शनिवार, 30 जनवरी 2021

हांगकांग: चीन और बिट्रेन में तकरार बढ़ गई

बीजिंग/ लंदन। हांगकांग को लेकर चीन और ब्रिटेन में तकरार बढ़ गई है। लंदन ने चीन नियंत्रित इस क्षेत्र के लोगों को नागरिकता देने का रास्ता खोलने के लिए ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनओ) पासपोर्ट का प्रस्ताव दिया तो बीजिंग ने कहा कि वह इस पासपोर्ट को मान्यता नहीं देगा। हांगकांग में चीन की दमनकारी नीतियों का ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देश विरोध कर रहे हैं। चीन ने लोकतंत्र समर्थकों पर अंकुश पाने के लिए हांगकांग में गत वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा कानून थोप दिया था। ब्रिटेन के कदम से भड़के चीन ने कहा कि वह बीएनओ पासपोर्ट को वैध दस्तावेज के तौर पर मान्यता नहीं देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा, ‘ब्रिटेन बड़ी संख्या में हांगकांग के लोगों को दूसरी श्रेणी की ब्रिटिश नागरिकता देने का प्रयास कर रहा है। यह चीन की संप्रभुता और आंतरिक मामलों में गंभीर दखल है। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नियमों का भी घोर उल्लंघन है।’ इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने एलान किया कि बीएनओ पासपोर्ट के लिए 31 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस पासपोर्ट के लिए हांगकांग के करीब 54 लाख नागरिक पात्र होंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बीएनओ पासपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि हम अपने देश में हांगकांग के नागरिकों के रहने, काम करने और अपना घर बनाने के लिए एक नया रास्ता खोल रहे हैं।’ उल्लेखनीय है कि हांगकांग में वर्ष 2019 में चीन विरोधी आंदोलन भड़का था। लोकतंत्र समर्थक छात्रों, शिक्षकों और लोगों ने सड़कों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था। चीन ने इस तरह के कृत्यों को रोकने के लिए हांगकांग में पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हुई और यह चिंता जताई गई कि इसकी आड़ में चीन इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। वह हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखने के अपने वादे को तोड़ रहा है।बीएनओ पासपोर्ट के आधार पर हांगकांग के नागरिक ब्रिटेन में पांच साल तक रहने और काम करने के हकदार होंगे। इसके बाद वे नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने चीन को इस शर्त के साथ हांगकांग सौंपा था कि वह इसकी स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखेगा।

संधि के तहत खुद को बाध्य नहीं मानता पाकिस्तान

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कहा कि वह परमाणु हथियारों के निषेध संबंधी संधि के तहत खुद को बाध्य नहीं मानता है। पिछले परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध की संधि लागू हुई थी। कई प्रमुख परमाणु शक्तियों ने इसे समर्थन नहीं दिया। इसके बाद उसका यह बयान सामने आया है। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि यह संधि किसी भी तरीके से प्रथागत अंतरराष्ट्रीय कानून के विकास में योगदान नहीं देता है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल डॉन के अनुसार नौ परमाणु संपन्न देश हैं। जिनमें रूस और अमेरिका के पास अधिकांश परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तानी प्रवक्ता ने तर्क दिया कि जुलाई 2017 में आपनाई गई इस संधि पर संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण वार्ता मंचों के बाहर बातचीत की गई। परमाणु-सशस्त्र देशों में से किसी ने भी संधि की वार्ताओं में हिस्सा नहीं लिया, जो सभी हितधारकों के वैध हितों के खिलाफ है। जाहिद चौधरी ने आगे दावा किया कि कई गैर-परमाणु सशस्त्र देशों ने भी संधि में शामिल होने से परहेज किया है। उन्होंने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण पर किसी भी पहल के लिए हर देश के महत्वपूर्ण सुरक्षा विचारों को ध्यान में रखा जाना महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले हुआ यह समझौता दुनिया से परमाणु हथियारों को पूरी तरह खत्म करने लक्ष्य को लेकर है।  इसका उद्देश्य हिरोशिमा और नागासाकी पर हमले जैसी घटना को फिर से नहीं होने देना है। करीब दल साल के प्रयास के बाद अब परमाणु हथियार उन्मूलन समझौता अंतरराष्ट्रीय कानून बना है। यह समझौता जुलाई 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा से स्वीकृति पा चुका है।कई देश इस समझौते में शामिल हैं और वे खुद परमाणु बम विकसित न करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। वो यह भी मानते गैं कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में लक्ष्य पाना बहुत मुश्किल है। 120 से ज्यादा दोशों ने इस पर सहमति जताई है। इनमें नौ देश शामिल नहीं, जो परमाणु हथियार संपन्न माने जाते है। ये देश अमेरिका, चीन, फ्रांस, भारत, रूस, ब्रिटेन, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल हैं। नाटो भी इसमें शामिल नहीं है।

कौशाम्बी: पार्टी ने चलाया महिला जागरूकता अभियान

कौशाम्बी। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा के आवाहन पर पूरे प्रदेश में चलो गांव की ओर कार्यक्रम चल रहा है। यह कार्यक्रम कौशांबी में 29 जनवरी और 30 जनवरी को दर्जनों गांव में जनसंपर्क कर अभियान चलाया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उमा कुशवाहा प्रदेश उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ ने मंझनपुर विधानसभा सिराथू विधानसभा के कई गांवों का दौरा किया मंडल सचिव करण सिंह जिला महासचिव इंद्राज कुशवाहा और उमा कुशवाहा ने महिलाओं को जागरूक करते हुए जन अधिकार पार्टी के नीतियों को बताया और महिलाओं से अपील की। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी जन अधिकार पार्टी का हिस्सा बने ताकि आने वाले समय में जन अधिकार पार्टी आगामी 2022 चुनाव में महिला और पुरुष दोनों को चुनाव मैदान में उतारने का काम करे उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इसीलिए राजनीति की जरूरत हमारी बहनों को भी है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष उमा जी ने कहा कि समय आ गया है। आप लोग किसी के बहकावे में ना पड़े जन अधिकार पार्टी हक और अधिकार की बात करती है। जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात सिर्फ जन अधिकार पार्टी कर रही है। अगर हम सरकार में आते हैं तो जनसंख्या के अनुसार जिसकी जितनी संख्या है। उसी के आधार पर जन अधिकार पार्टी काम करेगी कौशांबी में हर जगह महिला जागरूकता कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
ओसा डिड़वा सरैया केसरिया भवानीपुर कड़ा में पार्टी नेताओं द्वारा जनसंपर्क अभियान चलाया गया जहां पर सैकड़ों की तादाद में महिलाओं से जनसंपर्क हुआ। जिला अध्यक्ष शिव भवन कुशवाहा जिला प्रभारी अनिल कुशवाहा जिला सचिव सोनू कुशवाहा उर्मिला देवी कुमारी पूजा पूनम कुशवाहा, ममता प्रिया मौर्य, माधुरी देवी, कोमल देवी, सोनम वीणा देवी, रीना देवी, मनोरमा देवी, सविता देवी, रूबी पुष्पा, काजल, पूजा मौर्य, रीता मौर्य, मालती मौर्य, नेहा मौर्य, वंदना मौर्य, करिश्मा मौर्य, शिल्पा मौर्या, उपवासना संपतिया मौर्य, रानी पिंकी, सुमन कुशवाहा, सुषमा मौर्य, सेहत सैकड़ों महिलाएं उपस्थित रही उक्त जानकारी कमलेश कुमार मौर्य जिला मीडिया प्रभारी जन अधिकार पार्टी ने दी है।
अजीत कुशवाहा 

गाजियाबादः दामाद ने कर्मचारी को गोलियों से भूना

अश्वनी उपाध्याय   

गाजियाबाद। शुक्रवार रात तीन बदमाशों ने लोनी में कोतवाली क्षेत्र के कोतवालपुर गांव में रिटायर्ड दिल्ली डेवलपमेंट एथारिटी (डीडीए) कर्मी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। परिवार वालों ने दामाद और उसके दो साथियों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस शव पोस्टमार्टम को भेज कर मामले की जांच में जुटी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवालपुर गांव में श्योराज सिंह परिवार के साथ रहते थे। उनके परिवार में पत्नी रामपाली, दो बेटे और दो बेटियां हैं। नौ वर्ष पूर्व उन्होंने दोनों बेटियों का विवाह किया था। तीन वर्ष से छोटी बेटी का अपने पति से विवाद चल रहा था। दो दिन पूर्व श्योराज बेटी को लेकर घर आ गए थे। शुक्रवार रात करीब तीन बजे उनके दरवाजे पर दस्तक हुई। जैसे ही श्योराज सिंह ने दरवाजा खोला, बाहर खड़े तीन बदमाशों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। चार गोलियां उनके शरीर में अलग-अलग जगह जा धंसी, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। स्वजनों ने दामाद और उसके दो साथियों के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं पूरे परिवार में कोहराम मच हुआ है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है। जल्द आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

यूपी गेट पर हर घंटे आ रहे हैं किसानों के जत्थे

अश्वनी उपाध्याय    

गाजियाबाद। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में अड़े किसान अब इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 66वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। दिल्ली में गणंतत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद जहां सभी बॉर्डरों पर किसानों की संख्या घट गई थी। लेकिन अब यह संख्या एक बार फिर से बढ़ने लगी है। 26 जनवरी के बाद ऐसा लग रहा था कि अब आंदोलन लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन गुरुवार शाम गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के वीडियो टीवी चैनलों पर चलने के बाद माहौल तेजी से बदल गया और किसानों का फिर से धरना स्थलों पर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। गाजियाबाद प्रशासन द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली-पानी काटे जाने और टेंट हटाए जाने के बाद अब फिर से टेंट लगने शुरू हो गए हैं। हालांकि, इसके मंगलवार की घटना के मद्देनजर सभी जगहों पर भारी संख्या पर पुलिस बल भी तैनात कर दिए गए हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि हम धरना स्थल (यूपी गेट) खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। सरकार जो भी करे हम गाजीपुर बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे। जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और एमएसपी पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे।

विश्वजीत को एचसीएस का नियुक्ति पत्र देने के आदेश

राणा ओबराय    
चंडीगढ। हरियाणा आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह को हाईकोर्ट ने एचसीएस का नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं। विश्वजीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि एचसीएस एग्जीक्यूटिव में खेल कोटे से चयन होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। इस पद के लिए पूरी तरह से फिट है। खेल संबंधी उपलब्धियों और अन्य दस्तावेजों की जांच करने के बाद उन्हें नियुक्ति के लिए सही ठहराया गया।
खेल कोटे में उनकी मेरिट से नीचे के उम्मीदवार को भी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, जबकि उन्हें बिना कोई कारण बताए नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद हरियाणा लोक सेवा आयोग से एचसीएस एग्जीक्यूटिव के खेल कोटे से भर्ती का रिकॉर्ड तलब किया था। तीनो फेडरेशन के रिकॉर्ड ठीक पाया गया। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने याचिका को मंजूर करते हुए नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं।

किसान-जवान को सरकार ने किया आमने-सामने

मेरठ। भारतीय जनता पार्टी की सरकार भारतीय मजदूर किसान मजलूम जनता विरोधी सरकार सिध्द हो रही है। लोकतंत्र खतरे में आ गया है। बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल जोन महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसानों पर आंदोलन के तहत हो रहे लगातार हमले, किसान और जवान को केंद्र सरकार ने किया आमने-सामने, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या किसान मजलूम मजदूर यदि कोई हिमायत करता है तो सरकार उसको अन्य दंड में लिप्तकर जेल भेजने का काम कर रही है जो बहुत निंदनीय कार्य है और मोदी योगी सरकार जनता के पूर्णतया विरोधी दिखाई दे रही है जबकि कोई भी सरकार आम जनता के हित में ही कार्य करने के लिए बाध्य होती है। भारत देश गणतंत्र होने के बावजूद आज एकपक्षीय कार्यवाही को देखकर यही अनुमानित किया जा सकता है कि भारत देश में लोकतंत्र आज पूर्णतया खतरे में हैं? जैसे जनता अपनी हितों के लिए बात उठाती है। लेकिन केंद्र सरकार या बीजेपी की जहां भी सरकारें हैं जनता की विरोध में काम कर रही है। आम जनता गरीब से और गरीब हो रही है। भारतीय जीडीपी पूर्णतया धराशाई हो रही है। आज मोदी योगी सरकारों को देश की चिंता नहीं केवल राष्ट्रवाद का दिखावा कर लोगों को गुमराह कर रही है। आज भारतीय किसान यदि खतरे में है तो आने वाला कल बहुत दर्दनाक सिद्ध होगा जिससे आम जनता रोजी रोटी के लिए दर-दर भटकता फ्रेगा और पूंजीवादी अपने गोदामों को भर कर आम जनता को रोटी रोटी के लिए तरसा देगी। गरीब मजदूर मजलूम बेसहारा को और बेसहारा करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। जिसे देखकर लोकतंत्र भारतीय संविधान को बदलने की साजिशें जोरों पर है। आज 2021 में जाति आधारित गिनती ओबीसी पिछड़ा वर्ग समाज की होनी थी लेकिन सरकार नहीं चाहती की ओबीसी को माइनॉरिटी को एससी एसटी या किसी भी भारतीय मूल निवासियों को उनका हक मिले! बीजेपी की सरकार द्वारा रचे जा रहे आए दिन नए-नए षड्यंत्र भारतीय संविधान को बदलकर नए नए कानून लागू करने की प्रक्रिया से बहुत दुख होता है। बहुजन मुक्ति पार्टी की सरकार आने पर किसान मजदूर मजदूरों को उनका बराबर का हक समानुपात में मिलेगा जितनी जिसकी संख्या है उतनी उसकी हिस्सेदारी मिलेगी लेकिन क्षेत्रीय दलों ने भी लोगों को भड़काने का काम जोरों पर किया हुआ है। जिनका कोई सिद्धांत नहीं है। केवल मलाई मारने के लिए दल बदलू नेताओं ने समाज को दूषित किया हुआ है और समाज को बराबर गुमराही के रास्ते पर ले जा रहे हैं। यदि ऐसा ही होता रहा और भारतीय जनता संगठित संगठित ना हुई और अपने हितेषी या अपने समाज का दुश्मन की पहचान न कर पाए तो वह खुद अपनी दशा के जिम्मेवार होंगे बहुजन मुक्ति पार्टी समय-समय पर सब को आधा कर रही है और बामसेफ संगठन लगातार जनता के हित में सलाह मशवरा और आंदोलन चला रहा है तो इसमें जनता को समझना होगा तभी देश संभालेगा।

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...