बुधवार, 25 अगस्त 2021

अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री की फोटो शेयर की

काबूल। अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री इन दिनों जर्मनी में पिज्जा डिलीवरी का काम कर रहे हैं। अफगान संकट के बीच उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है।जिसमें वह पिज्जा कंपनी की यूनिफॉर्म पहनकर डिलीवरी के लिए जाते नजर आ रहे हैं। सैयद अहमद शाह सआदत अफगानिस्तान में संचार मंत्री के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। ऐसे में उनका यूं पिज्जा डिलीवरी करना सभी के लिए चौंकाने वाला है। हालांकि, सैयद को खुद को डिलीवरी बॉय कहलाने में कोई शर्म नहीं।
एक जर्मन पत्रकार ने अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री की फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। पत्रकार ने पूर्व मंत्री से बातचीत भी की, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान के हाल और अपने बारे में बताया. सैयद अहमद शाह सआदत पिछले साल के आखिरी में अपने पद से इस्तीफा देकर जर्मनी चले आए थे. मुल्क छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ समय अच्छे से बिताया, लेकिन जब पैसा खत्म होने लगा तो उन्हें जीवनयापन के लिए 'स्काई न्यूज अरबिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व मंत्री सैयद जर्मनी के लीपजिंग की एक पिज्जा कंपनी के साथ काम कर रहे हैं। सैयद ने अपने देश छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की टीम और उनकी मांगों से सहमत नहीं होने की वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और सबकुछ छोड़कर जर्मनी चला आया। पूर्व अफगान मंत्री ने बताया कि उनके पास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संचार और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में दो मास्टर डिग्री हैं। इसके अलावा उन्होंने 13 देशों की 20 से अधिक कंपनियों के साथ कम्युनिकेशन की फील्ड में काम किया है।

