मंगलवार, 14 सितंबर 2021

दिक्कतों से संबंधित शिकायतों का संज्ञान लिया

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने किसान आंदोलन के कारण लोगों, औद्योगिक इकाइयों और कंपनियों को हो रही दिक्कतों से संबंधित शिकायतों का संज्ञान लेते हुए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि उसे इस संबंध में अनेक शिकायतें मिली हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि आंदोलन के कारण रास्तों के बंद होने से छोटी बड़ी 900 से अधिक औद्योगिक इकाइयों पर प्रभाव पड़ा है। 
आंदोलन के कारण सड़क मार्ग भी प्रभावित हुआ है जिससे आम लोगों, रोगियों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों तथा वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से परेशानी हो रही है। आयोग को यह भी रिपोर्ट मिली है कि आंदोलनों स्थलों के पास बैरिकेड लगे होने के कारण लोगों को बहुत लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। शिकायतों का संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों को इस संबंध में की गई कार्रवाई का ब्यौरा देने को कहा है।
आयोग को मिली शिकायतों में यह भी आरोप लगाया गया है कि आंदोलन स्थलों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है साथ ही आसपास रहने वाले लोगों को रास्ते बंद होने के कारण अपने घरों में ही कैद होना पड़ रहा है। आयोग का मानना है कि विरोध प्रदर्शन मानव अधिकार का मुद्दा है लेकिन साथ ही इसके कारण अन्य लोगों के मानवाधिकार प्रभावित होने पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
आयोग ने इन राज्यों से किसान आंदोलन के कारण औद्योगिक और व्यवसायिक कामकाज पर हुए प्रतिकूल प्रभाव का आकलन करने और यातायात सेवाओं के बाधित होने के कारण आम लोगों पर पड़े बोझ तथा खर्च पर 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से भी आंदोलन स्थलों पर कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के बारे में रिपोर्ट मांगी है। उसने आंदोलन स्थल पर एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के साथ सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित मामले में मुआवजे के बारे में भी जानकारी देने को कहा है।
इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क से भी आंदोलन के कारण लोगों की आजीविका और उनके जीवन पर हुए असर के बारे में सर्वेक्षण करवाने को भी कहा गया है।

एप्पल ने आईफोन में सुरक्षा खामी को ठीक किया

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एप्पल ने आईफोन में उस सुरक्षा खामी को ठीक कर लिया है। जिससे हैकर्स उपयोगकर्ता के इस्तेमाल के बगैर ही आईफोन तथा एप्पल के अन्य उपकरणों को सीधे हैक कर सकते थे। टोरंटो विश्वविद्यालय की सिटीजन लैब के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि सऊदी अरब के एक कार्यकर्ता के आईफोन की जासूसी के लिए इस सुरक्षा चूक का फायदा उठाया गया।
उन्होंने बताया कि उन्हें पूरा भरोसा है कि दुनिया की सबसे कुख्यात हैकर कंपनी इजराइल का एनएसओ समूह इस हमले के पीछे है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह सुरक्षा खामी एप्पल के सभी प्रमुख उपकरणों आईफोन, मैक्स और एप्पल वॉच में थी। एनएसओ समूह ने एक पंक्ति का बयान जारी कर कहा कि वह ”आतंक और अपराध” से लड़ने के लिए उपकरण मुहैया कराता रहेगी।
अनुसंधानकर्ताओं ने सात सितंबर को एक संदिग्ध कोड पाया और तुरंत एप्पल को सूचना दी। यह पहली बार था जब तथाकथित ”जीरो-क्लिक” के दुरुपयोग के बारे में पता चला जिसमें उपयोगकर्ता को संदिग्ध लिंक या हैक फाइलों को खोलने के लिए उस पर क्लिक करने की आवश्यकता नहीं होती।
सिटीजन लैब ने पहले जीरो क्लिक का दुरुपयोग अल-जजीरा के पत्रकारों और अन्य लोगों के फोनों को हैक करने के किए जाने के सबूत पाए थे। एक ब्लॉग पोस्ट में एप्पल ने कहा कि वह आईफोन और आईपैड के लिए सुरक्षा अपडेट जारी कर रहा है क्योंकि एक संदिग्ध पीडीएफ फाइल से उनका फोन हैक हो सकता था।

