शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

आंदोलन: किसानों की आवाज दबाने की कोशिश

संदीप मिश्र   

बरेली। दिल्ली बवाल के बाद किसान आंदोलन को लेकर कई किसान संगठन के स्थानीय नेता अपने-अपने नेतृत्व के आगामी दिशा निर्देश मिलने के इंतजार में हैं। वहीं, भाकियू से जुड़े तमाम नेता शुक्रवार दोपहर में आंदोलन के समर्थन में दिल्ली के लिए कूच कर गए। इधर, प्रशासन ने भी किसान संगठनों के आगमी रुख को लेकर निगरानी बना रखी है। दरअसल, दिल्ली के आंदोलन के दौरान परिस्थितियां बदलने के बाद से सभी किसान संगठन सकते में हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया गणतंत्र दिवस पर खुराफातियों ने लालकिला पर उप्रदव कर माहौल बिगाड़ा इसी आड़ में पुलिस अपने बल का प्रयोग कर किसानों का धरना समाप्त कराना चाहती है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए शुक्रवार को वह बड़ी संख्या में किसानों के साथ गाजीपुर के लिए ट्रक आदि वाहनों के जरिये रवाना हो गए। शनिवार तड़के सुबह भी भाकियू से जुड़े तमाम पदाधिकारी गाजीपुर कूच करेंगे।

हिंसा: लाल किले की कई ऐतिहासिक वस्तुएं गायब

हिंसा की वजह से लाल किले की कई ऐतिहासिक वस्तुएं गायब, इमारत को पहुंची अपूर्णीय क्षति
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर हिंसा और उपद्रव की घटना के बाद लाल किले की ऐतिहासिक इमारत को अपूरणीय क्षति पहुंची है। ये बात केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कही है। उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान बताया कि तिरंगा फहराने की जगह के करीब स्थापित किए गए 2 ऐतिहासिक पीतल के कलश गायब हैं। किले का मुख्य दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पटेल ने कहा क्षतिग्रस्त हुई कलाकृतियां बेहद अमूल्य थीं। कितना भी पैसा खर्चकर इनकी भरपाई मुमकिन नहीं। हालांकि सरकार 26 जनवरी के दौरान हुई झड़प में 17वीं शताब्दी की इस इमारत को हुए आर्थिक नुकसान का लेखाजोखा तैयार कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक-अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को प्रदर्शनकारियों ने बेहद नुकसान पहुंचाया है। किले की गुंबद के ऊपरी हिस्से पर मौजूद कम से कम 3 बेशकीमती कलश गायब हैं। टिकट काउंटर में तोड़ फोड़ हुई टॉयलेट, एअर कंडीशनर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। किले के महत्व को बताने के लिए जगह-जगह लगी शिलाओं को उखाड़ फेंका गया। स्टाफ रूम्स में तोड़-फोड़ हुई। सीढ़ियां और रेलिंग तोड़ी गईं। सीसीटीवी कैमरे को तोड़ा गया। अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ को ठीक करने में महीनों लगेंगे किले के बाहर लाइट, किले का मुख्य दरवाजा समेत कई कीमती चीजों के साथ तोड़फोड़ हुई संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि 72वीं रिपब्लिक परेड प्रदर्शनी को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया इसे सैलानियों के लिए किले में रखा जाना था। पटेल ने बताया रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जा चुकी है। आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पुलिस से संपर्क साधकर कहा है। कि ऐतिहासिक इमारत को क्षतिग्रस्त करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एएसआइ ने पुलिस से तोड़फोड़ करने वालों पर द एनसियंट मोन्युमेंट ऐंड आर्कियोलोजिकल ऐंड आर्कियोलोजिकल साइट्स ऐंड रिमेंस एक्ट के तहत कार्रवाई करने की अपील की है।

