शुक्रवार, 28 मई 2021
दूध में उबालकर पिए तुलसी, अधिक लाभ होगा
चक्रवात ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा की: पीएम
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से राज्य के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। राज्यपाल गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। ‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है। प्रधानमंत्री ओडिशा के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के साथ मुख्यमंत्री ने हिंगलगंज, हसनाबाद, संदेशखली, पिनाखा और जिले के अन्य इलाकों में चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया। ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने देखा है कि अधिकतर क्षेत्र जलमग्न हैं। मकान और खेतों के बड़े भू-भाग जलमग्न हैं। इस संबंध में फील्ड सर्वेक्षण भी किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और खंड विकास पदाधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक भी की। पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना जिलों में कई इलाके चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित हैं। चक्रवात ‘यास’ बुधवार सुबह पड़ोसी ओडिशा के तट से टकराया था। इसके चलते इन जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश हुई और तेज चक्रवाती तूफान आये। बनर्जी बाद में दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों और पूर्वी मेदिनीपुर में नतटीय शहर दीघा का भी दौरा करेंगी।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए बंगाल के 2 मंत्री
मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों- सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इन सभी को अंतरिम जमानत देते हुये कई शर्तें लगायीं हैं। पीठ ने चारों आरोपी नेताओं को दो-दो लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने का निर्देश दिया है। ये सभी नजरबंद हैं। पीठ ने उनसे मामले के संबंध में मीडिया में या सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया है कि जांच अधिकारियों द्वारा बुलाये जाने पर वे डिजिटल माध्यम से उनसे मुलाकात करें। कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश पर नारद स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों नेताओं को 17 मई की सुबह को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को 17 मई को अंतरिम जमानत दी थी लेकिन उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंड पीठ ने बाद में फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इन नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। पांच न्यायाधीशों की पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश जिंदल और न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे।
कोरोना टीकाकरण को लेकर पीएम पर साधा निशाना
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ‘नौटंकी’ की और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उस कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ की बजाय सच्चाई देश को बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनना चाहिए कि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।
राहुल गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”कोरोना संकट को लेकर हमने एक के एक बाद सरकार को सलाह दी, लेकिन सरकार ने हमारा मजाक बनाया है। प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है। सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना समझ नहीं आया है और आज तक समझ नहीं आया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ”कोरोना एक बदलती हुई बीमारी है। इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा। मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए।”
लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू करेंगा दिल्ली
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली ने कुछ हद तक कोविड-19 की दूसरी लहर पर नियंत्रण पा लिया है और दिल्ली अब धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू करेेंगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ जंग अभी समाप्त नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा ”दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शुक्रवार को हुए एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में हमें निचले वर्ग – दिहाड़ी मजदूर, श्रमिकों, प्रवासी कामगारों का सबसे पहले ध्यान रखना होगा।” केजरीवाल ने कहा कि फैसला किया गया है कि कारखानों को खोला जाएगा और निर्माण गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।
अलीगढ़: जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौंत
हरिओम उपाध्याय
अलीगढ़। यूपी में आबकारी विभाग और क्षेत्रिय पुलिस की लापरवाही के चलते जहरीली शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यही कारण है, हर दर्जनों के मौतों के बाद सिस्टम सोया रहता है। ताजा मामला यूपी के अलीगढ़ का है। जहां जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गयी हैं। वहीं इस घटना की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी डीएम व आबकारी विभाग समेत गृह विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकर लगाते हुए रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि अलीगढ़ लोधा थाना क्षेत्र के गांव करसुआ में शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही दस से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इन सभी ने गरुवार को शराब खरीदी थी। देर शाम इन सभी ने शराब का सेवन किया। इसके बाद से इनकी हालत बिगडऩे लगी। पुलिस ने शराब ठेका अपने कब्जे में ले लिया है। जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि शराब के सेवन के बाद जान गंवाने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मृतकों में दो करसुआ में एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं।
