बुधवार, 19 मई 2021

देश में कुल 32,03,01,177 की कोविड-19 जांच

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 से 4,529 और लोगों की मौत के बाद देश में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 2,83,248 हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार की सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोविड-19 के 2,67,334 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,54,96,330 हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आई है और अभी देश में 32,26,719 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 12.66 प्रतिशत है। अभी तक कुल 2,19,86,363 लोग संक्रमण मुक्त भी हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 86.23 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.11 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार गए। वहीं, 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में अभी तक कुल 32,03,01,177 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है। इनमें से 20,08,296 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई।

बच्चों पर परीक्षण के लिए अनुमति रद्द करें: याचिका

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर बुधवार को केन्द्र को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने केन्द्र और ‘भारत बायोटेक’ को नोटिस जारी 15 जुलाई तक याचिका पर उन्हें उनका रुख स्पष्ट करने को कहा। उक्त याचिका संजीव कुमार की ओर से दायर की गई है।
अदालत ने हालांकि कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के लिए 12 मई को दी गई अनुमति पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इंकार कर दिया। ‘क्लीनिकल ट्रायल’ 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। इन्हें भी टीके 28 दिन के अंतर में दो खुराक में लगाए जाएंगे। ‘कोवैक्सीन’ का विकास हैदराबाद आधारित भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किया है। यह उन दो टीकों में शामिल है, जिन्हें भारत में अभी व्यस्कों को लगाया जा रहा है।

118 शहरों में केंद्र, 9800 बिस्तरों की व्यवस्था की

नई दिल्ली। कोरोना का वर्तमान संकट गंभीर है, लेकिन समाज, सरकारें तथा प्रशासन व हमारे कोरोना योद्धा संकट के समय तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। सकारात्मकता और सामूहिक शक्ति के बल पर ही हम इस गम्भीर संकट से जीत पाएंगे। समाज में विभिन्न संगठन व संस्थाओं ने भी मिलकर समन्वय स्थापित करते हुए कई आवश्यक उपक्रम प्रारंभ किये हैं, जिनमें सेवाभाव से हज़ारों लोग सक्रिय हुए हैं। कोरोना की प्रथम लहर की भांति दूसरी लहर में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा भारती सहित अन्य संगठन व संस्थाओं के माध्यम से प्रभावित परिवारों व जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध करवाने के कार्य में जुटे हुए हैं। इस संकट काल में स्वयंसेवकों ने स्वतःस्फूर्त होकर क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता पर कई प्रकार के सेवा कार्य शुरू किए हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों के संबंध में जानकारी प्रदान की.कोरोना के संभावित लोगों हेतु आइसोलेशन केंद्र व संक्रमित रोगियों हेतु कोरोना केयर सेंटर, सरकारी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में सहायता उपलब्ध करवाना, सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर, ऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह, रक्तदान, प्लाज्मादान, अंतिम संस्कार का कार्य, आयुर्वेदिक काढ़ा व दवा वितरण, समुपदेशन (काउंसलिंग), ऑक्सीजन आपूर्ति व एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन व मास्क तथा टीकाकरण अभियान व जागरूकता, शव वाहन जैसे आवश्यक कार्य स्वयंसेवकों ने प्रारंभ किए हैं।

स्वयंसेवकों द्वारा सहायता के लिए देशभर में लगभग 3800 स्थानों पर हेल्पलाइन सेंटर्स चलाए जा रहे हैं। इसी प्रकार वैक्सीनेशन शिविर, सहयोग व जागरूकता अभियान में 7500 से अधिक स्थानों पर 22 हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं, जिसमें अभी तक कई लोगों को वैक्सीनेशन करवाया गया है। देशभर में 287 स्थानों पर आइसोलेशन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 9800 से अधिक बिस्तर की व्यवस्था है। इसके साथ ही 118 शहरों में कोविड केयर सेंटर भी चलाए जा रहे हैं, जिनमें 7476 बिस्तर की व्यवस्था है, इनमें से 2285 बिस्तर ऑक्सीजन युक्त हैं। इन केंद्रों के संचालन में 5100 से अधिक कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। इनके अलावा सरकारी कोविड केयर केंद्रों में भी स्वयंसेवक व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे हैं। देश में 762 शहरों में संचालित 819 सरकारी कोविड केयर केंद्रों में 6000 से अधिक कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं। स्वयंसेवकों ने 1256 स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन कर 44 हजार यूनिट रक्तदान करवाया है। देशभर में 1400 स्थानों पर संचालित चिकित्सकीय हेल्पलाइन के माध्यम से डेढ़ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं, इन केंद्रों में 4445 चिकित्सक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