थमता आंदोलन फिर हुआ तेज, टिकैत ने बदला सीन

थमता आंदोलन फिर हुआ तेज, टिकैत ने बदला सीन, जानिए दिल्ली आने-जाने के कौन से रास्ते बंद और खुले।
नई दिल्ली। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन काफी हद तक बिखर गया है। कई किसान संगठनों ने आंदोलन की राह छोड़ दी है। और इसी को देखते हुए माना जा रहा था। कि जल्द ही किसान आंदोलन पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा| वहीं बीते वीरवार को दिल्ली-यूपी की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को हटाने की कवायद की गई मगर कुछ हो न सका। दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर पर से कई किसान संगठन और उनके समर्थन में उतरे किसान आंदोलन खत्म करके के जा चुके हैं। जिसके बाद बचे हुए आंदोलनकारियों को यहां से हटने को कहा गया था ताकि गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह से साफ़ हो जाये और यहाँ पर आना-जाना सुचारु रूप से शुरू हो सके। लेकिन यहाँ पर जमकर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरा सीन बदल दिया। राकेश टिकैत रोते हुए नजर आये और उन्होने तरह-तरह की भावनात्मक बातें की जिससे खाली हो रहे गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर भीड़ उमड़ पड़ी। राकेश टिकैत का कहना है। कि वह आंदोलन तबतक ख़त्म नहीं करेंगे जबतक मसला सुलझ नहीं जाता। चाहें जो भी जो जाए वह धरना देते रहेंगे और इस मुद्दे पर सरकार से बातचीत करेंगे| वह हार मानने वाले नहीं। इधर, आंदोलन को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्ते बंद कर दिए हैं। ट्रैफिक को और रास्तों पर डायवर्ट किया गया है।दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया
एनएच-24,गाजीपुर बॉर्डर आने और जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सिंघु, औचंडी, मंगेश, सबोली, पियू मनियारी बॉर्डर बंद है। लामपुर, सफियाबाद, सिंघु स्कूल और पल्ला टोल टैक्स बॉर्डर खुल गई। नरेला के पास एनएच44 से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है। कि लोग बाहरी रिंग रोड,जीटीक सड़क और एनएच 44 से बचें।

गाजियाबाद बॉर्डर से रवाना हुए, दिल्ली में किसान

अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। आंदोलन को लेकर एक बार फिर से किसानों में भारी जोश देखने को मिला। उकलाना गांव के भैरी अकबरपुर गांव बॉथम, पाबड़ा, किनाला सहित अनेक गांव से किसान कल रात्रि और आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। गांव भैरी अकबरपुर में सैकड़ों की संख्या में किसान बाबा रामदेव मंदिर में इकट्ठे हुए और पहले सरकार और मोदी के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। उसके बाद उन्होंने एक मीटिंग बुलाई है। जिसमें फैसला लिया कि किसान राकेश टिकैत के समर्थन में इस बार टिकरी व सिंघु नही बल्कि गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे। किसानों ने साफ कहा कि सरकार उनके आंदोलन को कमजोर आंकने की भूल ना करे।

यूपी: महापंचायत के लिए मंच की तैयारियां शुरू

मुजफ्फरनगर। महापंचायत के लिए मंच की तैयारियां शुरू। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, प्रदर्शन से ताकत दिखाएंगे भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में होगी महापंचायत नरेश टिकैत बोले, किसानों के लिए हम कुर्बान हो जाएंगे। अब धरना नहीं उठेगा, वहां से कई लाशें उठेंगी नरेश टिकैत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में आज होने वाली भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत के लिए जीआईसी के मैदान में तैयारियां शुरू हो गई है। मैदान में सुबह ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि प्रशासन और भारतीय किसान यूनियन के बीच संभावित टकराव टल गया है। प्रशासन ने किसान पंचायत की इजाजत दे दी है। वहीं सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यातायात सुचारू रहे इसके लिए रूट में फेरबदल किया गया है।एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि महापंचायत के दौरान शहर के महावीर चौक से सर्कुलर रोड होते हुए सुजडू चुंगी तक का मार्ग पूरी तरह बंद रहेगा। मेरठ की ओर से आने वाले सभी वाहन हाईवे से होते हुए वाया भोपा बाईपास से शहर में प्रवेश करेंगे। वहीं, शामली और बड़ौत की ओर से आने वाले सभी वाहन भी पीनना-वहलना बाईपास होते हुए हाईवे और वहां से भोपा बाईपास होकर शहर में प्रवेश करेंगे। यहीं से होकर जाएंगे। किसी भी वाहन को वहलना चौक से सुजडू चुंगी होते हुए सर्कुलर रोड से होकर शहर में घुसने की इजाजत नहीं होगी। किसानों के सभी वाहनों के लिए यहीं मार्ग आरक्षित किया गया है। महापंचायत में पहुंचने वाले सभी किसानों व अन्य लोगों के वाहन वहलना चौक से सुजडू चुंगी और वहां से सर्कुलर रोड होते हुए महावीर चौक स्थित महापंचायत स्थल पर पहुंचेंगे और वहीं पर पार्क होंगे सहारनपुर के नागल क्षेत्र से भी भाकियू कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर देवबंद कोतवाली क्षेत्र में बॉर्डर पर स्थित घलोली चेक पोस्ट पर पुलिसकर्मी तैनात है। उधर, सरधना, जानी, सरूरपुर थाना क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों से किसान ट्रैक्टर से गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने की तैयारी में हैं। गंग नहर पटरी मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन यह निर्देश दिए गए हैं। कि किसानों के जाते हुए वीडियोग्राफी कराई जाए और उन पर नजर रखी जाए। जिन गांवों में किसान एकत्र हो रहे हैं उन पर भी पुलिस व खुफिया विभाग नजर रखे हैं। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने गुरुवार अपराह्न करीब तीन बजे सिसौली के किसान भवन पर किसानों की पंचायत बुलाई। पंचायत में किसान बिरादरी पर लगे हुए आरोप को नकारा गया।

