रविवार, 17 अप्रैल 2022

भाजपा को शिकस्त, टीएमसी की जीत: उपचुनाव

भाजपा को शिकस्त, टीएमसी की जीत: उपचुनाव

संदीप मिश्र        
लखनऊ/कोलकाता। उत्तर प्रदेश में पहले विधानसभा और फिर विधान परिषद चुनाव में हार का सामना करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली शिकस्त और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की जीत से खुशी मिली है। सपा अध्यक्ष को उपचुनाव में सभी सीटों पर भाजपा की हार में बड़ा संकेत दिखा है।
अखिलेश यादव ने रविवार को ट्विटर पर अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ तस्वीर शेयर करते हुए उन्हें और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बधाई दी। अखिलेश यादव ने लिखा, ”टीएमसी के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा जी ने आसनसोल लोकसभा से 3 लाख से भी अधिक वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी को हराकर जो ऐतिहासिक जीत हासिल की है उसके लिए उन्हें और सुश्री ममता बनर्जी जी के कुशल नेतृत्व को हार्दिक बधाई! भाजपा का विधानसभा उपचुनाव की सभी सीटें हारना बड़ा संकेत है।
गौरतलब है कि कभी भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे शत्रुघ्न सिन्हा पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए। ममता बनर्जी ने उन्हें आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के लिए वोट की अपील की थी। चुनाव के बीच वह दो बार यूपी आईं और अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया था। हालांकि, सपा को भाजपा से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।
देश की एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जीत हासिल की है जबकि भाजपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में आसनसोल लोकसभा सीट और बालीगंज विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार की एक सीट पर जीत दर्ज की जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खाली हाथ रही।

