गुरुवार, 23 सितंबर 2021

अमेरिकी एक्सचेंज नैसडैक पर शानदार एंट्री की

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। बिजनेस सॉफ्टवेयर फर्म फ्रेशवर्क्स इंक ने बुधवार को अमेरिकी एक्सचेंज नैसडैक पर शानदार एंट्री की है। अपने शानदार एंट्री के साथ कंपनी ने अपने 500 कर्मचारियों को करोड़पति बना दिया है। इन 500 कर्मचारियों में से 69 कर्मचारियों की उम्र 30 साल से कम है।
अमेरिकी एक्सचेंज नैसडैक में रैंक होने वाली यह भारत की पहली सॉफ्टवेयर एज सर्विस और यूनिकॉर्न कंपनी है। फ्रेशवर्क इंक गिरीश मातृभूतम की कंपनी है जिसके शेयर ने नैसडैक इंडेक्स पर अपने इश्यू प्राइस से 21 फीसदी ऊपर 36 डॉलर के भाव में एंट्री की है।
इस धमाकेदार एंट्री के साथ ही फ्रेशवर्क्स इंक का मार्केट कैप 12 अरब डॉलर के ऊपर पहुंच गया है। इस कंपनी के सीईओ गिरीश मातृभूम ने कहा कि उनकी कंपनी ने दूसरी भारतीय Saas स्टार्टअप के लिए पब्लिक होने का रास्ता साफ कर कर दिया है। साथ ही स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के साथ ही अपने कर्मचारियों के लिए बहुत पैसा बनाया है। उन्होंने पहले भी कहा था कि उन्होंने फ्रेशवर्क्स खुद के लिए बीएमडब्ल्यू लेने के लिए शुरू नहीं की थी बल्कि वह सभी कर्मचारियों के लिए बीएमडब्ल्यू लेना चाहते हैं।
फ्रेशवर्क्स के सीईओ गिरीश ने बताया कि उनकी कंपनी के पब्लिक होने से 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं जिनमें से 69 कर्मचारियों की उम्र 30 वर्ष से कम है। इस कंपनी के दो-तिहाई शेयर होल्डर है। जिन्होंने कंपनी को यहां तक पहुंचाने के लिए दिन रात मेहनत की उन्हें इसका इनाम मिलना चाहिए। आज भारत में हमारे 500 कर्मचारी करोड़पति हो गए हैं।
फ्रेशवर्क्स के सीईओ गिरीश मातृभूम ने अपने कर्मचारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा यह कपंनी सिर्फ मेरी मेहनत से नहीं बनी है। यह आप सब के मेहनत से बनी है और मिलकर इसे और आगे बढ़ाएंगे। फ्रेशवर्क्स शुरुआत से ही एक ग्लोबल कंपनी रही है। इसके कस्टमर 120 से अधिक देशों में है और इसका ज्यादातर रेवेन्यू अमेरिका से ही आता है।

गोपनीय रिपोर्ट के लीक होने के खिलाफ अपील की

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। गूगल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उसके खिलाफ की गई जांच की गोपनीय रिपोर्ट के लीक होने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की है। गूगल ने एक बयान में कहा कि इस कवायद का मकसद सीसीआई की जांच शाखा को मिली किसी भी गोपनीय जानकारी को गैरकानूनी रूप से बाहर आने से रोकना है। गूगल ने कहा कि उसे अभी तक यह गोपनीय रिपोर्ट नहीं मिली है।
प्रौद्योगिकी कंपनी ने आगे कहा, ”गूगल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर इस मामले के समाधान की मांग की है और विशेष रूप से भरोसे के उल्लंघन पर आपत्ति जताई, जिससे गूगल और उसके सहयोगियों को नुकसान पहुंचाता है।” पिछले हफ्ते आई रिपोर्टों में कहा गया था कि सीसीआई की जांच शाखा महानिदेशक ने पाया है कि एंड्रायड के संबंध में गूगल अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं में शामिल है।
गूगल ने कहा, ”हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि महानिदेशक की रिपोर्ट, जिसमें हमारे एक चालू मामले की गोपनीय जानकारी शामिल है, सीसीआई के पास से मीडिया में लीक हो गई।” गूगल के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, ”गोपनीय जानकारी की रक्षा करना किसी भी सरकारी जांच के लिए बुनियादी जरूरत है और हम आगे किसी भी गैरकानूनी खुलासे को रोकने के अपने कानूनी अधिकार का पालन कर रहे हैं।” प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने पूरी तरह से सहयोग किया और पूरी जांच प्रक्रिया में गोपनीयता बनाए रखी। प्रवक्ता ने कहा, ”हम उन संस्थानों से समान स्तर की गोपनीयता की उम्मीद करते हैं, जिनसे हम जुड़े हुए हैं।”

