बुधवार, 23 जून 2021

40 फीसदी रकम की वसूली शेयरों की बिक्री से हुईं

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि पीएनबी घोटाले और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की करीब 40 फीसदी रकम की वसूली धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त किए गए शेयरों की बिक्री से हुई है।
ईडी ने कहा कि माल्या को उधार देने वाले गठजोड़ की ओर से ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने बुधवार को यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे गए, जिन्हें एजेंसी ने पीएमएलए प्रावधानों के तहत जब्त किया था। ईडी ने यह कुर्की 65 वर्षीय माल्या के खिलाफ अपनी आपराधिक जांच के हिस्से के रूप में की। माल्या इस समय ब्रिटेन में हैं।
ईडी ने कहा कि मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के निर्देश पर उसने जब्त किए गए शेयर (यूबीएल के लगभग 6,600 करोड़ रुपये के शेयर) एसबीआई की अगुवाई वाले गठजोड़ को सौंपा, जिसके बाद डीआरटी ने यह कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने कहा कि माल्या और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी, जो पीएनबी घोटाले में शामिल थे, ने ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनकी कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी करके धोखा दिया, जिसके चलते बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब तक एजेंसी ने इन दो बैंक धोखाधड़ी मामलों में कुल 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने कहा, ‘‘कुल 9,041.5 करोड़ रुपये की संपत्ति, जो बैंकों को हुए कुल नुकसान का 40 प्रतिशत है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सौंप दी गई है। जांच एजेंसी ने आगे कहा कि शेयरों की बिक्री से 800 करोड़ रुपये की और वसूली 25 जून तक होने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र: चमगादड़ों के स्वैब में निपाह वायरस मिला

कविता गर्ग              
सतारा। अभी देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। महाराष्ट्र इससे संघर्ष करने वालों में सबसे ऊपर था। अभी यह संघर्ष खत्म ही नहीं हुआ था कि सतारा जिले के महाबलेश्वर की गुफाओं में निपाह वायरस का पता चला है। महाराष्ट्र के मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर महाबलेश्वर के जंगलों में एक गुफा के अंदर रहने वाले चमगादड़ों में निपाह वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। 
इस बात से महाबलेश्वर के स्थानीय लोग परेशान हैं।जबकि स्थानीय कलेक्टर कार्यालय और वन विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं है। मार्च 2020 में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने महाबलेश्वर की एक गुफा में चमगादड़ों के गले से स्वैब के नमूने लिए। सैंपल की जांच के बाद पता चला कि चमगादड़ों के स्वैब में निपाह वायरस मिला है। वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व डॉ. प्रज्ञा यादव कर रही थीं। डॉ. प्रज्ञा यादव के अनुसार, इससे पहले निपाह वायरस महाराष्ट्र के किसी भी चमगादड़ में नहीं मिला था। निपाह वायरस अगर इंसानों में फैलता है तो जानलेवा हो सकता है। निपाह वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है, इसलिए मृत्यु का जोखिम 65 से 100 प्रतिशत है।

मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई टाली

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। साकेत कोर्ट ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुब मीनार परिसर में बने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
24 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ये बताने का निर्देश दिया था कि भक्त की हैसियत से याचिका दाखिल करने का क्या औचित्य है। कोर्ट पूछा था कि ये बताइए कि क्या कोर्ट ट्रस्ट के गठन का आदेश दे सकता है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि मंदिरों को ध्वस्त किया गया था। लिहाजा इसको साबित करने की ज़रूरत नहीं। पिछले आठ सौ से ज़्यादा सालों से हम पीड़ित हैं। अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं।
जो कि हमारा मूल अधिकार है। जैन ने कहा था कि वहां पिछले आठ सौ साल से नमाज़ नहीं पढ़ी गई है। मस्जिद के तौर पर इसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ। हरिशंकर जैन ने अपनी दलीलों के समर्थन में वहाँ मौजूद लौह स्तम्भ, भगवान विष्णु और दूसरे आराध्य देवी-देवताओं की खण्डित मूर्तियों का हवाला दिया था। सुनवाई के दौरान वकील विष्णु जैन ने कहा था कि ये राष्ट्रीय शर्म का विषय है। देशी-विदेशी तमाम लोग वहां पहुचते हैं, देखते हैं कि कैसे खण्डित मूर्तियां वहां पर हैं। हमारा मकसद अब वहां किसी विध्वंस के लिए कोर्ट को आश्वस्त करना नहीं है। हम सिर्फ अपना पूजा का अधिकार चाहते हैं। तब जज नेहा शर्मा ने पूछा था कि आप पूजा का अधिकार मांग रहे हैं। अभी जगह एएसआई के कब्ज़े में है। तो दूसरे तरीके से आप ज़मीन पर कब्ज़ा मांग रहे हैं। तब हरिशंकर जैन ने कहा था कि हम ज़मीन पर अपना मालिकाना हक़ नहीं मांग रहे हैं। 
बिना मालिकाना हक़ दिए भी पूजा का अधिकार दिया जा सकता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि आपकी इस याचिका को दायर करने का क्या औचित्य है। किस हक़ से आप याचिका दायर कर रहे हैं। तब याचिकाकर्ता ने कहा था हमने देवता और भक्त, दोनों ओर से याचिका दायर की है। एक भक्त के याचिका दायर करने के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी है। आप मेरे अधिकार को खारिज नहीं कर सकते हैं।
याचिका पहले जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव, भगवान विष्णु की ओर से हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री और जीतेंद्र सिंह बिसेन ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि मुगल बादशाह कुतुबद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बना दिया। ऐबक मंदिरों को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया। याचिका में कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर के दीवारों, खंभों और छतों पर हिन्दू और जैन देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं। इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी. द्वारपाल. भगवान पार्श्वनाथ. भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे इत्यादि के चिह्न मौजूद हैं। ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे। याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया है।
याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआई) के उस संक्षिप्त इतिहास का जिक्र किया गया है जिसमें कहा गया है कि 27 मंदिरों को गिराकर उनके ही मलबे से कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किया गया। याचिका में मांग की गई है कि इन 27 मंदिरों को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया जाए और कुतुब मीनार परिसर में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने की इजाजत दी जाए। बता दें कि इस विवादित स्थान को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व का मकबरा घोषित किया था। इस मकबरे की देखरेख एएसआई करती है। एएसआई एंशिएंट मॉनूमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मकबरे की देखभाल और संरक्षण का काम करती है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट का गठन कर इस स्थान का प्रबंधन उसे सौंपने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

फेसबुक-व्हाट्सएप की ओर से दायर याचिका खारिज

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने नई प्राईवेसी पॉलिसी के बारे में कुछ सूचनाओं की मांग करने के लिए जारी प्रतिस्पर्द्धा आयोग की नोटिस के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सएप की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है। पिछले 21 जून को जस्टिस अजय जयराम भांभानी की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
व्हाट्सएप और फेसबुक की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से प्रतिस्पर्द्धा आयोग के पिछले 4 जून के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मामले की सुनवाई की अगली तिथि तक प्रतिस्पर्द्धा आयोग को व्हाट्सएप और फेसबुक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। उन्होंने कहा था कि नई प्राईवेसी पॉलिसी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। 
ऐसे में प्रतिस्पर्द्धा आयोग को इंतजार करना चाहिए था। हरीश साल्वे ने कहा था कि व्हाट्सएप की 2021 की प्राईवेसी पॉलिसी 2016 की प्राईवेसी पॉलिसी की तरह ही है। व्हाट्सएप ने केवल प्राईवेसी पॉलिसी में अपडेट किया है।
सुनवाई के दौरान प्रतिस्पर्द्धा आयोग की ओर से पेश एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि नोटिस उस जांच से जुड़ा है जिसपर हाईकोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाया है। उन्होंने कहा था कि प्रतिस्पर्द्धा आयोग के महानिदेशक को रिपोर्ट भेजे जाने तक व्हाट्सएप और फेसबुक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। तब कोर्ट ने पूछा था कि नोटिस भेजने की इतनी जल्दबाजी क्या थी। तब अमन लेखी ने कहा था कि इसमें लंबी जांच प्रक्रिया होती है इसलिए नोटिस भेजा गया है। इसमें निजता का कोई मामला नहीं है ये प्रतिस्पर्द्धा का मामला है। इसके व्यावसायिक आयाम हैं। बता दें कि व्हाट्सएप और फेसबुक ने प्रतिस्पर्द्धा आयोग के जांच के आदेश के खिलाफ सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी है। 
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है।
पिछले 22 अप्रैल को जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने व्हाट्सएप और फेसबुक की याचिका खारिज कर दिया था। इस आदेश को दोनों कंपनियों ने डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी है। सिंगल बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि व्हाट्सएप की प्राईवेसी पॉलिसी पर प्रतिस्पर्धा आयोग को आदेश देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस मामले पर सरकार को फैसला लेना है। उन्होंने कहा था कि व्हाट्सएप की नई प्राईवेसी पॉलिसी युजर्स को ज्यादा पारदर्शिता उपलब्ध कराना है। इस पॉलिसी से व्यावसायिक सेवाओं का बेहतर उपयोग करने की सुविधा है। व्हाट्सएप की व्यावसायिक सेवा अलग है जो फेसबुक से लिंक की गई है। उन्होंने कहा था कि व्हाट्सएप किसी युजर की निजी बातचीत को नहीं देखता है। नई प्राईवेसी पॉलिसी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
प्रतिस्पर्द्धा आयोग की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि ये मामला केवल प्राईवेसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये डाटा तक पहुंच का है। उन्होंने कहा था कि प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने अपने क्षेत्राधिकार के तहत आदेश दिया है। उन्होंने कहा था कि भले ही व्हाट्सएप की इस नीति को प्राईवेसी पॉलिसी कहा गया है लेकिन इसे मार्केट में अपनी उपस्थिति का बेजा फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है।

