रविवार, 30 अक्तूबर 2022

कांग्रेस की सरकार बनने पर पेंशन योजना लागू होगी

कांग्रेस की सरकार बनने पर पेंशन योजना लागू होगी

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/गांधीनगर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि गुजरात में पार्टी की सरकार बनने पर संविदाकर्मियों को पक्का करके पेंशन योजना को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी दी है, पुरानी पेंशन योजना बहाल की है और समय पर प्रमोशन कर कर्मचारियों को फायदा दिया है और अब यही योजना गुजरात में भी लागू की जाएगी।

गांधी ने ट्वीट किया कि कांग्रेस का पक्का वादा। संविदाकर्मियों को पक्की नौकरी, पुरानी पेन्शन व्यवस्था बहाल कर समय पर प्रमोशन। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लागू किया, अब गुजरात में कांग्रेस सरकार बनते ही कर्मचारियों को उनका हक़ मिलेगा। कांग्रेस देगी पक्की नौकरी।

नई निरस्त्र आक्रामक युद्ध तकनीक का प्रशिक्षण

नई निरस्त्र आक्रामक युद्ध तकनीक का प्रशिक्षण

अखिलेश पांडेय/राणा ओबरॉय 

भानु/पंचकूला। चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा में तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) 2020 की गलवान घाटी झड़प जैसी प्रतिकूल स्थितियों से निपटने में बेहतर कौशल हासिल करने के लिए अपने कर्मियों को नई निरस्त्र आक्रामक युद्ध तकनीक का प्रशिक्षण दे रही है। गलवान घाटी में हुई झड़पों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर धारदार हथियारों से हमला किया था।

आईटीबीपी के प्रशिक्षण में मार्शल आर्ट की विभिन्न तकनीक जैसे कि जूडो, कराटे और क्राव मागा के 15-20 अलग-अलग युद्धाभ्यास शामिल हैं। आईटीबीपी के अनुभवी प्रशिक्षक करीब तीन महीने तक चलने वाला यह प्रशिक्षण दे रहे हैं। आईटीबीपी के महानिरीक्षक ईश्वर सिंह दुहन ने कहा कि नई निरस्त्र युद्ध तकनीक में रक्षात्मक और आक्रामक दोनों स्वरूप शामिल हैं। हमने पूर्व महानिदेशक संजय अरोड़ा के निर्देश पर पिछले साल अपने कर्मियों के लिए यह मॉड्यूल अपनाया था। ये युद्ध कौशल, विरोधियों को रोक देंगे तथा उन्हें अशक्त कर देंगे।

दुहन चंडीगढ़ से करीब 25 किलोमीटर दूर भानु में स्थित मूल प्रशिक्षण केंद्र (बीटीसी) की अगुवाई करते हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमले करने के लिए पत्थरों, नुकीली छड़ों, लोहे की छड़ों और एक प्रकार की लाठी ‘क्लब’ का इस्तेमाल किया था। भारतीय सैनिकों ने जून 2020 में गलवान (लद्दाख) में एलएसी पर भारतीय सीमा की ओर चीन द्वारा एक चौकी स्थापित करने का विरोध किया था। इन झड़पों में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन ने अपने चार सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की थी।

यहां प्रशिक्षण पर नजर रख रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निरस्त्र युद्ध तकनीक में सैनिकों को अपनी ताकत का इस तरीके से इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि विरोधियों को करारा जवाब मिले। दुहन ने कहा कि हमने एक योजना बनायी है जिसमें सीमा और अत्यधिक ऊंचाई पर किसी सैनिक को 90 दिन से ज्यादा तैनात नहीं किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की गयी है जिससे सीमा चौकियों से सैनिकों का समय रहते स्थानांतरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि ये उपाय और निर्देश पहले नहीं थे, लेकिन अब हम इन चीजों को गंभीरता से लागू कर रहे हैं क्योंकि सीमा अब काफी सक्रिय है।

अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी ने कई वैज्ञानिक मानदंडों का अध्ययन किया और उसे डीआरडीओ के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड साइंसेज (डीआईपीएएस) से सूचनाएं मिली कि कैसे लंबे समय तक सैनिकों की तैनाती से मानव शरीर को अपूरणीय क्षति पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है कि अत्यधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों की तीन महीने की अवधि के दौरान अदला-बदली करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख पर 29 महीने से गतिरोध बना हुआ है। पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था।

फिल्म 'हीरो नंबर 1' के रीमेक में काम करेंगे टाइगर 

फिल्म 'हीरो नंबर 1' के रीमेक में काम करेंगे टाइगर 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्राफ सुपरहिट फिल्म 'हीरो नंबर 1' के रीमेक में काम करते नजर आ सकते हैं। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म हीरो नंबर 1 में गोविंदा और करिश्मा कपूर ने लीड रोल किया था।डेविड धवन के निर्देशन में बनी फिल्म हीरो नंबर 1 को लोगों ने खूब पसंद किया था। टाइगर श्रॉफ फिल्म हीरो नंबर 1 के रीमेक में काम करते नजर आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस फिल्म को जगन शक्ति निर्देशित करेंगे, वहीं जैकी भगनानी इस फिल्म को प्रोड्यूस करेंगे।