तानाशाही-क्रूरता को रोकने के लिए याचिका दाखिल

तानाशाही-क्रूरता को रोकने के लिए याचिका दाखिल

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भाजपा शासन वाले राज्यों में अपराध की रोकथाम की आड़ में मुसलमानों को तबाह करने के उद्देश्य से बुलडोज़र की जो ख़तरनाक राजनीति शुरू हुई है। उसके खिलाफ कानूनी संघर्ष के लिए भारतीय मुसलमानों का प्रतिनिधि संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंद ने इस तानाशाही और क्रूरता को रोकने के लिए मौलाना अरशद मदनी के विशेष आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। जिसमें जमीअत उलमा-ए-हिन्द क़ानूनी इमदादी कमेटी के सचिव गुलज़ार अहमद आज़मी वादी बने हैं, इस याचिका में अदालत से यह अनुरोध किया गया है कि वह राज्यों को आदेश दे कि अदालत की अनुमति के बिना किसी का घर या दुकान को गिराया नहीं जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र की राजनीति पहले से जारी है, लेकिन अब यह सिलसिला गुजरात और मध्य प्रदेश में भी शुरू हो चुका है। हाल ही में राम नवमी के अवसर पर मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में जुलूस के दौरान अति भड़काऊ नारे लगाकर पहले तो दंगा किया गया और फिर राज्य सरकार के आदेश से एकतरफ़ा कार्रवाई करते हुए मुसलमानों के घरों और दुकानों को ढा दिया गया, राज्य सरकार की इस क्रूरता की न्यायप्रिय लोगों की ओर से कड़ी निंदा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार अपनी इस क्रूर कार्रवाई का बचाव कर रही है।याचिका में केन्द्र सरकार के साथ साथ उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों को पार्टी बनाया गया जहां हाल के दिनों में मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
याचिका ऐडवोकेट सारिम नवेद ने सीनीयर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल से सलाह-मश्वरा करने के बाद तैयार की है जबकि ऐडवोकेट आन रिकार्ड कबीर दीक्षित ने इसे ऑनलाइन दाखिल किया है, अगले चंद दिनों में याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया से अनुरोध किया जा सकता है।पिछले कुछ समय से देश भर में नफ़रत और सांप्रदायिकता का जो बर्बर खेल जारी है उस पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि धार्मिक उग्रवाद और नफ़रत की एक काली आंधी पूरे देश में चलाई जा रही है, मुसलमानों को भयभीत करने की जगह-जगह साज़िशें हो रही हैं।उन्होंने कहा कि मुस्लिम मुहल्लों में मस्जिदों के बिलकुल सामने उकसाया जा रहा है, पुलिस की उपस्थिति में लाठी डंडे लहरा लहरा कर दिल दहला देने वाले नारे लगाए जा रहे हैं और सब मूक दर्शक बने हुए हैं। ऐसा लगता है जैसे देश में अब न तो कोई क़ानून रह गया है और न ही कोई सरकार जो उन्हें पकड़ सके।
मौलाना मदनी ने कहा कि सांप्रदायिकों द्वारा मुसलमानों का जीना दूभर किया जा रहा है और केन्द्र सरकार इस तरह ख़ामोश है जैसे यह कोई बात ही है।राम नवमी के अवसर पर देश के कई राज्यों में विशेषकर मध्य प्रदेश के खरगोन में सांप्रदायिक दंगा, उसके बाद सरकार और प्रशासन की ओर से मुसलमानों के मकानों और दुकानों के तोड़े जाने पर मौलाना मदनी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो काम अदालतों का था अब सरकारें कर रही हैं। ऐसा लगता है कि भारत में अब क़ानून का राज समाप्त हो गया है, सज़ा देने के सभी अधिकार सरकारों ने अपने हाथों में ले लिए हैं, उस के मुंह से निकलने वाला शब्द ही क़ानून है और घरों को गिरा कर मौक़े पर ही फैसला करना संविधान की नई परंपरा बन गई है। ऐसा लगता है अब न देश में अदालतों की ज़रूरत है और न ही जजों की।खरगोन शहर में जिस आपराधिक ढंग से पुलिस और प्रशासन ने ग़ुंडागर्दी करने वालों के हित में कार्रवाई की है, इससे मालूम होता है कि क़ानून का पालन करना उनका उद्देश्य नहीं रहा।पुलिस और प्रशासन ने अगर थोड़ी भी संविधान के साथ वफ़ादारी दिखाई होती तो न करौली (राजिस्थान) में मुसलमानों को निशाना बनाया जाता और न ही खरगोन में उनके मकानात और तिजारत को ख़त्म किया जाता।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि पूरे देश के मज़लूमों को न्याय दिलाने, देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने और क़ानून का शासन बनाए रखने के लिए हमने सुप्रीमकोर्ट का रुख किया है। इस उम्मीद के साथ कि अन्य मामलों की तरह इस मामले में भी न्याय मिलेगा, इससे पहले सीएए और एनआरसी के खि़लाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर यूपी सरकार ने जो जुर्माना लगाया था सुप्रीमकोर्ट उसे खारिज कर चुकी है और सरकार को इसके लिए फिटकार भी लगा चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार संवैधानिक कर्तव्य निभाने में असफल हो जाए और मज़लूमों की आवाज़ सुनकर भी ख़ामोश रहे तो अदालतें ही न्याय के लिए एकमात्र सहारा रह जाती हैं।अतीत में हमें न्यायालय से न्याय मिला है इसलिए पूर्ण विश्वास है कि इस अहम मामले में भी दूसरे मामलों की तरह सर्वोच्च न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा और अदालत धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए कड़ा फ़ैसला करेगी, हमारा क़ानूनी संघर्ष सकारात्मक परिणाम आने तक जारी रहेगा।मौलाना मदनी ने कहा कि शासकों ने भय और आतंक की राजनीति को अपना आदर्श बना लिया है, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार भय और आतंक से नहीं बल्कि न्याय से ही अच्छी सरकारें चला करती हैं। ऐसी स्थिति में देश के मुसलमानों को संतुष्ट करना प्रधानमंत्री की संवैधानिक एवं नैतिक ज़िम्मेदारी है, क्योंकि प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है न कि किसी एक पार्टी, समुदाय या धर्म का बल्कि पूरे देश का होता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर देश में संविधान और क़ानून की सर्वोच्चता समाप्त हुई और धामर्मिक सद्भाव का ताना-बाना टूट गया और धर्मनिरपेक्ष संविधान को निष्क्रिय कर दिया गया तो यह बात देश के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। देश के विकास के लिए क़ानून और संविधान की सर्वोच्चता अति आवश्यक है।

