गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं

'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का इरादा नहीं  

काबुल/ वाशिंगटन डीसी। तालिबान के कब्ज़े के बाद से आर्थिक संकट में घिरे अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक चुनौतियां आने वाले दिनों में और भी गंभीर हो सकती है। अमेरिका ने एक बार फिर साफ़ कर दिया है कि उसका तालिबान के 'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने चेतावनी दी है कि अगर अफ़ग़ानिस्तान को तुरंत सहायता नहीं मिली तो स्थिति 'बेहद गंभीर' हो सकती है और अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक संकट का असर पाकिस्तान, ताजिकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से लेकर तुर्की और यूरोप तक की मुश्किल बढ़ा सकता है।

अफ़ग़ानिस्तान को काफी बड़ी मात्रा में विदेशी सहायता मिलती थी। ब्रिटेन की सरकार का अनुमान है कि ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट) देशों ने साल 2001 से 2019 के बीच अफ़ग़ानिस्तान को 65 अरब अमेरिकी डॉलर का दान किया था। कारोबारी रास्ते से इसमें से एक बड़ी रकम ईरान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान तक पहुंची थी। अब इन देशों तक कारोबारी फ़ायदा तो नहीं ही पहुंच रहा है, आशंका ये है कि अफ़ग़ानिस्तान के बदहाल होने से इनकी परेशानी खासी बढ़ सकती है।

निकोलस बर्न्स ने बाइडन की बात को दोहराया

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। चीन में अमेरिकी राजदूत पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के नामित उम्मीदवार निकोल बर्न्स ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका अपने हितों को देखते हुए साथ आ जाएं तो इससे चीनी चुनौतियों को "बहुत फ़र्क़ पड़ेगा। ये बातें उन्होंने तब कहीं जब उनसे चीन का सामना करने की कोशिश कर रहे देशों के साथ आने से जुड़े अवसरों और चुनौतियों के बारे में एक सवाल पूछा गया।

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, निकोलस बर्न्स से बाइडन की उस बात को दोहराया। जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के बीच समझौते पर आधारित साझेदारी पर ज़ोर दिया था। बर्न्स ने कहा, "चीन की तुलना में हमारे पास जो पक्ष मज़बूत है वो यह है कि हमारे पास सहयोगी हैं। हमारे पास ऐसे सहयोगी देश हैं जिन्हें हम पर पूरा विश्वास है। जबकि चीन के पास असल में ऐसे सहयोगी नहीं है।


एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु: एमजी

लंदन। ब्रिटिश स्पोर्ट्स कार निर्माता कंपनी एमजी ने एमजी एस्टर, एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु की। अपने सेगमेंट की सबसे पावरफुल एमजी की इस मॉडल को आप 25,000 रुपये की शुरुआती राशि के साथ बुक करा सकते हैं। डिलीवरी नवंबर 2021 में शुरू होगी। इस मॉडल की शुरुआती कीमत 9.78 लाख रुपये और अधिकतम कीमत 16.78 लाख रुपये रखी गई है। वहीँ मैनुअल वेटिएंट की कीमत 9 .78 लाख रूपये और अधिकतम कीमत 13.98 लाख रुपये के बीच है। इसके आलावा ऑटोमैटिक वेरिएंट की कीमत 12.68 लाख रुपये से 16.78 लाख रुपये के बीच है।

नई MG Astor SUV में 27 स्टैंडर्ड फिटमेंट सहित 49 सुरक्षा फीचर्स हैं। इस लिस्ट में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) के साथ एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), हिल होल्ड कंट्रोल, हिल डिसेंट कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, 360-डिग्री अराउंड-व्यू कैमरा, ISOFIX माउंट शामिल हैं।

टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल, ऑल-डिस्क ब्रेक, कॉर्नरिंग असिस्ट के साथ फ्रंट फॉग लैंप, रीड फॉग लैंप, और भी बहुत कुछ इस कॉम्पैक्ट एसयूवी में देखा जा सकता है। ADAS (उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली) को रेंज-टॉपिंग सुपर (O) या सेवी ट्रिम्स के लिए आरक्षित किया गया है। MG Astor पांच एक्सटीरियर कलर ऑप्शन के साथ आती हैं, जिनमें ऑरोरा सिल्वर, कैंडी व्हाइट, स्पाईड ऑरेंज, ग्लेज़ रेड और स्टाररी ब्लैक शामिल हैं। तीन इंटर्नल कलर थीम हैं – डुअल-टोन आइकॉनिक आइवरी, डुअल-टोन संगरिया रेड और टक्सिडो ब्लैक। मामूली कॉस्मेटिक और इंटर्नल परिवर्तनों के साथ, एस्टोर अपने इलेक्ट्रिक एमजी जेडएस ईवी से अलग दिखता है। मॉडल लाइनअप पांच ट्रिम्स में आता है, स्टाइल, सुपर, स्मार्ट, शार्प और सेवी – और इसमें तीन इंजन-गियरबॉक्स मिलता है। 1.5L पेट्रोल मैनुअल, 1.5L पेट्रोल CVT और 1.3L टर्बो पेट्रोल ऑटोमैटिक में उपलब्ध है। नैचुरली एस्पिरेटेड 1.5L पेट्रोल यूनिट 110bhp और 144Nm की टॉप पावर बनाती है, जबकि 1.3L टर्बो पेट्रोल मोटर 140bhp और 220Nm ऑफर करती है।

मानव शरीर में सुअर की किडनी की सफल सर्जरी

मानव शरीर में सफल सुअर की किडनी की सर्जरी   अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों को इसमें कामयाबी भी मिली है। बताया गया है कि मानव शरीर में सुअर की किडनी अच्छे से काम कर रही है। फिलहाल इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट आनी बाकी है। दरअसल, यह मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क का है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क सिटी में स्थित एनवाईयू लैंगन हेल्थ सेंटर में डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने सर्जरी अंजाम दिया है। इस सर्जरी को बेहद चरणबद्ध तरीके से किया गया है और इसकी तैयारी भी काफी ठोस तरीके से की गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सुअर के जीन को बदल दिया गया था, ताकि मानव शरीर उसके अंग को तत्काल खारिज न कर पाएं। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया एक ब्रेन डेड हो चुके पेशेंट पर की गई।

पेशेंट की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था लेकिन उसे लाइफ सपोर्ट से हटाने से पहले डॉक्टरों ने उनके परिवारों से इस टेस्ट की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने यह प्रयोग किया। तीन दिन तक सुअर की किडनी ब्रेन डेड मरीज की रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था। किडनी को शरीर के बाहर ही रखा गया था।