संसद में बोले राष्ट्रपति कोविंद, जवानों का बलिदान

संसद में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, एलएसी पर शांति भंग करने की कोशिश, जवानों ने दिया सर्वोच्च बलिदान
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवां घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं। वे अपने अभिभाषण में अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजना और नीतिगत दृष्टि पर प्रकाश डालेंगे। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार करने का फैसला लिया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों से सदन की गरिमा को बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। मुझे आशा है। कि ये सत्र बेहतर होगा। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने एचएएल को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है। जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवां घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है। मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। और सतर्क भी है। आयुष्मान भारत- सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को 5 लाख रु तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक संपन्न हुई है। नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। और नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है। मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं। ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास को शांति और सौहार्द के साथ पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार ऐतिहासिक बोडो शांति समझौता भी हुआ है। जिसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है। समझौता होने के बाद इस बार बोडो टैरीटोरियल काउंसिल के चुनाव भी सफलता के साथ पूरे हुए हैं।आज पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्ति की ओर है। और हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। हिंसा के रास्ते पर भटके युवा अब विकास और राष्ट्र-निर्माण की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसका लाभ पूर्वोत्तर के किसानों, युवाओं और उद्यमियों, सभी को होगा। अर्थ ब्रह्मपुत्र’ प्रोग्राम से ‘इंटीग्रेटेड नेशनल वाटरवेज’ का विकास कर, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी को विकास की धारा बनाने का प्रयास जारी है। ब्रह्मपुत्र नदी असम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों की ‘जीबोनधारा’ है। इसी जीवनधारा को आर्थिक-गतिविधियों का आधार बनाकर विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों के आरंभ के लिए काम हो रहा है। देश को गैस बेस्ड इकोनॉमी बनाने के लिए गैस कनेक्टिविटी पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कोच्चि-मैंगलुरू गैस पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का निर्माण ‘ऊर्जा गंगा’ का प्रवाह बढ़ा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का गौरव अपने साथ रखने वाले केवड़िया से अब देश के अनेक शहरों से सीधे ट्रेनें भी चलने लगी हैं। गुजरात के हजीरा और घोघा के बीच शुरू की गई रो-पैक्स फेरी सेवा हो या फिर केवड़िया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच सी-प्लेन सेवा, ये भारत में वॉटर ट्रांसपोर्ट को नया आयाम दे रहे हैं। कुछ दिन पहले ही पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सेक्शंस, देश को समर्पित किए गए हैं। ये फ्रेट कॉरिडोर पूर्वी भारत में औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने के साथ ही रेल यात्रा में होने वाली अनावश्यक देरी को भी कम करेंगे। चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल हो अटल टनल हो या फिर चार धाम सड़क परियोजना हमारा देश विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता रहा। कोरोना के इस काल में प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी। उससे भी अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है। फेसलेस टैक्स असेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।

किसान आंदोलन के खिलाफ लोगों का हंगामा

किसान आंदोलन के खिलाफ स्थानीय लोगों का हंगामा-टेंट उखाड़े, किसान नेता पर भड़काने का आरोप, एसएचओ पर तलवार से हमला

