बुधवार, 14 जुलाई 2021

खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया

कविता गर्ग                
मुंबई। ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे 11 भारतीय खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे मशहूर फिजियोथेरेपिस्ट जॉन ग्लॉस्टर का मानना है कि टोक्यो खेलों में दर्शकों की अनुपस्थिति का भारत को फायदा मिल सकता है। भारतीय क्रिकेट टीम और इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के साथ भी फिजियोथेरेपिस्ट रहे ग्लॉस्टर ने ओलंपिक की तैयारियों में लगे खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। यह आस्ट्रेलियाई 2005 से 2008 तक भारतीय क्रिकेट टीम का फिजियो था।
उन्होंने कहा, ”कुछ समय पहले तक मुझे लगता था कि इन ओलंपिक में पिछले खेलों की तरह प्रदर्शन देखने को नहीं मिलेगा। मेरी ऐसी धारणा भारतीय खिलाड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के खिलाड़ियों को लेकर थी। ” ग्लॉस्टर ने कहा, ”लेकिन अब मेरी धारणा बदल गयी है। असल में मुझे अब लगता है कि हमारे खिलाड़ी पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे क्योंकि कोविड-19 के कारण हमने अपने मानसिक पक्ष को अधिक मजबूत किया है।
ग्लॉस्टर 11 भारतीय खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे हैं जिनमें तलवारबाज सी ए भवानी देवी, बैडमिंटन खिलाड़ी बी साई प्रणीत और चिराग शेट्टी, चक्का फेंक की एथलीट कमलप्रीत कौर और तैराक साजन प्रकाश भी शामिल हैं। ग्लॉस्टर ने टोक्यो की परिस्थितियों को समझने के लिये 2019 में वहां का दौरा किया था और उन्होंने खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव साझा किये। उन्हें लगता है कि कोविड-19 के कारण दर्शकों को स्टेडियमों से दूर रखने का फैसला भारत को फायदा पहुंचा सकता है।उन्होंने कहा, ”इससे (दर्शकों की अनुपस्थिति) भारतीय खिलाड़ियों को फायदा हो सकता है क्योंकि कुछ खेल ऐसे हैं जिनमें उन्हें खाली स्टेडियमों या बहुत कम दर्शकों की मौजूदगी में खेलने की आदत है। 
उनमें से कई को इसका फायदा मिल सकता है। महामारी के कारण सुरक्षा चिंताओं के बीच टोक्यो खेल 23 अगस्त को शुरू होंगे। एक साल के लिये स्थगित किये जाने के बावजूद इनका आयोजन चुनौतियों से भरा है। ग्लॉस्टर ने कहा, ”मुझे लगता है कि ओलंपिक खेलों में हमें भारत ही नहीं बल्कि प्रत्येक देश के अधिक फुर्तीले और दमदार खिलाड़ी देखने को मिलेंगे। 
उन्होंने कहा कि इस समय खिलाड़ियों को मानसिक मदद की अधिक जरूरत है क्योंकि वे कड़े अभ्यास के साथ अपनी सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाह रहे हैं। ग्लॉस्टर ने कहा, ”हमें अपने इन खिलाड़ियों को कोविड-19 से बचाना होगा और केवल यही नहीं हम उन्हें उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा में उतारना चाहते हैं लेकिन उन्हें खुश भी रखना चाहते हैं। इसलिए यह मुख्य अंतर है। 

टीका नहीं हैं, जुमलो की कोई कमी नहीं: राजनीति

अकांशु उपाध्याय                    
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई राज्यों में कोरोना रोधी टीके की कथित तौर पर कमी होने का हवाला देते हुए बुधवार को केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘जुमले हैं, टीके नहीं हैं।
उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ”जुमले हैं, वैक्सीन नहीं!” कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की उसमें कहा गया है कि कई राज्यों में टीकों की कमी है, हालांकि केंद्र ने इससे इनकार किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने आरोप लगाया कि टीकों की कमी और ईंधन की कीमतों में वृद्धि से भाजपा सरकार जनता के घाव पर नमक रगड़ रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ”टीकाकरण की दर में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है और इस सरकार में ईंधन की कीमतों में 63 गुना की बढ़ोतरी हुई है। भाजपा लोगों के घाव पर नमक रगड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास टीकों की 1.51 करोड़ खुराक पड़ी है जिनका अभी उपयोग नहीं हो सका है। 
उसने यह भी कहा कि अब राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की 39.59 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जा चुकी है।