46 प्राचार्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा: शिक्षा

मनोज सिंह ठाकुर               
छतरपुर। 15 जून से प्रारंभ हुए विद्यार्थियों के प्रवेश में लापरवाही बरतने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने 46 प्राचार्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जिससे इनके विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जा सके।जिला शिक्षा अधिकारी एसके शर्मा ने बताया कि जिले के सभी 211 प्राचार्यों को विभिन्न पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया गया था कि वे अपने विद्यालय में विद्यार्थियों के प्रवेश संबंधी जानकारी की प्रविष्टि प्रतिदिन विमर्श पोर्टल पर करें। कई बार निर्देश देने के बावजूद भी इन प्राचार्यों द्वारा प्रवेश संबंधी जानकारी को विमर्श पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रहा है। 
जिस कारण प्रदेश स्तर पर जिले की छवि पर विपरीत असर पड़ा है साथ ही वरिष्ठ कार्यालय द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गई है। श्री शर्मा ने मंगलवार को 46 प्राचार्यों को नोटिस जारी कर 2 दिवस में जवाब तलब किया है। इनमें शासकीय हाईस्कूल पनवारी, बंधाचंदौली, खरदूती, लिधौरा, पड़रिया (बकस्वांहा), निवार, मझगुवांघाटी, शाहगढ, भरतौली, गोपालपुरा, बरहा, खेरा, कंदेला, टहनगा, मुड़ेरी, बंजारी, रगौली, पुरा, ज्योराहा, बालक गढ़ीमलहरा, मनकारी, नुना, सिंगरौ, खर्रोही, तिलौंहा, गोमाकलां, माधवपुर, कदारी, हायर सेकेडरी कन्या बक्स्वाहा, दरगुवां, कन्या बिजावर, किशनगढ़, पिपट पनागर, सटई, लखनगुवां, बृजपुरा, पनौठा, उत्कृष्ट लवकुशनगर, बालक चंदला, कन्या गढ़ीमलहरा, उत्कृष्ट नौगांव, झींझन, कन्या हरपालपुर, सूरजपुरा, झमटुली और बसारी शामिल हैं। 
डीईओ ने प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की जानकारी की प्रविष्टि विमर्श पोर्टल पर प्रतिदिन शाम 5 बजे तक अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। जारी नोटिस में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि समय सीमा में स्पष्टीकरण न देने या संतोषप्रद जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में संबंधित प्राचार्य के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।

यूके: 7 एसआई इंस्पेक्टर के पद पर पदोनन्नत कियें

पंकज कपूर                   
देहरादून। पुलिस विभाग में 7 एसआई इंस्पेक्टर के पद पर पदोनन्नत किये गये हैं। पदोनन्नति का लाभ लेने वाले उप निरीक्षक वर्तमान में विभिन्न जनपदों में तैनात हैं। ज्ञात रहे कि गत 21 जून को हुई विभागीय चयन कमेटी में लिए गए फैसले के बाद सात पुलिस सब इंसेक्टर के निरीक्षक पद पर प्रोन्नत किये गए। पदोन्नति के बाबत हाईकोर्ट उच्च न्यायालय में राज जुयाल बनाम उत्तराखण्ड सरकार की दायर याचिका में दिए गए निर्णय के आलोक में चयन कमेटी की बैठक की गई थी।विभागीय चयन समिति द्वारा की गई संस्तुति के आधार पर निम्नलिखित उप निरीक्षक नागरिक पुलिस को तत्काल प्रभाव से निरीक्षक नागरिक पुलिस के पद पर पदोन्नति प्रदान किये जाने के आदेश पारित किये गये हैं।

