शुक्रवार, 21 मई 2021

तैनाती: 26-27 को चक्रवाती तूफान 'यास' की दस्तक

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में 26-27 मई के आसपास चक्रवाती तूफान यास दस्तक दे सकता है और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में अपने दलों की तैनाती शुरू कर दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तूफान ताउते से प्रभावित राज्यों में बचाव और पुनर्वास के काम के लिए भेजे गये दलों को वापस बुलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में यास तूफान और इसके संभावित प्रभावों के मद्देनजर दलों को हवाई मार्ग से बुलाने का फैसला किया गया है।

सीएम योगी ने कोविड केयर सेंटर का किया निरीक्षण

आदर्श श्रीवास्तव                 

लखीमपुर खीरी। सीएम योगी शुक्रवार को कोरोना से निपटने को लेकर चल रहे अभियान की समीक्षा करने लखीमपुर खीरी पहुंचे। उन्होंने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जीवन और जीविका को बचाना हमारा दायित्व है। प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर यह युद्ध लड़ना होगा। 

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री बोले कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के सामने बड़ी चुनौती थी। आशंका जताई जा रही थी कि 25 अप्रैल से 10 मई के बीच प्रतिदिन एक लाख पॉजिटिव केस आएंगे। 24 अप्रैल को सर्वाधिक 38 हजार 55 पॉजिटिव केस आये थे। जो अब घटकर 7713 केस हैं। पिछले 20 दिनों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख 4 हजार लोग कोरोना से मुक्त हुए हैं। अब तक एक करोड़ साठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 18 साल और इससे ऊपर के आठ लाख से अधिक लोगों को भी वैक्सीन दी जा चुकी है।

गांवों के लिए एंबुलेंस देने के आदेश पर लगाईं रोक

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें एक महीने के भीतर यूपी के सभी गांवों के लिए 2-2 आईसीयू एंबुलेंस देने को कहा गया था। इस आदेश में सभी नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड की सुविधा के लिए भी कहा था। आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य की मेडिकल व्यवस्था को ‘रामभरोसे’ कहा था। 

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि 1 महीने में 97,000 गांवों के लिए 2-2 एंबुलेंस देना समेत दूसरे आदेश भले ही अच्छे मकसद से दिए गए हों, पर अव्यवहारिक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को सलाह की तरह लेकर काम करने की कोशिश करें। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से कहा कि ऐसा आदेश न दें जिनका पालन असंभव हो।

सीएम स्टालिन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, मांग की

मनोज सिंह ठाकुर             

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सभी दोषियों की रिहाई को लेकर सितंबर 2018 के राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने की भी अपील की है।

स्टालिन की ओर से कोविंद को लिखा गया पत्र द्रमुक संसदीय दल के नेता टी आर बालू ने दिल्ली में उन्हें सौंपा। पत्र में सभी सात दोषियों एस. नलिनी, मुरुगन, संथान, ए.जी. पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट प्यास और पी. रविचंद्रन की सजा माफ करने और उनकी तत्काल रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।

दिल्ली में संक्रमण के 3009 नए मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय                    

नई दिल्ली। दिल्ली में 24 घंटे में शुक्रवार को कोविड-19 के 3009 नए मामले आए तथा 252 और लोगों की मौत हो गयी। वहीं संक्रमण दर घटकर 4.76 प्रतिशत हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। नए स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, मौत के नए मामलों से राष्ट्रीय राजधानी में मृतक संख्या 22,831 हो गयी है। दिल्ली में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के 4,000 से कम मामले आए हैं।

बृहस्पतिवार को संक्रमण दर 5.5 प्रतिशत थी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण रोजाना के मामलों में कमी आ रही है। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 3,846 मामले आए थे और 235 लोगों की मौत हुई थी।


आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की

नरेश राघानी             

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिका में आसाराम ने हरिद्वार जाकर आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराने के लिए जमानत देने का अनुरोध किया था। अदालत ने जोधपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दुष्कर्म में मामले में कैद आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया। आसाराम को कोविड-19 होने के बाद एम्स जोधुपर में भर्ती किया गया है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा की पीठ ने चिकित्सा रिपोर्ट देखने के बाद जिला और जेल प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह आसाराम को योग्य चिकित्सा संस्थान में उचित इलाज सुनिश्चित करे। अदालत ने कहा कि आसाराम को जेल में लौटने पर पौष्टिक आहार और सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए।

बागपत: समस्या के निस्तारण हेतु कार्य प्रारंभ किया

गोपीचंद              
बागपत। जिला बागपत की ग्राम पंचायत किशनपुर में जल भराव की समस्या लंबे समय से चल रही थी। जिस पर वार्ता करते हुये नरेश पाल प्रजापत ने बताया, कि जल भराव की समस्या रोशन प्रजापत से धीर सिंह कश्यप के मंकान तक नाला सफाई एंव तालाव सफाई नहीं होने के कारण जगह-जगह रास्तों पर गन्दा पानी भराव के कारण आमजन के लिये एक बड़ी समस्या का कारण बना हुआ था और इसी जल भराव के कारण पीडब्ल्यूडी द्वारा बनायी गयी सडक कई जगह से टूट चुकी है। नालों के पानी ओवर फ्लो होने के कारण कई प्रकार के मच्छर पैदा हो गये। जिससे गॉंव में गम्भीर बीमारी फैलने की आशंका हो रही थी।
गॉंव में चारो तरफ गन्दगी के अम्बार लगे होने वह पानी निकासी नहीं होने के कारण गॉंव में चारो तरफ पानी ही पानी नजर आरहा था अत: इस सम्बंध में मुख्यमंत्री पोटल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी और जिलाधिकारी महोदय को वाट्सप और डाक रजिस्ट्री के माध्यम से भी अवगत कराया गया था। जिसमे ग्राम में सफाई अभियान व पानी की निकासी की व्यवस्ता व सभी नालो की साफ सफाई कराने के लिये आवेदन किया गया था। जिसपर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुये समस्या की जांच करा कर समस्या के निस्तारण हेतु आज कार्य प्रारम्भ करा दिया।

महिलाओं ने पेयजल की समस्या पर किया हंगामा


गोपीचंद                
बागपत। आज शुक्रवार को बड़ौत नगर के वार्ड 17 के पट्टी मेहर गली कहरान और गडरीयान मे महिलाओ ने पानी की समस्या को लेकर जमकर हंगामा किया और चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओ से बातचीत के माध्यम से पता चला कि पिछले एक साल गली से पानी की गम्भीर समस्या चल रहीं है और प्रत्येक परिवार पानी की काफी कमी के कारण पीने के लिए भी पानी को तरस गए है। इस पर कुछ महिलाओ का ये भी कहना है कि जिस तरह पिछले एक साल से हम पानी की समस्या को झेल रहे हैं, तो आने वाले कुछ दिनों मे बिना पानी के और भी गम्भीर स्थिति बनती हुई नजर आ रहीं है। साथ ही सभी महिलाओं ने बताया कि कई बार नगर पालिका परिषद् बड़ौत के जलकल विभाग में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करायी जा चुकी है, लेकिन कोई भी अधिकारी इस विषय पर ध्यान नहीं देता और सिर्फ आश्वासन देकर भेज देते है। लेकिन स्थिति का जायजा लेकर उसमे सुधार करने कोई नहीं आता, जो कॉलोनीवासियों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है। उनका कहना है जब हम अपने नगर के विकास कार्यो और समस्या का निस्तारण करने हेतु अपना प्रतिनिधि चुनते है तो वोट मांगने के लिए तो सारे प्रत्याशी झूठे वादे करके अपनी सरकार बना लेते है लेकिन बाद मे वह उन्हें नजर भी नहीं आते है, इस बात को लेकर जनता मे काफी आक्रोश है और साथ ही कहा है कि अगर जल्द ही पानी की समस्या का निस्तारण सम्बन्धित विभाग द्वारा नहीं किया जाता है, तो उन्हें मजबूरन जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय पर जाकर पानी की समस्या के समाधान हेतु ज्ञापन देना पड़ेगा। इस मौके पर संतरा देवी, उर्मिला, ब्रिहमला, रहींशा, जैतून, कैलाश, राकेश, जयबीर, गुड्डू आदि कॉलोनी वाले प्रदर्शन करते नजर आए।