यूपी: पदाधिकारियों द्वारा एक बैठक आयोजित की

हरिओम उपाध्याय             
गदरपुर। तीन काले कृषि कानूनों को समाप्त करवाये जाने की मांग को लेकर 27 सितंबर को प्रस्तावित भारत बंद को समर्थन देने के लिए उद्योग व्यापार मंडल एवं संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा एक बैठक आयोजित कर आपसी तालमेल से बंद को सफल बनाये जाने की अपील की गई।
अनाज मंडी स्थित मंडी समिति कार्यालय में आयोजित की गई बैठक में प्रांतीय व्यापार मंडल, उद्योग व्यापार मंडल एवं किसान संगठनों के बीच हुई बैठक में संयुक्त रूप से भारत बंद को सफल बनाये जाने के लिए रणनीति तैयार की गई। जियमें उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष राजकुमार भुड्डी, व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़ एवं कांग्रेस किसान मोर्चा के सुभाष बेहड़ शामिल हुए। बैठक में भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह मक्कड़ ने कहा कि जबरदस्ती थोपे जा रहे तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में करीब 10 माह से किसान जत्थेबंदियों द्वारा दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन करने के साथ-साथ पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में 27 सितंबर को प्रस्तावित भारत बंद के लिए उन्होंने व्यापारियों एवं जनप्रनिधियों से सहयोग की अपील की। तराई किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया जा रहा है। उसके लिए किसान मजदूर के अलावा व्यापारियों को एवं अन्य लोगों को भी सहयोग करके देश की एकता एवं अखंडता को बरकरार रखने में सहयोग करना चाहिए। वही व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़ ने कहा कि जिलाध्यक्ष राजकुमार भुड्डी द्वारा जो निर्णय लिया जायेगा उस निर्णय पर नगर व्यापार मंडल कार्य करेगा। बेहड़ ने आश्वस्त करते हुए कहा कि 27 सितंबर को प्रातः से ही वह व्यापारियों को निवेदन करके भारत बंद में सहयोग की अपील करने के साथ-साथ भरपूर सहयोग करेंगे। उन्होंने व्यापारियों से भी 27 सितंबर को भारत बंद रखे जाने का आह्वान करते हुए सहयोग किये जाने की गुजारिश की जायेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा कि बंद के दौरान किसी भी व्यापारी के साथ बदसलूकी बर्दाश्त नहीं होगी बाजार को व्यापार मंडल के सहयोग से भी शांतिपूर्वक बंद किया जायेगा किसी प्रकार की आराजकता भी बर्दाश्त नहीं होगी। जिलाध्यक्ष भुड्डी द्वारा बाजार बंद का समय निर्धारित किया जायेगा उसी के अनुसार बाजार बंद होगा। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रीत ग्रोवर, व्यापार मंडल महामंत्री संदीप चावला, कोषाध्यक्ष राहुल अनेजा, अजैब सिंह धालीवाल, अशोक सेठी, सेवक सिंह गुरमीत सिंह, गुरबख्श सिंह, साहब सिंह हरभजन सिंह, हरमीत सिंह, वीरेंद्र सिंह सहित अन्य किसान मौजूद थे।

