गुरुवार, 22 जुलाई 2021

यूपी में टीकाकरण नीति से संक्रमण काबू में आया

हरिओम उपाध्याय             
लखनऊ। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगभग काबू में आ चुका है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 53 नये मामले सामने आये है जबकि सूबे के आठ जिलों में अब वैश्विक महामारी का कोई मरीज नहीं है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि देश मे सर्वाधिक आबादी वाले राज्य में हर दिन ढाई लाख से तीन लाख सैम्पल की जांच की जा रही है और पॉजिटिविटी दर 0.02 फीसदी है। 21 जुलाई तक प्रदेश में 04 करोड़ 20 लाख 39 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है।उन्होने कहा कि अलीगढ़, बलरामपुर, बस्ती, एटा, महोबा, ललितपुर, हाथरस, श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। 
यह जिले आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। बीते कई दिनों से किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस नहीं मिल रहे हैं। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में महामारी की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है।उन्होने कहा कि अलीगढ़, बलरामपुर, बस्ती, एटा, महोबा, ललितपुर, हाथरस, श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जिले आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। बीते कई दिनों से किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस नहीं मिल रहे हैं। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में महामारी की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है।वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1,028 है। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति कारगर रही है। इसी के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। योगी ने कहा कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 02 लाख 34 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की गई और 53 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 56 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। इस अवधि में पॉजिटिविटी दर 0.02 प्रतिशत रही।
प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 फीसदी है। 44 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 31 जिलों में इकाई अंक में मरीज पाए गए।अब तक 06 करोड़ 33 लाख 07 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। 16 लाख 84 हजार 286 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

पेट्रोल के दाम लगातार 5वें दिन रिकॉर्ड स्तर पर स्थिर

अकांशु उपाध्याय                    
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल के दाम आज लगातार पाँचवें दिन रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर स्थिर रहे। डीजल के मूल्य में भी लगातार सातवें दिन कोई बदलाव नहीं किया गया।
अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल 101.84 रुपये और डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा। देश के दूसरे शहरों में भी पेट्रोल-डीजल के दाम आज स्थिर रहे।पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

संतान प्राप्ति के लिए मरणासन्न के वीर्य देने की अनुमति

इकबाल अंंसारी         
अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने आज एक अनूठे मामले की सुनवाई करते हुए कोरोना के कारण मरणासन्न पड़े एक युवक का वीर्य उसकी पत्नी को आइवीएफ पद्धति से संतान प्राप्ति के लिए देने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति ए शास्त्री की अदालत ने मूल रूप से अहमदाबाद की रहने वाली और कनाडा की स्थायी रेज़िडेन्सी प्राप्त इस विवाहिता को कृत्रिम रूप से गर्भाधान के लिए कोरोना से गम्भीर रूप से पीड़ित उसके पति का वीर्य दिए जाने की अनुमति दे दी।इस मार्मिक मामले की याची महिला की शादी पिछले साल अक्टूबर में हुई थी। उसके पति मूल रूप से गुजरात के भरूच के रहने वाले है पर दोनो की मुलाक़ात तीन साल पहले कनाडा में ही हुई थी। दोनो प्रेम विवाह के बाद ख़ुश थे पर अचानक इस साल फरवरी में युवक के पिता हृदय की बीमारी के चलते गम्भीर हो गए। उनके इलाज के लिए युवक को गुजरात आना पड़ा और उसके प्रयास से पिता ऑपरेशन के बाद स्वस्थ हो गए पर अस्पताल आने जाने के क्रम में उसे कोरोना का संक्रमण हो गया।युवक की स्थिति बिगड़ने पर 10 मई को उसे भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 
अस्पताल में भी दिनो दिन उसकी स्थिति बिगड़ती गयी। उसका फेफड़ा बुरी तरह संक्रमित हो गया और अब वह मल्टिपल ऑर्गन फ़ेल्यर के कारण मरणासन्न है। उसकी पत्नी ने ऐसी स्थिति में उसके साथ अपने संतान प्राप्ति की इच्छा से अस्पताल के ज़रिए पति का वीर्य हासिल करने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।

जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 144 नए मामलें मिलें

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बुधवार को कोरोना वायरस के 144 नए मामले आए। जिससे संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 3,20,256 हो गई। जबकि एक मौत के साथ मृतकों की संख्या 4,372 हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के नए मामलों में से 32 जम्मू संभाग से और 112 कश्मीर संभाग से आए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,602 रह गई, जबकि 3,14,282 मरीज अब तक संक्रमण से उबर चुके हैं।
इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश में म्यूकोर्मिकोसिस (काला कवक) के 35 पुष्ट मामले हैं क्योंकि कोई ताजा मामला सामने नहीं आया है।

