मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

एफ-16 ईएक्स विमान भारत को देने की मंजूरी दी

वाशिंगटन डीसी। वायुसेना को जल्द अमेरिका का सबसे अत्याधुनिक युद्धक विमान एफ-16ईएक्स मिल सकता है। भारत के साथ बढ़ती दोस्ती का संकेत देते हुए अमेरिकी सरकार ने एफ-15 शृंखला के सबसे नए स्वरूप के विमान भारत को देने की मंजूरी दे दी है। यह बहुउद्देश्यीय होने के साथ-साथ हर मौसम और रात में भी हमला करने में सक्षम है। बोइंग इंटरनेशनल सेल्स ऐंड इंडस्ट्रीयल पार्टनशिप्स की उपाध्यक्ष मारिया एच लैने ने बताया, दोनों देशों की सरकारों के बीच चर्चा हुई और फिर दोनों देशों की वायुसेना ने एफ-15ईएक्स के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान किया। लैने ने कहा, भारत को एफ-15ईएक्स विमान देने के हमारे लाइसेंस संबंधी अनुरोध को अमेरिका की सरकार ने स्वीकार कर लिया है। बोइंग ने कहा कि बंगलूरू में अगले हफ्ते से शुरू हो रहे एयरो इंडिया 2021 में एफ-15ईएक्स विमान को प्रदर्शित किया जाएगा। अमेरिकी सरकार का यह निर्णय भारत के साथ मजबूत दोस्ती का प्रतीक है। यह दोनों देशों के बीच बढ़ते भरोसे और लंबे वक्त तक चलने वाले संबंधों की ओर इशारा करता है। एफ-15ईएक्स में इसी शृंखला के पुराने विमानों की तुलना में अधिक हथियार ले जाने की क्षमता है। इसके साथ ही यह हाइपरसोनिक मिसाइल यानी ध्वनि से पांच गुना तेज चलने वाली मिसाइल ले जा सकता है। बेहतरीन डिजिटल इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर से लैस ये विमान दशकों तक आसानी से अपग्रेड किए जा सकेंगे। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के अनुसार, तकनीक की वजह से ये दुश्मन की नजर में आए बिना उसकी सीमा में घुसकर निशाने को तबाह कर सकता है। भारतीय वायुसेना ने अप्रैल 2019 में करीब 1.30 लाख करोड़ या 18 बिलियन डॉलर की लागत से 114 विमानों के अधिग्रहण के लिए ‘सूचना का अनुरोध’ या शुरुआती निविदा जारी की थी। इसे हाल के वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य खरीद बताया गया था।

राजद्रोह की याचिका, आदेश देने से किया इंकार

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। याचिका में उन्होंने अदालत से उत्तर प्रदेश में राजद्रोह सहित विभिन्न आरोपों के तहत दर्ज एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने की मांग की थी। इस मामले पर अब शीर्ष अदालत अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।
संजय ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक बदले की भावना से उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एक अलग याचिका में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 21 जनवरी के फैसले को भी चुनौती दी है।
वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने भी मंगलवार को आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमे में राहत देने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने दिया। अदालत ने संजय सिंह की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेने में कोई भी त्रुटि नहीं की गई है।
हजरतगंज कोतवाली में सांसद के खिलाफ 12 अगस्त 2020 के कुछ विवादास्पद बयानों को लेकर एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस पर एमपीएमएलए की स्पेशल कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए संजय सिंह को समन जारी किया था। सांसद ने उक्त मामले में निचली अदालत द्वारा संज्ञान लेने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह सील

