गुरुवार, 14 जनवरी 2021

सीएम त्रिवेंद्र ने मकर संक्रांति की बधाईयां दी

पंकज कपूर 

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को मकर संक्राति पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस पर्व पर सभी प्रदेशवासियों के लिए सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार जीवन में सकारात्मक सोच के साथ सदैव कर्म के पथ पर आगे बढ़ने की भी प्रेरणा देता है। यह पावन पर्व माँगलिक कार्यों के शुभारम्भ से भी जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कामना की कि भगवान सूर्य की आराधना का यह पर्व हम सबके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे।

सलाह: सीमा से हटे तो नाकाबंदी करेगी सरकार

शिवसेना की किसानों को सलाह- सीमा से हटे तो नाकाबंदी करेगी सरकार, जो हो अभी हो जाए
मनोज सिंह ठाकुर  
मुंबई। किसान आंदोलन को लेकर अब शिवसेना भी सरकार पर हमलावर हो गई है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों पर निशाना साधा है। संपादकीय में दावा किया गया है। कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई है। अखबार में लिखा गया है। कि सरकार अदालत को आगे कर के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है। खास बात है कि केंद्र और किसान पक्ष शुक्रवार को 9वीं बार आमने-सामने आ रहे हैं।
सामना में लिखा है ‘सर्वोच्च न्यायालय ने तीन कृषि कानूनों को स्थगनादेश दे दिया है।फिर भी किसान आंदोलन पर अड़े हुए हैं. अब सरकार की ओर से कहा जाएगा, ‘देखो, किसानों की अकड़, सर्वोच्च न्यायालय की बात भी नहीं मानते.’ सवाल सर्वोच्च न्यायालय के मान-सम्मान का नहीं है। बल्कि देश के कृषि संबंधी नीति का है. किसानों की मांग है। कि कृषि कानूनों को रद्द करो। निर्णय सरकार को लेना है। सरकार ने न्यायालय के कंधे पर बंदूक रखकर किसानों पर चलाई है लेकिन किसान हटने को तैयार नहीं हैं। 
इसके अलावा शिवसेना ने किसानों को चेताया भी है। उन्होंने लिखा ‘एक बार सिंघू बॉर्डर से किसान अगर अपने घर लौट गया तो सरकार कृषि कानून के स्थगन को हटाकर किसानों की नाकाबंदी कर डालेगी इसलिए जो कुछ होगा, वह अभी हो जाए। गौरतलब है। कि अदालत ने तीनों नए कानूनों को लागू किए जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। वहीं, मामले के निपटारे के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। शिवसेना ने इस समिति में शामिल सदस्यों पर भी सवाल उठाए हैं. संपादकीय में लिखा गया कि चारों सदस्य कल तक कानूनों का समर्थन कर रहे थे।
सरकार पर देशद्रोह का रूप देने के आरोप
शिवसेना ने आरोप लगाए हैं। कि सरकार आंदोलन खत्म नहीं होने देना चाहती है। सामना में लिखा ‘आंदोलनकारी सरकार की बात नहीं सुन रहे इसलिए उन्हें देशद्रोही, खालिस्तानवादी साबित करके क्या हासिल करनेवाले हो? चीनी सैनिक हिंदुस्थान की सीमा में घुस आए हैं. उनके पीछे हटने की चर्चा शुरू है लेकिन किसान आंदोलनकारियों को खालिस्तान समर्थक बताकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। अगर इस आंदोलन में खालिस्तान समर्थक घुस आए हैं। तो सरकार की असफलता है। सरकार इस आंदोलन को खत्म नहीं करवाना चाहती और इस आंदोलन पर देशद्रोह का रंग चढ़ाकर राजनीति करना चाहती है।
किसानों और सरकार के बीच 8 बार की बातचीत बेनतीजा रही है. आज किसान आंदोलन का 50वां दिन है। माना जा रहा है। कि किसान आज बातचीत को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। वहीं, अब तक हुई बातचीत में बड़े मुद्दों को छोड़कर केवल पराली जलाने और सब्सिडी के मुद्दे पर ही सहमति बन पाई है। हालांकि, सरकार ने शुक्रवार को होने वाली बातचीत को लेकर बड़ी उम्मीद जताई है।