भारत: 98 फीसदी आबादी पर संक्रमण का खतरा

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में दो फीसदी आबादी प्रभावित हुई है। यानी 98 फीसदी आबादी को अभी भी संक्रमण में आने का खतरा है इसलिए लोगों को सभी सावधानियां बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी तक सामने आए संक्रमण की इतनी अधिक संख्या के बावजूद हम दो फीसदी से कम आबादी तक इसे सीमित रखने में सफल हुए हैं।

संक्रमण में कमी
अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिनों में उपचाराधीन मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। तीन मई को सक्रिय रोगी 17.13 फीसदी थे जो अब घटकर 13.3 फीसदी रह गए हैं। इसी प्रकार स्वस्थ होने वाले लोगों का प्रतिशत भी 81.7 से बढ़कर 85.6 हो गया है। आठ राज्यों में कोविड-19 के एक लाख से अधिक मामले हैं और 22 राज्यों में संक्रमण की दर 15 फीसदी से अधिक है। यह आंकड़ा लगातार घट रहा है। महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मामलों में कमी आई है और संक्रमण दर भी कम हुई है। जबकि 199 जिलों में कोविड-19 के मामलों और संक्रमण दर में पिछले दो हफ्ते में कमी आई है।
जहां सरकार की ओर से 2 प्रतिशत का दिया आंकड़ा देशभर में अभी तक दर्ज हुए कोरोना संक्रमितों के कुल मामलों पर आधारित है तो वहीं आईसीएमआर द्वारा कराया गया सीरो सर्वे कुछ और ही कहता है। इस सर्वे के मुताबिक, बीते साल दिसंबर मध्य तक देश की आबादी का पांचवां हिस्सा यानी 21.4 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में 1.8 प्रतिशत आबादी कोरोना से प्रभावित हुई है जबकि अमेरिका की 10.1 फीसदी, ब्राजील की 7.3 फीसदी, फ्रांस की 9 फीसदी और इटली की 7.4 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हुई है।

सिंगापुर वेरिएंट पर नजर
बच्चों में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के सिंगापुर वेरिएंट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बार में जानकारी एकत्र की जाएगी।

एचसी ने किया नोटिस जारी, 2 दिन में जवाब मांगा

कोविड अस्पताल प्रबंधक की याचिका पर कार्रवाई
बिलासपुर । निजी अस्पताल को कोविड मरीजों के इलाज के लिए दी गई अनुमति वापस लिए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन, राजनांदगांव कलेक्टर व सीएमएचओ को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि वहां कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार शासन के निर्देश के अनुसार व्यवस्थाएं करके किया जा रहा है। इस बीच अनियमितता की एक शिकायत मिलने पर सीएमएचओ ने अस्पताल को कोविड के इलाज के लिए दी गई अनुमति वापस ले ली। इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन ने न तो उसे कोई नोटिस जारी किया, और न ही उसका पक्ष सुना गया। इसके अलावा कार्रवाई करने का अधिकार कोरोना प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत केवल कलेक्टर को है ,जबकि उक्त आदेश सीएमएचओ की ओर से जारी किया गया है। ग्रीष्मकालीन सिंगल बेंच में जस्टिस संजय के अग्रवाल ने इस मामले की वर्चुअल सुनवाई करते हुए राज्य शासन, कलेक्टर व राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब मांगा है।