बीएसएफ के 1 अधिकारी सहित 5 जवान घायल हुए

श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के शीरी बारामुला में बीएसएफ के जवानाे को ले जा रहा एक वाहन पलटा। इसमें सवार बीएसएफ के एक अधिकारी सहित पांच जवान घायल हो गए हैं। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। जहां इनका उपचार जारी है।
जानकारी के अनुसार, बीएसएफ की 194वीं बटालियन के अधिकारियों व जवानों को लेकर वाहन मोहारू से बारामुला की ओर जा रहा था कि अचानक शीरी पुलिस स्टेशन के समीप चालक वाहन से अपना नियंत्रण खो बैठा। 
इस हादसे में वाहन में सवार बीएसएफ के अधिकारी सहित पांच जवान घायल हो गए हैं। इनकी पहचान असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार, हैड कांस्टेबल मुकेश कुमार व तोता राम, कांस्टेबल अमनदीप व कांस्टेबल जाल सिंह के रूप में हुई है।
गौरतलब है कि गत सप्ताह उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिला के अंतर्गत सीमावर्ती उड़ी सेक्टर में एक कार गहरी खाई में गिर गई थी। इसमें सवार एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंच गए थे। उन्होंने तुरंत राहत कार्यों में हाथ बंटाते हुए घायलों को दुर्घटनाग्रस्त वाहन से बाहर निकाला। इस दौरान कार चालक मोहम्मद इस्लाम टास की मौके पर ही मौत हो गई थी। अन्य घायलों को राजकीय मेडिकल कॉलेज बारामुला में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था।

राजस्थान: बीकानेर में भूकंप के झटके महसूस किएं

नरेश राघानी               
जयपुर। बता दें कि बीते 12 फरवरी की सुबह भी बीकानेर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भी भूकंप के कारण किसी तरह के नुकसान होने की कोई बात सामने नहीं आई थी। इस बार भी नुकसान की बात अब तक सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी बीते साल में भूकंप के कई बार हल्के झटके महसूस किए जा चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में पांच बार भूकंप के झटकों से हिल चुकी थी। बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं। जो लगातार घूमती रहती हैं। 
जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं। वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

रसायन: गर्मियों के मौसम में रसीले आम का स्वाद

गर्मियों के मौसम में हर तरफ आम नजर आते हैं। मीठे और रसीले आम खाना हर किसी को पसंद होता है। आम में फाइबर, विटामिन सी, ए और कई सारे मिनरल्स पाए जाते हैं। आम में कई सारे एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। आम खाने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लेकिन आजकल बाजार में बिकने वाले कुछ आमों में ऐसे जहरीले केमिकल भी पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। कुछ फलों को नकली तरीके से पकाया जाता है और इन्हें नेचुरल और ताजा बनाकर बेचा जाता है। अगर आप ऐसा आम खा रहे हैं। जिसमें जूस नहीं है तो हो सकता है ये आम भी नकली तरीके से पकाया गया हो। बाजार में आम की कमी और लोगों की ज्यादा मांग को देखते हुए, पूरे भारत में आमों का कृत्रिम रूप से पकाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। आखिर केमिकल्स के इस्तेमाल से आम को कैसे पकाया जाता है। 
एक्सपर्ट के अनुसार, इस प्रक्रिया में प्रमुख रूप से कैल्शियम कार्बाइड रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है। कैल्शियम कार्बाइड के पैकेट को आम के साथ रखा जाता है। जब यह रसायन नमी के संपर्क में आता है, तो एसिटिलीन गैस बनती है। इसका प्रभाव एथिलीन के समान ही होता है, जो स्वाभाविक रूप से फल पकने की प्रक्रिया में इस्तेमाल होता है। सिर्फ आम ही नहीं बल्कि कई अन्य फल भी इसी तरह कृत्रिम रूप से पकाए जाते हैं। कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग द्वारा प्रतिबंधित है।  कैल्शियम कार्बाइड सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसकी वजह से चक्कर आना, नींद न आना, मानसिक भ्रम और यादाश्त कमजोर होने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कैल्शियम कार्बाइड तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। आर्सेनिक और फास्फोरस हाइड्राइड हार्मोन को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। 
कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग से फलों की गुणवत्ता काफी हद तक कम हो जाती है। इसकी वजह से फल बहुत ज्यादा नरम हो जाते हैं। इसकी वजह से फल में प्राकृतिक मिठास खत्म हो जाती है और ये नैचुरल तरीके से पके आमों की तुलना में तेजी से सड़ने लगते हैं। फलों में कैल्शियम कार्बाइड की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि वो कितना कच्चा है, इसके हिसाब से इसमें केमिकल की मात्रा बढ़ाई जाती है। इसके अलावा कृत्रिम रूप से पके आम में हरे रंग के धब्बे होने की संभावना होती है।
 ये पैच पीले रंग वाले आम से अलग होते हैं। नकली तरीके से पके आम खाने में मुंह में हल्की जलन, पेट में दर्द और दस्त का अनुभव हो सकता है।
आम के रस के जरिए भी असली-नकली की पहचान की जा सकती है। नेचुरल और अच्छी तरह से पके हुए आम में बहुत सारा रस होता है। जबकि कृत्रिम रूप से पके आम में बहुत कम या बिल्कुल भी रस नहीं होता है। इन कुछ तरीकों से आप असली-नकली फल और सब्जियों की पहचान कर सकते हैं।

ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं, निशाना साधा

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने संबंधी बयान को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘सब याद रखा जाएगा।’उन्होंने दूसरी लहर के दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी से संबंधित कुछ ब्यौरे का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ”सब याद रखा जाएगा।”गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है।

फुकुशिमा अजुमा बेसबॉल स्टेडियम पर भालू देखा

फुकुशिमा। ओलंपिक में दर्शकों के प्रवेश की भले ही मनाही हो। लेकिन यहां जापान और आस्ट्रेलिया की टीमों के बीच सॉफ्टबॉल मैच से पहले फुकुशिमा अजुमा बेसबॉल स्टेडियम पर बुधवार को एक भालू देखा गया।फुकुशिमा टोक्यो में मुख्य ओलंपिक आयोजन स्थलों से 150 किलोमीटर उत्तर में है। स्थानीय मीडिया के अनुसार वह एशियाई काला भालू था। शॉर्टस्टॉप अमांडा चिडेस्टेर ने कहा ,” मैने सुबह टैक्स्ट मैसेज देखा जिसमें पूछा गया था कि क्या यह सही है। वहां बड़ा काला भालू था। कहा जा रहा है कि वह मैदान में आ गया था।उन्होंने कहा ,” हमारी टीम की एक लड़की ने भी कहा कि समाचार में आ रहा है कि वहां भालू घुसा था। फिर मैने अपने परिवार को सूचित किया कि उनकी खबर सही थी। वहां सच में भालू था।’ उसके बाद वहां भालू नहीं दिखा। अमेरिकी कोच केन एरिक्सन ने कहा, हम तो ढूंढ रहे थे कि फिर कोई भालू दिख जाये। 

अजब: 18 साल की स्मिथ का शरीर 144 का हुआ

वाशिंगटन डीसी। हॉलीवुड सुपरस्टार ब्रैड पिट ने कुछ साल पहले एक फिल्म क्यूरियस केस ऑफ बेंजामिन बटन में काम किया था। इस फिल्म में ब्रैड का किरदार जब पैदा होता है तो बूढ़ा होता है और जब वो मरने वाला होता है। तब वो एक नवजात शिशु में तब्दील हो जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी अशांति स्मिथ की है। इंग्लैंड के वेस्ट ससेक्स में रहने वाली स्मिथ दुनिया का सबसे दुर्लभ सिंड्रोम है। स्मिथ को हचिनसन गिलफॉर्ड प्रोगेरिया सिंड्रोम है। जिसके चलते वे जब एक साल पूरा करती हैं तो उनका शरीर आठ साल अधिक हो जाता है। इसी के चलते 18 साल की स्मिथ का शरीर 144 साल के शख्स जैसा हो चुका है। 17 जुलाई को इस लड़की की मौत हो चुकी है। उनकी उम्र महज 18 साल थी लेकिन उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता कि वे 18 साल की युवा है। 
स्मिथ की जब मौत हुई तो उसके 33 साल के पिता शेन विकेन्स, उसकी मां और 25 साल की दोस्त कार्टराइट उसके साथ मौजूद थे। स्मिथ के अपनी मां को आखिरी शब्द थे। तुम्हें अब मुझे जाने देना होगा। 
स्मिथ की मां ने कहा कि प्रोगेरिया से उसकी मोबिलिटी पर फर्क पड़ा लेकिन लाइफ को लेकर उसके उत्साह में कोई फर्क नहीं आया। गंभीर सिंड्रोम होने के बावजूद वो अपनी परिस्थिति को लेकर विचलित नहीं थी। वो अपने दिल की बात हमें बताती थी। उसकी विलपावर बेहद स्ट्रॉन्ग थी। मैं उसे बहुत प्यार करती थी और उसने अपनी हिम्मत से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।हालांकि 144 साल का शरीर होने के बावजूद स्मिथ अपने दोस्तों के साथ रिलैक्स करती थी। मई के महीने में उसने अपना 18वां जन्मदिन मनाया था और इस दौरान उसने अपनी फेवरेट कॉकटेल ड्रिंक का आनंद भी उठाया था। 
वही इस मामले में बात करते हुए कार्टराइट ने कहा कि स्मिथ के जैसे हालात थे। उसके चलते वो कभी मानसिक तौर पर नकारात्मक फील नहीं करती थी।  वो काफी नॉर्मल थी। उसका शरीर भले ही 100 साल से अधिक का था लेकिन दिल से वो 18 साल की ही थी। 
गौरतलब है कि ब्रैड पिट की फिल्म आने के बाद इस दुर्लभ कंडीशन प्रोगेरिया को बेंजामिन बटन कंडीशन भी कहा जाने लगा था। ये बेहद दुर्लभ सिंड्रोम है। लेकिन किसी भी बच्चे में ये दो साल की उम्र से ही पता लगने लगता है। आमतौर पर इस सिंड्रोम में बच्चे के बाल झड़ जाते हैं। ग्रोथ रुक जाती है और आमतौर पर इस कंडीशन से जूझने वाले बच्चे 14 साल की उम्र में मर जाते हैं।

