मंगलवार, 16 मार्च 2021

72 देशों को कोरोना वैक्सीन दे रहा भारत: हर्षवर्धन

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश इस समय दुनिया के 72 देशों को कोरोना वायरस (कोविड-19) वैक्सीन आपूर्ति कर रहा है और घरेलू जरूरत के लिए भी इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।डॉ. हर्षवर्धन ने प्रश्न काल में पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि दुनिया के देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने में महती भूमिका निभाने के लिए भारत की चहुंओर तारीफ की जा रही है। देश अपनी जरूरत की वैक्सीन सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराने के साथ-साथ दुनिया के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। इसके लिए दुनिया भर में भारत की प्रशंसा हो रही है।उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, वैज्ञानिकों और पेशेवर लोगों की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुरूप देश में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करायी जा रही है। इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए आगे मिलने वाले निर्देशों के अनुरूप जरूरी कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने बताया, कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन निशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है और निजी अस्पतालों में यह 250 रुपये में लगायी जा रही है।

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिकों को उनके घर पर ही वैक्सीन लगवाने की सुविधा उपलब्ध कराने के सुझाव को विशेषज्ञ समूह के समक्ष रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में काफी सतर्कता की जरूरत है क्योंकि वैक्सीन लगवाने वाले प्रत्येक नागरिक को 30 मिनट तक निगरानी में रखा जाता है जिससे कोई दुष्प्रभाव होने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करायी जा सके।

दासगुप्ता ने दिया राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद राज्यसभा के मनोनीत सदस्य स्वप्न दासगुप्ता ने मंगलवार को उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने दासगुप्ता पर संविधान की 10वीं अनुसूची के उल्लंघन का आरोप लगाया था। दासगुप्ता अप्रैल, 2016 में राज्यसभा के सदस्य बने थे। उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तारकेश्वर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।दासगुप्ता ने ट्वीट कर कहा, ”बंगाल को बेहतर बनाने की लड़ाई में अपने आप को समर्पित करने के लिए मैंने आज राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मैं भाजपा उम्मीदवार के रूप में तारकेश्वर विधानसभा सीट से अगले कुछ दिनों के अंदर नामांकन दाखिल करने की उम्मीद करता हूं।”त्रों ने बताया कि दासगुप्ता ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया है कि उनका इस्तीफा बुधवार से प्रभावी माना जाए। इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर दासगुप्ता ने कहा, ”मैंने हमेशा कहा है कि नामांकन पत्र (पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए) दाखिल करने से पहले जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, वे उठाए जाएंगे।” राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 24 अप्रैल 2022 तक था। तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य मोहुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर राज्यसभा का मनोनीत सदस्य रहते हुए दासगुप्ता को विधानसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अगर कोई मनोनीत सदस्य शपथ लेने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। मोइत्रा ने कहा, ”दासगुप्ता ने अप्रैल 2016 को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली थी … असंबद्ध रहे … अब भाजपा में शामिल होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आज भी राज्यसभा की वेबसाइट पर दासगुप्ता को मनोनीत सदस्य बताया जा रहा है। मोइत्रा ने कहा कि दासगुप्ता को या तो राज्यसभा से इस्तीफा देना चाहिए या उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि उनके पास कोई ”सेफ्टी नेट” नहीं है। संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के पहले किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकता है।

नियम में आगे कहा गया है कि अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद सदन के लिए मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के बाद किसी राजनीतिक दल से जुड़ता है तो वह सदन की सदस्यता के अयोग्य होगा।