मेकर्स इस फिल्म को बड़े पैमाने पर फिल्माना चाहते हैं, जिसमें कई इंटरनेशनल शेड्यूल होंगे। इस फिल्म की शूटिंग साल 2023 में शुरू हो सकती है। फिल्म के प्री-प्रोडक्शन का काम चल रहा है।

फिल्म स्त्री के सीक्वल ‘स्त्री 2’ में काम करेगी श्रद्धा

फिल्म स्त्री के सीक्वल ‘स्त्री 2’ में काम करेगी श्रद्धा

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर अपनी सुपरहिट फिल्म स्त्री के सीक्वल ‘स्त्री 2’ में काम करती नजर आएगी। वर्ष 2018 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म स्त्री में श्रद्धा कपूर ,राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, अपारशक्ति खुराना, अभिषेक बनर्जी, फ्लोरा सैनी और विजय राज ने अहम भूमिका निभाई थी।

श्रद्धा कपूर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है, जो कि ठुमकेश्वरी का बिहाइंड द सीन वीडियो है। वीडियो में श्रद्धा कह रही हैं। अंदाजा लगाओ कौन वापस आ गया। यह तो बस छोटी सी झलक है कि मैं वापस आ रही हूं। स्त्री लौट आई है। सुपर वाइब। सेट पर लौटकर काफी अच्छा लग रहा है। यह मेरे लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि हम बहुत जल्दी स्त्री 2 की शूटिंग शुरू करने जा रहे हैं।

पीएम ने सूर्योपासना के महापर्व 'छठ' की बधाई दी

पीएम ने सूर्योपासना के महापर्व 'छठ' की बधाई दी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों को सूर्योपासना के महापर्व छठ की बधाई दी। मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि आज देश के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व छठ मनाया जा रहा है। छठ पर्व का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अपने गाँव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुँचे हैं। मेरी प्रार्थना है कि छठ मइया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिये हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। साथ ही, ये सन्देश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इसलिए, हमें हर परिस्थिति में एक समान भाव रखना चाहिए।

छठ मइया की पूजा में भांति-भांति के फलों और ठेकुआ का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इसका व्रत भी किसी कठिन साधना से कम नहीं होता।” प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ पूजा की एक और ख़ास बात होती है कि इसमें पूजा के लिए जिन वस्तुओं का इस्तेमाल होता है उसे समाज के विभिन्न लोग मिलकर तैयार करते हैं। इसमें बांस की बनी टोकरी या सुपली का उपयोग होता है। मिट्टी के दीयों का अपना महत्व होता है। इसके जरिये चने की पैदावार करने वाले किसान और बताशे बनाने वाले छोटे उद्यमियों का समाज में महत्व स्थापित किया गया है। इनके सहयोग के बिना छठ की पूजा संपन्न ही नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि छठ का पर्व हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व पर भी जोर देता है। इस पर्व के आने पर सामुदायिक स्तर पर सड़क, नदी, घाट, पानी के विभिन्न स्त्रोत, सबकी सफाई की जाती है। छठ का पर्व एक भारत-श्रेष्ठ भारत का भी उदाहरण है। आज बिहार और पूर्वांचल के लोग देश के जिस भी कोने में हैं, वहाँ, धूमधाम से छठ का आयोजन हो रहा है।

दिल्ली, मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों और गुजरात के कई हिस्सों में छठ का बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है। मुझे तो याद है, पहले गुजरात में उतनी छठ पूजा नहीं होती थी। लेकिन समय के साथ आज करीब-करीब पूरे गुजरात में छठ पूजा के रंग नज़र आने लगे हैं। ये देखकर मुझे भी बहुत ख़ुशी होती है। आजकल हम देखते हैं, विदेशों से भी छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें आती हैं। यानी भारत की समृद्ध विरासत, हमारी आस्था, दुनिया के कोने-कोने में अपनी पहचान बढ़ा रही है। इस महापर्व में शामिल होने वाले हर आस्थावान को मेरी तरफ़ से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

दुनिया के कई देशों में 8 नवंबर को दिखेगा 'चंद्र ग्रहण'

दुनिया के कई देशों में 8 नवंबर को दिखेगा 'चंद्र ग्रहण'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दिवाली के अगले दिन आंशिक सूर्य ग्रहण के लगभग एक पखवाड़े बाद भारत और दुनिया के कई अन्य देशों में 8 नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। प्रसिद्ध खगोल विज्ञानी देबी प्रसाद दुआरी ने यह जानकारी दी। दुआरी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस के अलावा एशिया के कई अन्य हिस्सों, उत्तर व दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर व प्रशांत महासागर क्षेत्र के लोग इस खगोलीय घटना का दीदार कर सकेंगे।

