गुरुवार को वाराणसी आ रहे प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे जिसके बाद काशी के प्रसिद्ध घाटों के इतिहास व धार्मिक महत्व की जानकारी बस एक क्लिक में मिल जाएगी। काशी के घाटों की प्राचीनता ही इसकी ऐतिहासिक प्रमाणिकता है। घाटों की सुंदरता और पौराणिकता को देखने और समझने के लिए पूरी दुनिया के पर्यटक आते हैं। योगी सरकार ने घाटों पर इंफॉर्मेटिव, कल्चरल, स्टेप सहित कई तरह के साइनेज लगवा दिये हैं। उत्तर वाहिनी गंगा के किनारे स्थित 84 घाटों के मनोरम दृष्य की जानकारी किताबों, गाइड या फिर गूगल से मिलती रही है। घाटों पर घूमने वाले अवैध गाइड गलत जानकारी देकर पर्यटकों से पैसे ऐंठ लिया करते थे।
वाराणसी स्मार्ट सिटी के अफसरों के अनुसार घाटों की पौराणिक विशेषता तथा इतिहास खुद घाट बयां करेंगे। घाटों पर जाने के बाद दाएं तथा बाएं के दस-दस घाटों की जानकारी और उसकी दूरी भी इस साइनेज पर लिखी होगी। लगभग सात फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी इस हेरिटेज इंस्टालेशन में ये जानकारियां हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषा में लिखी गई हैं। किसी पर्यटक को भाषाई परेशानी न होने पाए, इसलिए इसी बोर्ड पर क्यू आर कोड भी होगा जिसे मोबाइल से स्कैन करने के बाद पर्यटक किसी भी भाषा में घाटों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। साइनेज पर ही उस घाट से सम्बंधित ग्राफ़िकल डिज़ाइन भी बनी होगी।
प्रदेश सरकार ने दो घाटों पर कल्चरल साइनेज भी लगाई है। इस साइनेज की कई विशेषताएं हैं। ये साइनेज हर घाट पर होने वाले धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों के बारे में जानकारी देंगे। पर्यटकों के आवागमन को देखते हुए कल्चरल इंस्टॉलेशन को अस्सी घाट व राजघाट पर लगाया जाएगा। पर्यटक इन्हीं दोनों घाटों पर लगे साइनेज को देखकर एक ही घाट से सभी घाटों के कार्यक्रम व महत्व के बारे में जान सकेंगे। स्टेप साइनेज भी घाटों पर लगा दिया गया है। साइनेज लगाने की लागत लगभग 5 करोड़ रुपये आई है।