गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

'2022' की तैयारियों में जुटे सीएम आदित्यनाथ

विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दी नई दिशा
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा संगठन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गंभीर है। पिछले दिनों इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक चुनाव में भाजपा को सपा से मिली हार के बाद पहली बार प्रयागराज पहुंचे सीएम ने विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर प्रयागराज मंडल के तकरीबन सभी जनप्रतिनिधि एवं संगठन के पदाधिकारियों को चेताया कि कार्यकर्ताओं के साथ वह सभी समन्वय बनाकर काम करें। यह वर्ष अब खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव की तैयारियों को लेकर सिर्फ एक वर्ष का ही समय है।
इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक चुनाव में पार्टी प्रत्याशी डा. यज्ञदत्त शर्मा की हार की एक वजह यह भी आई कि पार्टी नेताओं के बीच इस चुनाव में समन्वय काफी कम था। अब विधानसभा चुनाव में यह गड़बड़ी न हो इस वजह से सीएम ने प्रयागराज के तीनों मंत्री डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, सिद्धार्थ नाथ सिंह एवं स्थानीय और पड़ोसी जिलों के सांसदों, विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारियों के साथ दो घंटे तक वार्ता की।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया की कैकेयी से की तुलना

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैकेयी से की सोनिया गांधी की तुलना

इंदौर। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपने बयान को लेकर एक बार फिर विवाद में आ गए हैं। मिश्रा ने बिना नाम लिए कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशान साधा है। और उनकी तुलना ‘कैकेयी’ से की है। मिश्रा ने कहा कि एक मां है। जो षड्यंत्रपूर्वक अपने बेटे को गद्दी दिलाना चाहती है। इसके अलावा ताश के पाटों का जिक्र करते हुए उन्होने कांग्रेस के 52 सांसदों का भी मज़ाक उड़ाया। इंदौर में संभागीय किसान सम्मेलन में मध्यप्रदेश के गृह मंत्री ने कहा मुझे व्हाट्सएप आया कि कैकई के बाद कौन सी माँ है। जो षड्यंत्र पूर्वक अपने बेटे को गद्दी दिलवाना चाहती है। वो बोला ताश की गड्डी में कितने पत्ते होते हैं। जवाब मिला 52 इस पार्टी के भी 52 सांसद हैं। मिश्रा ने आगे कहा मुझे एक व्हाट्सएप फॉरवर्ड मिला जिसमें कहा गया था। कि जापान में हर दिन स्कूल जाने वाले बच्चे को लेने के लिए ट्रेन रुकती है। वे नहीं जानते कि भारत में एक पार्टी एक बच्चे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम कर रही है।
मिश्रा के इस बयान पर ट्विटर यूजर्स ने भी अपनी प्रतिकृया दी है। एक यूजर ने लिखा “ताश की गड्डी मे कितने जोकर है। जवाब मिला दो, आपकी पार्टी भी 2 सांसद से शुरू हुई थी। और 2 जोकर अभी भी है। आपकी गड्डी में। एक ने लिखा बेरोजगार अंधभक्त कहेंगे बहुत मज़ा आया कितना अच्छा जोक था। एक अन्य यूजर ने लिखा आपकी तो पूरी विचारधारा व्हाट्सएप पर आधारित है। कोई नई बात नहीं है।
मिश्रा ने कृषि कानूनों को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। मिश्रा ने अपने भाषण के दौरान आगे कांग्रेस पर कृषि कानूनों को लेकर गलतफहमी पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा दिल्ली में विरोध क्यों हो रहा है। अगर पुराने कृषि नियम सही होते तो इतने सालों तक भी किसानों पर कर्ज नहीं होता। नया कृषि कानून किसानों के उत्थान के लिए है।
उन्होंने कहा ऐसी चर्चा थी। कि कांग्रेस के लोग भूख हड़ताल पर जाएंगे। ये लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। यह पार्टी भारत के लोगों के खिलाफ है। वे हर आंदोलन के दौरान गलतफहमी पैदा करते हैं। बता दें केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले 22 दिन से जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

कमल सरकार गिराने में मोदी की भी भूमिका

कमल नाथ सरकार गिराने में नरेंद्र मोदी की थी अहम भूमिका 

भोपाल। मध्य प्रदेश में इसी साल की शुरुआत में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस की कमलनाथ सरकार विधायकों की बगावत के बाद गिर गई थी। तब इसका श्रेय केंद्र की राजनीति में न जाकर राज्य में ही रहने वाले सीएम शिवराज सिंह चौहान को दिया जा रहा था। हालांकि अब भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। दरअसल, एक रैली के दौरान विजयवर्गीय ने कहा कमलनाथ की सरकार गिराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम भूमिका थी। और किसी की नहीं पर यह बात किसी को बताना नहीं। विजयवर्गीय ने इसी भाषण के दौरान कहा कि जब तक राज्य में कमलनाथ की सरकार थी। तब तक हमने उन्हें चैन से नहीं सोने दिया। यदि ऐसा कोई कार्यकर्ता था। भाजपा का जो कमलनाथ जी को सपनों में दिखाई देता था। तो वो नरोत्तम मिश्रा जी थे। विजयवर्गीय ने आगे कहा पर्दे के पीछे की बात कर रहा हूं आप किसी को मत बताना। मैंने आज तक किसी को नहीं बताई पहली बार इस मंच पर बता रहा हूं कि कमलनाथ सरकार को गिराने में किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी। धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं थी। पर ये बात किसी को बताना नहीं मैंने आजतक किसी को नहीं बताई। बता दें कि इसी साल की शुरुआत में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच मतभेद नजर आने लगे थे। इसके बाद 22 विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। और कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। 20 मार्च को खुद कमलनाथ ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मध्यप्रदेश में उठापटक के लिए धर्मेंद्र प्रधान को माना जाता है। पर्दे के पीछे का खिलाड़ी बताया जाता है। कि जब मध्य प्रदेश में विधायकों ने बागी तेवर दिखाए थे। तभी केंद्रीय नेतृत्व ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को अहम फैसले लेने का जिम्मा सौंपा था। 23 मार्च को सरकार बनने से पहले भी प्रधान ने ही विधायकों से बात की और शिवराज सिंह चौहान ने नाम पर सहमति बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी।