'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण लॉन्च, घोषणा 

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। अमेज़न इंडिया ने अपने डिजिटल अभियान 'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण आज लॉन्च करने की घोषणा की। यह अभियान ग्राहकों को अमेज़न की फ्रंटलाईन टीम्स के लिए खुशी व सराहना का संदेश साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि ये टीमें ग्राहकों के 'खुशियों के डिब्बे' की सुरक्षित व समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। इस अभियान का उद्देश्य अमेज़न के ऑपरेशंस नेटवर्क में हजारों एसोसिएट्स के प्रयासों को सम्मानित करना है, जो त्योहारों के लिए ग्राहकों द्वारा की गई खरीद को हर बार उनके घरों पर सुरक्षित व समयबद्ध तरीके से पहुंचाते हैं। 'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण ग्राहकों को रचनात्मक बनने और डिलीवरी एसोसिएट्स के लिए अपने दरवाजे पर 'थैंकयू' नोट या पोस्टर लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि डिलीवरी के लिए ग्राहकों के घर पर पहुंचने पर इन डिलीवरी एसोसिएट्स को खुशी मिले। ग्राहक थैंक यू नोट या पोस्टर अपने सोशल मीडिया चैनलों पर पोस्ट करके भी 'थैंक्स डिलीवर' कर सकते हैं।

उसने कहा कि इस यूज़र जनरेटेड अभियान के साथ, अमेज़न का उद्देश्य अपने फुलफिलमेंट एवं डिलीवरी नेटवर्क में काम करने वाले सभी डिलीवरी एसोसिएट्स, पिकर्स, पैकर्स, सॉर्टर एवं अन्य एसोसिएट्स के प्रति ग्राहकों को अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल कर अपनी खुशी व सराहना साझा करने में समर्थ बनाना है, क्योंकि ये लोग त्योहारों पर उनकी शॉपिंग को संभव बना रहे हैं।


खेल: ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त, लय बनी रहीं
अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने अपने दूसरे वार्मअप मैच में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से धमाकेदार अंदाज में हरा दिया है। भारत के बल्लेबाजों ने मैच को अपने कब्जे में रखा और अंत तक लय नहीं खोई। दूसरे वार्मअप मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी खोई हुई फॉर्म वापिस पा ली।
जिससे पाकिस्तान के खिलाफ धमाका होने की उम्मीद है। भारत ने दुनिया को महानतम बल्लेबाज दिए हैं। यहां हम बात करेंगे तीन ऐसे खिलाड़ियों की जो पाकिस्तान के खिलाफ अपने प्रदर्शन से कमाल करेंगे।
सबसे खतरनाक ओपनर।
इस समय इंटरनेशनल क्रिकेट में रोहित शर्मा से ज्यादा खतरनाक बल्लेबाज दुनिया में कोई नहीं है। रोहित वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। उनके छक्के लगाने की कला से हर गेंदबाज अच्छी तरफ से वाकिफ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वार्मअप मैच में रोहित शर्मा ने 41 गेंद पर 60 रनों की पारी खेली, जिसमें 3 आतिशी छक्के शामिल थे. वे इस पारी से फॉर्म में आ गए हैं। पिछली बार जब वनडे वर्ल्ड कप में रोहित ने पाकिस्तान के खिलाफ 140 रनों की पारी खेली थी। विराट कोहली इस भारतीय विस्फोटक ओपनर से पाकिस्तान के खिलाफ तूफानी पारी की उम्मीद करेंगे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पहले ही साफ किया हुआ है कि रोहित शर्मा के साथ केएल राहुल ओपनिंग करने उतरेंगे, लेकिन ईशान किशन ने अपने धमाकेदार प्रदर्शन से कोहली को एक और ओपनर दे दिया है।किशन भारतीय टीम में किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। किशन ने पहले वार्मअप मैच में 70 रनों की पारी खेली जबकि आईपीएल 2021 में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने 32 गेंद में 82 रनों की तूफानी पारी खेली। किशन अपनी लय में होने पर किसी भी गेंदबाज की बखिया उधेड़ सकते हैं।
आज के दौर में ये भारतीय ऑलराउंडर सबसे खतरनाक नजर आता है। भारतीय कप्तान के लिए वे थ्रीडी प्रदर्शन करते हैं गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फिल्डिंग में उन्हें महाराथ हासिल है यूएई और ओमान की पिचें स्पिनर की मददगार होती हैं जडेजा अपनी स्पिन गेंद से बल्लेबाजों को नचाते नजर आएंगे और बल्लेबाजी में तो वे एक ओवर में 37 रन तक बना देते हैं। आईपीएल 2021 में उन्होंने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। कोहली चाहेंगे कि वे पाकिस्तान के खिलाफ भी ऐसा प्रदर्शन करना जारी रखें।
पाकिस्तान के खिलाफ पहला मुकाबला।
टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप के अपने पहले मुकाबले में सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान का सामना करने वाली है।ये मैच 24 अक्टूबर को खेला जाएगा। भारतीय टीम आजतक वर्ल्ड कप में कभी भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई मैच नहीं हारी है और आगामी मुकाबले में भी वो अपनी इस बढ़त को बरकरार रखना चाहेगी।