लॉकडाउन में शादी-विवाह की अनुमति प्रदान की

कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पास प्रदेश के समस्त जिलो से शिकायत प्राप्त हुयी है, कि प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में शादी-विवाह की अनुमति प्रदान की है। परन्तु शादी विवाह करने वाले परिवारो को सामान खरीदने के लिए बाजारो में दुकान खोलने की अनुमति नहीं दिया है। ऐसी हालत में प्रदेश के अंदर सामाज के सभी वर्गो को शादी के लिए कपडा,जेवर,वर वधू के लिए उपयोगी सामाग्री वा भोजन नास्ता आदी बनाने के लिए प्रयुक्त होने वाली सामग्री की खरीद मे बाजारो की सभी दुकाने बंद होने के कारण अत्याधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यदि इस तत्थ की अनदेखी करनी थी तो सरकार शादी विवाह की अनुमति नहीं देती तो अच्छा ही था।
दुकाने बंद होने के कारण दोनो परिवारो को वर वधू को देने के लिए कोई सामान नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण बहुत सी शादिया नियति तिथि पर कैसिल करनी पड़ी या टूट गई। लोग शादी के लिए बैण्ड बाजे होटल गेस्ट हाऊस फूल माला लाइट हलवाई सुनार आदि को एण्डवांश में रकम दे चुके है।परन्तु शादी कैसिंल होने पर उनका एण्डवांश पैसा वापस नही मिल पा रहा है। बहुत से लडकी पक्ष के सामने काफी आर्थिक नुकसान का संकट है।जिसमे कई भविष्य मे पुनः व्यवस्था करने मे असक्षम है। ऐसी स्थिति मे आम जनता कि समस्या को देखते हुवे सरकार द्वारा बाजारो को पूर्णतः बंद करना अनुचित है।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रान्तीय वरिष्ठ महामंत्री रमेश अग्रहरि ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ई मेल भेजकर मांग किया है कि कोविड कि दूसरी लहर मे लाकडाउन के समय सरकार ने वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति दी तो उपयोगी आवश्यक सामानो की खरीद ब्रिक्री हेतु बाजारो को खोलने की अनुमति प्रदान करे। आम जनता की समस्याओं वा जनपद के व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान मे रखते हुए 7:00 से 11:00 वा सांय 4:00 से 7:00 बजे तक बाजारो को खोलने कि अनुमति जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदान करे।
राजू सक्सेना 

पुलिस से इंसाफ के इंतजार में व्यक्ति ने तोड़ा दम

अतुल त्यागी              
हापुड़। पिलखुवा पुलिस से इंसाफ के इंतजार में व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। एक हफ्ते से परिजन पिलखुवा कोतवाली के चक्कर काट रहे हैं। जहां एक तरफ हापुड़ एसपी नीरज कुमार जादौन जरूरतमंद लोगों और फरियादियों की तुरंत मदद के लिए जाने जाते हैं। वहीं एक व्यक्ति ने पिलखुवा में पुलिस से इंसाफ के इंतजार में दम तोड़ दिया। पिलखुवा के गांव खेड़ा में झगड़े में घायल हुआ था मृतक। एक हफ्ते से मृतक के परिजनों को थाने से पुलिस टकरा रही थी। पुलिस कार्यवाही करती तो शायद मासूम की जान बच जातीं।

