शनिवार, 22 जनवरी 2022

कोरोना 'टीकाकरण' के लिए नई गाइडलाइन जारी

कोरोना 'टीकाकरण' के लिए नई गाइडलाइन जारी     

अकांशु उपाध्याय            नई दिल्ली। कोरोना संक्रमितों के टीकाकरण के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 पीड़ित व्यक्तियों को उनके स्वस्थ होने के तीन माह बाद कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाना है। 

यह गाइडलाइन स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के लोगों को लगाए जा रहे प्रिकॉशन डोज के साथ ही सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए प्रभावी होगा।

कई पदों पर भर्ती, 31 तक कर सकेंगे आवेदन
अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने ड्रैगलाइन ऑपरेटर, डंपर ऑपरेटर और ग्रेडर ऑपरेटर सहित अन्य कई पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। सभी इच्छुक और योग्य उम्मीदवार एनसीएल  2022 के लिए 31 जनवरी 2022 तक या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं।
आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार, इस प्रक्रिया के माध्यम से ड्रैगलाइन ऑपरेटर के 19 पद, डोजर ऑपरेटर के 16 पद, ग्रेडर ऑपरेटर के 7 पद, सरफेस माइनर ऑपरेटर के 27 पद, डंपर ऑपरेटर के 184 पद, शोवेल ऑपरेटर के 19 पद, पे लोडर ऑपरेटर के 9 पद और क्रेन ऑपरेटर के 26 पदों पर भर्ती की जाएगी।इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं या समकक्ष परीक्षा पास होना चाहिए। साथ ही उम्मीदवार के पास एचएमवी लाइसेंस होना चाहिए।
ड्रैगलाइन ऑपरेटर पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार के पास डीजल मैकेनिक / मोटर मैकेनिक / फिटर ट्रेड में आईटीआई और एनसीवीटी / एससीवीटी द्वारा जारी ट्रेड सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। विस्तृत जानकारी के लिए उम्मीदवार आधिकारिक नोटिफिकेशन चेक कर सकते हैं। सभी योग्य उम्मीदवार ड्रैगलाइन ऑपरेटर सहित अन्य पदों पर भर्ती के लिए संबंधित एरिया या यूनिट के स्टाफ ऑफिसर को रजिस्टर्ड या स्पीड पोस्ट के माध्यम से अपना आवेदन भेज सकते हैं। इसके अलावा उम्मीदवार मेल आईडी के माध्यम से अपना आवेदन और अन्य आवश्यक दस्तावेज मेल कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करें।

सोने की कीमतों में 10 ग्राम की तेजी, चांदी में उछाल

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। भारतीय सर्राफा बाजार में साप्ताहिक कीमतों में तेजी आई है। वहीं, चांदी की चमक भी बढ़ गई है। इस कारोबारी हफ्ते में सोने के भाव में 466 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी दर्ज की गई है। जबकि, चांदी के भाव में 3,182 रुपये प्रति किलोग्राम का उछाल आया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी आईबीजीए की वेबसाइट के मुताबिक, (17-21 जनवरी के बीच) की शुरुआत में 999 शुद्धता वाला 24 कैरेट गोल्ड का रेट 48,112 था, जो शुक्रवार तक बढ़कर 48,608 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। वहीं, 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत 61,759 से बढ़कर 64,941 रुपये रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।

बता दें कि आईबीजीए की ओर से जारी कीमतों से अलग-अलग शुध्दता के सोने के स्टैंडर्ड भाव की जानकारी मिलती है। ये सभी दाम टैक्स और मेकिंग चार्ज के पहले के हैं। आईबीजीए द्वारा जारी किए गए दरें देशभर में सर्वमान्य हैं लेकिन इसकी कीमतों में जीएसटी शामिल नहीं होती है।

26 जनवरी को मनाया जाएगा 72वां 'गणतंत्र दिवस'    

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। 72वां गणतंत्र दिवस में कुछ दिन बाकी रह गए हैं। ऐसे में इस राष्ट्रीय पर्व की तैयारी शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस बार कोरोना महामारी के कारण राजपथ पथ पर इसके आयोजन के लेकर कई सावधानिय बरती जा रही है। हम भारतवासी हर साल पूरे जोश के साथ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं और इस साल देश हम देशवासी अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनायेंगे। जिसमें बस कुछ ही दिन बाकी हैं। 26 जनवरी के ही दिन भारत एक संप्रभु गणराज्य बन गया था। भारत ने अंग्रेजो से 1947 में आजादी हासिल कर ली, लेकिन 26 जनवरी 1950 तक संविधान लागू नहीं हुआ था। संविधान लागू होने के बाद भारत एक आजाद और संप्रभु गणराज्य बन गया। यह दिन हम भारतवासी बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ, धार्मिक भेदभाव से परे होकर एक राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाते हैं। पूरे देश में इस दिन स्कूल, कॉलेज, गवर्नमेंट ऑफिस से लेकर आम जगहों पर तिरंगा फहराया जाता है। इस खास मौके पर हर साल इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर भव्य परेड भी होती है। इस परेड में भारतीय सेना, वायु सेना, नौसेना आदि की विभिन्न रेजिमेंट हिस्सा लेती हैं। दरअसल, 26 जनवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की पूरी तरह से आजादी की घोषणा की थी। इसके ऐतिहसिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो 1929 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में इंडियन नेशनल कांग्रेस के जरिये एक सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें आम सहमति से इस बात एलान किया गया अंग्रेजी सरकार, भारत को 26 जनवरी 1930 तक डोमिनियन स्टेटस का दर्जा दे। जिसके बाद भारत ब्रिटिश साम्राज्य के तहत एक स्वायत्त राज्य का दर्जा मिलते ही, देश अपने आपको पूरी तरह स्वतंत्र घोषित कर देगा।

