बुधवार, 4 मई 2022

अप्रैल में 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा पारा

अप्रैल में 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा पारा

सुनील श्रीवास्तव 
इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारत समेत दक्षिण एशिया में समय से पहले ही झुलसा देने वाली गर्मी पड़ने लगी है। भारत और पाकिस्तान में अप्रैल के महीने में ही पारा 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अब इस भीषण गर्मी से आने वाले दिनों में भी राहत नहीं मिलने वाली है। स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक स्कॉट डंकन ने डराने वाली चेतावनी दी है। उन्होंने ट्विटर पर एक थ्रेड में कहा है कि भारत और पाकिस्तान की तरफ खतरनाक और झुलसाने वाली गर्मी बढ़ रही है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अप्रैल के महीने में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने संभावना जताई है कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जबकि पाकिस्तान के कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि यह गर्मी बहुत पहले ही पड़ने लगी थी। मार्च के शुरुआत से ही। आइए जानते हैं आखिर इतनी गर्मी पड़ने की वजह क्या है ?
स्कॉट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर मार्च 2022 का एक ग्राफिक पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि इसमें आप देख सकते हैं कि दुनिया के इस इलाके में मार्च में कितनी खतरनाक गर्मी पड़ रही है।
स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक ने बताया है कि 19 वीं शताब्दी के बाद भारत और पाकिस्तान का तापमान बदला है। उन्होंने यह बेरकेले अर्थ के डेटा के हवाले से बताया है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे हमारे ग्रह का तापमना बढ़ता है हीटवेव और शक्तिशाली हो जाती है। गर्मी के खतरनाक स्तर को साल के ज्यादातर समय में देखा जा सकता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जनवरी में कहा था कि साल 2021 का जो तापमान रिकार्ड किया गया था वह धरती के सात सबसे गर्म सालों में से एक था। हर साल औसत वैश्विक तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। साल 2020 में महामारी के दौरान वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में गिरावट देखी गई थी, लेकिन उसके बाद इसमें रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने के लिए हमें एक लंबी दूरी तय करनी होगी। ग्रह के तापमान में कमी लाने के लिए तेजी से डीकार्बोनाइजेशन की जरूरत है। सबसे खतरनाक जलवायु परिवर्तन से बचा सकता है, क्योंकि अभी ज्यादा देर नहीं हुई है।

पॉलिटिकल व मिलिट्री कंट्रोल स्थापित किया जाए

पॉलिटिकल व मिलिट्री कंट्रोल स्थापित किया जाए

अखिलेश पांडेय  
कीव/मॉस्को। यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग के 10 हफ्ते बीत चुके हैं। लेकिन अब तक रूस को यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में ही बड़ी कामयाबी मिली है। जबकि पश्चिम के क्षेत्र में घुसने के लिए सेना मुश्किल का सामना कर रही है। लेकिन इस बीच रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव कर दिया है। रूस की तैयारी है कि पश्चिमी यूक्रेन के हिस्सों पर कब्जा जमाने की बजाय, पूर्वी क्षेत्र के जिन इलाकों को कंट्रोल कर लिया गया है, उन पर पूरी तरह से पॉलिटिकल और मिलिट्री कंट्रोल स्थापित किया जाए। क्रेमलिन की कोशिश है कि स्थानीय प्रशासन में अपने लोगों को स्थापित किया जाए। इसके अलावा स्थानीय लोगों से ट्रांजेक्शन में रूबल का इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है। यह ठीक वैसी ही पॉलिसी होगी।
जैसी उसने 2014 में क्रीमिया को शामिल करते वक्त अपनाई थी। की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रूस इन इलाकों में रेफरेंडम भी करा रहा है ताकि इनके विलय के लिए एक आधार तैयार किया जा सके। इसके अलावा व्लादिमीर चाहते हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पद से हटाकर उनके स्थान पर अपने समर्थक किसी व्यक्ति को लाया जाए। यही नहीं स्थानीय सरकारों में भी रूस समर्थक लोगों को लाने की रणनीति पर व्लादिमीर पुतिन काम कर रहे हैं। दरअसल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था, लेकिन तब से अब तक जेलेंस्की ने हथियार डालने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा बातचीत से भी कोई समाधान नहीं निकल सका है। का कहना है कि उन्हें अब भी भरोसा है कि रूसी सेनाएं यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने में सफल होंगी। इसके अलावा डोनेत्सक और लुहान्सक क्षेत्रों पर पूरा नियंत्रण स्थापित करने की तैयारी है। यही नहीं यूक्रेन के दक्षिणी हिस्सों खेरसोन और जैपोरिझझिया क्षेत्रों के भी एक हिस्से पर रूसी सेनाओं ने नियंत्रण कर लिया है। ये दोनों क्षेत्र क्रीमिया से सटे हुए हैं, जिन्हें रूस ने 2014 में अपने में मिला लिया था। यही वजह है कि रूस को इन क्षेत्रों में नियंत्रण स्थापित करने में आसानी हुई है। इसकी एक वजह यह भी है कि यहां रूसी संस्कृति को मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है। ऐसे में सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर भी रूस को इन क्षेत्रों का विलय करने में आसानी होगी। अलावा रूस ने परसेप्शन के लेवल पर भी बड़ी तैयारी की है। 9 मई को दूसरे विश्व युद्ध के विजय दिवस के तौर पर रूस आयोजन करता रहा है। 
इस दिन यूक्रेन को लेकर भी कुछ ऐलान किया जा सकता है। इस दिन रूस में मिलिट्री परेड भी निकाली जाती रही है। गौरतलब है कि पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से में रूस समर्थक लोगों की भारी संख्या है। इसके अलावा पश्चिमी क्षेत्र में नाटो और यूरोप समर्थक लोगों की आबादी अधिक है। ऐसे में रूस की भी कोशिश यही है कि पूर्वी हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर यूक्रेन को दो टुकड़ों में बांट दिया जाए।