श्रम कानूनः हकीकत में कुछ, सच्चाई कुछ और 
हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। हमारे देश में कहने के लिए तो मज़दूरों के लिए दर्जनों केन्द्रीय और कई राज्य श्रम क़ानून काग़ज़ों पर मौजूद हैं। पर तमाम कारख़ानों-खेतों खलिहानों में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक अपनी जीवन स्थितियों से जानते और समझते हैं कि इन क़ानूनों की वास्तविकता क्या है और हक़ीक़त में ये कितना लागू होते हैं। देश के असंगठित-अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत मज़दूर आबादी तो वैसे भी इन तमाम क़ानूनों के दायरे में बिरले ही आती है। वहीं औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठित कामगारों-कर्मचारियों के तबक़े को भी इस क़ानूनी संरक्षण के दायरे से बाहर करने की क़वायदें तेज़ हो रही हैं। बावजूद इसके इन श्रम क़ानूनों के वास्तविक चरित्र की चर्चा कम ही होती है।
फ़िलहाल श्रम क़ानूनों का मसला इसलिए भी सुर्ख़ियों में बना हुआ है क्योंकि मोदी सरकार द्वारा मज़दूरों को प्राप्त श्रम क़ानून रूपी नाममात्र की इस राजकीय सुरक्षा और संरक्षण पर भी हमला बोला जा रहा है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि आज की फ़ासीवादी मोदी सरकार व अन्य राज्य सरकारें जिस मज़दूर वर्ग-विरोधी मुहिम को आगे बढ़ा रही हैं उसकी शुरुआत बहुत पहले ही कांग्रेस के समय से हो चुकी थी। विशेष तौर पर 1991 में नव उदारवादी नीतियों की औपचारिक शुरुआत के साथ ही पूँजीवादी राज्यसत्ता और तमाम सरकारों की श्रम सम्बन्धी नीतियों में एक निरन्तरता दिखलाई पड़ती है जिसने पूँजीपति वर्ग के “धन्धे और कारोबार में आसानी” के नाम पर श्रम के अनौपचारिकीकरण, ठेकाकरण, कैज़ुअलकरण आदि की प्रकिया को बड़े पैमाने पर संवेग प्रदान किया है।
साथ ही, जिस स्वरूप में ये श्रम क़ानून अपने मूल रूप में भी मौजूद थे, उस रूप में भी ये किसी भी पैमाने से मज़दूरों के असली हक़ों-अधिकारों की नुमाइन्दगी नहीं करते थे। हालाँकि इस तथ्य को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें और मज़दूर वर्ग से ग़द्दारी कर चुकी संशोधनवादी यूनियनें कभी नहीं उठाती हैं मानो कि अपने मूल रूप में ये क़ानून बहुत आमूलगामी या कल्याणकारी रहे हों। परन्तु इसका मतलब यह क़तई नहीं है कि आज सरकारों द्वारा श्रम क़ानूनों पर हो रहे हमलों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
वास्तव में श्रम क़ानूनों के पूरे इतिहास और विकास क्रम को देखने पर पूँजीवादी राज्य का असली स्वरूप व चरित्र ही उद्घाटित होता है। पूँजीवादी व्यवस्था के अन्तर्गत ऊपर से ऐसा दिखता है कि राज्य पूँजी और श्रम के बीच के सम्बन्धों के बीच तालमेल या सन्तुलन स्थापित कर रहा है। लेकिन वस्तुतः पूँजीवादी राज्य, पूँजीपति वर्ग से अपनी सापेक्षिक स्वायत्तता के बावजूद, अन्तिम तौर पर समूचे पूँजीपति वर्ग के क्रियाकलापों के प्रबन्धन का ही काम करता है, पूँजीवादी उत्पादन सम्बन्धों को रेखांकित और पुनरुत्पादित करता है और पूँजीपति वर्ग के दीर्घकालिक सामूहिक वर्ग हितों का प्रतिनिधित्व करता है। भारत में मौजूद क़ानून व न्यायिक व्यवस्था को देखने पर आम तौर पर और तमाम श्रम क़ानूनों के विश्लेषण में विशिष्ट तौर पर यही बात बार-बार सत्यापित भी होती है।
भारत में श्रम व फ़ैक्टरी विधि निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत औपनिवेशिक ब्रिटिश सत्ता द्वारा उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध व बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में की गयी थी। भारत की उत्तर-औपनिवेशिक पूँजीवादी राज्यसत्ता ने मामूली बदलावों के साथ ही इन्हीं क़ानूनों को बरक़रार रखा क्योंकि ये भारतीय पूँजीपति वर्ग की आवश्यकताओं के भी अनुकूल था। यानी तमाम श्रम व फ़ैक्टरी अधिनियम जैसे कि कारख़ाना अधिनियम व इसके विभिन्न संशोधन, मज़दूरी संदाय अधिनियम 1936 (Payment of Wages Act, 1936), कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923), ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926), व्यवसाय विवाद अधिनियम 1929), जो आगे चलकर
औद्योगिक 1947) बना, आदि का उद्भव औपनिवेशिक काल में देखा जा सकता है। फ़िलहाल इस लेख में हम श्रम विधि निर्माण में ट्रेड यूनियन सम्बन्धी अधिनियमों और क़ानूनी प्रावधानों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे।
ट्रेड यूनियन अधिनियम, 1926 का मूलभूत उद्देश्य “उत्तरदायित्वपूर्ण यूनियनवाद” को बढ़ावा देना था, वहीं व्यवसाय विवाद अधिनियम का मक़सद विवाद के पक्षों (ज़ाहिरा तौर पर मुख्यतः मज़दूर यूनियनों) को समझौते और मध्यस्थता के लिए बाध्य करना था। जैसा कि हमने ऊपर भी इंगित किया यही व्यवसाय विवाद अधिनियम आगे चलकर औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के रूप में सामने आता है। स्वातंत्र्योत्तर भारत में भारतीय राज्यसत्ता को ये तमाम क़ानून विरासत में प्राप्त हुए। स्पष्टतः इन आधे-अधूरे लूले-लँगड़े श्रम क़ानूनों के निर्माण में भी मुख्य तौर पर जुझारू मज़दूर संगठनों व संघर्षों की भूमिका अग्रणी थी और राज्यसत्त्ता द्वारा ये ख़ैरात में नहीं दिये गये थे। ग़ौरतलब है कि उस दौर में इन मज़दूर संघर्षों का चरित्र राजनीतिक था और राष्ट्रीय आन्दोलन के भीतर भी मज़दूर आन्दोलन की उपस्थिति और दख़ल था। इसके अलावा, वैश्विक परिस्थितियाँ भी एक भूमिका अदा कर रही थीं जिसमें 1917 की रूस की अक्टूबर बोल्शेविक क्रान्ति और उसके आलोक में कई देशों में कम्युनिस्ट पार्टियों के गठन की भूमिका उल्लेखनीय है।
हालाँकि श्रम क़ानूनों को बनाने के पीछे एक अन्य पहलू भी काम कर रहा था। वह था इन क़ानूनों के ज़रिए औद्योगिक विवादों में, यानी श्रम और पूँजी के अन्तरविरोध में पूँजीवादी राज्य की हस्तक्षेपकारी भूमिका को रेखांकित और परिभाषित करना और साथ ही मज़दूर संघर्षों को इन क़ानूनों के द्वारा विनियमित करना और मज़दूर आन्दोलन के पूरे विमर्श को ही वैधता और क़ानून के दायरे में संकुचित करना।
आज़ादी के बाद त्वरित आर्थिक विकास और “औद्योगिक शान्ति” को बनाये रखने के लिए पूँजीपति नियोक्ताओं और यूनियनों (यानी पूँजी और श्रम) के बीच राज्य की मध्यस्थता को श्रम व फ़ैक्टरी संहिताओं के ज़रिए स्थापित किया गया मानो पूँजीवादी राज्य इन संघर्षरत वर्गों से इतर और उनके ऊपर बैठा हुआ कोई निष्पक्ष या तटस्थ निकाय हो। इसके तहत औद्योगिक विवादों के निपटारे के लिए श्रम और पूँजी के बीच राज्य एजेंसियों की मध्यस्थता को अनिवार्य शर्त बना दिया गया। यानी औद्योगिक विवादों में कहने के लिए एक “त्रिपक्षीय” व्यवस्था लागू की गयी।
 सोने-चांदी की कीमत में उछाल, बढत का असर 
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। डॉलर इंडेक्स का रुख में नरमी से अंतरराष्ट्रीय बुलियन मार्केट में सोने-चांदी की उछाल जारी है। इसका असर घरेलू दामों पर भी दिख रहा है। गुरुवार यानी 21 अक्टूबर, 2021 को भी सोने में बढ़त दर्ज हुई है। आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना सुबह 55 रुपये की बढ़त लेकर 47,554 रुपये प्रति 10 ग्राम पर दर्ज हुआ। वहीं, सिल्वर फ्यूचर में 118 रुपये के आसपास तेजी आई और यह मेटल 65,725 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर देखा गया।
सोना पिछले सत्र में 47,499 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, चांदी 65,607 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर बंद हुई थी। ग्लोबल बाजारों में भी तेजी देखी जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में देखें तो Goldprice.org के मुताबिक, तो भारतीय समयानुसार सुबह 9.35 पर सोने में 0.26 फीसदी की तेजी दर्ज हो रही थी और यह 1786.50 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर था। वहीं चांदी 0.48 फीसदी की तेजी के साथ 24.41 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई थी।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स असोसिएशन लिमिटेड के अनुसार आज सोने-चांदी की कीमत (जीएसटी के बगैर)
अगर प्रमुख शहरों में गोल्ड की कीमतों पर नजर डालें तो दिल्ली में 22 कैरेट के सोने की कीमत 46,610 और 24 कैरेट सोने की कीमत 50,850 चल रही है। मुंबई में 22 कैरेट सोना 46,480 और 24 कैरेट सोना 47,480 पर चल रहा है। कोलकाता में 22 कैरेट सोना 46,900 रुपए है, वहीं 24 कैरेट सोना 49,600 रुपए है। चेन्नई में 22 कैरेट सोने की कीमत 44,840 और 24 कैरेट 48,920 रुपए पर है। ये कीमतें प्रति 10 ग्राम सोने पर हैं।
अगर चांदी की बात करें तो वेबसाइट के मुताबिक, प्रति किलोग्राम चांदी की कीमत 65,900 रुपए प्रति किलो है। दिल्ली में चांदी 65,900 रुपए प्रति किलो बिक रही है। मुंबई और कोलकाता में भी चांदी की कीमत यही है। चेन्नई में चांदी की कीमत 70,200 रुपए प्रति किलो है।