भारत की आजादी के बाद, संविधान सभा की घोषणा की गई और इसने 9 दिसंबर 1947 को अपना काम शुरू कर दिया। भारत के संविधान को संविधान सभा के जरिये 2 साल 11 महीने और 18 दिनों में तैयार किया गया था और भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सौंप दिया गया था। इसलिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। गौरतलब हो कि भारतीय संविधान का मसौदा डॉ. भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया था। जिन्हें भारतीय संविधान के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। कई सुधारों और बदलावों के बाद कमेटी के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 हाथ से लिखे कानून की दो कापियों पर हस्ताक्षर किये, जिसके दो दिनों बाद 26 जनवरी को यह देश में लागू कर दिया गया। 26 जनवरी के महत्व को बनाए रखने के लिए उसी दिन भारत को एक लोकतांत्रिक पहचान दी गई थी।

भारत को 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली, जबकि 26 जनवरी 1950 संविधान लागू होने के बाद भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया। संविधान के लागू होने के बाद पहले से चले आरहे अंग्रेजों का कानून (1935) को भारतीय संविधान के जरिये भारतीय शासन दस्तावेज के रूप में बदल दिया गया। इसीलिए हर साल हम भारतवासी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस 'रिपब्लिक डे' के रूप में मनाया जाता है। दा वायर” में छपे एक लेख के मुताबिक भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बज कर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र बना. उसके ठीक 6 मिनट बाद 10 बज कर 24 मिनट पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नें भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस दिन पहली बार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले थे।

इस दिन हम भारतवासी तिरंगा फहराने, राष्ट्रगान का पाठ करने करने के साथ-साथ गली चौराहों, स्कूल, कॉलेज जैसे कई जगहों पर शो और कार्यक्रमों के आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित रक्षा बल अपने कौशल, पराक्रम और शक्ति का प्रदर्शन करती है और राजपथ पर परेड में भारत की रक्षा कौशल का प्रदर्शन करते हैं। जिसका सीधा प्रसारण टेलीविजन पर किया जाता है। स्टंट करने के अलावा, एयर शो, मोटरबाइक पर स्टंट, टैंक और अन्य हथियारों को भी भारतीय जनमानस के सामने दिखाया किया जाता है। इनके साथ ही खूबसूरती से सजाई गई झांकियां हैं जो भारत के विभिन्न राज्यों की विशेषता सुंदरता और सांस्कृतिक परम्पराओं को दर्शाती हैं।

'मुसलमानों' से कहो, मदन भैया जीत रहा हैं

'मुसलमानों' से कहो, मदन भैया जीत रहा हैं        
इकबाल अंसारी    
गाजियाबाद। जब गीदड़ का समय खराब आता हैं तो वह गांव की ओर भागता है। क्योंकि वह उसके जीवन का खराब समय होता है। वह जंगल को छोड़कर घनी बसावत में चला जाता है। जहां उसके प्राणों पर संकट का भय बना रहता है, और यह बात बिल्कुल सत्य है। समय किसका, कब खराब शुरू हो जाए? यह समय के अलावा और कोई नहीं जानता है।
बात कर रहे है विधानसभा चुनाव की, यहां लोनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी व निवर्तमान विधायक नंदकिशोर, एक बैठक में अपने साथियों को निर्देशित कर रहे हैं कि मुसलमानों में यह प्रचार करो कि मदन भैया जीत रहे हैं। विडियों का केवल इतना ही भाग संपादित किया गया है। इस बात के कहने का प्रयोजन स्पष्ट नहीं हो पाता है। किंतु इस विडियों से पहला संदेश जनता मे दर्शाता हैं कि नंदकिशोर एक सफल रणनीतीज्ञ नहीं है, गुप्त मंत्रणा और योजनाओं का सावर्जनिक होना, कमजोर दूर दृष्टिकोण का वाहक हैं। या द्वंद से पहले ही मदन के सामने घुटने टेक दिए हैं। स्वयं का प्रचार छोड़ कर विपक्ष के प्रचार करने का क्या कारण ?
यदि इसे रणनीति कहा जाता हैं तो रणनीतिकारो का इससे ज्यादा परिहास नहीं हो सकता हैं।
दूसरा संदेश भी जनता मे जरुर गया है कि रंजीता धामा के चुनाव समर मे ताल ठोकने के बाद भाजपा की कैडर वोट दो हिस्सों में बट गई हैं। भाजपा के कैडर बोर्ड के बंटवारे से कहीं नंदकिशोर गुर्जर बौखलाहट में तो नहीं आ गए हैं। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति, सामान्य स्थिति में एक बैठक में अपने साथी-सहयोगियों को दिशा-निर्देश जारी कर रहा है और चुनावी रणनीति तैयार कर रहा हैं। ऐसी स्थिति में किसी को बौखलाहट से परिभाषित करना न्याय उचित नहीं होगा। किंतु इससे यह साफ हो गया है कि लोनी विधानसभा क्षेत्र भाजपा के खाते से खिसक गया हैं।
रही बात रालोद व सपा के संयुक्त प्रत्याशी पूर्व विधायक मदन भैया की, क्षेत्र में एक लहर हैं, जिसे किसी खास प्रचार की भी जरूरत नहीं है। जीत का सेहरा उस सिर पर सजने के लिए उतावला हैं।