संक्रमण के आंकड़ो से जिला प्रशासन की नींद उड़ी

अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में आज नए संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़कर 1003 हो गई।  हाल ही में मुख्यमंत्री के मेरठ मण्डल में दौरे के बाद से गाज़ियाबाद और आसपास के क्षेत्र में आश्चर्यजनक रूप से संक्रमण की रफ्तार कम हुई थी मगर आज के आंकड़े जिला प्रशासन की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं।  राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार गाज़ियाबाद जनपद में 24 घंटों की अवधि में 452 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया और 3 संक्रमितों की मौत दर्ज की गई।  फिलहाल जिले में सक्रिय संक्रमितों की संख्या 3300 हो गई है।
पड़ोसी जिलों का हाल

गौतम बुद्ध नगर में 394 पॉज़िटिव रिपोर्ट्स मिली जबकि 461 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 6 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 4891 हो गई है।

मेरठ जिले में 427 नए मरीज मिले और 1317 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।  यहाँ 9 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 6569 हो गई है।

हापुड़ जिले में 142 नए संक्रमित मिले और 211 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।  हापुड़ में 2 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 1550 हो गई है।

आगरा जिले में 84 नए संक्रमित मिले और 166 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 9 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय मरीजों की संख्या 1063 हो गई है।

प्रदेश का हाल

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7735 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 17,668 मरीज ठीक हुए हैं और 172 मौतें हुई हैं। अब तक 15,34,176 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां मरने वालों की संख्या 18,760 हो गई है। यूपी में 1,06,276 सक्रिय मामले हैं।

5 ने दी ब्लैक फंगस को मात, 21 का चल रहा इलाज

अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) से पहली मौत दर्ज की गई।  हालांकि यहाँ मौत अभी सरकारी किताबों में दर्ज नहीं हुई है। नूरनगर सिहानी के रहने वाले 57 वर्षीय राजाराम को 24 अप्रैल को बुखार आया था। 2 मई को कोविड संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उन्हें संजय नगर स्थित कोविड लेवेल 2 अस्पताल में भर्ती कराया गया है।राजाराम के बेटे पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही के चलते उनके पिता को लगातार सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।  इसके बाद वे अपने पिता को इलाज के लिए वसुंधरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए। धीरे-धीरे राजा राम की आँखों की पुतलियाँ टेढ़ी होने लगीं।

इंजेक्शन के लिए लगाते रहे दफ्तरों के चक्कर

डॉक्टरों की सलाह पर पुष्पेंद्र अपने पिता को राज नगर के एक ईएनटी अस्पताल में ले गई।  यहाँ उन्हें इलाज के लिए कुछ एक ऐसा इंजेक्शन लाने के लिए कहा गया जो बाज़ार में उपलब्ध नहीं था। पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन के लिए उनका पूरा परिवार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगाता रहा मगर उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। सही समय पर इंजेक्शन न मिलने के कारण गुरुवार को राज राम की मौत हो गई।

5 मरीजों ने दी ब्लैक फंगस को मात और 21 का चल रहा है इलाज

गाज़ियाबाद के विख्यात ईएनटी स्पेशियलिस्ट डॉ. बी. पी त्यागी ने बताया कि उनके अस्पताल में इलाज करा रहे पांच मरीज ऑपरेशन के बाद घर पहुंच गए हैं। फिलहाल ब्लैक फंगस से पीड़ित 16 मरीजों का इलाज चल रहा है। तीन मरीज नेहरूनगर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल व एक मरीज कविनगर के एक अस्पताल में भर्ती है। डॉ. त्यागी का कहना है कि इस बीमारी में अगर समय से इलाज नहीं मिला तो 90 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है।महिलाओं की अपेक्षा में पुरुषों में अधिक परेशानी