बिना चीर-फाड़, दिल की बीमारी का इलाज

बिना चीर-फाड़, दिल की बीमारी का इलाज  

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। राजधानी के सरकारी अस्पताल एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट ( ACI ) में 71 साल के बुर्जुग का बगैर चीर-फाड़ के एंजियोप्लास्टी से दिल की जटिल बीमारी का सफल इलाज किया गया है। दरअसल मरीज को हार्ट अटैक आने से दिल की दीवार फट गई थी, जिसे डॉक्टरों द्वारा बटन डिवाइस लगाकर बंद किया गया।
चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी स्थिति में मरीज के बचने की संभावना काफी कम रहती है। प्रदेश में इस तरह का दूसरी बार सफल ऑपरेशन बार किया है।
तीन साल पहले भी आया था ऐसा ही केस
वर्ष 2019 में ऐसा ही एक केस आया था। इसका इलाज भी बटन डिवाइस लगाकर किया गया था। एसीआई के एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव से मिली जानकारी के अनुसार 71 साल के मरीज को 27 अप्रैल को मेजर हार्ट अटैक आया। शॉक की स्थिति में निजी अस्पताल से इसे एसीआई में रेफर कर दिया गया। मरीज की रीढ़ की हड्‌डी में पहले से ही परेशानी थी। इसके कारण मरीज के पैरों को ऑपरेशन टेबल पर सीधा व स्थिर नहीं रख पा रहा था। इसलिए पैर के नस के जरिए हार्ट तक तार पहुंचाया गया और बगैर चीर-फाड़ दिल का ऑपरेशन किया गया। यह सर्जरी पूरे डेढ़ घंटे तक चली। ट्रांसक्यूटेनियस क्लोजर की प्रक्रिया पहले ही जटिल होती है। उस पर मरीज की रीढ़ की हड्डी का टेढ़े-मेढ़े होने से चुनौती और बढ़ जाती है। दरअसल इसमें पैरों की मांसपेशियों में संकुचन की लहर उठती है। मरीज की पहले हार्ट की दो नसों की एंजियोप्लास्टी की गई, ताकि दिल को सपोर्ट मिल सके। फिर सुराख को बटन डिवाइस से बंद किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की हालत स्थिर है एक-दो दिन में मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
हमारी नजर में आम आदमी की आवाज जब होती है बेअसर तभी बनती है बड़ी खबर। पूरब हो या पश्चिम, उत्तर हो या दक्षिण सियासत का गलियारा हो या गांव गलियों का चौबारा हो सारी दिशाओं की हर बड़ी खबर, खबर के पीछे की खबर और एक्सक्लूसवि विश्लेषण का ठिकाना है  सटीक सूचना के साथ उसके सभी आयामों से अवगत कराना ही हमारा लक्ष्य है। ग्लैमर दुनिया, जुर्म की गली हो या खेल गांव, टेकनोलॉजी हो या किसी मुद्दे पर बेबाक राय सब कुछ इसी प्लेटफॉर्म पर। हम बताएंगे इतिहास के कुछ ऐसे किस्से जिनसे आप हिल जाएंगे। TRP के इरादे हैं आपको खबर के हर उस पहलू से रू-ब-रू कराने के, जो आपके लिए जरूरी हैं।

