सोमवार, 14 दिसंबर 2020

मोदी की अश्लील फोटो वायरल, मुकदमा दर्ज

सोशल मीडिया पर मोदी की अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज
 उमय सिंह साहू
अयोध्या। जनपद में सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अश्लील फोटो डाले जाने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री की अश्लील फोटो वायरल होने पर मामले की शिकायत पुलिस से की गई गई है। शिकायत पर बीकापुर कोतवाली पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत नामजद मुकदमा पंजीकृत किया है। रविवार को क्षेत्राधिकारी बीकापुर अजय कुमार ने बताया कि भाजपा के सेक्टर संयोजक आनंद पांडेय उर्फ प्रिंस की ओर से कोतवाली पुलिस को सोशल मीडिया पर पीएम की आपत्तिजनक फोटो पोस्ट किए जाने की शिकायत दी गई है। शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक अखिलेश यादव निवासी रामनगर चौकिया थाना कोतवाली बीकापुर के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाली पुलिस दर्ज मुकदमें की विवेचना कर रही है। 

समाजवादी पार्टी ने सम्मेलन को लेकर की बैठक

समाजवादी पार्टी ने तीन दिवसीय सम्मेलन को लेकर की आवश्यक बैठक
कासगंज। समाजवादी पार्टी एटा- कासगंज की संयुक्त बैठक एटा पार्टी कार्यालय कासगंज पर जिलाध्यक्ष व पूर्व सांसद कुं देवेंद्र सिंह यादव व जिलाध्यक्ष परवेज जुबैरी की अध्यक्षता मे आयोजित की गई। बैठक मे एटा मे होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक हशरत उल्ला शेरवानी, पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह यादव, पूर्व विधायक अमित कुमार यादव उर्फ टीटू , पूर्व विधायक रणजीत सिंह सुमन, जिला महासचिव भूपेंद्र सिंह प्रजापति, वरिष्ठ जिलासचिव लक्ष्मनसिंह यादव, देवेन्द्र सिंह लोधी, रंजीत सिंह यादव आदि नेतागण उपस्थित हुऐ।

दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करने का ऐलान किया

देशभर के टोल फ्री करवाने और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करने का किसान संगठनों ने किया ऐलान
राणा ओबरॉय
सोनीपत। किसान संगठनों ने 12 दिसंबर को देशभर के टोल फ्री करने का एलान किया था। इससे पहले हरियाणा के करनाल और पानीपत में आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार की देर रात ही बसताड़ा टोल प्लाजा और पानीपत टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया एवं बैरियर तोड़ दिया। साथ ही वाहनों की आवाजाही फ्री कर दी। इस दौरान मौके से पुलिस-प्रशासन नदारद रहा। सरकार की मंशा देखते हुए ही शुक्रवार को दिन भर किसान नेताओं में बातचीत का दौर चलता रहा और सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है। कि दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-रोहतक-दिल्ली मुथरा और दिल्ली-गाजियाबाद हाइवे तो पहले से ही बंद किए हुए हैं। इनके साथ ही अब दिल्ली से जयपुर हाइवे को बंद किया जाएगा। इसके लिए किसान नेताओं को जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं। 
 वही जिले में नेशनल हाईवे-44 पर बसताड़ा और करनाल-जींद मार्ग पर प्योंत टोल प्लाजा को लेकर शुक्रवार की सुबह से ही किसान सक्रिय हो गये थे। किसानों ने मौके पर पहुंचकर शनिवार को टोल बंद रखने की कंपनी अधिकारियों से अपील की थी। इस दौरान टोल प्रबंधन ने एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण) के आदेश पर ही निर्णय लेने की बात कही थी। इसके बाद इसकी जानकारी एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन को भी दी गयी थी। 
इसके बाद डीसी निशांत कुमार यादव ने शनिवार की सुबह ही टोल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करने की बात कही थी। लेकिन इससे पहले ही शुक्रवार की देर रात सैकड़ों की संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे। यहां टोल फ्री करने के बाद जैसे ही वे आगे बढ़े एकबार फिर टोल कंपनी ने वसूली शुरू कर दी। ऐसे में दोबारा से किसानों ने लौटकर बैरियर तोड़ दिया। इसके बाद आगे जाकर आंदोलनकारी किसानों ने पानीपत टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर उसे फ्री कर दिया।  
दूसरी ओर अन्नदाता भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमुख सिंह ने कहा कि 13 दिसंबर को लोनी रोड बार्डर बंद करने का निर्णय भी लिया है। इसको लेकर हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों की बैठकों का दौर चल रहा है। रणनीति के तहत लोनी बार्डर रोड की ओर कूच किया जाएगा और किसानों के जत्थे वहां पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि टोल पर होने वाले प्रदर्शन के दौरान किसान दो बड़े औद्योगिक घरानों के उत्पादों का बहिष्कार भी करेंगे। वहीं 14 को जिला स्तर पर प्रदर्शन करने की भी किसानों द्वारा योजना बनाई जा रही है। 
किसान नेताओं और संगठनों के आह्वान पर 12 दिसंबर को गुलिया खाप तीसा की ओर से कुंडली-पलवल-मानेसर एक्सप्रेस हाइवे पर प्रदर्शन किया जाएगा। खाप नेताओं के अनुसार इस दौरान बादली में बनाए गए केएमपी टोल को बंद करवाया जाएगा, जबकि संगठनों की ओर से प्रस्तावित कंपनी के उत्पाद का बहिष्कार किया जाएगा। ढांसा बॉर्डर पर खाप के प्रधान विनोद गुलिया ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान विभिन्न खापों का समर्थन उनके साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर बादली के पास केएमपी के टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा। कल से प्रस्तावित कंपनी के किसी उत्पाद की खरीदारी नहीं करेंगे।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार इस परेशानी का समाधान नहीं चाहती किसानों की तरफ से आज भी सकारात्मक बातचीत के लिए रास्ता खुला हुआ है। लेकिन किसान तीनों कृषि कानून वापिस लेने से कम कुछ भी नहीं मानेंगे। इस बीच दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर साफ-सफाई की स्थिति बिगड़ती जा रही है।  अब यहां कूड़े का अंबार लग गया है। कचरा गंदे शौचालय और ठहरा हुआ पानी बदूब पैदा कर रहे हैं। 