यूके: कोरोना नियंत्रण कन्ट्रोल रूम सत्यापित कियें
परीक्षा संबंधित याचिका पर सुनवाई करेंगा एससी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर वह 31 मई को सुनवाई करेगा। यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष आया था।
सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को याचिका की प्रति दी है या नहीं। याचिकाकर्ता ने जब कहा कि वह मामले के पक्षों को प्रति सौंपेंगी तो पीठ ने कहा, “आप यह करें। हम इस पर सोमवार (31 मई) को सुनवाई करेंगे।”
24 घंटे में 2 लाख से कम 1,86,364 नए मामलें मिलें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में इस महीने दूसरी बार 24 घंटे में दो लाख से कम 1,86,364 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,75,55,457 हो गई। देश में 44 दिन बाद कोविड-19 के इतने कम नए मामले सामने आए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 3,660 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,18,895 हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 33,90,39,861 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 20,70,508 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दर भी कम होकर नौ प्रतिशत हो गई थी। पिछले चार दिनों से यह 10 प्रतिशत से कम है। संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 10.42 प्रतिशत हो गई है।
ब्लैक फंगस की चपेट में आएं 150 से अधिक लोग
माफी की मांग को लेकर मानहानि का नोटिस: रामदेव
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पतंजलि योगपीठ ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी के संबंध में योग गुरु रामदेव से माफी की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से उसे एक मानहानि नोटिस मिला है। योगपीठ ने कहा कि वह कानूनी तरीके से इसका ‘करारा जवाब’ देगी। पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने इसकी पुष्टि की और कहा, ”हम उन्हें उसी कानूनी रूप से करारा जवाब देंगे, जैसा कि हम अपनी महान मातृभूमि और मानवता की सेवा करते हुए जिस तरह से सब कुछ करते हैं।”
हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने यह भी कहा कि पतंजलि सारी गतिविधियां वैज्ञानिक और सत्यता को ध्यान में रखकर करता है और वह किसी को भी ऋषियों और शास्त्रों के महान ज्ञान और विज्ञान की उपेक्षा, अनादर और अपमान नहीं करने दे सकता।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
गुरुवार, 27 मई 2021
यूएई-चीन के बीच बढ़ते संबंधों से टेंशन में अमेरिका
अनुबंध-पत्र प्रस्तुत करने पर राहत देने का निर्देश
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्लैक फंगस के मरीजों, मुख्य रूप से कोविड-19 से स्वस्थ होने के बाद इससे प्रभावित होने वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन बी के सीमा शुल्क मुक्त आयात की बृहस्पतिवार को अनुमति प्रदान कर दी। अदालत ने दवा पर सीमा शुल्क में केंद्र द्वारा छूट दिए जाने पर अंतिम फैसला लेने तक आयातकों द्वारा अनुबंध-पत्र प्रस्तुत करने पर यह राहत देने का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस से पीड़ित हजारों लोगों की जान बचाने के लिए दवाओं की आवश्यकता है और केंद्र को तब तक इसपर सीमा शुल्क में छूट देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए जब तक कि देश में इसकी आपूर्ति कम है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि इस दवा (एम्फोटेरिसिन बी) का किसी भी व्यक्ति को असल सीमा शुल्क का भुगतान किए बिना ही आयातक द्वारा अनुबंध पत्र प्रस्तुत किए जाने पर उस समय तक अनुमति दी जाए। जब तक कि केंद्र इसपर फैसला नहीं ले लेती है।”
दिल्ली में बृहस्पतिवार को 117 संक्रमितों की मौंत
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 117 मरीजों की मौत हुई। जो कि 15 अप्रैल के बाद एक दिन में इस महामारी से जान गंवाने वालों की सबसे कम संख्या है। इस दौरान दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,072 नए मामले सामने आए जबकि संक्रमण दर घटकर 1.53 प्रतिशत रह गई।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी। यह लगातार पांचवां दिन है, जब दिल्ली में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या दो हजार से कम रही है। संक्रमण के नए मामलों की संख्या लगातार दूसरे दिन 1500 से नीचे रही है। बुधवार को राजधानी में 70,068 नमूनों की कोविड-19 जांच की गयी। राजधानी में 15 अप्रैल को कोविड-19 के कारण 112 लोगों की मौत हुई थी।
अभियान: 2 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया
झंडा लेकर नारेबाजी करते हुए काला दिवस मनाया
रक्षामंत्री राजनाथ ने ओपीडी पोर्टल की शुरूआत की
कांग्रेस नेता ने बैंकों में भीड़ को देखकर जताई चिंता
उपभोक्ताओं को जून में नहीं मिलेगा रिफाइंड और तेल
शिमला। हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को जून में रिफाइंड तेल नहीं मिलेगा। उपभोक्ताओं को रिफाइंड के बदले दो लीटर सरसों तेल ही दिया जाएगा। खाद्य आपूर्ति निगम ने रिफाइंड तेल का टेंडर नहीं किया है। उपभोक्ताओं को अगले माह से वैसे भी सरसों तेल 57 रुपये महंगा मिलेगा। विभाग ने इसकी जानकारी पहले ही दे दी है। एपीएल उपभोक्ताओं को 160 और बीपीएल को 155 रुपये प्रतिलीटर तेल मिलेगा।
हिमाचल में साढ़े 18 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। इनमें 12.50 लाख एपीएल और 4.45 लाख बीपीएल उपभोक्ता हैं। सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। सरकार उपभोक्ताओं को एक लीटर रिफाइंड और एक लीटर सरसों तेल उपलब्ध कराती है। बताया जा रहा है कि रिफाइंड तेल के दाम में भारी उछाल आया है। इसके चलते अगले महीने दो लीटर सरसों तेल ही देने का फैसला लिया गया है।
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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