सरकार और जलबोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर जलापूर्ति स्टेशनों के नए सिरे से मूल्यांकन की मांग पर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार और जलबोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने इस मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सरकार और जलबोर्ड को कानून, मौजूदा नीतियों व अन्य पहलुओं पर विचार करते हुए याचिका में उठाए गए पहलुओं पर विचार करने और समुचित निर्णय लेने को कहा है। 
न्यायालय ने अजय गौतम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। याचिका में कहा गया है कि मौजूदा और बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर पीने के पानी की मांग को ध्यान में रखते हुए राजधानी में जल आपूर्ति स्टेशनों और बूस्टर पंपों का नए सिरे से मूल्यांकन करने की जरूरत है। इसके लिए याचिका में सरकार और जल बोर्ड को आदेश देने की मांग की गई। याचिका में जल आपूर्ति स्टेशनों को आधुनिक तकनीक से उन्नत बनाने के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से पीने के पानी में दूषित पानी और सीवेज के पानी के मिलावट रोकने के लिए सुझाव देने और इस पर अमल करने के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाने की भी मांग की है।

अन्तरराष्ट्रीय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की भव्यता, उद्घाटन

हरिओम उपाध्याय              
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में जापान सरकार के सहयोग से 186 करोड़ की लागत में शिवलिंग के आकार में निर्मित अन्तरराष्ट्रीय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की भव्यता अब लोगों को अपनी ओर खींचने लगी है। सोशल मीडिया में भी इसका क्रेज दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 जुलाई को इसका उद्घाटन करेंगे। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत-जापान के दोस्ती के प्रतीक सेंटर में प्रधानमंत्री रूद्राक्ष के पौधे का रोपण भी करेंगे। पूरे परिसर को जापानी शैली में सजाया जा रहा है। परिसर में जापानी बांस के साथ ही रंग बिरंगे कंकड़, बोन्साई पौधे, रंग बिरंंगी चटाई, रंगीन लालटेन, चीनी मिट्टी के बर्तन, चावल का पेपर, पुआल का प्रयोग कर खासतौर कला तैयार किया गया है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का भी मेल इसमें देखने को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान इन्डो जापान कला और संस्कृति की झलक भी दिखेगी। सेण्टर पर बने 3 मिनट के ऑडियो विज़ुअल को भी "रुद्राक्ष" में प्रधानमंत्री मेहमानों के साथ देखने की संभावना है। 
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बदलते बनारस की तस्वीर दुनियां के सामने आयेगी। दुनिया के सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफ़ा दिया है, जहां लोग बड़े म्यूजिक कंसर्न, कांफ्रेंस,नाटक और प्रदर्शनी दुनिया के बेहतरीन उपकरणों और सुविधाओं के साथ देख सकेंगे।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की विशेषता...
अन्तरराष्ट्रीय सेंटर में लगभग 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। हॉल को दो भागों में विभाजित करने की व्यवस्था की गई है। सेंटर पूर्णत: वातानुकूलित है। बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल है। 
इसके अतिरिक्त यहां एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम का निर्माण कराया गया है। दिव्यांगों की सुविधा का भी इसमें खास खयाल रखा गया है। सेंटर में छोटा जापानी बाग बनाया गया है। 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है। वीआईपी रूप और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग से है। सेंटर को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगे है। दीवारों पर लगे ईंट भी ताप को रोकते है। आग से बचाव के लिए सुरक्षा के खास उपकरणों को लगाया गया है। रुद्राक्ष सेंटर को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है। इसकी डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने की है और निर्माण का काम जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है। गौरतलब हो कि वर्ष 2015 में जब जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वाराणसी आये थे। उनके यहां आने के पहले ही सेंटर का खाका बना था। दो वर्ष पूर्व ओसाका में आयोजित जी-20 सम्मेलन में भी जापान के तत्कालीन पीएम शिंजाे अबे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच इसको लेकर चर्चा हुई थी। अब सजधज कर तैयार सेंटर की वीडियो क्लिप जापान सरकार को भेजी गई है। 
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री की यहां मौजूदगी को देख मुख्यमंत्री ने अफसरों से सुरक्षा व्यवस्था और अन्य बिन्दुओं की जानकारी लेने के बाद कमिश्नर एवं जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। इस दौरान नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी, स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ. अवधेश सिंह भी मौजूद रहे।