विरोध अधिकार, मार्ग नहीं रोक सकतेः एससी  

हरिओम उपाध्याय  

नई दिल्ली। लगातार किसानों के विरोध-प्रदर्शन और उसके कारण सड़क जाम जैसी स्थितियों के उत्पन्न होने पर बड़ा बयान दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने का अधिकार है। लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति एस एस कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि कानूनी रूप से चुनौती लंबित है फिर भी न्यायालय विरोध के अधिकार के खिलाफ नहीं है लेकिन अंततः कोई समाधान निकालना होगा।

पीठ ने कहा कि किसानों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते। आप जिस तरीके से चाहें विरोध कर सकते हैं लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं कर सकते। लोगों को सड़कों पर जाने का अधिकार है लेकिन वे इसे अवरुद्ध नहीं कर सकते।शीर्ष अदालत ने किसान यूनियनों से इस मुद्दे पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को सात दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायालय नोएडा की निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने से आवाजाही में मुश्किल हो रही है।

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता हैं 'नीम'

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता हैं नीम

भारत के लगभग हर हिस्से में नीम का पौधा आसानी से उपलब्ध है। इस पौधे सभी भागों को स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में नीम की पत्तियों, छाल और बीज से होने वाले तमाम तरह के फायदों का जिक्र मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो नीम की पत्तियां और फलियां स्वाद में भले ही कड़वी होती हैं लेकिन इनका सेवन करने वाले लोगों को कई प्रकार की गंभीर रोगों से सुरक्षित माना जा सकता है। इसके अलावा नीम के अर्क का सेवन करने से अस्थमा, कब्ज, खांसी, मधुमेह, गैस्ट्रिक अल्सर, अपच और मूत्र पथ के संक्रमण जैसी कई बीमारियों से सुरक्षा मिल सकती है। 

आयुर्वेद में नीम के पेड़ की छाल, फूल और फल का भी औषधीय रूप से उपयोग और लाभ बताया गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक नीम की पत्तियों का सेवन करके डायबिटीज और त्वचा की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में नीम से होने वाले ऐसे ही कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं। 

हेल्थ के लिए कितना फायदेमंद है अनार, जानिए

क्या आप जानते हैं अनार आपके हेल्थ के लिए कितना फायदेमंद है। अनार में विटामिन ए, सी, ई, फोलिक एसिड और एंटीऑक्‍सीडेंट पाये जाते हैं। साथ इसमें प्रचुर मात्रा में लाभदायक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और खनिज पाए जाते हैं। आइये देखे क्या क्या है अनार के स्वास्थ्य फायदें
अनार में है कौन कौन से गुण।
अनार में आपके बॉडी में ब्लड इंक्रीज करने की शक्ती होती है । इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए ,सी, ई पाया जाता है। अनार में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो आपके शरीर को हर बीमारी से लड़ने की ताकत देती है।
पेट की प्रोब्लम को भी सॉल्व करें।
अनार के रस में बैक्टीरिया को मारने की शक्ति होती है। इसलिए अनार का रस पीने से पेट के रोग पेट के रोग, अपच, गैस, कब्ज व अन्य कई तकलीफों से तुरन्त आराम मिलता है।
अनार वजन को भी काम करता है।
अनार खाने से आपके वजन पर भी असर पड़ता है। और नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपका वजन भी कम होता है।इसमें फैट नहीं होता परन्तु फाइबर, विटामिन-सी, पोटेशियम, मिनरल फास्फोरस तथा मैग्नीशियम बहुत अधिक मात्रा में मिलता है। तो ये किसी भी प्रकार से आपके शरीर में वजन नही बढता।
आपकी याददाश्त को तेज करता है।
अनार आपके याददाश्त को तेज करता है।
और इसे खाने से आपके अंदर एनर्जी लेवल भी इंक्रीज होता है।
अनार के जूस में न्युरो-प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते है। ब्रेन की सेहत के लिए बेहतरीन होता है। इसके लगातार सेवन करने से ब्रेन हैमरेज जैसी घातक समस्याएं होने की संभावनांए कम हो जाती है।
दांतों को मजबूत बनाएं।
अनार खाने से दांतो की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है। साथ ही अनार को मंजन के तौर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लेते हैं। इसे मंजन की तरह दिन में 2 या 3 बार दांतों में मलने से दांतों से खून आना बंद होकर दांत मजबूत हो जाते हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-2 (साल-05)
2. शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2021
3. शक-1984,अश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि- दूज, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:30, सूर्यास्त 05:48।
5. न्‍यूनतम तापमान -17 डी.सै., अधिकतम-29+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 20 अक्तूबर 2021

