सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-366, (वर्ष-05)

2. मंगलवार, अक्टूबर 11, 2022

3. शक-1944, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:15, सूर्यास्त: 06:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 19 डी.सै., अधिकतम-32+ डी.सै., उत्तर भारत में बरसात की संभावना है।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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रविवार, 9 अक्तूबर 2022

गाजियाबाद के तमाम इलाकों में जलभराव: व्यवस्था 

गाजियाबाद के तमाम इलाकों में जलभराव: व्यवस्था 

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। गाजियाबाद में शुक्रवार रात से बारिश जारी है, जो अब तक थमी नहीं है। बीते 24 घंटे में यहां करीब 64 मिलीमीटर बारिश हुई है। लगातार बारिश की वजह से तापमान गिरा है। रविवार सुबह 9 बजे का न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अभी एक से दो दिन तक बारिश देखने को मिलेगी। बारिश के चलते गाजियाबाद के तमाम इलाकों में जलभराव हो गया है। कई इलाकों में देर रात से बिजली सप्लाई तक नहीं है।

गाजियाबाद नगर निगम के वार्ड-19 संगम विहार में बारिश के बाद ये हाल हो गया है। घर से बाहर जाने तक का रास्ता नहीं बचा है। गाजियाबाद नगर निगम के वार्ड-19 संगम विहार में बारिश के बाद ये हाल हो गया है। घर से बाहर जाने तक का रास्ता नहीं बचा है।

वाल्मीकि के मंदिर में माल्यार्पण व पूजा-अर्चना की 

वाल्मीकि के मंदिर में माल्यार्पण व पूजा-अर्चना की 

गोपीचंद 

बागपत। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में रविवार को भगवान वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पट्टी मेहर स्थित भगवान वाल्मीकि के मंदिर में माल्यार्पण व पुष्प चढ़ाकर पूजा-अर्चना की एवं मिष्टान वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन की अध्यक्ष वंदना गुप्ता ने बताया कि वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन मास के दौरान पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य में अग्रदूत-कवि माना जाता है। उन्हें महाकाव्य रामायण के पहले कवि, आदि कवि के रूप में भी जाना जाता है।

वाल्मीकि को हिंदू धर्म में 'ज्ञान का सागर' भी कहा जाता है। उनका जन्म प्राचीन भारत में गंगा के किनारे हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार, राम ने सीता को वन भेजा। सीता ने ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में शरण ली, जहाँ उन्होंने जुड़वां लड़कों लव और कुश को जन्म दिया. लव और कुश वाल्मीकि के पहले शिष्य थे, जिन्हें उन्होंने रामायण की शिक्षा दी थी। इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष वंदना गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालू गुप्ता,पूजा ,प्रिया,  विकास गुप्ता,प्रवीण कुमार, संजय गुप्ता , ध्रुव जैन, अनिल अरोरा, अमन जैन, ऋषभ जैन,  आदित्य भारद्वाज आदि लोग मौजूद रहे।

मैच: भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 विकेट से हराया 

मैच: भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 विकेट से हराया 

मोमीन मलिक 

नई दिल्ली/प्रिटोरिया। भारत ने श्रेयस अय्यर (113 नाबाद) के शतक और ईशान किशन (93) के अर्द्धशतक की बदौलत दक्षिण अफ्रीका को दूसरे एकदिवसीय मैच में रविवार को सात विकेट से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने 279 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे भारत ने 45.5 ओवर में हासिल कर लिया।

भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचाने के लिये अय्यर और किशन ने तीसरे विकेट के लिये 161 रन की मैच जिताऊ साझेदारी की। किशन ने इस साझेदारी में आक्रामक भूमिका निभाते हुए 84 गेंदों पर चार चौकों और सात छक्कों की बदौलत 93 रन बनाये। किशन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पहले शतक से चूक गये, लेकिन अय्यर ने इस प्रारूप में अपना दूसरा शतक जड़ते हुए 111 गेंदों पर 15 चौकों के साथ नाबाद 113 रन बनाये और चौका लगाकर भारत को जीत दिलाई।