हनोई: मामले की जांच के कारण कई घंटे की देरी हुईं

हनोई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की सिंगापुर से वियतनाम की यात्रा में हनोई में तथाकथित हवाना सिंड्रोम के एक संभावित मामले की जांच के कारण मंगलवार को कई घंटे की देरी हुई। प्रशासन के अधिकारियों ने इस आशय की जानकारी दी। हालांकि ये जांच अपने शुरुआती स्तर पर ही थी और अधिकारियों ने हैरिस से कहा कि वे अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक वियतनाम में रुक सकती हैं। हैरिस के इस दौरे का उद्देश्य अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकलने के बीच अमेरिकी विदेश नीति के बारे में सहयोगियों को आश्वस्त करना है।  हवाना सिंड्रोम स्वास्थ्य से जुड़ी कई रहस्यमय घटनाओं को कहा जाता है। इस सिंड्रोम  को पहली बार अमेरिकी राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों ने 2016 की शुरुआत में क्यूबा की राजधानी में रिपोर्ट किया था।
हालांकि ये तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि हनोई में कौन हवाना सिंड्रोम का शिकार हुआ है। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि जो भी सिंड्रोम का शिकार व्यक्ति है, वह ना तो उपराष्ट्रपति के लिए और ना ही व्हाइट हाउस के लिए काम करता है। हनोई स्थित अमेरिकी दूतावास के बयान के मुताबिक हैरिस के दौरे में देरी इसलिए हुई कि उपराष्ट्रपति के कार्यालय को वियतनाम की राजधानी में हाल ही में एक संभावित असामान्य स्वास्थ्य घटना की एक रिपोर्ट के बारे में पता चला। हालांकि दूतावास ने कोई और जानकारी उपलब्ध नहीं कराई लेकिन कहा कि हैरिस ने स्थिति का आकलन करने के बाद हनोई जाने का फैसला किया।
हवाना सिंड्रोम को परिभाषित करने के लिए अमेरिकी सरकार "असामान्य स्वास्थ्य घटना" का प्रयोग करती है। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों ने बताया कि उन्हें कर्णभेदी शोर सुनाई देता है और वे चेहरे पर भारी तनाव महसूस करते हैं। कभी कभार दर्द, मितली और चक्कर भी आता है। इस तरह के मामले जर्मनी, ऑस्ट्रिया, रूस और चीन में कार्यरत अमेरिकियों द्वारा भी रिपोर्ट किए गए हैं। इस मामले को परिभाषित करने के लिए कई सारी दलीलें दी गई हैं, जैसे लोगों को टारगेट करके माइक्रोवेब और सुपरसोनिक अटैक करना, जोकि जासूसी या हैकिंग के लिए हो सकता है।
अमेरिका इस तरह के मामलों को बेहद गंभीरता से लेता है और हाल ही में दो ऐसे केस वॉशिंगटन में दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक मामले में नवंबर में व्हाइट हाउस के अधिकारी ने चक्कर आने की सूचना दी थी। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि मामले में रूस संलिप्त हो सकता है, हालांकि मास्को ने इनकार कर दिया।
बता दें कि कमला हैरिस को मंगलवार की शाम को सिंगापुर में भाषण देने के बाद हनोई जाना था, लेकिन उनकी फ्लाइट में तीन घंटे से ज्यादा की देरी हुई। हालांकि हैरिस के मुख्य प्रवक्ता साइमन सिंड्रोम ने स्थिति पर बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हैरिस ठीक हैं और पत्रकारों ने मंगलवार को उन्हें कई बार देखा है, इसलिए उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
इधर वॉशिंगटन में कांग्रेस ने मामले को उठाया और हाउस और सीनेट में सभी पार्टियों ने इस पर चिंता जताई और सिंड्रोम की जांच के लिए बाइडन सरकार से मांग की।  बाइडन सरकार पर इस तरह के मामलों की जांच कराने का बेहद दबाव है, क्योंकि हाल के दिनों में हवाना सिंड्रोम के मामले बढ़े हैं। लेकिन वैज्ञानिक और सरकार ने इस बारे में निश्चित नहीं है कि इस हमले के पीछे कौन हो सकता है। और यह भी क्या ये लक्षण सर्विलांस उपकरणों की वजह से होते हैं, या इसके पीछे किसी तरह का हमला है। 
हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन ही दिया है, और कहा है कि सिंड्रोम से प्रभावित लोगों को बढ़िया मेडिकल केयर उपलब्ध कराया जाएगा। हवाना सिंड्रोम के बारे में एक महत्वपूर्ण विश्लेषण ये सामने आया है कि इसके पीछे रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी हो सकती है। बीते दिसंबर में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट में रेडियो फ्रीक्वेंसी अटैक मस्तिक की संचालन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और इससे कोई बहुत ज्यादा नुकसान भी नहीं होगा। हालांकि पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि अमेरिकी अधिकारियों को किस तरह टारगेट किया जाता है।

सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा किया

हरिओम उपाध्याय            
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश की योगी सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा कर दिया है। जानकारी के अनुसार कर्मियों के डीए में 11 प्रतिशत की बढ़ाेतरी की गई है। खास बात ये हैं कि बढ़ी हुई दर 1 जुलाई से ही लागू मानी जाएगी। अब राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढ़ कर 28 प्रतिशत हो गया है। केंद्र सरकार की तर्ज पर ही यूपी सरकार ने भी ये निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। साथ ही करीब 12 लाख पेंशनधारियों को भी बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। बताया जा रहा है कि अगस्त के वेतन के साथ ही कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने जुलाई में महंगाई भत्ते और महंगाई राहत बढ़ाने को लेकर अधिकारियों से जल्द से जल्द प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा था।  इसके साथ ही अपनी टीम 9 के साथ बैठक के दौरान सीएम ने वित्त विभाग को भी इस संबंध में खास निर्देश दिए थे। सीएम का कहना था कि कोरोना काल के दौरान राज्य कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के लाभ से वंचित रखा गया इसके चलते अब डीआर को जल्द से जल्द रिलीज करने का इंतजाम किया जाए।
गौरतलब है कि कोरोना के दौरान विषम परिस्थितियों को देखते हुए योगी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों के महंगाई राहत के भुगतान पर रोक लगा दी थी। वित्तीय संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने अप्रैल 2020 में इस पर रोक लगाई थी।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने भी केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा कर 28 प्रतिशत कर दिया था। जिसके बाद बिहार सरकार ने भी महंगाई भत्ते में बढ़ाेतरी की थी। इसी तर्ज पर अब योगी सरकार ने भी महंगाई भत्ते को बढ़ा दिया है।