आगजनी की घटना को अंजाम, आरोपी अरेस्ट किया

संदीप मिश्र          
बरेली। वर्षों 1995 में निशोई हाल्ट पर एक ट्रेन में आगजनी की घटना को अंजाम देकर फरार हुए आरोपियों में से एक आरोपी को बरेजी जंक्शन जीआरपी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी विपिन वर्ष 1998 से कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था। वह लगतार फरार था। कोर्ट की तरफ से उसके कई वारंट भी जरी किए गए। यहां तक की कुर्की वारंट भी जारी किया गया। इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। मगर अब जीआरपी ने उसे अतरछेड़ी से गिरफ्तार कर लिया है।
उस वक्त करीब 15 लोगों पर दर्ज हुआ था मुकदमा 
जीआरपी इंस्पेक्टर अमीराम सिंह ने बताया कि वर्ष 1995 निशोई हाल्ट पर एक ट्रेन में आगजनी की घटना हुई थी। जिसमें करीब 15 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें से सभी लोग कोर्ट में पेश हो रहे थे। मगर कुछ लोग थे जो कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुए। उनमें से एक विपिन कुमार भी शामिल था। जब कोर्ट से कुर्की वारंट जारी हुआ तो जीआरपी इंस्पेक्टर ने एक टीम बनाई और फरार विपिन की तलाश शुरू कर दी।
मुकदमे के वक्त बरेली का निवासी था आरोपी 
जिस वक्त आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया उस वक्त वह मूल रूप से बरेली के बिशारतगंज थाना के अतरछेड़ी का रहने वाला था। मगर घटना के कुछ सालों बाद वह बादयूं के जवारपुरी थाना के रोजा में जाकर रहने लगा था। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर जीआरपी अमीराम सिंह, सब इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह, हेड कांस्टेबल हरगोविंद और कांस्टेबल शशि कुमार शामिल थे।
 

नीति के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार की कोरोना प्रबंधन की लचर नीति के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। इसलिए मृतक परिवार को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त स्तर पर अस्पताल में वेंटीलेटर आदि की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई। जिसके कारण लोगों की मृत्यु हुई है। सरकार इसके लिए जिम्मेदार है इसलिए प्रत्येक मृतक परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने कोरोना मृतक परिजनों को 50 हज़ार रुपये देने की बात उच्चतम न्यायालय में कही है। उन्होंने कहा कि यह राशि बहुत कम है और इतना पैसा मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने पर ही खर्च हो जाते हैं।
प्रधानमंत्री केयर्स फंड का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सरकार के पास 50 करोड रुपए से अधिक की राशि आई है और उसका कहीं कोई हिसाब नहीं है। यह राशि कोरोना के नाम से आई है इसलिए कोराना मृतकों के परिजनों को इस निधि से भी पैसा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण हुई मौत का आंकड़ा छिपाया नहीं जाना चाहिए और इसको लेकर सर्वेक्षण भी कराया जाना चाहिए। देश में कोरोना के कारण बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी गई है, लोगों का कारोबार खत्म हुआ है।