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ 67 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर हर नए दिन के साथ लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा से भी बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंच रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। सोमवार को दिल्ली मेरठ हाइवे से किसी को भी बॉर्डर की ओर नहीं आने दिया गया। इससे यातायात ठप हो गया है और लोगों को घंटो जाम से जूझना पड़ा।
 दिल्ली मेरठ हाईवे पर आनंद विहार के गोल चक्कर से गाजियाबाद की ओर किसी को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। यहां से यातायात को आनंद विहार से आगे रामप्रस्थ और अप्सरा बॉर्डर के रास्ते गाजियाबाद की ओर भेजा गया। इससे आनंद विहार गोल चक्कर, दिलशाद गार्डन पर पूरे दिन जाम लगा रहा। उधर, गाजीपुर रोड, नरवाना रोड, स्वामी दयानंद मार्ग, विकास मार्ग, मदर डेरी रोड, अक्षरधाम और रिंग रोड तक के यातायात पर भी काफी असर पड़ा। इन जगहों से गुजरते वक्त लोगों को घंटो जाम में फंसे रहना पड़ा। गणतंत्र दिवस के दिन किसान रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बैरिकेडिंग को वैल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। किसानों के धरनास्थल की तरफ आने-जाने का रास्ते पूरी तरह से ब्लॉक है। पुलिस और आपात सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा किसी को भी दिल्ली के रास्ते बॉर्डर तक नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर पक्की बैरिकेडिंग कर दी है, उसके बाद से इस रूट खुलने की संभावना भी पूरी तरह खत्म हो गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी लोगों को जाम से जूझना पड़ सकता है। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव सोमवार शाम को जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए गाजीपुर बार्डर पहुंचे। पुलिस आयुक्त ने पुलिस कर्मियों के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की जमकर तारीफ की। इस दौरान आयुक्त ने बॉर्डर पर किए गए सुरक्षा इंतजामों का जायजा भी लिया। पुलिस आयुक्त के साथ स्पेशल सीपी राजेश खुराना, संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार और पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त दीपक यादव भी मौजूद रहे। आयुक्त वहां दिनरात वहां ड्यूटी कर रहे जवानों से बातचीत भी की। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक फरवरी को किसानों ने संसद भवन तक पैदल मार्च करने के लिए कहा था। हालांकि बाद में किसानों ने खुद ही उसे वापस भी ले लिया। लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने किसानों को बॉर्डर पर ही रोकने के भरपूर इंतजाम किए थे। सोमवार शाम को पुलिस आयुक्त अचानक अधिकारियों के साथ वहां पहुंच गए। पुलिस आयुक्त ने एनएच-9 स्थित डिवाइडर पर चढ़कर अपने जवानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने जवानों को दिशा निर्देश भी दिए। काफी समय वहां बिताने के बाद पुलिस आयुक्त वहां से वापस लौट गए।

विपक्ष ने दिया कृषि कानून पर स्थगन का प्रस्ताव

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा शुरु होगी। लोकसभा में पश्चिम बंगाल से सांसद लॉकेट चटर्जी बहस की शुरुआत करेंगी। वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने किसान कानूनों को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। तीनों किसान कानूनों को लेकर विपक्ष दोनों सदनों में हंगामा कर सकता है। राज्यसभा की कार्यवाही आज सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। जबकि लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से तय किया है कि बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक संचालित होगा। ताकि विभागों से संबद्ध संसदीय समितियां विभिन्न विभागों और मंत्रालयों की अनुदान मांगों की जांच कर सकें। पहले, बजट सत्र के पहले भाग का संचालन 15 फरवरी तक होना था।