सरकार के स्वास्थ्य सचिव को कड़ी फटकार: एचसी

पंकज कपूर            
नैनीताल। कोरोना करीब डेढ़ साल से लोगों की जान ले रहा है। वायरस का नया म्यूटेंट डेल्टा प्लस भी देश में दस्तक दे चुका। जिसके कारण संभावित तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। मगर सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं है कि अभी तक मुकम्मल नहीं हो सकी हैं। बुधवार को हाई कोर्ट ने इसी मुद्दे पर सरकार के स्वास्थ्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा डेल्टा वैरिएंट एक महीने में पूरे देश में फैल गया था और डेल्टा प्लस वैरिएंट को तीन महीने भी नहीं लगेंगे? फिर भी हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा आप सोच रहे हैं कि डेल्टा प्लस वैरियंट कहेगा कि चलिए पहले सरकार तैयारी कर पूरी ले, फिर वह अटैक करेगा।
कोरोना को लेकर दाखिल की गईं अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने स्वास्थ्य सचिव के तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए तीन महीने तक विटामिन सी और जिंक आदि की दवाएं देने की दलील पर तीखी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप बच्चोें को ये दवा कब खरीद कर देंगे? जब तीसरी लहर आ जाएगी, तब दवाएं खरीदने की प्रकिया पूरी करेंगे। जिस जीओ को अगले हफ्ते या 30 जून तक जारी करने की बात कह रहे है।
 वह जीओ कल क्यों नहीं जारी हो सकता या आज शाम पांच बजे तक जारी क्यों नहीं हो सकता? हाई कोर्ट ने कहा कि जब महामारी में वॉर फूटिंग पर काम करने की ज़रूरत है, तब आप लोग ब्यूरोक्रेटिक बाधा पैदा कर काम को बोझिल कर देरी कर रहे हैं।
कोरोना पर उत्तराखंड सरकार के इंतजामों से हाई कोर्ट सख्त नाराज, यहां तक कह डाला। हाई कोर्ट ने कहा कि देहरादून में तीसरी लहर से लड़ने को बच्चों के लिए आपके पास 10 वेंटिलेटर हैं। बताइये 80 बच्चे क्रिटिकल हो गए तो 70 बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे? कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में आपने माना है कि रुद्रप्रयाग में 11 वेंटिलेटर हैं, जिसमें नौ ख़राब हैं। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोर्ट ने सिर्फ़ ज़िला अस्पतालों की डिेटेल मांगी थी, हमारे पास मेडिकल कॉलेजों व निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर-आईसीयू के और इंतज़ाम हैं। इस पर कोर्ट ने कहा आपको जानकारी देने से किसने रोका है? हाईकोर्ट ने कहा कि क्या जब तीसरी लहर में हमारे बच्चे आंखों के सामने मरने लगेंगे, तब सरकार की तैयारियां होंगी? 
बच्चों के लिए कितने वार्ड बनाए हैं आपने अब तक? स्वास्थ्य सचिव ने कहा अगली सुनवाई के दौरान बता पाएंगे कि कितने वार्ड तैयार हो पाएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हम बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में ट्रीटमेंट देंगे जो मॉडरेट और माइल्ड केस होंगे, उन्हीं को ज़िला अस्पतालों में उपचार के लिए रखेंगे। हाई कोर्ट ने कहा कि टाइमफ्रेम के साथ तैयारियों का स्तर बताइए। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल में डेल्टा प्लस वैरियंट केस आ चुके, आपकी तैयारियां कहां पहुंची? आप तैयारियों को लेकर समय बताएं कि कब तक क्या करेंगे? आपके पास पांच मेडिकल कॉलेज हैं तो बाक़ी जिलों के बच्चों का क्या होगा?
उदाहरण के लिए बताइए बागेश्वर और पिथौरागढ़ के बच्चों के लिए क्या करेंगे? चीफ़ जस्टिस ने कहा कि मान लीजिए मैं पैरेंट हूं और बागेश्वर में रहता हूं, रात्रि को अपने बच्चे को लेकर कहां पहाड़ों में भागूंगा ? स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोरोना हार्ट अटैक जैसी बीमारी नहीं। पहले बुखार होगा, दूसरे सिम्पटम आएंगे, फिर ज़िला अस्पताल से लेकर सुशील तिवारी हॉस्पिटल कर लाया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने एफिडेविट का पेज 41 पढ़ने को कहकर बच्चों को होने वाली सिवियरिटी पढ़ लेने को कहा। चीफ़ जस्टिस ने कहा मान लीजिए मेरे बच्चे को एक्यूट रेसपेरिटरी डिजिज है और चमोली में रहता हूं। 
बताइये कहां लेकर जाऊंगा। कोर्ट ने कहा आपका पर्याप्त एंलेंस का दावा झूठा है। दिल्ली-फ़रीदाबाद में एंबुलेंस नहीं मिली और आप कहते हैं आपके पास उत्तराखंड में पर्याप्त एम्बुलेंस हैं।

परीक्षा का परिणाम जारी करने की तैयारी: सरकार

पंकज कपूर          

देहरादून। सरकार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी करने की तैयारी कर रही है। मगर इसमें तमात दिक्कतें आ रही है। उत्तराखंड बोर्ड की ओर से रिजल्ट का जो मसौदा तैयार किया गया है। उसके अनुसार 10वीं और 12वीं में हुए आंतरिक परीक्षा के अंक भी जोडे़ जाने हैं। मगर प्रदेश में कई विद्यालय ऐसे हैं। जिन्होंने 10वीं व 12वीं की कक्षाओं में मासिक परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन कराया ही नहीं। ऐसे में इन विद्यालयों के छात्रों का परिणाम कैसे तैयार होगा, इसे लेकर अधिकारी पशोपेश में हैं। अब इस लेकर बरती गई लापरवाही प्रधानाचार्यों और शिक्षाधिकारियों को भारी पड़ेगी। 