मनसे: लाउडस्पीकर पर 'हनुमान चालीसा' बजाएंगे

मनसे: लाउडस्पीकर पर 'हनुमान चालीसा' बजाएंगे

कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के राज्य सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए दिए गए अल्टीमेटम को लेकर मुंबई में तनाव के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में शांति है और राज्य में कोई विरोध नहीं हो रहा है। मनसे प्रमुख ने 12 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था। जिसमें विफल रहने पर मनसे कार्यकर्ता, लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे। उन्होंने हाल ही में अपनी चेतावनी दोहराई थी।
राज्य द्वारा बुक किए जाने के बावजूद, उन्होंने बुधवार को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और मुसलमानों द्वारा सड़कों पर नमाज अदा करने के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं।राज ठाकरे द्वारा साझा किए गए वीडियो में, बाल ठाकरे को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि शिवसेना तब तक आराम नहीं करेगी जब तक कि वह राज्य में सत्ता में आने पर लोगों को सड़कों पर नमाज अदा करने से बाल ठाकरे कहते हैं, हम (शिवसेना) तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हम महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए लोगों को सड़कों पर नमाज अदा करने से रोकने में सफल नहीं हो जाते हैं।
बाल ठाकरे ने राज ठाकरे द्वारा साझा किए गए वीडियो में कहा, अगर किसी को हिंदू धर्म के बारे में कोई शिकायत है, तो वे हमारे पास आ सकते हैं, और हम समस्या का समाधान करेंगे। मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएंगे।
आरोप का जवाब देते हुए, शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया कि राज्य में अब कोई भी अवैध लाउडस्पीकर काम नहीं कर रहा है।
राउत ने कहा, राज्य में कोई भी अवैध लाउडस्पीकर नहीं चल रहा है… बाल ठाकरे और वीर सावरकर ही हैं जिन्होंने देश को हिंदुत्व सिखाया है। शिवसेना का हिंदुत्व का स्कूल मूल है।
कल शाम ट्वीट किए गए एक बयान में, श्री ठाकरे ने उन मस्जिदों के पास लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाने की अपनी योजना दोहराई, जहां लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए हैं। उन्होंने कहा, “मैं सभी हिंदुओं से अपील करता हूं कि कल, 4 मई को, यदि आप लाउडस्पीकर को अजान के साथ बजाते हुए सुनते हैं, तो उन जगहों पर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएं। तभी उन्हें इन लाउडस्पीकरों की बाधा का एहसास होगा।
राज ठाकरे द्वारा लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाने की धमकी के बाद मुंबई और उसके आसपास की कई मस्जिदों ने आज सुबह अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर बंद कर दिए, जहाँ भी अज़ान का पाठ किया जाता है।
महाराष्ट्र सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक तैयारी की है, पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और संवेदनशील स्थानों पर बलों को तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी उपाय करने और किसी के आदेश का इंतजार नहीं करने का आदेश दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ से भी टेलीफोन पर बातचीत की।
औरंगाबाद पुलिस ने दो दिन पहले कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए मुंबई पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 149 के तहत मनसे प्रमुख को नोटिस जारी किया है।
श्री ठाकरे की पार्टी और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे द्वारा संचालित राज्य सरकार के बीच आमना-सामना महाराष्ट्र में नागरिक चुनावों से पहले होता है, जिसमें भाजपा मुंबई नगर निकाय पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रही है, तब तक नहीं हो जाती।

