शुक्रवार, 8 जनवरी 2021

श्री कृष्ण की बाल-लीलाओं का किया गया मंचन

श्री कृष्ण की सुंदर बाल-लीलाओं का किया मंचन
कौशाम्बी। श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन शुक्रवार को भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर बाल लीलाओं का मंचन किया गया। छोटे-छोटे बच्चों द्वारा किए गए इस मंचन ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इसके साथ ही भागवत में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जगजीत सिंह द्वारा गोवर्धन पर्वत का पूजन भी किया गया। भागवत कथा के पांचवें दिन पं. नागेन्द्र ने कालिया नाग मर्दन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि श्री धाम वृंदावन में कालिया नाग यमुनाजी में आकर गरुड़ के डर से रहने लगा। उसने यमुना को विषैला कर दिया। इसके पानी पीने से पशु पक्षी मर जाते थे। कोई स्नान करने नहीं जाता था। जब भगवान ने देखा कि यमुना को कालिया नाग ने बहुत प्रदूषित कर दिया है तो भगवान ने उसे निकालने का निश्चय किया। भगवान एक दिन गेंद खेलने के लिए यमुना के पास गए और ग्वालों के साथ गेंद खेलते-खेलते यमुना में फेंक दी। भगवान ने गेंद निकालने के बहाने यमुना में छलांग लगाई और कालिया के पास पहुंचे। भगवान को कालिया ने देखा तो पूछा कौन हो तुम। भगवान ने उसे समझाया कि यहां से चले जाओ। कालिया नहीं माना और भगवान पर झपट पड़ा। भगवान ने अपना स्वरूप दिखाया और उसके फन पर चढकऱ तांडव करने लगे। तब उसे समझ आया कि ये कोई और नहीं परमपिता परमेश्वर हैं। उसने प्रभु से क्षमा मांगी और रमनक द्वीप चला गया। इसके बाद कथा व्यास ने गोवर्धन की कथा भी सुनाई। बताया कि किस तरह इंद्र के घमंड को भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक अंगुली पर उठाकर चूर-चूर कर दिया। इंद्र ने आखिर में भगवान से क्षमा मांगी। इस दौरान गोवर्धन पर्वत की पूजा की आयोजन कथा स्थल पर किया गया।भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने को मौजूद रहे। वहीं भागवत पंडाल फूलों से पूरी तरह पटा हुआ व सुंदर, सुगंधित हो उठा। इस दौरान बडी संख्या में गरीबों में कंबल का वितरण किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जगजीत सिंह ने कहा कि गरीब मजलूमों की सेवा सबसे पुण्य का काम है। वह जरूरतमंदों के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। जरूरतमंद की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य कर्म है। कार्यक्रम के दौरान अपना दल एस के जिला अध्यक्ष कामता पटेल मं.अ. गुलाब पटेल उमेश केसरवानी श्रीकृष्ण पाण्डेय सुरेश तिवारी अनूप सिंह राहुल मिश्रा मुकेश मिश्रा बृजेश मिश्रा आदि सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।
सियाराम सिंह 

देश के 700 जिलों में कोरोना वैक्सिनेशन का ड्राई रन

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत के हर कोने तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने और उसे लगाने के लिए शुक्रवार को देश के 700 जिलों में कोरोना वैक्सिनेशन का ड्राई रन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिलों में कोरोना टीकाकरण का ड्राई रन किया जाएगा। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने ट्रांसपोर्टेशन की तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। सरकार ने हवाई मार्गों से वैक्सीन की आवाजाही को लेकर पूरा प्लान तैयार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक देश के कई एयरपोर्ट्स पर यह प्रक्रिया आज या कल से शुरू हो सकती है। खबर है कि वैक्सीन की आवाजाही का केंद्र पुणे होगा। वहीं, पैसेंजर हवाई जहाजों का इस्तेमाल भी वैक्सीन की आवाजाही में किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया ‘पुणे एयरपोर्ट भारतीय वायुसेना के अंतर्गत होने के चलते वे भी उसका हिस्सा हैं।’ इसके अलावा सरकार ने देश भर में कई मिनी हब भी तैयार किए हैं। उन्होंने जानकारी दी ‘पूरे देश में कुल 41 एयरपोर्ट्स है, जिन्हें वैक्सीन की डिलीवरी के लिए तय किया गया है।’ बता दें कि 28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों में दो दिनों के लिए ड्राई रन किया था। इसके बाद 2 जनवरी को सभी राज्यों के 285 जिलों में ड्राई रन चलाया गया था। अब आज एक बार ​फिर कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन होने जा रहा है। नेशनल कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. विनोद पॉल ने कुछ दिनों पहले न्यूूूज 18 जज से बातचीत में बताया था कि कोविड टीकाकरण के लिए सरकार, इंडस्ट्री और अन्य स्टेकहोल्डर्स एक साथ मिलकर टीम की तरह काम रहे हैं। उन्होंने बताया था कि पहले फेज में देश के तीस करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाना है। इन्हें प्राथमिकता के आधार पर चुना गया है।

