मंगलवार, 20 जुलाई 2021

संसद: महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं का हंगामा

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष लगातार केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर रही है। आज सदन के दूसरे दिन भी स्थिति हंगामे की ही रही। संसद में मंगलवार को किसान आंदोलन, पेगासस हैकिंग विवाद और महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं ने खूब हो हल्ला मचाया। इस कारण दूसरे दिन भी कई लोकसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए और राज्यसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि संसद के पहले सत्र के पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सासंदों के साथ मीटिंग की है और उ्हें कोरोना की तीसरी लहर से पहले जमीन पर काम करने की नसीहत दी है।बता दें कि पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। वह इस बात को हजम नहीं कर पा रही है कि सब कुछ सामान्य हो रहा है और वैक्सीन की कोई कमी भी नहीं है।पीएम ने इस बाबत कहा कि सोच-समझकर नाकारात्म माहौल तैयार किया जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार के दिन सासंद महंगे पेट्रोल और डीजल के विरोध में सदन साइकिल से पहुंचे थे।वहीं सदन के बाहर उन्होंने प्लेकार्ड लहराकर विरोध भी दर्ज कराया था।बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले ही दिन की शुरूआत में ही विपक्ष से सवालों की बौछार करने व सरकार से जवाब प्राप्त करने की अपील की थी लेकिन सदन में ऐसा हुआ नहीं और हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

अपने लुक्स से लोगों को दीवाना बनाती हैं आलिया

कविता गर्ग                
मुबंई। एक्ट्रेस आलिया भट्ट न सिर्फ अपनी एक्टिंग बल्कि अपने लुक्स से भी लोगों को अपना दीवाना बनाती हैं। वो बॉलीवुड की सबसे बिजी एक्ट्रेस में से एक हैं। मगर अपने बिज़ी शेड्यूल के बाद भी आलिया  अपनी फिटनेस को कभी नजरअंदाज नहीं करतीं। वो हमेशा फिट नज़र आती हैं। हालांकि, बॉलीवुड में एंट्री करने से पहले आलिया  का वजन काफी था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलिया  ने सिर्फ़ 3 महीने में ही अपना 16 किलो वज़न कम किया था। आज उनकी फिटनेस लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।आलिया के अनुसार वेट लॉस के बाद ही उनकी खूबसूरती में निखार आया है। 
वजन कम करने के लिए आलिया ने अपने वर्कआउट रूटीन को सख़्ती से फॉलो किया है, जिम में पसीना बहाने के साथ-साथ एक्ट्रेस योगा भी करती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आष्टांग आसन आलिया का पसंदीदा है। इसके अलावा आलिया मेडिटेशन करती हैं ताकि वो तनावमुक्त रहें।साथ ही एक्ट्रेस अपने फिटनेस रूटीन में किक बॉक्सिंग, रनिंग, स्विमिंग और वेट लिफ्टिंग को भी शामिल करती हैं। एक्सरसाइज़ के अलावा आलिया भट्ट फिट बॉडी के लिए डायट पर भी ध्यान रखती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो हर दो घंटे बाद कुछ न कुछ खाती हैं। सुबह नाश्ते में आलिया ऑमलेट या एग व्हाइट, सैंडविच लेती हैं। वो कभी-कभी स्टीम्ड पोहा भी खाती हैं। लंच से पहले एक्ट्रेस फ्रूट्स खाना पसंद करती हैं और जूस पीती हैं। फिर लंच में आलिया उबली सब्ज़ियां बिना घी की रोटी लेती हैं। डिनर में सब्ज़ी, रोस्टेड चिकन, फिश, दाल और चावल खाना आलिया को पसंद है। आलिया अपना डिनर सोने से लगभग 2 घंटे पहले कर लेती हैं, ताकि पाचन सही तरीक़े से हो सके।