2 दिवसीय दौरे पर 21 को काशी आएंगेे पीएम

2 दिवसीय दौरे पर 21 को काशी आएंगेे पीएम    

संदीप मिश्र            

वाराणसी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ दो दिवसीय दौरे पर 21 अप्रैल को काशी आएंगेे। इससे पहले वह जनवरी 2019 में काशी में आयोजित 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री का स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगेे। इस संबंध में विदेश मंत्रालय का पत्र प्राप्त होने के बाद वाराणसी का पुलिस और प्रशासनिक अमला मॉरीशस के प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों में जुट गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ अपनी पत्नी कोबिता जगन्नाथ और उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आठ दिवसीय दौरे पर आज दिल्ली पहुंचेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार मॉरीशस के प्रधानमंत्री की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के जीवंत संबंध को और मजबूत बनाना है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री वाराणसी में गंगा दर्शन के साथ ही बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। मॉरीशस के ज्यादातर लोगों की जड़ें उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से ही जुड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के पूर्वज भी बलिया जिले के रसड़ा क्षेत्र के ही मूल निवासी थे। ऐसे में उत्तर प्रदेश से व्यापार सहित अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्ता भी होगी।

धन दोगुना करने का झांसा, पिता-पुत्र गिरफ्तार

धन दोगुना करने का झांसा, पिता-पुत्र गिरफ्तार  

संदीप मिश्र       
लखनऊ। एसटीएफ लखनऊ व पलिया कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार को धन दोगुना करने का झांसा देकर ठगी करने वाले पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों गोंडा जिले के थाना तरबगंज क्षेत्र के रहने वाले हैं। आरोपियों के पास से पुलिस ने 22 लाख 39 हजार रुपये, बोलेरो और कई केमिकल बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी पिता-पुत्र का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया। पुलिस लाइन सभागार में एएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि तीन अप्रैल 2022 को पलिया के मोहल्ला अहिरान निवासी मुख्तार सिंह पुत्र महेंद्र सिंह से दो व्यक्तियों की मुलाकात हुई। दोनों ने धन दोगुना करने का झांसा दिया।
झांसे में आए मुख्तार सिंह को आरोपी पलिया से बोलेरो गाड़ी में बैठाकर गोंडा ले गए। वहां उनसे ढाई लाख रुपये की ठगी कर ली गई। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर अज्ञात दो लोगों के खिलाफ अमानत में खयानत, धोखाधड़ी आदि की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इधर लखनऊ एसटीएफ की टीम भी इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी के नेतृत्व में आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी।
एएसपी ने बताया कि रविवार को पलिया पुलिस व एसटीएफ लखनऊ की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर पलिया के टेहरा तिराहा के पास घेराबंदी की और धन दोगुने करने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के गोविन्द निषाद पुत्र बाबा जवाहर दास और गणेश निषाद पुत्र गोविन्द निषाद निवासी निषाद नगर टेंपरा चांदपुर थाना तरबगंज जिला गोंडा को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 22,39,800 रुपये की नगदी, घटना में प्रयुक्त बोलेरो गाड़ी, केमिकल/ पाउडर सहित अन्य उपकरण व सामग्री बरामद की है। एएसपी ने बताया कि गिरफ्तार पिता-पुत्र काफी शातिर दिमाग के व्यक्ति हैं। वह धन दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से रुपये ठग लेते थे। पुलिस ने रविवार को आरोपियों का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया।

टीम में यह लोग रहे शामिल...
एसटीएफ लखनऊ इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी, एसआई मनोज कुमार पांडेय, हेड कांस्टेबल संतोष सिंह, रुद्र नारायण उपाध्याय, हेड कांस्टेबल अंजनी यादव, सिपाही विजय वर्मा, कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, पलिया कोतवाली के एसआई नागेन्द्र कुमार पांडेय व सिपाही अनूप कुमार शामिल थे।