स्थानों पर जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी की सरकार को उस प्रतिवेदन पर फैसला लेने का निर्देश दिया। जिसमें श्रद्धालुओं को कोविड-19 संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए धार्मिक स्थानों पर जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘डिस्ट्रेस मैनेजमेंट कलेक्टिव’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया, ”हम संबंधित प्रतिवादी प्राधिकारियों को मामले में लागू कानून, नियमों, नियमनों और सरकारी नीति के अनुसार 25 जुलाई 2021 के प्रतिवेदन पर फैसला करने का निर्देश देते हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में ”अच्छी-खासी कमी” को देखते हुए प्राधिकारियों ने मॉल, जिम और स्पा समेत कई स्थानों को खोलने की अनुमति दे दी लेकिन दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 30 अगस्त के ताजा आदेश में भी धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया।
उन्होंने कहा, ”धार्मिक स्थान खुल सकते हैं लेकिन आम जनता को आने की अनुमति नहीं है…मैंने श्रद्धालुओं को आने की अनुमति देने का प्रतिवेदन 40 दिन पहले भेजा था।” दलीलों पर सुनवाई के बाद अदालत ने कहा, ”हम उन्हें इस मुद्दे पर फैसला करने का निर्देश दे रहे हैं।”
वकील रॉबिन राजू के जरिए दायर की याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि ”ऑनलाइन पूजा करने की सेवा देने से वैसा अनुभव नहीं मिल सकता जो” जो शारीरिक रूप से जाकर दर्शन करने में मिलता है और श्रद्धालुओं पर जारी पाबंदी से ”ऐसा लगता है कि प्राधिकारी धार्मिक स्थलों को केवल पूजा स्थलों के तौर पर देखते हैं न कि जरूरत के तौर पर।” साथ ही याचिका में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी लगाना गैर कानूनी और मनमाना है तथा यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है।

50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग को ठुकराया

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। 60 साल से कम आयु में मरने वाले वकीलों के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसने प्रचार के उद्देश्य से ऐसी याचिका दाखिल की है। जजों ने यह भी कहा कि अगर कोई काले कोट में है, इसका मतलब यह नहीं कि उसकी जान दूसरों से ज्यादा कीमती है। कोर्ट ने याचिका को बेकार बताते हुए याचिकाकर्ता पर 10 हज़ार रुपए का हर्जाना भी लगाया।
मामले पर याचिका वकील प्रदीप कुमार यादव ने दाखिल की थी। उनका कहना था कि वकील सिर्फ अपने पास आने वाले मुकदमों से ही आय अर्जित करते हैं। उनकी आमदनी का कोई दूसरा साधन नहीं होता। वकील समाज की सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर रहते हैं लेकिन उन्हें कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। यहां तक कि अधिकतर मकान-मालिक अपने यहां किसी वकील को किराएदार नहीं रखना चाहते।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि हर साल जिला अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लाखों मुकदमे दाखिल होते हैं।  हर मुकदमे के दाखिल होते समय अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए भी लगभग ₹25 का स्टांप लगाया जाता है। पर जब कोई वकील दिक्कत में होता है, तो इस कोष का उसे कोई लाभ नहीं मिल पाता। अलग-अलग बार एसोसिएशन और बार काउंसिल वकील की सहायता के लिए सामने नहीं आते। इसलिए, इस फंड का सही उपयोग यही होगा कि 60 साल से कम उम्र में कोई वकील मरे, तो उसके लिए 50 लाख रुपए मुआवजा मिले। वकील की मौत कोरोना या दूसरे किसी भी कारण से हो, परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
आज यह मामला जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और भी बी वी नागरत्ना की बेंच में लगा। जज याचिका से बिल्कुल भी आश्वस्त नजर नहीं आए। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जताते हुए कहा, अब समय आ गया है कि हमें इस तरह के फर्जी पीआईएल को रोकने के लिए कुछ करें। आपकी याचिका में एक भी बात ऐसी नहीं है जिस पर विचार करने की जरूरत है। आप समझते हैं कि आप कहीं से भी कट और पेस्ट कर याचिका दाखिल कर देंगे और जज उसे नहीं पढ़ेंगे, तो ऐसा नहीं होता है। कोर्ट ने आगे कहा कहा कि पिछले दिनों बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। सब के जीवन का समान महत्व है। वकीलों को अपवाद की तरह नहीं देखा जा सकता है।

