल, स्विट्ज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड, श्रीलंका, नेपाल, जॉर्डन, ज़िम्बाब्वे, अल्जीरिया, बेलारूस सहित 68 देशों तथा भारत के 14 राज्यों के पतंगबाज इस अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव में सहभागी बने हैं।

अहमदाबाद सहित वडोदरा, वडनगर, सोमनाथ, राजकोट, धोलेरा, धोरडो में पतंगोत्सव-2023 का आयोजन किया गया है। यहां के साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित पतंगोत्सव में कुल 850 से अधिक पतंगबाज हिस्सा ले रहे हैं। पर्यटन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि 14 जनवरी को मनाए जाने वाले मकरसंक्रांति पर्व की महिमा है। उत्तरायण पर्व को बच्चे-बड़े-बूढ़े सभी साथ मिलकर मनाते हैं तथा इस पर्व का आनंद उठाते हैं। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को सूर्यनारायण के उत्तरार्ध की ओर आने के कारण हम आकाश में पतंग उड़ा कर इस उत्सव को मनाते हैं। उत्तरायण के उत्सव में प्रकृति के जतन का संदेश है। उत्तरायण में आकाश स्वच्छ बनता है, जो ईश्वर एवं मानव के बीच संचार को तेज़ बनाता है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग ने अपने कैलेण्डर में उत्तरायण को विशेष स्थान देकर हमारी संस्कृति तथा सभ्यता को एक विशिष्ट पहचान देने का प्रयास किया है। श्री बेरा ने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य के विकास की चहुँओर हो रही प्रशंसा में पतंगोत्सव भी अभिन्न है। पतंगोत्सव में देश-विदेश के पतंगबाज़ सहभागी होते हैं। अहमदाबाद सहित विभिन्न स्थानों पर पतंगोत्सव का आयोजन होता है।अहमदाबाद सहित वडोदरा, वडनगर, सोमनाथ, सोमनाथ, राजकोट, धोलेरा, धोरडो में पतंगोत्सव-2023 का आयोजन किया गया है। अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। ऐसे उत्सवों के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को वेग मिलने के साथ-साथ रोज़गार के अवसर भी बढ़े हैं। उत्तरायण के त्योहार पर आकाश में विभिन्न रंग छा जाते हैं, जो धार्मिक विविधता में एकता व उल्लास के रंगों का प्रतीक है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ़्रंट पर आयोजित पतंगोत्सव में कुल 68 देशों के लगभग 125 पतंगबाज, देश के 14 राज्यों के 65 पतंगबाज तथा गुजरात के विभिन्न जिलों के 660 से अधिक पतंगबाज़ सहभागी हुए हैं। यह आवश्यक है कि इस अंतरराष्ट्रीय पतंगोत्सव से अन्य राज्य सीख लेकर संस्कृति व प्रकृति का जतन करें। इस अवसर पर अहमदाबाद के महापौर किरीटभाई परमार, पर्यटन सचिव हारित शुक्ला, पर्यटन आयुक्त आलोककुमार पाण्डेय, अहमदाबाद ज़िला कलेक्टर अनिल धामेलिया, देश-विदेश से आए आमंत्रित अतिथि, पतंगबाज़, राजनयिक प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक, अहमदाबाद मनपा के पदाधिकारी, पार्षद और अन्य महानुभाव भी उपस्थित रहे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-89, (वर्ष-06)

2. सोमवार, जनवरी 9, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:24, सूर्यास्त: 05:33। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 19+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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शनिवार, 7 जनवरी 2023

विधायक ने स्कूली छात्राओं को साइकिल वितरण की

विधायक ने स्कूली छात्राओं को साइकिल वितरण की


विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा ने स्कूली छात्राओं को साइकिल वितरण की......