चर्चा का विषय बना क्रमोसा, सूची में शामिल किया

चर्चा का विषय बना क्रमोसा, सूची में शामिल किया  

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर आपने मुंह में पानी लाने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों के वीडियो और फोटो देखे होंगे। पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट पर वीयर्ड फूड कॉम्बिनेशन देखने को मिल रहे हैं। इन दिनों एक ऐसा ही ‘वीयर्ड फूड’ इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इसे समोसे का नया वर्जन कहा जा रहा है। इसका नाम ‘क्रमोसा’ है। इसे इंटरनेट के सबसे अजीब भोजन की सूची में शामिल किया गया है।
क्रमोसा बना चर्चा का विषय...
यह एक तरह से मिंट डिप वाला समोसा है। दिल्ली एयरपोर्ट पर बिकने वाला क्रमोसा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। सबसे हैरान करने वाली बात है इसकी कीमत। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक क्रमोसा की कीमत 170 रुपये है। समोसा तो आपने जमकर खाया होगा, लेकिन अब लोग क्रमोसा खाने की बात कर रहे हैं। इंटरनेट पर इसकी तस्वीर सामने आने के बाद लोग इसके बारे में जमकर बातें कर रहे हैं।
जहां समोसा देश के कोने-कोने में बिकता है। देश के हर गली मोहल्ले में आपको बड़ी संख्या में लोग समोसा खाते दिख जाते हैं। वही क्रमोसा दिल्ली एयरपोर्ट पर बिकता दिखाई दिया। सोशल मीडिया यूजर्स इसे समोसे का नया वर्जन कह रहे हैं। इसकी तस्वीरें इंटरनेट पर जमकर शेयर की जा रही हैं और इसकी कीमत के बारे में बात किया जा रहा है। आमतौर पर समोसे त्रिभुजाकार होते हैं, लेकिन क्रमोसा अलग ही आकार का है।
क्रमोसा दिल्ली एयरपोर्ट पर बिकने वाले सबसे महंगे स्नैक्स में से एक है। इसकी कीमत 170 रुपये रखी गई है। आपको समोसा आमतौर पर 5 से 10 रुपये में मिल जाता है। लेकिन क्रमोसा खाने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करने पड़ेगी। इसकी कीमत जानकर लोगों को दिमाग खराब हो गया है।

तेज धमाके के साथ फटा टैंकर, ट्रक ड्राइवर की मौंत

तेज धमाके के साथ फटा टैंकर, ट्रक ड्राइवर की मौंत 

संदीप मिश्र        
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के टीपी नगर थाना क्षेत्र में रविवार को एक टैंकर वेल्डिंग करते समय अचानक तेज धमाके के साथ फट गया। इस हादसे में ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई और वेल्डिंग कर रहा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।टीपी नगर में जगन्नाथ पुरी कॉलोनी के पीछे वेल्डिंग करने वालों की दुकान है। रविवार सुबह करीब 9 बजे गबाना, अलीगढ़ का रहने वाला ट्रक ड्राइवर 40 वर्षीय बबलू अपने केमिकल के कैंटर में वेल्डिंग करा रहा था।
बताया गया कि वेल्डिंग के दौरान अचानक टैंकर तेज धमाके के साथ फट गया। बबलू और वेल्डिंग कर रहा आसिफ गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके की आवज सुन वहां अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां बबूल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आसिफ का अभी इलाज जारी है।

मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधने के आरोप

मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधने के आरोप 

संदीप मिश्र        
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधने के आरोप लग रहे हैं। सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर के विधायक आजम खान के कुछ समर्थकों ने खुलकर इस तरह के आरोप लगाए हैं। इसी मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने अपनी बेबाक राय रखी है।
क्या हाल के कुछ घटनाक्रमों को देखते हुए यह कहना सही होगा कि मुसलमानों का सपा से मोहभंग हो रहा है। यह सच्चाई है कि मुसलमानों का ‘राजनीतिक नैपकिन’ की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बारे में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को भी सोचना पड़ेगा कि क्या उन्होंने ऐसी पार्टियों का समर्थन करने का ठेका ले रखा है, जो मुसलमानों के बारे में बोलती तक नहीं हैं। आज मुस्लिम समुदाय में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो इस बारे में सोच रहे हैं। अगर सपा को 100 से अधिक सीटें मिली हैं तो इसमें सबसे बड़ा योगदान मुस्लिम समुदाय का है। अखिलेश यादव को इस बात अंदाजा नहीं हो रहा है कि अगर वह बोलेंगे नहीं तो उनका राजनीतिक वजूद खतरे में आ सकता है।
आखिर अखिलेश मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर खुलकर क्यों नहीं बोलते। जबकि हालिया चुनाव में उन्हें इस समुदाय का व्यापक समर्थन मिला। यह अवसरवाद की एक जिंदा मिसाल है। जब चुनाव का मौका होता है तो मुसलमानों के लिए बातें करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कुछ नहीं बोलते। यानी अब उन्हें अगले चुनाव में मुसलमानों की याद आएगी। उनका यह रवैया बहुत ही अवसरवादी है। वोट की बात छोड़िए, उसूल नाम की कोई चीज है या नहीं। जयंत चौधरी ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कम से कम हिम्मत तो दिखाई है। अखिलेश बिल्कुल खामोश हैं।
क्या यही स्थिति रही तो उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में मुस्लिम मतदाता दूसरा विकल्प तलाश सकते हैं। अगर समाजवादी पार्टी का यही रवैया रहा तो मुसलमान जरूर दूसरा विकल्प देखेंगे। मुसलमानों को इस बारे में सोचते भी रहना चाहिए। मुसलमान इस वक्त मुश्किल में हैं और वे इससे जरूर बाहर निकलेंगे। मेरा मानना है कि उन्हें राजनीतिक विकल्प के बारे में सोचते रहना चाहिए और वे सोच भी रहे हैं। अगर अखिलेश की आंखें नहीं खुलीं तो उनका बुरा हाल होगा। क्या उत्तर प्रदेश के मुसलमान मौजूदा राजनीतिक हालात में एआईएमआईएम जैसा कोई विकल्प चुन सकते है। मुसलमानों के पास विकल्प कम हैं, लेकिन मेरा अब भी यह मानना है कि मुसलमान किसी भी सूरत में सांप्रदायिक राजनीति के चक्कर में नहीं पड़ेंगे। इस बार के चुनाव में उन्होंने यही साबित किया है। एआईएमआईएम ने पूरी कोशिश की। मुसलमान देश के बारे में सोचते हैं, इसलिए उन्होंने धर्म के नाम पर वोट नहीं दिया। मुझे नहीं लगता कि आगे भी ओवैसी साहब को कामयाबी मिलेगी। मुसलमानों के लिए एकमात्र रास्ता यही है कि वे देश की सलामती के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों का साथ दें। मुसलमानों को जज्बाती सियासत में पड़ने की जरूरत नहीं है।
ऐसे में क्या कांग्रेस या फिर किसी सूरत में भाजपा भी विकल्प हो सकती है। मुझे अभी भी कांग्रेस जैसी पार्टी से उम्मीद है। कोई एक बार बहुत नीचे चला जाता है तो ऊपर उठता है। हो सकता है कि कांग्रेस के लोगों को अक्ल आए, वे फिर से उठने की पूरी कोशिश करें, लेकिन फिलहाल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मुसलमानों के लिए विकल्प नजर नहीं आती। आगे का कुछ नहीं कह सकता। मुझे लगता है कि समय आने पर कोई न कोई विकल्प जरूर खड़ा होगा। जहां तक भाजपा का सवाल है तो मुसलमान कभी खुदकुशी नहीं करेंगे। भाजपा का एजेंडा साफ है। उसे मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी को ध्रुवीकरण के जरिये वोट हासिल करना है।ऐसे में मेरी राय में मुसलमान धर्मनिरपेक्ष विकल्प के साथ ही रहेंगे।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...