84 धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर का शुभारंभ

दुष्यंत टीकम       
महासमुन्द। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बुधवार  को राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से वर्चुअल (वीडियों कांफ्रेंसिंग) के जरिए छत्तीसगढ़ में 84 श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस योजना के तहत जेनेरिक मेडिकल स्टोर से उपभोक्ताओं को ब्रांडेड कम्पनियों की गुणवत्तापूर्ण दवाईयां सस्ते दर पर उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि आम जनता को दवाईयांे की मैक्सिमम रिटेल प्राईस (एमआरपी) न्यूनतम 50.09 प्रतिशत और अधिकतम 71 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा। आज इस योजना का शुभारम्भ हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा इन सभी दुकानों में 250 से अधिक प्रकार की दवाईयॉ, सर्जिकल सामग्री एवं लघु वनोपज की सामग्रियां कम कीमत पर आम जनता को उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दवाईयों के होम किट और ट्रेवल किट का लोकार्पण भी किया। यह किट श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर में बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। दवाईयों की होम किट की कीमत 699 रुपए है, जो इन मेडिकल स्टोर में 290 रुपए की मूल्य पर तथा ट्रेवल किट जिसकी कीमत 311 रुपए है वह 130 रुपए में उपभोक्ताओं को उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए। इससे दवाईयों पर होने वाले खर्च का बोझ कम होगा। इस योजना का संचालन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह विभाग मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का संचालन पहले से ही कर रहा है। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधायक श्री मोहन मरकाम, श्री मोहित राम केरकेट्टा, श्री पुरुषोत्तम कंवर सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., राज्य शहरी विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौमिल रंजन चौबे उपस्थित थे। महासमुन्द से संसदीय सचिव एवं विधायक श्री विनोद चंद्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष महासमुन्द श्री प्रकाश चंद्राकर, कलेक्टर श्री डोमन सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.के. मंडपे, नगर पालिका अधिकारी श्री ए.के. हालदार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, नागरिक गण वर्चुअल जुड़े। महासमुन्द जिला चिकित्सालय परिसर में यह जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोला गया है। संसदीय सचिव श्री विनोद चंद्राकर ने फीता काटकर इसका शुभारंभ किया।

5 लाख से ज्यादा लोगाें को रोजगार देने का प्लान

हरिओम उपाध्याय       
गौतमबुद्ध नगर। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि सीएम योगी ने पांच लाख से ज्यादा लोगाें को रोजगार देने का प्लान तैयार कर लिया है। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में उद्योगों के विकास के लिए प्रदेश सरकार हर संभव मदद कर रही है। इसके चलते आने वाले कुछ महीने में जिले में करीब दो हजार से अधिक नए उद्योग शुरू होंगे और इससे पांच लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। वह सेक्टर-71 में लघु उद्योग भारती के दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर कर रही है। सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं ताकि उद्यमियों को उद्योग चलाने में किसी तरह की परेशानी न हो। औद्योगिक भूखंड आवंटित कराने के बाद निश्चित समय अवधि बीत जाने के बाद भी उद्योग को क्रियाशील नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। औद्योगिक भूखंडों का आवंटन निरस्त किया जाएगा। निरस्त हुए बड़े औद्योगिक भूखंडों को छोटे-छोटे भूखंडों में बांटकर लघु उद्योगों को आवंटित किया जाएगा ताकि नए उद्योग शुरू होने से लोगों को रोजगार मिल सके।
उन्होंने कहा कि उद्यमियों के हित में सरकार ने नीतियों में भी संशोधन किया है। उद्यमियों के हित में भी ओडीओपी समेत कई योजनाएं बनाई गईं ताकि उद्यमियों को लाभ के साथ ही प्रोत्साहन भी मिल सके। उन्होंने कहा कि जेवर में एयरपोर्ट आने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ ही युमना प्राधिकरण (यीडा) के क्षेत्र में भी उद्योगों के विकास को पंख लगे हैं। एक समय था, जब यीडा में उद्यमी उद्योग लगाने में रुचि नहीं ले रहे थे। अब भूखंडों से ज्यादा लोग उद्योग लगाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।
यीडा में टॉय व क्लस्टर पार्क विकासित किए जा रहे हैं। सूक्ष्य, लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि उद्यमियों को 72 घंटे में सरकारी दफ्तरों से एनओसी मिल रही है। लघु उद्योग भारती की मांगों जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा ताकि लघु उद्योगों को गति मिल सके। पहले की सरकारें उद्यमियों को एटीएम समझती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है। सरकार ने उद्यमियों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं।कोरोना काल में  के मुख्य वक्ता आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि शहर और देश के उद्यमियों में आपार क्षमता है। कोरोना काल में उद्यमियों ने भोजन से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक जरूरतमंदों को मुहैया कराए। जिस तरह शहर और देश के उद्यमियों ने जरूरतमंद लोगों की मदद की है। उस तरह से विश्व के अन्य देशों के उद्यमियों ने लोगों की मदद नहीं की।