बोर्ड रिजल्ट तैयार करने में यह चूक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को सख्त नागवार गुजरी है। ऐसे विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ ही संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों और मुख्य शिक्षाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने बीते शैक्षिक सत्र 2020-21 में 10वीं व 12वीं की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी थी। बीते नवंबर से मार्च माह यानी पांच महीनों के दौरान सरकारी, अनुदानप्राप्त अशासकीय और उत्तराखंड बोर्ड से मान्यताप्राप्त निजी माध्यमिक विद्यालयों को बोर्ड परीक्षार्थियों की पढ़ाई के लिए खोला गया था। शासन काफी पहले ही मासिक परीक्षा लेने के आदेश जारी कर चुका था। इसके बावजूद विद्यालयों के स्तर पर छात्र-छात्राओं के लिए मासिक परीक्षा समेत अन्य आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं की गई।

सीबीएसई समेत अन्य राज्यों में प्री-बोर्ड एवं अन्य तरीके से हुए आंतरिक मूल्यांकन को 10वीं व 12वीं के रिजल्ट के लिए ज्यादा तवज्जो दी गई है। उत्तराखंड में विद्यालयों के स्तर पर बरती गई लापरवाही के चलते आंतरिक मूल्यांकन के अंकों को रिजल्ट में ज्यादा महत्व नहीं देने के लिए कदम उठाने की नौबत आई। मंगलवार को विभागीय समीक्षा के दौरान सामने आने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय खफा हो गए। उन्होंने इस लापरवाही को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए।

सीसीआई के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार किया

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप की नई निजता नीति की जांच के सिलसिले में फेसबुक और मैसेजिंग ऐप से कुछ सूचना मांगने वाले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भम्भानी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि जांच में और कदम उठाने पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली एक अर्जी पहले ही दायर की जा चुकी है। 
जिसमें सीसीआई के महानिदेशक को नोटिस जारी किया गया। इस पर खंडपीठ ने छह मई को कोई अंतरिम राहत नहीं दी और इस पर सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख तय की थी।पीठ ने 21 जून को दिए आदेश में कहा, ‘‘हमने यह भी पाया कि पहले दायर अर्जी और मौजूदा अर्जी में एक जैसी बातें कही गयी है। पहले की वजहों के चलते हम इस वक्त आठ जून के नोटिस पर रोक लगाना उचित नहीं समझते।’’ इस आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध करायी गयी।यह मामला एकल पीठ के आदेश के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सएप की अपीलों से संबंधित है। 
एकल पीठ ने व्हाट्सएप की नयी निजता नीति की जांच का सीसीआई द्वारा आदेश देने के खिलाफ उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने इससे पहले अपीलों पर नोटिस जारी किया था और केंद्र से जवाब देने को कहा था।

अपरहण: 'निर्णायक सबूत' के बारे में जानकारी नहीं

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। एंटीगुआ एवं बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि वह हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के अपरहण के संबंध में “कोई निर्णायक सबूत मिलने” के बारे में अवगत नहीं हैं। लेकिन सार्वजनिक रूप से यह जानकारी है कि चोकसी का अपहरण किया गया था और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपनी जांच में संभवत: ऐसे लोगों का पता लगाया है। जिनके पास इस संबंध में जानकारी हो सकती है।
चोकसी सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक से लगभग 13,500 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में भारत में वांछित है। वह 2018 से एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिक के तौर पर रह रहा है और वहां से 23 मई को रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। ब्राउन अपने देश की संसद में विपक्षी सांसद के सवालों का जवाब दे रहे थे जिन्होंने उनसे पूछा कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी अन्य जांच एजेंसी को इस बारे में कोई सबूत मिला है कि चोकसी को ‘‘अनैच्छिक तरीकों’’ से डोमिनिका ले जाया गया था।
मीडिया संस्थान ‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ द्वारा साझा की गई संसदीय कार्यवाही की क्लिप के अनुसार, ब्राउन ने कहा, ‘‘अध्यक्ष महोदय, मुझे सबूतों की जानकारी नहीं है। लेकिन पब्लिक डोमेन में यह जानकारी है कि मेहुल चोकसी का अपहरण किया गया था। मुझे पता है कि यहां कानून प्रवर्तन ने जांच की है और उन्होंने संभवत: ऐसे लोगों का पता लगाया है, जिनके पास इस संबंध में जानकारी हो सकती है, लेकिन जहां तक ​​साक्ष्य की बात है तो मुझे यह जानकारी नहीं है कि ऐसा कोई निर्णायक सबूत है या नहीं। 
यह पूछे जाने पर कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी अन्य एजेंसी ने चोकसी के कथित अपहरण के बारे में उनकी सरकार से संपर्क किया है, तो उन्होंने ना में जवाब दिया। चोकसी को डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया था। उसके वकीलों ने आरोप लगाया है कि एंटीगुआई और भारतीय जैसे दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने उनके मुवक्किल का अपहरण कर लिया तथा उसे नौका के जरिए डोमिनिका पहुंचा दिया। चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है। दोनों के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रहा है।