आजम को दिल्ली छोड़ देखने गए, पूर्व सीएम अखिलेश

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। उनको देखने के लिए दिल्ली से हाउस छोड़कर लखनऊ पहुंचे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव।
अखिलेश यादव के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं का एक बड़ा हुजूम मेदांता हॉस्पिटल पहुंच गया। जहां पर अखिलेश यादव आजम खान को देखने के लिए पूरे कुनबे के साथ पहुंचे हुए थे। आजम खान से मिलने के बाद मीडिया से की अखिलेश यादव ने बात जितना भी अच्छा इलाज हो सकता है। उतना डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है। हम सब यही चाहते हैं कि जल्दी से आजम खान स्वस्थ हो जाएं  आजम खान के ऊपर जितनी भी परेशानी आ सकती थी वो काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है।हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
न्यायालय न्याय करेगा और बहुत जल्दी आजम खान  हमारे बीच में होंगे फोन टेपिंग पर भी अखिलेश यादव का बयान। भारतीय जनता पार्टी सरकार को जासूसी नहीं करवानी चाहिए थी। जनता ने बीजेपी पर भरोसा किया था। अधिकारी ,पत्रकार , नेता सभी के फोन रिकॉर्डिंग पर लगाना भी गलत। फोन रिकॉर्ड करके आखिरकार बीजेपी सरकार क्या जानना चाहती है। अगर भारतीय जनता पार्टी ने फोन रिकॉर्डिंग करवाई है तो यह अपराध है।

सीएम का बकरीद पर सख्ती रखने का निर्देश: यूपी

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार बकरीद पर भी सख्ती रखने का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश में 21 जुलाई को किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कुर्बानी बर्दाश्त नहीं होगी। इसके साथ ही किसी भी जगह पर 50 या इससे अधिक लोगों को एकत्र नहीं होने दिया जाएगा।सीएम योगी आदित्यनाथ) ने अधिकारियों को बकरीद पर्व के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के भी निर्देश दिए हैं।     
त्योहार से जुड़े किसी आयोजन में एक समय में 50 से अधिक लोगों एक जगह पर एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बकरीद के मौके पर गाय, ऊंट और अन्य किसी प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी पर रोक लगा दी गई है।

शिक्षक भर्ती मामले ने तूल पकड़ा, अभ्यर्थी की छलांग

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर तमाम तरह की अड़चनों के बीच विगत एक महीने से आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए धरनावत है। सरकार के तानाशाही रवैए से परेशान एक अभ्यर्थी ने मंगलवार को गोमती नदी में छलांग लगा दी है।
अभ्यर्थी के कूदने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया तो वही मौजूद लोगों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस गोताखोरों की मदद से करीब डेढ़ घंटे से रेस्क्यू के जरिए अभ्यर्थी को ढूंढने का प्रयास कर रही है। लेकिन छलांग लगाने वाले अभ्यर्थी का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। रोते-बिलखते अभ्यर्थी मुख्‍यमंत्री आवास पहुंच गए।उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री आवास के सामने ‘योगी जी न्‍याय दो’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। सीएम आवास पर बड़ी संख्‍या में मौजूद पुलिस बल ने माहौल बिगड़ता देखा तो बसों में भरकर अभ्‍यर्थियों को धरना स्‍थल (इको गार्डन) भेज दिया।
बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए पिछले कई दिनों से अभ्‍यर्थी लखनऊ के अलग-अलग हिस्‍सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिन इन्‍हीं अभ्‍यर्थियेां पर लाठीचार्ज हुआ था। आज फिर वे अपना हक मांगने सीएम आवास पर पहुंचे। कुछ अभ्‍यर्थियों ने सड़क पर लेटकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस बीच वहां मौजूद पुलिस बल ने सक्रियता दिखाते हुए अभ्‍यर्थियों को बसों में भरकर धरना स्‍थल पर भिजवा दिया। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि विभाग में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों पर पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती की गई है, लेकिन कुछ शरारती तत्व और राजनीतिक दल युवाओं को बरगला कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सरकार की ओर से किसी भी विभाग में भर्ती के लिए जिन नियमों के तहत आवेदन मांगे जाते हैं। उन्हीं के तहत पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसे न भर्ती प्रक्रिया के दौरान बदला जा सकता है और न ही भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद।