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्‍टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बावजूद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने वाले किसान सिंघू बॉर्डर पर डटे हैं। किसानों के प्रदर्शन स्‍थल पर शुक्रवार को एक बार फिर से हंगामा हो गया। खुद को स्‍थानीयवासी बताने वाले लोगों का हुजूम वहां पहुंचा और धरना समाप्‍त कर रास्‍ता खोलने की मांग करने लगे। इन लोगों ने सिंघू बॉर्डर खाली करो भारत माता की जय तिरंगे का अपमान नही सहेंगे' के नारे लगाने लगे उन्होंने किसानों के टेंट को उखाड़ दिया है। इससे वहां के हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े जानकारी के मुताबिक, इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से बचाव में अलीपुर के एसएचओ प्रदीप पालीवाल घायल हो गए, उनका हाथ कट गया है। और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल भी हो गया है। सिंघू सीमा पर पुलिस ने कथित तौर पर स्थानीय होने का दावा करने वालों और किसानों पर बल प्रयोग किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग विरोध स्थल खाली करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों से उनकी झड़प हो गई। एसएचऔ प्रदीप पालीवाल ने कहा कि वहाँ एक व्यक्ति तलवार से हमला करने को आगे बढ़ा जिसको बचाव के लिए आगे बढ़ा और वह मेरे हाथ पर जा लगा उन्होंने कहा मैंने देखा कि कुछ किसान नेता उनको भड़का रहे थे। इसमें उन्होंने पाल सिंह का नाम भी लिया। बताया जा रहा है। की सिंघू सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को वहां से हटाने के लिए बवाना और नरेला से कथित तौर पर स्थानीय लोग पहुंचे थे। उन्होंने किसानों पर पत्थरबाजी की और गालियां दी। कुछ किसानों ने लाठियां भी मारी काफी समय तक पुलिस ने कथित स्थानीयों को समझाया और फिर लाठी चार्ज किया।

किसानों के नाम पर प्रदर्शन, उपद्रवियों पर सख्ती

मोहसिन रजा का बयान- किसानों के नाम पर प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों पर होगी सख्ती, विपक्ष सेंक रहा रोटी-कर रहा ड्रामा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने किसान आंदोलन को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसानों के नाम पर यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों में उपद्रवियों पर सख्ती की जाएगी। इसके साथ ही मोहसिन रजा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी हमला बोला उन्होंने कहा कि ये मुद्दाविहीन पार्टियां हैं। आंदोलन को भड़काती हैं। इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। मोहसिन रजा ने इसके अलावा दिल्ली की आम आदमी पार्टी के लिए कहा कि ये वही लोग हैं। जिन्होंने कोरोना काल में दिल्ली से हमारे किसानों और मजदूरों भाइयों को बाहर फेंक दिया था। अब ड्रामा कर रहे हैं। ये लोग ड्रामा करने वाले लोग हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि जिन लोगों ने किसानों के धरने को हाईजैक किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यह लाल किले से लेकर हर जगह उपद्रव कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सरकार चिन्हित करेगी।

यूपी में जिला जज ने लगाई फांसी, हुई मौत

युप में जिला जज ने फांसी लगाकर दी जान, लटका मिला शव
अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। दिल्‍ली से सटे उत्‍तर प्रदेश के महत्‍वपूर्ण शहर गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश योगेश कुमार का शव उनके आवास में फांसी पर लटका मिला है। पुलिस इसे आत्‍महत्‍या का मामला बता रही है। जज योगेश कुमार अपर जिला एवं सत्र न्‍यायालय के कोर्ट संख्‍या-9 में तैनात थे। जानकारी के अनुसार, उनका आवास शहर के सिहानी थाना गेट में है। और यहीं पर उनका शव पाया गया है। जानकारी के अनुसार मूल रूप से मेरठ निवासी योगेश कुमार गाजियाबाद के कोर्ट संख्‍या 9 में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप  में तैनात थे। वे सिहानी गेट थाना इलाके के नेहरू नगर में स्थित सरकारी आवास में रहते थे। योगेश कुमार की 17 मार्च 2020 को गाजियाबाद जिला अदालत में नियुक्ति हुई थी। उनकी यहां पहली पोस्टिंग थी।