विघटन से उत्पन्न अधिकारों से भाग नहीं सकते

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुस्लिम निकाह एक अनुबंध है, जिसके कई अर्थ हैं। यह हिंदू विवाह की तरह कोई संस्कार नहीं और इसके विघटन से उत्पन्न कुछ अधिकारों एवं दायित्वों से पीछे नहीं हटा जा सकता। यह मामला बेंगलुरु के भुवनेश्वरी नगर में एजाजुर रहमान (52) की एक याचिका से संबंधित है।जिसमें 12 अगस्त, 2011 को बेंगलुरु में एक पारिवारिक अदालत के प्रथम अतिरिक्त प्रिंसिपल न्यायाधीश का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया गया था। रहमान ने अपनी पत्नी सायरा बानो को पांच हजार रुपए के ‘मेहर’ के साथ विवाह करने के कुछ महीने बाद ही ‘तलाक’ शब्द कहकर 25 नवंबर, 1991 को तलाक दे दिया था। इस तलाक के बाद रहमान ने दूसरी शादी की, जिससे वह एक बच्चे का पिता बन गया। बानो ने इसके बाद गुजारा भत्ता लेने के लिए 24 अगस्त, 2002 में एक दीवानी मुकदमा दाखिल किया था।
पारिवारिक अदालत ने आदेश दिया था कि वादी वाद की तारीख से अपनी मृत्यु तक या अपना पुनर्विवाह होने तक या प्रतिवादी की मृत्यु तक 3,000 रुपये की दर से मासिक गुजारा भत्ते की हकदार है। न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित ने 25,000 रुपए के जुर्माने के साथ याचिका खारिज करते हुए सात अक्टूबर को अपने आदेश में कहा, ”निकाह एक अनुबंध है जिसके कई अर्थ हैं, यह हिंदू विवाह की तरह एक संस्कार नहीं है। यह बात सत्य है।
न्यायमूर्ति दीक्षित ने विस्तार से कहा कि मुस्लिम निकाह कोई संस्कार नहीं है और यह इसके समाप्त होने के बाद पैदा हुए कुछ दायित्वों एवं अधिकारों से भाग नहीं सकता। पीठ ने कहा, ”तलाक के जरिए विवाह बंधन टूट जाने के बाद भी दरअसल पक्षकारों के सभी दायित्वों एवं कर्तव्य पूरी तरह समाप्त नहीं होते हैं।” उसने कहा कि मुसलमानों में एक अनुबंध के साथ निकाह होता है और यह अंतत: वह स्थिति प्राप्त कर लेता है, जो आमतौर पर अन्य समुदायों में होती है। अदालत ने कहा, ”यही स्थिति कुछ न्यायोचित दायित्वों को जन्म देती है। वे अनुबंध से पैदा हुए दायित्व हैं।

अपराधियों के विरुद्ध गिरफ्तारी अभियान चलाया

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी द्वारा अपराध एवम अपराधियो के विरुद्ध व वारंटियों की गिरफ्तारी हेतु चलाये गये अभियान के अंतर्गत एसपी गंगापार अभिषेक कुमार अग्रवाल व सीओ हंडिया संतोष कुमार सिंह के निर्देश के क्रम में थानाध्यक्ष सरायममरेज अमित कुमार राय के कुशल नेतृत्व में गठीत पुलिस टीम उप. निरीक्षक बनवारी लाल का. नंद किशोर ने पास्को एक्ट का वारन्टी अभियुक्त राजू उर्फ ओमप्रकाश पुत्र राम मिलन निवासी किशुनीपुर थाना सरायममरेज जनपद प्रयागराज को गिरफ्तार कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की गयी।


प्रयागराजः वाल्मीकि रामायण पाठ का आयोजन

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। चयनित मंदिरों एवं स्थलों पर दीप प्रज्जवलन व दीपदान के साथ-साथ वाल्मीकि रामायण पाठ का किया गया आयोजन। महर्षि वाल्मीकि जयंती बुधवार को दिव्य, भव्य एवं सुरूचिपूर्ण ढंग से मनायी गयी। चयनित 4 स्थलों/मंदिरों पर दीप प्रज्जवलन, भजन एवं वाल्मीकि रामायण के पाठ का आयोजन चयनित मंदिरों/स्थलों में माता शान्ता-श्रृंग ऋषि मंदिर आश्रम, श्रृंगवेरपुर धाम, भारद्वाज आश्रम तहसील सदर, बड़े/लेटे हनुमान जी, त्रिवेणी संगम एवं छुहारा हनुमान मंदिर पर वाल्मीकि रामायण का पाठ दीपदान एवं दीप प्रज्जवलन का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम को भव्य एवं सुरूचिपूर्ण तथा व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए माता शान्ता श्रृंगऋषि मंदिर आश्रम श्रृंगवेरपुर में सुश्री अपराजिता सिंह क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को नोडल तथा पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में उपजिलाधिकारी सोरांव एवं खण्ड विकास अधिकारी श्रृंगवेरपुर को, भारद्वाज आश्रम पर जिला समाज कल्याण अधिकारी को नोडल एवं ए.सी.एम प्रथम को पर्यवेक्षक, लेटे हनुमान मंदिर, त्रिवेणी संगम पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा डाॅ. कंचन को पर्यवेक्षक तथा छुहारा हनुमान मंदिर पर नोडल के रूप में क्षेत्रीय संस्कृति अधिकारी गुलाम सरवर को एवं ए.सी.एम द्वितीय श्री प्रेम चन्द्र मौर्य को पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में नामित किया गया था। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी चयनित स्थलों/मंदिरों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम को सुरूचिपूर्ण एवं भव्य रूप से सम्पन्न कराने के लिए अपर जिलाधिकारी नगर श्री मदन कुमार को सम्पूर्ण कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया था, जिनके अनुश्रवण में सभी चयनित स्थलों/मंदिरों पर वाल्मीकि रामायण पाठ, भजन, दीपदान एवं दीप प्रज्जवलन का कार्य सकुशल ढंग से सम्पन्न हुआ।