भारत मुक्ति मोर्चा से गठबंधन का ऐलान: औवेसी 

संदीप मिश्र       लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तारीखों के नजदीक आते ही सियासी गलियारो में चुनावी बयार कुछ अलग ढंग से बहने लगी है। पार्टियां सत्ता में आने के लिए बड़े से बड़ा ऐलान करने से नहीं चूक रही हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन का ऐलान किया है। गठबंधन की घोषणा के वक्त ओवैसी ने कुछ ऐसा फॉर्मूला निकाला, जिसके बारे में शायद इससे पहले आपने कभी नहीं सुना होगा। ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाबू सिंह कुशवाहा और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन का एलान करते हुए कहा कि, अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो राज्य मे 2 मुख्यमंत्री होंगे। इन दो मुख्यमंत्री में से एक ओबीसी समुदाय से और दूसरा दलित समुदाय से होगा। मुस्लिम समुदाय की बात करने वाले ओवैसी ने यहां 3 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला भी निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 3 डिप्टी सीएम होंगे, जो मुस्लिम समुदाय से होंगे।

इससे पहले गुर्जर के सपा का दामन थामने के बाद ओवैसी ने उनकी पुरानी तस्वीरों के बहाने अखिलेश पर करारा तंज कसा है। ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, “एसपी एक वाशिंग मशीन है जिसमें संघी सेक्युलर बन जाते हैं। मरहूम कल्याण सिंह, हिंदू युवा वाहिनी के सुनील, स्वामी प्रसाद और अब ये। उम्मीद है के मुस्लिम एसपी नेता इनकी गुल-पोशी करेंगे और इनके ‘सामाजिक न्याय’ के लिए अपनी ‘जवानी क़ुर्बान’ करेंगे। बाक़ी बी-टीम का ठप्पा तो सिर्फ़ हम पर लगेगा। मुखिया गुर्जर कुछ दिन पहले तक यूपी में कमल के फूल की खुशबू को बिखर रहे थे, लेकिन इस बार चुनाव में दोबारा साइकिल की सवारी करेंगे।

बीते कुछ दिनों से ओवैसी लगातार गाहे-बगाहे अखिलेश को निशाने पर लेते रहे हैं। इसकी वजह है यूपी के मुसलमान यूपी में मुसलमान कुल आबादी का 20 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में से 107 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता हार और जीत तय करने की ताकत रखते हैं।

18वीं विधानसभा गठन के लिए तैयारी: बसपा

संदीप मिश्र         लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए बहुजन समाज पार्टी की भी जोरदार तैयारी है। पार्टी की प्रमुख उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को दूसरे चरण के 51 प्रत्याशियों की सूची जारी की। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ‘हर पोलिंग में जिताना है’ सत्ता में आना है’ नारे के साथ शनिवार को 51 बसपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। मायावती ने बसपा के राज्य मुख्यालय में सूची जारी करने के दौरान बसपा के सभी नेता तथा कार्यकर्ताओं से कोविड गाइडलाइन का पालन कर प्रचार करने की अपील भी की। बसपा प्रमुख मायावती ने दूसरे चरण की 55 में से 51 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। बचे हुए 4 उम्मीदवारों के नाम भी जल्द घोषित किए जाएंगे।

मायावती ने कहा कि हमने कार्यकर्ताओं से कहा है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए चुनाव प्रचार करें। मुझे पूरी उम्मीद है कि कोरोना के विकट समय में भी कार्यकर्ता अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए काम करेंगे। इससे पहले 15 जनवरी को मायावती ने पहले चरण के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। हालांकि, मायावती ने ये नहीं बताया कि इस बार चुनाव में बसपा किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग 2022 में बसपा सरकार बनाने के लिए मेहनत करें। उन्होंने कार्यकर्ताओं को नया नारा भी दिया। कहा- हर पोलिंग बूथ को जिताना है, बसपा को सत्ता में लाना है।

जदयू पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की 

अविनाश श्रीवास्तव            पटना। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है। जनता दल यूनाइटेड ने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को दिल्ली में 26 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि यूपी में बिहार का एनडीए गठबंधन नहीं चल पाएगा।

इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ मैदान में जेडीयू के नेता उतरेंगे और योगी को टक्कर देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यूपी का दौरा करेंगे। यूपी में चुनावी रैलियों को नीतीश कुमार संबोधित करेंगे और पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी करेंगे। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि चरणवार उम्मीदवारों की सूची जारी हुई। सूची में जिन इलाकों में पहले फेज और दूसरे फेज में पार्टी चुनाव लड़ाना चाहती है वहां के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और धर्मेंद्र प्रधान से गठबंधन के लिए बात की, लेकिन बात नहीं बनी। नतीजा ये रहा कि जेडीयू को अब अकेले ही चुनावी मैदान में उतरना पड़ रहा है। पार्टी ने 51 प्रत्याशियों की सूची भी तैयार कर ली है। आज 26 सीटों की पहली सूची जारी हुई है। जल्द ही दूसरी सूची भी जारी करेंगे।

चुनाव: कार्यकाल के दौरान 24 विधायकों ने बदला दल

मोहम्मद रियाज 

पणजी। गोवा में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिये मतदान होना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘मौजूदा विधानसभा (2017-2022) के पांच साल के कार्यकाल के दौरान लगभग 24 विधायकों ने दल बदला। जो सदन में विधायकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत हिस्सा है। भारत में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। इससे जनादेश के घोर अनादर की बात बिल्कुल साफ नजर आती है और अनियंत्रित लालच नैतिक दृष्टिकोण व अनुशासन पर भारी पड़ता दिखाई देता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 विधायकों की सूची में विश्वजीत राणे, सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे के नाम शामिल नहीं हैं, जिन्होंने 2017 में कांग्रेस विधायकों के रूप में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वे सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे और उसके टिकट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के 10 विधायक 2019 में पार्टी का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इनमें नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने वाले कांग्रेस के अन्य विधायकों में जेनिफर मोनसेरेट (तालिगाओ), फ्रांसिस्को सिल्वरिया (सेंट आंद्रे), फिलिप नेरी रोड्रिग्स (वेलिम), विल्फ्रेड नाजरेथ मेनिनो डी’सा (नुवेम), क्लैफसियो डायस (कनकोलिम), एंटोनियो कारानो फर्नांडीस (सेंट क्रूज़), नीलकंठ हलर्नकर (टिविम), इसिडोर फर्नांडीस (कैनकोना), अतानासियो मोनसेरेट (जिन्होंने मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 2019 में पणजी उपचुनाव जीता था) शामिल हैं।

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक दीपक पौस्कर (संवोर्डेम) और मनोहर अजगांवकर (पेरनेम) भी इसी अवधि के दौरान भाजपा में शामिल हो गए थे। सालिगांव से गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायक जयेश सालगांवकर भी भाजपा में शामिल हो गए थे। हाल में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा पोंडा से कांग्रेस विधायक रवि नाइक सत्तारूढ़ भगवा पार्टी में शामिल हुए। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता लुइजिन्हो फलेरियो (नावेलिम) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामा और वह 14 फरवरी के विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।साल 2017 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने भी हाल में टीएमसी का रुख किया। साल 2017 के चुनावों में, कांग्रेस 40 सदस्यीय सदन में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन सरकार नहीं बना सकी, क्योंकि 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने कुछ निर्दलीय विधायकों और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर ने सरकार पर लगाएं आरोप

अविनाश श्रीवास्तव        

रांची। राज्य में नियुक्तियों को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर खूब आरोप लगाए हैं। उन्होंने नियुक्ति नियमावलियों में बदलाव को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, कि वर्तमान जेएमएम-कांग्रेस सरकार ने राज्य में नियुक्तियों से संबंधित पूर्व में जारी किए गए विज्ञापनों, जिनके संबंध में चयन की प्रक्रिया पूरी भी कर ली गई थी, उसे रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से नई नियमावली बनाकर विज्ञापन जारी किया गया है। जिसमें उम्र सीमा से संबंधित कट ऑफ डेट को भी बदल दिया गया है। जिसकी वजह से लाखों अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित हो रहे हैं। रघुवर दास ने कहा कि हमारी सरकार के दौरान अधिक से अधिक युवा अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने के उद्देश्य से 2010, 2016 को कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया था, उसी कट ऑफ डेट के आधार पर 2019 तक विज्ञापन निकाले गए थे, जिसमें कई अभ्यर्थी शामिल हुए और सफल भी हुए। लेकिन अब राज्य की हेमंत सरकार ने इसे बदलकर 2021 कर दिया है। जिससे भारी संख्या में अभ्यर्थियों चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं।