हानि से सुरक्षा देने की मांग पर अड़ी कंपनी: वैक्सीन

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। देश में मॉडर्ना वैक्सीन की बाट जोह रहे लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। इस वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा पिछले महीने ही देश में आपातकालीन उपयोग के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक कंपनी हानि से सुरक्षा देने की मांग पर अड़ी हुई है। मंगलवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने बताया कि मॉडर्ना कंपनी से बातचीत चल रही है। कंपनी को कई बार बुलाया जा रहा है। लेकिन उनकी तरफ से गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि बातचीत का दौर जारी है। उम्मीद है कि जल्दी ही बातों का कुछ नतीजा निकलेगा।
बताते चलें कि देश में दो स्वदेशी कोविशील्ड, कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन को प्रयोग में लाया जा रहा है। हाल ही में, डीसीजीआई ने मुंबई स्थित दवा कंपनी सिप्ला को देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन को आयात करने की अनुमति दी थी। 

संक्रमण: 24 घंटे, 38,792 नए मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के कुल 38 हजार 792 नए मामले सामने आए हैं। जबकि इस बीमारी से 624 लोगों की मौत हो गई। वहीं, स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 41 हजार है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में नए मामले आने की दर यानी पॉजिटिविटी दर में कमी आई है। पिछले 23 दिनों से लगातार पॉजिटिविटी दर 3 प्रतिशत से नीचे है। पिछले 24 घंटे में पॉजिटिविटी दर 2.10 प्रतिशत रही है।  बुधवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना के कुल 3 करोड़ 09 लाख 46 हजार 74 मामले सामने आ चुके हैं। 
वहीं, इस बीमारी से अबतक 4 लाख 11 हजार 408 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 4 लाख 29 हजार 946 हो गई है। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 03 करोड़ 01 लाख 4 हजार 720 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो राहत की बात है। रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश का रिकवरी रेट बढ़कर 97.28 प्रतिशत हो गया है। देश में पिछले 24 घंटों में 19 लाख से अधिक टेस्ट किए गए। आईसीएमआर के मुताबिक देश में अबतक कुल 43.59 करोड़ टेस्ट किए जा चुके हैं। वहीं देश में कोरोना रोधी वैक्सीन की अबतक 38.76 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

विशेष: परीक्षा के जरिए सुधरने का एक मौका दिया

मनोज सिंह ठाकुर                      
भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) द्वारा हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा, हाई स्कूल (अंध, मूक बधिर श्रेणी) परीक्षा 2021 के परिणाम आज ( बुधवार को) शाम 4 बजे घोषित होंगे। बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर यह परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा। विद्यार्थी इन साइटों के अलावा कुछ निजी साइटों पर जाकर भी अपना परीक्षा परिणाम देख सकेंगे।
इसके अलावा विद्यार्थी अपना रिजल्ट मोबाइल एप पर भी देख सकते हैं। इसके लिए अपने मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर पर जाकर एमपीबीएसई मोबाइल एप या एमपी मोबाइल एप डाउनलोड करें और Know Your Result का चयन करने के बाद अपना रोल नंबर और आवेदन क्रमांक भरकर सब्मिट करें।
गौरतलब है कि कोरोना के कारण 10वीं की परीक्षा रद्द होने के चलते इस वर्ष विद्यार्थियों का परिणाम प्री बोर्ड परीक्षा, यूनिट टेस्ट और इंटरनल असेसमेंट के आधार जारी किया जा रहा है। इस वर्ष उन सभी परीक्षार्थियों को पास कर दिया जाएगा, जिन्होंने परीक्षा फॉर्म भरा था। हालांकि परीक्षा रद्द होने के कारण इस बार मेरिट लिस्ट जारी नहीं होगी। 
परिणाम से असंतुष्ट छात्र सितम्बर से दे सकेंगे परीक्षा
बोर्ड द्वारा आगामी एक से 25 सितम्बर के बीच 10वीं तथा 12वीं कक्षाओं की विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। जो छात्र अपने परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट होंगे, वह इन परीक्षाओं में बैठ सकेंगे। इन छात्रों को सितम्बर की विशेष परीक्षा के जरिए अपने नम्बर सुधारने का मौका दिया जाएगा। परीक्षा के लिए 1 अगस्त से 10 अगस्त 2021 तक रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

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