'पत्रकार' पर झूठा आरोप लगाकर जेल भेजा: झारखंड 

'पत्रकार' पर झूठा आरोप लगाकर जेल भेजा: झारखंड 

विवेक चौबे

गढ़वा। झारखंड में अभी भी पत्रकार बंधु सुरक्षित नहीं हैं। पत्रकारों को कभी माफियाओं के चंगुल में तो कभी प्रशासनिक चंगुल में फंसते हुए नजारा देखा जाता है। सवाल यह कि जब पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं तो जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है ? ऐसा कहा जाता है कि पत्रकारों को संविधान से ही मान्यता प्राप्त है कि वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, जो समाज में हो रहे अच्छाइयों व बुराइयों को दिखाने का प्रयास करते हैं। लेकिन वर्तमान समय की ऐसी बदतर स्थिति है कि पत्रकार जब सच्चाई को उजागर करता है तो उसे कहीं न कहीं टारगेट किया जाने लगता है और उसे गलत तरीके से फंसा दिया जाता है। पत्रकारों को कभी माफियाओं द्वारा हत्या कर दी जाती है, तो कभी पुलिस द्वारा बेवजह झूठा आरोप लगाकर जेल भेज दिया जाता है। 

ठीक इसी प्रकार का एक मामला प्रकाश में आया है कि एक सच्चे पत्रकार पर झूठा आरोप लगाकर पुलिस द्वारा जेल भेज दिया गया। विदित हो कि जिले के मेराल थाना क्षेत्र अंर्तगत हसनदाग गांव निवासी नाथन चौधरी की हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद सूचना पाकर मेराल थाना में पदस्थापित तत्कालीन थाना प्रभारी लाल बिहारी प्रसाद अपने दल-बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। इसके बाद शव को घर पर लाया गया, जहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। साथ ही पूरे गांव में शोक का लहर दौड़ गया था। हालांकि हसनदाग गांव के ही चार लोगों को शक के आधार पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था। 

वहीं, इस हत्याकांड का उदभेदन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार मुश्ताक अंसारी नाथन चौधरी के परिजनों व ग्रामीणों से तहकीकात कर लगातार खबर प्रसारित कर रहे थे। इस दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी लाल बिहारी प्रसाद द्वारा हत्याकांड के आरोपियों को दूसरे दिन ही छोड़ दिया गया, जिसकी सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया था कि हत्याकांड में संलिप्त अपराधियों से मोटी रकम लेकर थाना प्रभारी द्वारा आरोपियों को यूं ही रिहा कर दिया गया।

इसके बाद ग्रामीणों ने थाना प्रभारी के विरुद्ध योजना बना कर तकरीबन 400 लोगों ने थाना का घेराव किया, जहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा था। विरोध प्रदर्शन होते देख वर्दीधारियों में नया जोश व उमंग आया और मेराल के एक व्यक्ति पर लाठी चार्ज कर दिया गया। वहीं हासनदाग के लोग पुलिस के तो विरोध में थे ही, किन्तु लाठीचार्ज की घटना के बाद मेराल से भी बड़ी संख्या में लोग उक्त विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए। तब तक ग्रामीणों की संख्या 400 से बढ़ कर 10 हजार से अधिक हो गई थी, जिससे मेराल थाना में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। नौबत यहां तक आ गयी कि ग्रामीणों व पुलिस-प्रशासन के बीच जमकर पथराव भी हुआ। पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले भी दागे गए। 

इस वक्त पत्रकार मुश्ताक अंसारी थाना के भीतर ही थाना प्रभारी के साथ मौजूद थे। वे पुलिस के सामने ही खबर कवरेज कर रहे थे। उग्र भीड़ को काबू करने के लिए तकरीबन 10 थाने की पुलिस आई थी। कुछ पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों की वाहनों को लाठी-डंडे से मार कर क्षतिग्रस्त कर डाला। पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाई को भी पत्रकार मुश्ताक अपने मोबाइल से कवर कर रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसपी व एसडीपीओ के कहने पर थाना प्रभारी के आदेशानुसार अंचलाधिकारी अंगरनाथ स्वर्णकार ने 21 नामजद व 400 से 500 तक अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया, जिसमें पत्रकार मुश्ताक पर भीड़ को उकसाने के मामले में मुख्य आरोपी बना कर प्राथमिकी दर्ज की गयी।