रघुवर दास ने झामुमो-कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, कि नौजवानों को नौकरी देने का वादा कर सत्ता में आए, लेकिन अब नौकरियां देना तोे दूर, उन्हें चयन प्रक्रिया से ही बाहर कर दिया गया है। ताकि अपने मन मुताबिक और अपने फायदे के हिसाब से नियुक्तियां की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में  अब लोगों के बीच ये आम धारणा बन गई है, कि राज्य का पूरा तंत्र भ्रष्टाचार, लेनदेन और मनचाही नियुक्तियों को बेचने का काम कर रहे हैं। जबकि हमारी सरकार ने स्थानीय नीति में स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का काम किया था। लेकिन अब राज्य सरकार ने उसे भी रद्द कर दिया है, इससे संबंधित अनेकों मामले न्यायालय में चल रहे हैं। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, कि राज्य सरकार ने सभी विज्ञापनों में ये भी स्पष्ट कर दिया है, कि सारी नियुक्तियां रमेश हांसदा के मामले में होने वाले निर्णय से प्रभावित होंगी। गौरतलब है, कि रमेश हांसदी के मामले में न्यायलय ने भी ये टिप्पणी की थी, कि राज्य के द्वारा बनाई गई नियमावली असंवैधानिक है। ऐसे में नियुक्तियों का विज्ञापन जारी कर और नियुक्तियों के लिए प्रक्रियाओं को आरंभ कर राज्य सरकार झारखंड के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और उनकी आंखों में धूल झोंकने का कार्य कर रही है। न्यायालय द्वारा यदि नियमावली रद्द हो जाएगी, तो सारी नियुक्ति प्रक्रिया स्वतः ही निरस्त हो जाएगी। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार की मंशा ही यही है कि नियुक्तियों के मामले को उलझा कर, लटका कर, भटका कर रखा जाए। युवा धोखे में रहे और झामुमो- कांग्रेस सरकार अपना लूटतंत्र चला कर अपना घर भरती रहे। रघुवर दास ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि भाजपा की सरकार राज्य में आएगी तो सभी अभ्यर्थियों को, जो समय से परीक्षा नहीं होने के कारण वंचित रहे हैं, उनको उम्र सीमा का लाभ देते हुए उनको चयन प्रक्रिया में जरूर मौका दिया जाएगा।

जनसभाओं पर लगीं रोक को 1 हफ्ते और बढ़ाया

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग रैलियों और जनसभाओं पर लगी रोक को एक हफ्ते और बढ़ा दिया है। रैलियों, रोड शो और जुलूस पर इस हफ्ते पाबंदी रहेगी। टीकाकरण और संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के बाद ये फैसला किया गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक रैलियों और जनसभाओं पर लगी रोक 31 जनवरी तक जारी रहेगी, लेकिन इसके साथ ही कुछ रियायत भी दी गई हैं। अब 5 लोगों की जगह 10 लोग डोर टू डोर कैंपेन में हिस्सा ले सकते हैं। कैंपेन करने के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। वहीं चुनावी सभाओं में अब 300 की जगह 500 लोग हिस्सा ले सकते हैं।

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भौतिक रैलियों और रोड शो पर लगाया गया प्रतिबंध जारी रहना चाहिए या नहीं इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने शनिवार को डिजिटल बैठकें कीं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, विशेषज्ञों, चुनाव वाले पांच राज्यों और संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से परामर्श के बाद ये फैसला किया। पिछले हफ्ते केंद्रीय चुनाव आयोग ने रैलियों और जनसभाओं पर लगी रोक आज यानी 22 जनवरी तक के लिए आगे बढ़ा दी थी। आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए निर्वाचन आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों, रोड और बाइक शो और इसी तरह के प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

आयोग ने 15 जनवरी को प्रतिबंध को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था। साथ ही उस वक्त ‘इनडोर’ यानी हॉल में अधिकतम 300 लोगों के साथ या हॉल की क्षमता के अनुरूप 50 फीसदी लोगों के साथ बैठक करने की छूट दी थी। एक बार फिर से इस हफ्ते के बाद कोरोना के हालात की समीक्षा की जाएगी, अगर हालात सुधरते हैं तो उसके मुताबिक फैसला लिया जाएगा. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के तीन लाख 37 हजार 704 नए केस सामने आए हैं और 488 लोगों की मौत हो गई। वहीं, अबतक कोरोना के। वेरिएंट के 10 हजार 50 मामले सामने आ चुके हैं। देश में दैनिक पॉजिटिविटी रेट अब 17.22% है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-96, (वर्ष-05)
2. रविवार, जनवरी 23, 2022
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 07:10, सूर्यास्त 05:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 8 डी.सै., अधिकतम-17+ डी सै.।  बर्फबारी व शीतलहर के साथ मैदानी क्षेत्रों में कहीं- कहीं तेज बारिश की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, (प्रधान संपादक) राधेश्याम व शिवांशु, (सहायक संपादक) श्रीराम व सरस्वती के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया: यूपी

विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया: यूपी      
बृजेश केसरवानी          
प्रयागराज। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष/मेलाधिकारी श्री अरविंद कुमार चैहान शुक्रवार को माघ मेला क्षेत्र के परेड ग्राउण्ड के त्रिवेणी मार्ग पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। ‘‘तुलसी कथा रघुनाथ की’’ एवं स्थानीय ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विषयक प्रदर्शनी मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए लगायी गयी है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष/मेलाधिकारी ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी प्रयागराज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व से सम्बंधित स्थलों तथा गोस्वामी तुलसी दास जी के द्वारा रचित रामकथा से सम्बंधित प्रसंगों के बारे में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए उपयोगी रहेगी। 
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में प्रयागराज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों का एक स्थान पर संकलन होना प्रदर्शनी के महत्व को और अधिक बढ़ाता है। प्रदर्शनी में बडे़ हनुमान जी, अक्षयवट, संगम, उल्टा किला, खुशरोबाग, श्रृंगवेरपुर धाम, मनकामेश्वर, नौलखा मंदिर, विश्वविद्यालय, आनंद भवन, जैन मंदिर, तारामण्डल, भरद्वाज मुनि, ललिता देवी, नागवासुकी मंदिर सहित अन्य धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों से सम्बंधित जानकारी दिये जाने हेतु प्रदर्शनी लगायी गयी है। इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी-इन्द्रमणि पाण्डेय, अपर जिला सूचना अधिकारी-ऋषभ देव त्रिपाठी, कर्मवीर खरे सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
इसके पूर्व प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष/मेलाधिकारी ने एचडीएफसी बैंक की मोबाइल एटीएम वैन का भी फीता काटकर शुभारम्भ किया। श्री अजय कुमार गुप्ता, क्लस्टर हेड ने बताया कि मोबाइल एटीएम वैन मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहेगी तथा इससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में ही पैसा निकालने में सुविधा रहेगी। इस अवसर पर श्री मनीष श्रीवास्तव, श्री अमित चतुर्वेदी एवं आशुतोष द्विवेदी सहित एचडीएफसी बैंक अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

देवरिया: डीएम ने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया
हरिशंकर त्रिपाठी          देवरिया। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया है कि प्रायः यह संज्ञान में आता है कि भूमि संबंधी विवाद विशेषकर आबादी आदि से संबंधित विवाद निस्तारण हेतु सीधे थानाध्यक्ष को उप जिलाधिकारियों द्वारा प्रेषित कर दिए जाते है। जिनका स्तर पर इन विवादो का निस्तारण सही ढंग से नही हो पाता है और समस्या जैसे की तैसी बनी रहती है। इनमें बहुत से प्रकरण यद्यपि कि सिविल प्रकृति के होते है। फिर भी शांति व्यवस्था की दृष्टि से आपसी सुलह समझौते से निस्तारण किया जा सकता है।
इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि आबादी भूमि संबंधी विवादों को निस्तारित कराने हेतु प्रकरण में राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित कर उसे मौके पर निस्तारण हेतु भेजा जाये। 
उन्होने यह भी निर्देश दिया है कि ऐसे प्रकृति के विवादो के सुलह समझौते से निस्तारण के उपरान्त मौके पर ही स्पाट मेमों की तीन प्रतियां बनवाते हुए उपस्थित व्यक्तियों एवं राजकीय कर्मियों के हस्ताक्षर/अंगूठे के निशान का अंकन कराकर उन प्रतियों को क्रमशः तहसील, थाने एवं ग्राम पंचायत में सुरक्षित रखा जाये। भविष्य में पुनः विवाद की स्थिति में पूर्व के हुए सुलह समझौते का संज्ञान विवाद के निस्तारण में लिया जाये। जिलाधिकारी ने इसका अनुपालन कडाई से सुनिश्चित किए जाने निर्देश दिया है।

मण्डलायुक्त गोयल ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया
 बृजेश केसरवानी            प्रयागराज। माघ मेला में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि से उत्पन्न हुई समस्याओं के तत्काल निदान हेतु मंडलायुक्त श्री संजय गोयल ने मेला अधिकारी श्री अरविंद कुमार चौहान एवं अन्य अधिकारियों समेत मेले के सबसे प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को निरीक्षण कर स्थिति का जायजा दिया। सेक्टर 3 स्थित गंगद्वीप, सेक्टर 2 तथा अन्य प्रभावित स्थानों पर सिंचाई विभाग द्वारा नदी के जल को मेला क्षेत्र में आने से रोकने हेतु की गई कार्यवाही का निरीक्षण करते हुए मंडलायुक्त ने मैनपावर, ट्रैक्टर्स एवं पंप्स की संख्या बढ़ाकर मेला क्षेत्र से पानी को तत्काल निकालकर वहां बालू डलवाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जल स्तर की निरंतर निगरानी करने एवं किसी भी परिस्थिति में अगर जल स्तर में और भी वृद्धि के संकेत मिलते हैं तो उसके दृष्टिगत पहले से ही पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। गंगा नदी का जलस्तर विगत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष लगभग 3.5 फुट ऊपर है। 
निरीक्षण के दौरान उन्होंने जल निगम के अधिकारियों द्वारा की जा रही धीमी कार्यवाही पर खासी नाराजगी व्यक्त की।जिस पर संबंधित अधिकारियों द्वारा उनको अवगत कराया गया कि जल स्तर में वृद्धि के कारण आसपास के क्षेत्रों का वाटर टेबल ऊपर आ गया है। जिसकी वजह से पानी का सीपेज हो रहा है। सभी प्रभावित संस्थाओं में यही सीपेज का पानी आ रहा है तथा बार-बार ड्रेन आउट करने के पश्चात भी पानी भरता जा रहा है। इस पर मंडलायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में और बालू डलवाने एवं और अधिक पंप लगाकर पानी को निरंतर ड्रेन आउट करने के निर्देश दिए।
जलस्तर में वृद्धि होने से गंगद्वीप की सभी प्रभावित 44 संस्थाओं एवं प्रयागवालों को सेक्टर 5 एवं अन्य स्थानों पर सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ मेला अधिकारी के निर्देशन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। परंतु कई श्रद्धालु सेक्टर 5 में स्थानांतरित नहीं होना चाहते। यह संज्ञान में आने पर मंडलायुक्त ने सभी संस्थाओं की एक सूची बनाकर जो लोग भी सभी मूलभूत सुविधाएं देने के पश्चात भी स्थानांतरित नहीं होना चाहते। उनसे लिखित में सहमति लेने के निर्देश दिए हैं।
मंडलायुक्त ने गंगद्वीप के प्रभावित श्रद्धालुओं को सेक्टर 5 के जिस स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है। उसका भी निरीक्षण कर वहां शौचालय, बिजली, पानी जैसी अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं तत्काल सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी की सुरक्षा हेतु वहां पुलिस बल की भी तैनाती हेतु मेला अधिकारी को निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त के संज्ञान में यह भी लाया गया कि इस वर्ष कई संस्थाओं को अनुमन्य सुविधाएं विगत वर्षों की तरह अभी तक नहीं मिल सकी हैं। जिस पर उन्होंने मेला अधिकारी को निर्देशित किया कि जो भी संस्था जिस सुविधा के लिए अनुमन्य है एवं जो उसे विगत वर्षों में मिलती रही हैं।उसे वह सुविधाएं दी जाएं। साथ ही उन्होंने सभी संस्थाओं में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है या नहीं ? इसे एक टीम लगाकर क्रॉस चेक करने के भी निर्देश दिए हैं।