ऑफलाइन क्लासों की अनुमति मांग रहे हैं स्कूल

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी संबद्ध स्कूलों को 1 मार्च से प्रैक्टिकल परीक्षाएं शुरू करने को कहा है। देश भर के स्कूल अधिकांश शैक्षणिक सत्र के दौरान बंद रहे हैं। इसलिए छात्रों को प्रैक्टिकल की कक्षा में हिस्सा लेने का कोई मौका लगभग नहीं मिला है। ऐसे में मार्च में परीक्षा आयोजित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। 31 दिसंबर को जारी एक नोटिस में सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के लिए परीक्षाएं 4 मई से शुरू होंगी और स्कूल इससे पहले 1 मार्च से प्रैक्टिकल परीक्षाएं करा सकते हैं। बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर स्कूलों के, स्थानीय प्रशासन से फिर खोलने की अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में, परीक्षाएं आयोजित कराना व्यावहारिक तौर पर संभव न हो तो वे आंतरिक मूल्यांकन जैसे मूल्यांकन के वैकल्पिक उपाय अपना सकते हैं। लेकिन स्कूलों को इंतजार है कि राज्यों की तरफ से चरणबद्ध तरीके से इन्हें फिर खोलने की अनुमति मिल जाए ताकि प्रयोगशाला संबंधी काम पूरा किया जा सके। अब तक केवल कर्नाटक, महाराष्ट्र और असम जैसे कुछ राज्यों ने हीं 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को फिर से स्कूल बुलाने की अनुमति दी है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित अन्य तमाम राज्यों ने अभी तक स्कूल खोलने पर कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे राज्यों में चल रहे स्कूलों को अब उम्मीद है कि सरकारें उन्हें अलग-अलग बैच में छात्रों को बुलाने की अनुमति देंगी।

बिजली विभाग की लापरवाही से 2 मासूम झुलसे

अश्वनी उपाध्याय 

गाज़ियाबाद। बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से 11 हजार हाई वोल्टेज लाइन का तार टूट कर गिर गया और 2 मासूम बच्चे मामूली रूप से झुलस गए। आनन-फानन में स्थानीय लोगों द्वारा मासूम बच्चों को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंचे विधायक ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की बात कही है। यह हादसा मसूरी थाना क्षेत्र के गाँव नाहल में हुआ। ग्रामवासियों द्वारा कई बार इस संबंध में बिजली विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है। परंतु बिजली विभाग द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जाती है। ग्रामवासियों का आरोप है कि हादसा होने के बाद सूचना दी गई पर बिजली विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नही पहुंचा ओर न ही जर्जर हो चुके तारों को बदल रहे हैं। इस घटना से ग्रामवासियों में बेहद रोष व्याप्त है। इस मामले में क्षेत्रीय विधायक असलम चौधरी ने बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। जिसके चलते बिजली विभाग के खिलाफ स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ बिगुल फूंक कर बिजली घर पर धरना प्रदर्शन किया था। वहीं बिजली विभाग जर्जर हो रहे तारों को बदलने का कार्य नहीं कर रहा है और किसी बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहा है। जिन्हें आनन फानन में स्थानीय लोगों द्वारा नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि कि बिजली के तार टूटने की सूचना के आधार पर मौके पर पहुंचा गया और तारों को बदलने का कार्य किया जा रहा है। शासन को जर्जर हो रहे तारों के बारे में लिखित में दिया गया है और जल्द ही जर्जर हो रहे तारों को बदलने का कार्य किया जाएगा।

पीड़ित परिवार को 10 लाख का चेक देने पहुंचे विधायक

मुरादनगर। क्षेत्रीय विधायक अजित पाल त्यागी ने मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में पीड़ित परिवारों के घर जाकर मुलाकात की और मुरादनगर आयुध निर्माणी क्षेत्र निवासी विनोद कुमार और उनकी पत्नी पूनम व पुत्रवधू कोमल को 10 -10 लाख रुपए के चेक दिए। चेक लेने के दौरान पूनम अपने पति व बेटे को याद करके भावुक हो गई। अजीत पाल त्यागी ने कहा कि प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। उनको जो भी मदद संभव होगी, मुहैया करवाई जाएगी। शमशान घाट हादसे में विनोद व उनके बेटे अक्षय की मौत हो गई थी। इस अवसर पर विधायक अजीत पाल त्यागी ने दोनों महिलाओं को सांत्वना दी और सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया। बता दें कि तीन जनवरी को उखलारसी में अंत्येष्टि स्थल की गैलरी छत समेत गिर गई थी। मलबे में दबने से 24 लोगों की मौत हो गई थी। प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा प्रदेश सरकार ने की है। बुधवार को भी 14 परिवार को आर्थिक मदद दी गई थी। जो पीड़ित परिवार रह गए थे। उनके घर जाकर क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी सहायता राशि का चेक देने पहुंचे। इस मामले में अभी तक प्रशासन ने पालिका कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हें जेल भेज दिया है। मगर अभी तक किसी भी जन प्रतिनिधि के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई है।  स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिना जन प्रतिनिधियों के संरक्षण के भ्रष्टाचार संभव नहीं है। ठेकेदार और जिला प्रशासन दोनों ही जन प्रतिनिधियों को बचाने का काम कर रहे हैं। क्षेत्र वासियों की मांग है कि प्रदेश सरकार श्मशान घाट समेत मुरादनगर पालिका द्वारा किए हर निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराए और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे।

