सोमवार, 22 अगस्त 2022

मशहूर फिल्म निर्माता नाडियाडवाला का निधन: मुंबई 

मशहूर फिल्म निर्माता नाडियाडवाला का निधन: मुंबई 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता एजी नाडियाडवाला का निधन हो गया है। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट के चलते उनकी मौत हुई है। एजी नाडियाडवाला के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। अजय देवगन ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है कि "हमारे सिनेमा के स्वर्णिम युग के दौरान...मेरे पिता वीरु देवगन और नाडियाडवाला सहयोगी थे।

गफ्फार भाई नाडियाडवाला के रूप में पहचान बनाने वाले एजी नाडियाडवाला ने वेलकम, हेराफेरी, लहू के दो रंग और झूठा सच फिल्मों को प्रोड्यूस किया था। वे साजिद नाडियाडवाला के चाचा और फिरोज नाडियाडवाला के पिता हैं। उन्होंने अभिनेत्री शीला कश्मीरी (मुनीरा) से शादी की थी। मुनीरा का 2016 में निधन हो गया था।

पालतू जानवरों को बचाने के लिए गाइडलाइंस जारी की 

पालतू जानवरों को बचाने के लिए गाइडलाइंस जारी की 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दुनियाभर में कोरोना के बीच मंकीपॉक्स का कहर लगातार जारी है। अब तक इसके 40000 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। भारत में भी इस बीमारी के कई मामले मिल चुके हैं। मंकीपॉक्स का संक्रमण इंसानों से जानवरों और जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने पर मंकीपॉक्स की चपेट में पालतू जानवर भी आ जाते हैं। ऐसे में मंकीपॉक्स का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) की तरफ से मंकीपॉक्स से पालतू जानवरों को बचाने के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की गई हैं, इन पर एक नजर डाल लेते हैं।

संक्रमित व्यक्ति बरतें ये सावधानियां...
सीडीसी के मुताबिक मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्तियों को अपने पालतू जानवरों या अन्य जानवरों से दूरी बरतनी चाहिए, इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाएगा। पालतू जानवरों के साथ घूमना-फिरना, खेलना, गले लगने या छूने से बचना चाहिए। अपने स्लीपिंग एरिया और कपड़ों से पेट्स को दूर रखना चाहिए। अपना खाना पेट एनिमल्स को नहीं खिलाना चाहिए. इससे भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मंकीपॉक्स का संक्रमण होने पर लोगों को आइसोलेशन में चले जाना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पेट्स हो जाएं संक्रमित तो क्या करें?
अगर आपके पालतू जानवर में मंकीपॉक्स का कोई भी लक्षण नजर आ रहा है तो तुरंत उसे एक जगह बांध दें और वेटरनरी डॉक्टर से संपर्क करें। पेट्स के संक्रमित होने पर उसे खुला न छोड़ें और उस पर सैनिटाइजर, डिसइनफेक्टेंट, एल्कोहल, हाइड्रोजन पराक्साइड या अन्य केमिकल्स स्प्रे न करें। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है, इसके बजाय पेट्स से दूरी बनाएं और 21 दिनों तक सावधानी के साथ देखभाल करें. लापरवाही बिल्कुल न बरतें।

ऐसे लोग बरतें विशेष सावधानी...
आठ साल से कम उम्र के बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और डर्मेटाइटिस व एक्जिमा की समस्या से जूझ रहे लोगों को मंकीपॉक्स संक्रमण से विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अगर पालतू जानवरों को इस बीमारी का संक्रमण हो जाए तो उनकी देखभाल इन लोगों को नहीं करनी चाहिए। पेट्स की देखभाल के लिए स्वस्थ लोगों को आगे आना चाहिए। संक्रमित व्यक्तियों को भी पेट्स की केयर नहीं करनी चाहिए, इसके अलावा डॉक्टर से समय-समय पर निर्देश लेते रहने चाहिए।

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग अवरुद्ध किया 

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग अवरुद्ध किया 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की एक कॉलेज छात्रा के पंजाब में मृत पाए जाने के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि सम्बा मंडल के मडकोली गांव की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा सांबा में ‘गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज’ से लौटते वक्त शनिवार को लापता हो गयी थी। उसका शव रविवार को लुधियाना में रहस्यमयी परिस्थितियों में मिला। उन्होंने बताया कि परिवार ने शनिवार की शाम को स्थानीय पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी थी।

छात्रा का शव पाए जाने के बाद उसके कॉलेज के मित्रों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने सांबा शहर के समीप राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और उसकी मौत की उचित जांच कराने की मांग की। मृतक छात्रा के एक रिश्तेदार ने कहा, ‘‘उसका लापता होना और उसके बाद मौत किसी साजिश का इशारा करती है…हम न्याय चाहते हैं जो एक निष्पक्ष जांच के बाद ही मिल सकता है।’’ हालांकि, पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया तथा उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की सभी पहलुओं से जांच की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से चले गए।

केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की: शाह

केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की: शाह 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भोपाल में केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने ऑनलाइन माध्यम से शिरकत की। क्योंकि भारी बारिश के कारण वे मध्यप्रदेश की राजधानी नहीं पहुंच सके। भारी बरसात के बीच शाह सोमवार को करीब डेढ़ बजे भोपाल पहुंचे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा समेत अन्य लोगों ने हवाई अड्डे पर शाह का स्वागत किया।

केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। चौहान ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति, आदिवासी, किसान कल्याण, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध, आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद की रोकथाम तथा उग्रवाद पर चर्चा होगी, इससे सभी चार राज्यों को फायदा होगा। एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठक में शामिल होने के लिये रविवार को यहां पहुंचे।

उन्होंने बताया कि उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को इस बैठक में डिजिटल तरीके से शामिल हुये क्योंकि उनके विमान भारी बारिश के कारण भोपाल हवाई अड्डे पर नहीं उतर सके। स्थापित प्रक्रिया और प्रथा के अनुसार, क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति होती है जिसमें परिषद के समक्ष रखी जाने वाले मुद्दों पर गौर किया जाता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए अपनी समग्र रणनीति के तहत क्षेत्रीय परिषदों की नियमित रूप से बैठकें करती रही है। देश में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं, जिनका गठन 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं और बैठक की मेजबानी करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं।

ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक 

ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक 

विमलेश यादव 

भुवनेश्वर। उत्तरी ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति सोमवार को चिंताजनक बन गई। सुबर्णरेखा नदी उफान पर है और इसका पानी निचले इलाकों में घुस गया। इस वजह से 100 से ज्यादा गांवों के सैकड़ों लोग फंस गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में गहरे कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद भारी बारिश होने के कारण और झारखंड से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के चलते उत्तर ओडिशा की सभी नदियां उफान पर हैं। उन्होंने बताया कि बालासोर और मयूरभंज जिलों के अधिकारियों ने लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रविवार को एक व्यापक अभियान शुरू किया, जो सोमवार को भी जारी रहा। 

अधिकारियों ने बताया कि सुबर्णरेखा नदी में रविवार शाम से जलस्तर काफी बढ़ गया जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि झारखंड में गलुदिह बैराज से और पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के राजघाट पर सुबर्णरेखा का जलस्तर सुबह नौ बजे 11.90 मीटर पर था जबकि खतरे का स्तर 10.36 मीटर है। अधिकारियों के मुताबिक, बालासोर जिला प्रशासन ने सोमवार दोपहर तक कम से कम 1.2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का फैसला किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक बुलेटिन में उत्तरी ओडिशा के जिलों में मंगलवार को भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को विशेष राहत आयुक्त की शक्तियां बालासोर के कलेक्टर को दे दीं ताकि स्थानीय प्रशासन को और प्रभावी बनाया जा सके। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है। इस बीच, विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने खुर्दा, पुरी, कटक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, नयागढ़, बालासोर, भद्रक, क्योंझर और बौद्ध जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर बाढ़ में फंसी महिलाओं को निशुल्क सैनेटरी नेपकिन वितरित करने को कहा है। सरकार के अनुमान के मुताबिक, ओडिशा भारी बारिश के बाद पहले से ही महानदी नदी प्रणाली में मध्यम बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहा है, जिस कारण सात लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीब पांच लाख लोग अब भी 763 गांवों में फंसे हुए हैं।

गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए 

गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए 

नरेश राघानी 

जयपुर। कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर जारी सरगर्मियों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि पार्टी में एकतरफा राय राहुल गांधी के अध्‍यक्ष बनने के समर्थन में है और देश भर में कांग्रेसजनों की भावनाओं को समझते हुए राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए। इसके साथ ही गहलोत से कहा कि अगर राहुल पार्टी के अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो इससे कांग्रेसजन निराश होंगे। पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर जारी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्होंने कहा ,’ राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो इससे देश में कांग्रेस में निराशा आएगी। कई लोग घर बैठ जाएंगे और हम लोगों को तकलीफ होगी। उनको (राहुल गांधी) पूरे देश के, आम कांग्रेसजनों की भावना समझते हुए यह पद स्वीकार करना चाहिए।’ गहलोत ने कहा कि पार्टी के भीतर भी एक राय राहुल गांधी को नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है।