दंगा: मोदी को चिट, याचिका पर 13 को सुनवाई होगी

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2002 गुजरात दंगों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को 13 अप्रैल की तारीख तय की और कहा कि वह अगली तारीख में सुनवाई स्थगित करने के किसी अनुरोध को स्वीकार नहीं करेगी। जकिया दंगों में मारे गए सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने जकिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के इस अनुरोध पर गौर किया कि मामले की सुनवाई अप्रैल में किसी दिन की जाए, क्योंकि कई वकील मराठा आरक्षण मामले में व्यस्त हैं। मराठा आरक्षण मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है।गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई स्थगित करने की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होनी चाहिए। विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भी सुनवाई स्थगित किए जाने की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि मामले पर फैसला सुनाया जाना चाहिए।पीठ ने कहा, ”मामले की आगे की सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की जाए। मामले की सुनवाई स्थगित करने के किसी अनुरोध को अब स्वीकार नहीं किया जाएगा।” शीर्ष अदालत ने पिछले साल फरवरी में मामले की सुनवाई के लिए 14 अप्रैल, 2020 की तारीख तय करते हुए कहा था कि सुनवाई कई बार स्थगित की जा चुकी है और इसकी किसी न किसी दिन सुनवाई करनी ही होगीउल्लेखनीय है कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाए जाने में 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे। दंगों में मारे गए इन लोगों में एहसान जाफरी भी शामिल थे। घटना के करीब 10 साल बाद आठ फरवरी, 2012 को एसआईटी ने मोदी तथा 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की थी।क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया था कि जांच एजेंसी को आरोपियों के खिलाफ ”अभियोग चलाने योग्य कोई सबूत नहीं मिला”। जकिया ने एसआईटी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के आदेश को 2018 में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

बाराबंकी: 2 ट्रकों में हुई टक्कर, 2 की जलकर मौत

बाराबंकी। थाना रामसनेहीघाट क्षेत्र के हैदरगढ़- भिटरिया मार्ग पर स्थित ग्राम बहरेला नहर के निकट सोमवार देर रात दो ट्रकों की आमने-सामने की टक्कर हो गई। इसके बाद दोनों ट्रक बुरी तरह से जल इसमें दो लोगो की जलकर मौत हो गयी। साथ ही एक जख्मी ड्राइवर को इलाज के लिए पुलिस ने जिला अस्पताल भेज दिया। रामसनेहीघाट के पुलिस क्षेत्राधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अयोध्या जनपद के पूरे लोध मजरे सिवान निवासी 25 वर्षीय विश्राम यादव ट्रक पर कानपुर से सीमेंट की चादर लोड करके सिलीगुड़ी जा रहा था। उन्होंने बताया, कि मंगलवार की सुबह करीब तीन बजे जब वह हैदरगढ़ से भिटरिया की ओर मुड़ा तभी बहरेला नहर के निकट सामने से आ रही दूसरी खाली ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी।।दुर्घटना के बाद दोनों ट्रकों की केबिन क्षतिग्रस्त हो गयी, जिससे चालक और परिचालक उसी में फंस गए। उन्होंने बताया कि टक्कर के बाद अचानक दोनों ट्रकों में आग लग गयी। उन्होंने बताया कि इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और दमकल विभाग के लोगों को सूचना दी। पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद खाली ट्रक से गंभीर रूप से झुलसे 40 वर्षीय ट्रक चालक रामसमुझ निवासी दरियावगंज जिला रायबरेली को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भिजवाया। उन्होंने बताया कि इस बीच दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाकर उसके अंदर से बुरी तरह जले हुए विश्राम यादव तथा दूसरे ट्रक से 20 वर्षीय खलासी शुभम निवासी दरियावगंज जिला रायबरेली का शव निकाला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

100 फीसदी टीकाकरण के लिए लगेंगे 18 साल

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। केंद्र सरकार जहां देश में जोर-शोर से कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाने का दावा कर रही है। वहीं, कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को दावा किया कि अभी तक सिर्फ 0.35 प्रतिशत आबादी को ही कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी गई है। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और कहा, कि फिलहाल देश में जिस रफ्तार से टीकाकरण अभियान चल रहा है। उसकी यही रफ्तार रहने पर सौ फीसदी टीकाकरण में 18 साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सब खुश थे कि कोरोना का ग्राफ नीचे आ रहा है लेकिन कुछ दिनों से बड़ी चिंता हो रही है। क्योंकि एक ही दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 25 हजार मामले बढ़ रहे हैं।गोहिल ने दूसरे देशों को कोविड-19 टीका भेजने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार से टीकाकरण अभियान की रफ्तार बढ़ाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि अभी तक जो टीकाकरण हो रहा है और जिनको दूसरी खुराक मिली है, उनका आंकड़ा दो दिन पहले तक 0.35 प्रतिशत ही है। अगर इसी रफ्तार से हम चले तो 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण में 12 साल छह महीने लगेंगे। सौ प्रतिशत करने के लिए 18 साल लगेंगे।