एक नाव पलटने से सवार 10 लोग बहें, अलर्ट जारी

हरिओम उपाध्याय      

लखीमपुर खीरी। डीएम डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि वह मौके पर पहुंच रहे हैं। गांव में मौजूद एसडीएम रेनू ने बताया कि अभी कुछ पुष्टि नहीं हो रही है। सूचना के आधार पर हम अलर्ट हैं। राहत बचाव के प्रयास जारी हैं।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में बुधवार को बड़ा हादसा हुआ है। यहां घाघरा नदी में एक नाव पलटने से उसमे सवार 10 लोग बह गए हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। जानकारी के अनुसार, लखीमपुर खीरी जिले की धौरहरा तहसील के थाना ईसानगर इलाके के मिर्जापुर गांव में यह घटना हुई है। बताया जा रहा है कि बुधवार की सुबह एक नाव घाघरा नदी में पलट गई। नाव पर सवार 10 लोग घाघरा नदी में बह गए हैं।  हालांकि नाव में 10 लोग सवार थे यह इस बात की पुष्टि नहीं हुई है यह संख्या घट या बढ़ भी सकती है। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। मौके पर एक स्टीमर पहुंच चुका है। बचाव कार्य जारी है। ग्राम पंचायत मिरजापुर के आठ से दस लोग नाव लेकर सुबह नदी पार अपने खेत देखने जा रहे थे। वहीं, गांव वालों का कहना है कि नदी में बहकर आई लकड़ी उठाने के लिए गांव के 10 लोग नाव पर सवार होकर गए थे कि अचानक नाव पलटने से हादसा हो गया। नाव पर सवार लोगों में सुंदर पुत्र गया प्रसाद, त्रिमोहन पुत्र सुंदर, अशोक कुमार पुत्र गया प्रसाद, ढोड़े पुत्र ननकू, दीपू पुत्र ननकऊ, सुरेंद्र कुमार पुत्र ननकऊ, कृपा दयाल पुत्र मोहन, मुरारी पुत्र मौजीलाल, राजू पुत्र  शैलाफी बताए गए हैं। मौके पर एसडीएम धौरहरा रेनू, थाना अध्यक्ष राज करण शर्मा, तहसीलदार संतोष कुमार शुक्ला बचाव दल के साथ मौजूद हैं।

शिकंजा: खाद्य एवं सुरक्षा विभाग सर्तक हुआ

प्रमोद गर्ग
गाजियाबाद। दीपावली पर्व के मद्देनजर जिले में खाद्यय पदार्थों में मिलावट खोरी करने वाले दुकानदारों पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य एवं सुरक्षा विभाग अब सर्तक हो गया है। जिले में मिलावटखोर खाद्य कारोबारी सक्रिय होने के चलते इन पर शिकंजा कसने के लिए 10 टीमें तैयार की गई है। जिला अभिहित अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने के लिए सूचना पर 10 टीम तैनात कर दी गई हैं। नमकीन से लेकर मावा मिठाई आदि खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मिठाई तक मिलावटी बनाने का काम जिले में तेजी से चल रहा है। इन्हें दीपावली पर बेचने की तैयारी है। 
उन्होंने बताया कि मुरादनगर, लोनी, डासना, भोजपुर, साहिबाबाद, कविनगर, मसूरी, कलछीना, राजेंद्रनगर, शालीमार गार्डन आदि इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही 20 दिन तक खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अभिहीत अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन साल में 500 से अधिक मिलावटखोर दुकानदार और उत्पादन कर्ता के खिलाफ  कार्रवाई की जा चुकी हैं। जुर्माना वसूलने के साथ केस भी दर्ज कराए गए है। वहीं रोजाना दुकानों, गोदाम और कंपनियों के सैंपल एकत्र कर लैब को जांच को भेजे जाएंगे। पनीर, दूध, मिठाई, हल्दी, खोया, दाल, मिर्ची, बेसन, बूंदी के लड्डू, छैना रसगुल्ला, कलाकंद, मसाले और आटा तक में मिलावट होने के चलते इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। 
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि  खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा अप्रैल 2020 से लेकर सितंबर 2021 तक ऐसे 219 मिलावटखोरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के आधार पर एडीएम कोर्ट 1.50 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माा लगाया गया है। जबकि 3 साल में 500 से अधिक मिलावटखोरों के खिलाफ  कार्रवाई की गई। जुर्माना लगने के बाद फिर से 200 से अधिक कारोबारी सक्रिय हो गए है। सितंबर माह में 109 मिलावटखोरों पर जुर्माना लगाया गया। इनमें मैसर्स भवानी रोलर फ्लोर मिल मेरठ रोड़, स्टैंडर्ड पनीर भंडार इंदिरापुरम, नौशाद भोजपुर, नालंदा बेकर्स साहिबाबाद, दिलशेर कलछीना, शेर सिंह डेरी लोनी, बीकानेर स्वीट्स इंदिरापुरम, अग्रवाल स्वीट्स शालीमार गार्डन, राजेंद्र नगर सेक्टर-5, दिलशाद कलछीना, सुपर स्नेक्स मेरठ रोड, असलम भोजपुर, मुकेश पनीर भंडार शालीमार गार्डन, स्टैंडर्ड पनीर भंडार इंदिरापुरम, न्यू पूजा जनरल स्टोर राकेश मार्ग, रंजन कुमार विजयनगर, जेजेडी मोहननगर, न्यू देव सोया फूड प्रोडेक्टस शास्त्रीनगर, स्टैंडर्ड स्वीट्स कार्नर गांधीनगर, राशिद कलछीना, केसी फ्लोर मिल, नरेश अग्रवाल, ओम मल्टी स्टोर राजनगर एक्सटेंशन आदि पर जुर्माना लगाया जा चुका हैं।

लखनऊ। बदायूं-मुरादाबाद मार्ग पर तेज रफ्तार ट्रक और कार की टक्कर में दुल्हन समेत तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि चार लोग घायल हुए। जिनको इलाज़ हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि बदायूं जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के मुरादाबाद मार्ग पर स्थित नदवारी गांव के निकट मंगलवार देर रात बारात को वापस लेकर आ रही एक कार सामने से आ रहे ट्रक से जा भिड़ी। उन्होंने बताया कि इस हादसे में दुल्हन समेत तीन लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए।

सिंह ने बताया कि बारात बदायूं जिले के मोहल्ला बाबा कॉलोनी से गई हुई थी। इस हादसे में कार चालक सनी कुमार (24), दुल्हन लज्जावती (21) और एक अन्य रिश्तेदार मान सिंह (45) की मौत हुई। गंभीर रूप से घायल चार लोगों को इलाज के लिए बरेली भेजा गया है।


पूर्व मंत्री तिलक अहिरवार को महासचिव नामित किया

हरिओम उपाध्याय    

लखनऊ। नरेश उत्तम पटेल सहित डॉ. फिदा हुसैन अंसारी, जयशंकर पांडेय और जगपाल दास गुर्जर को उपाध्यक्ष, राजकुमार मिश्रा को कोषाध्यक्ष, राज नारायण बिंद को प्रमुख महासचिव तथा श्यामलाल पाल एवं पूर्व मंत्री तिलक चंद्र अहिरवार को महासचिव नामित किया गया है। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की राज्य कार्यकारिणी में 24 सचिव, 40 सदस्य नामित किये गये है।कार्यकारिणी में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। 