इस मामले में थाना प्रभारी द्वारा न्यायालय से वारेंट लेकर शुक्रवार को पत्रकार मुश्ताक को जेल भेज दिया गया। पूरे प्रकरण को भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की झारखण्ड इकाई ने गंभीरता से लेते हुए उक्त मामले को पलामू डीआईजी के समक्ष भी उठाया था। गढ़वा परिसदन में पत्रकार मुश्ताक के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने वाले सभी सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा पलामू प्रमंडल के सभी पत्रकारों की बैठक बुलाई गई है। इस बावत प्रदेश सचिव सियाराम शरण वर्मा व गढ़वा जिला अध्यक्ष प्रदीप चौबे ने कहा है कि आवयश्कता पड़ने पर मुख्यमंत्री से लेकर न्यायालय तक न्याय दिलाने के लिए संगठन लगातार अपना संघर्ष जारी रखेगा।

300 से ज्यादा प्रतिष्ठानों से 24 घंटे सर्विस ले सकेंगे

300 से ज्यादा प्रतिष्ठानों से 24 घंटे सर्विस ले सकेंगे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के लोगों को फेस्टिवल सीजन में दिवाली गिफ्ट मिलने वाला है। अगले हफ्ते से अब दिल्ली वासी 300 से ज्यादा प्रतिष्ठानों से 24 घंटे सर्विस ले सकेंगे। इनमें रेस्टोरेंट से लेकर मेडिकल शॉप्स तक शामिल हैं। इसका नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दे दिए हैं। इनमें से कई प्रतिष्ठान 2016 से इसकी अनुमति चाह रहे थे, लेकिन उनके आवेदन पेंडिंग पड़े हुए थे।चौबीस घंटे डिलीवरी सुविधा में होटल-रेस्टोरेंट, खाने-पीने से संबंधित ऑनलाइन डिलीवरी करने वालों के साथ 24 घंटे दवाइयां उपलब्ध कराने वाले प्रतिष्ठानों को भी शामिल किया गया है। इसके तहत 314 प्रतिष्ठानों को अनुमति दी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले से बड़े शहरों में प्रचलित ‘नाइट लाइफ’ कल्चर को भी बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि इसमें ट्रांसपोर्ट-ट्रैवल सहित कई KPO और BPO को भी शामिल किया गया है।

प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उपराज्यपाल ने प्रतिष्ठानों के द्वारा किए गए आवेदनों को निपटाने में श्रम विभाग की ओर से देर लगाने जैसे मुद्दे भी उठाए। बता दें कि कुल 346 आवेदन लंबित थे, जिनमें 2016 के 18 आवेदन, 2017 के 26, 2018 के 83 आवेदन, 2019 के 25, 2020 के 04, और 2021 के 74 आवेदनों पर आज तक श्रम विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एलजी ने यह बात भी नोट की कि देरी से यह पता चलता है कि श्रम विभाग अव्यवसायिक रवैया जाहिर कर रहा था। आवेदनों को प्रोसेस करने में विभाग ‘पिक एंड चॉइस पॉलिसी’ अपना रहा था। इस तरह की व्यवस्था में भ्रष्ट आचरण भी किया जा सकता है। एलजी ने यह बात भी नोट की कि इस तरह के नियमित आवेदनों की ज्यादा लेट किए जाने से बड़े पैमाने पर व्यापारिक समुदाय में अविश्वास की भावनाएं पैदा हो सकती हैं।

एलजी ने सख्ती के साथ सलाह दी कि इस तरह के आवेदनों को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटाया जाता है, ताकि एक अनुकूल निवेशक अनुकूल कारोबारी माहौल और दिल्ली के उद्यमियों और व्यापारिक समुदाय में बड़े पैमाने पर सकारात्मक विश्वास पैदा किया जा सके।उपराज्यपाल ने श्रम विभाग को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि भविष्य में इस तरह की देरी न हो, पारदर्शी और प्रभावी निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए, लंबित होने के कारणों का पता लगाया जाए। जिम्मेदारी तय की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

क्या-क्या मिलेगी सुविधा ?