इटावा: शेरनी जेसिका ने जन्में दो नन्हें शावक

शेरनी जेसिका ने जन्मे दो नन्हे शावक, सफारी पार्क में दौड़ी खुशी

इटावा। लायन सफारी पार्क में शेरनी जेसिका ने शनिवार को दो नन्हे शावकों को जन्म दिया जो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। शेरनी जेसिका सफारी पार्क के लिए बहुत ही सौभाग्यशाली भी साबित हुई क्योंकि इससे पहले भी यह 6 शावकों को जन्म दे चुकी है। इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक सुरेश चंद राजपूत ने बताया कि शेरनी जेसिका ने शुक्रवार की रात एनिमल हाउस में लगभग 12:00 से 1:15 के बीच 2 शावकों को जन्म दिया। शेरनी जेसिका इससे पूर्व 5 अक्टूबर 2016 को सिम्बा, सुल्तान व 15 जनवरी 2018 को बाहुबली और 26 जून 2019 को भारत सोना और रूपा को जन्म दे चुकी है। शेरनी जेसिका गुजरात के गिरी से 2019 में आई थी इसकी बेटी जेनिफर भी सफारी में ही है ,वह 15 अप्रैल 2020 को केसरी को जन्म दे चुकी है। उन्होंने बताया कि अभी शेरनी जेसिका के पास जाने की इजाजत किसी को भी नहीं है । डॉक्टर लगातार निगरानी कर रहे हैं शावक शेरनी का दूध पी रहे हैं और बिल्कुल स्वस्थ है। वहीं जेसिका की त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है जिसमे प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष व हॉस्पिटल स्टाफ के द्वारा लगातार सीसीटीवी द्वारा निगरानी रखी जा रही है इसके साथ ही उसके तीन स्तर के अलग इंतजाम किए गए हैं वह पहले कक्ष में अपने शावकों के साथ रहेगी दूसरे कक्ष में उसके खाने-पीने का इंतजाम व तीसरे में सामान्य तापमान बनाया गया है जिसमें वह सर्दी में आराम करेगी। अब तक 9 शावकों को जन्म देने वाली यह इकलौती शेरनी है जो 2016 से 8 शावकों को जन्म दे चुकी है सबसे पहले के सिंबा सुल्तान अब 4 वर्ष के हो गए हैं और सफारी में अब तक 9 शावक जन्म ले चुके हैं।

