अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के समर्थन में समााजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बड़ा ऐलान किया है। अन्ना हजारे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो वो किसानों के समर्थन में आखिरी आंदोलन करेंगे। अन्ना हजारे के अल्टीमेटम से घबराई मोदी सरकार ने आनन-फानन में हजारे को समझाने के लिए राज्यसभा सांसद भागवत कराड और महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे को रालेगणसिद्धि भेजा है।
बता दें कि, इससे पहले अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर किसानों की मांग मानने की अपील करते हुए कहा था कि, अगर सरकार किसानों के हक में फैसला नहीं लेती है तो वो जन आंदोलन शुरू करेगें। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ बीजेपी नेताओं की मुलाकात के दौरान उन्होंने किसानों को हो रही दिक्कतों और मांगों की जानकारी दी। अन्ना हजारे ने नेताओं से कहाकि, जल्द ही केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लेकर फैसला ले। वहीं, अन्ना हजारे से मिलने पहुंचे दोनों बीजेपी नेताओं ने कहा है कि, उन्होंने अन्ना को विश्वास दिलाया है कि, वह जल्द ही उनके सवालों को केंद्र के मंत्रियों के समक्ष रखेंगे और इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। इसके लिए उन्होंने अन्ना हजारे से कुछ दिन का वक्त मांगा है।
बता दें कि, केंद्र सरकार की तरफ से पास किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले करीब एक महीने से सड़कों पर है। उनका कहना है कि, ये कानून किसानों के हक में नहीं है और इससे उद्योगपतियों को फायदा दिलाने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही मंडी सिस्टम और एमएसपी को लेकर भी किसान अड़े हुए हैं। सरकार के साथ कई दौर की बैठक होने के बाद भी मसला नहीं सुलझ रहा है। किसान किसी भी तरह से मानने को तैयार नहीं हैं और उनका कहना है कि, ये आंदोलन तभी खत्म होगा जब तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएंगे।