सोमवार, 1 फ़रवरी 2021
किसानों की आय पर विपरीत प्रभाव, आंदोलन
किसानों के गुस्से से घबराई सरकार, इंटरनेट बंद
सौगात: वित्तमंत्री निर्मला ने एमएसपी डेढ़ गुना बढ़ाया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोमवार को किसानों के लिए खजाना खोलने की बड़ी घोषणा की। इसके तहत वित्त वर्ष 2021-22 में किसानों के लिए 16 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की साख सुविधा देने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि खेती के साथ-साथ पशुपालन और मतस्य पालन के बजट में भी भारी वृद्धि की गई है। एमएसपी के प्रति किसानों के मन में उपजी शंकाओं को लेकर वित्त मंत्री ने कहा… न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रति किसानों के मन में उपजी शंकाओं को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू खरीफ फसल की सरकारी खरीददारी अब तक सबसे अधिक 1,72,752 करोड़ रुपए की होने की संभावना है। उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम उन विपक्षी नेताओं को आईना भी दिखाया कि उनके शासन काल में किस तरह नाम मात्र की एमएसपी मूल्य पर खरीददारी होती है। वित्त मंत्री ने फिर दोहराया कि लागत के डेढ़ गुणा अधिक मूल्य पर सरकारी खरीददारी होती रहेगी। उन्होंने आकड़े देकर स्पष्ट किया कि किस तरह यूपीए के शासनकाल में एमएसपी पर खरीददारी कितनी कम होती थी। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 के दौरान गेहूं की सरकारी खरीददारी केवल 33, 874 करोड़ रुपए की हुई थी, जबकि मोदी सरकार ने 2019-20 के दौरान 62,802 करोड़ रुपए की गेहूं की सरकारी खरीददारी की। वर्ष 2020-21 में गेहूं की सरकारी खरीददारी 75,050 करोड़ रुपए के होने का अनुमान है। इसी तरह 2013-14 में यूपीए सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी पर खरीददारी केवल 63,928 करोड़ रुपए की थी, जबकि 2019-20 में मोदी सरकार ने 1,41,930 करोड़ रुपये की खरीददारी की थी। अब 2020-21 में 1,72,752 करोड़ रुपये की खरीददारी होने की संभावना है। वित्तमंत्री ने कहा कि दलहन की खरीददारी में भी मोदी सरकार का रिकार्ड यूपीए की सरकार के मुकाबले काफी अधिक अच्छा है। 2013-14 में यूपीए सरकार ने केवल 90 करोड़ रुपए के दलहन की सरकारी खरीददारी की थी, जबकि मोदी सरकार ने 2020-21 में 25,974 करोड़ रुपए की खरीददारी की। इससे साफ हो जाता है कि एमएसपी के प्रति मोदी सरकार कितनी गंभीर है।
उम्मीदवार का शव सदिंग्ध अवस्था में लटका मिला
योजना के अन्तर्गत टूल किट का किया गया वितरण
एसएसपी ने वैन को दिखाई हरी झण्डी, रवाना किया
नगर कार्यालय पर मीटिंग का आयोजन किया गया
पोर्टल पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, शुभकामनाएं
हापुड़ः छुपकर रह रहे, 4 बदमाश अरेस्ट किए
पुनिया की गिरफ्तारी का विरोध किया, बैठक की
पुलिस की तत्परता, 24 घंटे में हत्या का खुलासा
यूपी: सीएम ऑफिस के बाहर आत्मदाह की कोशिश
संदीप मिश्रा
लखनऊ। सड़क पर चल रही लोगों की आवाजाही के बीच चल रहा युवक अचानक से आग का गोला बन गया, जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। कुछ लोगों ने साहस दिखाते हुए कंबल आदि डालकर किसी तरह से युवक के बदन पर लगी आग को बुझाया। लोकभवन के सामने हुई घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
सोमवार को राजधानी के हजरतगंज क्षेत्र में सड़क पर विधानसभा और लोकभवन के सामने लोगों की आवाजाही आम दिनों की तरह चल रही थी। अपने-अपने काम से लोग इधर-उधर आ जा रहे थे। सड़क पर वाहनों का रेला दौड़ रहा था तो अनेक लोग पैदल भी अपनी मंजिल की तरफ अपने पांव बढ़ाते हुए चल रहे थे। सडक पर लोगों के बीच चल रहे एक युवक ने लोकभवन के सामने पहुंचते ही अपने बदन पर पेट्रोल उड़ेला और आग लगा ली। अचानक से युवक के बदन में आग की लपटे निकलती हुुई देख मौके पर भगदड़ मच गई। सड़क पर आ-जा रहे लोगों ने हिम्मत बटोर कर कंबल आदि युवक के बदन पर डालते हुए आग पर काबू पाया।
हालांकि आग बुझाने के दौरान कई बार युवक के बदन पर लगी आग भड़की, लेकिन लोगों ने हिम्मत न हारते हुए उसके बदन पर लगी आग को बुझा दिया। मामले की सूचना पाते ही मौके पर पहुंची पुलिस आग से जले युवक को सिविल अस्पताल ले गई और उसे उपचार के लिए भर्ती कराया। युवक ने आत्मदाह की कोशिश किन कारणों से की, यह अभी साफ नहीं हो सका है। बहरहाल प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से विधानसभा और लोकभवन के सामने भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी है।
आतंकी ठिकानों से हथियारों का जखीरा बरामद
जम्मू। जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में सुरक्षा बलों ने आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ कर हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया है।
पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि सुरक्षा बलों और पुलिस की टीम ने संयुक्त अभियान के तहत रविवार रात राजौरी जिले के खवास क्षेत्र में गडयोग इलाके के घने जंगल में आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ कर हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया। उन्होंने बताया कि हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी से किसी संभावित अप्रिय घटना को टाल दिया गया।
योगी ने बजट को सराहा, सपा ने विरोध जताया
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि बजट में आंकड़ों की बाजीगरी के अलावा किसानों को देने के लिए कुछ भी ठोस नहीं है।उन्होंने कहा कि बजट में वेतनभोगी वर्गो और बेरोजगार युवाओं को कोई कर राहत नहीं दी गई है।
बढ़त के साथ 46,617.95 पर खुला शेयर बाजार
सड़क हादसे में 9 की मौत, 25 से अधिक घायल
महिला सिपाही को गोली मार खुद को भी गोली मारी
जातियों में विभक्त करने की साजिश देशद्रोह: मदन
किसान समाज राष्ट्रीय एकता और अखंडता का द्योतक।
रोशन कुमार
गाजियाबाद। किसान आंदोलन को चलते दो महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस बीच आंदोलित किसानों के संबंध में अपनी वैचारिक मानसिकता के अनुसार तरह-तरह टीका टिप्पणीया की जाती रही है। किसान आंदोलन में शरीक एक संप्रदाय और जाति विशेष के लोगों को खालिस्तानी और आतंकी जैसे अभद्र शब्दों से नवाजा गया। कुछ उद्दंड किस्म के लोगों ने इन किसानों को देशद्रोही और आतंकी कहकर राजनीति चमकाने का प्रयास किया। लेकिन जिस तरह गरीब की आह और बद्दुआ किसी को बर्बाद कर सकती है उसी तरह किसान की बद्दुआ और दिल से निकली हुई आह भी गरीब की आह से कम नहीं होती। ध्यान रहे कि ठिठुरन भरी कड़कड़ाती सर्दी में किसान के दिल से निकली हुई आह किसानों के प्रति विद्वेष की भावना रखकर उन्हें आतंकी और देशद्रोही कहने वालों को भी मिट्टी में मिला सकती है। अर्श से फर्श पर ला सकती है। इतिहास गवाह है देश के किसी भी क्षेत्र में जिसने किसान से पंगा लिया है वह कभी सरसब्ज नहीं हो पाया है।
मदन भैया ने कहा कि कड़कड़ाती सर्दी और ऊपर से हुई बरसात में अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलित किसानों द्वारा जुटाई गई तमाम जरूरी सामग्री और सुविधाओं पर कटाक्ष करके निशाना साधा गया। लेकिन कटाक्ष करने वाले लोगों के इन व्यंग्यात्मक बाणो का भी जब आम लोगों पर असर नहीं हुआ और आंदोलन का कारवां बढ़ता गया तब गणतंत्र दिवस पर एक राष्ट्र दोही द्वारा देश को अपमानित और शर्मसार करने वाली घटना की तोहमत भी इन भोले भाले किसानों पर मढने का प्रयास किया गया। लेकिन सत्य की सदा विजय हुई है, सच्चाई देश की जनता के सामने हैं। इस तरह तमाम प्रताड़नाओं संघर्षों के बाद भी सोने की तरह तप कर निकलने वाले किसान आंदोलन में एक नई चमक पैदा हुई है। चमक को पैदा करने के महानायक चौधरी राकेश टिकैत जी का मैं गुर्जर समाज की तरफ से धन्यवाद करता हूं जिन्होंने किसान को एक नई पहचान देने का काम किया है और किसान आंदोलन में नई जान फूंकने का काम किया है। पूर्व विधायक मदन भैया ने कहा कि इस चमक को फीका करने के लिए अभी भी कुछ षड्यंत्रकारी ताकतें किसान समाज को जातियों में बांटने के लिए प्रयासरत है।
मदन भैया ने कहा कि किसान समाज विभिन्न जातियों और संप्रदायों का एक संगठित रूप है। किसान शब्द में देश की विभिन्न जातियां और संप्रदाय समाहित हैं जो देश की एकता और अखंडता का़ द्योतक है। इसलिए किसान समाज को जातियों में विभक्त करने वालों की साजिश देशद्रोह से कम नहीं है। पूर्व विधायक मदन भैया ने कहा कि हमें ऐसे साजिश कर्ता षड्यंत्रकारियो से सावधान रहने की जरूरत है। मदन भैया ने कहा कि निजी स्वार्थपरता और राजनैतिक लालसा के लिए प्रयासरत चंद लोगों के किसी बहकावे में आकर हम किसान समाज में वैमनस्यता के बीज नहीं बोने देंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि किसान समाज का अभिन्न अंग गुर्जर समाज ऐसे विघटनकारियों के मंसूबों को पूरा नहीं होने देगा।
चार बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक मदन भैया ने कहा कि देश का समस्त गुर्जर समाज किसान आंदोलन में किसान समाज के साथ कंधे से कंधा लगाकर खड़ा है और खड़ा रहेगा। खास तौर पर 26 जनवरी के बाद पैदा हुई विषम परिस्थितियों में धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पहुंच कर गुर्जर समाज ने किसान समाज की अगुवाई कर रहे चौधरी राकेश टिकैत को इस बात का खुला संदेश भी दे दिया है कि गुर्जर समाज तन, मन, धन से किसान आंदोलन में किसानों के साथ है। पूर्व विधायक मदन भैया ने कहा कि किसान आंदोलन के घटक जाट और गुर्जर समाज के लोगों में सदैव भाईचारा रहा है। राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए इस भाईचारे को खत्म करने के प्रयास करने वाले चंद लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। बल्कि इस आंदोलन से यह भाईचारा और मजबूत होकर उभरेगा।
मिस्टर एंड मिस आगरा का सेमी फाइनल सम्पन्न
बारात में ट्रैक्टर चलाकर दुल्हन को लेने पहुंचा दूल्हा