यूपी: पीएफआई ने बोर्ड के प्रवक्ता को धमकी दी

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के कानपुर में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संगठन प्रभारी कौसर हसन मजीदी को पीएफआई ने जान से मारने की धमकी दी है. जूही थाना क्षेत्र के परमपुरवा में रहने वाले मजीदी को धमकी भरा पत्र आया है। जिसमें पीएफआई की मुखालफत करने के लिए उनका सिर कलम करने की बात लिखी गयी है। इसके बाद पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। वहीं, कानपुर पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है। धमकी भरा पत्र उर्दू में लिखा हुआ है।
गौरतलब है कि परमपुरवा के रहने वाले एसआरए पब्लिक स्कूल संचालक व सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कौसर हसन मजीदी बीते कुछ महीनो से पीएफआई को बैन किये जाने की मुहिम चला रहे हैं।उन्‍होंने नवम्बर 2020 मे प्रेस कान्फ्रेंस कर पीएफआई को बैन किये जाने की मांग की थी। इसी कड़ी में बोर्ड ने हैशटैग पीएफआई बैन ट्रेंड कराया था। काफी समय तक हैशटैग पीएफआई बैन ट्विटर ट्रेंड में बना रहा था। इसके साथ ही बोर्ड पीएफआई को बैन कराने के लिए लगातार मुखर है और सोशल मीडिया पर भी बैन किये जाने की मांग कर रहा है। इस घटना की कौसर हसन मजीदी ने पुलिस को जानकारी दे दी है। सूचना के कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और पत्र की जांच में जुट गई है. बाबूपुरवा क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह ने बताया की मामला संज्ञान में आया है। जिसके बाद पत्र को कब्जे में लेकर पढ़वाया गया है और उसमें धमकी भारी भाषा का इस्तेमाल किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।हालांकि अभी तक तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। जबकि कौसर हसन मजीदी के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गयी है।

अर्जी पर एचसी ने कहा, 1 मार्च को पेश हो कंगना

मनोज सिंह ठाकुर 
मुंबई। मानहानि केस में मुंबई की अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरआर खान ने कंगना रनौत को समन जारी कर दिया। मजिस्ट्रेट ने मानहानि केस में जावेद अख्तर की ओर से एडवोकेट जय कुमार भारद्वाज की दलीलों को सुनने के बाद उन्हें समन जारी किया। गीतकार ने एक्ट्रेस के खिलाफ नेशनल टेलिविजन पर कथित रूप से बदनाम करने के लिए मानहानि का केस किया हुआ है। समन में कंगना रनौत को 1 मार्च 2021 को अदालत में पेश होने को कहा गया है।
जुहू पुलिस स्टेशन ने मुंबई के अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को बताया है कि कंगना रनौत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की और जांच किए जाने की आवश्यकता है। बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर और उनके वकील निरंजन मुंदरगी की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने जुहू पुलिस को दिसंबर 2020 में मानहानि के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने जुहू पुलिस को 18 जनवरी, 2021 को एक रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था, हालांकि उन्होंने और समय मांगा था।
पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि कंगना रनौत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की आगे जांच किए जाने की जरूरत है। जुहू पुलिस की रिपोर्ट में आम गवाह के बयान शामिल थे, जिसमें एक डॉक्टर का बयान भी शामिल था। डॉक्टर ने यह भी गवाही दी कि इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कथित रूप से ऐसी कोई बातचीत नहीं की थी।

यूपी में 10 आइएएस अफ़सरों के हुए तबादले

हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने देर रात 10 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए। मुख्य सचिव आरके तिवारी को आईडीसी का अतरिक्त चार्ज दिया गया है।इसके अलावा अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार को हटाकर औद्योगिक विकास विभाग भेजा गया है। बताया जा रहा है कि विभागीय मंत्री श्रीकांत शर्मा से उनकी न बनने की वजह से इनका विभाग बदला गया है। हालांकि उन्हें महत्वपूर्ण विभाग औद्योगिक विकास विभाग व आईटी एवं इलेक्ट्रानिक का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल को वित्त विभाग से हटाते हुए राज्य कर यानी वाणिज्य कर विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।संजीव मित्तल के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं कि वे वित्तीय प्रस्तावों पर अडंगा लगा रहे थे। एस राधा चौहान को अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, महानिदेशक राज्य पोषण मिशन  से हटाकर अपर मुख्य सचिव वित्त बनाया गया है।आलोक कुमार द्वितीय को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण से हटाकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे को अपर मुख्य सचिव नगर विकास, नगरीय रोजगार, गरीबी उन्मूलन, राज्य मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की जिम्मेदारी दी गई है। एम देवराज को अध्यक्ष एवं एमडी पावर कार्पोरेशन, अध्यक्ष जल विद्युत निगम, अध्यक्ष राज्य विद्युत उत्पादन व पारेण निगम की जिम्मेदारी दी गई है। दीपक कुमार को प्रमुख सचिव आवास व अपर स्थानिक आयुक्त, आलोक कुमार तृतीय को सचिव मुख्यमंत्री के साथ व्यावसायिक शिक्षा व प्राविधिक शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