50 फोनों की जासूसी के लिए लाइसेंस का इस्तेमाल

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। जानकार बता रहे हैं कि पेगासस के एक लायसेंस की कीमत $70 – 80 लाख (डॉलर) है।
और एक लाइसेंस का इस्तेमाल 50 फोनों की जासूसी के लिए किया जा सकता है।
अंदाज़ा लगाएं कि अगर कम से कम 2000 फोन की जासूसी भी की गई होगी तो कितने अरब डॉलर खर्च किए गए होंगे।
हां, डॉलर्स को रुपए में कन्वर्ट करना न भूलें।
ध्यान रखें इज़रायल की कम्पनी केवल सरकारों को यह जासूसी सॉफ्टवेयर बेचती है। व्यक्ति विशेष को नहीं!
रिपोर्ट्स के मुताबिक पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर 40 भारतीय पत्रकार, उनके फ़ोन टैप कर निगरानी रखी जा रही थी।
लीक हुए डेटा में हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकारों का नाम शामिल। ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारी एजेंसियों को ही मिलता है, जिससे हैकिंग की गई।
क्या बीजेपी सरकार जासूसी कांड में शामिल है।

बीएसएनएल ने फाइबर ब्रॉडबैंड प्लान की घोषणा की

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड ने एक नए भारत फाइबर ब्रॉडबैंड प्लान की घोषणा की है। इस प्लान की कीमत 399 रुपये होगी, जो एक्सक्लूसिव तौर पर सिर्फ नए भारत फाइबर ग्राहकों के लिए होगा। यह ऑफर 90 दिन के लिमिटेड पीरियड के लिए ही उपलब्ध रहेगा। बीएसएनएल के फाइबर एक्सपीरियंस प्लान में नए ग्राहकों को 30 एमबीपीएस की डाउनलोड स्पीड के साथ 1000 जीबी डेटा दिया जाएगा। 
1000 जीबी की लिमिट खत्म होने के बाद डेटा स्पीड घटकर 2एमबीपीएस रह जाएगी। फिलहाल यह प्लान केवल गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल सर्किल में नए ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा। प्लान के जरिए कंपनी नए ग्राहकों को आकर्षित करना चाहती है।'फाइबर एक्सपीरियंस 399' प्लान में बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के सभी नेटवर्क पर अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की सुविधा भी दी जाती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि 6 महीने के बाद ग्राहकों को खुद-ब-खुद 449 रुपये के बेसिक प्लान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। ग्राहक चाहें तो नया कनेक्शन लेते समय ही तय कर सकते हैं कि 6 महीने के बाद उन्हें कौन सा प्लान चाहिए।
इस प्लान को लेने के लिए आप निकटतम कस्टमर सर्विस सेंटर और बीएसएनएल रिटेलर्स पर जा सकते हैं, इसके अलावा ब्रॉडबैंड प्लान को टोल फ्री नंबर - 1800 345 1500 पर कॉल करके भी सब्सक्राइब किया जा सकता है। यह कंपनी का एक प्रमोशनल प्लान है, जिसका 90 दिन का लिमिटेड पीरियड अभी से शुरू हो चुका है। हो सकता है 90 दिनों के बाद यह ऑफर बंद कर दिया जाए।

यूपी के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का होगा संचालन

हरिओम उपाध्याय           

लखनऊ। लखनऊ,कानपुर और आगरा समेत उत्तर प्रदेश के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा। सूबे के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने मंगलवार को 1090 चौराहे पर एसी इलेक्ट्रिक बस के ट्रायल रन का शुभारंभ करते हुये कहा कि प्रदेशवासियों को आरामदायक व सस्ती यात्रा की सुविधा दिये जाने के लिये इन बसों का किराया साधारण बसों के बराबर रखा गया है। सरकार नगरीय परिवहन सेवाओं को आधुनिक बनाने के साथ ही यात्रियों को सुविधाजनक सफर मुहैया कराने के प्रयास तेजी से कर रही है। सरकार की योजना लखनऊ समेत प्रदेश के 14 अन्य प्रमुख शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की है। इसके लिये नगरीय परिवहन निदेशालय के अधिकारियों की ओर से काम को तेज गति से पूरा किया जा रहा है। लखनऊ में इन बसों का एक माह के लिये ट्रॉयल शुरू कर दिया गया। नगर विकास निदेशालय के संयुक्त सचिव अजीत सिंह ने बताया कि मण्डलायुक्त की बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरु करा दिया जाएगा। 

अन्य प्रदेशों की तुलना में इनती बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने वाले यूपी पहला राज्य होगा। प्रदेश सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक बसों की संचालन की योजना में 965 करोड़ की लागत आई है। ये बसें वातानुकूलित, आरामदायक तथा ध्वनि एवं वायु प्रदूषण से मुक्त होंगी। उन्होने कहा कि लखनऊ, कानपुर, आगरा में 100-100, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन में 50-50, शाहजहांपुर, झांसी, मुरादाबाद, गोरखपुर, अलीगढ़ एवं बरेली में 25-25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा।