बिहार: कोरोना से 600 से अधिक शिक्षकों की मौत

अविनाश श्रीवास्तव   
पटना। कोरोना संक्रमण से आये दिन किसी ना किसी शिक्षक की मौत हो रही है। पटना जिले की बात करें तो अभी तक 35 शिक्षकों की मौत कोरोना से हो चुकी है। यह स्थिति सूबे के सभी 38 जिलों की है। सभी जिलों में कोरोना से मरने वाले शिक्षकों की संख्या 600  से अधिक है।पटना जिला शिक्षा कार्यालय के अलावा कई जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक छह सौ से अधिक शिक्षक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 
वहीं, कई शिक्षक अभी भी कोरोना संक्रमित होकर हास्पीटल में गंभीर स्थिति में हैं। ज्यादातर शिक्षकों का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। शिक्षक तो दुनिया से चले गये, लेकिन इनके परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। कई शिक्षक का तो पूरा का पूरा परिवार ही कोरोना की चपेट में अब भी है। इनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। 
जमीन गिरवी रख कर करवाया इलाज 

प्राथमिक विद्यालय चरिहानी गौनाहा पश्चिम चंपारण के शिक्षक मृत्युंजय पांडेय की मृत्यु कोरोना से हो गयी है। उनकी पत्नी पूनम देवी ने बताया कि जमीन गिरवी रख कर इलाज करवा रहे थे। वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुढ़नीचक बाढ़ में सहायक शिक्षक राजकुमार राय की मृत्यु 21 अप्रैल को कोरोना से हो गई। पत्नी शारदा ने बताया कि 15 दिन हास्पीटल में भरती रखा। 80 हजार खर्च हुआ। शादी का जेवर गिरवी रखा है। फिर भी नहीं बच पाए।

केस-1

संतोष कुमार की उम्र 36 साल है। 2014 में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर बिंद नालंदा में नियोजन हुआ था। नौ मई को संतोष कुमार की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गयी। पत्नी की हालत खराब है। चार साल का बेटा और दो साल की बेटी है। पिछले साल संतोष कुमार के पिता और माता दोनों की मृत्यु हो गयी थी। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। पत्नी नीरू ने बताया कि नालंदा में किराये के मकान में रहते हैं।

केस-2

कमला सिन्हा 31 साल के थे। मध्य विद्यालय देवमाहा धनरूआ में सहायक शिक्षक के पद पर 2014 में नियोजन हुआ था। 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गयी। दो छोटे बच्चे हैं। आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। घर में कमाने वाले केवल कमला सिन्हा ही थे। पत्नी ने बताया कि छह महीने से उधार पर राशन पानी खरीद रहे थे।

आपदा राहत के तहत चार लाख का विशेष अनुदान

शिक्षकों की हो रही मौत पर तमाम शिक्षक संघ विशेष अनुदान देने की मांग कर रहे हैं। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि जिन शिक्षकों की जान कोरोना संक्रमण से जा रही है, उनके परिजन को ईपीएफ एवं आपदा राहत के तहत चार लाख की विशेष अनुग्रह राशि दी जाय, जिससे उन परिवार का भरण पोषण हो सके। वहीं, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने भी दिवंगत शिक्षकों को विशेष अनुग्रह राशि देने की मांग की है।

मोदी की लोकप्रियता में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज

सौमित्र रॉय 
नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट दुनिया भर के नेताओं की इमेज पर नज़र रखती है। कंपनी का कहना है कि मोदी की लोकप्रियता इस समय सबसे नीचे है। अप्रैल में मोदी की लोकप्रियता में 22% की गिरावट आई थी।
मोदी की इमेज सबसे ज़्यादा विदेशों में खराब हुई है। यहां तक कि मोदी नेपाल भी जाने लायक नहीं रहे, क्योंकि वहां कोविड की दूसरी लहर भारत की ही देन है।सरकार ने अमेरिका में चेहरा चमकाने वाले लड़कों की तलाश शुरू कर दी है।
'मोदी है तो मुमकिन है की जगह मोदी है तो मुश्किल है' जैसे नारे घर पर ही लगने लगे हैं। विदेशों में तो माइक पकड़कर मीडिया खड़ी है सवाल पूछने के लिए।
जाएं तो कहां ? वो तो भला हो ताऊ ते का, जो मोदी को कल बड़े दिनों बाद प्लेन में चढ़कर गुजरात जाने का मौका मिला। जो व्यवस्थापक अपने परिवार, समाज अथवा देश की रक्षा नहीं कर सकता है। या उसमें चूक कर देता है तो स्वयं नैतिकता के आधार पर ऐसे गरिमामयी पद के अधिकार से मुक्त हो जाना सामान्य प्रक्रिया है।

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...