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जाए और जल्द से जल्द सबको टीका मिले, इसकी व्यवस्था हो। ज्ञात हो कि गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति ने भी हाल ही में देश में टीकाकरण की धीमी गति पर चिंता जताई थी और कहा था कि इस दर से पूरी आबादी का टीकाकरण करने में कई वर्ष लग जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में सोमवार को एक दिन में अब तक सबसे अधिक करीब 30 लाख लोगों को कोविड-19 टीके लगाए गए। इसके साथ ही देश में लगाए जा चुके टीकों की कुल संख्या 3,29,47,432 हो गई है।

बैंकों को लेकर अफवाहों पर विश्वास ना करें: प्रकाश

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निजीकरण नहीं किया जा रहा है और बैंकों के संदर्भ में अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। जावड़ेकर ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का हमेशा यह प्रयास होता है कि जिन सार्वजनिक उपक्रमों को फिर से खड़ा किया जा सकता है, उसे किया जाए। सावंत के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में सूचना एवं प्रसारण तथा भारी उद्योग मंत्री जावड़ेकर ने कहा, ‘‘एलआईसी का निजीकरण नहीं हो रहा है। यह गलतफहमी है। जहां तक बैंकों का सवाल है जो उस बारे में अफवाहों पर विश्वास नहीं करें।’इससे पहले, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि एलआईसी का आईपीओ लाने का प्रस्ताव है तथा इस कदम से किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी तथा एलआईसी एवं निवेशकों दोनों को फायदा होगा। गौरतलब है, कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों से जुड़े मुद्दे को लेकर नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियन का दावा है कि करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल हैं।

बंगाल: कोयला तस्करी मामले में कार्रवाई तेज, छापे

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को राज्य के कई स्थानों पर तलाशी ली। अवैध कोयला तस्करी मामले में मुख्य आरोपी अनूप माझी उर्फ लाला के करीबी सहयोगी अमित अग्रवाल के परिसरों की भी तलाशी ली गई। जांच से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "एजेंसी के कई लोग दुर्गापुर और कोलकाता में अग्रवाल के ठिकानों पर तलाशी ले रहे हैं।" सूत्र ने कहा, कि एजेंसी की टीम ने दुर्गापुर में अग्रवाल की जय श्री स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में भी तलाशी ली।
राज्य के कई जिलों में कथित तौर पर अवैध रूप से कई संपत्तियों पर कब्जा करने वाले अग्रवाल को पश्चिम बंगाल पुलिस से सुरक्षा मिली हुई है।
गौरतलब है, कि सोमवार को सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर के पति अंकुश अरोड़ा और उनके ससुर पवन अरोड़ा से इस मामले में पूछताछ की थी। इसके बाद ही आज यह कार्रवाई की गई है। अभिषेक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे हैं।
सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में गिरोह के कथित सरगना माझी, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक अमित कुमार धर और जयेश चंद्र राय, ईसीएल के सुरक्षा प्रमुख तन्मय दास, क्षेत्रीय सुरक्षा निरीक्षक कुनुस्तोरिया रंजय राय और एसएसआई एवं कजोरा क्षेत्र के सुरक्षा प्रभारी देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी और मेनका गंभीर का भी बयान दर्ज किया था। सीबीआई ने 26 फरवरी को कोलकाता में एक व्यवसायी के परिसर की तलाशी ली थी और 19 फरवरी को एजेंसी ने कोयला माफिया जयदेव मंडल के परिसर सहित पश्चिम बंगाल के चार जिलों में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी। कोयला तस्करी के सिलसिले में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर-प्रदेश के 45 स्थानों पर पिछले साल 28 नवंबर को सीबीआई ने छापे मारे थे।

6 को दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी 'राष्ट्रपति'

6 को दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी 'राष्ट्रपति'  श्रीराम मौर्य  धर्मशाला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हिमाचल प्रदेश में छह मई को य...