किसान आंदोलन में राजनीतिक गतिविधि भी तेज

किसान आंदोलन में राजनीतिक गतिविधि भी तेज, एसपी, बीएसएफ, आप कांग्रेस सभी आए आगे

नई दिल्ली। कृषि बिल के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर राजनीतिक दलों का सियासत भी तेज है। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर बवाल के बाद शुरू हुई कार्रवाई को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान नेता राकेश टिकैत को फोन कर उनका हालचाल जाना है। बातचीत में राकेश टिकैत ने अखिलेश यादव को सेहत का हाल बताया है। फोन पर बात करने के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बताया कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है। वो पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुंह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ऐलान किया है। कि किसानों के समर्थन में आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का उनकी पार्टी बहिष्कार करेगी मायावती ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं का बलि का बकरा न बनाया जाए। वहीं आज दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से की गई पानी की व्यवस्था का जायजा लिया। सिसोदिया ने इस दौरान कहा कि मुझे सीएम अरविंद केजरीवाल ने भेजा है। कल रात आपकी बात हुई थी। तो पानी की सप्लाई की गई। डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है। और कोई ज़रूरत हो तो हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पेट इंटरनेट से नहीं, रोटी से भरता है।आज कुछ पूंजीपतियों के दबाव में किसान को गद्दार कहा जा रहा है। जिस सरदार को कट्टर देशभक्त माना जाता है उसको गद्दार कहा जा रहा है। संसद परिसर में किसानों को लेकर अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, यह आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है। देश के किसानों की आवाज है। जिसको सरकार कुचलना चाहती है। देश की जनता इसको बर्दाश्त नहीं करेगी। कोर्ट ने कहा था। ये उनका अधिकार है- बैठने का।

जांच आयोग का कार्यालय फिर 6 माह के लिए बढ़ा

हैदराबाद एनकाउंटर मामले का जांच आयोग का कार्यकाल फिर 6 माह के लिए बढ़ा
हैदराबाद। सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले आयोग का कार्यकाल 6 महीने के लिए और बढ़ाया। यह जांच आयोग हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप और हत्या के 4 आरोपियों की एक मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कर रहा है। इससे पहले जुलाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने यह कार्यकाल 6 महीने बढ़ाया था। एससी के रिटायर जस्टिस वीएस सिरपुरकर की जांच कमेटी ने जांच पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए कोरोना के दौरान आई दिक्कत का हवाला दिया था। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग के आवेदन पर सुनवाई करते हुए उसका कार्यकाल बढ़ाने के बारे में आदेश पारित किया। न्यायालय ने 12 दिसंबर 2019 को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुकर की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय आयोग गठित किया था। आयोग को 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी थी।आयोग का कहना है। कि कोरोना संकट के चलते हैदराबाद एनकाउंटर मामले की जांच तय समय में पूरी नहीं हो पाई है।

पोलैंड सरकार ने देश में गर्भपात पर लगाया बैन

पोलैंड सरकार ने देश में गर्भपात पर लगाया बैन, महिलाओं का विरोध प्रदर्शन

वारसॉ। पोलैंड की सरकार ने गर्भपात पर लगभग पूरी तरह से बैन लगा दिया है। इसको लेकर देश में महिलाओं में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। पोलैंड में भ्रूण में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर कानूनी तौर पर महिलाएं गर्भपात करा सकती थीं। हालांकि, नए नियम के अनुसार गर्भपात पर अब लगभग पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। पिछले साल 22 अक्टूबर को वहां की एक कोर्ट ने ये आदेश जारी किया था जिसे पोलैंड की सरकार ने अब लागू किया है। गर्भपात को गैरकानूनी बताते वाले कोर्ट के आदेश के खिलाफ महिलाएं पिछले साल से ही विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ और अन्य शहरों में महिलाओं के अधिकार की मांग के लिए और इस कानून के विरोध के लिए महिलाएं, और संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। पोलैंड की कुछ महिलाओं का कहना है, कि अगर भ्रूण में कोई दिक्कत होने पर वो गर्भपात नहीं कर सकतीं तो फिर वो बच्चे पैदा करने की कोशिश भी नहीं करेंगी।