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। धरसीवां विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा ने शनिवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी में स्कूली छात्राओं को साइकिल वितरण की। इस अवसर में  विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा ने कहा, कि राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा के द्वारा विभिन्न योजनाएं चल रही। जिसमे एक सबसे महत्वपूर्ण कि सरस्वती साइकिल योजना इसके तहत बालिका की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइकिल वितरण किया जा रहा है। इससे छात्राओं को स्कूल आने जाने में आसानी होगी। निश्चित ही बालिकाओं की शिक्षा में बढ़ोतरी होगी और आने वाले समय में जो बालिकाएं विद्यालय दूर होने के कारण शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही थी। उन्हें साइकिल मिलने से उनकी शिक्षा का लाभ होगा और प्रदेश और देश की प्रगति में सहायक होगी।

इस अवसर में प्रमुख रूप से शाला विकास समिति अध्यक्ष लेख राम धीवर, युवा कांग्रेस पूर्व प्रदेश महासचिव बबलू भाटिया, ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधी तोमलाल वर्मा, सुपिल वर्मा, मिथलेश गायकवाड़, पूर्व जनपद अध्यक्ष लोकेश्वरी वर्मा, गंगा वर्मा, संदीप साहू, खुबी डहरिया, सत्यनारायण सोनवानी, तोकेश वर्मा, तरुण चौहान सहित समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं एवं भारी संख्या में विद्यार्थी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

जम्मू में 'एसकेओ' लॉन्च करने की घोषणा: बीपीसीएल

जम्मू में 'एसकेओ' लॉन्च करने की घोषणा: बीपीसीएल

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/श्रीनगर। तेल विपणन करने वाली सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने शनिवार को जम्मू में भारतीय सेना के लिए लो स्मोक सुपीरियर केरोसिन तेल (एसकेओ) लॉन्च करने की घोषणा की। इस तरह बीपीसीएल सेना को नई एलएसएलए ग्रेड एसकेओ आपूर्ति की आपूर्ति शुरू करने वाली पहली ओएमसी के रूप में उभरी है। कंपनी इस बारे में सर्विस के स्तर को बेहतर बनाने और एसकेओ के उपयोग में धुएं और गंध से संबंधित मुद्दों को दूर करने की दिशा में भी काम करेगी। सामान्य केरोसिन से काफी धुआं निकलता है, जो सेना के जवानों के लिए स्वास्थ्य के लिए हर लिहाज से नुकसानदेह है। सेना के जवान इसे अधिक ऊंचाई पर इस्तेमाल करते हैं, जहां ऑक्सीजन का स्तर बहुत पहले ही काफी कम होता है।

इसलिए, बहुत कठिन इलाकों में काम कर रहे हमारे सैनिकों को स्वच्छ ईंधन प्रदान करने की दिशा में कम धुएं वाला मिट्टी का तेल एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। लेफ्टिनेंट जनरल एम के एस यादव ने बीपीसीएल से जुड़ी भावनाओं का इजहार किया और पूर्वी कमान में एचएसडी (विंटर ग्रेड) की आपूर्ति शुरू करने में बीपीसीएल के विशेष प्रयासों को याद किया।उन्होंने एलएसएलए ग्रेड लॉन्च करने के लिए बीपीसीएल की सराहना की, जो निश्चित रूप से आगे के स्थानों पर हमारी सेना के लिए स्थितियों में सुधार लाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर (मार्केटिंग) सुखमल जैन ने कहा, ‘‘भारत माता के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सेना जिस साहस, वीरता और समर्पण का प्रदर्शन करती है, वह अतुलनीय है।

वे जिस कठिन परिस्थितियों में और जिस ऊंचाई पर मातृभूमि की रक्षा और सेवा के लिए निःस्वार्थ समर्पण भाव से काम करते हैं, उसके लिए हम उन्हें सिर्फ सलाम ही कर सकते हैं। बहुत अधिक ऊंचाई पर सेना को लो स्मोक सुपीरियर केरोसीन तेल की आपूर्ति करना, राष्ट्र के लिए उनकी सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देने का हमारा तरीका है और उनके जीवन को थोड़ा आसान बनाने के लिए हमारी तरफ से एक छोटा सा प्रयास है।’’

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...