जासूसी: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, नेताओं और अन्य की इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित रूप से जासूसी कराए जाने की खबरों की न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच कराई जाए।
अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पेगासस कांड गहरी चिंता का विषय है और यह भारतीय लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश की सुरक्षा पर गंभीर हमला है तथा ”व्यापक स्तर और बिना किसी जवाबदेही के” निगरानी करना ”नैतिक रूप से गलत” है।
याचिका में कहा गया है, ”निजता कुछ छुपाने की इच्छा नहीं होती। यह स्वयं की ऐसी जगह होती है, जहां हमारे विचार एवं हमारा अस्तित्व किसी ओर के उद्देश्यों के साधन नहीं होते हैं। यह गरिमा के लिए आवश्यक तत्व है।” इसमें कहा गया है कि पेगासस का उपयोग केवल बातचीत सुनने के लिए नहीं होता, बल्कि इसके उपयोग से व्यक्ति के जीवन के बारे में पूरी डिजिटल जानकारी हासिल कर ली जाती है और इससे ना केवल फोन का मालिक असहाय हो जाता है, बल्कि उसकी संपर्क सूची में शामिल हर व्यक्ति ऐसा महसूस करता है।
याचिका पर आगामी दिनों में सुनवाई होने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि जासूसी संबंधी इस खुलासे से राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि निगरानी प्रौद्योगिकी विक्रेताओं अत्यधिक बढ़ोतरी” वैश्विक सुरक्षा और मानवाधिकार के लिए समस्या है। जनहित याचिका में दावा किया गया है कि ऐसा बताया जा रहा है कि एनएसओ ग्रुप कंपनी के ग्राहकों ने 2016 के बाद से करीब 50,000 फोन नंबर को निशाना बनाया है।
इसमें कहा गया है, ”पेगासस केवल निगरानी उपकरण नहीं है। यह एक साइबर-हथियार है जिसे भारतीय सरकारी तंत्र के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही यह आधिकारिक हो (जिसे लेकर संशय है), लेकिन पेगासस का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।

केंद्र सरकार के दावे पर तीखी आलोचना की: बसपा

हरिओम उपाध्याय          
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत न होने के केंद्र सरकार के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अति दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बसपा प्रमुख ने बृहस्पतिवार को ट्वीट के जरिये केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ”भारत में आक्सीजन की कमी से कोरोना की दूसरी लहर में खासकर जो अफरातफरी व मौतें आदि हुईं तो उससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार को विदेशी सहायता तक भी लेनी पड़ी, यह किसी से भी छिपा नहीं है, फिर भी आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति-दुखद है। 
उन्‍होंने कहा कि ”ऐसे मिथ्या बयानों से जनता में केन्द्र के प्रति अविश्वास भी पैदा हो रहा है कि आगे कोरोना की तीसरी लहर अगर आई तो क्या होगा? जबकि केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी प्राथमिकता व उत्तरदायित्व जनता के प्रति शत-प्रतिशत होना चाहिए व राजनैतिक एवं सरकारी स्वार्थ के प्रति कम।उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी। मंगलवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी।
उन्होंने यह भी बताया ”बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी । महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...