24 -7 खुले रह सकते हैं रेस्तरां, होटल।

24 -7 डिलिवरी के लिए भी इजाज़त।

300 तरह की सेवाएं चालू रह सकती हैं।

पिछड़े वर्गों के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे नीतीश

पिछड़े वर्गों के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे नीतीश 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे है, जो सामान्यत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं।पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में शहरी निकाय चुनावों में अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और ईबीसी के लिए कोटे को पटना हाई कोर्ट द्वारा अवैध घोषित किये जाने को लेकर कुमार को जिम्मेदार ठहराया और उनके इस्तीफे की मांग की। अदालत के फैसले से चुनाव प्रक्रिया अधर में लटक गयी है।

मोदी ने दावा किया, ‘राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर ने चार फरवरी और 12 मार्च को पत्राचार के माध्यम से राज्य सरकार को इस तरह के आरक्षण के लिए उच्चतम न्यायालय के ‘ट्रिपल टेस्ट’ मानकों पर अमल के लिए एक आयोग गठित करने की सलाह दी थी। राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने भी इस मामले में 22 मार्च और 11 मई को सरकार से निर्देश मांगा था।’राज्यसभा सांसद ने दावा किया, लेकिन, मुख्यमंत्री की जिद के कारण, महाधिवक्ता को अपनी राय बदलनी पड़ी। हालांकि, राज्य चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हुए नगरपालिका चुनावों को प्रभावित करने वाले हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर एक बार फिर कहा कि बिहार में भी (ऐसे आरक्षण के लिए) ‘ट्रिपल टेस्ट’ के सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए। इस मामले में टिप्पणी के लिए महाधिवक्ता से सम्पर्क नहीं हो सका है। मोदी ने जोर देकर कहा कि एसईसी और राज्य सरकार के विरोधाभासी दृष्टिकोण के कारण उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर को आरक्षण रद्द कर दिया।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, कुमार जानते हैं कि ईबीसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं इसलिए उन्होंने उनके हाल पर छोड़ दिया है। हम मांग करते हैं कि ओबीसी और ईबीसी कोटा के लिए सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करते हुए नगर निगम चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं। मोदी ने साथ ही यह भी कहा कि जिन उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में अपना पैसा गंवाया है, उन्हें राज्य सरकार मुआवजा दे। उन्होंने यह भी मांग की कि कुमार ईबीसी के ‘अपमान’ के लिए नैतिक जिम्मेदारी लें और अपना इस्तीफा दें। मोदी ने याद दिलाया कि जब 2007 में शहरी स्थानीय निकायों में ईबीसी के लिए कोटा लागू किया गया था, तब वह राज्य के शहरी विकास मंत्री थे।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘ट्रिपल टेस्ट के मानकों के अनुपालन का उच्चतम न्यायालय का आदेश पिछले 12 महीनों से लागू है। नीतीश कुमार अड़े रहे और इस धारणा के तहत काम करते रहे कि सिर्फ इसलिए कि 2007, 2012 और 2017 में ‘ट्रिपल टेस्ट’ के बिना चुनाव हुए थे और उन्हें इस बार भी अनुमति दी जाएगी। (लेकिन) परिणाम एक ऐसे फैसले में रूप में आया है, जो ईबीसी को उनके अधिकारों से वंचित करता है।’

शिवसेना धड़े ने चुनाव चिन्ह के 3 विकल्प सुझाए

शिवसेना धड़े ने चुनाव चिन्ह के 3 विकल्प सुझाए

कविता गर्ग 

मुंबई। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने निर्वाचन आयोग को अपने चुनाव चिन्ह के लिए त्रिशूल, उगता सूरज या मशाल के रूप में तीन विकल्प सुझाए हैं। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों के पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह का उपयोग करने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी। पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी कर निर्वाचन आयोग ने दोनों से कहा था कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नए नाम और चुनाव चिन्ह सुझाएं।

आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिह्नों में से उन्हें किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा। ठाकरे खेमे के एक सूत्र ने कहा, ‘‘शिवसेना ने निर्वाचन आयोग को अपने चुनाव चिन्ह के लिए त्रिशूल, उगता सूरज या मशाल के रूप में तीन विकल्प सुझाए हैं।’’ अधिक विवरण साझा किए बिना सूत्र ने बताया कि ठाकरे खेमे ने चुनाव में अपने आधिकारिक नाम के लिए भी कुछ विकल्प सुझाए हैं।

चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है 'भाजपा'

चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है 'भाजपा'

विमलेश यादव 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और दूसरी बार द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष चुने गये एम.के.स्टालिन रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है और इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए। द्रमुक जनरल काउंसिल को सम्बोधित करते हुए श्री स्टालिन ने कहा कि उन्हें पार्टी के शीर्ष पद के लिए निर्विरोध चुना गया है।

उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने पार्टी प्रमुख का पद संभाला है तब से द्रमुक केवल जीत ही मिली है। उन्होंने कहा कि हमने 2019 का लोकसभा चुनाव, 2021 का विधानसभा चुनाव और हाल में हुए शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव जीते है। उन्होंने कहा कि द्रमुक 2024 के आम चुनावों तमिलनाडु की सभी 39 तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की एक सीट जीतने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं से सुस्त नहीं रहना चाहिए क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत 2026 में होने वाले राज्य में अगले विधानसभा चुनावों में द्रमुक की 100 प्रतिशत जीत का आधार बनेगी। उन्होंने कहा, “हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। हमें सभी 40 सीटें जीत कर राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण ताकत के रूप में उभरना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि भाजपा कुछ भी करेगी। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किसी भी स्तर की राजनीति करेगी। उनके पास कुछ भी नहीं है और वे चुनाव के लिए हमारे बारे में अफवाह फैलाएंगे। उन्होंने भाजपा पर पर धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं को भड़काकर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोगों ने कभी राजनीति और अध्यात्म का मिश्रण नहीं किया है इसलिए अब भाजपा की सांस फूल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए विपक्षी अन्नाद्रमुक में अंदरूनी कलह का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी सक्षम और मजबूत नेतृत्व के साथ ही आगे बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक के पास कोई सक्षम नेतृत्व नहीं है और पार्टी चार टुकड़ों में बंटी हुई है। उसकी नीति हर समय केवल द्रमुक का विरोध करना है।

डीएनए नमूने का मिलान केवल सहायक साक्ष्य है

डीएनए नमूने का मिलान केवल सहायक साक्ष्य है

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरू। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि डीएनए नमूने का मिलान नहीं होने से आरोपी निरपराध साबित नहीं हो जाएगा, क्योंकि यह केवल सहायक साक्ष्य है। अदालत ने 43 वर्षीय उस बस कंडक्टर की याचिका खारिज कर दी, जिस पर 12 वर्षीय एक रिश्तेदार के साथ बलात्कार करने और उसे गर्भवती कर देने का आरोप है। डीएनए जांच से इस बात का पता चलने के बाद कि उसके (कंडक्टर के) रक्त का नमूना और भ्रूण के रक्त मिलान नहीं होने पर, आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

आरोपी मैसूर का रहने वाला है। उसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आरोपित किया गया है। पीड़िता की मां ने 19 फरवरी 2021 को एक शिकायत दर्ज कराई थी। बस कंडक्टर पर आरोप है कि उसने बच्ची का यौन शोषण किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस ने मामले में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया, जबकि डीएनए जांच की रिपोर्ट अभी लंबित थी। जब रिपोर्ट आई तो पता चला कि आरोपी और भ्रूण के रक्त के नमूने का मिलान नहीं हो रहा था। आरोपी ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया कि पीड़िता के गर्भवती होने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। सरकारी वकील ने दलील दी कि बच्ची ने बयान दिया था कि आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया था और इसलिए, डीएनए के नमूने के मेल न खाने के बावजूद, मुकदमा जारी रखना पड़ेगा।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने 15 सितंबर को फैसला सुनाते हुए कहा था कि कहा था कि डीएनए विश्लेषण में भले ही यह पता चलता हो कि आरोपी भ्रूण का जैविक पिता नहीं था, ‘‘यह याचिकाकर्ता को इस तरह के कथित अपराधों के लिए पूरी तरह से दोषमुक्त नहीं कर सकेगा।’’ निचली अदालत को दिए गए पीड़िता के बयान का हवाला देते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा, “याचिकाकर्ता के वे सभी अक्षम्य कृत्य हैं, जब तक कि वह निर्दोष साबित न हो जाए। पीड़िता के इस बयान को खारिज नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता ने जबरन उसके साथ यौन संबंध बनाए थे।’

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...