ऑस्ट्रेलिया: भारत ने 6 विकेट पर बनाए 233 रन

एडिलेड। कप्तान विराट कोहली (74) की अर्धशतकीय पारी और चेतेश्वर पुजारा (43) की सधी हुई पारियों के बावजूद रिपीट बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट के पहले दिन गुरुवार को भारतीय पारी लड़खड़ा गयी और उसने दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में 89 ओवर में छह विकेट पर 233 रन बनाए।

आंदोलन का समाधान निकालने में जुटी सरकार

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि, दुष्यंत गौतम, अरूण सिंह सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।

श्रीनगर: रात का तापमान -6.4 डिग्री सेल्सियस रहा

श्रीनगर। श्रीनगर में रात का तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे चलने जाने से गुरुवार को विश्व प्रसिद्ध डल झील जम गई। शहर में आज नालों और नालियों सहित पानी के नल और अन्य जलाशयों का पानी भी जम गया। सुबह सूर्य दिखाई दिया। हालांकि बर्फीली हवाएं चलने के कारण लोग घरों के अंदर ही रहें।

मंत्रालय ने योगासन को खेल के रूप में मान्यता दी

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने गुरूवार को योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक तौर पर मान्यता दे दी है। जिससे इसे सरकारी सहायता मिल सकेगी। खेल मंत्री किरेन रीजीजू और आयुष (आयुर्वेद, योग , नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) मंत्री श्रीपाद येस्सो नाईक ने एक कार्यक्रम के दौरान योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी।

आप विधायकों ने कानून की प्रतियां फाड़ी, हंगामा

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार के कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन कानूनों का गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में जमकर विरोध हुआ और सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के सदन में कानून की प्रतियां फाड़ने से हंगामा हो गया। दिल्ली विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सत्र की शुरुआत में ही परिवहन और पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने एक संकल्प पत्र पेश किया, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई।

पीएसएलवी-सी50 का सफल प्रक्षेपण किया

श्रीहरिकोटा। संचार उपग्रह सीएमएस-01 को लेकर जा रहे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी50 का गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। पीएसएलवी-सी50 ने 25 घंटों तक चली उल्टी गिनती के बाद आज दोपहर 03:4 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से उड़ान भरी।

कृषि कानून के समर्थन में आयोजित हुई रैली

रुद्रपुर। भाजपा हाईकमान के निर्देश पर कृषि कानून के समर्थन में रूद्रपुर में आयोजित विशाल रैली में बतौर मुख्य अतिथि पहंचे केंद्रीय शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्री डा.रमेश चन्द्र पोखरियाल ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और विपक्ष को ललकारते हुये कृषि बिल पर बहस की खुली चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाया गया कृषि बिल किसानों के हितों में है। विपक्ष किसानों को गुमराह कर अपनी रोटियां सेक रहा है। जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे है,वह देश के लिये घातक है।

सीएम केजरीवाल ने सरकार पर साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र में नए कृषि कानूनों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ी दी। उन्होंने कहा कि सरकार और अभी कितने किसानों की जान लेगी, अब तक करीब 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके है। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है, अंग्रेजों से बदतर न बने सरकार।

सीएम खट्टर ने संत की मौत को बडी क्षति बताया

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सिख संत राम सिंह की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए, इसे एक “अपूरणीय क्षति” करार दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे संत राम सिंह (65) ने बुधवार को सिंघु बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के मुताबिक उन्होंने पंजाबी में हस्तलिखित एक पत्र भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह “किसानों का दर्द” सहन नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस उस पत्र की जांच कर रही है।

खट्टर ने बताया कि संत राम सिंह की मौत देश और राज्य के संत समाज को एक अपूरणीय क्षति है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि उनका निधन उनके लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। यह बेहद दुखद क्षण है। खट्टर ने कहा कि संत राम सिंह को वास्तविक श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए गए मानव कल्याण के मार्ग पर चलना होगा। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह संत के निधन से काफी दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “करनाल के नानकसर सिंघरा वाले के संत राम सिंह जी द्वारा केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने की खबर स्तब्ध करने वाली और बेहद दुखद है। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी दुआएं हैं।”

संत राम सिंह का शव बुधवार रात करनाल जिले सिंघरा गांव के नानकसर गुरुद्वारा ले जाया गया, जहां भारी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठे हुए। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि संत राम सिंह एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन मानव सेवा को समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा,  “एक पवित्र आत्मा होने के कारण, वह किसान विरोधी कानून के खिलाफ ठंड में पिछले कई दिनों से दिन-रात सड़कों पर रह रहे किसानों का दुख देख बेहद दुखी थे…. जिनमें (प्रदर्शन में) कई बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं।” कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी उनके निधन शोक जताया।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...