राजनीतिकरण का आरोप लगने पर दिया जवाब

टिकैत ने आंदोलन में राजनीतिकरण का आरोप लगने पर दिया जवाब, कहा- लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद लिया राजनीतिक समर्थन

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में राजनीतिक दलों को नहीं घुसने दिया था। लेकिन प्रदर्शन स्थलों पर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद ही उसने राजनीतिक समर्थन लिया। गाजीपुर में दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर प्रदर्शन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में किसानों के जुटने की पृष्ठभूमि में टिकैत ने यह टिप्पणी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर सीमा पर जुट रहे हैं। एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था, क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है। प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया. इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है।गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है।  शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है।

यूपी में शुरू हुई बोर्ड के 12वीं कक्षा की परीक्षा

हरिओम उपाध्याय    
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बोर्ड की शैक्षणिक सत्र 2020-21 की इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल परीक्षा की तारीखें घोषित हो चुकी है। परीक्षा 2 चरणों में होगी। पहले चरण में 10 मंडलों के 39 जिलों में 10,58,617 परीक्षार्थी 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा देंगे। बोर्ड ने पहले चरण की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए 7,505 परीक्षक नियुक्त किए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के अनुसार 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए नियुक्त किए गए परीक्षकों के नियुक्ति पत्र बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यालयों को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया गया है। नियुक्ति पत्र को अलग से भी जिलों को भेजा जा रहा है।
बोर्ड की ओर से कोविड गाइडलाइन का पालन कराते हुए परीक्षा कराने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं. 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए 21 जनवरी 2021 को बोर्ड ने तारीख घोषित की थी।

जीवन में दुख भी जरूरी है

जीवन में दुःख भी जरूरी है
एक सूफी फकीर था, शेख फरीद। उसकी प्रार्थना में एक बात हमेशा होती थी। उसके शिष्य उससे पूछने लगे कि यह बात हमारी समझ में नहीं आती हैं कि हम भी प्रार्थना करते हैं, औरों को भी हमने प्रार्थना करते देखा है। लेकिन यह बात हमें कभी समझ में नहीं आती, तुम रोज-रोज यह क्या कहते हो कि हे प्रभु, थोड़ा दुःख मुझे तू रोज देते रहना ? यह भी कोई प्रार्थना है ? लोग प्रार्थना करते हैं, सुख दो; और तुम प्रार्थना करते हो, हे प्रभु, थोड़ा दुःख रोज देते रहना।
फरीद ने कहा कि सुख में तो मैं सो जाता हूँ और दुःख मुझे जगाता है। सुख में तो मैं अक्सर परमात्मा को भूल जाता हूँ और दुःख में मुझे उसकी याद आती है। दुःख मुझे उसके करीब लाता है। इसलिए मैं प्रार्थना करता हूँ, हे प्रभु, इतना कृपालु मत हो जाना कि सुख-ही-सुख दे दे। क्योंकि मुझे अभी अपने पर भरोसा नहीं है। तू सुख-ही-सुख दे दे तो मैं सो ही जाऊँ। जगाने को ही कोई बात नहीं रह जाए। अलार्म ही बंद हो गया। तू अलार्म बजाता रहना, थोड़ा-थोड़ा दुःख देते रहना, ताकि याद उठती रहे, मैं तुझे भूल न पाऊँ, तेरा विस्मरण न हो जाए।
सरस्वती-||

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