आज लॉन्च, पीएम कौशल योजना का तीसरा चरण

कल लॉन्च होगा प्रधानमंत्री कौशल योजना का तीसरा चरण, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
 हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। शुक्रवार को देश के सभी राज्यों में स्थित 600 जिलों में प्रधानमंत्री योजना के तीसरे चरण को लॉन्च किया जाएगा। विकास उद्यमिता मंत्रालय ( एमसीडी द्वारा इसका प्रायोजन किया गया है। इस चरण में कोरोना से संबंधित कौशल योजना पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
प्रधानमंत्री कौशल योजना का तीसरा चरण कल यानी 15 जनवरी को लॉन्च होगा। देश के सभी राज्यों के 600 जिलों में यह योजना लॉन्च की जाएगी। कौशल विकास उद्यम एमएसडी जी) द्वारा इसका प्रायोजन किया गया है। इस चरण में कोरोना से संबंधित कौशल योजना पर ध्यान केंद्रित रहेगा। रिपोर्ट के मानें तो इस बार इस योजना में जिला स्तरीय कौशल समितियों को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। ताकि स्थानीय कौशल जरूरतों को पूरा किया जा सके।
2015 में पहले चरण की हुई थी शुरुआत
गौरतलब है कि सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का पहला चरण 2015 और दूसरा चरण 2016 में शुरू किया था। इसके तहत 2020 तक एक करोड़ लोगों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया था। बता दें कि साल 2015 में शुरू की गई इस योजना के माध्यम से लाखों लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने साल 2015 में यह योजना शुरू की थी। और 2020 तक एक करोड़ लोगों को कुशल बनाने के लक्ष्य के साथ इसमें 2016 में सुधार के लिए बदलाव किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मानें तो 11 नवंबर तक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत देशभर में 69 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है। लक्ष्य
बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल योजना का लक्ष्य देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है। जिससे उन्हें रोजगार पाने में सहायता मिल सके। युवाओं को ट्रेनिंग देने की फीस का सरकार खुद भुगतान करती है। इस योजना के माध्यम से सरकार कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा ड्राप आउट (बीच में स्कूल छोड़ने वाले) युवाओं को कौशल ट्रेनिंग मुहैया कराती है।

कड़ा हो सकता है कोरोना का अगला पड़ाव

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी पहले साल के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो सकता है कोरोना का अगला पड़ाव
वाशिंगटन। कोरोना की वैक्सीन तैयार होने के बाद अब दुनिया भर में लोगों ने राहत की सांस ली है। कई देशों में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। और भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। अभी कोरोना के पहले फेज से दुनिया को छुटकारा नहीं मिला है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने एक चेतावनी दी है जो परेशान करने वाली है। डब्ल्यूएचओने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी का अगला फेज पहले साल के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइकल रेयान के अनुसार कोरोना महामारी का दूसरा साल ट्रांसमिशन डायनामिक्स पर पहले की तुलना में ज्यादा कठिन हो सकता है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च को कोविड-19 के कहर को महामारी घोषित किया था। अब तक दुनिया में 9.21 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। और 19.7 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
वहीं, वैश्विक शोधकर्ताओं की एक टीम गुरुवार को चीन के वुहान शहर पहुंची, जहां कोरोना वायरस महामारी का पहली बार पता चला था। टीम वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच करेगी। टीम यह भी पता करेगी कि क्या चीन ने वायरस से संबंधित खोजों को रोकने की कोशिश की है।
इस 10 सदस्यीय टीम को महीनों के राजनयिक टाल-मटोल के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने मंजूरी दे दी थी। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह वे चीनी वैज्ञानिकों के साथ ‘विचारों का आदान-प्रदान’ करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि क्या उन्हें सबूत इकट्ठा करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। उन्हें दो सप्ताह के क्वारंटाइन के साथ-साथ गले के स्वैब परीक्षण और कोविड-19 के लिए एक एंटीबॉडी परीक्षण से गुजरना होगा।
हालांकि 10 सदस्यीय टीम क्वारंटाइन में रहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चीनी विशेषज्ञों के साथ काम करना शुरू करेंगा डब्ल्यूएचओ की इस टीम में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, कतर और वियतनाम के वायरस और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। वैज्ञानिकों को शक है। कि चीन के दक्षिण पश्चिम में वायरस ने चमगादड़ या अन्य जानवरों के जरिए मनुष्यों के शरीर में प्रवेश किया होगा। 2019 से अब तक वायरस के कारण 1.9 मिलियन लोगों की मौत हो गई है। ऐसी शिकायत हैं। कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने यह बीमारी फैलने की अनुमति दी। उधर, चीन का कहना है। कि वायरस विदेश से आया था। संभवतः आयातित समुद्री भोजन से, लेकिन वैज्ञानिक इस तर्क को स्वीकार नहीं करते हैं।