कोरोना के मामलों ने 3 करोड़ का आंकड़ा पार किया

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। भारत में 50 दिनों में कोरोना वायरस के एक करोड़ मामले आने के साथ ही महामारी के मामलों की संख्या अब तीन करोड़ के आंकड़े को पार कर गयी है। एक दिन में 50,848 नए मरीज आने से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 3,00,28,709 पर पहुंच गयी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 1,358 लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,90,660 हो गयी है। भारत में कोविड-19 के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। जिसके बाद उसे चार मई को दो करोड़ का आंकड़ा पार करने में करीब 136 दिन लगे।

सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 6,43,194 पर पहुंच गयी है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.14 प्रतिशत है। जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की राष्ट्रीय दर 96.56 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। पिछले 24 घंटों में 19,327 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-312 (साल-02)
2. ब्रहस्पतिवार, जून 24, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुदर्शी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:42, सूर्यास्त 07:16।
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
बरसात की संभावना
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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संपर्क सूत्र :- +919350302745  
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मंगलवार, 22 जून 2021

व्याख्या: उत्‍तर कोर‍िया ने अमेरिका को खबरदार किया

सियोल/ वाशिंगटन डीसी। उत्‍तर कोर‍िया के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका को खबरदार किया है। उन्‍होंने कहा उत्‍तर कोरिया के संकेतों की गलत व्याख्या नहीं करे। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि उत्‍तर कोरिया के संकेतों को अमेरिका गलत व्‍याख्‍या कर रहा है। उन्‍होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह वार्ता का सपना देख रहा है तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी। उत्‍तर कोरिया की ओर से यह टिप्‍पणी ऐसे वक्‍त आई है। जब एक अमेरिकी दूत ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में किम जोंग उन के साथ वार्ता पर अपनी सकारात्‍मक प्रतिक्रिया दी है। उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन की बहन ने अमेरिका के साथ वार्ता की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया है। किम जोंग की बहन किम यो जोंग सत्ता में शक्तिशाली भूमिका में हैं। किम यो जोंग ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान के बयान पर भड़कते हुए कहा है कि वह किम जोंग के बयान के अपने तरीके से अर्थ निकालकर वार्ता के सपने देख रहे हैं। 

सुलीवान के बयान का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कोरियाई मुहावरे का भी प्रयोग किया। किम यो ने कहा कि अमेरिका को उ. कोरिया प्रमुख के बयान का अपने हिसाब से मतलब निकालने पर निराशा ही हाथ लगेगी। किम यो उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी में पब्लिसिटी ए्ंड इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर हैं। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान ने उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन के बयान को रोचक संकेत बताया था। किम ने कहा था कि वे टकराव और वार्ता दोनों के लिए ही तैयार हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन ने उत्तर कोरिया से वार्ता के लिए सुंग किम को विशेष दूत नियुक्त किया हुआ है। वह पांच दिन की दक्षिण कोरिया की यात्रा पर हैं।

24 को अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया

कविता गर्ग                          
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को 36 वर्षीय महिला के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया जिसने कहा था कि शिवसेना सांसद संजय राउत और उसके पति के इशारों पर कुछ लोगों ने उसका पीछा किया और उसे प्रताड़ित किया। महिला और उनके पति के बीच अलगाव है। न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन.जे. जामदार की खंडपीठ ने पुलिस आयुक्त को इस मामले में 24 जून को अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। याचिका इस वर्ष फरवरी में दायर की गई थी। जिसमें पेशे से मनोवैज्ञानिक महिला ने दावा किया था कि राज्यसभा सदस्य राउत तथा उसके अलग रह रहे पति के इशारों पर कुछ अज्ञात पुरुष उसका पीछा कर रहे हैं और उसे परेशान कर रहे हैं। 
महिला की वकील आभा सिंह ने अदालत को मंगलवार को बताया कि याचिका दायर करने के बाद हाल में उनकी मुवक्किल को असंज्ञेय मामले में गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने पीएचडी की नकली डिग्री हासिल की है।उन्होंने कहा, ”याचिकाकर्ता दस दिन से जेल में है। जब से उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है तब से पूरी पुलिस मशीनरी उनके पीछे पड़ गई है। यह दुर्भावनापूर्ण और बदले के इरादे से की गई कार्रवाई है।” 
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दायर कर सकती हैं। पीठ ने कहा, ”हम पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वह याचिका में की गई शिकायतों की जांच करें और उचित कदम उठाएं। पुलिस आयुक्त 24 जून को इस मामले में रिपोर्ट दें।” महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि उन्होंने 2013 और 2018 में तीन शिकायतें की थीं लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका पर मार्च में जब सुनवाई हुई थी तब राउत के वकील प्रसाद ढाकेफलकर ने इसका विरोध करते हुए सभी आरोपों से इंकार कर दिया था। उनका कहना था कि याचिकाकर्ता शिवसेना नेता की पुत्री समान है।