डॉ. बीपी त्यागी ने बताया कि अब तक जितने मरीजों में म्यूकर माइकोसिस मिला है, सभी डायबिटिक हैं। संक्रमित मरीजों की उम्र भी 40 से 68 के बीच है। 21 मरीजों में सिर्फ तीन महिलाएं हैं। अब तक संक्रमित 99 फीसदी मरीजों में बाईं आंख और नाक संक्रमण की चपेट में आए हैं, जबकि एक महिला की दाईं आंख संक्रमित हुई है। एक सप्ताह में उपचार मिल जाए तो उसके बचने की उम्मीद 70 प्रतिशत होती है, लेकिन इलाज में विलंब हो जाए और संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाए तो मौत हो जाती है।

इलाज पर आता है 20 लाख रुपए का खर्च

डॉ. त्यागी ने बताया कि संक्रमित मरीज को पांच एमजी प्रति किग्रा के अनुसार इंजेक्शन दिया जाता है। अर्थात, 50 किग्रा वाले मरीज को 50 एमजी की तीन खुराक एक दिन में दी जाती है। एक इंजेक्शन का एमआरपी छह हजार रुपये है। मरीज का एक दिन में सिर्फ तीस हजार रुपये का इंजेक्शन लगता है, जबकि अन्य दवाइयां और अस्पताल का खर्च जोड़कर लगभग एक लाख रुपये प्रतिदिन का होता है।

और क्या हैं इलाज के विकल्प

डॉ. बी पी त्यागी ने बताया कि नेफ्रोटॉक्सिन इंजेक्शन 1,750 रुपये का आता है। इस इंजेक्शन का सबसे अधिक साइड इफेक्ट किडनी पर होता है, इसलिए इसके प्रयोग से डाक्टर बचते हैं। एक और इंजेक्शन एनीडुला फंगिन 17 हजार रुपये का आता है। शुगर लेवेल हाई होने के कारण या अन्य कारणों से जिन मरीजों  आपरेशन नहीं किया जा सकता है, ऐसे मरीजों में इस इंजेक्शन के प्रयोग से इंफेक्शन रोका जा सकता है।

इलाज का खर्च कम करने के प्रयास जारी

डॉ. त्यागी ने बताया कि मरीजों का खर्च बचाने के लिए वे कुछ दवाइयों को मिलाकर अलग से प्रयोग कर इलाज कर रहे हैं। इससे मरीजों का एक दिन का इंजेक्शन का खर्च 2,500 रुपये में हो जाता है। उन्होंने बताया कि जो मरीज पैसे खर्च नहीं कर सकते हैं, उनकी मदद के लिए कुछ संस्थाओं की सहायता ली जा रही है।

सरकारी मदद लेनी हो तो लगाने होंगे मेरठ के चक्कर

अगर मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि होती है तो उसे डाक्टर के पर्चे पर पहले गाज़ियाबाद के सीएमओ से संस्तुति कराने के बाद मेरठ जाकर अपर निदेशक स्वास्थ्य या मंडलायुक्त से इंजेक्शन लेने की अनुमति लेनी होगी। इसके बाद लाइपोसोमल इंजेक्शन 6,000 रुपये (ब्लैक में  16,000 रुपये) और इमल्सन 1,500 रुपये (ब्लैक में 3,000) में मिलेगा। एम्फोटेरेसीन-बी इंजेक्शन सिर्फ महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की अनुमति पर सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज को मिलेगी।

सरकारी अस्पताल में नहीं है एक भी मरीज

सीएमओ डॉ. एन के गुप्ता का कहना है कि अभी तक सरकारी स्तर पर ब्लैक फंगस से पीड़ित एक भी मरीज नहीं आया है। अगर कोई मरीज आता है, तो उसे रामा मेडिकल कॉलेज या संतोष अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।  इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन की मांग शासन से की गई है। डॉ. गुप्ता को अभी तक ब्लैक फंगस के कारण किसी मरीज के मौत के बारे में जानकारी नहीं है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...