2 दिनों की यात्रा पर बंगाल पहुंचेंगे गृहमंत्री शाह

आज रात 2 दिनों की यात्रा पर बंगाल पहुंचेंगे अमित शाह, बीजेपी में शामिल हो सकते हैं कई नेता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में इस साल चुनाव है। इसको लेकर काफी गहमागहमी भी है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के 2 दिवसीय दौरे पर शुक्रवार रात कोलकाता पहुंच रहे हैं।अमित शाह के इस हाई-प्रोफाइल बंगाल दौरे के दौरान प्रदेश की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों से कई नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। जानकरी के मुताबिक नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर अमित शाह लगभग 11 बजे पहुंचेंगे। शाह की बंगाल की पिछली यात्रा के दौरान, तृणमूल कांग्रेस नेता और पूर्व राज्य परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी 19 दिसंबर को भाजपा में शामिल हो गए थे। शाह कलनादिया जिले के मायापुर में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस का दौरा करने वाले हैं। वह उत्तर 24-परगना के ठाकुरनगर क्षेत्र में एक रैली को भी संबोधित करेंगे। यहां मतुआ समुदाय का वर्चस्व है। 31 जनवरी को शाह कोलकाता में भारत सेवाश्रम संघ का दौरा करेंगे और हावड़ा जिले के डुमुरजला स्टेडियम में रैली करेंगे जहां कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने की उम्मीद है।

ट्रेक्टर मालिक किसानों से एचसी ने मांगा जवाब

ट्रैक्टर मालिक किसानों से 10 लाख तक के पसर्नल बॉन्ड व जमानत मांगने पर याचिका दाखिल, एचसी ने मांगा जवाब
बृजेश केसरवानी   
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ट्रैक्टर मालिक किसानों से भारी राशि के पर्सनल बॉन्ड और जमानतें मांगने के मामले में डीएम, सीतापुर से जवाब तलब किया है। दरअसल सीतापुर के डीएम ने जिले के ट्रैक्टर मालिक किसानों को नोटिस भेजा था। सीआरपीसी की धारा-111 के तहत ये नोटिस भेजा गया था। इसमें कानून व्यवस्था पर संकट की आशंका के चलते नोटिस देने की बात कही गई थी। नोटिस में ट्रैक्टर मालिक किसानों से 50 हज़ार से लेकर 10 लाख तक के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रक़म की दो जमानतें मांगी गई थीं। डीएम सीतापुर के इस आदेश पर जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई है। मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी। जिलाधिकारी से निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को अवगत कराने का आदेश अपर महाधिवक्ता को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने अरुन्धति धुरू की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है।

ए छोरियों हट जाओ, क्या ट्रैक्टर के नीचे आना है ?

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के मंडावली थाने में तैनात इंस्पेक्टर (एटीओ) पुष्पलता ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया है। महिला इंस्पेक्टर का आरोप है कि टिकैत जुबान से कुछ और इशारों में कुछ और कह रहे थे। उनका इरादा किसानों को तय रूट पर न भेजकर दिल्ली की ओर भेजना था। पुष्पलता और उनके साथ मौजूद महिला एसआई सुमन कुशवाहा जब बैरिकेड तोड़ रहे ट्रैक्टरों पर लटककर उसको रोकने की कोशिश कर रही थीं तो टिकैत ने देसी अंदाज में कहा, “ए छोरियों हट जाओ, क्या ट्रैक्टर के नीचे आना है। पुष्पलता ने बताया कि किसानों की भीड़ के आगे फोर्स कम थी। किसान जबरन बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की ओर निकल गए। इंस्पेक्टर पुष्पलता ने बताया कि वह मूलरूप से गांव चांदतारा, खरखौदा, मेरठ की रहने वाली हैं। 26 जनवरी को उनकी ड्यूटी गाजीपुर अंडरपास पर थी। ट्रैक्टर रैली को यहीं से मुड़कर आनंद विहार की ओर जाना था। सुरक्षा बलों को वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया था कि रैली दोपहर 12 बजे शुरू होगी, लेकिन 9.30 बजे से ही किसानों ने अपनी रैली शुरू कर दी। इस बीच कुछ किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर एनएच-24 की सर्विस लेन से दिल्ली की ओर कूच करने का प्रयास किया तो वह एसआई सुमन के साथ ट्रैक्टर के आगे आ गईं। उस समय राकेश टिकैत भी वहां मौजूद थे। पुष्पलता के मुताबिक टिकैत ने किसानों को रोकने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं कहा...। किसान बैरिकेड तोड़ रहे थे तो वह दिखावे के लिए उनको आनंद विहार की ओर जाने के लिए कह रहे थे। पुष्पलता के मुताबिक जिस ट्रैक्टर पर वह लटकी थीं। उस ट्रैक्टर चालक ने रेस देकर उनको डराने का प्रयास किया। लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं डरीं। आखिर में उस ट्रैक्टर वाले को आनंद विहार की ओर ही जाना पड़ा।