रिटायर्ड: सरकार द्वारा नया सचिव नियुक्त किया गया

राणा ओबराय
चंडीगढ़। हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में आम चर्चा सुनने व देखने को मिलती हैं कि मन्त्री या बड़े अधिकारी रिटायर्ड होने के बाद भी अपने सचिव या निजी सचिव को पदमुक्त नही करते हैं। जबकि रिटायर्ड होने वाले के स्थान पर सरकार द्वारा नया सचिव या निजी सचिव नियुक्त कर दिया जाता है। आखिरकार ऐसा कौन सा निजी स्वार्थ होता है। जो मन्त्री या बड़े अधिकारी पुराने सचिव या निजी सचिव को हटाते नही है। 
क्या वह ज्यादा ज्ञानवीर होता है या वह कमाऊ पूत अथवा वह अपने बोस के द्वारा किये गए कार्यों का ज्यादा राजदार हो जाता है ? इनमें से ऐसा कौन सा कारण है ? जो मन्त्री या अधिकारी को मजबूर करता है। अपने पुराने सचिव को साथ रखने के लिए ? यदि ज्ञान औऱ कार्यों कि बात की जाए तो सभी पुराने औऱ नए सचिवों की एक ही पाठशाला है। वहीँ से सब सीख कर आते हैं। सभी को बराबर का ज्ञान होता है। हाँ यदि मन्त्री या अधिकारी अपने अधीन विभाग में रिटायर्ड सचिव अथवा निजी सचिव को नियुक्त करके अपने साथ रखता है तो इसमें उनका निजी स्वार्थ हो सकता है ? कुछ भी हो हरियाणा के भाजपा राज में यह परम्परा बंद नही हुई तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी।

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 8 नए मामलें सामने आएं

पंकज कपूर              

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जहां तेजी से कम हो रहा है। वही ब्लैक फंगस के मामलों में भी धीरे धीरे धीरे कमी आ रही है। राज्य में आज ब्लैक फंगस के 8 नए मामले तथा 1 मरीज की मौत हुई। मंगलवार की शाम 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक 465 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 82 मरीजों की मौत हो चुकी है। वही 65 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक 302 मामले सामने आए जिनमें 54 की मौत हो चुकी है 29 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज में 23, मैक्स हॉस्पिटल में 15, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 30, जौलीग्रांट में 45, आरोग्यधाम हॉस्पिटल में दो, कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी में तीन, सुशीला तिवारी अस्पताल में 33, सिटी अस्पताल में, तिवारी नर्सिंग होम में एक, जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक, ओएनजीसी हॉस्पिटल में एक, सिनर्जी हॉस्पिटल में 2, उत्तरकाशी डिस्टिक हॉस्पिटल में 2, मिलट्री हॉस्पिटल रुड़की में दो तथा मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में एक मामले सामने आए है।

अनियंत्रित व्यवस्था, सरकार पर पलायन का आरोप

कविता गर्ग                       
मुंबई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार अगर गिरती है तो वैकल्पिक व्यवस्था देने के लिए भारतीय जनता पार्टी तैयार है। फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार पर गंभीर मुद्दों से पलायन करने का भी आरोप लगाया है। 
 देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधान भवन में पत्रकारों से कहा कि राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार से हर वर्ग परेशान हो चुका है। सरकार में शामिल तीनों दल सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं। उन्हें जनता की परेशानियों को खत्म करने की कोई फिक्र नहीं है। उद्धव ठाकरे की स्थिति अब तब की बन गई है। लेकिन भाजपा सरकार गिराने का कोई पाप नहीं करने वाली है। सरकार गिरने के बाद भाजपा सूबे की जनता के हितों को देखकर वैकल्पिक व्यवस्था करने में सक्षम है। 
 देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में किसानों की स्थिति खराब हो गई है। कोरोना की वजह से लोगों की रोजी रोटी की समस्या बढ़ गई है। मराठा समाज का आरक्षण रद्द हो गया है। इतनी सारी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए राज्य सरकार के पास समय नहीं है। उन्होंने कम से कम 3 सप्ताह तक विधानसभा का अधिवेशन चलाए जाने की मांग की थी लेकिन राज्य सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी, इसलिए उन्होंने विधानभवन कामकाज समिति की बैठक का बायकाट कर दिया है।  