राजनीति: पीएम ने राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की

इकबाल अंसारी            
रांंची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ये जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी। बता दें कि झारखंड के दसवें राज्यपाल  के रूप में रमेश बैस ने 14 जुलाई को दोपहर को शपथ ली थी। राजभवन में आयोजित समारोह में झारखंड उच्च न्यायालय  के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।
झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किये जाने के बाद नवनियुक्त राज्यपाल का यह पहला दिल्ली दौरा था। दौरे के दौरान मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। राजभवन सूत्रों ने इस मुलाकात को सौजन्यमूलक करार दिया है। बता दें कि द्रोपदी मुर्मू के छह साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें राज्यपाल बनाया गया है।

पाक: बस और ट्रक की टक्कर में 30 यात्रियों की मौंत

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बस और ट्रक की टक्कर में 30 यात्रियों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इनमें से 4 की हालत गंभीर है। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हादसा मुजफ्फरगढ़ के डेरा गाजी खान के पास तनुसा रोड पर हुआ। हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई है। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के चिकित्साकर्मियों ने बताया कि 18 लोगों की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो चुकी थी। बाकी घायलों का इलाज जारी है। इसमें कुछ की हालत गंभीर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बस तेज रफ्तार में चल रही थी। 
जिला आपातकाल अधिकारी डॉ. नैय्यर आलम ने बताया कि बस में 75 यात्री सवार थे। इनमें ज्यादातर मजदूर थे, जो ईद के त्योहार पर छुटि्टयां मनाने घर जा रहे थे। बस सियालकोट से राजनपुर जा रही थी। राहत और बचाव कार्य जारी है। पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वे घटना पर नजर बनाए हुए हैं।पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने पुष्टि की कि डेरा गाजी खान के पास दुर्घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने घटना पर दुख जताया है। पाकिस्तान में अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें से ज्यादातर वाहनों की तेज गति, खराब सड़कों और अप्रशिक्षित चालकों के कारण होती है।

10वीं: मूल्यांकन पद्धति में 60 प्रतिशत अंक हासिल

मीनाक्षी  
कोलकाता। पश्चिम बंगाल बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम मंगलवार को जारी किए गए, जिसमें रिकॉर्ड 100 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं और 90 प्रतिशत छात्रों ने नई मूल्यांकन पद्धति में 60 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हासिल किए हैं।
वैश्विक महामारी के कारण इस वर्ष माध्यमिक परीक्षा (10वीं कक्षा) की परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी थी और मूल्यांकन 2019 में कक्षा नौंवी छात्रों के प्रदर्शन और 10वीं कक्षा के प्रत्येक विषय के आंतरिक मूल्यांकन पर 50:50 आधारित है।
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शत-प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। पिछले साल 86.34 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए थे। अगर छात्र परिणाम से खुश नहीं हैं तो वे कोविड-19 की मौजूदा स्थिति में सुधार आने पर दोबारा परीक्षाएं दे सकते हैं, लेकिन फिर ये परिणाम मान्य नहीं होंगे।
इस साल करीब 10 लाख छात्रों ने नई मूल्यांकन पद्धति में 60 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इस साल की माध्यमिक परीक्षा के 79 छात्रों को 700 में से 697 अंक मिले हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या 79 छात्रों को पहले स्थान पर माना जाएगा, गांगुली ने कहा, ‘मैं इतना कह सकता हूं कि इन छात्रों को 697 अंक मिले हैं और इस साल पहले की तरह कोई ‘मेधा’ सूची नहीं है।’’ इस साल 10वीं की परीक्षा में 6,13,849 छात्राएं और 4,65,850 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।