तकनीक: केसर उत्पादक किसानों की आय दोगुनी

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज कहा कि सरकार की नीतियों और तकनीक के बदौलत केसर उत्पादक किसानों की आय दोगुनी हो गयी है। तोमर ने फिक्की की ओर से आयोजित 10वें कृषि रसायन सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के केसर उत्पादक किसानों की पैदावार और उनके उत्पाद का दाम बढा है। अब केसर के दाम एक लाख रुपये प्रति किलो से बढकर दो लाख रुपये प्रति किलो मिलने लगे हैं।
ऐसा वहां केसर पार्क की स्थापना करने , नयी तकनीकों के अपनाने ,ग्रेडिंग , ब्रांडिंग और पैकेजिंग करने के कारण हुआ है । उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी होने के ऐसे कई उदाहरण हैं और आने वाले समय में आय दोगुनी करने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि खेती में रासायनिक उर्वरकों और रसायनों के प्रयोग से उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि हुयी है और इसको नकारा नहीं जा सकता है लेकिन अतिउपयोग को बर्जित किया जाना चाहिए ।
रासायनिक , जैविक और प्राकृतिक खेती में संतुलन होना चाहिए। प्रकृति के खिलाफ इन्सान जाता है तो उसका दु:परिणाम भी भुगतना पड़ता है । खेती में रसायन से एकदम दूर हटना उचित नहीं है। किसान रसायन के साथ ही जैविक कृषि पर जोर दें । तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकताको सिद्ध किया है।
कोविड के संकटकालीन समय में भी कृषि क्षेत्र का कामकाज बेहतर रहा है, कृषि आधारित उद्योगों की स्थिति भी कमोबेश संतोषजनक बनी रही है । इस क्षेत्र को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़े और देश की जरूरतों की पूर्ति के साथ ही दुनिया के लिए भी आपूर्ति करने में भारत सक्षम बना रहे। हमारा चिंतन ” वसुधैव कुटुम्बकम ” पर आधारितहै।
इसी भावना से देश आगे बढ़ता रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश कृषि उपज के मामले में दुनिया में भारत पहले या दूसरे स्थान पर है और हमारी कोशिश है कि देश इस दिशा में निरंतर बढ़ता रहे। कृषि उपज के निर्यात में भी भारत, विश्व में पहले 10 स्थान में शामिल हो चुका है, इस स्थिति को भी और आगे बढ़ाने की इच्छा किसानों व देश की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते है कि खेती के प्रति रूचि बढ़े व किसानों की आमदनी दोगुनी हों।
अनेक योजनाओं के माध्यम से इस दिशा में काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) स्कीम में अभी तक 11.37 करोड़ किसानों को 1.58 लाख करोड़ रूपए सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को ऋण सहायता दी जा रही है, वहीं एक लाख करोड़ रूपए के ऐतिहासिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड द्वारा क्षेत्र की बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम लोगों और नई पीढ़ी की रूचि कृषि के प्रति बढ़े, खेती लाभकारी बनें, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो, कृषि के जरिये अधिकाधिक रोजगार पैदा हो, नई टेक्नालाजी का लाभ किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिलें। कृषि सुधार कानून के जरिये किसानों को बाजार की स्वतंत्रता मिली है, कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भी प्रारंभ किया है, जिसमें अभी तक साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार किया जा चुका है और इस साल दिसंबर तक 8 करोड़ किसानों का डाटाबेस पूरा हो जाएगा। सरकार 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ)बनाने की योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।

सड़क दुर्घटना में 3 पुलिसकर्मियों सहित 4 की मौंत

श्रीराम मौर्य       
शिमला। हिमाचल प्रदेश के ऊना और मंडी जिले में पिछले 24 घंटे में अलग-अलग सड़क दुर्घटना में तीन पुलिस कर्मियों सहित चार लोगों की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हो गये। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के प्रवक्ता सुदेश मोक्ता ने आज बताया कि ऊना जिले में पुलिस थाना गगरेट के तहत होशियारपुर मार्ग पर चेक पोस्ट से 150 मीटर पीछे आशापुर बैरियर के पास बाइक पर सवार तीन पुलिस कर्मियों को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रात 1030 बजे के करीब तीनों जवान एक बाइक पर सवार होकर आशादेवी में स्थित पुलिस चेक पोस्ट पर जा रहे थे तो रास्ते में किसी अज्ञात वाहन ने बाइक सवारों को कुचल दिया। तीनों चैाथी आईआरबीएन बटालियन के जवान थे और सिविल ड्रेस में थे।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...