पश्चिम बंगाल: भाजपा और ममता में हुआ टकराव

भाजपा और ममता में टकराव

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर इलाके में भाजपा अध्यक्ष जगत नड्डा और भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर जो हमला हुआ। उसमें ऐसा कुछ भी हो सकता था। जिसके कारण ममता बनर्जी की सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती थी। यदि नड्डा की कार सुरक्षित नहीं होती तो यह हमला जानलेवा ही सिद्ध होता। कैलाश विजयवर्गीय की कार विशेष सुरक्षित नहीं थी तो उनको काफी चोटें लगीं।
क्या इस तरह की घटनाओं से ममता सरकार की इज्जत या लोकप्रियता बढ़ती है ? यह ठीक है कि भाजपा के काफिले पर यह हमला ममता ने नहीं करवाया होगा। शायद इसका उन्हें पहले से पता भी न हो लेकिन उनके कार्यकर्ताओं द्वारा यह हमला किए जाने के बाद उन्होंने न तो उसकी कड़ी भर्त्सना की और न ही अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की।बंगाल की पुलिस ने जो प्रतिक्रिया ट्वीट की, वह यह थी कि घटना-स्थल पर ‘‘खास कुछ हुआ ही नहीं’’। पुलिस ने यह भी कहा कि ‘‘कुछ लोगों ने पत्थर जरुर फेंके लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं। सारी स्थिति शांतिपूर्ण है।’’ जरा सोचिए कि पुलिसवाले इस तरह का रवैया आखिर क्यों रख रहे हैं ? क्योंकि वे आंख मींचकर ममता सरकार के इशारों पर थिरक रहे हैं। सरकार ने उन्हें यदि यह कहने के लिए प्रेरित नहीं किया हो तो भी उनका यह रवैया सरकार की मंशा के प्रति शक पैदा करता है।
यह शक इसलिए भी पैदा होता है कि ममता-राज में दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है और उक्त घटना के बाद कल भी एक और हत्याकांड हुआ है। प. बंगाल के चुनाव सिर पर हैं। यदि हत्या और हिंसा का यह सिलसिला नहीं रुका तो चुनाव तक अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। केंद्र और राज्य में इतनी ज्यादा ठन सकती है कि ममता सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती है। उसका एक संकेत तो अभी-अभी आ चुका है। पुलिस के तीन बड़े केंद्रीय अफसर, जो बंगाल में नियुक्त थे और जो नड्डा-काफिले की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे, उन्हें गृहमंत्री अमित शाह ने वापस दिल्ली बुला लिया है। ममता इससे सहमत नहीं है। लेकिन इस तरह के कई मामलों में अदालत ने केंद्र को सही ठहराया है। ममता को आखिरकार झुकना ही पड़ेगा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता के बीच रस्साकशी की खबरें प्रायः आती ही रहती हैं। भाजपा की केंद्र सरकार और ममता सरकार को जरा संयम से काम लेना होगा, वरना बंगाल की राजनीति को रक्तरंजित होने से कोई रोक नहीं पाएगा।

सिसोदिया-जावड़ेकर में उपवास को लेकर बहस

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों को जेल में डालने की आपकी साज़िश को नाकाम करें तो वह पाखंडी हो गए।मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके आज कहा, " वाह प्रकाश जावड़ेकर जी। आप काले क़ानून बनाकर किसानों की खेती बर्बाद करें, प्रदर्शनकारी किसानों को जेल में डालने की साज़िश करें तो आप हितैषी। अरविंद केजरीवाल किसानों को जेल में डालने की आपकी साज़िश नाकाम करें, उनकी सेवा करें, समर्थन में उपवास करें तो पाखंडी।"

नक्सली हमले में मुजफ्फरनगर का लाल शहीद हुआ

भानुप्रताप उपाध्याय  

मुजफ्फरनगर। सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेट के पद पर तैनात मुजफ्फरनगर का लाल विकास सिंघल छत्तीसगढ़ में बीती देर रात नक्सलवादियों द्वारा किये गये हमलें में शहीद हो गया। शहीद का पार्थिव शरीर देर शाम तक उसके पैतृक गांव पचेंड़ा पहुंचेगा। इस सूचना से परिजनों में बुरी तरह कोहराम मचा हुआ है और गांव में शोक की लहर व्याप्त है। मुजफ्फरनगर के थाना नई मंड़ी क्षेत्र के पचेंड़ा गांव निवासी सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात विकास सिंघल पर छत्तीसगढ़ में बीती रात नक्लसवादियों ने घात लगाकर हमला बोल दिया। विकास सिंघल ने नक्सलवादियों का डटकर मुकाबला किया। काफी देर तक वह नक्सलवादियों पर भारी पड़ा। अंत में मुकाबला करते-करते वह शहीद हो गया। इस शहादत की जानकारी जब परिजनों तक पहुंची तो उनमें कोहराम मच गया। थोड़ी ही देर में यह बात पूरे गांव में फैल गई। विकास सिंघल की शहादत से आश्चर्यचकित हुए ग्रामीण उसके घर पहुंचे, जहां विकास सिंघल के परिवार में कोहराम मचा हुआ था।