मामला, समाजसेवी की शिकायत पर दर्ज कराया

विजय भाटी   

गौतम बुद्ध नगर। दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर एवं छह पत्रकारों समेत आठ लोगों के खिलाफ राजद्रोह एवं अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है। नोएडा के सेक्टर 20 थाने में यह मामला एक समाजसेवी की शिकायत पर दर्ज कराया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसक किसान प्रदर्शन से संबंधित अपुष्ट खबरें चलाईं तथा ट्वीट किए। पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) राजेश एस ने बताया कि अर्पित मिश्रा नामक समाजसेवी ने थाना सेक्टर 20 में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेशनाथ, अनंतनाथ तथा विनोद के जोस सहित आठ लोगों के नाम लिए गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी में भादंसं के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। नोएडा पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

सैंध: उपद्रवियों का आंदोलन में घुसने का प्रयास

राणा ओबराय     
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के दाैरान शुक्रवार को 
हिंसक हो गया। जब स्थानीय लोगों और किसान संगठनों के सदस्यों के बीच झड़प हो गई। दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1.45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की। लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस झड़प में कई लोगों को चोटें आई हैं। कुछ पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें लगी हैं। अलीपुर थाने के एसएचओ पर तलवार से भी हमला हुआ है। इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से अलीगढ़ के एसएचओ प्रदीप पालीवाल घायल हो गए। सिंघू सीमा पर पुलिस ने कथित तौर पर स्थानीय होने का दावा करने वालों और किसानों पर बल प्रयोग किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग विरोध स्थल खाली करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों से उनकी झड़प हो गई। प्रदर्शनस्थल पर अराजक तत्वों ने एक पंडाल से लेकर वाशिंग मशीन तक तोड़ दिया। हालांकि सवाल अब ये उठ रहे हैं कि जहां दिल्ली जलबोर्ड के टैंकर भी नहीं जा पा रहे। वहां स्थानी प्रदर्शनकारी कैसे पहुंचे। अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। शुक्रवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर कई गांवों के किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की कि किसान यहां से जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों के इस तरह से 2 महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन करने के चलते न केवल कारोबार प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों लोग बेरोजगार तक हो चुके हैं।

नंगा-नाच से सारा किसान वर्ग दोषी नही हो जाता

राणा ओबराय    
चंडीगढ। जो किसान आंधी, तूफान और अंधेरी रातों को चीरते हुए धरती से अन्न पैदा करता है। वह किसान कभी खोफ के साये तले नही रह सकता। देश का इतिहास रहा है, जब-जब देश पर मुसीबत आती है। तब-तब किसान और जवान देश की रक्षा के लिए आगे आतेें है। ज्यादा समय हो गया है। किसान अपनी मांगों को मनवाने के हाड़तोड़ ठंड में शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठा है। यदि किसानों के रूप में अराजक तत्व आंदोलन में शामिल होकर गणतन्त्र दिवस के अवसर पर नँगा नाच करते हैं, तो उससे सारा किसान वर्ग दोषी नही हो जाता है। जिस तरह से दिल्ली प्रशासन ने संघर्षरत किसानों के धरना स्थल की बिजली पानी काट दिया और पुलिस के भारी बंदोबस्त से किसानों पर दबाव बना कर राकेश टिकैत को गिरफ्तार की योजना बनाई थी। उस योजना को राकेश टिकैत के बहे आंसुओं ने देश के किसानों की अंतरात्मा को चीर के रख दिया। यूपी हरियाणा पंजाब के किसानों ने रात को ही दिल्ली की तरफ वापसी कूच कर दिया। हरियाणा के कंडेला और अम्बाला क्षेत्र के किसानों ने राकेश टिकैत के नारे लगा कर कहा हम तुम्हारे साथ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गणतन्त्र दिवस के मौके पर लालकिले के उपर उपद्रवियों द्वारा झंडा लहराने से जिस किसान आंदोलन को सरकार लगभग खत्म होना मान रही थी। उस आंदोलन को राकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसुओ और उसकी अंतरात्मा की आवाज से रातोरात आंदोलन ने फिर से गति पकड़कर किसानों को एकजुट कर दिया।