सरकार ने बच्चा गोद लेने के नियमों में प्रावधान जोड़ा

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। सरकार ने बच्चा गोद लेने के नियमों में नया प्रावधान जोड़ा है। जिसके तहत बच्चा गोद लेने के दो साल के भीतर विदेश जाने के इच्छुक अभिभावकों को अपने आने-जाने के संबंध में पूरी सूचना कम से कम दो सप्ताह पहले भारतीय राजनयिक मिशन को उपलब्ध करानी होगी. महिला और बाल विकास मंत्रालय की गजट में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, अभिभावकों को यह सूचना लिखित में देनी होगी और साथ में अपना पूरा संपर्क विवरण भी देना होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि अभिभावक के साथ बच्चा जिस देश में जा रहा है। वहां स्थित भारतीय राजनयिक मिशन की जिम्मेदारी होगी कि वह दत्तक ग्रहण विनिमन नियमा, 2017 के तहत बच्चे के संबंध में सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करे।
दत्तक ग्रहण (प्रथम संसोधन) विनियमन, 2021 में कहा गया है। संशोधन को किशोर न्याय (देखभाल और बाल संरक्षण) कानून, 2015 के तहत अधिसूचित कर दिया गया है। इससे पहले नियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था जिसमें अभिभावकों को मिशन को सूचित करना पड़े। अधिसूचना के अनुसार, ‘‘दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017, की नियम संख्या 40 के उपनियम (7) के बाद निम्न उपनियम (सूचना देने संबंधी) को जोड़ा जाए।
नये उप-नियम 7ए में कहा गया है कि बच्चा गोद लेने वाले अभिभावक अगर गोद लेने के दो साल के भीतर बच्चे के साथ विदेश जाना चाहते हैं तो उन्हें वहां स्थानीय भारतीय राजनयिक मिशन को वहां पहुंचने और वहां से रवानगी के संबंध में लिखित में कम से कम दो सप्ताह पहले सूचना देनी होगी, सूचना में उन्हें अपना पूरा नाम, नयी जगह का पता, फोन नंबर आदि देना होगा। यह स्थानीय भारतीय मिशन की जिम्मेदारी होगी कि वह गोद लिए हुए बच्चे के संबंध में दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017 की सभी जिम्मेदारियों को निभाए।

सलमान को एयरपोर्ट पर रोकने वाले को सजा नहीं

कविता गर्ग                 
मुबंई। सलमान खान को एयरपोर्ट पर रोकने वाले सीआईएसएफ अफसर को सजा नहीं, बल्कि इनाम दिया गया है। ये जानकारी खुद सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्सेज) के हैंडल से ट्वीट की गई है। रिपोर्ट्स थीं कि सीआईएसएफ इंस्पेक्टर का फोन जब्त कर लिया गया है और उन्हें मीडिया से बात न करने की हिदायत दी गई हैं। ये रिपोर्ट्स वायरल होने पर सीआईएसएफ ने ट्वीट करके बताया है कि ये खबरें गलत हैं।
सलमान खान 19 अगस्त की शाम 'टाइगर 3' की शूटिंग के लिए रूस के लिए रवाना हुए हैं। एयरपोर्ट से उनकी कई तस्वीरें और वीडियोज वायरल हुए थे। वीडियो में सबका ध्यान एक सीआईएसएफ अफसर ने खींचा था, जिसने सलमान को चेकिंग पॉइंट पर रोक लिया था। पपराजी के सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद लोगों ने उस अफसर की काफी तारीफ की थी। कई लोगों ने उनके हैंडसम होने तो कुछ ने उनके ड्यूटी निभाने को सराहा था।
बीते दिनों रिपोर्ट्स थीं कि अफसर ने किसी मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिया था जिसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताकर उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया था। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया था कि उन्हें दोबारा ऐसा न करने की हिदायत दी गई है। ये खबरें वायरल होने के बाद सीआईएसएफ ने ट्वीट किया है। ट्वीट में लिखा है, इस ट्वीट का कॉन्टेंट सही नहीं है और निराधार है। सच तो ये है कि संबंधित अफसर को उनकी ड्यूटी के प्रति प्रोफेशनलिजम को देखते हुए इनाम दिया गया है।