मध्य-प्रदेश में सीएम शिवराज का एक्शन जारी

भोपाल। मुरैना जहरीली शराब कांड में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक्शन लगातार जारी है। कलेक्टर-एसपी को हटाने के बाद उन्होंने मुरैना के बागचीनी थाने के सभी पुलिसकर्मियों को हटाने के निर्देश जारी किया है। इस थाने के अंतर्गत जहरीली शराब का कारोबार सालों से चल रहा था, जिसमें अभी तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को सीएम हाउस में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मुरैना केस को गंभीर मामला बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश जारी किया था। साथ ही एसडीओपी सुरजीत भदौरिया को सस्पेंड करने का निर्देश दिया था।

मकर सक्रांति के साथ माघ मेले का आगाज

मकर संक्रांति के साथ माघ मेले का आगाज, श्रद्धालु लगा रहे पुण्य की डुबकी
बृजेश केसरवानी  
प्रयागराज। मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला आस्था का मेला ‘माघ मेला’ कोरोना महामारी के बीच गुरुवार से संगम की रेती पर शुरू हो गया। संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भारी पड़ रही है। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पुण्य डुबकी लगाती नजर आ रही है। माघ मेला के पहले स्नान पर्व यानी मकर संक्रांति पर संगम सहित गंगा तथा यमुना के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हो गया।
सुबह के समय संगम व आसपास के घाटों पर श्रद्धालु कम नजर आए। लेकिन सुबह सात बजे के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
संगम के अलावा गंगा के अक्षयवट, काली घाट, दारागंज, फाफामऊ घाट पर भी स्नान चल रहा है।
माघ मेले के दौरान छह प्रमुख स्नान होंगे। इसकी शुरूआत मकर संक्रांति से होती है।
श्रद्धालु कोरोना संक्रमण से बेफिक्र नजर आ रहे हैं। आधी-अधूरी तैयारी के बीच पहले स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है। मेला क्षेत्र में साधु संतों के पंडाल में भजन पूजन का दौर भी शुरू हो गया है। वैसे माघ मेला 27 जनवरी के आसपास रंग में आएगा। 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। और इस दिन से एक महीने का कल्पवास शुरू हो जाता है।
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। मेला क्षेत्र में कोरोना की गाइडलाइन को पूरा कराने के लिए सभी तैयारियां की हुई हैं। सभी तीर्थ पुरोहितों से आने वाले कल्पवासियों का ब्योरा लेकर इसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। माघ मेला में कोविड-19 गाइडलाइन के चलते इनकी संख्या पिछले स्नान पर्व से कम है। पर, आस्था में कहीं कोई कमी नहीं दिखी। उधर, इसी तरह कानपुर, वाराणसी, फरुर्खाबाद और गढ़मुक्तेश्वर में भी श्रद्धालु सुबह से ही पुण्य की डुबकी लगाने स्नान घाटों पर पहुंचने लगे।
हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जय घोष के साथ मकर संक्रांति पर्व का पुण्य प्राप्त करने को गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। इस दौरान कई स्नान घाटों पर स्नान के मद्देनजर कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन होता नजर नहीं आ रहा है। मेले में हर साल की तरह इस बार 5 पांटून ब्रिज, 70 किमी चेकर्ड प्लेटें बिछाई गई है। कोरोना को देखते हुए 16 पॉइंट्स बनाये गए है। हर जगह पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात है। मेले में बिजली, पानी और स्वच्छता के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मेलाधिकारी विवेक चतुवेर्दी के अनुसार, मेले में हर तरह से तैयारी पूरी है। सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम हैं। कोविड संक्रमण को देखते हुए तैयारी और बेहतर की गई है। सभी को गाइडलाइन जारी की गई है।
उधर 14 जनवरी के बाद मलमास के कारण रूके हुए मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस बार गुरु शुक्र अस्त के चलते विवाह आदि मांगलिक कार्य अप्रैल से होंगे। सूर्य सुबह 8.30 बजे उत्तरायण हुआ और मकर राशि में प्रवेश कर गया।

पंजाबः सीएम अमरिंदर ने बुलाई कैबिनेट की बैठक

राणा ओबराय
चंडीगढ़। कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘हम कृषि कानूनों की वैधता को लेकर चिंतित हैं इसका समाधान जरूर निकलना चाहिए।’ बता दें कि कोर्ट ने अब इस मसले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है लेकिन कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। उधर, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमेंआदेश की पेचीदगियों पर चर्चा की जाएगी और अहम फैसला लिया जाएगा। किसानों ने कहा है कि कानूनों के अमल पर रोक कोई हल नहीं है। किसान संगठन इस उपाय की मांग नहीं कर रहे थे। ये रोक कभी भी हट सकती है और फिर बात वहीं रहेंगी जहां आज है।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...