क्लर्क-जेएमजी ऑफिसर पदों पर निकाली भर्ती

क्लर्क-जेएमजी ऑफिसर पदों पर निकाली भर्ती   

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। इंडियन बैंक ने क्लर्क-जेएमजी ऑफिसर पदों पर भर्ती निकाली है। नोटिस के अनुसार यह भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत हो रही है। इस भर्ती के लिए आवेदन ऑनलाइन करना है। ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तारीख 14 मई 2022 है। इसके तहत कुल 12 वैकेंसी है।
इंडियन बैंक भर्ती 2022 के विज्ञापन के अनुसार स्पोर्ट्स कोटे के तहत एथेलेटिक्स, बास्केट बॉल, क्रिकेट, हॉकी और वालीबॉल खिलाड़ियों की भर्ती होगी।
शैक्षिक योग्यता...
उम्मीदवार को कम से कम 12वीं पास होना चाहिए।
स्पोर्ट्स क्वॉलिफिकेशन...
ऑफिसर जेएमजी- क्रिकेट का खिलाड़ी होना चाहिए। कम से कम रणजी ट्रॉफी या दलीप ट्रॉफी खेला होना चाहिए।
क्लर्क- जूनियर/सीनियर लेवल पर स्टेट को रिप्रेजेंट किया होना चाहिए।
आयु सीमा – 18 से 26 साल
सैलरी
ऑफिसर जेएमजी स्केल I – 36000 -1490/7 – 46430 – 1740/2 – 49910 – 1990/7 – 63840 रुपये
क्लर्क- 17900-1000/3-20900-1230/3-24590-1490/4-30550-1730/7-42660-3270/1-45930-1990/1-47920 रुपये प्रति माह
आवेदन शुल्क
एससी, एसटी, दिव्यांग- 100 रुपये+जीएसटी
अन्य- 400 रुपये+जीएसटी

भारत की टॉप ब्रांड 'ओला इलेक्ट्रिक' टूव्हीलर

भारत की टॉप ब्रांड 'ओला इलेक्ट्रिक' टूव्हीलर

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वर्ष-2021 के दौरान टू-व्‍हीलर सेगमेंट में कदम रखे। ओला इलेक्ट्रिक को अभी 5 महीने ही हुए हैं और कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक को पीछे छोड़कर टॉप पर पहुंच गई है। भारत में ईवी टू-व्‍हीलर सेगमेंट में बिक्री करने वाले हीरो इलेक्ट्रिक को पीछे छोड़कर ओला इलेक्ट्रिक कंपनी भारत की टॉप ब्रांड बन गई है। इसने अप्रैल 2022 के दौरान सबसे अधिक इलेक्ट्रिक स्‍कूटर्स से बेची है।
वर्ष 2021 के दौरान टू-व्‍हीलर सेगमेंट में कदम रखे,ओला इलेक्ट्रिक को अभी 5 महीने ही हुए हैं और कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक को पीछे छोड़कर टॉप पर पहुंच गई है।
सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार अप्रैल में कंपनी ने सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे है।
अप्रैल महीने के दौरान कंपनी ने 12683 यूनिट की बिक्री की है। वहीं हीरो इलेक्ट्रिक ने 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की है, जिसने अप्रैल में 6570 यूनिट बेची है। दूसरे स्थान पर ओकिनावा ओटोटेक रही, जिसने 10000 इलेक्ट्रिक स्कूटर बेच दिए हैं और हीरो ने तीसरा स्‍थान प्राप्‍त किया है। वहीं एम्‍पियर और एथर ने चौथा और पांचवा स्‍थान पाया है।
चेन्‍नई से ओला इलेक्ट्रिक में आग लगने की पहली घटना
गौरतलब है कि मार्च के दौरान चेन्‍नई से ओला इलेक्ट्रिक में आग लगने की पहली घटना सामने आई थी। इसके बाद से एक घटना महाराष्‍ट्र से थी, जिसमें नाराज ग्राहक ने ओला को गद्दे से बांधकर खिचवाया था। इसके बाद एक यूजर्स को इलेक्ट्रिक स्‍कूटर के सिंगल चार्ज एवरेज सही नहीं मिला तो, उसने ई-स्‍कूटर में पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी थी। ओला इलेक्ट्रिक ने ओला एस1 (OLA S1) और ओला एस1 प्रो (Ola S1 Pro Scooter) की कीमत 85 हजार से लेकर 1.10 लाख रुपये तक है।
मार्च के दौरान हीरो ने 13,000 इलेक्ट्रिक स्‍कूटरों की होलसेल डिलीवरी की थी, जिस कारण अभी स्‍टॉक हो सकता है। वहीं सेमीकंडर की कमी भी सेल को प्रभाव‍ित करने वाला बड़ा कारक साबित हो सकता है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि अगर सेमीकंडर की कमी रही तो मई के महीने में भी इसकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।