एटा: युवाओं ने निकाली जनाक्रोश बाइक रैली

पंकज कुमार   
एटा। जनपद से जहां एटा रेल विस्तार न होने से गुस्साए युवाओं ने मेधा व्रत शास्त्री की अगुवाई में एक बड़ी बाइक जन आक्रोश रैली का आयोजन किया। इस रैली में बहुतायत में बाइक के साथ पहुंचे और भाग लिया। वही मेधा व्रत शास्त्री ने बताया कि यह मेरी अकेली या किसी एक व्यक्ति की लड़ाई नहीं है। एटा रेल विस्तार पूरे जनपद वासियों के लिए जरूरी है और इसी के लिए युवाओं द्वारा जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया है।

एटा: अवैध असलहा के साथ अभियुक्त गिरफ्तार

पंकज कुमार    
एटा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा श्री सुनील कुमार सिंह के निर्देशन में थाना नयागांव पुलिस द्वारा थाना नयागांव क्षेत्र के ग्राम करनपुर में मारपीट हुई। फायरिंग व हत्या के प्रयास की घटना में वांछित चल रहे आरोपी युवक अनिकेत को घटना में प्रयुक्त अवैध असलहा कारतूस सहित गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गयी है। श्री नन्ने पुत्र लालाराम निवासी ग्राम करनपुर थाना नयागांव एटा द्वारा थाना नयागांव पर इस आशय की सूचना दी गयी। वादी के ही गाँव के अनिकेत पुत्र जबर सिंह, धर्मवीर व भूरे पुत्रगण सोवरन सिंह आदि ने वादी के परिजनों व वादी की पत्नी के साथ पुरानी रंजिश को चलते गाली-गलौच, फायरिंग व लाठी डंडों से मारपीट की है, इस सूचना पर थाना नयागांव पर *मु0अ0सं0- 223/2020 धारा 323, 504, 506 व 307 भादंवि* अभियोग पंजीकृत किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा द्वारा उक्त घटना में वांछित चल रहे अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु थानाध्यक्ष नयागांव को निर्देशित किया गया। थाना नयागांव पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर उक्त घटना में वांछित चल रहे अभियुक्त को करनपुर तिराहे के पास से समय करीब 06.15 बजे गिरफ्तार किया गया है। साथ ही अभियुक्त की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक अवैध तमंचा बरामद किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध थाना नयागांव पर मु.अ.सं- 10/21 धारा 3/25/27 आर्म्स एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत कर थानास्तर से आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं।

कौशाम्बी: ट्रैक्टर परेड कर किसानों ने किया आंदोलन

कौशाम्बी। केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर जबरिया लगाए गए तीन किसान बिल को लेकर नाराज किसानों ने किसान यूनियन के नेतृत्व में चायल तहसील में धरना प्रदर्शन कर नेताओं ने सभा की है। सभा के माध्यम से किसानों ने कहा है कि वह केंद्र सरकार के गलत बिल को स्वीकार नहीं करेंगे केंद्र सरकार ने किसानों पर जो गलत बिल लगाया है। उस किसान बिल को केंद्र सरकार को वापस लेना होगा। वरना किसान आंदोलन कर केंद्र सरकार की नीव हिला देंगे। 26 जनवरी को किसान आंदोलन का कार्यक्रम आयोजित था।
धरना प्रदर्शन आंदोलन कर रहे किसानों में आक्रोश दिखाई पड़ रहा था। चायल तहसील में किसानों ने ट्रैक्टर परेड कर किसान विरोधी तीनों बिल वापसी की मांग रक्खी कार्यक्रम की। अध्यक्षता नुरुल इस्लाम जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन ने की और धरना के संयोजक चायल तहसील अध्यक्ष चंदू तिवारी रहे। कार्यक्रम में इलाके के तमाम किसान उपस्थित रहे। किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान धरना प्रदर्शन नारेबाजी करते हुए चायल तहसील पहुंचे और वहां पर एक सभा की सभा के बाद किसान यूनियन के नेताओं ने तहसीलदार और पिपरी कोतवाल की मौजूदगी में राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन यूनियन के नेताओं ने तहसीलदार को सौंपा।
अनुराग कुशवाहा 

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...