सरकार के लिए 'किसान' आंदोलन बना सिरदर्द

सोनीपत। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 18 दिनों से जारी किसानों के आंदोलन की वजह से जहां स्थानीय उद्योग और व्यापार प्रभावित हुआ है, वहीं भारतीय रेलवे को भारी चपत लगी है। कहना गलत नहीं होगा कि किसान आंदोलन सरकार के लिए सिरदर्द बन चुका है।बतादें कि किसानों के रेल रोको आह्वान के बाद रेलवे ने दिल्ली से पंजाब की तरफ जाने वाली कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया है। वहीं दो ट्रेनों का ठहराव अंबाला व चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन तक ही को ही बनाया है। रेलवे की तरफ से पुरानी दिल्ली से बठिंडा आने-जाने वाली एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। वहीं पश्चिम एक्सप्रेस को 16 दिसंबर तक बांद्रा से चंडीगढ़ के बीच ही चलाया जाएगा।

मंदाकिनी में 2 लाख ने लगाई आस्था की डुबकी

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर सोमवार को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगायी और कामदगिरि की परिक्रमा की। इस मौके पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किये थे। श्रद्धालुओं को पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह दी जा रही थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में स्नानार्थी संक्रामक बीमारी को लेकर बेपरवाह दिखे। हालांकि कई ने स्नान ध्यान करने के बाद मास्क लगा कर परिक्रमा की।

घबराहट: सपा नेताओं पर पुलिस का पहरा बडा

जौनपुर। समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा के अंतिम दिन सोमवार को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूर्व मंत्री जगदीश नारायण राय समेत पार्टी के अन्य नेताओं और पदाधिकारियों के घर के बाहर पुलिस का पहरा बैठा दिया है। जिले के जफराबाद विधानसभा क्षेत्र में किसान यात्रा के मद्देनजर भारी पुलिस बल सुबह से ही सपा के कद्दावर नेता के घर के बाहर तैनात कर दिया गया है। जिले में घरों के अंदर मौजूद सपा नेताओं पर बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है।

भारत: स्वस्थ होने वालों की संख्या-94 लाख हुई

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के नये मामलों की तुलना में इस बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ते हुए 94 लाख के करीब पहुंच गयी है तथा सक्रिय मामले निरंतर कम हो रहे हैं और इनकी दर 3.57 फीसदी रह गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 27,071 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमण के कुल मामले 98.84 लाख हो गये। इस दौरान 30,695 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 93.88 लाख तथा रिकवरी दर बढ़कर 94.98 प्रतिशत हो गयी है। इस दौरान सक्रिय मामले 3960 कम होकर 3.52 लाख रह गये हैं तथा 336 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,43,355 हो गया है और मृत्यु दर अभी 1.45 फीसदी है।

सरकार के आगे 'मूछें' तान कर खड़ा है किसान

अंकुर मौर्य

नई दिल्ली। आप रातों रात जोड़-तोड़ कर सरकार तो बना सकते हैं।लेकिन रातों-रात विधायकों की तरह किसानों पर साम-दाम-दंड-भेद , इग्गड़म-तिगडम लगाकर पल्ला नहीं झाड़ सकते। किसान आंदोलन को शुरू से देखें तो सरकार ने शतरंज की तरह चाले चली है, किसानों पर पहले बल प्रयोग कर सर्द में पानी की बौछारें की, आंसू गौस छोड़े, चैंनलों से किसानों को खलिस्तानी-आतंकवादी भी बुला डाला, उन्हें लगा किसान भाग जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ किसान अपनी मांगों को लेकर मुस्तैदी से डटा रहा,  फिर सरकार ने अपने प्यादे भेजने शुरू किए माने सचिव-वचिव के स्तर पर किसानों से बात कि लेकिन बात नहीं बनी। फिर सरकार की अन्त्री- मंत्रियों से बात हुई लेकिन उसका भी नतीजा कुछ नहीं निकला और जब कुछ नहीं बचा तो सरकार ने अपना चाणक्य भेजा अमित शाह को, लेकिन मोटा भाई से भी कुछ नहीं हो पाया।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...