पूर्व पीएम ने 15 करोड़ की कार अपने पास रखीं

पूर्व पीएम ने 15 करोड़ की कार अपने पास रखीं 

सुनील श्रीवास्तव
इस्लामाबाद। इमरान खान ने जिस बीएमडब्ल्यू कार को अभी तक रख रखा है। उसे सरकार ने 3 करोड़ में खरीदा था, इसकी मौजूदा कीमत 6 करोड़ है। इसमें अगर बम और बुलेट प्रूफिंग को शामिल कर लिया जाए, तो इसकी कुल कीमत 15 करोड़ हो जाती है। पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटाए जाने के बाद 15 करोड़, पाकिस्तानी रुपये की एक शानदार कार अपने पास रखी है।
‘इमरान खान एक बीएमडब्ल्यू एक्स5 कार अपने साथ ले गए जो विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की कारों के बेड़े में से एक है। उन्होंने कहा कि कार की कीमत करीब 15 करोड़ पाकिस्तानी रुपये है जो बम प्रूफ और बुलेट प्रूफ है और छह साल पहले लगभग 3 करोड़ पाकिस्तानी रुपये में खरीदी गई थी। डॉन अखबार ने मंत्री के हवाले से कहा कि खान ने इस बात पर जोर दिया कि वह कार अपने साथ रखना चाहते हैं, जबकि पहले वह खुद प्रधानमंत्री आवास में महंगी कारें रखने पर पिछली सरकारों की आलोचना कर चुके हैं।
मंत्री ने यह भी दावा किया कि खान ने एक अन्य देश के राजनयिक से तोहफे में मिली एक हैंडगन भी अपने पास रख ली जिसे तोशखाना में जमा कराना चाहिए था। पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी दूसरे देश के अतिथि से मिले तोहफे को तोशखाना में रखा जाना चाहिए। पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव में हारने के बाद इमरान खान को पद से हटा दिया गया था। तब से उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ का शहबाज शरीफ नीत सरकार से विदेशी तोहफों पर गतिरोध चल रहा है।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक पखवाड़े पहले नई सरकार को खान द्वारा उनकी आधिकारिक यात्राओं पर मिले तोहफों की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश देते हुए कहा था कि दूसरे देशों की सरकारों द्वारा सरकारी अधिकारियों को दिए गए तोहफे पाकिस्तान सरकार के होते हैं, किसी व्यक्ति विशेष के नहीं। जवाब में खान ने कहा कि वे तोहफे उनके हैं और उनकी मर्जी है कि वे इन्हें अपने पास रखते हैं या नहीं। खान ने कहा, ‘‘मेरा तोहफा, मेरी मर्जी। उन्होंने यह भी कहा कि इमरान ने सिर्फ सरकारी तोहफों में ही घोटाला नहीं किया, बल्कि उन्होंने चीनी और आटा घोटाला करके भी काफी पैसा कमाया था।
औरंगजेब आगे कहती हैं कि पाकिस्तान आकर किसी देश दूसरे के राजनयिक ने इमरान को हैंड गन तोहफे में दी थी। लेकिन इमरान ने इसे देश के डिपॉजिटरी में जमा करने की जगह महंगे दाम पर बेच दिया। इस बीच खबर है कि इमरान खान को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खाने खिलाफ ईशनिंदा की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
वहीं, इमरान खान की पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दर्ज किए गये मुकदमे को गैर-कानूनी बताया है, लेकिन रिपोर्ट है कि, इमरान खान के खिलाफ मौजूदा सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
दरअसल, शहबाज शरीफ के सऊदी अरब दौरे के दौरान मदीना मस्जिद में ‘चोर-चोर’ और ‘गद्दार-गद्दार’ के नारे लगाए गये, जिसको लेकर सऊदी अरब की तरफ से काफी सख्त प्रतिक्रिया दी गई है और पाक मस्जिद का इस्तेमाल राजनीति के लिए करने के आरोप में कई पाकिस्तानियों को सऊदी अरब से वापस पाकिस्तान भेज दिया गया है। वहीं, इस्लामिक गुरुओं ने भी मदीना मस्जिद में नारेबाजी को नापाक बताया है। जिसको लेकर पाकिस्तान में इमरान खान समेत 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...