उन्होंने कहा, ‘एकतरफा राय उनके अध्यक्ष बनने के समर्थन में है तो मैं समझता हूं कि उन्‍हें इसे स्वीकार करना चाहिए।’ उन्होंने कहा,’ यह गांधी या गैर गांधी परिवार की बात नहीं है। यह तो संगठन का काम है कोई प्रधानमंत्री तो बन नहीं रहा।’ इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आगे कहा,’ बीते 32 साल में इस परिवार का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बना तो फिर (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी इस परिवार से डरते क्यों हैं, (दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद) केजरीवाल को कहना पड़ता है कि 75 साल में कुछ नहीं हुआ देश में, तो सब लोग कांग्रेस पर ही हमला क्यों करते हैं ? क्योंकि कांग्रेस पार्टी और देश का डीएनए एक है, आजादी के पहले और आजादी के बाद में। कांग्रेस सभी धर्मों और वर्गों को साथ लेकर चलती है।’ गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने बीते 75 साल में देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा है जिसकी बदौलत ही आज मोदी देश के प्रधानमंत्री व केजरीवाल दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री हैं। उन्होंने कहा,’ कांग्रेस कहीं जाने वाली नहीं है। इस प्रकार की बातें कर उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह किया है। 75 साल में देश में कुछ नहीं हुआ, 75 साल में कांग्रेस ने देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा इसलिए इस देश में आज प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री का नाम अरविंद केजरीवाल है।

अगर लोकतंत्र नहीं होता तो ये प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कैसे बनते। यह देश को कांग्रेस की देन है।’ मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि राज्‍य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी एक बार फिर जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘2023 में होने वाला अगला चुनाव जीतेंगे फिर 2024 के चुनाव में, इस बार मोदी के लिए आसान खेल नहीं है। लगता अभी उनको है, लेकिन मेरा मानना है कि जिस प्रकार से उनकी खुद की घेराबंदी हो रही है और जिस प्रकार बिहार में नीतीश कुमार ने उनको झटका दिया है उसके बाद महंगाई व बेरोजगारी का मुद्दे को लेकर कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के नेतृत्व में किए गए आंदोलन से मोदी सरकार हिल चुकी है और 2024 में कुछ भी परिणाम हो सकते हैं।’

गहलोत ने कहा कि महंगाई व बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, और पार्टी इसको लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाए रखेगी। वहीं राजस्‍थान कांग्रेस कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक सोमवार को यहां हुई। इसमें देश में बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी के विरूद्ध अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा चार सितंबर सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली ‘हल्ला बोल महारैली’ की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुये प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा,’ बैठक में रैली को सफल बनाने पर चर्चा हुई। इसको लेकर 25 अगस्त को जिला स्तर पर व 27 अगस्त को विधानसभावार बैठक करेंगे। रैली में राज्‍य में 50 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को ले जाने का लक्ष्य है।’

बेरोजगार शिक्षक कैंडिडेट्स का प्रदर्शन, लाठीचार्ज 

बेरोजगार शिक्षक कैंडिडेट्स का प्रदर्शन, लाठीचार्ज 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को पुलिस ने बेरोजगार शिक्षक कैंडिडेट्स के प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज कर दिया। पटना के ADM केके सिंह ने तिरंगा लिए एक प्रदर्शनकारी पर जमकर लाठी बरसाई। इतनी लाठियां मारीं कि उसका खून बहने लगा। बाद में एक पुलिसकर्मी ने प्रदर्शनकारी से तिरंगा छीन लिया। बता दें कि CTET और BTET पास अभ्‍यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। पटना के ADM केके सिंह का बर्बर चेहरा भी सामने आया है। शिक्षक अभ्‍यर्थी हाथों में तिरंगा झंडा थामकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। ADM केके सिंह उस प्रदर्शनकारी युवक से इस कदर नाराज हुए कि उनकी सरेआम पिटाई शुरू कर दी। तिरंगा थामे अभ्‍यर्थी नारे लगाता रहा और ADM केके सिंह उन्‍हें बेरहमी से पीटते रहे। इसे राष्‍ट्रध्‍वज का अपमान भी माना जा रहा है। वीडियो में उनके हिंसक रूप को देखकर हर कोई दंग रह गया।

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद जय हिंद ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है। शहजाद ने एक वीडियो शेयर किया और कहा कि देखिए, एडीएम की गुंडागर्दी, शिक्षक पदों पर नौकरी मांगने वालों पर लाठीचार्ज। एडीएम ने तिरंगे की भी परवाह नहीं की और युवक को बेरहमी से पीटा। राजद ने रोजगार का वादा किया था लेकिन लाठियां दे रहे हैं। अपराधियों के लिए फ्री रन और युवाओं के लिए लाठियां। शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि वे 2019 से बहाली का इंतजार कर रहे हैं। तीन साल होने के बावजूद सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है। एक शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार बनने से पहले तेजस्वी यादव कहते थे कि पहली कैबिनेट की बैठक में आप लोगों की बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। वो अभी सरकार में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि शिक्षा मंत्री बदलने से कुछ नहीं होगा, सरकार बदलिए। अब तो तेजस्वी यादव सरकार में आए गए हैं।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...