गौरतलब है कि सोमवार को मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की है। जिसमें उपाध्यक्ष संजीव दुर्जन और अरविन्द यादव, महासचिव बंटी यादव, कोषाध्यक्ष प्रमोद यादव समेत कल्लू गुर्जर, मोहम्मद जीशान अंसारी, अपर्णा चौहान, शैलेश श्रीवास्तव, हरिकेश यादव पहलवान, अफजल खान, मरम धिरूपति, जुबैर खां सहित अन्य पदाधिकारी मनोनीत किए गए है। इनके अलावा 6 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 26 राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य भी मनोनीत हुए है।

इसके अलावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की स्वीकृति से समाजवादी युवजन सभा की 51 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी भी गठित कर दी गई है। इसमें मोहम्मद फहद को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा वरुण यादव, कृष्ण कुमार पटेल, संतोष यादव, प्रकाश नारायण झा, उदय प्रकाश यादव, शांतनु प्रताप सिंह, शोएब अहमद को समाजवादी युवजन सभा की 51 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई है।

राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा टांगने वालों के विरुद्ध मुकदमा

हरिओम उपाध्याय    

महाराजगंज। भारतीय जनता पार्टी के नौतनवा नगर मंडल ने पुलिस को एक तहरीर देकर जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा टांगने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। बुधवार की सुबह 11:00 बजे भारतीय जनता पार्टी के नगर मंडल के तमाम कार्यकर्ता नौतनवा थाने में पहुंचकर नौतनवा पुलिस को एक प्रार्थना पत्र देते हुए लिखा है कि बीते मंगलवार को नौतनवा नगर में मुस्लिम समुदाय द्वारा बारावफात का जुलूस निकाला गया था। इस दौरान मुस्लिम द्वारा जुलूस के आगे चल रहे वाहन पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को उल्टा लटका कर पूरे नगर में भ्रमण कराया गया। जिससे पूरे देश का अपमान हुआ। साथ ही सभी भारत वासियों को इस अपमान से काफी ठेस पहुंचा है। हम लोग मर्माहत है, और संपूर्ण जनमानस में आक्रोश से व्याप्त है। उक्त प्रार्थना पत्र देते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग किया है।
इस मौके पर मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व चेयरमैन सीता राम लोहिया अजय अग्रहरि, सरदार विक्की सिंह, राजू पहलवान, हरिशंकर जायसवाल सहित दर्जनभर लोग मौजूद रहे।

सामंथा ने ट्रिप की तस्वीरें इंस्टा स्टोरी पर पोस्ट की

सामंथा ने ट्रिप की तस्वीरें इंस्टा पर पोस्ट की 
कविता गर्ग        
मुबंई। सामंथा रुथ प्रभु शांति और सुकून की तलाश में ऋषिकेश पहुंच गई हैं। हाल ही में उन्होंने पति नागा चैतन्य से तलाक की घोषणा की थी। सामंथा ने अपने ट्रिप की तस्वीरें इंस्टा स्टोरी पर पोस्ट की हैं। उन्होंने पूल का खूबसूरत नजारा दिखाया है जहां से पहाड़ी का व्यू दिख रहा है। वह ऋषिकेश के लग्जरी होटल में रुकी हैं। उनकी स्टोरी में वशिष्ठ गुहा आश्रम की तस्वीर भी दिखाई दे रही है। पति नागा चैतन्य से तलाक की घोषणा के कुछ दिनों बाद ऐक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु ऋषिकेश ट्रिप पर पहुंच गई हैं। उन्होंने लग्जरी रेजॉर्ट की कई तस्वीरें पोस्ट की हैं। उनकी तस्वीरों में नेचर की सुकून देने वाली खूबसूरती दिखाई दे रही है। पूल में नीले आसमान की झलक दिख रही है साथ ही खूबसूरत पहाड़ भी नजर आ रहे हैं।
एक और तस्वीर में स्वामी पुरोषोत्म नंद जी महाराज वशिष्ठ आश्रम का प्रवेश द्वार दिख रहा है। वहीं एक बोर्ड में लिखा है, हम क्या खोज रहे हैं? खुशी? हम जो खुशी खोज रहे हैं वह हमारे अंदर ही है। सामंथा 5 स्टार होटल में रुकी हैं। जूम टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सामंथा जिस डीलक्स रूम में रुकी हैं वहां का एक रात का किराया 38000 रुपये है। हालांकि डिसकाउंट के बाद यह 27000 रुपये के आसपास पड़ा है। समांथा ने तलाक की घोषणा के उनके बारे में चल रही अफवाहों पर इंस्टाग्राम स्टोरी पर जवाब दिया था। उन्होंने लिखा था कि तलाक एक दर्दनाक प्रक्रिया है। मुझे अकेले इससे उबरने का वक्त दें।


मुंबई: 50 करोड़ की मानहानि का केस दर्ज 
कविता गर्ग         
मुबंई। शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा के खिलाफ एक्शन लेते हुए 50 करोड़ का मानहानि का केस दर्ज कराया है। अब इस पर शर्लिन चोपड़ा ने रिएक्ट किया है। शर्लिन ने ट्ववीट कर शिल्पा और राज पर उन्हें धमकाने और अंडरवर्ल्ड की धमकी देने का आरोप लगाया है।
शर्लिन ने ट्वीट कर लिखा- राज कुंद्रा और शर्लिन चोपड़ा की काम करने की प्रक्रिया- 19 अप्रैल 2021 को राज कुंद्रा ने ना सिर्फ मुझे मेरे घर पर आकर अंडरवर्ल्ड की धमकी दी, बल्कि उनकी पत्नी शिल्पा शेट्टी ने मुझे फोन पर उसी दिन धमकी देते हुए कहा था- अगर राज के यौन शोषण और रेप की खबरें बाहर आईं तो वे मेरे खिलाफ करोड़ों रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
आप किसी आर्टिस्ट का यौन शोषण नहीं कर सकते, उसका रेप नहीं कर सकते और उसके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने की धमकी नहीं दे सकते। क्या उसे तुम्हारे खिलाफ पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज करानी चाहिए।
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ शर्लिन चोपड़ा तबसे हमलावर हैं जबसे बिजनेसमैन का नाम पोर्नोग्राफी केस में आया है। हर दिन शर्लिन द्वारा लगाए गए इल्जामों को देखते हुए राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी ने एक्ट्रेस के खिलाफ 50 करोड़ का मानहानि का केस किया है। कपल ने शर्लिन के आरोपों को झूठा, फर्जी और मनगढ़ंत करार दिया है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...