असंवैधानिक कदम को वापस बगैर शांति बहाल नहीं

श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक से पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा रद्द करने के ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ कदम को वापस लिए बगैर क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकती। गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) की एक बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान वह जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए जोर देंगी। जिसे‘ ”हमसे छीन लिया गया है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख ने कहा, ”गठबंधन का एजेंडा यह है कि जो कुछ हमसे छीन लिया गया है। हम उस पर यह बातचीत करेंगे। यह एक गलती थी। यह अवैध तथा असंवैधानिक था। जम्मू कश्मीर के मुद्दे का हल किये बगैर जम्मू कश्मीर और पूरे क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकती।” महबूबा के साथ गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित इसके अन्य नेता भी थे।

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हंगामा किया

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। अनिवार्य आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट न लाने की वजह से कथित तौर पर उड़ान की मंजूरी न मिलने पर उत्तर प्रदेश निवासी 36 वर्षीय एक कारोबारी ने यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हंगामा कर दिया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विस्तार एअरलाइंस के उपप्रबंधक दीपक ढांढा से मिली शिकायत पर उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर, देवरिया निवासी कारोबारी सूरज पांडेय को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि ढांढा ने अपनी शिकायत में कहा कि संबंधित यात्री उड़ान संख्या यूके933 से मुंबई जाने के लिए इंदिरा गांधी हवाईअड्डे पर विस्तार एअरलाइंस के काउंटर पर पहुंचा लेकिन उसके पास आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं थी और इसलिए उसे विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई जिससे उसकी उड़ान छूट गई।एअरलाइन के अधिकारी ने शिकायत में आरोप लगाया कि अपराह्न लगभग तीन बजे सूरज पांडेय हिंसक हो गया और उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। वह बैगेज बेल्ट पर भी चढ़ गया और उस पर घूमना शुरू कर दिया तथा एअरलाइन के कर्मचारियों एवं यात्रियों के लिए बाधा उत्पन्न करने लगा।
पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी हवाईअड्डा) राजीव रंजन ने कहा, ”हमने शिकायत के सत्यापन के लिए सीसीटीवी फुटेज देखी। शिकायत, सीसीटीवी फुटेज के अध्ययन और अब तक की गई जांच से पता चलता है कि आरोपी सूरज पांडेय ने दिल्ली पुलिस कानून की संबंधित धाराओं के अंतर्गत आने वाला अपराध किया। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी चिकित्सीय जांच भी कराई गई। उन्होंने कहा कि क्योंकि यह एक जमानती अपराध था, इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया। उसे यहां अदालत में पेश किया जाएगा। विस्तार एअरलाइंस के प्रवक्ता द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यात्री ने 21 जून को दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान बुक की थी, लेकिन उसे विमान में इसलिए सवार नहीं होने दिया गया क्योंकि उसके पास कोविड-19 संबंधी आटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट नहीं थी जो सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अनिवार्य है। 
प्रवक्ता ने कहा, ”प्रतिक्रिया में उसने (यात्री) हमारे कर्मचारियों तथा अन्य यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया और उसके कृत्य से जमीनी संचालन की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ। हमने यात्री को टिकट का पूरा पैसा वापस कर दिया है और अधिकारियों को घटना की सूचना दे दी है। एअरलाइन ने कहा कि विस्तार बुरे व्यवहार और ऐसे कृत्यों के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति रखती है जिससे यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा के लिए खतरा पैदा होता हो।

गाजियाबाद: 7 कोरोना संक्रमितों को डिस्चार्ज किया

अश्वनी उपाध्याय            

गाजियाबाद। जिलें में 4 नए मरीज मिले और 7 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में एक भी मरीज की मौत दर्ज नहीं की गई और 77 सक्रिय संक्रमित हैं। बुलेटिन के अनुसार जनपद में अब तक 54,968 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। जबकि संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 461 है। गौतमबुद्ध नगर जिले में 9 नए मरीज मिले और 38 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में 93 सक्रिय संक्रमित हैं। बुलेटिन के अनुसार जनपद में अब तक 62,453 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। जबकि संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 466 है। मेरठ जिले में 12 नए मरीज मिले और 15 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में 2 मरीजों की मौत दर्ज की गई और 182 सक्रिय संक्रमित हैं। बुलेटिन के अनुसार जनपद में अब तक 68,213 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। जबकि संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 891 है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...