काशीपुर। भले ही आपने किसानों के अनेकों प्रदर्शन देखें होंगे लेकिन उधम सिंह नगर में किसान के प्रदर्शन का एक ऐसा रूप सामने आया जो कि चर्चा का विषय बन गया। प्रदर्शन भी ऐसा की किसानों के आंदोलन को समर्पित एक दूल्हा अपनी दुल्हन को ट्रैक्टर पर ही लेने आ गया। देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के आपने कई रूप देखे होंगे लेकिन आज जो किसान आंदोलन का एक रूप हम दिखाने जा रहे हैं वह आपने शायद ही कहीं देखा हो। ट्रैक्टर पर बारात लाया दूल्हा मीडिया की सुर्खियां बन गया। फूलों से सजा ट्रैक्टर, स्टीयरिंग थामे हुये दूल्हा और बगल में बैठी सजी-धजी दुल्हन। पीछे किसान आंदोलन के समर्थन में झंडे लेकर चलते बाराती और शगुन गीतों के साथ किसानों की कामयाबी की दुआएं करतीं महिलाएं। ये नजारा किसानों के समर्थन में निकली किसी रैली का नहीं, बल्कि काशीपुर के सिवलजीत सिंह और बाजपुर की संदीप कोर की बारात का है। जहां नवदंपति ने अपने जीवन के अनमोल पल को किसान आंदोलन को समर्पित कर यादगार बना दिया। बता दे की बाजपुर के ग्राम केशवालाा निवासी तरसेम सिंह ने अपनी बेटी का संदीप कौर का विवाह काशीपुर के टांडा दभौरा निवासी सिवलजीत सिंह से तय की थी। बारात काशीपुर से बाजपुर पहुंची तो रास्ते में लोग अनोखी बारात को देख एक पल को चौंक गये।
विरोध: भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रवेश वर्जित किया
तहसील मोदीनगर के गांव खंजरपुर में लगे पोस्टर। बीजेपी कार्यकर्ताओं का गांव में आना सख्त मना है। अंकित गोस्वामी
गाजियाबाद। किसान आंदोलन का असर अब देहात में भी नजर आने लगा है जिसके चलते गाजियाबाद की तहसील मोदीनगर के गांव खंजरपुर में किसान अपने नेता राकेश टिकैत का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं जिस दिन यूपी गेट बॉर्डर पर राकेश टिकैत की आंखों में किसानों ने आंसू देखे उस दिन से अब गांव के किसान भी पूरी तरह से भाजपा के विरोध में नजर आ रहे हैं ।खंजरपुर के किसानों ने गांव में बाकायदा पोस्टर लगाए हैं। जिसमें लिखा है कि किसी भी बीजेपी कार्यकर्ता का गांव में आना सख्त मना है । यानी कि भाजपा कार्यकर्ताओं का इस गांव में आने पर पुरजोर विरोध किया जाएगा।
मोदीनगर तहसील के भोजपुर ब्लाक के गांव खंजरपुर में रहने वाले किसानों ने दीवारों पर पोस्टर चस्पा किये हैं। इस पोस्टर पर सबसे ऊपर किसान एकता जिंदाबाद लिखा गया है। एक तरफ चौधरी चरण सिंह की फोटो तो दूसरी तरफ किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की फोटो लगी है ।पोस्टर के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी है और भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह भी लगा हुआ है। जिस पर लिखा हुआ है रिजेक्ट और सबसे नीचे लिखा हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता का गांव में आना सख्त मना है।
यहां किसानों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने अपने समर्थकों के साथ यूपी गेट बॉर्डर पर बैठे किसानों को भगाने के लिए उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। यानी किसानों के आंदोलन को भाजपा को कुचलना चाहती है। इसलिए खंजरपुर के सभी किसान भाजपा के कार्यकर्ताओं के गांव में आने पर उनका बहिष्कार कर रहे हैं ।यदि इसके बावजूद भी कोई बीजेपी कार्यकर्ता गांव के अंदर आता है तो उसके साथ दुर्व्यवहार ही नहीं हाथापाई भी हो सकती है। यहां के किसानों का कहना है कि इसीलिए गांव में पोस्टर लगाए गए हैं।
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