किसानों को सर्दी में ठिठुरते हुए देख कंबल बाटें

हरदोई। शुक्रवार लगातार तीसरे दिन समाजवादी पार्टी 155 विधानसभा शाहाबाद के वरिष्ठ नेता मुजीब खां ने खेतों में काम कर रहे किसानों को इस सर्दी मे ठिठुरते देख उन्हें खेत में जाके कम्बल दिए और उनकी समस्याओं को सुना और जाना। पहले तो उन्होंने अपनी सर्ट और पैंट व जाकिट उतार कर किसान को पहनाया बाद में उसे कम्बल उड़ाया। मौजूद किसानों ने मुजीब खां के इस सहरानीय काम को देख कर उनको बहुत दुआ दी। किसानों ने मुजीब खां से कहा आज किसान परेशान हैं। इस सरकार ने हर किसान को नौकरी दी है। रात और दिन किसान अपना खेत जानवारो से बचा रहे हैं। यही ही नौकरी सरकार ने दि है। सबसे बेहतर सरकार अखिलेश यादव की थी। मुजीब खां ने कहा आप लोग परेशान न हो मै आप के हर दुख और दर्द में साथ है। एक बार अपने इस बेटे को मौका दो इस विधान सभा की तस्वीर बदल दूंगा। कोई भी खुले आसमान के निचे नहीं रहे। मै आप के बेटे की तरह सेवा करुगा। वितरण ग्राम सभा नया गांंव, एगावा, नवीपुर, शाहाबाद तहसील अन्य कई गांवों  में कम्बल वितरण किया। इस मौके पर शाहिद खां, नूर अहमद, मुंशीलाल चंचल, ओम प्रकाश लोधी, सुलेमान खां, नईम खां, सन्तोष यादव, आज़म खां, नदीम खां, फिरोज अहमद मौजूद रहे।

सरकार के दरवाजे से फिर खाली हाथ लौटे किसान

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को आठवें दौर की बातचीत दोनों पक्षों के अपने-अपने रवैये पर अड़े रहने के कारण बिना किसी नतीजे पर पहुंचे ही समाप्त हो गयी। दोनों पक्ष अब 15 जनवरी को बातचीत फिर करेंगे जिस पर सहमति बन गयी है। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने करीब तीन घंटे तक चली बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने किसान नेताओं से कहा कि वे तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के बजाय कोई और विकल्प सरकार के समक्ष पेश करें जिस पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों ने कोई और विकल्प नहीं दिया। इस पर बैठक समाप्त कर दी गयी और तय किया गया कि अब अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी।उन्होंने कहा, “ सरकार ने किसान संगठनों से बार-बार कहा है कि वे कोई विकल्प सुझायें, हम उस पर विचार करेंगे। हमें आशा है कि हम 15 जनवरी को सफल होंगे।” इस बीच किसान नेताओं ने कहा है कि वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे और यदि सरकार तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस नहीं लेती है तो वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। सरकार ने दूसरी तरफ स्पष्ट किया है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाना संभव नहीं है।सरकार हालांकि तीनों कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। यह पूछे जाने पर कि सरकार ने क्या किसी से मध्यस्थता करने को कहा है तोमर ने कहा कि सरकार ने किसी से संपर्क नहीं किया है। सरकार कानून का समर्थन करने वालों और विरोध करने वालों से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, “ हम सभी से बातचीत कर रहे हैं।” तोमर ने यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने सिखों के धार्मिक नेता बाबा लाखा सिंह ( नानकसर गुरुद्वारा कलेरान प्रमुख ) से बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने का आग्रह किया है, कहा कि बाबा लाखा सिंह एक आध्यात्मिक शख्सियत हैं और उन्हें भरोसा है कि कोई उपाय निकलेगा। उन्होंने कहा, “ बाबा लाखा सिंह ने किसानों के विचार रखें और हमने सरकार की राय रखी।” उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि बाबा लाखा सिंह सरकार के रुख को किसानों तक पहुंचायेंगे। कृषि मंत्री के साथ बातचीत के बाद बाबा लाखा सिंह ने कहा, “ हम जल्द से जल्द समस्या के समाधान का प्रयास करेंगे। मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह हमारे साथ हैं और कोई समाधान निकालेंगे।” उधर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान तीनों कानूनों को वापस लिये जाने से कम पर कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “ कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।” गौरतलब है कि तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर राजधानी की सीमाओं पर बड़ी संख्या में जमे किसानों का आंदोलन आज 44 वें दिन भी जारी रहा।सरकार के साथ किसानों की आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। तीस दिसंबर को हुई छठे दौर की बातचीत में किसानों को मिलने वाली बिजली पर सब्सिडी जारी रखने और पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध कोई कार्रवाई किये जाने की मांग सरकार ने मान ली थी।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...