दुआरी ने कहा कि पूर्ण चंद्र ग्रहण हर जगह नहीं दिखाई देगा और शुरुआत में लातिन अमेरिका के कुछ देशों में आंशिक चंद्र ग्रहण नजर आएगा। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर चंद्र ग्रहण शुरू होगा और लगभग तीन बजकर 46 मिनट पर यह पूर्ण चरण में पहुंच जाएगा। साढ़े चार बजे के आसपास चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा। दुआरी ने बताया कि पूर्ण ग्रहण पांच बजकर 11 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, जबकि आंशिक ग्रहण शाम के छह बजकर 19 मिनट के आसपास खत्म होगा। उन्होंने कहा कि भारत के सभी हिस्सों में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा, लेकिन आंशिक और पूर्ण, दोनों ही रूपों के प्रारंभिक चरण नहीं दिखाई देंगे, क्योंकि दोनों घटनाएं तब शुरू होंगी, जब देश में चंद्रमा हर जगह क्षितिज से नीचे होगा।

दुआरी ने बताया कि कोलकाता सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बन सकेंगे, जबकि देश के बाकी हिस्सों में लोगों को केवल ग्रहण का आंशिक चरण और उसमें होने वाली प्रगति दिखाई देगी। कोलकाता शहर में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से लगभग चार बजकर 52 मिनट पर निकलना शुरू होगा और इसके दो मिनट बाद पूरी तरह से दिखाई देगा। दुआरी ने बताया कि नयी दिल्ली में चंद्रोदय के बाद लगभग साढ़े पांच बजे से आंशिक ग्रहण देखा जा सकेगा, जिसमें चंद्रमा 66 प्रतिशत ढका नजर आएगा। उन्होंने कहा कि भारत में अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण सात सितंबर 2025 को दिखाई देगा।

मोच की समस्या से परेशान, अपनाएं घरेलू उपाय 

मोच की समस्या से परेशान, अपनाएं घरेलू उपाय 

सरस्वती उपाध्याय 

मोच की समस्या से हर लोग कभी न कभी परेशान रहे होंगे। मोच आने पर व्यक्ति की अत्यधिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। हड्डियों में किसी तरह के क्षतिग्रस्त होने से मोच की समस्या उत्पन्न होती है, क्योंकि हड्डियों में उत्तक एक दूसरे से जुड़े होते हैं। चलते-चलते अचानक मुड़ जाने से दौड़ते वक्त पैर ट्विस्ट हो जाने या फिर गिरने की वजह से पैर में मोच आ जाती है। दरअसल हड्डियों में किसी भी तरह का डैमेज होने से मोच की समस्या होती है। ऐसे में इसे भी घरेलू उपचार के जरिए ठीक किया जा सकता है।

मोच का घरेलू उपचार

बर्फ से सिकाई- मोच लगने के तुरंत बाद उस जगह पर बर्फ की सिकाई करने से सूजन नहीं आती है। इसके अलावा बर्फ की सिकाई करने से दर्द भी दूर हो जाती है। ऐसे में मोच आने पर हर एक से दो घंटे में बर्फ से सिकाई करनी चाहिए। हालांकि सीधे ही बर्फ से सिकाई नहीं करनी चाहिए। बर्फ को हमेशा किसी कपड़े में लपेटकर सिकाई करनी चाहिए।

लौंग का तेल- मोच की समस्या आने पर लौंग का तेल भी काफी असरदार है। लौंग के तेल में एनेस्थेटिक गुण मौजूद होते हैं। जो स्वेलिंग और दर्द को कम करता है। इस तेल को दो चम्मच लेकर मोच वाले जगह पर अच्छे से मालिश करें। मसल्स के पेन में भी काफी आराम मिलेगा। दिन भर में तीन से चार बार लौंग के तेल से मालिश करें। काफी हद तक राहत मिलेगा।

हल्दी का दूध- हल्दी का दूध कोई भी दर्द को खींचने में काफी मददगार होता है। माेच की समस्या आने पर हल्दी का दूध जरूर पिएं। यह पेनकिलर जैसा काम करता है। हल्दी एक नहीं कई गुणोंं से भरपूर है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है। इसे इस्तेमाल करने के लिए पानी में दो चम्मच हल्दी डालकर उसका पेस्ट बना लें। अब इस हल्दी के पेस्ट को मोच वाली जगह पर लगाएं और दो घंटे के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से साफ कर लें। इसके साथ ही एक ग्लास गर्म दूध में आधा चम्मच फिटकरी मिलाकर पीने से भी दर्द में काफी आराम मिलता है।

सेंधा नमक- सेंधा नमक सूजन विरोधी होती है और मांसपेशियों के दर्द एवं ऐंठन को कम करने में मदद करता है। इसमें प्राकृतिक तौर पर मैग्नीशियम होता है जो हड्डियों के दर्द को दूर कर सकता है। यह नमक द्रव पदार्थ को बाहर निकाल देता है और सूजन से आराम दिलाता है। गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर प्रभावित जगह पर सिकाई करने से काफी आराम मिलता है।

अरंडी का तेल- अरंडी के तेल में बहुत से औषधीय गुण होते हैं, जो हड्डियों के दर्द को कम करने में कारगर होता है। गठिया रोग के लोगों के लिए अरंडी के तेल से मालिश करने से सूजन एवं ऐंठन कम होती है। इसके अलावा मोच को ठीक करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग फायदेमंद होता है।

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