पॉलिसी को बदलने के लिए नए नियमों की मंजूरी दी

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। देशभर में खाली और बेकार पड़ी सेना की 17.95 लाख एकड़ जमीन को बेचकर सेनाओं के आधुनिकीकरण की योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। अब तक भारत में रक्षा भूमि के बारे में कोई सख्त नीति नहीं रही है जिसकी वजह से देश भर पड़ी सैन्य जमीनों पर बड़े पैमाने पर कब्जे हो चुके हैं। सरकार ने अंग्रेजों के जमाने की 220 साल पुरानी डिफेंस लैंड पॉलिसी को बदलने के लिए इससे जुड़े नए नियमों की मंजूरी दे दी है। 
इसके तहत अब पब्लिक प्रोजेक्ट के लिए भी सेना की जमीन ली जा सकेगी और बदले उतनी ही कीमत का इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना होगा या बाजार की कीमत के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा। 
अंग्रेजों ने उप-महाद्वीप में अपने शासन को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू करने के तुरंत बाद 256 साल पहले 1765 में बंगाल के बैरकपुर में पहली छावनी स्थापित की थी। ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर जनरल-इन-काउंसिल ने अप्रैल, 1801 में किसी भी छावनी, सैन्य बंगले और क्वार्टर को किसी भी बाहरी व्यक्ति को बेचने या कब्जा करने पर रोक लगाई थी। यानी लगभग 220 साल से यह कानून चला आ रहा है जिसके तहत सेना की जमीन बेचने की अनुमति तो नहीं है लेकिन हजारों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। इस मामले में सैकड़ों मामले अदालतों में भी विचाराधीन हैं। रक्षा मंत्रालय के पास इस समय 17.95 लाख एकड़ जमीन है जिसमें से 16.35 लाख एकड़ जमीन देश की 62 छावनियों से बाहर है। पूरे देश में अधिकांश रक्षा भूमि प्रमुख क्षेत्रों में जीटी रोड के साथ हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा बनाए गए कैंपिंग ग्राउंड, पुराने डिपो, परित्यक्त छावनियां, शिविर के मैदान, द्वितीय विश्व युद्ध के पुराने हवाई क्षेत्र अब उपयोग में नहीं हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की अध्यक्षता वाले सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) ने पिछले साल सरकार को बताया था कि रक्षा बलों का पूंजी बजट उनकी प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। इसलिए रक्षा भूमि को बेचकर होने वाली आय से सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। 
रक्षा मंत्रालय की 17.95 लाख एकड़ जमीन में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, कोलकाता की गार्डन रीच वर्कशॉप, मुंबई की मझगांव डॉक्स सहित एमओडी के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की भूमि शामिल नहीं है। कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल के सामने प्रसिद्ध विशाल मैदान से लेकर दक्षिण मुंबई में विशाल दिल्ली छावनी और नौसेना नगर तक, डलहौजी, लैंसडाउन, कसौली और नीलगिरी जैसे हिल स्टेशन रक्षा मंत्रालय और उसके सहयोगी संगठनों के स्वामित्व में हैं।
थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे भी सेना की जमीन के मॉनेटाइजेशन से मिलने वाली रकम से सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी करने की बात कई बार कर चुके हैं। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) भी इस साल सेना को मिले बजट पर सवाल उठाकर वित्त मंत्रालय के इस सुझाव पर भी आपत्ति जताई थी कि सेना की जमीन को बेचने से मिलने वाले फंड का 50 फीसद हिस्सा कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया को जाएगा। आखिरकार सरकार ने 220 साल पुराने अंग्रेजी कानून को बदलने का फैसला लेकर छावनी विधेयक 2020 को अंतिम रूप देने की दिशा में काम शुरू कर दिया। सरकार ने नए बनाए गए नियमों को मंजूरी भी दे दी है, जिससे अब खरीदी गई सैन्य जमीन के बदले समान मूल्य के बुनियादी ढांचे का विकास किया जा सकेगा।  
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार प्रमुख सार्वजनिक परियोजनाओं जैसे मेट्रो, सड़क, रेलवे और फ्लाईओवर का निर्माण करने के लिए रक्षा भूमि उसी कीमत की जमीन देकर या बाजार मूल्य का भुगतान करके ली जा सकेगी। नए नियमों के तहत छावनी क्षेत्रों के भीतर की भूमि का मूल्य स्थानीय सैन्य प्राधिकरण की अध्यक्षता वाली एक समिति निर्धारित करेगी जबकि छावनी के बाहर की जमीन की दर जिलाधिकारी तय करेंगे। अधिकारियों के अनुसार रक्षा आधुनिकीकरण कोष की स्थापना के लिए कैबिनेट नोट के मसौदे पर अभी अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श चल रहा है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला आने की उम्मीद है। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...