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,964 नए मामलें मिलें

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,964 नए मामलें मिलें       

पंकज कपूर          देहरादून। उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोविड-19 का कहर जारी है। शुक्रवार को राज्य के सभी 13 जनपदों में कोरोना वायरस के 4,964 नये मामले सामने आए है। जबकि, चिंताजनक है कि राज्य में आज भी 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है। बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से राज्य में कोरोना मरीजों की मौतों का सिलसिला जारी है। राज्य में शुक्रवार को कोरोना के कुल 4,964 नए मामलें सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 391915 पहुंच गया है। जबकि राज्य में आज रिकॉर्ड 3422 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 349364 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 4964 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। 

जिनमें देहरादून जिले से 1489 ,हरिद्वार से 706 , नैनीताल जिले से 666, उधमसिंह नगर से 485 , पौडी से 375, टिहरी से 120, चंपावत से 279, पिथौरागढ़ से 195, अल्मोड़ा 261, बागेश्वर से 214, चमोली से 55 , रुद्रप्रयाग से 44, उत्तरकाशी से 75 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। राज्य में शुक्रवार को 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई जिनमें एम्स ऋषिकेश में 2, श्री महेश इंद्रेश हॉस्पिटल में 1, सिनर्जी हॉस्पिटल देहरादून में 1 और रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम हरिद्वार में 1 व्यक्ति ने दम तोड़ा। पिथौरागढ़ में घर में ही उपचार ले रहे एक व्यक्ति की जान गई। जबकि उधमसिंह नगर के खटीमा उधम सिंह नगर में एक व्यक्ति की मौत करोना संक्रमण के कारण हुई है।

सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगाने का निर्णय  
श्रीराम मौर्य         शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगाने का बड़ा निणर्य लिया हुआ है। अब प्रदेश में किसी भी कर्मचारी की ट्रांसफर नहीं होगी। बताया जा रहा है कि सरकार ने बजट सत्र तक सूबे के सभी विभागों में तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। इन आदशों के मुताबिक सभी विभागों, निगमों और बोर्डों में तबादले नहीं हो पाएंगे। बजट सत्र के अंतिम दिन तक तबादलों पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। कार्मिक विभाग के अंडर सेक्रेटी के आदेश के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में बजट सत्र के अंतिम दिन तक तबादलों पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। 
इस दौरान किसी भी विभाग और बोर्ड में तबादले और एडजेस्टमेंट नहीं होगी। आदेशों की कॉपी में साफ लिखा गया है कि केवल रेयर मामलों में ही तबादला होगा। साथ ही मेडिकल ग्राउंड या फिर सीएम की मंजूरी के बाद ही किसी भी कर्मचारी की ट्रांसफर की जाएगी। सरकार ने बजट सत्र तक सूबे के सभी विभागों में तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। आदशों के अनुसार, सभी विभागों, निगमों और बोर्डों में तबादले नहीं हो पाएंगे। कार्मिक विभाग ने आदेश दिए जारी किए हैं।