प्रदेश के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनीं

दुष्यंत टीकम         
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रही लगातार बारिश से प्रदेश के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है। सोमवार को रायपुर में 68.2 मिमी बारिश हुई है। ये इस सीजन की अब तक की सबसे अतिभारी बारिश मानी जा रही है। प्रदेश भर के कई नदी-नाले उफान पर हैं। जिसके चलते कई जलप्रपात भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रदेश के कई मंदिरों के गर्भगृह में भी पानी भर गया है। कई इलाकों में घरों और पुलिस थानों में भी जलभराव की स्थिति देखी जा रही है।
वहीं, गरियाबंद जिले के घटारानी जलप्रपात भी इन दिनों पूरे शबाब पर है। पिछले दो दिनों से अंचल सहित क्षेत्र में दिन रात हो रही लगातार बारिश के चलते माँ घटारानी का जलप्रपात लोगों को मंत्र मुग्ध कर आकर्षित कर रहा है। यहां पहाड़ों से होकर गिरने वाली तेज धार की शक्ल झरने में तब्दील हो गया है। जो अब लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यही वजह है कि अंचल सहित प्रदेश भर के दूर-दराज से लोग धार्मिक स्थल माँ घटारानी के दर्शन के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने यहां पहुँच रहे हैं।


सड़क किनारे मौजूद सेंटर में डोसा का स्वाद चखा

कविता गर्ग       
मुबंई। साउथ सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन अपनी फिल्मों के अलावा अपने डाउन टू अर्थ स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में एक्टर फ‍िल्म पुष्पा की शूट‍िंग के लिए आंध्र प्रदेश स्थ‍ित जंगल से होकर जा रहे थे। इस दौरान अल्लू अर्जुन ने सड़क किनारे मौजूद एक छोटे से ट‍िफ‍िन सेंटर में डोसा का स्वाद चखा। उनका यह वीड‍ियो सोशल मीड‍िया पर वायरल हो रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म के डायरेक्टर सुकुमार ने जंगल में एक लंबे शेड्यूल का प्लान बनाया है। हालांकि भारी वर्षा के कारण शूट लोकेशन को बदलकर काक‍िनाडा कर दिया गया। इसी बीच जब अल्लू अर्जुन ट्रैवल कर रहे थे तब उन्होंने सड़क किनारे डोसा का लुत्फ उठाया। डोसा खाने के बाद उन्होंने ट‍िफ‍िन सेंटर के माल‍िक को एक हजार रुपये दिए जिसे ओनर ने लेने से मना कर दिया।
 बातचीत में अल्लू अर्जुन को ट‍िफिन सेंटर के माल‍िक की खराब आर्थ‍िक स्थ‍ित‍ि का पता चला। एक्टर ने बिना किसी देरी के उनके आगे मदद का प्रस्ताव रखा और उन्हें हैदराबाद आने को कहा। इतने बड़े सुपरस्टार का यह सौम्य स्वभाव और उनकी दर‍ियादिली ने सभी का दिल जीत लिया है। फैंस अपने पसंदीदा एक्टर की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
बता दें सुकुमार के निर्देशन में बन रही फिल्म पुष्पा में अल्लू अर्जुन, रश्म‍िका मंधाना और फहद फास‍िल दो हिस्से में बनाया जाएगा। यह फिल्म क्रिसमस में रिलीज होने को तैयार है। दिलचस्प बात ये है कि क्रिसमस पर आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा भी थ‍िएटर्स में रिलीज होगी। इन दोनों ही सुपरस्टार्स की फिल्मों का यह क्लैश देखने लायक होगा।

फैशन सेन्स की वजह से सुर्खियों में रहती हैं परिणिति

कविता गर्ग         
मुबंई। बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा अक्सर अपने लुक्स और फैशन सेन्स की वजह से सुर्खियों में रहती हैं।हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं।जिनमें वह अपने जूतों का कलेक्शन दिखा रही हैं। सोशल मीडिया पर उनकी ये तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं।
इस तस्वीर में उनका काफी बड़ा जूतों का कलेक्शन दिख रहा है। इस तस्वीर के साथ परिणीति ने कैप्शन लिखा, " बस पांच मिनट में तैयार। एक्ट्रेस की इन तस्वीरों पर कई सेलेब्स ने अपना रिएक्शन दिया है। 
परिणीति ने एक और तस्वीर शेयर की, जिसमें वह सोफे के नजर आ रही हैं। परिणीति के लुक्स उनके फैंस जमकर अपना रिएक्शन दे रहे हैं। परिणीति को जूतों का कलेक्शन रखना बेहद पसंद है। वह लगभग हर ब्रांड के जूते यूज करती हैं।
परिणीति को अक्सर अलग अलग जूतों में स्पॉट किया जाता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें जूतों का कलेक्शन रखना पसंद है। परिणीति समय समय पर फैंस के साथ अपनी तस्वीरें शेयर करती रहती हैं।
हाल ही में परिणीति फिल्म 'संदीप और पिंकी फरार', 'सायना' और 'द गर्ल ऑन द ट्रेन' में नजर आईं थीं। वह जल्दी ही रणबीर कपूर के साथ फिल्म 'एनिमल' में नजर आएंगी।




'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...