गुरुवार, 14 जनवरी 2021

कड़ा हो सकता है कोरोना का अगला पड़ाव

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी पहले साल के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो सकता है कोरोना का अगला पड़ाव
वाशिंगटन। कोरोना की वैक्सीन तैयार होने के बाद अब दुनिया भर में लोगों ने राहत की सांस ली है। कई देशों में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। और भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। अभी कोरोना के पहले फेज से दुनिया को छुटकारा नहीं मिला है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने एक चेतावनी दी है जो परेशान करने वाली है। डब्ल्यूएचओने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी का अगला फेज पहले साल के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइकल रेयान के अनुसार कोरोना महामारी का दूसरा साल ट्रांसमिशन डायनामिक्स पर पहले की तुलना में ज्यादा कठिन हो सकता है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च को कोविड-19 के कहर को महामारी घोषित किया था। अब तक दुनिया में 9.21 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। और 19.7 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
वहीं, वैश्विक शोधकर्ताओं की एक टीम गुरुवार को चीन के वुहान शहर पहुंची, जहां कोरोना वायरस महामारी का पहली बार पता चला था। टीम वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच करेगी। टीम यह भी पता करेगी कि क्या चीन ने वायरस से संबंधित खोजों को रोकने की कोशिश की है।
इस 10 सदस्यीय टीम को महीनों के राजनयिक टाल-मटोल के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने मंजूरी दे दी थी। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह वे चीनी वैज्ञानिकों के साथ ‘विचारों का आदान-प्रदान’ करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि क्या उन्हें सबूत इकट्ठा करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। उन्हें दो सप्ताह के क्वारंटाइन के साथ-साथ गले के स्वैब परीक्षण और कोविड-19 के लिए एक एंटीबॉडी परीक्षण से गुजरना होगा।
हालांकि 10 सदस्यीय टीम क्वारंटाइन में रहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चीनी विशेषज्ञों के साथ काम करना शुरू करेंगा डब्ल्यूएचओ की इस टीम में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, कतर और वियतनाम के वायरस और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। वैज्ञानिकों को शक है। कि चीन के दक्षिण पश्चिम में वायरस ने चमगादड़ या अन्य जानवरों के जरिए मनुष्यों के शरीर में प्रवेश किया होगा। 2019 से अब तक वायरस के कारण 1.9 मिलियन लोगों की मौत हो गई है। ऐसी शिकायत हैं। कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने यह बीमारी फैलने की अनुमति दी। उधर, चीन का कहना है। कि वायरस विदेश से आया था। संभवतः आयातित समुद्री भोजन से, लेकिन वैज्ञानिक इस तर्क को स्वीकार नहीं करते हैं।

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