गिरफ्तार हुए केंद्रीय मंत्री नारायण को जमानत मिलीं

कविता गर्ग               
मुबंई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ दिए अपने बयान के बाद मंगलवार को गिरफ्तार हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को आखिरकार देर रात जमानत मिल गई। रायगढ़ जिले के महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नारायण राणे को उद्धव ठाकरे के खिलाफ दिए अपने बयान के सिलसिले में बेल दे दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए बीजेपी ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया है और महाराष्ट्र की सरकार को निशाने पर लिया है। नासिक पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में नोटिस भेजकर 2 सितंबर को थाने में पेश होने को कहा।

1 बड़े साइबर ठग को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया

पंकज कपूर                     
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एक बड़े साइबर ठग को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। असोम में पाया जाने वाला गोल्डन रिटरेविर नस्ल का कुत्ता बेचने के नाम पर दून की महिला से 66 लाख रुपये की ठगी की थी। एसटीएफ टीम ने बेंगलुरु सें सेंट्रल अफ्रीका का अंतरराष्ट्रीय साइबर क्रिमिनल रिपब्लिक आफ कैमरुन निवासी डिंगबोबगा क्लोवेस उर्फ बाबी इब्राहिम को गिरफ्तार किया है।
मंगलवार को एसटीएफ की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लेकर आई। वह भारत में कब से रह रहा है और अब तक ठगी की कितनी घटनाओं को अंजाम दे चुका है, उससे पूछताछ की जा रही है। जानकारी देते हुए डीआइजी एसटीएफ नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि विगत 12 जुलाई को दून के मोथरोवाला में रहने वाली चिकित्सक आरती रावत ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। 20 जून 2021 को उन्होंने बेटी के जन्मदिन पर कुत्ते का बच्चा मंगवाने के लिए जस्ट डायल पर संपर्क किया। उसे एक व्यक्ति का नंबर मिला, जिसने गोल्डन रिटरेविर नस्ल के कुत्ते के बच्चे की कीमत 15 हजार रुपये बताई।
इसके बाद कुत्ते के बच्चे की डिलीवरी के लिए महिला से प्रोसेसिंग, सिक्योरिटी, शिपिंग, क्वारंटाइन आदि की फीस के नाम पर 22 जून से एक जुलाई तक 66 लाख 39 हजार 600 रुपये विभिन्न बैंकों के खातों में जमा करा लिए। जब एसटीएफ ने इसकी जांच की तो पता चला कि त्रिपुरा और महाराष्ट्र की विभिन्न बैंक शाखाओं ये पैसे जमा किये गये हैं। ठगी की रूपये बेंगलुरु में एटीएम के माध्यम से निकाली गई।
एसटीएफ की एक टीम बेंगलुरु में से गिरफ्तार किया गया। उसके पास चार मोबाइल फोन, एक लैपटाप, पांच कंपनियों के सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड और 36 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। बैंक के खातों में 13 लाख रुपये की धनराशि फ्रीज करा दी गई है। बाकी रकम आरोपी विदेश भेज चुका है।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...