खेल: टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया

खेल: टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया     
मोमीन मलिक       
सिडनी/ नई दिल्ली/ इस्लामाबाद। ऑस्ट्रेलिया में साल 2022 में होने वाले टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया गया। ऑस्ट्रेलिया ही मौजूदा टी-20 वर्ल्डकप चैम्पियन है। ऐसे में अगला महामुकाबला उसके ही घर पर हो रहा होगा। एक बार फिर टी-20 वर्ल्डकप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला होगा।
आईसीसी द्वारा शुक्रवार को नया शेड्यूल जारी किया गया है। टी-20 वर्ल्डकप की शुरुआत 16 अक्टूबर से होगी। जबकि सुपर-12 राउंड की शुरुआत 22 अक्टूबर से होगी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की भिड़ंत न्यूजीलैंड के साथ होगी। जबकि टीम इंडिया 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ भिड़ेगी।
टी-20 वर्ल्डकप 2022 में टीम इंडिया को पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश और दो क्वालिफायर टीमों के साथ ग्रुप-2 में रखा गया है। 
टी-20 वर्ल्डकप 2021 में भी भारत का मुकाबला पाकिस्तान के साथ हुआ था, लेकिन टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ दस विकेट से हार गई थी। ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी वर्ल्डकप (टी-20, 50 ओवर) टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान से कोई मैच गंवाया हो। टी-20 वर्ल्डकप 2022 के मेन टूर्नामेंट की शुरुआत 16 अक्टूबर (रविवार) से होगी, जबकि फाइनल मुकाबला 13 नवंबर (रविवार) को खेला जाएगा। कुल 16 टीमें इस टूर्नामेंट में भाग लेंगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया के सात शहरों में इसका आयोजन किया जाएगा।
आपको बता दें कि साल 2021 में हुए टी-20 वर्ल्डकप का आयोजक भारत था, लेकिन यह वर्ल्डकप यूएई में आयोजित किया गया था। 
इस वर्ल्डकप को ऑस्ट्रेलिया ने जीता था, जो कि उसका इस फॉर्मेट में ये पहला खिताब था। विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया इस वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही थी। टीम इंडिया ने पाकिस्तान, न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने शुरुआती मुकाबले गंवा दिए थे। जिसके बाद वापसी करना मुश्किल हो गया था। ऐसा पहली बार हुआ था। जब टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई मुकाबला वर्ल्डकप में हारा हो। हालांकि, अब विराट कोहली कप्तानी से इस्तीफा दे चुके हैं और टी-20, वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथ में है। ऐसे में अब रोहित शर्मा पर ही आईसीसी टी-20 वर्ल्डकप 2022 में भारतीय टीम की नैया पार लगाने का दारोमदार है।

अधिक मात्रा में 'गिलोय' का सेवन करना नुकसानदायक   
सरस्वती उपाध्याय             कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। ऐसे में गिलोय काफी कारगर औषधि है। यही वजह है कि कोरोना से लड़ने के लिए अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अधिक संख्या में लोग गिलोय का सेवन कर रहे हैं। सीमित मात्रा में गिलोय का इस्तेमाल तो काफी फायदेमंद होता है। परंतु जरूरत से अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। गिलोय का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
हाल ही में अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर डिजीज की आधिकारिक पत्रिका हेपेटोलॉजी कम्युनिकेशंस में छपी एक स्टडी के मुताबिक, गिलोय इम्युनिटी को बेहतर करने का काम करती है। लेकिन इसका अधिक सेवन शरीर में दिक्कतें पैदा कर सकता है। एक्सपर्ट्स ने कहा है कि ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल जूस, चाय या काढ़े में करते हैं। लेकिन बहुत अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए।
गिलोय को लेकर लिवर रिसर्च क्लब ऑफ इंडिया और 13 चिकित्सा केंद्रों ने मिलकर एक स्टडी तैयार की। इसमें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को भी शामिल किया गया था। स्टडी में कुल 43 उन मरीजों को लिया गया, जिनमें पीलिया के लक्षण थे। इसमें से 23 महिलाएं थीं और 20 पुरुष थे।
रिसर्च में एक्सपर्ट्स ने पाया कि जो मरीज लिवर फेलियर और लिवर के अन्य रोगों से पीड़ित हैं। उन्होंने ​गिलोय का लंबे समय तक सेवन किया था। स्टडी में सामने आया कि करीब 67 प्रतिशत यानी 29 लोगों की लिवर की समस्या मुख्य रूप से गिलोय से ही जुड़ी हुई थी। ये लोग न तो पहले से शराब पीते थे और न ही डायबिटीज, थायरॉइड या हाई बीपी का शिकार थे।
इसके साथ ही रिसर्च के जरिए यह भी पता चला कि लिवर की समस्या से पीड़ित इन लोगों ने डॉक्टर की राय के बिना ही गिलोय का सेवन 46 दिन तक या उससे ज्यादा समय के लिए किया था। जिसकी वजह से एक एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी पैदा हो गई और इसने लिवर की कोशिकाओं पर अटैक करना शुरू कर दिया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गिलोय में इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
गिलोय के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान।
ब्लड प्रेशर करता है लो: जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है वो गिलोय के सेवन से परहेज करें। गिलोय ब्लड प्रेशर को कम करता है, जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।
सर्जरी से पहले न करें गिलोय का सेवन: किसी भी तरह की सर्जरी से पहले गिलोय का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप किसी भी तरह की सर्जरी कराने जा रहे हैं तो गिलोय के सेवन से परहेज करें।
प्रेग्नेंसी में गिलोय से बचें: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह के बिना गिलोय का इस्तेमाल नहीं करें।
हो सकती है कब्ज की समस्या: गिलोय का अधिक सेवन करने से कब्ज की समस्या भी हो सकती है। गिलोय का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें।

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...